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शीतकालीन सत्र 2024 में संसद का कामकाज

वाइटल स्टैट्स

शीतकालीन सत्र 2024 में संसद का कामकाज

संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर 2024 के बीच संचालित किया गया। इस दौरान लोकसभा ने 20 दिन और राज्यसभा ने 19 दिन काम किया। इस नोट में इस अवधि के दौरान दोनों सदनों के कामकाज पर नज़र डाली गई है।

संसद अपने निर्धारित समय से लगभग आधे समय तक चली

लोकसभा

 

सोम

मंगल

बुध

बृहस्पति

शुक्र

शनि

नवं 25-29

2%

 

4%

4%

6%

 

दिसं 2-6

4%

123%

133%

24%

3%

 

दिसं 9-14

2%

6%

62%

123%

136%

146%

दिसं 16-20

153%

99%

3%

1%

1%

 

राज्यसभा

 

सोम

मंगल

बुध

बृहस्पति

शुक्र

नवं 25-29

9%

 

4%

4%

4%

दिसं 2-6

5%

100%

103%

85%

38%

दिसं 9-13

20%

7%

5%

12%

15%

दिसं 16-20

151%

153%

8%

6%

5%

नोट: प्रत्येक सेल में उस दिन के लिए निर्धारित समय के प्रतिशत के रूप में कार्य समय को दर्शाया गया है; 26 नवंबर, 2024 को किसी भी सदन में कोई बैठक नहीं हुई। लोकसभा ने 14 दिसंबर, 2024 (शनिवार) को संविधान पर चर्चा की।
  • लोकसभा ने अपने निर्धारित समय का 52% और राज्यसभा ने अपने निर्धारित समय का 39% काम किया। पहले हफ्ते में दोनों सदनों ने निर्धारित समय के 10% से भी कम काम किया। संविधान के कामकाज पर चर्चा करने के लिए लोकसभा ने शनिवार को एक अतिरिक्त दिन बैठक की।

उपराष्ट्रपति और उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश को हटाने के लिए नोटिस दिए गए

  • 10 दिसंबर, 2024 को उपराष्ट्रपति (राज्यसभा के सभापति) को हटाने के लिए प्रस्ताव पेश करने का नोटिस पेश किया गया। उपराष्ट्रपति के खिलाफ यह पहला ऐसा प्रस्ताव है। इस नोटिस को राज्यसभा के उपसभापति ने प्रक्रियात्मक आधार पर खारिज कर दिया।

  • राज्यसभा के 55 सदस्यों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने के लिए नोटिस दायर किया। 

लोकसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए प्रस्ताव

तिथि

लोकसभा

अध्यक्ष

परिणाम

दिसं 18, 1954

पहली

जी वी मावलंकर

अस्वीकृत

नवं 24, 1966

तीसरी

हुकुम सिंह

नोटिस स्वीकार किया गया; प्रस्ताव शुरू करने के लिए अपर्याप्त समर्थन

अप्रैल 15, 1987

आठवी

बलराम जाखड़

अस्वीकृत

संसद में न्यायाधीशों के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव

वर्ष

न्यायाधीश

परिणाम

1991

वी रामास्वामी

(सर्वोच्च न्यायालय)

लोकसभा में प्रस्ताव पारित नहीं हुआ

2011

सौमित्र सेन

(कोलकाता उच्च न्यायालय)

राज्यसभा में पारित; लोकसभा में प्रस्ताव पर चर्चा से पहले ही न्यायाधीश ने इस्तीफा दे दिया

     

कार्यकाल के पहले छह महीनों में एक बिल पारित हुआ; पिछले छह लोकसभा कार्यकालों में सबसे कम

  • इस सत्र में चार बिल पेश किए गए। इनमें से दो बिल लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने का प्रावधान करते हैं। एक बिल, भारतीय निर्वाचन आयोग, 2024, दोनों सदनों में पारित हो गया। पांच बिल एक सदन में पारित किए गए और दूसरे में लंबित हैं।

  • 18वीं लोकसभा के दौरान 15 बिल पेश किए गए और तीन को समितियों को भेजा गया। पेश किए गए चार बिल में उन एक्ट्स के अधिकांश प्रावधानों को बरकरार रखा गया है जिनका वे बिल स्थान लेते हैं।

नोट: इसमें फाइनांस और एप्रोप्रिएशन बिल शामिल नहीं हैं।                              

प्रश्नकाल का कामकाज काफी प्रभावित हुआ

 

नोट: BS-बजट सत्र, MS-मानसून सत्र, WC-शीतकालीन सत्र। कोविड-19 के कारण MS 2020 के दौरान प्रश्नकाल संचालित नहीं किया गया था।

  • इस सत्र के दौरान राज्यसभा में 19 दिन में से 15 दिन प्रश्नकाल नहीं हुआ। लोकसभा में 20 में से 12 दिन प्रश्नकाल 10 मिनट से अधिक नहीं चला।

लोकसभा में संविधान पर 16 घंटे तक चर्चा हुई, कोई स्थगन प्रस्ताव नहीं लिया गया

  • संविधान पर लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 17 घंटे चर्चा हुई। हालांकि आधे घंटे या अल्पावधि की चर्चा नहीं हुई। इन चर्चाओं में मंत्रियों को सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब देना होता है।
  • जबकि लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव के लिए कई नोटिस प्राप्त हुए, लेकिन उनमें से कोई भी स्वीकार नहीं किया गया। राज्यसभा में नियम 267 के तहत कई नोटिस दायर किए गए। इनमें से किसी को भी स्वीकार नहीं किया गया और न ही चर्चा की गई। इन उपायों की मदद से सदन निर्धारित कार्य से इतर, तत्काल महत्व के मामलों पर चर्चा कर सकता है।

नोट: * पांच वर्ष से कम की अवधि को दर्शाता है; ** छह वर्ष की अवधि को दर्शाता है। 18वीं लोकसभा के लिए 20 दिसंबर, 2024 तक के आंकड़े।

  • वर्ष 2024-25 के लिए पहले अनुपूरक बजट पर लोकसभा में 7.3 घंटे तक चर्चा हुई। 44,143 करोड़ रुपए के अतिरिक्त व्यय को मंजूरी दी गई, जो वर्ष 2024-25 के कुल व्यय का 1% है।
       

लोकसभा में गैर सरकारी सदस्यों का कोई कामकाज नहीं हुआ; राज्यसभा में एक प्रस्ताव पर चर्चा हुई

  • सत्र के दौरान प्रत्येक शुक्रवार दोपहर को ढाई घंटे का समय गैर सरकारी सदस्यों (सांसद, जो मंत्री नहीं हैं) के बिल और प्रस्तावों के लिए सुरक्षित होते हैं।
  • लोकसभा में दो शुक्रवार व्यवधानों के कारण बर्बाद हो गए और एक संविधान पर चर्चा में व्यतीत हुआ। राज्यसभा में केवल एक शुक्रवार को गैर सरकारी सदस्यों के प्रस्तावों पर चर्चा हुई। पिछले शुक्रवार को दोनों सदनों की कार्यवाही जल्दी ही स्थगित हो गई। नतीजतन, लोकसभा में गैर सरकारी सदस्यों की किसी भी पेशकश पर चर्चा नहीं हुई और राज्यसभा में एक प्रस्ताव पर चर्चा हुई।

2019 से कोई उपाध्यक्ष नहीं

  • 18वीं लोकसभा ने अभी तक उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं किया है। 17वीं लोकसभा ने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं किया था। संविधान के अनुसार लोकसभा को जल्द से जल्द अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करना चाहिए।
  • फरवरी 2023  में सर्वोच्च न्यायालय ने उपाध्यक्ष के चुनाव में देरी के संबंध में एक जनहित याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।

स्रोत: लोकसभा और राज्यसभा की कार्य सूची, बुलेटिन और रेज्यूम्स; कार्य प्रक्रिया तथा संचालन नियम, लोकसभा और राज्यसभा; सांख्यिकी विवरण 2023, संसदीय कार्य मंत्रालय; प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर्स ऑफ पार्लियामेंटर, एमएन कौल और एसएल शकधर, लोकसभा सचिवालय, 2016; समाचार रिपोर्ट्स; पीआरएस।

       

स्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह रिपोर्ट मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार की गई है। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी की मूल रिपोर्ट से इसकी पुष्टि की जा सकती है।

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