india-map

अपने सांसद को खोजें

Switch to English
  • सांसद और विधायक
    संसद राज्य 2024 चुनाव
  • विधान मंडल
    संसद
    प्राइमर वाइटल स्टैट्स
    राज्यों
    विधानमंडल ट्रैक वाइटल स्टैट्स
    चर्चा पत्र
  • बिल
    संसद राज्य स्टेट लेजिस्लेटिव ब्रीफ
  • बजट
    संसद राज्य चर्चा पत्र
  • नीति
    चर्चा पत्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति मंथली पॉलिसी रिव्यू कमिटी की रिपोर्ट राष्ट्रपति का अभिभाषण वाइटल स्टैट्स COVID-19
  • करियर

अपने सांसद को खोजें

संसद राज्य 2024 चुनाव
प्राइमर वाइटल स्टैट्स
विधानमंडल ट्रैक वाइटल स्टैट्स
चर्चा पत्र
संसद राज्य स्टेट लेजिस्लेटिव ब्रीफ
संसद राज्य चर्चा पत्र
चर्चा पत्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति मंथली पॉलिसी रिव्यू कमिटी कीरिपोर्ट राष्ट्रपति का अभिभाषण वाइटल स्टैट्स COVID-19
  • नीति
  • मंथली पॉलिसी रिव्यू
  • अगस्त 2024

नीति

  • चर्चा पत्र
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति
  • कमिटी की रिपोर्ट
  • राष्ट्रपति का अभिभाषण
  • मंथली पॉलिसी रिव्यू
  • वाइटल स्टैट्स

अगस्त 2024

पीडीएफ

इस अंक की झलकियां

बजट सत्र 2024 समाप्त: 11 बिल पेश

संसद का बजट सत्र 15 दिनों के लिए आयोजित किया गया था। इस दौरान 11 बिल पेश किए गए। एक बिल को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया।

2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी 6.7% की दर से बढ़ी

2024-25 की पहली तिमाही में निर्माण क्षेत्र में सबसे अधिक वृद्धि (10.5%) दर्ज की गई, इसके बाद बिजली और अन्य उपयोगिता सेवाओं (10.4%) और सार्वजनिक सेवाओं (9.5%) का स्थान रहा।

रेपो रेट 6.5% पर अपरिवर्तित

एमपीसी ने स्टैंडिंग डिपॉजिट फेसिलिटी रेट और मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट को क्रमशः 6.25% और 6.75% पर बरकरार रखने का भी निर्णय लिया है।

कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना को मंजूरी दी

यह योजना सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों के दौरान प्राप्त औसत मूल वेतन का 50% पेंशन की गारंटी देती है।

वक्फ संपत्ति को रेगुलेट करने वाले कानून में संशोधन के लिए बिल पेश; समिति को भेजा गया

बिल निर्दिष्ट करता है कि कम से कम पांच वर्षों तक इस्लाम का पालन करने वाला व्यक्ति ही वक्फ की घोषणा कर सकता है। यह गैर-मुसलमानों को प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए राज्य वक्फ बोर्ड्स और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना में भी संशोधन करता है।

चिकित्साकर्मियों के सुरक्षा उपायों के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने टास्क फोर्ड गठित किया

टास्क फोर्स एक कार्य-योजना तैयार करेगी जिसमें सुरक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और यौन उत्पीड़न कानूनों के कार्यान्वयन जैसे क्षेत्रों में सुधारों का सुझाव दिया जाएगा।

गोवा विधानसभा में एसटी सीटें आरक्षित करने वाला बिल लोकसभा में पेश

बिल गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए सीटें आरक्षित करता है। यह 2001 की जनगणना के अनुसार एसटी की अनुमानित जनसंख्या पर आधारित होगा।

बैकिंग कानूनों में संशोधन करने वाले बिल को लोकसभा में पेश किया गया

बिल में पखवाड़े की परिभाषा में संशोधन किया गया है जिसके आधार पर बैंकों को नकदी भंडार बनाए रखना होता है। बिल सहकारी बैंकों के निदेशकों की अधिकतम कार्य अवधि को भी बढ़ाता है।

कैबिनेट ने कई योजनाओं और कार्यक्रमों को मंजूरी दी

इनमें पीएम आवास योजना 2.0- शहरी/ग्रामीण, नए औद्योगिक नोड्स/शहरों का विकास, विज्ञान धारा योजना और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का विस्तार शामिल है।

 
 

संसद

18वीं लोकसभा का पहला बजट सत्र समाप्त; 11 बिल पेश किए गए

Niranjana S Menon (niranjana@prsindia.org)

संसद का बजट सत्र 22 जुलाई, 2024 से 9 अगस्त, 2024 तक आयोजित किया गया। संसद की बैठक 15 दिनों के लिए हुई, और निर्धारित समय से एक दिन पहले स्थगित कर दी गई। 

इस सत्र के दौरान 11 बिल पेश किए गए। इनमें वक्फ (संशोधन) बिल, 2024, भारतीय वायुयान विधेयक, 2024, आपदा प्रबंधन (संशोधन) बिल, 2024 और एक ऐसा बिल शामिल है जो अनुसूचित जनजातियों के लिए गोवा विधानसभा में सीटों के आरक्षण का प्रावधान करता है।

भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 एक सदन (लोकसभा) में पारित किया गया और यह राज्यसभा में लंबित है।  वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 को विस्तृत समीक्षा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमिटी) को भेजा गया है। इस सत्र के दौरान केंद्रीय बजट और 2024-25 के लिए जम्मू-कश्मीर बजट पारित किया गया। फाइनांस बिल संशोधनों के साथ पारित किया गया। बिल में रियल एस्टेट एसेट्स पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन को हटाने का प्रस्ताव था; बिल पारित करते समय यह प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया।

बजट सत्र 2024 के दौरान विधायी कार्यों के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें। सत्र के दौरान संसदीय कामकाज के विवरण के लिए कृपया देखें।

एस्टिमेट्स कमिटी ने 2024-25 में समीक्षा के लिए विषयों को चिन्हित किया

2024-25 के लिए वित्तीय समितियों का गठन किया गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति का भी गठन किया गया है। इनमें से दो समितियों ने वर्ष 2024-25 के लिए विस्तृत समीक्षा के लिए विषयों को चिन्हित किया है।[1][2] विषयों की सूची अनुलग्नक में दी गई है।

मैक्रोइकोनॉमिक विकास

Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)

2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी 6.7% की दर से बढ़ी

2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) (स्थिर कीमतों पर) 2023-24 की इसी अवधि की तुलना में 6.7% बढ़ा।[3]  2023-24 की पहली तिमाही में जीडीपी 8.2% बढ़ी थी। 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी 7.8% बढ़ी थी।

रेखाचित्र 1: 2011-12 की स्थिर कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि (% में, वर्ष-दर-वर्ष)

स्रोत: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस।

आर्थिक क्षेत्रों में सकल घरेलू उत्पाद को सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) के संदर्भ में मापा जाता है। 2024-25 की पहली तिमाही में निर्माण क्षेत्र में सबसे अधिक वृद्धि (10.5%) दर्ज की गई, इसके बाद बिजली और अन्य उपयोगिता सेवाओं (10.4%) और सार्वजनिक सेवाओं (9.5%) का स्थान रहा।

 

तालिका 1: 2011-12 की स्थिर कीमतों पर विभिन्न क्षेत्रों में जीवीए में वृद्धि (% में, वर्ष-दर-वर्ष)

क्षेत्र

ति1

2022-23

ति1

2023-24

ति1

2024-25

कृषि

2.7%

3.7%

2.0%

खनन

6.6%

7.0%

7.2%

मैन्यूफैक्चरिंग

2.2%

5.0%

7.0%

बिजली

15.6%

3.2%

10.4%

निर्माण

14.7%

8.6%

10.5%

व्यापार

22.1%

9.7%

5.7%

वित्तीय सेवाएं

10.5%

12.6%

7.1%

सार्वजनिक सेवाएं

23.6%

8.3%

9.5%

जीवीए

11.3%

8.3%

6.8%

जीडीपी

12.8%

8.2%

6.7%

स्रोत: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस।

रेपो रेट 6.5% पर अपरिवर्तित

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पॉलिसी रेपो रेट (जिस दर पर आरबीआई बैंकों को ऋण देता है) को 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया है।[4]  समिति के अन्य निर्णयों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • स्टैंडिंग डिपॉजिट फेसिलिटी रेट (जिस दर पर आरबीआई कोलेट्रल दिए बिना बैंकों से उधार लेता है) को 6.25% पर बरकरार रखा गया है।

  • मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (जिस दर पर बैंक अतिरिक्त धन उधार ले सकते हैं) और बैंक रेट (जिस दर पर आरबीआई बिल्स ऑफ एक्सचेंज को खरीदता है) को 6.75% पर बरकरार रखा गया है।

एमपीसी ने समायोजन की वापसी पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है। इससे यह सुनिश्चित होने की उम्मीद है कि विकास को समर्थन देते हुए मुद्रास्फीति उत्तरोत्तर 4% के लक्ष्य के अनुरूप हो।

2024-25 की पहली तिमाही में औद्योगिक उत्पादन 5.1% बढ़ा

2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 5.1% बढ़ा, जबकि 2023-24 की इसी अवधि में 4.8% की वृद्धि हुई थी।[5],[6] 2024-25 की पहली तिमाही में खनन में 7.9% की वृद्धि हुई। 2023-24 की इसी तिमाही में खनन में 6.4% की वृद्धि हुई थी। 2024-25 की पहली तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग में 3.8% की वृद्धि हुई, जबकि बिजली में 10.8% की वृद्धि हुई। उल्लेखनीय है कि आईआईपी की गणना में मैन्यूफैक्चरिंग (78%) का महत्व सबसे अधिक है, इसके बाद खनन (14%) और बिजली (8%) का स्थान आता है।

रेखाचित्र 2: आईआईपी में वृद्धि (%, वर्ष-दर-वर्ष)

स्रोत: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस।

 

वित्त

Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)

बैंकिंग कानून में संशोधन करने वाला बिल लोकसभा में पेश किया गया

बैंकिंग कानून (संशोधन) बिल, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया।[7]  यह निम्नलिखित कानूनों में संशोधन करता है: (i) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक्ट, 1934, (ii) बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949, (iii)  भारतीय स्टेट बैंक एक्ट, 1955, (iv) बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1970, और (v) बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1980।[8],[9],[10],[11],[12]  मुख्य परिवर्तनों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • नकद भंडार (कैश रिजर्व्स) के लिए पखवाड़े (फोर्टनाइट) की परिभाषा: आरबीआई एक्ट के तहत, अनुसूचित बैंकों को नकदी भंडार के रूप में आरबीआई के साथ औसत दैनिक शेष का एक निश्चित स्तर बरकरार रखना होता है। यह औसत दैनिक शेष एक पखवाड़े के प्रत्येक दिन के कारोबार की समाप्ति पर बैंकों द्वारा रखे गए शेष के औसत पर आधारित होता है। एक पखवाड़े को शनिवार से अगले शुक्रवार तक (दोनों दिन सहित) की अवधि के रूप में परिभाषित किया गया है। बिल पखवाड़े की परिभाषा को इस अवधि में बदलता है: (i) प्रत्येक महीने के पहले दिन से पंद्रहवें दिन तक, या (ii) प्रत्येक महीने के सोलहवें दिन से अंतिम दिन तक। बिल बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत भी इस परिभाषा को बदलता है जहां गैर अनुसूचित बैंकों को नकदी भंडार बहाल रखने की आवश्यकता होती है।

  • सहकारी बैंकों के निदेशकों का कार्यकाल: बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट किसी बैंक के निदेशक (इसके अध्यक्ष या पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) को लगातार आठ वर्षों से अधिक समय तक पद पर बने रहने से निषिद्ध करता है। बिल में सहकारी बैंकों के लिए इस अवधि को बढ़ाकर 10 वर्ष करने का प्रावधान है।

  • सहकारी बैंकों के मामले में समान निदेशकों पर प्रतिबंध: बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट किसी एक बैंक के बोर्ड के निदेशक को दूसरे बैंक के बोर्ड में काम करने से निषिद्ध करता है। यह आरबीआई द्वारा नियुक्त निदेशकों पर लागू नहीं होता है। बिल केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक को भी यह छूट देता है। यह छूट तब लागू होगी, जब वह किसी राज्य सहकारी बैंक के बोर्ड के लिए चुना जाता है जिसमें वह सदस्य है।

बिल के पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।

विदेशी मुद्रा प्रबंधन नियम, 2019 में संशोधन अधिसूचित किए गए

वित्त मंत्रालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण उपकरण) नियम, 2019 में संशोधन को अधिसूचित किया है।[13],[14],[15]  2019 के नियम भारत में विदेशी निवेश के लिए रूपरेखा निर्दिष्ट करते हैं। 2024 के संशोधन एक भारतीय निवासी और भारत के बाहर रहने वाले व्यक्ति के बीच भारतीय कंपनियों के इक्विटी उपकरण और इक्विटी पूंजी की अदला-बदली की अनुमति देते हैं। मंत्रालय के अनुसार, इससे विलय, अधिग्रहण और अन्य रणनीतिक पहलों के माध्यम से भारतीय कंपनियों के वैश्विक विस्तार में मदद मिलेगी।13  संशोधन स्वचालित मार्ग के तहत व्हाइट लेबल एटीएम परिचालन में 100% विदेशी निवेश की भी अनुमति देते हैं। व्हाइट लेबल एटीएम गैर-बैंकों द्वारा स्थापित, स्वामित्व और संचालित किए जाते हैं।  ऐसे एटीएम स्थापित करने की इच्छुक गैर-बैंकिंग इकाई के पास हर समय न्यूनतम 100 करोड़ रुपए की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए।

आरबीआई ने पीयर-टू-पीयर लेंडिंग प्लेटफार्म्स के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन किया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी)- पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफ़ॉर्म (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2017 में संशोधन किए हैं।[16],[17]  एक पीयर टू पीयर (पी2पी) लेडिंग प्लेटफ़ॉर्म ऐसा मध्यस्थ होता है जो ऋण सुविधा सेवाएं प्रदान करता है। एनबीएफसी-पी2पी, पी2पी लेंडिंग प्लेटफॉर्म संचालन के व्यवसाय में लगे होते हैं। आरबीआई ने कहा कि इनमें से कुछ प्लेटफार्म ऐसी कार्यपद्धतियों में संलग्न हैं जो 2017 के निर्देशों का उल्लंघन करती हैं। जैसे, निर्धारित फंड ट्रांसफर मैकेनिज्म का उल्लंघन और सुनिश्चित रिटर्न के साथ निवेश उत्पाद के रूप में पीयर टू पीयर ऋण को बढ़ावा देना। इन संशोधनों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • ऋण जोखिम: 2017 के निर्देशों में प्रावधान है कि एनबीएफसी-पी2पी को कोई क्रेडिट वृद्धि या क्रेडिट गारंटी प्रदान या उसकी व्यवस्था नहीं करनी चाहिए। संशोधनों में कहा गया है कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के लिए कोई ऋण जोखिम नहीं देना चाहिए। मूलधन या ब्याज की पूरी हानि प्लेटफॉर्म पर ऋणदाताओं द्वारा वहन की जानी चाहिए। ऋणदाता बनने के लिए पर्याप्त खुलासे किए जाने चाहिए।

  • प्लेटफॉर्म द्वारा खुलासा: एनबीएफसी-पी2पी प्लेटफॉर्म को अपनी वेबसाइट पर अपने पोर्टफोलियो के प्रदर्शन का खुलासा करना होगा।  इसमें गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) का प्रदर्शन शामिल है। संशोधनों में कहा गया है कि खुलासे में मूलधन, ब्याज या दोनों पर ऋणदाताओं द्वारा वहन किए गए सभी नुकसान शामिल होने चाहिए।

  • निवेश उत्पाद: संशोधित निर्देश एनबीएफसी-पी2पी प्लेटफार्म्स को कार्य अवधि से जुड़े सुनिश्चित न्यूनतम रिटर्न जैसी सुविधाओं के साथ निवेश उत्पाद के रूप में पी2पी ऋण को बढ़ावा देने से रोकते हैं।

  • ऋण संवितरण: पहले, ऋण तब तक संवितरित नहीं किया जा सकता था, जब तक कि ऋण प्राप्तकर्ता को ऋणदाता द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाता और सभी प्रतिभागियों ने ऋण अनुबंध पर हस्ताक्षर न किए हों। संशोधनों में कहा गया है कि ऋण तब तक संवितरित नहीं किया जा सकता जब तक कि एनबीएफसी-पी2पी प्लेटफॉर्म के बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार ऋणदाताओं और उधारकर्ताओं का मिलान/मैप नहीं किया गया हो।

आरबीआई ने हाउसिंग फाइनांस कंपनियों के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में संशोधन किया

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाउसिंग फाइनांस कंपनियों (एचएफसी) के लिए रेगुलेटरी फेमवर्क में संशोधन किए हैं।[18]  एचएफसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) होती हैं जिनकी कुल संपत्ति का कम से कम 60% हाउसिंग फाइनांस के लिए होता है।[19]  आरबीआई ने कहा कि जमा स्वीकार करने वाली एचएफसी, जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी की तुलना में अधिक रियायती मापदंडों के अधीन हैं। चूंकि जमा स्वीकृति से जुड़ी रेगुलेटरी चिंताएं एनबीएफसी की सभी श्रेणियों में एक समान हैं, ऐसे एचएफसी को अब एनबीएफसी के अनुरूप रेगुलेट किया जाएगा।

सेबी ने सस्टेनेबल फाइनांस फ्रेमवर्क पर परामर्श पत्र जारी किया

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रतिभूति बाजार में सस्टेनेबल फाइनांस फ्रेमवर्क के दायरे का विस्तार करने पर एक परामर्श पत्र जारी किया है।[20]  सस्टेनेबल फाइनांस का तात्पर्य निवेश निर्णय लेते समय पर्यावरण, सामाजिक और शासकीय कारकों को ध्यान में रखना है। वर्तमान में, हरित ऋण प्रतिभूतियां जारी करके सस्टेनेबल फाइनांस जुटाया जा सकता है। ऐसी प्रतिभूतियों से जुटाई गई धनराशि का उपयोग निम्नलिखित से संबंधित परियोजनाओं के लिए किया जा सकता है जैसे: (i) अक्षय ऊर्जा, (ii) स्वच्छ परिवहन, और (iii) जलवायु परिवर्तन अनुकूलन।

सेबी ने प्रस्ताव दिया है कि जारीकर्ताओं को सोशल बांड, सस्टेनेबल बांड और सस्टेनेबिलिटी-लिंक्ड बांड के माध्यम से धन जुटाने की अनुमति दी जाए। सोशल बांड से प्राप्त आय का उपयोग सामाजिक परियोजनाओं (जैसे कि किफायती बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, आवश्यक सेवाओं तक पहुंच और खाद्य सुरक्षा) को फाइनांस या री-फाइनांस करने के लिए किया जा सकता है।[21]  सस्टेनेबल बांड का उपयोग हरित और सामाजिक दोनों परियोजनाओं के संयोजन को वित्तपोषित करने के लिए किया जाता है।[22] सस्टेनेबिलिटी लिंक्ड बांड के जारीकर्ता पूर्वनिर्धारित समयसीमा में अपने स्थिरता परिणामों में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।[23]  सस्टेनेबिलिटी लिंक्ड बांड के माध्यम से जुटाए गए धन का उपयोग सामान्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जोकि सस्टेनेबल बांड से अलग है जिसका उपयोग विशिष्ट परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाता है।

सेबी ने सस्टेनेबल सिक्योरिटाइज्ड डेट इंस्ट्रूमेंट्स (एसएसडीआई) जारी करने की अनुमति देने का भी प्रस्ताव दिया है। सिक्योरिटाइजेशन यानी प्रतिभूतिकरण में कुछ प्रकार की संपत्तियों को एक साथ पूल करना और उन्हें ब्याज वाली प्रतिभूतियों में रीपैकेज करना शामिल है। इन एसएसडीआई में अंतर्निहित ऋण के रूप में स्थायी वित्त ऋण सुविधाएं होंगी।

परामर्श पत्र पर 6 सितंबर, 2024 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।

सेबी ने ऋण प्रतिभूतियों के निवेशकों के लिए लिक्विडिटी विंडो पर ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ऋण प्रतिभूतियों में निवेशकों के लिए लिक्विडिटी विंडो शुरू करने पर एक ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है।[24]  सेबी ने कहा कि कॉरपोरेट बॉन्ड में लो सेकेंडरी मार्केट लेनदेन के कारण बाजार को इललिक्विड के रूप में देखा जा रहा है। यह आंशिक रूप से बड़ी संख्या में संस्थागत निवेशकों की उपस्थिति के कारण है जो परिपक्वता तक ऐसे बांड को होल्ड करते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए, सेबी ने लिक्विडिटी विंडो फेसिलिटी के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। यह फेसिलिटी पुट विकल्पों के उपयोग के माध्यम से संचालित होगी। पुट विकल्प एक अनुबंध होता है जो अपने खरीदार को पूर्व-निर्धारित कीमत पर और एक निर्दिष्ट समय पर अंतर्निहित सिक्योरिटी बेचने का अधिकार देता है।

प्रस्तावित फ्रेमवर्क के अनुसार, ऋण प्रतिभूतियां जारी करने वाली इकाई (जिसे सूचीबद्ध किया जाएगा) पात्र निवेशकों को लिक्विडिटी विंडो फेसिलिटी प्रदान कर सकती है। यह सुविधा ऋण प्रतिभूतियों के जारी होने के एक वर्ष बाद ही प्रदान की जाएगी। इसे सभी निवेशकों या केवल खुदरा निवेशकों के लिए पेश किया जा सकता है। 

6 सितंबर, 2024 तक इस सर्कुलर पर टिप्पणियां आमंत्रित हैं।

आरबीआई ने बेंचमार्किंग स्टैटिस्टिक्स पर एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आरबीआई द्वारा प्रसारित आंकड़ों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बेंचमार्क करने के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी (चेयर: डॉ. माइकल देबब्रत पात्रा, डिप्टी गवर्नर, आरबीआई) का गठन किया है।[25]  कमिटी निम्नलिखित भी करेगी: (i) अन्य नियमित आंकड़ों की गुणवत्ता का अध्ययन जहां वैश्विक बेंचमार्क मौजूद नहीं हैं और (ii) आगे आंकड़ों के शोधन (डेटा रिफाइनमेंट) की गुंजाइश पर मार्गदर्शन प्रदान करना। कमिटी को नवंबर 2024 के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।

 

कार्मिक एवं प्रशिक्षण

Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)

कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के कार्यान्वयन को मंजूरी दी है।[26]  यह 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा।[27]  यूपीएस के तहत, केंद्र सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50% सुनिश्चित पेंशन प्रदान की जाएगी। औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर पेंशन को मुद्रास्फीति के अनुसार अनुक्रमित किया जाएगा। यह उन कर्मचारियों पर लागू पुरानी पेंशन योजना के समान है जो 2003 या उससे पहले योजना में शामिल हुए थे। इसका लाभ उठाने के लिए सेवानिवृत्त व्यक्ति के पास न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा होनी चाहिए। कम सेवा अवधि के लिए पेंशन आनुपातिक रूप से कम होगी। 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने पर न्यूनतम 10,000 रुपए प्रति माह पेंशन प्रदान की जाएगी। कर्मचारी की मृत्यु से पहले की पेंशन का 60% सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन प्रदान की जाएगी।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के साथ यूपीएस कर्मचारियों के लिए एक विकल्प के रूप में उपलब्ध होगा। वर्तमान और भविष्य के कर्मचारियों के पास एनपीएस या यूपीएस में से किसी एक में शामिल होने का विकल्प होगा। इस विकल्प का प्रयोग केवल एक बार ही किया जा सकता है। यूपीएस के प्रावधान एनपीएस के तहत वर्तमान सेवानिवृत्त लोगों पर भी लागू होंगे।27  एनपीएस के तहत, नियोक्ता और कर्मचारी, दोनों कर्मचारी के सेवानिवृत्ति कोष में एक राशि का योगदान देते हैं। यूपीएस के तहत अतिरिक्त व्यय को वित्त पोषित करने के लिए केंद्र सरकार का योगदान वेतन के 14% से बढ़ाकर 18.5% किया जाएगा, जबकि कर्मचारियों का योगदान 10% रहेगा।27  राज्य सरकारों के लिए भी यही फ्रेमवर्क तैयार किया गया है।

 

अल्पसंख्यक मामले

Rutvik Upadhyaya (rutvik@prsindia.org)

वक्फ संपत्ति को रेगुलेट करने वाले कानून में संशोधन के लिए बिल लोकसभा में पेश

वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया।[28]  यह बिल वक्फ एक्ट, 1995 में संशोधन करता है।[29]  एक्ट भारत में वक्फ संपत्ति को रेगुलेट करता है। एक्ट के तहत वक्फ को मुस्लिम कानून के तहत पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ माने जाने वाले उद्देश्यों के लिए चल या अचल संपत्ति की बंदोबस्ती के रूप में परिभाषित किया गया है। वक्फ के प्रबंधन के लिए प्रत्येक राज्य को एक वक्फ बोर्ड का गठन करना होता है। बिल एक्ट का नाम बदलकर 'संयुक्त वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास एक्ट, 1995' करता है। बिल को समीक्षा के लिए ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमिटी (चेयर: जगदंबिका पाल) को भेजा गया है।[30]  बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • वक्फ का गठन: एक्ट में निम्नलिखित के जरिए वक्फ के गठन की अनुमति है: (i) घोषणा, (ii) दीर्घकालिक उपयोग (उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ) के आधार पर मान्यता, या (iii) उत्तराधिकारी न रहने पर बंदोबस्ती (वक्फ-अलल-औलाद)। बिल में कहा गया है कि कम से कम पांच वर्ष तक इस्लाम का पालन करने वाला व्यक्ति ही वक्फ की घोषणा कर सकता है। बिल स्पष्ट करता है कि घोषित की जा रही संपत्ति पर व्यक्ति का स्वामित्व होना चाहिए। बिल उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ को हटाता है। इसमें यह भी कहा गया है कि वक्फ-अलल-औलाद के परिणामस्वरूप दाता के उत्तराधिकारी, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं, को विरासत के अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

  • वक्फ के तौर पर सरकारी संपत्ति: बिल में कहा गया है कि वक्फ के रूप में पहचानी गई कोई भी सरकारी संपत्ति वक्फ नहीं रहेगी। अनिश्चितता की स्थिति में क्षेत्र का कलेक्टर स्वामित्व का निर्धारण करेगा और राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगा।

  • वक्फ बोर्ड: एक्ट वक्फ बोर्ड्स के लिए सदस्यों के चुनाव का प्रावधान करता है। मुस्लिम सांसदों, विधायकों और एमएलसी के निर्वाचक मंडल से प्रत्येक में दो सदस्य और राज्य से बार काउंसिल के सदस्य चुने जाते हैं। बिल इसमें संशोधन करता है ताकि राज्य सरकार को इनमें से प्रत्येक निर्वाचक मंडल से एक व्यक्ति को बोर्ड में नामित करने की अनुमति मिल सके। यह इन व्यक्तियों के मुस्लिम होने के मानदंड को भी हटाता है। मुस्लिम समुदाय के सदस्यों में वक्फ के मुतवल्ली और नगर पालिकाओं या पंचायत के दो या अधिक निर्वाचित सदस्य शामिल होंगे। इसमें कहा गया है कि एक बोर्ड में निम्नलिखित होने चाहिए: (i) दो गैर-मुस्लिम सदस्य, और (ii) शिया, सुन्नी और मुसलमानों के पिछड़े वर्गों से कम से कम एक सदस्य। अगर राज्य में उनका वक्फ है तो इसमें बोहरा और आगाखानी समुदायों से भी एक-एक सदस्य होना चाहिए। एक्ट में कम से कम दो सदस्यों के महिला होने का प्रावधान है। बिल में इसे बदल कर निर्दिष्ट किया गया है कि मुस्लिम सदस्यों में से दो महिलाएं होनी चाहिए।

11 सितंबर, 2024 तक ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमिटी को टिप्पणियां सौंपी जा सकती है।[31] 

बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।

मुसलमान वक्फ एक्ट, 1923 को निरस्त करने के लिए बिल लोकसभा में पेश किया गया

मुसलमान वक्फ (रिपील) बिल, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया।[32]  यह बिल मुसलमान वक्फ एक्ट, 1923 को निरस्त करता है।[33]  एक्ट वक्फ संपत्ति के प्रबंधन, और उनके खातों को रखने और प्रकाशित करने का प्रावधान करता है। एक्ट के अनुसार, मुस्लिम कानून के तहत धार्मिक, पवित्र या धर्मार्थ माने जाने वाले कारणों से अगर कोई मुसलमान व्यक्ति किसी संपत्ति को समर्पित करता है, वह वक्फ कहलाएगी। यह एक्ट वक्फ एक्ट, 1995 के तहत आने वाले वक्फ पर लागू नहीं होता है।

बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें। 

 

नागरिक उड्डयन

Atri Prasad Rout (atri@prsindia.org)

भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 लोकसभा में पारित

भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 को लोकसभा में पेश और पारित किया गया।[34]  यह बिल विमान एक्ट, 1934 का स्थान लेने का प्रयास करता है।[35]  1934 का एक्ट नागरिक उड्डयन क्षेत्र को रेगुलेट करता है। यह तीन वैधानिक प्राधिकरणों की स्थापना करता है, जो इस प्रकार हैं: (i) रेगुलेटरी काम करने और सुरक्षा की निगरानी करने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), (ii) सुरक्षा की देखरेख करने के लिए नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस), और (iii) विमान दुर्घटनाओं की जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो। केंद्र सरकार इन प्राधिकरणों को निर्देश जारी कर सकती है और अगर आवश्यक हो तो जनहित में उनके आदेशों की समीक्षा भी कर सकती है। बिल 1934 के एक्ट के तहत रेगुलेटरी संरचना और अधिकांश प्रावधानों को बरकरार रखता है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • विमान के डिजाइन का रेगुलेशन: एक्ट विमानों से संबंधित कई गतिविधियों को रेगुलेट करता है जैसे मैन्यूफैक्चरिंग, स्वामित्व, उपयोग, संचालन और व्यापार। बिल इस प्रावधान को बरकरार रखता है और विमानों के डिजाइन को भी रेगुलेट करने का प्रयास करता है।

  • नियम बनाने की शक्तियां: यह एक्ट केंद्र सरकार को कई मामलों पर नियम बनाने का अधिकार देता है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) विमानों से संबंधित विशिष्ट गतिविधियों का रेगुलेशन और लाइसेंसिंग, प्रमाणन और निरीक्षण से संबंधित मामले, (ii) हवाई परिवहन सेवाओं का रेगुलेशन, और (iii) 1944 के अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संबंधी कन्वेंशन का कार्यान्वयन। बिल इन प्रावधानों को बरकरार रखता है और इसमें यह जोड़ता है कि केंद्र सरकार अंतर्राष्ट्रीय टेलीकम्यूनिकेशन कन्वेंशन के तहत रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर सर्टिफिकेट और लाइसेंस पर नियम बना सकती है।

बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।

 

गृह मामले

आपदा प्रबंधन (संशोधन) बिल, 2024 लोकसभा में पेश किया गया

Atri Prasad Rout (atri@prsindia.org)

आपदा प्रबंधन (संशोधन) बिल, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया।[36]  यह बिल आपदा प्रबंधन एक्ट, 2005 में संशोधन करता है।[37]  2005 का एक्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए), और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना करता है। ये प्राधिकरण क्रमशः राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं।

  • एनडीएमए और एसडीएमए के कार्य: एक्ट के तहत, अपने संबंधित स्तरों पर एनडीएमए और एसडीएमए के प्रमुख कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) सरकारी विभागों की आपदा प्रबंधन योजनाओं की समीक्षा करना, (ii) स्वयं से निचले प्राधिकरणों के लिए आपदा प्रबंधन योजनाओं की तैयारी हेतु दिशानिर्देश निर्धारित करना, और (iii) आपदा शमन के लिए धनराशि से संबंधित प्रावधानों का सुझाव देना। बिल में इन प्राधिकरणों के लिए कुछ कार्य जोड़े गए हैं जो वे अपने-अपने स्तर पर पूर्ण करेंगे। इनमें निम्नलिखित शामिल है: (i) मौसम की चरम घटनाओं से उभरते संकट सहित आपदा जोखिमों का समय-समय पर जायज़ा लेना, (ii) स्वयं से निचले प्राधिकरणों को तकनीकी सहायता प्रदान करना, (iii) राहत के न्यूनतम मानकों के लिए दिशानिर्देशों का सुझाव देना, और (iv) क्रमश: राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय आपदाओं के लिए डेटाबेस तैयार करना। एनडीएमए के पास राज्यों की आपदा तैयारियों का आकलन करने और आपदा के बाद तैयारियों और प्रतिक्रिया का ऑडिट करने की भी शक्ति होगी।

  • आपदा प्रतिक्रिया के लिए राज्यों को शक्ति: बिल राज्य सरकार को यह अधिकार देता है कि वह राज्यों की राजधानी और नगर निगम वाले शहरों के लिए एक अलग शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बना सकती है। शहरी प्राधिकरण अपने अधीन क्षेत्र के लिए आपदा प्रबंधन योजना तैयार करेगा और लागू करेगा। एक्ट आपदा की स्थितियों में विशेषज्ञ प्रतिक्रिया के लिए एक राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के गठन का प्रावधान करता है। बिल राज्य सरकार को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल गठित करने का अधिकार देता है।

बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।

केंद्र ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की निगरानी के लिए समिति का गठन किया

Rutvik Upadhyaya (rutvik@prsindia.org)

केंद्र सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा की मौजूदा स्थिति पर नजर रखने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है।[38] समिति बांग्लादेश में समकक्ष अधिकारियों के साथ संवाद करेगी और बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। अगस्त में विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर अशांति के बीच, वहां अल्पसंख्यकों और उनके संस्थानों पर कई हमलों पर गौर किया।[39]  

समिति की अध्यक्षता अतिरिक्त महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), पूर्वी कमान द्वारा की जाएगी।  अन्य सदस्यों में महानिरीक्षक, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय दक्षिण बंगाल और सचिव, भारतीय भूमि और बंदरगाह प्राधिकरण शामिल हैं।

 

कानून एवं न्याय

गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित करने वाला बिल लोकसभा में पेश

Shirin Pajnoo (shirin@prsindia.org)

गोवा राज्य विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का समायोजन बिल, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया।[40]  बिल गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए सीटें आरक्षित करने का प्रावधान करता है। मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • आरक्षण के लिए एसटी जनसंख्या का अनुमान: बिल में जनगणना आयुक्त से यह अपेक्षित है कि वह राज्य में एसटी समुदायों से संबंधित व्यक्तियों की जनसंख्या का अनुमान लगाए। यह अनुमान 2001 की जनगणना पर आधारित होगा। जनगणना आयुक्त की नियुक्ति जनगणना एक्ट, 1948 के तहत केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।

  • आरक्षण का निर्धारण: चुनाव आयोग विधानसभा में सीटों के आरक्षण के प्रावधान के लिए परिसीमन आदेश में संशोधन करेगा। यह जनगणना आयुक्त द्वारा निर्धारित जनसंख्या पर आधारित होगा। परिसीमन आदेश में संशोधन करने से पहले चुनाव आयोग को जनता से सुझाव आमंत्रित करने चाहिए और आपत्तियों पर विचार करना चाहिए। आरक्षण वर्तमान विधानसभा के भंग के बाद होने वाले सभी चुनावों पर लागू होगा।

बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।

सर्वोच्च न्यायालय ने चिकित्साकर्मियों के सुरक्षा उपायों पर सुझाव देने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया

Rutvik Upadhyaya (rutvik@prsindia.org)

सर्वोच्च न्यायालय ने चिकित्साकर्मियों (मेडिकल प्रैक्टीशनर्स) की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों पर सुझाव देने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स (एनटीएफ) का गठन किया है।[41]  चिकित्साकर्मियों में डॉक्टर, नर्स और इंटर्न शामिल होते हैं। न्यायालय ने चिकित्साकर्मियों के साथ हिंसा के कई उदाहरणों पर गौर किया। उसने स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में सुरक्षा मानकों की कमी को भी उजागर किया। इसमें पर्याप्त सुविधाओं का अभाव शामिल है जैसे: (i) विश्राम सुविधाएं, (ii) सुरक्षा व्यवस्था, (iii) निकटवर्ती छात्रावास, और (iv) अलग शौचालय।

एनटीएफ चिकित्साकर्मियों के साथ होने वाली हिंसा को रोकने और सुरक्षित और सम्मानजनक कामकाजी परिस्थितियों को सुनिश्चित करने के उपायों पर सुझाव देगी। यह एक कार्य-योजना तैयार करेगी जो सुरक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और यौन उत्पीड़न कानूनों के कार्यान्वयन जैसे क्षेत्रों में सुधारों पर सुझाव देगी।

एनटीएफ के पदेन सदस्यों में कैबिनेट, स्वास्थ्य और गृह सचिव शामिल हैं। अन्य सदस्यों में एम्स दिल्ली, एम्स जोधपुर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस जैसे विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के निदेशक, अध्यक्ष और प्रमुख शामिल हैं। 

एनटीएफ 10 सितंबर, 2024 तक अंतरिम रिपोर्ट और 20 अक्टूबर, 2024 तक अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

 

रेलवे

Atri Prasad Rout (atri@prsindia.org)

रेलवे (संशोधन) बिल, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया

रेलवे (संशोधन) बिल, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया।[42]  बिल रेलवे एक्ट, 1989 में संशोधन करता है, और रेलवे बोर्ड एक्ट 1905 को निरस्त करता है।[43]  1905 के एक्ट के तहत भारतीय रेलवे के प्रबंधन के लिए रेलवे बोर्ड के गठन का प्रावधान किया गया है। बिल रेलवे बोर्ड से संबंधित प्रावधानों को 1989 के रेलवे एक्ट में शामिल करने का प्रयास करता है।[44]  1989 के एक्ट में देश में रेलवे के लिए कानूनी संरचना प्रदान की गई है।

1905 के एक्ट में प्रावधान है कि केंद्र सरकार किसी भी या सभी रेलवे के संबंध में सरकार की शक्तियों और कार्यों को रेलवे बोर्ड में निहित कर सकती है। यह एक अधिसूचना के माध्यम से किया जा सकता है। बिल इन प्रावधानों को 1989 के एक्ट में शामिल करता है। बिल में कहा गया है कि केंद्र सरकार निम्नलिखित निर्धारित करेगी: (i) बोर्ड के सदस्यों की संख्या, और (ii) अध्यक्ष और बोर्ड के सदस्यों के लिए योग्यता, अनुभव, नियम, सेवा की शर्तें और नियुक्ति का तरीका।

बिल के पीआरएस सारांश के लिए यहां देखें।

 

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस

Nripendra Singh (nripendra@prsindia.org)

तेल क्षेत्रों को रेगुलेट करने वाले कानून में संशोधन के लिए बिल राज्यसभा में पेश किया गया

तेल क्षेत्र (रेगुलेशन और विकास) संशोधन बिल, 2024 को राज्यसभा में पेश किया गया।[45]  बिल तेल क्षेत्र (रेगुलेशन और विकास) एक्ट, 1948 में संशोधन करता है।[46]  एक्ट प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम की खोज और निकासी को रेगुलेट करता है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित हैं:

  • खनिज तेल की परिभाषा में विस्तार: एक्ट पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस को शामिल करने के लिए खनिज तेलों को परिभाषित करता है। बिल में इस परिभाषा का विस्तार करते हुए उसमें निम्नलिखित को जोड़ा गया है: (i) प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला कोई भी हाइड्रोकार्बन, (ii) कोल बेड मीथेन, और (iii) शेल गैस/तेल। बिल स्पष्ट करता है कि खनिज तेलों में कोयला, लिग्नाइट या हीलियम शामिल नहीं होंगे।

  • पेट्रोलियम लीज़ की पेशकश: एक्ट खनन लीज़ से संबंधित प्रावधान करता है। लीज़ में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का प्रावधान किया गया है, जैसे अन्वेषण (एक्सप्लोरेशन), पूर्वेक्षण (प्रॉस्पेक्टिंग), उत्पादन, मर्चेंटेबल बनाना और खनिज तेलों का निस्तारण। पूर्वेक्षण तेल और गैस क्षेत्रों की खोज का प्रारंभिक चरण होता है। बिल खनन लीज़ को पेट्रोलियम लीज़ से बदलता है जिसमें समान गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। एक्ट के तहत प्रदत्त मौजूदा खनन लीज़ वैध बनी रहेंगी।

  • अपराधों को अपराधमुक्त करना: एक्ट में प्रावधान है कि नियमों का उल्लंघन करने पर छह महीने तक की कैद, 1,000 रुपए का जुर्माना या दोनों की सजा भुगतनी होगी। बिल इसे 25 लाख रुपए के जुर्माने से बदलता है। इसमें नए अपराध भी शामिल किए गए हैं, जैसे वैध पट्टे के बिना काम करना या रॉयल्टी का भुगतान नहीं करना, इन दोनों पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। लगातार उल्लंघन करने पर 10 लाख रुपए तक का दैनिक जुर्माना हो सकता है।

बिल के पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।

कैबिनेट ने प्रधानमंत्री जीवन-वन योजना में संशोधनों को मंजूरी दी

कैबिनेट ने प्रधानमंत्री जी-वन योजना में संशोधनों को मंजूरी दे दी है।[47]  यह योजना दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल जैसी उन्नत जैव-ईंधन प्रौद्योगिकियों के विकास का समर्थन करती है। योजना में संशोधन से इसके कार्यान्वयन को पांच साल (2028-29 तक) बढ़ाया गया है। कृषि और वानिकी अवशेष, औद्योगिक अपशिष्ट और शैवाल जैसे फीडस्टॉक का उपयोग करने वाली परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए भी इस योजना का विस्तार किया गया है।

 

वाणिज्य एवं उद्योग

बॉयलर एक्ट, 1923 में संशोधन के लिए बिल राज्यसभा में पेश किया गया

Shrusti Singh (shrusti@prsindia.org)

बॉयलर बिल, 2024 को राज्यसभा में पेश किया गया।  यह बॉयलर एक्ट, 1923 का स्थान लेने का प्रयास करता है। यह एक्ट सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए बॉयलर और बॉयलर घटकों के निर्माण, स्थापना, उपयोग और मरम्मत को रेगुलेट करता है।  बिल एक्ट के सभी प्रावधानों को बरकरार रखता है।  बिल के उद्देश्यों और कारणों के वक्तव्य में कहा गया है कि बिल का उद्देश्य प्रावधानों की स्पष्टता को बढ़ाना है। 

बिल के पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।

भारतीय समुद्री माल परिवहन एक्ट, 1925 का स्थान लेने वाला बिल लोकसभा में पेश

Anirudh TR (anirudh@prsindia.org)

समुद्री माल परिवहन बिल, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया। बिल भारतीय समुद्री माल परिवहन एक्ट, 1925 का स्थान लेने का प्रयास करता है। एक्ट भारत के एक बंदरगाह से भारत के दूसरे बंदगाह या दुनिया के किसी भी बंदरगाह तक माल की ढुलाई की जिम्मेदारियों, देनदारियों, अधिकार और छूट से संबंधित प्रावधान करता है। बिल एक्ट के सभी प्रावधानों को बरकरार रखता है।

बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।

भारतीय लदान हुंडी एक्ट, 1856 का स्थान लेने वाला बिल लोकसभा में पेश किया गया

Anirudh TR (anirudh@prsindia.org)

लदान हुंडी बिल, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया। यह बिल भारतीय लदान हुंडी एक्ट, 1856 का स्थान लेने का प्रयास करता है। एक्ट लदान हुंडी जारी करने के लिए एक कानूनी संरचना का प्रावधान करता है। लदान हुंडी उस दस्तावेज को कहा जाता है, जो कोई मालवाहक (फ्रेट करियर) किसी माल भेजने वाले व्यक्ति या कंपनी (शिपर) को जारी करता है। इस दस्तावेज में वस्तुओं के प्रकार, मात्रा, स्थिति और गंतव्य का विवरण होता है। बिल एक्ट के सभी प्रावधानों को बरकरार रखता है। बिल में कहा गया है कि केंद्र सरकार बिल के प्रावधानों को लागू करने के लिए निर्देश जारी कर सकती है।

बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।

कैबिनेट ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत नए औद्योगिक नोड्स को मंजूरी दी

Shrusti Singh (shrusti@prsindia.org)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत नए औद्योगिक नोड्स के विकास को मंजूरी दी है।[48]  कार्यक्रम के तहत देशभर में 11 औद्योगिक गलियारे विकसित किए जा रहे हैं।[49]  नए स्वीकृत औद्योगिक नोड निम्नलिखित क्षेत्रों में स्थित होंगे: (i) खुरपिया, उत्तराखंड, (ii) राजपुरा-पटियाला, पंजाब, (iii) दिघी, महाराष्ट्र, (iv) पलक्कड़, केरल, (v) आगरा और प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, (vi) गया, बिहार, (vii) ज़हीराबाद, तेलंगाना, (viii) ओरवाकल-कोप्पर्थी, आंध्र प्रदेश और (ix) जोधपुर-पाली, राजस्थान। इन्हें नए स्मार्ट औद्योगिक शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा। इन नए औद्योगिक नोड्स में कुल अनुमानित निवेश 28,602 करोड़ रुपए है।

 

संचार

Nripendra Singh (nripendra@prsindia.org)

दूरसंचार एक्ट, 2023 के तहत कई ड्राफ्ट नियमों पर टिप्पणियां आमंत्रित

दूरसंचार विभाग ने निम्नलिखित से संबंधित ड्राफ्ट नियमों पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं: (i) दूरसंचार नेटवर्क पर संचार का अवरोधन (इंटरसेप्शन), (ii) दूरसंचार सेवाओं का निलंबन, (iii) दूरसंचार नेटवर्क की साइबर सुरक्षा, और (iv) महत्वपूर्ण दूरसंचार अवसंरचना का निर्देश।[50],[51],[52],[53]  ये ड्राफ्ट नियम दूरसंचार एक्ट, 2023 के तहत जारी किए गए हैं।[54]  इन विषयों पर वर्तमान नियमों के स्थान पर ये ड्राफ्ट नियम लाए गए हैं।[55],[56],[57]  यूं इन नियमों में अधिकतर मौजूदा प्रावधानों को बरकरार रखा गया है।

27 सितंबर, 2024 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।

ट्राई ने स्पैम मैसेज और कॉल्स के रेगुलेशन पर विचार आमंत्रित किए

भारतीय दूरसंचार रेगुलेटरी प्राधिकरण (ट्राई) ने दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता रेगुलेशन, 2018 की समीक्षा पर एक परामर्श पत्र जारी किया है।[58]  रेगुलेशंस का उद्देश्य अनचाहे वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) के मुद्दे का समाधान करना है। यूसीसी ऐसे प्रेषक का कोई अवांछित संदेश या कॉल है जिसे अधिकृत नहीं किया गया है या जिसके संपर्क के लिए प्राप्तकर्ता ने सहमति नहीं दी है।[59]  2018 के रेगुलेशंस के लिए वाणिज्यिक संचार के प्रेषकों और उनके कंटेंट के टेम्पलेट्स के पंजीकरण की आवश्यकता होती है। यह ग्राहकों को वाणिज्यिक संचार को अवरुद्ध करने का अधिकार देता है। इसमें प्रावधान है कि सेवा प्रदाता अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। कार्रवाइयों में चेतावनी देना, उन्हें उपयोग सीमा के अंतर्गत रखना, या बार-बार उल्लंघन के मामले में सेवा बंद करना शामिल है।

ट्राई ने निम्नलिखित प्रमुख विषयों पर टिप्पणियां मांगी हैं: (i) यूसीसी को हतोत्साहित करने के लिए एक निश्चित सीमा से अधिक एसएमएस और वॉयस कॉल के लिए अलग-अलग टैरिफ की आवश्यकता, (ii) स्पैम मैसेज और कॉल्स का सक्रिय रूप से पता लगाने के उपाय, (iii) क्या ऑटो डायलर द्वारा प्रमोशनल संचार प्राप्त करने के लिए स्पष्ट सहमति अनिवार्य होनी चाहिए, (iv) शिकायतों के समयबद्ध और प्रभावी निवारण के लिए आवश्यक प्रावधान, और (v) अपने नेटवर्क पर यूसीसी पर अंकुश लगाने में विफल रहने पर सेवा प्रदाताओं को वित्तीय रूप से हतोत्साहित करना।

टिप्पणियां 25 सितंबर, 2024 तक आमंत्रित हैं।

 

सड़क परिवहन

Atri Prasad Rout (atri@prsindia.org)

स्वैच्छिक वाहन आधुनिकीकरण कार्यक्रम शुरू

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने स्वैच्छिक वाहन आधुनिकीकरण कार्यक्रम या वाहन स्क्रैपिंग नीति शुरू की है।[60]  इसका उद्देश्य देश भर में प्रदूषण फैलाने वाले अनफिट वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने को बढ़ावा देना है। इसे पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं और स्वचालित परीक्षण स्टेशनों के नेटवर्क के माध्यम से लागू किया जाएगा।

वर्तमान में, वाहन स्क्रैपिंग को निम्नलिखित प्रोत्साहनों के माध्यम से बढ़ावा दिया जाता है जैसे: (i) मोटर वाहन कर पर रियायतें, (ii) पंजीकरण प्रमाणपत्र के लिए शुल्क की छूट, और (iii) कई राज्यों में उपलब्ध नए वाहनों की खरीद पर देनदारियों की छूट। स्क्रैपिंग सुविधाएं वाहन मालिकों को स्क्रैप मूल्य भी प्रदान करती हैं।

स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करने के लिए, वाहन निर्माताओं ने स्वेच्छा से स्क्रैपेज प्रमाणपत्रों के बदले नए वाहनों पर छूट की पेशकश की है। छूट केवल वाणिज्यिक वाहनों के लिए दो साल और यात्री वाहनों के लिए एक साल के लिए बढ़ाई जाएगी।

 

आवासीय

कैबिनेट ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 योजना को मंजूरी दी

Shrusti Singh (shrusti@prsindia.org)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 को मंजूरी दे दी है।[61]  यह योजना शहरी क्षेत्रों में एक करोड़ गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रयास करती है। यह पांच वर्षों के लिए उपलब्ध होगी। सहायता निर्माण, खरीदारी या किराए पर लेने के लिए उपलब्ध होगी। कुल अपेक्षित परिव्यय 2.3 लाख करोड़ रुपए है। मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • पात्रता: यह सहायता उन परिवारों को मिलेगी जिनके पास देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं है और जिनकी वार्षिक आय नौ लाख रुपए तक है।

  • निर्माण के लिए सहायता: तीन लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले पात्र परिवारों को अपनी खाली जमीन पर घर बनाने के लिए 2.5 लाख रुपए मिलेंगे। भूमिहीन लाभार्थियों को भूमि अधिकार दिया जा सकता है।

  • खरीद के लिए ब्याज सबसिडी: 25 लाख रुपए तक के होम लोन पर 4% की ब्याज सबसिडी दी जाएगी। यह पांच वार्षिक किस्तों में देय अधिकतम 1.8 लाख रुपए की सबसिडी के अधीन होगा।

  • किफायती आवास इकाइयों की खरीद: राज्य, शहर, सार्वजनिक या निजी भागीदारी (एएचपी) के माध्यम से निर्मित किफायती घरों को खरीदने के लिए 2.5 लाख रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी। तीन लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले परिवार पात्र होंगे। नवीन निर्माण विधियों का उपयोग करने वाली एएचपी परियोजनाओं के लिए 30 वर्गमीटर प्रति यूनिट तक 1,000 रुपए प्रति वर्ग मीटर (वर्गमीटर) का अनुदान भी उपलब्ध कराया जाएगा।

  • किफायती किराये का आवास: किफायती किराये के आवास (एआरएच) उपलब्ध कराने के लिए, निम्नलिखित दो मॉडल लागू किए जाएंगे: (i) मौजूदा सरकारी वित्त पोषित खाली घरों को एआरएच इकाइयों में परिवर्तित करना, और (ii) एआरएच इकाइयों का निर्माण, संचालन और रखरखाव। एआरएच इकाइयों हेतु नवीन निर्माण प्रौद्योगिकी के लिए 5,000 रुपए प्रति वर्गमीटर की सहायता प्रदान की जाएगी।

  • आवास ऋण के लिए गारंटी: क्रेडिट रिस्क गारंटी ट्रस्ट फंड का कॉर्पस फंड 1,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। फंड के तहत, बैंकों/आवास वित्त कंपनियों/प्राथमिक ऋण संस्थानों से किफायती आवास ऋण पर क्रेडिट जोखिम गारंटी का लाभ प्रदान किया जाता है।

  • योजना का वित्त पोषण: ब्याज सबसिडी घटक को छोड़कर यह योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।

कैबिनेट ने पांच वर्ष के लिए पीएमएवाई-ग्रामीण के कार्यान्वयन को मंजूरी दी

Atri Prasad Rout (atri@prsindia.org)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) को 2024-25 और 2028-29 के बीच जारी रखने की मंजूरी दे दी है।[62]  योजना के तहत, सरकार अप्रैल 2024 और मार्च 2029 के बीच अतिरिक्त दो करोड़ पक्के घरों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करेगी। प्रत्येक घर के लिए सहायता मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपए और उत्तर-पूर्वी और पहाड़ी राज्यों में 1.30 लाख रुपए पर अपरिवर्तित रहेगी।

इस योजना को पांच वर्षों के लिए 3,06,137 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है। इसमें केंद्र का हिस्सा 2,05,856 करोड़ रुपए और राज्यों का हिस्सा 1,00,281 करोड़ रुपए है। पीएमएवाई-जी को मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ पक्के मकान बनाने के लक्ष्य के साथ 2016 में शुरू किया गया था। योजना के तहत लाभार्थियों का चयन एक अपडेटेड आवास+ सूची से किया जाएगा और इसमें सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी), 2011 के शेष पात्र परिवारों को भी शामिल किया जाएगा।  सरकार ने एसईसीसी 2011 के तहत पहले छूट गए लाभार्थियों की पहचान करने के लिए जनवरी, 2018 और मार्च, 2019 के बीच आवास+ सर्वेक्षण किया था।

 

कृषि

Shrusti Singh (shrusti@prsindia.org)

कैबिनेट ने उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री से संबंधित कार्यक्रम को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत क्लीन प्लांट कार्यक्रम को मंजूरी दी है।[63], [64]  कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली और वायरस मुक्त रोपण सामग्री प्रदान करना है।  इससे फसल की पैदावार बढ़ने और आय के अवसरों में सुधार होने की उम्मीद है। कार्यक्रम के तहत, विशिष्ट प्रकार के फलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे भारत में नौ क्लीन प्लांट केंद्र स्थापित किए जाएंगे। ये केंद्र उन्नत निदान और चिकित्सीय सुविधाओं से सुसज्जित होंगे। रोपण सामग्री के उत्पादन और बिक्री में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, बीज एक्ट, 1966 के तहत एक प्रमाणन प्रणाली स्थापित की जाएगी। स्वच्छ रोपण सामग्री के बहुलीकरण के लिए बड़े पैमाने पर नर्सरी को इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी सहायता प्रदान की जाएगी।

कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्र-विशिष्ट स्वच्छ पौधों की किस्मों और प्रौद्योगिकियों को विकसित करके विभिन्न क्षेत्रों में विविध कृषि-जलवायु स्थितियों को संबोधित करना है। इसका अनुमानित परिव्यय 1,766 करोड़ रुपए होगा और इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।

कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के विस्तार को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) के तहत वित्तपोषण सुविधा के विस्तार को मंजूरी दे दी है।[65]  योजना के सभी पात्र लाभार्थियों को सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए परियोजनाओं के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की अनुमति दी जाएगी। एकीकृत प्राथमिक माध्यमिक प्रसंस्करण परियोजनाओं को एआईएफ के तहत पात्र गतिविधियों की सूची में शामिल किया जाएगा। किसान उत्पाद संगठनों की एआईएफ क्रेडिट गारंटी कवरेज को नबसंरक्षण ट्रस्टी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से बढ़ाया जाएगा। एआईएफ को 2020 में शुरू किया गया था और फंड के तहत कृषि उपज के लिए 500 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता बनाई गई है।

 

पर्यावरण

Atri Prasad Rout (atri@prsindia.org)

दूषित साइट्स का निवारण नियम, 2024 के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण (संरक्षण) एक्ट, 1986 के तहत दूषित स्थलों का निवारण नियम, 2024 का ड्राफ्ट जारी किया है।[66],[67]  ये नियम जहरीले और खतरनाक पदार्थों से दूषित क्षेत्रों के निवारण से संबंधित हैं। प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • केंद्रीय उपचार समिति: केंद्र सरकार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अध्यक्ष की अध्यक्षता में केंद्रीय उपचार समिति का गठन करेगी। यह समिति निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार होगी: (i) उपचारात्मक लागत और जिम्मेदार व्यक्तियों को निर्धारित करने के लिए प्रक्रियाएं स्थापित करना, (ii) क्षेत्र की विस्तृत जांच की समीक्षा करना, और (iii) पुष्ट दूषित साइट्स की सीमाओं और प्रदूषण के स्तर को रेखांकित करना। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने-अपने अतिरिक्त मुख्य सचिवों या पर्यावरण विभागों के प्रमुख सचिवों की अध्यक्षता में समितियों का गठन करेंगे।

  • स्थानीय निकायों की जिम्मेदारियां: शहरी स्थानीय निकाय/जिला स्तरीय पंचायती राज संस्थान अपने क्षेत्रों के भीतर संदिग्ध दूषित स्थलों की सूची तैयार करेंगे। वे राज्य/केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को सूची प्रस्तुत करेंगे।  स्थानीय निकाय संदिग्ध स्थलों का प्रारंभिक मूल्यांकन करेंगे। अगर संदूषण का स्तर स्क्रीनिंग स्तर से ऊपर पाया जाता है, तो साइट को संभावित संदूषण स्थल के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। इन स्थलों पर विस्तृत जांच की जाएगी।

  • प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भूमिका: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार होगा: (i) उपचार के लिए राज्य में दूषित स्थलों को प्राथमिकता देना, (ii) प्रदूषण के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को उपचार डिजाइन तैयार करने का आदेश देना, और (iii) उपचार के बाद की निगरानी योजना विकसित करना।  सीपीसीबी निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार होगा: (i) सुधारात्मक आदेश जारी करना, और (ii) इन नियमों के उल्लंघन पर वित्तीय जुर्माना लगाने के लिए एसपीसीबी को मंजूरी देना। जिम्मेदार व्यक्ति या कंपनी सुधार प्रक्रिया की पूरी लागत का भुगतान करेगी।

20 अक्टूबर, 2024 के लिए टिप्पणियां आमंत्रित हैं।

नॉन-फेरस मेटल स्क्रैप की रीसाइकलिंग के लिए ड्राफ्ट अधिसूचना जारी

पर्यावरण मंत्रालय ने “खतरनाक और अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन और सीमा पारीय गतिविधि) दूसरा संशोधन नियम, 2024” का ड्राफ्ट जारी किया है।[68]  इन्हें पर्यावरण (संरक्षण) एक्ट, 1986 के तहत जारी किया गया है।[69]  नियम नॉन-फेरस मेटल स्क्रैप की रीसाइकलिंग को रेगुलेट करते हैं। नॉन-फेरस मेटल्स में एल्यूमीनियम, तांबा, जस्ता और उनकी मिश्रित धातुएं शामिल हैं। ड्राफ्ट नियमों की मुख्य विशेषताओं में निम्न शामिल हैं:

  • विस्तारित निर्माता जिम्मेदारी: नॉन-फेरस मेटल उत्पादों के निर्माता नॉन-फेरस स्क्रैप की रीसाइकलिंग के लिए उत्तरदायी होंगे। उन्हें वज़न के आधार पर निर्धारित रीसाइकलिंग लक्ष्यों को पूरा करना होगा। लक्ष्य में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा निर्दिष्ट उत्पादित नॉन-फेरस मेटल की मात्रा और उत्पादों के औसत जीवन को ध्यान में रखा जाएगा। निर्माता पंजीकृत रीसाइकलर्स से एक विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व प्रमाणपत्र खरीदेगा। सीपीसीबी रीसाइकल्ड धातु की मात्रा को ध्यान में रखते हुए रीसाइकलिंग के पक्ष में प्रमाणपत्र तैयार करेगा। केंद्र सरकार सीपीसीबी द्वारा निर्दिष्ट दिशानिर्देशों के अनुसार इन प्रमाणपत्रों के आदान-प्रदान या हस्तांतरण के लिए मंच स्थापित कर सकती है।  निर्माता नॉन-फेरस मेटल का उपयोग करके बने उत्पादों का रीफर्बिश भी कर सकते हैं। रीफर्बिशिंग रीसाइकलिंग पर विस्तारित निर्माता जिम्मेदारी को टाल सकती है।

  • प्रबंधन के लिए पोर्टल: सीपीसीबी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित करेगा। मैन्यूफैक्चरर्स, उत्पादकों, कलेक्शन एजेंटों, रीफर्बिशर्स और रीसाइकलर्स जैसी संस्थाओं को पोर्टल पर पंजीकृत होना आवश्यक है। पोर्टल का उपयोग निम्नलिखित के लिए किया जाएगा: (i) स्क्रैप उत्पादन पर नज़र रखना, (ii) त्रैमासिक और वार्षिक रिपोर्ट दाखिल करना, और (iii) विस्तारित निर्माता जिम्मेदारी प्रमाणपत्र तैयार करना।

  • हितधारकों की जिम्मेदारियां: नॉन-फेरस मेटल के उत्पादों के थोक उपभोक्ता स्क्रैप जमा करने के लिए एजेंटों के लिए कलेक्शन प्वाइंट्स बनाएंगे। कलेक्शन एजेंट निर्माताओं, उत्पादकों, थोक उपभोक्ताओं से स्क्रैप जमा करेंगे और पंजीकृत रीसाइकलर्स को आपूर्ति करेंगे। इन सभी हितधारकों को त्रैमासिक और वार्षिक रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। रीसाइकलिंग के अलावा, निर्माताओं को नए उत्पादों में घरेलू स्तर पर रीसाइकल्ड सामग्री का न्यूनतम प्रतिशत उपयोग करना होगा।

13 अक्टूबर, 2024 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।

 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

Nripendra Singh (nripendra@prsindia.org)

कैबिनेट ने उच्च प्रदर्शन वाली बायोमैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की नीति को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'उच्च प्रदर्शन वाली बायोमैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए बायोई3 नीति' को मंजूरी दे दी।[70]  बायोमैन्यूफैक्चरिंग में उत्पादन के लिए जीवित जीवों की जैविक प्रणालियों का उपयोग किया जाता है। नीति का लक्ष्य बायोमैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर हरित विकास को गति देना है। उच्च प्रदर्शन वाली बायोमैन्यूफैक्चरिंग का अर्थ है, उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन और उन्नत बायोमैन्यूफैक्चरिंग के जरिए कृषि और खाद्य चुनौतियों को हल करने की क्षमता।

यह नीति निम्नलिखित क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास और उद्यमिता के लिए नवाचार-संचालित सहायता प्रदान करेगी: (i) जलवायु अनुकूल कृषि, (ii) उच्च मूल्य वाले जैव-आधारित रसायन, (iii) समुद्री और अंतरिक्ष अनुसंधान, और (iv) बायोपॉलिमर और एंजाइम। यह बायोमैन्यूफैक्चरिंग और बायो-एआई हब और बायोफाउंड्री की स्थापना की सुविधा प्रदान करेगा।  बायोफाउंड्री एक प्रयोगशाला है जो बायोमैन्यूफैक्चरिंग में ऑटोमेशन का उपयोग करती है।[71] 

कैबिनेट ने विज्ञान धारा योजना को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2021-22 से 2025-26 तक के लिए विज्ञान धारा योजना को मंजूरी दी है।[72]  यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित तीन मौजूदा योजनाओं का विलय करता है। ये विज्ञान में अनुसंधान और विकास तथा व्यक्तियों और संस्थानों की क्षमता निर्माण से संबंधित हैं।

यह योजना: (i) अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना का समर्थन करेगी, (ii) अंतरराष्ट्रीय सहयोगात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देगी और (iii) देश में पूर्णकालिक शोधकर्ताओं की संख्या का विस्तार करेगी। यह विज्ञान में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और स्कूल, उद्योग और स्टार्टअप में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए लक्षित हस्तक्षेप भी करेगी।

पांच वर्षों के लिए इस योजना को 10,580 करोड़ रुपए का परिव्यय प्राप्त होगा।

सूचना एवं प्रसारण

Nripendra Singh (nripendra@prsindia.org)

कैबिनेट ने 234 नए शहरों में निजी एफएम रेडियो शुरू करने को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 234 शहरों में 730 एफएम रेडियो चैनलों के लिए ई-नीलामी के तीसरे बैच को मंजूरी दे दी है।[73]  इन्हें निजी एफएम रेडियो चरण III नीति के तहत 785 करोड़ रुपए की आरक्षित कीमत पर मंजूरी दी गई है। इन चैनलों के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क जीएसटी को छोड़कर, सकल राजस्व का 4% होगा।   

 

खान

Atri Prasad Rout (atri@prsindia.org)

अपतटीय क्षेत्र खनिज ट्रस्ट और अपतटीय क्षेत्र खनिजों की नीलामी के लिए नियम अधिसूचित

खान मंत्रालय ने अपतटीय क्षेत्र खनिज ट्रस्ट नियम, 2024 और अपतटीय क्षेत्र खनिज (नीलामी) नियम, 2024 को अधिसूचित किया है। इन्हें अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और रेगुलेशन) एक्ट, 2002 के तहत जारी किया गया है।[74],[75],[76]  नियम निम्नलिखित का प्रावधान करते हैं: (i) अपतटीय क्षेत्र खनिज ट्रस्ट की संरचना और कार्यप्रणाली, और (ii) अपतटीय क्षेत्रों में खनिजों के उत्पादन और कंपोजिट लीज़ की नीलामी।  नियमों की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:

  • पट्टों और बोली मापदंडों के लिए नीलामी: उत्पादन और कंपोजिट लाइसेंस नीलामी के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे। कंपोजिट लाइसेंस दो चरणों वाला लाइसेंस है जो अन्वेषण और उत्पादन दोनों का प्रावधान करता है। उत्पादन और कंपोजिट लाइसेंस दोनों के लिए, पसंदीदा बोली लगाने वाले को परफॉरमेंस सिक्योरिटी भी देनी होगी। अगर कंपोजिट लाइसेंस धारक निर्दिष्ट समय अवधि के भीतर अन्वेषण पूरा करने में विफल रहता है, तो वह उत्पादन करने के लिए पात्र नहीं होगा। उत्पादन पट्टे के लिए पात्र कंपोजिट लाइसेंस धारकों के लिए परफॉरमेंस सिक्योरिटी को संशोधित किया जाएगा।

  • अपतटीय क्षेत्र खनिज ट्रस्ट में योगदान की दर: उत्पादन पट्टा धारकों को अपतटीय क्षेत्र खनिज ट्रस्ट फंड में योगदान के रूप में रॉयल्टी के 10% के बराबर राशि का भुगतान करना होगा।

 

ऊर्जा

Nripendra Singh (nripendra@prsindia.org)

'मॉडल सोलर विलेज' के कार्यान्वयन के लिए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए गए

ऊर्जा मंत्रालय ने पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के 'मॉडल सोलर विलेज' घटक को लागू करने के लिए योजना दिशानिर्देशों को अधिसूचित किया है।[77]  इस घटक का लक्ष्य प्रति जिले एक गांव को सौर ऊर्जा से लैस करना है। प्रत्येक आदर्श गांव को केंद्र से एक करोड़ रुपए की सहायता मिलेगी। 

प्रत्येक जिले के गांवों के बीच एक प्रतियोगिता के माध्यम से मॉडल सौर गांव की पहचान की जाएगी।  केवल 5,000 (या विशेष श्रेणी के राज्यों में 2,000) से अधिक आबादी वाले राजस्व गांव ही प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। योग्य गांवों की पहचान जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा की जाएगी।

प्रतियोगिता के लिए सभी पात्र गांवों की घोषणा होने के बाद छह महीने के भीतर स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के आधार पर गांवों का मूल्यांकन किया जाएगा। एक मॉडल सौर गांव के चयन के बाद, राज्यों को इसे सौर ऊर्जा संचालित गांव में बदलने के लिए एक योजना विकसित करनी होगी।

सीईए ने बिजली क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा नियमों पर टिप्पणियां आमंत्रित कीं

केंद्रीय बिजली प्राधिकरण ने ड्राफ्ट केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (बिजली क्षेत्र में साइबर सुरक्षा) रेगुलेशन, 2024 पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[78]  ड्राफ्ट रेगुलेशन पावर ग्रिड को साइबर हमलों से बचाने का प्रयास करते हैं। ड्राफ्ट रेगुलेशंस की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं:

  • बिजली क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा प्रतिक्रिया टीम: सीईए बिजली क्षेत्र के लिए एक कंप्यूटर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया टीम की स्थापना करेगी। इस टीम की प्रमुख जिम्मेदारियों में निम्न शामिल हैं: (i) साइबर सुरक्षा ढांचा और प्रोटोकॉल तैयार करना, (ii) क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करना, (iii) संकट प्रबंधन योजना लागू करना, और (iv) साइबर खतरों को एकत्र करना और उनका विश्लेषण करना और साइबर सुरक्षा संबंधी घटनाओं का समाधान करना।

  • विश्वसनीय स्रोतों की योजना: बिजली मंत्रालय बिजली क्षेत्र के लिए कुछ आईसीटी उपकरणों और सेवाओं की खरीद के लिए विश्वसनीय स्रोतों को निर्दिष्ट कर सकता है। सभी संस्थाओं को विशेष रूप से निर्दिष्ट विश्वसनीय स्रोतों से उपकरण और सेवाएं खरीदनी होंगी।

  • रेगुलेटेड संस्थाओं की जिम्मेदारियां: दिशानिर्देश बिजली क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं के लिए कुछ जिम्मेदारियां निर्दिष्ट करते हैं। इनमें उत्पादक, ट्रांसमिशन कंपनियां, डिस्पैच केंद्र, वितरण कंपनियां और पावर एक्सचेंज शामिल हैं। प्रमुख जिम्मेदारियों में निम्न शामिल हैं: (i) मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में एक सूचना सुरक्षा प्रभाग की स्थापना करना, (ii) साइबर सुरक्षा नीति और संकट प्रबंधन योजना तैयार करना, (iii) खतरों का पता लगाने के लिए फ़ायरवॉल और सिस्टम जैसे पर्याप्त सुरक्षा उपायों को तैनात करना, और (iv) बिजली मंत्रालय द्वारा निर्दिष्ट मानकों के अनुसार परीक्षण और सत्यापन के बाद ही उपकरण और एप्लिकेशंस की तैनाती सुनिश्चित करना।

10 सितंबर, 2024 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।

बिजली के सीमा पारीय व्यापार पर दिशानिर्देशों में संशोधन अधिसूचित

बिजली मंत्रालय ने बिजली के सीमा पारीय व्यापार पर 2018 के दिशानिर्देशों में संशोधन किया है।[79],[80],[81] ये दिशानिर्देश भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच बिजली के आयात और निर्यात के लिए प्रावधान करते हैं। संशोधनों की मुख्य विशेषताओं में निम्न शामिल हैं:

  • कोयले और गैस से बिजली के निर्यात के लिए ईंधन का स्रोत: 2018 के दिशानिर्देशों के तहत, भारतीय उत्पादन और वितरण कंपनियां कोयला, गैस, अक्षय स्रोतों या जलविद्युत से उत्पन्न बिजली को पड़ोसी देशों में निर्यात कर सकती हैं।  कोयले और गैस के मामले में, आयातित ईंधन का उपयोग करके बिजली उत्पन्न की जानी चाहिए।  इसके अतिरिक्त, कोयले के मामले में, स्पॉट नीलामी या वाणिज्यिक खनन (निर्दिष्ट अंतिम उपयोग के बिना) से कोयले का भी उपयोग किया जा सकता है। संशोधन केंद्र सरकार को कोयला और गैस आधारित बिजली के निर्यात के लिए अतिरिक्त ईंधन स्रोतों की अनुमति देने का अधिकार देते हैं।

  • निर्यात-उन्मुख संस्थाओं द्वारा घरेलू बिक्री: संशोधन विशेष रूप से बिजली निर्यात करने वाले भारतीय उत्पादकों को कुछ शर्तों के तहत घरेलू स्तर पर भी अपना उत्पादन बेचने की अनुमति देते हैं। केंद्र सरकार इसके लिए अनुमति प्रदान कर सकती है: (i) पूर्ण या आंशिक क्षमता की निरंतर गैर-शेड्यूलिंग, या (ii) भुगतान में चूक के लिए उत्पादक द्वारा नोटिस जारी करना।

 

अनुलग्नक

संसद ने अपनी कुछ स्टैंडिंग कमिटीज़ का गठन किया है। विभागीय स्तर पर स्टैंडिंग कमिटीज़ का गठन अब तक नहीं हो सका है। एस्टिमेट्स कमिटी और एससी एवं एसटी कल्याण संबंधी कमिटी जिन विषयों की समीक्षा करेंगी, उनकी सूची नीचे दी गई है।

तालिका 2: संसदीय समितियों द्वारा समीक्षा के लिए चिन्हित विषय

एस्टिमेट्स कमिटी

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय

  1. कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से जलवायु अनुकूल कृषि, प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा देना

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय

  1. देश में रसायन और पेट्रोरसायन उद्योगों का विकास- एक समीक्षा
  1. राष्ट्रीय फार्मा नीति का कार्यान्वयन

कोयला मंत्रालय

  1. कोयला उत्पादन और कोयला गैसीकरण मिशन- एक समीक्षा

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय

  1. खिलौने और गेम्स सेक्टर में विनिर्माण का पुनरुत्थान

संचार मंत्रालय

  1. 4जी और 5जी सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए बीएसएनएल का प्रदर्शन
  1. लास्ट माइल कनेक्टिविटी के संबंध में भारतनेट योजना और ब्रॉडबैंड की समीक्षा

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

  1. निजी उद्यमी गारंटी योजना और भारतीय खाद्य निगम-एक समीक्षा

सहकारिता मंत्रालय

  1. सहकारी आंदोलन एवं सहकारी समितियों का विकास

रक्षा मंत्रालय

  1. रक्षा अनुसंधान विकास संगठन का प्रदर्शन

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

  1. हिमालय क्षेत्र में वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन
  1. पारिस्थितिकी तंत्र पर जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण का प्रभाव

वित्त मंत्रालय

  1. ग्रामीण भारत और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए बीमा क्षेत्र कवरेज
  1. केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के विनिवेश के माध्यम से जुटाई गई धनराशि का उपयोग

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

  1. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) का कार्यान्वयन

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

  1. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की कार्यप्रणाली और सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना में केंद्रीय सहायता
  1. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की प्रदर्शन समीक्षा
  1. जनसंख्या स्थिरीकरण हेतु नीतियां एवं कार्यक्रम
  1. स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा

आवासन एवं शहरी मामला मंत्रालय

  1. शहरी मोबिलिटी और मेट्रो रेल नेटवर्क

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

  1. आईटी कंपनियों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रेगुलेटरी पहलू

जल शक्ति मंत्रालय

  1. "नमामि गंगे" कार्यक्रम के तहत सीवेज उपचार परियोजनाओं का आकलन
  1. अटल भूजल योजना- एक समीक्षा
  1. ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन का प्रदर्शन
  1. बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई के लिए योजनाएं और कार्यक्रम

अल्पसंख्यक मामला मंत्रालय

  1. अल्पसंख्यक कल्याण के कार्यक्रम और परियोजनाएं

नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय

  1. प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) और पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना का कार्यान्वयन

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय

  1. प्राकृतिक गैस की आपूर्ति और वितरण- चुनौतियां और संभावनाएं

ऊर्जा मंत्रालय

  1. पर्वतीय क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजनाओं का मूल्यांकन

रेलवे मंत्रालय

  1. भारतीय रेलवे में नई रेलवे परियोजनाएं और यात्री सुरक्षा उपाय- एक समीक्षा

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय

  1. भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय

  1. कौशल विकास और उद्यमिता पर राष्ट्रीय नीति का प्रदर्शन

पर्यटन मंत्रालय

  1. आईटीडीसी द्वारा पर्यटन का विकास एवं संवर्धन
  1. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की कार्यप्रणाली की समीक्षा

नीति आयोग

  1. आकांक्षी जिलों के लिए योजनाएं और कार्यक्रम - एक समीक्षा

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण

1.   भारत के संविधान के क्रमशः अनुच्छेद 338 (5) (डी) और अनुच्छेद 338 ए (5) (डी) के तहत प्रस्तुत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग की वार्षिक रिपोर्ट की जांच करना और केंद्र सरकार के दायरे में आने वाले मामलों के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जाने चाहिए, इसके बारे में रिपोर्ट करना

  1. अत्याचार निवारण एक्ट, 1989 के कार्यान्वयन के संबंध में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अत्याचार के मामलों का अध्ययन
  1. एससी/एसटी समुदायों के लिए सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) नीति के कार्यान्वयन सहित केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसयू) में एससी/एसटी के आरक्षण की स्थिति
  1. सामाजिक-आर्थिक विकास और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण नीति के कार्यान्वयन में केंद्रीय विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, आईआईएम, आईआईटी, चिकित्सा संस्थानों जैसे स्वायत्त निकायों/शैक्षिक संस्थानों की भूमिका
  1. भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों में आरक्षण नीति का कार्यान्वयन
  1. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों/वित्तीय संस्थानों/भारतीय रिजर्व बैंक में आरक्षण नीति का कार्यान्वयन और ऐसे संस्थानों/बैंकों द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को प्रदान की जाने वाली ऋण सुविधाएं और अन्य लाभ
  1. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सामाजिक-आर्थिक विकास की योजनाओं सहित केंद्र शासित प्रदेशों में आरक्षण नीति का कार्यान्वयन
  1. आरक्षण नीति के कार्यान्वयन और आदिवासियों के वित्तीय उत्थान में ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) की भूमिका
  1. दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण
  1. अनुसूचित जाति घटक योजना (एससीएसपी) और अनुसूचित जनजाति घटक (एसटीसी) के कार्यान्वयन की समीक्षा
  1. वन अधिकार एक्ट, 2006 के कार्यान्वयन की स्थिति
  1. उच्च न्यायपालिका में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व- एक समीक्षा
  1. सशस्त्र बलों में कार्यरत नागरिकों के बीच एससी/एसटी का प्रतिनिधित्व
  1. निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को आरक्षण प्रदान करने वाले प्रस्ताव का परीक्षण
  1. जाति प्रमाणपत्र से संबंधित मामलों में एससी/एसटी के समक्ष बाधाएं

 

[1] Bulletin 2, Lok Sabha, August 29, 2024, https://sansad.in/getFile/bull2mk/2024/29082024.pdf?source=loksabhadocs.

[2] Bulletin 2, Lok Sabha, August 30, 2024, https://sansad.in/getFile/bull2mk/2024/30082024.pdf?source=loksabhadocs.

[3] Press Note on Estimates of Gross Domestic Product for the First Quarter (April-June) of 2024-25, Ministry of Statistics and Programme Implementation, August 30, 2024, https://www.mospi.gov.in/sites/default/files/press_release/NAD_PR_30082024.pdf.

[4] Monetary Policy Statement, 2024-25, Resolution of the Monetary Policy Committee (MPC) August 6 to 8, 2024, Reserve Bank of India, August 8, 2024, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR851491EC642D77743A4BB8B0AAA838FE286.PDF.

[5] “India's IIP records a growth of 4.2% in the June 2024”, Press Information Bureau, Ministry of Statistics and Programme Implementation, August 12, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2044601.

[6] Statement I: Index of Industrial Production - Sectoral, Ministry of Statistics and Programme Implementation, https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2023/may/doc2023512197401.pdf.

[7] The Banking Laws (Amendment) Bill, 2024, as introduced in Lok Sabha, https://sansad.in/getFile/BillsTexts/LSBillTexts/Asintroduced/banking89202450403PM.pdf?source=legislation.

[8] The Reserve Bank of India Act, 1934, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/2398/1/a1934-2.pdf.

[9] The Banking Regulation Act, 1949, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1885/1/A194910.pdf.

[10] The State Bank of India Act, 1955, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1553/1/AAA1955__23.pdf.

[11] The Banking Companies (Acquisition and Transfer of Undertakings) Act, 1970, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1373/4/a1970_5.pdf.

[12] The Banking Companies (Acquisition and Transfer of Undertakings) Act, 1980, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1792/3/a1980_40.pdf.

[13] “Department of Economic Affairs amends Foreign Exchange Management (Non-debt Instruments) Rules, 2019 in pursuance of Union Budget 2024-25 announcement”, Press Information Bureau, Ministry of Finance, August 16, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2046086.

[14] S.O. 3492(E), Ministry of Finance, August 16, 2024, https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2024/aug/doc2024816377701.pdf.

[15] S.O. 3732(E), Ministry of Finance, October 17, 2019, https://enforcementdirectorate.gov.in/sites/default/files/Act%26rules/Foreign%20Exchange%20Management%20%28Non-Debt%20Instrument%29%20Rules%2C%202019%20-%20without%20amendment_2.pdf.

[16] Review of Master Direction - Non-Banking Financial Company – Peer to Peer Lending Platform (Reserve Bank) Directions, 2017, Reserve Bank of India, August 16, 2024, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/notification/PDFs/CIRCULARREVIEWMD0EF8079DFF124A3E9B223F4AAEE6D8A5.PDF.

[17] Master Directions - Non-Banking Financial Company – Peer to Peer Lending Platform (Reserve Bank) Directions, 2017, Reserve Bank of India, October 4, 2017, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/notification/PDFs/MDP2PB9A1F7F3BDAC463EAF1EEE48A43F2F6C.PDF.

[18] Review of regulatory framework for HFCs and harmonisation of regulations applicable to HFCs and NBFCs, Reserve Bank of India, August 12, 2024, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/notification/PDFs/NT618E21D4E059654A64844371A4336600F1.PDF.

[19] Review of regulatory framework for Housing Finance Companies (HFCs), Reserve Bank of India, October 22, 2020, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/notification/PDFs/NT605BE165AA9E8043EFA087339829CCF469.PDF.

[20] Consultation paper on expanding the scope of Sustainable Finance framework in the Indian securities market, Securities and Exchange Board of India, August 16, 2024, https://www.sebi.gov.in/reports-and-statistics/reports/aug-2024/consultation-paper-on-expanding-the-scope-of-sustainable-finance-framework-in-the-indian-securities-market_85691.html.

[21] Social Bond Principles, International Capital Market Association, June 2023, https://www.icmagroup.org/assets/documents/Sustainable-finance/2023-updates/Social-Bond-Principles-SBP-June-2023-220623.pdf.

[22] Sustainability Bond Guidelines, International Capital Market Association, June 2021, https://www.icmagroup.org/assets/documents/Sustainable-finance/2021-updates/Sustainability-Bond-Guidelines-June-2021-140621.pdf.  

[23] Sustainability-Linked Bond Principles, International Capital Market Association, June 2024, https://www.icmagroup.org/assets/documents/Sustainable-finance/2024-updates/Sustainability-Linked-Bond-Principles-June-2024.pdf.

[24] Introduction of Liquidity Window facility for investors in debt securities through Stock Exchange mechanism, Securities and Exchange Board of India, August 16, 2024, https://www.sebi.gov.in/reports-and-statistics/reports/aug-2024/introduction-of-liquidity-window-facility-for-investors-in-debt-securities-through-stock-exchange-mechanism_85689.html. 

[25] RBI announces constitution of an Expert Committee on Benchmarking of its Statistics, Reserve Bank of India, August 12, 2024, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR8793D3198DEE70F46E5AD5647673B1C03C8.PDF.

[26] “Cabinet approves Unified Pension Scheme”, Press Information Bureau, Cabinet, August 24, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2048607.

[27] “GM CR briefs the Media on Unified Pension Scheme for Employees”, Press Information Bureau, Ministry of Railways, August 26, 2024, https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2048953.

[28] Waqf Amendment Bill, 2024, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2024/Waqf_(Amendment)_Bill_2024.pdf.

[29] Waqf Act, 1995, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2024/Mussalman_Wakf_(Repeal)_Bill_2024.pdf.

[30] Lok Sabha Synopsis of Debates, August 9, 2024, https://sansad.in/getFile/Synop/18/II/SYN_09082024_ENG.pdf?source=loksabhadocs.

[31] “Public Comments and Suggestions Invited on the Waqf (Amendment) Bill, 2024, All India Radio, August 28, 2024, https://www.newsonair.gov.in/jpc-on-waqf-amendment-bill-2024-invites-views-suggestions-from-public/#:~:text=The%20Joint%20Committee%20of%20Parliament,press%20communique%20in%20this%20regard.

[32] Mussalman Wakf (Repeal) Bill, 2024, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2024/Mussalman_Wakf_(Repeal)_Bill_2024.pdf.

[33] Mussalman Wakf Act, 1923, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/19245/1/a1923-42.pdf.

[34] The Bharatiya Vayuyan Vidheyak, 2024, Ministry of Civil Aviation, August 9, 2024, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2024/As%20passed%20by%20LS_%20Bharatiya%20Vayuyan%20Vidheyak,%202024.pdf.

[35] The Aircraft Act, 1934, Ministry of Civil Aviation, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/2400/1/AAA1934____22.pdf.

[36] The Disaster Management (Amendment) Bill, 2024, https://sansad.in/getFile/BillsTexts/LSBillTexts/Asintroduced/disaster812024123302PM.pdf?source=legislation.

[37] The Disaster Management Act, 2005, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/2045/1/AAA2005___53.pdf.

[38] “Government of India constitutes a Committee to monitor the current situation on Indo-Bangladesh Border (IBB)”, Ministry of Home Affairs, Press Information Bureau, August 9, 2024, https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2043603#:~:text=The%20Committee%20will%20be%20headed,%2C%20LPAI%2C%20as%20its%20members..

[39] “Suo Motu statement by EAM Dr. S Jaishankar in Lok Sabha on the situation in Bangladesh”, Ministry of External Affairs, August 6, 2024, https://www.mea.gov.in/Speeches-Statements.htm?dtl/38098/Suo_moto_statement_by_EAM_Dr_S_Jaishankar_in_Lok_Sabha__on_the_situation_in_Bangladesh.

[40] The Readjustment of Representation of Scheduled Tribes in Assembly Constituencies of the State of Goa Bill, 2024, https://sansad.in/getFile/BillsTexts/LSBillTexts/Asintroduced/goa852024124017PM.pdf?source=legislation. 

[41] Suo-Motu Writ Petition (Criminal) No. 2 of 2024, Alleged Rape and Murder Incident of a Trainee Doctor in R.G. Kar Medical College and Hospital, Kolkata and Related Issues Versus, Supreme Court, August 20, 2024, https://api.sci.gov.in/supremecourt/2024/37351/37351_2024_1_66_54902_Judgement_20-Aug-2024.pdf.

[42] The Railways (Amendment) Bill, 2024, Ministry of Railways, Lok Sabha, https://sansad.in/getFile/BillsTexts/LSBillTexts/Asintroduced/AS%20INTRO-2892024123726PM.pdf?source=legislation.

[43] The Railway Board Act, 1905, Ministry of Railways, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/2340/1/AAA1905____04.pdf.

[44] The Railways Act, 1989, Ministry of Railways, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1908/5/a1989-24.pdf.

[45] The Oilfields Regulation and Development (Amendment) Bill, 2024, Ministry of Petroleum And Natural Gas, August 5, 2024, https://sansad.  in/rs/legislation/bills

[46] The Oilfields (Regulation And Development) Act, 1948, Ministry Of Petroleum And Natural Gas, 1948, https://dgm.  assam.  gov.  in/sites/default/files/swf_utility_folder/departments/dgm_medhassu_in_oid_4/menu/document/Oil%20Field%20Regualtion%20and%20Development%20Act.  pdf.  

[47] “Cabinet approves Amendment in “Pradhan Mantri JI-VAN Yojana” for providing financial support to Advanced Biofuel Projects using lignocellulosic biomass and other renewable feedstock”, Press Information Bureau, Ministry of Petroleum & Natural Gas, August 9, 2024, https://pib.  gov.  in/PressReleseDetail.  aspx?PRID=2043926 . 

[48] “Cabinet approves 12 Industrial nodes/cities under National Industrial Corridor Development Programme”, Press Information Bureau, Cabinet Committee on Economic Affairs, August 28, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2049312.

[49] https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1947855.

[50] G.S.R. 522(E), The Gazette of India, Department of Telecommunications, August 28, 2024, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2024/256724.pdf.

[51] G.S.R. 519(E), The Gazette of India, Department of Telecommunications, August 28, 2024, https://egazette.gov.in/Writereaddata/2024/256731.pdf.

[52] G.S.R. 520(E), The Gazette of India, Department of Telecommunications, Ministry of Communications, August 28, 2024, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2024/256727.pdf.

[53] G.S.R. 521(E), Department of Telecommunications, Ministry of Communications, August 28, 2024, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2024/256725.pdf.

[54] The Telecommunications Act, 2023, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2023/250880.pdf. 

[55] G.S.R. 18, The Gazette of India, Department of Telecommunications, January 28, 2014, https://dot.gov.in/sites/default/files/358%20GI-2014%20dated%208.2.2014_6.pdf?download=1.

[56] G.S.R. 1068(E), The Gazette of India, Department of Telecommunications, August 25, 2017, https://thc.nic.in/Central%20Governmental%20Rules/Prevention%20of%20tampering%20of%20the%20Mobile%20Device%20Equipment%20Identification%20Rules,2017.pdf.

[57] G.S.R. 728(E), The Gazette of India, Department of Telecommunications, September 26, 2024, https://police.py.gov.in/Prevention%20of%20tempering%20of%20the%20Mobile%20Device%20Equipment%20Identification%20Number%20(Amendment)%20Rules%202022.pdf.

[58] Consultation Paper on Review of the Telecom Commercial Communications Customer Preference Regulations, 2018, Telecom Regulatory Authority of India, Ministry of Communications, August 28, 2024, https://www.  trai.  gov.  in/sites/default/files/CP_28082024.  pdf.  

[59] Unsolicited Commercial Communication, Telecom Regulatory Authority of India, as accessed on August 30, 2024, https://trai.  gov.  in/what-spam-or-ucc.

[60] The Ministry of Road Transport and Highways launches the Voluntary Vehicle Modernisation Programme or Vehicle Scrapping Policy, Press Information Bureau, Ministry of Road Transport and Highways, August 28, 2024, https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2049367.

[61] “Cabinet approves Pradhan Mantri Awas Yojana – Urban 2.0 Scheme”, Press Information Bureau, Cabinet, August 9, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2043924. 

[62] Cabinet approves implementation of the Pradhan Mantri Awaas Yojana – Gramin (PMAY-G) during FY 2024-25 to 2028-29, Press Information Bureau, Ministry of Rural Development, August 9, 2024, https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2043919.

[63] “Cabinet approves the Clean Plant Programme under Mission for Integrated Development of Horticulture”, Press Information Bureau, Cabinet, August 9, 2024,  https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2043920.

[64] “Clean Plant Programme – A major leap forward in horticulture sector”, Press Information Bureau, Ministry of Agriculture and Farmers Welfare, August 11, 2024, https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2024/aug/doc2024811373301.pdf. 

[65] “Cabinet accords approval for progressive expansion of Central Sector Scheme of Agriculture Infrastructure Fund”, Press Information Bureau, Cabinet, August 28, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2049318. 

[66] S.O. 3550 (E), Ministry of Environment, Forest and Climate Change, August 21, 2024 https://egazette.gov.in/WriteReadData/2024/256547.pdf.

[67] The Environment (Protection) Act, 1986, Ministry of Environment, Forests and Climate Change, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1876/4/A1986-29.pdf.

[68] Hazardous and Other Wastes (Management and Transboundary Movement) Second Amendment Rules, 2024, Ministry of Environment, Forest and Climate Change, August 14, 2024, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2024/256481.pdf.

[69] The Environment (Protection) Act, 1986, Ministry of Environment, Forest and Climate Change, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/4316/1/ep_act_1986.pdf.

[70] “Cabinet approves BioE3 (Biotechnology for Economy, Environment and Employment) Policy for Fostering High Performance Biomanufacturing”, Press Information Bureau, Ministry of Science & Technology, August 24, 2024, https://pib.  gov.  in/PressReleseDetail.  aspx?PRID=2048569. 

[71] “These 'biofoundries' use DNA to make natural products we need”, Manufacturing and Value Chains, World Economic Forum, October 28, 2019, https://www.  weforum.  org/agenda/2019/10/biofoundries-the-new-factories-for-genetic-products/.  

[72] “Cabinet approves the Department of Science and Technology scheme namely ‘Vigyan Dhara’”, Press Information Bureau, Ministry of Science & Technology, August 24, 2024, https://pib.  gov.  in/PressReleseDetail.  aspx?PRID=2048574. 

[73] “Cabinet approves rolling out Private FM Radio to 234 uncovered new cities / towns”, Press Information Bureau, Ministry of Information and Broadcasting, August 28, 2024, https://pib.  gov.  in/PressReleaseIframePage.  aspx?PRID=2049325.

[74] Offshore Areas Mineral Trust Rules, 2024, Ministry of Mines, August 9, 2024, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2024/256256.pdf. 

[75] Offshore Areas Mineral (Auction) Rules, 2024, Ministry of Mines, August 14, 2024, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2024/256437.pdf.

[76] The Offshore Areas Mineral (Development and Regulation) Amendment Act, 2023,  https://mines.gov.in/admin/storage/app/uploads/64d9e910d2ea21692002576.pdf.

[77] “Government of India issues Operational Guidelines for Implementation of 'Model Solar Village’ under PM-Surya Ghar: Muft Bijli Yojana”, Press Information Bureau, Ministry of New and Renewable Energy, August 12, 2024, https://pib.  gov.  in/PressReleseDetail.  aspx?PRID=2044454 .  

[78] Draft of the Central Electricity Authority (Cyber Security in Power Sector) Regulations, 2024, Central Electricity Authority, August 16, 2024, https://cea.nic.in/wp-content/uploads/notification/2024/08/Draft_CEA_Cyber_Security_in_Power_Sectyor_Regulations_2024_English_Version.pdf.

[79] No 14/1/2017-Trans-Part(1), Ministry of Power, August 12, 2024, https://cea.nic.in/wp-content/uploads/notification/2024/08/Amendment_in_the_Guidelines_for_Import_Export_Cross_Border_of_Electricity_2018.pdf.

[80] No 14/1/2017-Trans-Trans-Pt (1), Ministry of Power, July 3, 2019, https://cea.nic.in/wp-content/uploads/2021/02/Addendum_on_Gas.pdf.

[81] No. 14/1/2017-Trans, Ministry of Power, December 18, 2018, https://cea.nic.in/wp-content/uploads/2021/02/Guidelines_2018.pdf.

स्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।

हमें फॉलो करें

Copyright © 2025    prsindia.org    All Rights Reserved.