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2021 के शीतकालीन सत्र में संसद का कामकाज

वाइटल स्टैट्स

2021 के शीतकालीन सत्र में संसद का कामकाज

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर, 2021 से 22 दिसंबर, 2021 तक संचालित होना था। लेकिन वह निर्धारित अवधि से एक दिन पहले ही स्थगित कर दिया गया, और कुल 18 दिन बैठकें हुईं। मानसून सत्र 2021 के आखिरी दिन संसदीय आचरण का पालन न करने के कारण शीतकालीन सत्र के पहले दिन 12 सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। सत्र के अंतिम दिन से एक दिन पहले एक और राज्यसभा सांसद को नियम विरुद्ध व्यवहार करने के आधार पर निलंबित कर दिया गया।   

 राज्यसभा ने निर्धारित समय का 43%; लोकसभा ने 77% कार्य किया

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  • लोकसभा अपने निर्धारित समय का 77% औऱ राज्यसभा ने 43% कार्य किया।  
     
  • 29 नवंबर, 2021 को लोकसभा 12 घंटे से ज्यादा बैठी जिस दौरान कोविड-19 पर भी चर्चा हुई। राज्यसभा सबसे ज्यादा पांच घंटे से कुछ ज्यादा देर बैठी और यह उसके निर्धारित छह घंटे के समय से कम है।
     
  • 17वीं लोकसभा के दौरान अब तक लोकसभा ने अपने निर्धारित समय का 99% काम किया है, जबकि राज्यसभा ने निर्धारित समय का 76%।
     
  • उल्लेखनीय है कि निर्धारित समय का मतलब है, बैठक के वास्तविक दिन।
  

कई बिल्स इसी सत्र में पेश और पारित किए गए; कुछ को कमिटियों को भेजा गया

  

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  • सत्र के दौरान 12 बिल्स पेश किए गए (विनियोग बिल्स को छोड़कर)। 10 बिल्स पारित किए गए जिनमें से छह को इसी सत्र में पेश किया गया था। इनमें कृषि कानून रिपील बिल, 2021 और चुनाव कानून (संशोधन) बिल, 2021 शामिल हैं। पिछले सत्रों में जिन लंबित बिल्स को इस सत्र में पारित किया गया, उनमें बांध सुरक्षा बिल, 2019 और सेरोगेसी (रेगुलेशन) बिल, 2019 शामिल हैं।  
     
  • चार बिल्स को कमिटियों के पास भेजा गया जिनमें बाल विवाह निषेध (संशोधन) बिल, 2021 और मध्यस्थता बिल, 2021 शामिल हैं। मौजूदा लोकसभा में सिर्फ 13% बिल्स को कमिटियों के पास भेजा गया है। यह पिछली तीन लोकसभाओं की तुलना में काफी कम है। 

  17वीं लोकसभा के दौरान लोकसभा ने 35% बिल्स 30 मिनट से भी कम समय में पारित किए 

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  • इस सत्र के दौरान लोकसभा ने अपनी बैठक का 32% समय विधायी कार्य में बिताया, जबकि राज्यसभा ने 48% समय इस कार्य में बिताया। औसतन, लोकसभा ने किसी एक बिल पर ढाई घंटे से ज्यादा चर्चा की और फिर उसे पारित किया, जबकि राज्यसभा ने बिल को पारित करने से पहले औसत दो घंटे की चर्चा की। 
     
  • कृषि कानून रिपील बिल, 2021 को पहले ही दिन दोनों सदनों में चर्चा के बिना 10 मिनट से भी कम समय में पारित कर दिया गया। चुनाव कानून (संशोधन) बिल, 2021 को लोकसभा में पेश करने के तीन घंटे के भीतर पारित कर दिया गया। 
     
  • लोकसभा में दूसरे अनुपूरक बजट पर चर्चा और उसे पारित करने में करीब पांच घंटे लगे (2021-22 के बजट अनुमान का 8.6%)।  

17वीं लोकसभा में अधिक बिल्स पारित, लंबित बिल्स की संख्या कम हुई

imageनोट: विनियोग औऱ फाइनांस बिल्स सहित दूसरे बिल्स की स्थिति। 

  • अब हम 15वीं, 16वीं और 17वीं लोकसभा में मध्यावधि (बीच का समय) के विधायी कार्यों को देखते हैं। पिछली दो लोकसभाओं की तुलना में मौजूदा लोकसभा में मध्यावधि तक पहले से ज्यादा बिल्स पारित हुए। उल्लेखनीय है कि इस लोकसभा में पारित होने वाले 69% बिल्स उसी सत्र में पेश भी किए गए थे।
     
  • मौजूदा लोकसभा में मध्यावधि तक सबसे कम संख्या में बिल्स लंबित हैं। इनमें से करीब एक तिहाई 17वीं लोकसभा में पेश किए गए थे, बाकी बचे हुए पिछली  लोकसभा के हैं। 

राज्यसभा में आठ दिन किसी प्रश्न के उत्तर नहीं दिए गए

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नोट: कोविड-19 के कारण मानसून सत्र 2020 के दौरान प्रश्नकाल नहीं हुआ। 

  • इस सत्र के दौरान लोकसभा में प्रश्नकाल पर 66% निर्धारित समय व्यतीत हुआ, और 26% प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। दो दिन किसी प्रश्न के मौखिक उत्तर नहीं दिए गए।
     
  • राज्यसभा में प्रश्नकाल पर 38% निर्धारित समय व्यतीत हुआ, और 21% प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। आठ दिन किसी प्रश्न के मौखिक उत्तर नहीं दिए गए।  

लोकसभा में आम चर्चा में अधिक समय व्यतीत

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  • इस सत्र के दौरान लोकसभा में 19 घंटे से भी अधिक समय और राज्यसभा में एक घंटा गैर विधायी चर्चाओं में बीता। जिन विषयों पर चर्चा हुई, उनमें जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 महामारी शामिल हैं। संसद ने अपनी बैठक का 16% समय इन चर्चाओं में बिताया।
     
  • सत्र के दौरान कोविड-19 पर दो बार चर्चा हुई। लोकसभा ने महामारी के प्रबंधन पर चर्चा की, जबकि राज्यसभा में नए वेरिएंट ओमिक्रॉन पर चर्चा हुई। दोनों सदनों में कोविड-19 पर नौ बार चर्चाएं हो चुकी हैं, जब से मार्च 2020 में महामारी की घोषणा हुई है। उल्लेखनीय है कि दोनों सदनों में मूल्य वृद्धि पर चर्चा होनी थी, लेकिन यह हुई नहीं।

17वीं लोकसभा में आम चर्चाओं में भाग लेने वाले सर्वाधिक सदस्य

सदन

विषय

भागीदार

समय

सत्र

लोकसभा

कोविड-19 महामारी और उससे संबंधित विभिन्न पहलू

97

12:27

शीतकालीन 2021

लोकसभा

देश में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा

75

05:07

मानसून 2020

लोकसभा

जलवायु परिवर्तन

60

06.26

शीतकालीन 2021

लोकसभा

विभिन्न कारणों से फसलों के नुकसान और किसानों पर उसके असर पर चर्चा

51

07:22

शीतकालीन 2019

राज्यसभा

देश, विशेष रूप से दिल्ली में वायु प्रदूशण के खतरनाक स्तर से उत्पन्न स्थिति 

29

02:58

शीतकालीन 2019

 

ढाई साल बीत जाने के बाद भी लोकसभा में उपाध्यक्ष नहीं 

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  • संविधान का अनुच्छेद 93 कहता है कि लोकसभा जल्द से जल्द सदन के दो सदस्यों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनेगी। 
  • 17वीं लोकसभा जब शुरू हुई थी, तब से अब तक, यानी ढाई वर्षों के बाद भी उपाध्यक्ष के पद का चुनाव नहीं हुआ है। पहले ऐसा सिर्फ एक बार हुआ है, 12वीं लोकसभा के दौरान 269 दिन तक, जब उपाध्यक्ष को चुनने में तीन महीने से ज्यादा लगे थे।

स्रोत:  लोकसभा और राज्यसभा के 22 दिसंबर, 2021 के बुलेटिन; स्टैटिस्टिकल हैंडबुक, संसदीय मामलों का मंत्रालय, 2021; पीआरएस 

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।

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