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अप्रैल 2023

पीडीएफ

इस अंक की झलकियां

संसद का बजट सत्र 2023 समाप्त; तीन बिल पेश, एक पारित

संसद में पेश बिल्स में से एक सशस्त्र बलों की संयुक्त कमान से संबंधित और दो अन्य तटीय जलीय कृषि और वन संरक्षण के रेगुलेशन से संबंधित कानूनों में संशोधन करते हैं।

2022-23 की चौथी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 6.2% थी

2021-22 की चौथी तिमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति 6.3% थी जबकि 2022-23 की तीसरी तिमाही में यह 6.1% थी। 2022-23 की चौथी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति का औसत 5.6% रहा।

फेक न्यूज और ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने के लिए नियम

सरकार की फैक्ट चेक यूनिट की तरफ से चिन्हित गलत सूचना को हटाना होगा। मुंबई उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका के बाद सरकार ने कहा है कि इस यूनिट को 5 जुलाई, 2023 के बाद अधिसूचित किया जाएगा।

प्रतिस्पर्धा (संशोधन) बिल, 2022 पारित

बिल एसेट्स और टर्नओवर के अलावा लेनदेन के मूल्य के आधार पर कॉम्बिनेशन को रेगुलेट करता है। यह कुछ अपराधों को भी अपराध की श्रेणी से बाहर करता है।

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की ड्राफ्ट रूपरेखा सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए जारी

यह रूपरेखा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार निर्देश और मूल्यांकन के तरीकों सहित स्कूली शिक्षा की संरचना, कंटेंट और विधियों को संशोधित करती है।

केंद्रीय जेनकोस, जिनके पीपीए समाप्त हो चुके हैं, से बिजली पूलिंग की योजना को अधिसूचित किया गया

ऊर्जा मंत्रालय इच्छुक डिस्कॉम को बिजली का आवंटन करेगा। इन डिस्कॉम्स को कॉमन पूल से बिजली खरीदने के लिए कम से कम पांच साल का बिजली खरीद समझौता करना होगा।

कैबिनेट ने संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देश को मंजूर किया

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने संशोधित घरेलू प्राकृतिक गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दी है। यह प्राकृतिक गैस की कीमत को क्रूड से लिंक करते हैं, और अधिक स्थिर मूल्य व्यवस्था का वादा करते हैं।

आधार प्रमाणीकरण नियमों में ड्राफ्ट संशोधन जारी

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने सुशासन सुनिश्चित करने जैसे निर्धारित उद्देश्यों के लिए मंत्रालयों/विभागों के अलावा अन्य संस्थाओं द्वारा आधार प्रमाणीकरण को सक्षम करने के लिए ड्राफ्ट संशोधन जारी किया।

कैबिनेट ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी दी

मिशन का लक्ष्य 6,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ क्वांटम कंप्यूटिंग और इससे संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में तेजी लाना है। क्वांटम कंप्यूटिंग के वर्टिकल में अनुसंधान एवं विकास हेतु सहयोग के लिए चार हब स्थापित किए जाएंगे। 
 

संसद

Niranjana S Menon (niranjana@prsindia.org)

बजट सत्र 2023 समाप्त

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी, 2023 से 6 अप्रैल, 2023 तक संचालित किया गया, जिसमें 14 फरवरी से 12 मार्च के बीच अवकाश था।

इस सत्र के दौरान संसद ने तीन बिल पेश और एक पारित किया। अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) बिल, 2023, कोस्टल एक्वाकल्चर अथॉरिटी (संशोधन) बिल, 2023 और वन (संरक्षण) संशोधन बिल, 2023 को पेश किया गया और फिर समितियों को भेज दिया गया। प्रतिस्पर्धा (संशोधन) बिल, 2022 को पारित किया गया। सत्र में बजट मंजूर किया गया और फाइनांस बिल पारित किया गया।

बजट सत्र 2023 के दौरान लेजिसलेटिव बिजनेस पर अधिक विवरण के लिए कृपया देखें। सत्र के दौरान संसद के कामकाज पर अधिक विवरण के लिए कृपया देखें।

 

मैक्रोइकोनॉमिक विकास

Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)

रेपो दर 6.5% पर अपरिवर्तित

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पॉलिसी रेपो रेट (जिस दर पर आरबीआई बैंकों को ऋण देता है) को 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया है।[1]  समिति के अन्य निर्णयों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • स्टैंडिंग डिपॉजिट फेसिलिटी रेट (जिस दर पर आरबीआई कोलेट्रल दिए बिना बैंकों से उधार लेता है) को 6.25% पर बरकरार रखा गया है।

  • मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (जिस दर पर बैंक अतिरिक्त धन उधार ले सकते हैं) और बैंक रेट (जिस दर पर आरबीआई बिल्स ऑफ एक्सचेंज को खरीदता है) को 6.75% पर बरकरार रखा गया है।

  • एमपीसी ने यह सुनिश्चित करने के लिए समायोजन की वापसी पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय किया कि विकास का समर्थन करते हुए मुद्रास्फीति धीरे-धीरे लक्ष्य के अनुरूप हो।

2022-23 की चौथी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति 6.2% 

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 2022-23 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 6.2% थी।[2] यह मोटे तौर पर 2021-22 की इसी (चौथी) तिमाही में 6.3% की सीपीआई मुद्रास्फीति के समान था। 2022-23 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में सीपीआई मुद्रास्फीति 6.1% थी।

2022-23 की चौथी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति का औसत 5.6% रहा जो 2021-22 की इसी तिमाही में 6.3% से कम था। 2022-23 की तीसरी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति 5.3% थी।

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति 2022-23 की चौथी तिमाही में 3.3% थी जो उच्च आधार के कारण 2021-22 की चौथी तिमाही में 13.9% से काफी कम थी।[3]   2022-23 की तीसरी तिमाही में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति औसतन 6.6% रही।

रेखाचित्र 1: 2022-23 की चौथी तिमाही में मासिक मुद्रास्फीति (प्रतिशत परिवर्तन, वर्ष-दर-वर्ष)
  image 

स्रोत: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस।
 

वित्त

Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)

प्रतिस्पर्धा (संशोधन) बिल, 2022 पारित 

संसद ने प्रतिस्पर्धा (संशोधन) बिल, 2022 को पारित कर दिया।[4] वित्त संबंधी स्टैंडिंग कमिटी ने बिल की समीक्षा की थी, और कुछ बदलावों का सुझाव दिया था।[5]  बिल पारित करते समय इनमें से कुछ परिवर्तनों को उसमें शामिल किया गया। बिल प्रतिस्पर्धा एक्ट, 2002 में संशोधन का प्रयास करता है। एक्ट के तहत बाजार प्रतिस्पर्धा को रेगुलेट करने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की स्थापना की गई है। बिल की प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • लेनदेन के मूल्य पर आधारित कॉम्बिनेशंस का रेगुलेशन: एक्ट किसी व्यक्ति या उद्यम को ऐसे किसी कॉम्बिनेशन में प्रवेश करने से रोकता है जिसका प्रतिस्पर्धा पर अच्छा-खासा प्रतिकूल असर पड़े। कॉम्बिनेशंस का मतलब है, उपक्रमों का विलय, अधिग्रहण या अमैल्गमैशन (समामेलन)। यह प्रतिबंध ऐसे लेनदेन पर लागू होता है जहां संबंधित पक्षों की संचयी संपत्ति 1,000 करोड़ रुपए से अधिक है, या (ii) उनका संचयी कारोबार 3,000 करोड़ रुपए से अधिक का है, जोकि कुछ शर्तो के अधीन है। बिल कॉम्बिनेशंस की परिभाषा का दायरा बढ़ाता है ताकि इसमें 2,000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के लेनदेन को शामिल किया जा सके। बिल प्रावधान करता है कि यह सीमा उन मामलों में लागू होगी जहां कोई भी उद्यम, जो लेनदेन के लिए एक पक्ष है, का भारत में पर्याप्त कारोबारी कामकाज है। कमिटी के सुझाए गए संशोधनों में यह जोड़ा गया है कि सीमा तभी लागू होगी जब अधिग्रहण किए जा रहे उद्यम का भारत में पर्याप्त कारोबारी कामकाज हो।

  • कॉम्बिनेशंस की मंजूरी के लिए समय सीमा: एक्ट में निर्दिष्ट है कि कोई भी कॉम्बिनेशन तब तक प्रभावी नहीं होगा जब तक कि सीसीआई आदेश पारित नहीं कर देता है या मंजूरी के लिए आवेदन दायर करने के बाद 210 दिन बीत नहीं जाते हैं- इनमें से जो भी पहले हो। बिल दूसरी स्थिति में समय सीमा को घटाकर 150 दिन करता है।

  • प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौता: एक्ट के अंतर्गत प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौते में ऐसी वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, आपूर्ति, स्टोरेज या नियंत्रण से संबंधित समझौते शामिल हैं जिससे भारत में प्रतिस्पर्धा पर अच्छा-खासा प्रतिकूल असर पड़ सकता हो। बिल्कुल समान या एक जैसे उद्यमों या व्यक्तियों के बीच किसी भी समझौते का प्रतिस्पर्धा पर ऐसा प्रतिकूल असर पड़ेगा, अगर वे कुछ कार्यों में शामिल हैं, जैसे: (i) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से खरीद या बिक्री के मूल्यों को निर्धारित करना, (ii) उत्पादन, आपूर्ति, बाजार या सेवाओं के प्रावधान को नियंत्रित करना, या (iii) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मिलीभगत करके बोली लगाना। बिल में प्रावधान है कि समान या समान व्यवसायों में शामिल नहीं होने वाले उद्यमों या व्यक्तियों को प्रतिस्पर्धा-विरोधी समझौतों का हिस्सा माना जाएगा, यदि वे ऐसे समझौतों को आगे बढ़ाने में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। संशोधनों ने इसे उन उद्यमों के संदर्भ में संशोधित किया जो ऐसे समझौतों में भाग लेते हैं या भाग लेने का इरादा रखते हैं।

अधिक विवरण के लिए कृपया देखें।

आरबीआई ने ऋण खातों में दंड शुल्क पर ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ऋण खातों में दंड शुल्क पर एक ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है।[6],[7] आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड संस्थाएं (जैसे बैंक) ब्याज दर के अतिरिक्त दंड शुल्क भी लगाती हैं। ऋण शर्तों में चूक/गैर-अनुपालन के मामलों में उधारकर्ता द्वारा ऐसे दंड शुल्क लगाए जाते हैं। आरबीआई ने कहा कि ब्याज की अनुबंधित दर के ऊपर दंडात्मक ब्याज/प्रभारों को राजस्व वृद्धि के उपाय के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। आरबीआई ने गौर किया कि विभिन्न संस्थाएं अलग-अलग तरीके से दंडात्मक ब्याज/प्रभार लगाती हैं।  

इसके मद्देनजर आरबीआई ने दंड शुल्क लगाने को रेगुलेट करने के लिए कुछ निर्देशों का प्रस्ताव किया है। इन निर्देशों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ब्याज दर में जोड़े जाने वाले दंडात्मक ब्याज की बजाय पैनल्टी को दंडात्मक शुल्क के रूप में माना जाएगा, (ii) रेगुलेटेड संस्थाएं ब्याज दर में कोई अतिरिक्त घटक शामिल नहीं करेंगी और वे प्रासंगिक रेगुलेटरी निर्देशों से ही अभिशासित होंगे, (iii) दंडात्मक प्रभारों की मात्रा एक सीमा से अधिक ऋण अनुबंध के नियमों और शर्तों से संबंधित चूक/गैर-अनुपालन के अनुपात में होनी चाहिए, और (iv) व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को स्वीकृत ऋणों पर दंडात्मक शुल्क, गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर लगाए जाने वाले दंडात्मक शुल्क से अधिक नहीं होगा।

ड्राफ्ट सर्कुलर पर 15 मई, 2023 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं। 

आरबीआई ने ग्रीन डिपॉजिट की स्वीकृति के लिए फ्रेमवर्क जारी किया

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ग्रीन डिपॉजिट की स्वीकृति के लिए रूपरेखा जारी की है।[8]  ग्रीन डिपॉजिट एक निश्चित अवधि के लिए आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड संस्थाओं (जैसे बैंकों) द्वारा प्राप्त ब्याज-युक्त जमा है। इस तरह की जमा राशि को हरित वित्त के लिए आवंटित किया जाता है। हरित वित्त में उन गतिविधियों/परियोजनाओं में निवेश करना शामिल है जो जलवायु जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु अनुकूलन और लचीलापन, और अन्य जलवायु-संबंधी/पर्यावरणीय उद्देश्यों में योगदान करते हैं। यह रूपरेखा 1 जून, 2023 से प्रभावी होगी। मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • आय का आवंटन: ग्रीन डिपॉजिट के माध्यम से जुटाई गई आय का उपयोग आधिकारिक भारतीय ग्रीन टैक्सोनॉमी पर आधारित होगा। जब तक इस तरह की टैक्सोनॉमी को अंतिम रूप नहीं दिया जाता है, तब तक रेगुलेटेड एंटिटीज को निम्नलिखित क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिए आय आवंटित करने की आवश्यकता होगी: (i) नवीकरणीय ऊर्जा, (ii) स्वच्छ परिवहन, (iii) स्थायी जल और अपशिष्ट प्रबंधन, (iv) प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण, और (v) जीवित प्राकृतिक संसाधनों और भूमि उपयोग का सतत प्रबंधन।

  • थर्ड पार्टी वैरिफिकेशन: एक वित्तीय वर्ष में ग्रीन डिपॉजिट के माध्यम से जुटाई गई धनराशि का आवंटन वार्षिक स्वतंत्र थर्ड पार्टी वैरिफिकेशन के अधीन होगा। इस वैरिफिकेशन में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए: (i) पात्र हरित गतिविधियों/परियोजनाओं के अनुसार आय का उपयोग, और (ii) नीतियां और आंतरिक नियंत्रण जिसमें परियोजना का मूल्यांकन और धन का प्रबंधन शामिल है।

  • रिपोर्टिंग: एक वित्तीय वर्ष की समाप्ति के तीन महीने के भीतर एक समीक्षा रिपोर्ट रेगुलेटेड संस्थाओं के निदेशक मंडल के समक्ष रखी जानी चाहिए। समीक्षा में कुछ विवरणों को शामिल किया जाना चाहिए: (i) पिछले वित्तीय वर्षों में ग्रीन डिपॉजिट से जुटाई गई राशि, (ii) ग्रीन गतिविधियों/परियोजनाओं की सूची जहां राशि आवंटित की गई थी, (iii) योग्य ग्रीन गतिविधियों/परियोजनाओं के लिए आवंटित राशि, और (iv) थर्ड पार्टी वैरिफिकेशन/आश्वासन रिपोर्ट की प्रति।
     

शिक्षा

Siddharth Mandrekar Rao (siddharth@prsindia.org)

स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा का ड्राफ्ट सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए जारी 

शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा, 2023 (एनसीएफ) के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[9],[10]   राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र को संशोधित करने के लिए एनसीएफ की परिकल्पना की गई है।[11] एनसीएफ के ड्राफ्ट की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं:

  • पाठ्यक्रम: एनसीएफ पाठ्यक्रम को आठ व्यापक क्षेत्रों में विभाजित करता है: (i) भाषा, (ii) गणित, (iii) विज्ञान, (iv) सामाजिक विज्ञान, (v) कला, (vi) अंतःविषय क्षेत्र, (vii) शारीरिक शिक्षा, और (viii) व्यावसायिक शिक्षा।

  • शिक्षा के चरण: स्कूली शिक्षा को चार चरणों में विभाजित किया जाएगा जिसके दायरे में 3-18 वर्ष के बच्चे आएंगे।

तालिका 1: शिक्षा के चरण

चरण

मुख्य क्षेत्र

कक्षा

मूलभूत

संज्ञानात्मक और शारीरिक विकास, मूलभूत साक्षरता और अंक ज्ञान

प्री-स्कूल के 3 साल, और कक्षा 1 और 2

प्रारंभिक

बुनियादी विषय जैसे भाषा, गणित, कला, शारीरिक शिक्षा और साक्षरता और अंक ज्ञान में पारंगत

3 से 5

मध्य

विज्ञान और ह्यूमैनिटी में विशेष शिक्षा

6 से 8

माध्यमिक

कुछ आवश्यक पाठ्यक्रम, रुचि-आधारित पाठ्यक्रम और व्यावसायिक शिक्षा का संयोजन

9 से 12

स्रोत: स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा, 2023 का ड्राफ्ट; पीआरएस।

  • विषय-वार सीखने के परिणाम, मानक और सामग्री: एनसीएफ शिक्षा के प्रत्येक चरण के लिए उपलब्धि के मानकों के आधार के रूप में उदाहरणात्मक शिक्षण परिणाम प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, मध्य स्तर पर एनसीएफ संख्याओं और संख्याओं के समुच्चय को समझने को पाठ्यचर्या का लक्ष्य निर्धारित करता है। इसमें कहा गया है कि कंटेंट के जरिए बच्चे एक प्रॉब्लम को हल करने के कई रणनीतियों की खोज करें और ऐसी प्रॉब्लम्स को प्रोत्साहित किया जाए जिनके कई उत्तर हों। मूल्यांकन विधियों में मौखिक प्रश्न और प्रश्नपत्र शामिल हों।

  • शिक्षण का परिवेश: एनसीएफ स्कूलों में कुछ बुनियादी ढांचों की जरूरतों के बारे में बताता है जैसे कि बच्चों के लिए व्यवस्थित पुस्तकालय, और बच्चों के लिए ऐसी प्रयोगशालाएं जोकि स्कूल में पूरे समय खुली रहती हों।

 

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी

फेक न्यूज और ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने के लिए नियम अधिसूचित

Tanvi Vipra (tanvi@prsindia.org)

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियरीज़ के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया की आचार संहिता) नियम, 2021 (आईटी नियम) में संशोधनों को अधिसूचित किया है।[12],[13]  आईटी नियमों को सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट, 2000 (आईटी एक्ट) के तहत अधिसूचित किया गया था।[14] संशोधन फेक न्यूज और ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करते हैं। मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:  

  • झूठी सूचना: आईटी एक्ट इंटरमीडियरीज़ को थर्ड पार्टी के कंटेंट के उत्तरदायित्व से छूट प्रदान करता है (सेफ हार्बर), यदि वे कुछ शर्तों का अनुपालन करते हैं। 2021 के नियम इन शर्तों को स्पष्ट करते हैं। संशोधन में कहा गया है कि केंद्र सरकार की फैक्ट चेक यूनिट द्वारा केंद्र सरकार के कामकाज के बारे में किसी भी जानकारी को नकली, गलत या भ्रामक के रूप में चिन्हित किया जा सकता है। इंटरमीडियरीज़ को सेफ हार्बर का लाभ उठाने के लिए इस जानकारी को हटाना होगा। फैक्ट चेक यूनिट को मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। मुंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका के बाद सरकार ने कहा है कि वह 5 जुलाई, 2023 तक फैक्ट चेक यूनिट को अधिसूचित नहीं करेगी।[15] 

  • ऑनलाइन गेमिंग: बिल परिभाषित करता है कि ऑनलाइन रियल मनी गेम्स ऐसे खेल हैं जिनमें उपयोगकर्ता इस उम्मीद के साथ मनी (नकद या वस्तु) डिपॉजिट करते हैं कि वह उन्हें वापस मिल जाएगा। ऐसे खेलों की अनुमति है यदि वे गेमिंग सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी के जरिए वैरिफाइड हैं। इस सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी को मंत्रालय द्वारा नामित किया जाना चाहिए और इसके सदस्यों में गेमिंग उद्योग के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए। ऐसे खेलों के वैरिफिकेशन के मानदंडों में किसी परिणाम पर दांव नहीं लगाना और उपयुक्त आयु प्रतिबंध शामिल हैं।

  • गेमिंग इंटरमीडियरीज़ की शर्तें: ऑनलाइन गेम्स का एक्सेस देने वाले इंटरमीडियरीज़ को सेफ हार्बर का फायदा उठाने के लिए कुछ शर्तो का पालन करना होगा। अनुमत पात्र रियल मनी गेम्स खिलाने वाले ऐसे इंटरमीडियरीज़ को अतिरिक्त शर्तों का पालन करना होगा, जैसे (i) रेगुलेटरी बॉडी से मिले वैरिफिकेशन मार्क को प्रदर्शित करना, (ii) यूजर्स को विदड्रॉअल और रीफंड पॉलिसी और पहचान के सत्यापन के लिए केवाईसी प्रक्रिया की सूचना देना। संशोधन केंद्र सरकार को अधिकार देते हैं कि वे किसी भी ऑनलाइन गेमिंग इंटरमीडियरी को अतिरिक्त ड्यू डेलिजेंस का पालन करने का निर्देश दे सकती है। 

  • सेरोगेट विज्ञापन: सेफ हार्बर का लाभ उठाने के लिए इंटरमीडियरीज़ को निम्नलिखित का विज्ञापन हटाना/विज्ञापन सेरोगेट करना पड़ सकता है: (i) ऐसे ऑनलाइन गेम्स, जिनकी अनुमति नहीं है, या (ii) ऐसी इंटरमीडियरीज़, जो इन गेम्स को पेश करते हैं।

नियमों के ड्राफ्ट संशोधनों को जनवरी 2023 में पेश किया गया था। ड्राफ्ट नियमों पर पीआरएस के विश्लेषण को यहां पढ़ें।

सुशासन नियम, 2020 के लिए आधार प्रमाणीकरण में संशोधन पर टिप्पणियां आमंत्रित

Omir Kumar (omir@prsindia.org)

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सुशासन (समाज कल्याण, नवाचार, ज्ञान) नियम, 2020 के लिए आधार प्रमाणीकरण में ड्राफ्ट संशोधन जारी किए।[16],[17] नियमों के तहत कुछ संस्थाएं सुशासन और सेवा वितरण जैसे निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए आधार प्रमाणीकरण के उपयोग की अनुमति हेतु आवेदन कर सकती हैं।[18]  नियमों को आधार (वित्तीय और अन्य सबसिडी, लाभ और सेवाओं का लक्षित वितरण) एक्ट, 2016 (आधार एक्ट) के तहत अधिसूचित किया गया था।[19]  यह सुशासन और सबसिडी, लाभ और सेवाओं का लक्षित वितरण प्रदान करता है, जिसके लिए भारत की संचित निधि से व्यय किया जाता है।

ड्राफ्ट संशोधनों की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • आधार प्रमाणीकरण का उद्देश्य: नियमों के तहत केंद्र सरकार कुछ निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए संस्थाओं से अनुरोध करके आधार प्रमाणीकरण की अनुमति दे सकती है जैसे: (i) सुशासन सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग, (ii) नवाचार को सक्षम बनाना और ज्ञान का प्रसार, और (iii) सामाजिक कल्याण लाभों के अपव्यय की रोकथाम। संशोधन में कहा गया है कि केंद्र सरकार 'निवासियों के जीवन को आसान बनाने और उनके लिए सेवाओं तक बेहतर पहुंच को सक्षम करने' के लिए इस तरह के प्रमाणीकरण की अनुमति दे सकती है।

  • अनुरोध करने वाली संस्थाएं: आधार एक्ट के तहत, किसी भी अनुरोध करने वाली संस्था (एजेंसी या कोई भी व्यक्ति) को निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए प्रमाणीकरण करने की अनुमति दी जा सकती है। नियम कहते हैं कि मंत्रालय या विभाग जो निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करना चाहता है, वह केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकता है। केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास भेजती है। संशोधन में कहा गया है कि ऐसा मंत्रालय या विभाग केंद्र या राज्य सरकार का हो सकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि मंत्रालय या विभाग के अलावा कोई अन्य संस्था निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए और राज्य के हित में आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकती है।

5 मई, 2023 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।

 

पर्यावरण

Tanvi Vipra (tanvi@prsindia.org)

कोस्टल एक्वाकल्चर अथॉरिटी (संशोधन) बिल, 2023 लोकसभा में पेश

लोकसभा में कोस्टल एक्वाकल्चर अथॉरिटी (संशोधन) बिल, 2023 पेश किया गया।[20] यह बिल कोस्टल एक्वाकल्चर अथॉरिटी एक्ट, 2005 में संशोधन करता है।[21]   एक्ट तटीय एक्वाकल्चर को रेगुलेट करने के लिए एक कोस्टल एक्वाकल्चर अथॉरिटी की स्थापना करता है। तटीय एक्वाकल्चर नियंत्रित स्थिति में मछलियों को पालने और उनकी फार्मिग को कहा जाता है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • तटीय एक्वाकल्चर से संबंधित गतिविधियों का रेगुलेशन: एक्ट तटीय एक्वाकल्टर फार्म्स को रेगुलेट करता है जहां कई प्रकार की गतिविधियां होती हैं, जैसे खारे पानी में नियंत्रित स्थितियों में श्रिम्प, प्रॉन या दूसरे जलीय जीवों को पालना। बिल कहता है कि ऐसा कोई भी केंद्र जोकि तटीय एक्वाकल्चर या उससे संबंधित गतिविधि में शामिल है, उसे भी तटीय एक्वाकल्चर इकाई के तौर पर रेगुलेट किया जाएगा। संबंधित गतिविधियों में न्यूक्लस ब्रीडिंग सेंटर्स, हैचरीज़, ब्रूड स्टॉक मल्टीप्लिकेशन सेंटर्स और फार्म्स शामिल हैं। बिल ऐसी इकाइयों के पंजीकरण और रेगुलेशन का प्रावधान करता है।

  • निर्धारित संरक्षित क्षेत्रों में कुछ संबंधित गतिविधियों की अनुमति: एक्ट (i) हाई टाइड लाइन्स से 200 मीटर के भीतर और (ii) पर्यावरण (संरक्षण) एक्ट, 1986 के तहत तटीय विनियमन क्षेत्रों के भीतर खाड़ियों, नदियों और बैकवाटर्स में तटीय एक्वाकल्चर को प्रतिबंधित करता है। ये प्रतिबंध निम्नलिखित पर लागू नहीं होते: (i) ऐसे तटीय एक्वाकल्चर फार्म्स जो इन क्षेत्रों में 19 फरवरी, 1991 को मौजूद थे, और (ii) सरकारी शोध संस्थानों द्वारा संचालित गैर-वाणिज्यिक और प्रायोगिक फार्म्स। बिल निम्नलिखित में तटीय एक्वाकल्चर गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए इसे संशोधित करता है: (i) पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र या पहाड़ों, घाटियों या ज्वालामुखी जैसी भू-आकृतिक विशेषताएं, (ii) समुद्र में नो-डेवलपमेंट जोन्स और खाड़ियों, नदियों और बैकवॉटर्स में बफर जोन्स, और (iii) तटीय विनियमन क्षेत्रों में खाड़ियों, नदियों और बैकवाटर्स। संबंधित गतिविधियों को कुछ छूट दी गई है। उदाहरण के लिए: (i) नो-डेवलपमेंट जोम्स में हैचरीज़, न्यूक्लस ब्रीडिंग सेंटर्स और ब्रूड स्टॉक मल्टीप्लिकेशन सेंटर्स और फार्म्स की अनुमति होगी, और (ii) तटीय विनियमन क्षेत्रों में सीवीड कल्चर, पेन कल्चर, राफ्ट कल्चर और केज कल्चर गतिविधियों की अनुमति होगी। यह 16 दिसंबर, 2005 से लागू होगा।

बिल के पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें। 

 

ऊर्जा

Harshit Padia (harshit@prsindia.org)

केंद्रीय थर्मल उत्पादन इकाइयों, जिनके पीपीए समाप्त हो चुके हैं, से बिजली पूलिंग हेतु योजना अधिसूचित 

ऊर्जा मंत्रालय ने केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले उन कोयला और गैस आधारित बिजली उत्पादन स्टेशनों (जेनकोस) से बिजली एकत्र करने के लिए एक योजना अधिसूचित की है, जिनके बिजली खरीद समझौते (पीपीए) समाप्त हो गए हैं।[22]  ये संयंत्र 25 साल से पुराने हैं। इन जेनको ने बिजली आपूर्ति के लिए वितरण लाइसेंसधारियों (डिस्कॉम) के साथ दीर्घकालिक द्विपक्षीय समझौते किए थे। यह योजना डिस्कॉम के आवंटन और टैरिफ को निर्धारित करने के उद्देश्य से ऐसे सभी संयंत्रों की स्थापित क्षमता का एक सामान्य पूल बनाने का प्रयास करती है। पात्र जेनकोस की क्षमता इस पूल में जोड़ी जाएगी, जब उनका पीपीए समाप्त होगा। मंत्रालय ने कहा कि ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि ऐसी फ्रीड-अप क्षमता निष्क्रिय न रहे, जबकि पीक डिमांड और ग्रिड स्थिरता को पूरा करने के लिए पारंपरिक बिजली पर निरंतर निर्भर कायम है। इसमें कहा गया है कि ये संयंत्र परिचालन और रखरखाव की पद्धतियों में सुधार के साथ उच्च दक्षता से काम कर सकते हैं। इसके अलावा पूंजीगत व्यय की वसूली और पूरी तरह से मूल्यह्रास के साथ, ये संयंत्र प्रतिस्पर्धी दरों पर बिजली प्रदान कर सकते हैं। इस योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • कॉमन पूल से खरीद: ऊर्जा मंत्रालय डिस्कॉम्स की मांग के आधार पर उन्हें बिजली आवंटित करेगा। कॉमन पूल से बिजली खरीदने के लिए डिस्कॉम को कम से कम पांच साल का पीपीए करना होगा।

  • टैरिफ: कॉमन पूल से बिजली प्राप्त करने के लिए समान क्षमता शुल्क और ऊर्जा शुल्क देय होंगे।

  • अनावंटित बिजली का उपचार: भाग लेने वाले जेनको वैकल्पिक व्यवस्थाओं जैसे बिजली एक्सचेंजों के माध्यम से कॉमन पूल में अनावंटित बिजली का अपना हिस्सा बेच सकते हैं। उनके मौजूदा ईंधन आपूर्ति समझौतों का उपयोग ऐसी व्यवस्थाओं के माध्यम से आवंटित बिजली की आपूर्ति के लिए किया जा सकता है।

ड्राफ्ट बिजली (संशोधन) नियम, 2023 जारी

ऊर्जा मंत्रालय ने ड्राफ्ट बिजली (संशोधन) नियम, 2023 पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[23]  ड्राफ्ट नियम बिजली एक्ट, 2003 के तहत जारी बिजली नियम, 2005 में संशोधन करने का प्रयास करते हैं।[24],[25],[26],[27]  2005 के नियम बिजली व्यवस्था में विभिन्न संस्थाओं के कामकाज से संबंधित शर्तों को निर्दिष्ट करते हैं। प्रस्तावित मुख्य संशोधन निम्नलिखित हैं:

  • वित्तीय स्थिरता के लिए रूपरेखा: राज्य बिजली रेगुलेटरी आयोग टैरिफ का निर्धारण करते समय वितरण लाइसेंसधारियों के लिए नुकसान में कमी की ट्राजेक्टरी तय करते हैं। ड्राफ्ट नियमों में यह जोड़ने का प्रस्ताव है कि यह ट्राजेक्टरी राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत और किसी भी राष्ट्रीय योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित ट्राजेक्टरी के अनुसार होनी चाहिए।

  • ड्राफ्ट नियम यह भी कहते हैं कि स्वीकृत एटीएंडसी हानि कटौती रणनीति से किसी भी प्रकार के विचलन की स्थिति में अतिरिक्त लाभ होने पर, लाभ का दो तिहाई हिस्सा, टैरिफ के जरिए उपभोक्ताओं को दिया जाएगा और शेष लाइसेंसधारी को प्राप्त होगा। इसकी बजाय विचलन  की स्थिति में अगर अतिरिक्त नुकसान होता है तो उसका आधा लाइसेंसधारी द्वारा वहन किया जाएगा और शेष उपभोक्ताओं को वहन करना होगा। कुल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीएंडसी) हानि बिजली का वह अनुपात होता है जिसके लिए लाइसेंसधारक को कुल खरीदी गई बिजली का कोई भुगतान नहीं मिलता।

  • ड्राफ्ट नियमों के तहत राज्य आयोग को टैरिफ निर्धारित करते समय बिजली खरीद की सभी विवेकपूर्ण लागतों पर विचार करना होगा। वितरण प्रणाली के विकास और रखरखाव से संबंधित परिसंपत्ति निर्माण की पूरी लागत उपभोक्ताओं को देनी होगी।

  • सबसिडी की एकाउंटिंग: 2005 के नियमों में प्रावधान है कि बिजली के खुदरा वितरण के लिए सबसिडी का लेखा-जोखा वितरण लाइसेंसधारी द्वारा किया जाएगा। ड्राफ्ट नियमों में कहा गया है कि राज्य आयोग प्रत्येक वितरण लाइसेंसधारी के लिए एक त्रैमासिक रिपोर्ट जारी करेगा। इस रिपोर्ट में सबसिडी बिल, राज्य सरकार द्वारा भुगतान की गई सबसिडी और देय राशि का विवरण दिया जाना चाहिए। संबंधित तिमाही के अंत से 45 दिनों के भीतर रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए। राज्य आयोग सबसिडी और भुगतान के लिए बिल तैयार करने से संबंधित गैर-अनुपालन के लिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

 

पेट्रोलियम

Pratinav Damani (pratinav@prsindia.org)

कैबिनेट ने संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने संशोधित घरेलू प्राकृतिक गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दी।[28],[29]   ये दिशानिर्देश नए घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देश, 2014 में संशोधन करते हैं।[30]   नए दिशानिर्देश निम्नलिखित से उत्पादित गैस पर लागू होते हैं: (i) तेल और प्राकृतिक गैस निगम/ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओएनजीसी/ओआईएल) के नॉमिनेशन फील्ड्स, (ii) न्यू एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग नीति (एनईएलपी) ब्लॉक, और (iii) प्री-एनईएलपी ब्लॉक जहां प्रोडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट (पीएससी) को कीमतों के लिए सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होती है।

घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतों में अब भारतीय क्रूड बास्केट मूल्य का 10% शामिल होगा। 2014 के दिशानिर्देशों के तहत, घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतें भारतीय क्रूड बास्केट प्राइस का हिस्सा नहीं थीं। ओएनजीसी/ओआईएल द्वारा उत्पादित गैस के लिए प्रशासित मूल्य तंत्र (एपीएम) मूल्य क्रमशः $4/मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (MMBTU) और $6.5/ MMBTU के प्रारंभिक फ्लोर और सीलिंग मूल्य के अधीन होगा। सीमा को दो वित्तीय वर्षों तक बनाए रखा जाएगा और फिर प्रत्येक वर्ष $0.25/MMBTU तक बढ़ाया जाएगा।

नए कुओं या नॉमिनेशन फील्ड्स में कुओं के हस्तक्षेप से उत्पादित गैस (नामांकन के आधार पर ओएनजीसी/ओआईएल को दिए गए ब्लॉक) को एपीएम कीमतों के 20% प्रीमियम पर प्राइसिंग की अनुमति होगी जहां एपीएम की कीमतें फ्लोर और सीलिंग प्राइसिंग रेगुलेशन के अधीन हैं। एपीएम की कीमतों की गणना हर महीने इंडिया क्रूड बास्केट मूल्य की दैनिक कीमतों के औसत के रूप में की जाएगी। ये कीमतें मासिक आधार पर पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण (पीपीएसी) द्वारा घोषित की जाएंगी।

2014 के दिशानिर्देशों के तहत, कीमतों का निर्धारण चार गैस ट्रेडिंग हब: (i) हेनरी हब, (ii) अलबेना, (iii) नेशनल बैलेंसिंग पॉइंट (यूके) और (iv) रूस की मात्रा भारित कीमतों के आधार पर किया गया था। मंत्रालय के अनुसार, इस मूल्य निर्धारण संरचना में महत्वपूर्ण समय अंतराल था और यह अत्यधिक अस्थिर था। नए दिशानिर्देश गैस की कीमतों को भारतीय कच्चे तेल से जोड़ते हैं जो भारत की खपत टोकरी के लिए अधिक प्रासंगिक है।

 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

Siddharth Mandrekar Rao (siddharth@prsindia.org)

कैबिनेट ने राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 को मंजूरी दी।[31] औषधि और प्रसाधन सामग्री एक्ट, 1940 के अनुसार, चिकित्सा उपकरणों में उपचार, निदान और बीमारी की रोकथाम में उपयोग किए जाने वाले उपकरण शामिल हैं।[32]   2023 की नीति भारत के लिए विश्व चिकित्सा उपकरण बाजार का 10-12% हिस्सा हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित करती है, यानी 2030 तक इस क्षेत्र का आकार 11 बिलियन USD से बढ़ाकर 50 बिलियन USD किया जाए और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रणनीति तैयार करती है। इस नीति की प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • रेगुलेटरी सुव्यवस्था कायम करना: इसमें चिकित्सा उपकरणों के लाइसेंस के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस और मूल्य निर्धारण नियमों में संशोधन जैसे उपाय शामिल हैं।

  • निवेश: मेक इन इंडिया, आयुष्मान भारत और स्टार्ट-अप मिशन जैसी योजनाओं के माध्यम से इस क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाया जाएगा।

  • अवसंरचना: नीति औद्योगिक पार्कों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव करती है जो चिकित्सा उपकरणों का विकास और उत्पादन करते हैं। इन्हें राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स  नीति, 2021 के तहत लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी और सपोर्ट मिलेगा।

  • मानव संसाधन विकास: नीति में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की भागीदारी के माध्यम से इस क्षेत्र में कुशल श्रमबल को बढ़ाने का प्रस्ताव है। नीति का उद्देश्य चिकित्सा उपकरणों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाले शिक्षण संस्थानों में पाठ्यक्रमों के कार्यान्वयन का समर्थन करना भी है।

  • ब्रांड पोजिशनिंग और जागरूकता: रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत एक निर्यात संवर्धन परिषद विनिर्माण और कौशल विकास में सर्वोत्तम कार्य पद्धतियों का अध्ययन करेगी।

कैबिनेट कमिटी ने 157 नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी 

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मौजूदा मेडिकल कॉलेजों में ही 157 नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी है।[33] इससे हर साल नर्सिंग स्नातकों की संख्या में 15,700 की वृद्धि होने का अनुमान है।33   इन कॉलेजों की स्थापना को दो वर्षों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पहल के लिए कुल अनुमानित परिव्यय 1,570 करोड़ रुपए है।33

असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी रेगुलेशन अधिसूचित; सरोगेसी नियमों में ड्राफ्ट संशोधन जारी 

राष्ट्रीय असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी और सरोगेसी बोर्ड (राष्ट्रीय बोर्ड) ने असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) एक्ट, 2021 के तहत असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) रेगुलेशंस, 2023 को अधिसूचित किया है।[34],[35] 2021 का एक्ट एआरटी सेवाओं के रेगुलेशन का प्रावधान करता है। इसके तहत एआरटी सेवाएं ऐसी कोई भी तकनीक हैं जिसके जरिए मानव शरीर के बाहर स्पर्म या ओसाइट (अपरिपक्व एग सेल्स) को रखकर और एक महिला के रीप्रोडक्टिव सिस्टम में गैमेट या एंब्रेयो को ट्रांसफर करके गर्भधारण किया जाता है। उदाहरणों में गैमेट डोनेशन और इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन शामिल हैं। 2023 के रेगुलेशन निर्दिष्ट करते हैं कि ओसाइट को डोनर से उनकी सहमति से प्राप्त किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय बोर्ड ने सरोगेसी (रेगुलेशन) एक्ट, 2021 के तहत सरोगेसी रेगुलेशन, 2023 को भी अधिसूचित किया।[36],[37] एक्ट सेरोगेसी को रेगुलेट करता है, जिसे एक ऐसी कार्य पद्धति के रूप में परिभाषित किया है जिसमें एक महिला इच्छुक कपल/इच्छुक महिला के लिए बच्चे को गर्भ में धारण करती है और उसे जन्म देती है, और जन्म के बाद बच्चे के उन्हें देने के लिए राजी होती है। इच्छुक कपल वह है जिसकी मेडिकल स्थिति सेरोगेसी की जरूरत का संकेत देती है।37  इच्छुक महिला (भारतीय नागरिक या विधवा या 35 से 45 वर्ष के बीच की तलाकशुदा) भी सेरोगेसी को कमीशन कर सकती है।37   एक्ट के तहत, राज्य और केंद्र सरकारों को उन अधिकारियों को नियुक्त करना होगा, जोकि इच्छुक महिला या कपल को निर्धारित चिकित्सा शर्तों के आधार पर सरोगेसी के लिए पात्रता प्रमाणपत्र जारी करें।[38]   सरोगेसी रेगुलेशन, 2023 के तहत, ये अधिकारी एक्ट में निर्दिष्ट चिकित्सा स्थितियों के अतिरिक्त दूसरी स्थितियों को भी चिन्हित कर सकते हैं जिनके तहत किसी को सेरोगेसी के लिए पात्र माना जाए, और इन्हें मंजूरी के लिए राष्ट्रीय बोर्ड को भेज सकते हैं। रेगुलेशंस राष्ट्रीय और राज्य बोर्ड्स के लिए  प्रक्रियात्मक विवरण भी निर्दिष्ट करते हैं, जैसे कोरम और बैठकों के कार्यक्रम, जो अधिकारियों की समीक्षा करते हैं और एक्ट के कार्यान्वयन पर नजर रखते हैं। 

मंत्रालय ने सरोगेसी (रेगुलेशन) नियम, 2022 में ड्राफ्ट संशोधन प्रकाशित किए।[39]  2022 के नियम सरोगेसी (रेगुलेशन) एक्ट, 2021 के तहत अधिसूचित किए गए थे।37,[40]   नियम निम्नलिखित निर्दिष्ट करते हैं (i) सरोगेसी के लिए पात्रता प्रदान करने वाली चिकित्सा शर्तें, (ii) सेरोगेट कितने प्रयासों में भाग ले सकती है, इसकी सीमा तय करना, और (iii) सरोगेसी क्लीनिक में कर्मचारियों की आवश्यकताएं। ड्राफ्ट संशोधन भारतीय मूल के एक कपल को परिभाषित करता है जिनमें पत्नी और पति दोनों ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारक हैं।39 वे एक्ट की धाराओं के संदर्भों को भी स्पष्ट करते हैं।

ड्राफ्ट पर फीडबैक देने की आखिरी तारीख 11 मई, 2023 है।39

स्वच्छ स्ट्रीट फूड को बढ़ावा देने के लिए 100 फूड स्ट्रीट बनाई जाएंगी 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने 100 जिलों में 100 "फूड स्ट्रीट" विकसित करने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता करने का प्रस्ताव दिया है।[41] इस योजना का उद्देश्य स्ट्रीट फूड को सुरक्षित और स्वच्छ बनाना है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 100 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ प्रति फूड स्ट्रीट/जिला एक करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। यह सहायता राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रदान की जाएगी, जिसके तहत सभी राज्यों के लिए केंद्र और राज्य के वित्त पोषण का अनुपात 60:40 है। इसके विपरीत उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य को 90:10 के अनुपात में वित्त पोषण प्राप्त होगा।41,[42]

 

दूरसंचार

भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी (आपदा अलर्ट के लिए सेल ब्रॉडकास्टिंग सेवा) नियम, 2023 अधिसूचित

Omir Kumar (omir@prsindia.org)

संचार मंत्रालय ने भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी (आपदा अलर्ट के लिए सेल ब्रॉडकास्टिंग सेवा) नियम, 2023 को अधिसूचित किया है।[43]   नियमों को भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट, 1933 के तहत अधिसूचित किया गया है।[44]   नियमों की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं:

  • फोन निर्माताओं पर दायित्व: नियमों के लागू होने के छह महीने बाद, फोन निर्माताओं को स्मार्टफोन या फीचर फोन की बिक्री या निर्माण से पहले कुछ सुविधाओं को सुनिश्चित करना होगा। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में सेल ब्रॉडकास्ट मैसेज प्राप्त करने के लिए अनिवार्य सपोर्ट, (ii) कम से कम तीस सेकंड के लिए अलर्ट साउंड, वाइब्रेशन और लाइट की अवधि, और (iii) स्क्रीन पर सेल ब्रॉडकास्ट संदेशों को तब तक बनाए रखना जब तक कि प्रयोगकर्ता द्वारा उसे स्वीकार नहीं किया जाता। सेल ब्रॉडकास्ट एक परिभाषित क्षेत्र में एक ही समय में प्रसारण के एक तरीके से कई मोबाइल टेलीफोन उपयोगकर्ताओं को संदेश भेजने को कहा जाता है। इसके अलावा, नियमों के लागू होने के 12 महीनों के बाद सभी स्मार्टफोन या फीचर फोन में सेल ब्रॉडकास्ट संदेशों को प्राप्त करने और उन्हें ऑटोमैटिक तरीके से पढ़ने से संबंधित सपोर्ट होना चाहिए। संदेशों को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची के अनुसार सभी भाषाओं में भारतीय उच्चारण में पढ़ा जाना चाहिए, जोकि फीचर फोन की मेमेरी के अधीन होगा। 

  • मौजूदा स्मार्टफोन में सेल ब्रॉडकास्ट: मोबाइल फोन के निर्माता और ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलपर संविधान की आठवीं अनुसूची के अनुसार सभी भाषाओं में सेल ब्रॉडकास्ट संदेशों को प्राप्त करने और उन्हें ऑटोमैटिक रूप से पढ़ने की सुविधा प्रदान करने की संभावना तलाशेंगे। यह नियम लागू होने से चार साल पहले भारत में बेचे जाने वाले स्मार्टफोन पर लागू होगा। सभी निर्माता और डेवलपर नियमों के शुरू होने के छह महीने के भीतर इस दायित्व को पूरा करने का प्रयास करेंगे।

ट्राई ने उपग्रह संचार के लिए स्पेक्ट्रम के आवंटन पर विचार आमंत्रित किए

Saket Surya (saket@prsindia.org)

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने उपग्रह संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम के आवंटन पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[45]   उपग्रह संचार किसी भी संचार लिंक को संदर्भित करता है जिसमें कृत्रिम उपग्रहों का उपयोग शामिल होता है। उपग्रह संचार सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार के फ्रीक्वेंसी बैंड का उपयोग किया जाता है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) मोबाइल उपग्रह सेवाओं और नेविगेशन प्रणालियों के लिए 1-2 गीगाहर्ट्ज़ (GHz), (ii) मोबाइल उपग्रह सेवाओं, मौसम पूर्वानुमान और हवाई यातायात नियंत्रण के लिए 2-4 GHz, (iii) टेलीविज़न और रेडियो प्रसारण के लिए 4-8 GHz, (iv) डायरेक्ट-टू-होम टेलीविज़न प्रसारण और उपग्रह इंटरनेट सेवाओं के लिए 10-15 GHz, और (v) हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड के लिए 17-31 GHz।

जिन प्रमुख मुद्दों पर ट्राई ने विचार मांगे हैं, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) स्पेक्ट्रम के बैंड और उपग्रह संचार सेवाओं की मांग को पूरा करने के लिए जरूरी मात्रा, (ii) उच्च फ्रीक्वेंसी बैंड में एक्सक्लूसिव असाइनमेंट की जरूरत और संबंधित चुनौतियां, (iii) ब्लॉक साइज, न्यूनतम ब्लॉक साइज और एक्सक्लूसिव असाइनमेंट की स्थिति में प्रति बोलीदाता स्पेक्ट्रम की सीमा, (iv) क्या स्पेक्ट्रम की ट्रेडिंग, शेयरिंग और लीज़िंग की अनुमति दी जानी चाहिए और इसके लिए क्या व्यवस्था होनी चाहिए, और (v) नए प्रवेशकों के लिए प्रावधान, जिन्हें नीलामी प्रक्रिया में स्पेक्ट्रम हासिल नहीं हुए हों। 

टिप्पणियां 4 मई, 2023 तक आमंत्रित हैं।

 

विज्ञान एवं तकनीक

Harshit Padia (harshit@prsindia.org)

कैबिनेट ने नेशनल क्वांटम मिशन को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी दे दी है।[46]   मिशन का उद्देश्य भारत में क्वांटम कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास को गति देना है। इस तकनीक पर आधारित कंप्यूटर पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में बहुत तेजी से कुछ गणनाएं कर सकते हैं। मिशन निम्नलिखित के लिए सहायता प्रदान करेगा: (i) क्वांटम कंप्यूटरों का विकास, (ii) संचार का विकास, क्वांटम कंप्यूटिंग तकनीक का लाभ उठाने वाली नेविगेशन सेवाएं, और (iii) क्वांटम कंप्यूटरों के लिए सामग्रियों का डिजाइन और सिंथेसिस। क्वांटम कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संस्थानों में चार विषयगत हब स्थापित किए जाएंगे। आठ वर्षों में, यानी 2023-24 और 2030-31 के बीच मिशन पर कुल परिव्यय 6,003 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है।

 

अंतरिक्ष

Pratinav Damani (pratinav@prsindia.org)

कैबिनेट ने भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023 को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023 को मंजूरी दी।[47],[48]   इस नीति से अगले दशक में भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को एक रूपरेखा मिलने की उम्मीद है। अंतरिक्ष विभाग इस नीति के कार्यान्वयन की देखरेख करेगा और इसके लिए नोडल विभाग होगा। नीति की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • रेगुलेशन: भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) एक स्वायत्त सरकारी संगठन के रूप में कार्य करेगा, जिसे अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देने, उसका मार्गदर्शन करने, और उन्हें अधिकृत करने का अधिकार होगा। IN-SPACe समय-समय पर इसके लिए दिशानिर्देश और प्रक्रियाएं जारी करेगा। यह सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा अंतरिक्ष गतिविधियों के प्राधिकरण के लिए सिंगल विंडो एजेंसी होगी। IN-SPACe निम्नलिखित के लिए अनुमोदन देगा: (i) स्पेस ऑब्जेक्ट्स की स्थापना और संचालन, (ii) स्पेस वेहिकल्स की लॉन्चिंग और संचालन, (iii) लॉन्च पैड्स की स्थापना और संचालन, और (iv) रिकवरी या रिकवरी के बिना स्पेस ऑब्जेक्ट्स की योजनाबद्ध री-एंट्री। 

  • गैर सरकारी संस्थाएं: ये संस्थाएं: (i) स्पेस ऑब्जेक्ट्स, (ii) ग्राउंड-बेस्ड एसेट्स, और (iii) संबंधित सेवाएं जैसे संचार, रिमोट सेंसिंग, और नेविगेशन को स्थापित और संचालित करके अंतरिक्ष क्षेत्र में एंड-टू-एंड गतिविधियां करने में सक्षम होंगी।

  • इसरो: भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (इसरो) नई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों और एप्लिकेशंस के शोध और विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ प्रौद्योगिकियों, उत्पादों, प्रक्रियाओं और सर्वोत्तम प्रथाओं को भी साझा करेगा। पांच मीटर या उससे अधिक की ग्राउंड सैंपलिंग दूरी के लिए इसरो के रिमोट सेंसिंग उपग्रहों से डेटा को मुक्त और खुले आधार पर सुलभ बनाया जाएगा। इसरो मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने और अंतरिक्ष में मानव उपस्थिति को बनाए रखने के लिए एक दीर्घकालिक रोडमैप विकसित करने के लिए काम करेगा।

 

जनजातीय मामले

Tanvi Vipra (tanvi@prsindia.org)

उत्तर पूर्वी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना शुरू की गई

जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना- उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से जनजातीय उत्पादों के संवर्धन हेतु मार्केटिंग और रसद विकास शुरू की है।[49]  यह योजना आदिवासी शिल्पकारों का राजस्व बढ़ाने में सहायता करने का प्रयास करती है। योजना के क्रियान्वयन के लिए 143 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। यह योजना आदिवासी शिल्पकारों द्वारा बनाए गए उत्पादों के लिए इन्क्यूबेशन सपोर्ट, कौशल विकास, सोर्सिंग और खरीद सहायता, मार्केटिंग, परिवहन सहायता प्रदान करेगी और आदिवासी शिल्पकारों के उत्पादों के लिए प्रचार करेगी। यह जनजातीय कारीगर मेलों का आयोजन करके जनजातीय कारीगरों/उत्पादकों को सूचीबद्ध करने का भी प्रयास करेगी। उत्तर पूर्वी क्षेत्र के जनजातीय उत्पादों के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग लिंकेंज प्रदान किए जाएंगे।

 

शिपिंग

Tanvi Vipra (tanvi@prsindia.org)

ड्राफ्ट सागरमाला नवाचार और स्टार्टअप नीति जारी 

बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने सागरमाला नवाचार और स्टार्टअप नीति का ड्राफ्ट जारी किया है।[50]  यह नीति निम्नलिखित के लिए समुद्री स्टार्टअप्स को सहयोग देने के लिए एक इकोसिस्टम विकसित करने का प्रयास करती है: (i) क्षेत्र में तकनीकी आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना, (ii) उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाना, और (iii) रोजगार प्रदान करना। नीति की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • मैरीटाइम इनोवेशन हब: ये हब इनक्यूबेटर, एक्सीलरेटर, प्रोटोटाइप के लिए फैब्रिकेशन स्पेस और रेंटल को-वर्किंग स्पेस की सुविधाओं के साथ स्थापित किए जाएंगे। प्रारंभ में, बंदरगाहों, जलमार्गों और तटों के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र (आईआईटी मद्रास) इस तरह का पहला हब विकसित करेगा। निकट भविष्य में अन्य शैक्षणिक संस्थानों में इन केंद्रों को स्थापित किए जाने की उम्मीद है। नीति के तहत प्रस्तावित वित्तीय सहायता के अतिरिक्त उन्हें निवेश आकर्षित करना होगा।

  • फंडिंग सपोर्ट: स्टार्टअप्स के लिए वार्षिक वित्तीय सहायता एक शीर्ष समिति द्वारा तय की जाएगी और संशोधन के अधीन होगी। फंडिंग विभिन्न रूपों में उपलब्ध होगी जैसे: (i) सीड फंड स्कीम - न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद/सेवा बनाने के लिए 50 लाख रुपए तक, और (ii) तकनीकी पायलट अनुदान - प्रोपराइटरी टेक्नोलॉजी के व्यावसायीकरण के लिए 100 लाख रुपए तक। नीति स्टार्टअप्स के लिए पात्रता मानदंड और चयन प्रक्रिया को भी निर्दिष्ट करती है।

  • स्टार्टअप निगरानी और मूल्यांकन समूह: प्रत्येक हब स्टार्टअप निगरानी और मूल्यांकन समूह द्वारा शासित होगा जो स्टार्टअप नीति के संचालन, आवश्यक अनुमोदन हासिल करने, स्टार्टअप के लिए मूल्यांकन मानदंड स्थापित करने और मंत्रालय को नीतिगत पहल का सुझाव देने के लिए जिम्मेदार होगा।

  • शीर्ष समिति: एक समिति बनाई जाएगी जो कार्यक्रम को मार्गदर्शन और अनुमोदन प्रदान करेगी। समिति विभिन्न संस्थानों के हब्स की प्रगति की समीक्षा करेगी। समिति स्टार्टअप्स के लिए पात्रता और मूल्यांकन मानदंड भी निर्दिष्ट कर सकती है। इसमें दस सदस्य होंगे, जिसकी अध्यक्षता मंत्रालय के सचिव करेंगे।

  • सागरमाला स्टार्टअप पोर्टल: मंत्रालय को एक पोर्टल विकसित और कार्यान्वित करना होगा, जोकि स्टार्टअप संबंधी सभी गतिविधियों के लिए सिंगल विंडो सॉल्यूशन के तौर पर काम करेगा। इनमें प्रॉब्लम स्टेटमेंट्स को पब्लिश करना, एप्लिकेशन प्रोसेस और नॉलेज रिसोर्स शामिल हैं। 

 

गृह मामले

Siddharth Mandrekar Rao (siddharth@prsindia.org)

नगा समूहों के साथ युद्धविराम समझौतों को एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया

वर्तमान में भारत सरकार और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड/एनके (एनएससीएन/एनके), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड/रिफॉर्मेशन (एनएससीएन/आर) और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड/के-खांगो (एनएससीएन/के-खांगो) के बीच युद्धविराम समझौते किए गए हैं।[51]  इन समझौतों को 28 अप्रैल, 2023 से 27 अप्रैल, 2024 तक एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है।51

 

[1] Resolution of the Monetary Policy Committee (MPC), Reserve Bank of India, April 6, 2023, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR22B2D43114F3D24927ADCBA9B82B16387E.PDF.

[2] Consumer Price Index Numbers on Base 2012=100 for Rural, Urban and Combined for the Month of March 2023, Ministry of Statistics and Programme Implementation, April 12, 2023, https://www.mospi.gov.in/sites/default/files/press_release/CPI_PR_12apr23.pdf. 

[3] “Annual rate of inflation based on all India Wholesale Price Index (WPI) is 3.85% (Provisional) for the month of February, 2023 (over February, 2022) against 4.73% in January, 2023”, Press Information Bureau, Ministry of Commerce and Industry, March 14, 2023, https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1906661#:~:text=The%20rate%20of%20inflation%20based,2.76%25%20in%20February%2C%202023.

[4] The Competition (Amendment) Bill, 2022, Lok Sabha, http://164.100.47.4/BillsTexts/LSBillTexts/Asintroduced/185_2022_LS_Eng.pdf. 

[5] Report No. 52, ‘The Competition (Amendment) Bill, 2022, Standing Committee on Finance 2022-23, Lok Sabha.

[6] Fair Lending Practices, Reserve Bank of India, April 12, 2023, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/Content/PDFs/DRAFTCIRCULARFAIRLENDINGPRACTICE823CD342BD35488D88FDB167581EAA23.PDF. 

[7] RBI releases Draft Circular on Fair Lending Practice - Penal Charges in Loan Accounts, Reserve Bank of India, April 12, 2023, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR5647AFA1999E8142DB8FC7C7416347DDDD.PDF. 

[8] Framework for acceptance of Green Deposits, Reserve Bank of India, April 11, 2023, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/notification/PDFs/CIRCULARGREENDEPOSITS55FFC86E3BD94C4A8BFF8946C6C282EA.PDF. 

[9] “Ministry of Education invites suggestions on Draft National Curriculum Framework for School Education”, Press Information Bureau, Ministry of Education, April 6, 2023, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1914366. 

[10] “National Curriculum Framework for School Education 2023”, National Steering Committee for National Curriculum Frameworks, https://ncf.ncert.gov.in/webadmin/assets/b27f04eb-65af-467f-af12-105275251546. 

[11] National Education Policy, 2020, https://www.education.gov.in/sites/upload_files/mhrd/files/NEP_Final_English_0.pdf.

[12], CG-DL-E-06042023-244980, Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Amendment Rules, 2023, Ministry of Electronics and Information Technology, April 6, 2023, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/244980.pdf. 

[13] The Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021, Ministry of Electronics and Information Technology, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2021/Intermediary_Guidelines_and_Digital_Media_Ethics_Code_Rules-2021.pdf.  

[14] Information Technology Act, 2000, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1999/1/a2000-21.pdf. 

[15] Order, Kunal Kamra versus Union of India, Bombay High Court, WP(L) 9792 of 2023, April 27, 2023, https://bombayhighcourt.nic.in/generatenewauth.php?bhcpar=cGF0aD0uL3dyaXRlcmVhZGRhdGEvZGF0YS9vcmlnaW5hbC8yMDIzLyZmbmFtZT1GMjU2MDAwMDk3OTIyMDIzXzQucGRmJnNtZmxhZz1OJnJqdWRkYXRlPSZ1cGxvYWRkdD0yOC8wNC8yMDIzJnNwYXNzcGhyYXNlPTAxMDUyMzEzNTI1OCZuY2l0YXRpb249JnNtY2l0YXRpb249JmRpZ2NlcnRmbGc9WQ==. 

[16] Draft Aadhaar Authentication for Good Governance (Social Welfare, Innovation, Knowledge) Amendment Rules, 2023, Ministry of Electronics and Information Technology, https://www.meity.gov.in/writereaddata/files/Draft%20notification%20for%20amendment%20to%20Aadhaar%20Authentication%20for%20Good%20Governance%20Rules%202020%20%28Public%20Consulation%29.pdf. 

[17] “Government invites feedback on amendments to the Aadhaar Authentication for Good Governance Rules, 2020 to enable performance of Aadhaar authentication by entities other than Ministries and Departments of the Central Government and State Governments for prescribed purposes”, Ministry of Electronics and Information Technology, April 2023, https://www.meity.gov.in/writereaddata/files/Public%20Notice_MeitY%20Website.pdf. 

[18] The Aadhaar Authentication for Good Governance (Social Welfare, Innovation, Knowledge) Rules, 2020, https://www.meity.gov.in/writereaddata/files/AAGG%20Rules%20with%20proposed%20amendment%20text%20in%20color.pdf. 

[19] The Aadhaar (Targeted Delivery of Financial and Other Subsidies, Benefits and Services) Act, 2016, https://uidai.gov.in/images/Aadhaar_Act_2016_as_amended.pdf. 

[20] Coastal Aquaculture Authority (Amendment) Bill, 2023, as introduced in Lok Sabha, April 5, 2023, https://sansad.in/getFile/BillsTexts/LSBillTexts/Asintroduced/81_2023_LS_ENG45202321701PM.pdf?source=legislation. 

[21] Coastal Aquaculture Authority Act, 2005, https://caa.gov.in/uploaded/doc/Act-English.pdf. 

[22]“Scheme for Pooling of Tariff of those plants whose PPAs have expired.”, Press Information Bureau, Ministry of Power, April 20, 2023 https://powermin.gov.in/sites/default/files/webform/notices/Scheme_for_Pooling_of_Tariff_of_those_plants_whose_PPAs_have_expired.pdf.  

[23] Draft Electricity (Amendment) Rules, 2023, Ministry of Power, April 20, 2023, https://powermin.gov.in/sites/default/files/webform/notices/Seeking_comments_on_Draft_Electricity_amendment_rules.pdf. 

[24] The Electricity Rules, 2005, https://cea.nic.in/wp-content/uploads/legal_affairs/2020/09/Electricity-rules-2005.pdf. 

[25] The Electricity (Amendment) Rules, 2020, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2020/224061.pdf. 

[26] The Electricity (Amendment) Rules, 2022, http://www.forumofregulators.gov.in/Data/Reports/Electricity-(Amendment)-Rules-2022.pdf. 

[27] The Electricity Act, 2003, https://cercind.gov.in/Act-with-amendment.pdf. 

[28] “Cabinet approves revised domestic gas pricing guidelines.”, Press Information Bureau, April 6, 2023, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1914450.

[29] Review of New Domestic Gas Pricing Guidelines, 2014, eGazette, Ministry of Petroleum and Natural Gas, April 7, 2023, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/245017.pdf.

[30] New Domestic Gas Pricing Guidelines, 2014, Ministry of Petroleum and Natural Gas, October 25, 2014, http://petroleum.nic.in/sites/default/files/1NewNaturalGasPricingGuidelines.pdf.

[31] “Cabinet approves the Policy for the Medical Devices Sector”, Press Information Bureau, Ministry of Chemicals and Fertilizers, April 26, 2023, https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1919984. 

[32] The Drugs and Cosmetics Act, 1940, https://cdsco.gov.in/opencms/export/sites/CDSCO_WEB/Pdf-documents/acts_rules/2016DrugsandCosmeticsAct1940Rules1945.pdf.

[33] Cabinet approves establishment of 157 new nursing colleges at a cost of Rs. 1570 crores in co-location with existing medical colleges”, Press Information Bureau, Ministry of Health and Family Welfare, April 26, 2023, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1919987. 

[34] G.S.R. 269(E), Ministry of Health and Family Welfare, April 5, 2023, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/244935.pdf. 

[35] The Assisted Reproductive Technology (Regulation) Act, 2021, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2020/The%20Assisted%20Reproductive%20Technology%20(Regulation)%20Act,%202021.pdf.

[36] G.S.R. 270(E), Ministry of Health and Family Welfare, April 5, 2023, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/244934.pdf.

[37] The Surrogacy (Regulation) Act, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/232118.pdf. 

[38] Section 4 (iii) (a) (I), The Surrogacy (Regulation) Act, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/232118.pdf.

[39] G.S.R. 280(E), Ministry of Health and Family Welfare, April 5, 2023, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/245091.pdf.

[40] G.S.R. 460(E), Ministry of Health and Family Welfare, June 21, 2022, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2022/236719.pdf.

[41] “Ministry of Health proposes operationalizing of 100 Food Streets across the country to promote hygienic and safe food practices”, Press Information Bureau, Ministry of Health and Family Welfare, April 20, 2023, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1918262.

[42] Chapter 2, “Annual Report 2015-2016”, Ministry of Health and Family Welfare, https://main.mohfw.gov.in/sites/default/files/56987532145632566578.pdf. 

[43] Indian Wireless Telegraphy (Cell Broadcasting Service for Disaster Alerts) Rules, 2023, Ministry of Communications, April 6, 2023, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/245068.pdf. 

[44] The Indian Wireless Telegraphy Act, 1933, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/2396/1/A1933-17.pdf. 

[45] “Consultation Paper on Assignment of Spectrum for Space-based Communication Services”, Telecom Regulatory Authority of India, April 6, 2023, https://www.trai.gov.in/sites/default/files/CP_06042023.pdf. 

cd[46] “Cabinet approves National Quantum Mission to scale-up scientific & industrial R&D for quantum technologies,” Press Information Bureau, Department of Science and Technology, April 20, 2023, https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1917888 

[47] “Union govt approves Indian Space Policy 2023 to enhance role of Department of Space, boost ISRO's activities.”. News Service Division, All India Radio, April 7, 2023, https://newsonair.gov.in/News?title=Union-govt-approves-Indian-Space-Policy-2023-to-enhance-role-of-Department-of-Space%2C-boost-ISRO%26%2339%3Bs-activities&id=458949.

[48] Indian Space Policy 2023, Indian Space Research Organization, as accessed on April 27, 2023, https://www.isro.gov.in/media_isro/pdf/IndianSpacePolicy2023.pdf.

[49] “Shri Arjun Munda Union Minister of Tribal Affairs launches Central Sector Scheme “Marketing and Logistics Development for Promotion of Tribal Products from North Eastern Region (PTP-NER)” in Manipur today”, Press Information Bureau, Ministry of Tribal Affairs, April 18, 2023, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1917747. 

[50] Draft Sagarmala Innovation and Startup Policy, Ministry of Ports, Shipping and Waterways, April 10, 2023, https://shipmin.gov.in/sites/default/files/Draft%20Sagarmala%20lnnovation%20and%20Startup%20Policy.pdf. 

[51] “Ceasefire Agreements with National Socialist Council of Nagaland/NK, National Socialist Council of Nagaland/ Reformation and National Socialist Council of Nagaland/K-Khango extended”, Press Information Bureau, Ministry of Home Affairs, April 6, 2023,  https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1914388.

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