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2023 के शीतकालीन सत्र में संसद का कामकाज

वाइटल स्टैट्स

2023 के शीतकालीन सत्र में संसद का कामकाज

संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर, 2023 से 21 दिसंबर, 2023 तक संचालित किया गया। दोनों सदन निर्धारित तिथि से एक दिन पहले स्थगित कर दिए गए। लोकसभा ने अपने निर्धारित समय से 74% और राज्यसभा ने 81% समय तक कामकाज किया। इस सत्र में 10 बिल पेश किए गए और 17 बिल पारित किए गए।

सत्र के दूसरे सप्ताह में कामकाज में गिरावट आई 

  • 13 दिसंबर, 2023 को लोकसभा में सुरक्षा का उल्लंघन हुआ था। इसके चलते उस दिन दोनों सदनों को निर्धारित समय से पहले ही स्थगित कर दिया गया। सुरक्षा उल्लंघन के बाद संसद का कामकाज बाधित हो गया और विपक्षी सदस्यों ने सरकार से इस घटना पर प्रतिक्रिया देने को कहा।

लगभग 20% सांसद निलंबित, जो अब तक किसी भी लोकसभा कार्यकाल में सबसे अधिक है

नोट: ये सदस्यों के निलंबन के उदाहरण हैं। राज्यसभा के लिए आंकड़े 14वीं लोकसभा से उपलब्ध है।

  • 14 से 21 दिसंबर के बीच 100 सांसदों को लोकसभा से और 46 को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। यह प्रत्येक सदन में सदस्यों की कुल संख्या का 19% है। यह अब तक किसी भी लोकसभा कार्यकाल में निलंबन की सबसे अधिक संख्या है।
  • इस सत्र में एक लोकसभा सदस्य (सुश्री महुआ मोइत्रा) को नैतिक कदाचार के आधार पर निष्कासित कर दिया गया। इससे पहले तीन अन्य मौकों पर सांसदों को संसद से निष्कासित किया जा चुका है। 2005 में प्रश्न पूछने के बदले पैसे लेने के आरोप में 11 सदस्यों को संसद से निष्कासित कर दिया गया था। इससे पहले 1978 और 1976 में एक-एक सदस्य को निष्कासित किया गया था।

सत्र में पेश किए गए सभी बिल पारित; किसी को भी समितियों के पास नहीं भेजा गया

  • इस सत्र में पेश किए गए सभी 10 बिल पारित हो गए। इसके अतिरिक्त पिछले सत्र से लंबित सात बिल पारित किए गए।
  • दूरसंचार बिल, 2023, जो दूरसंचार क्षेत्र के रेगुलेटरी ढांचे का पुनर्गठन करता है, पेश होने के तीन दिनों के भीतर पारित किया गया था। लोकसभा में इस पर एक घंटे चार मिनट और राज्यसभा में एक घंटे 11 मिनट तक चर्चा हुई।
  • भारतीय दंड संहिता, 1860, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय साक्ष्य एक्ट, 1872 का स्थान लेने वाले तीन बिल्स पर चर्चा की गई और उन्हें पारित किया गया। तीनों बिल्स पर लोकसभा में नौ घंटे 28 मिनट और राज्यसभा में छह घंटे आठ मिनट तक चर्चा हुई। लोकसभा में चर्चा में 34 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 25 भाजपा के थे। राज्यसभा में 40 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 30 सदस्य भाजपा के थे।
  • इस सत्र में किसी भी बिल को समितियों के पास नहीं भेजा गया। समितियों को भेजे गए बिल्स का अनुपात 15वीं लोकसभा के दौरान 71% से घटकर 17वीं लोकसभा के दौरान 16% हो गया है।

लोकसभा में प्रश्नकाल निर्धारित समय से आधे समय चला

  • प्रश्नों की सूची से निलंबित सदस्यों के प्रश्न हटा दिए गए। 14 दिसंबर, जिस दिन 14 सांसदों को निलंबित किया गया था, के बाद से लोकसभा में 12% और राज्यसभा में 13% प्रश्न रद्द किए गए।
  • राज्यसभा में दो दिन और लोकसभा में तीन दिन किसी भी प्रश्न का मौखिक उत्तर नहीं दिया गया। कुल मिलाकर, लोकसभा में प्रश्नकाल अपने निर्धारित समय से 53% और राज्यसभा में 72% समय तक चला।
  • राज्यसभा में 10 घंटे से अधिक समय तक अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा हुई। वार्षिक बजट में 1% की वृद्धि वाले अनुपूरक बजट पर भी दोनों सदनों में चर्चा हुई और उसे पारित किया गया।

अंतिम समय में सदन के एजेंडा में कई चीजें जोड़ी गईं

तालिका 1: अनुपूरक एजेंडा के अंतर्गत सूचीबद्ध विधायी कार्य 

कार्य

प्रकार

सदन

तीन आपराधिक कानून सुधार बिल

वापसी

लोकसभा

आपराधिक कानून सुधार बिल्स के स्थान पर बिल्स

पेश

लोकसभा

दूरसंचार बिल, 2023

पेश

लोकसभा

जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) बिल, 2023

विचार और पारित

राज्यसभा

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) बिल, 2023

विचार और पारित

लोकसभा, राज्यसभा

केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) बिल, 2023

विचार और पारित

राज्यसभा

केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) बिल, 2023

विचार और पारित

लोकसभा

अनंतिम कर संग्रह बिल, 2023

विचार और पारित

लोकसभा

भारतीय दूरसंचार रेगुलेटरी अथॉरिटी (संशोधन) बिल, 2008

वापसी

राज्यसभा

 

  • दोनों सदन अगले दिन के लिए अपना-अपना कार्य एजेंडा प्रकाशित करते हैं। इससे सांसदों को सदन की कार्यवाही का अनुमान लगाने और तैयारी करने में मदद मिलती है। इस सत्र के दौरान सदस्यों को अनुपूरक एजेंडा के माध्यम से कामकाज की कई महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। यह आमतौर पर दिन की बैठक शुरू होने के बाद प्रकाशित जाता है। इससे सदस्यों को विचार विमर्श की तैयारी करने के लिए कम समय मिलता है।

लगभग पूरे कार्यकाल के लिए कोई उपाध्यक्ष नहीं चुना गया

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  • 17वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने वाला है, सिर्फ अंतिम सत्र बचा है। पहली बार लोकसभा में लगभग पूरे कार्यकाल के लिए कोई उपाध्यक्ष नहीं चुना गया है।
  • संविधान लोकसभा को चुनाव के बाद जल्द से जल्द एक उपाध्यक्ष का चुनाव करने का आदेश देता है।

स्रोत: 21 दिसंबर, 2023 तक लोकसभा और राज्यसभा के बुलेटिन, वाद-विवाद और सत्र सारांश; स्टैटिस्टिकल हैंडबुक, संसदीय कार्य मंत्रालय, 2023; संसद, राज्यसभा और लोकसभा की 60 वर्षों की रिपोर्ट्स; पीआरएस।

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।

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