इस अंक की झलकियां
2023-24 में जीडीपी में 8.2% की वृद्धि
2023-24 में जीडीपी वृद्धि पिछले वर्ष (7%) से अधिक होने का अनुमान है। 2023-24 में मैन्यूफैक्चरिंग और निर्माण दोनों क्षेत्रों में 9.9% की वृद्धि हुई।
सेबी ने रियल-टाइम प्राइज़ डेटा शेयर करने के लिए मानदंड जारी किए
मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थान (जैसे स्टॉक एक्सचेंज) केवल प्रतिभूति बाजार के व्यवस्थित कामकाज या रेगुलेटरी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रियल टाइम प्राइज़ डेटा साझा कर सकते हैं।
आरबीआई ने फिनटेक क्षेत्र में सेल्फ रेगुलेटरी संगठनों (एसआरओ) के लिए फ्रेमवर्क अधिसूचित किया
फ्रेमवर्क में क्षेत्र के लिए एसआरओ के पात्रता मानदंड, दायरा और जिम्मेदारियां शामिल हैं। आरबीआई शीर्ष रेगुलेटर बना रहेगा। एसआरओ में शामिल होना अनिवार्य नहीं होगा लेकिन आरबीआई द्वारा इसे प्रोत्साहित किया जाएगा।
इरडाई ने स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र के लिए मास्टर सर्कुलर जारी किया
सर्कुलर स्वास्थ्य बीमा से संबंधित पिछले 55 रेगुलेशंस का स्थान लेता है। बीमाकर्ताओं को निम्नलिखित प्रदान करना होगा: (i) सभी श्रेणियों के व्यक्तियों के लिए बीमा उत्पाद, और (ii) प्रस्तावित पॉलिसी के मुख्य विवरण के साथ कस्टमर इनफॉरमेशन शीट।
आरबीआई ने परियोजना वित्त के लिए प्रूडेंशियल फ्रेमवर्क पर टिप्पणियां आमंत्रित कीं
ड्राफ्ट फ्रेमवर्क का उद्देश्य बैंकों जैसी रेगुलेटेड संस्थाओं द्वारा किए गए परियोजना वित्तपोषण को रेगुलेट करना है। फ्रेमवर्क ऐसी परियोजनाओं के लिए जोखिम सीमा, स्ट्रेस रेज़ोल्यूशन के लिए मानदंड और न्यूनतम प्रावधान राशि निर्धारित करता है।
ड्राफ्ट विस्फोटक बिल, 2024 पर टिप्पणियां आमंत्रित
ड्राफ्ट बिल विस्फोटक एक्ट, 1884 का स्थान लेने का प्रयास करता है। ड्राफ्ट बिल में मुख्य बदलावों में जुर्माना और दंडात्मक प्रावधानों में संशोधन और लाइसेंसिंग प्राधिकरण में बदलाव शामिल हैं।
बांध सुरक्षा रेगुलेशन जारी
राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण ने बांधों की निगरानी और निरीक्षण के संबंध में रेगुलेशंस जारी किए हैं। हवा और पानी के प्रवाह जैसे संकेतकों को मापने के लिए बांध के पास एक हाइड्रोमेटोरोलॉजिकल स्टेशन स्थापित किया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि आदर्श चुनाव आचार संहिता 16 मार्च, 2024 से 18वीं लोकसभा के चुनाव संपन्न होने तक लागू है। सरकार इस अवधि के दौरान भारतीय चुनाव आयोग की पूर्वानुमति के बिना प्रमुख नीतिगत निर्णय नहीं ले सकती। |
मैक्रोइकोनॉमिक विकास
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
2023-24 में जीडीपी 8.2% बढ़ी
2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) (2011-12 की स्थिर कीमतों पर) 8.2% बढ़ने का अनुमान है जो पिछले वर्ष (7%) से अधिक है। 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में सकल घरेलू उत्पाद में 7.8% की वृद्धि हुई, जो 2022-23 की चौथी तिमाही में 6.2% की वृद्धि से अधिक है।[1] 2023-24 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में जीडीपी 8.6% बढ़ी थी।
रेखाचित्र 1: जीडीपी में वृद्धि (%, वर्ष-दर-वर्ष)
नोट: 2020-21 (कोविड वर्ष) की पहली तिमाही में 23.1% के संकुचन के कारण 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि उच्च थी। स्रोत: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस।
आर्थिक क्षेत्रों में सकल घरेलू उत्पाद को सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) के संदर्भ में मापा जाता है। 2023-24 में मैन्यूफैक्चरिंग और निर्माण दोनों क्षेत्रों में 9.9% की वृद्धि होने का अनुमान है। इसके बाद वित्तीय सेवा क्षेत्र में 8.4% की वृद्धि होगी। 2023-24 में कृषि क्षेत्र में 1.4% की वृद्धि का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि जहां जीवीए में वृद्धि 7.2% अनुमानित है, वहीं जीडीपी वृद्धि 8.2% अनुमानित है। इसका कारण शुद्ध करों में 19.1% की वृद्धि है। जीडीपी की गणना जीवीए में शुद्ध कर को जोड़कर की जाती है।
तालिका 1: स्थिर कीमतों पर सभी क्षेत्रों में जीवीए में वृद्धि (%, वर्ष-दर-वर्ष)
क्षेत्र |
2020-21 |
2021-22 |
2022-23 |
2023-24 |
कृषि |
4.0% |
4.6% |
4.7% |
1.4% |
खनन |
-8.2% |
6.3% |
1.9% |
7.1% |
मैन्यूफैक्चरिंग |
3.1% |
10.0% |
-2.2% |
9.9% |
बिजली |
-4.2% |
10.3% |
9.4% |
7.5% |
निर्माण |
-4.6% |
19.9% |
9.4% |
9.9% |
व्यापार |
-19.9% |
15.2% |
12.0% |
6.4% |
वित्तीय सेवाएं |
1.9% |
5.7% |
9.1% |
8.4% |
लोक प्रशासन |
-7.6% |
7.5% |
8.9% |
7.8% |
जीवीए |
-4.1% |
9.4% |
6.7% |
7.2% |
जीडीपी |
-5.8% |
9.7% |
7.0% |
8.2% |
नोट: जीडीपी की गणना जीवीए में शुद्ध करों को जोड़कर की जाती है। शुद्ध करों में से सबसिडी को घटा दिया जाता है।
स्रोत: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस।
2023-24 की चौथी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन 4.9% बढ़ा
2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 4.9% बढ़ा, जबकि 2022-23 में इसी अवधि में 4.5% की वृद्धि हुई थी।[2],[3] 2023-24 की चौथी तिमाही में खनन में 4.9% की वृद्धि हुई, जबकि 2022-23 की इसी तिमाही में खनन में 6.9% की वृद्धि हुई थी। 2023-24 की चौथी तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग में 4.5% की वृद्धि हुई जबकि बिजली में 7.3% की वृद्धि हुई।
रेखाचित्र 2: आईआईपी में वृद्धि (%, वर्ष-दर-वर्ष)
स्रोत: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस
वित्त
सेबी ने थर्ड पार्टी के साथ रियल टाइम प्राइज़ डेटा साझा करने के लिए मानदंड जारी किए
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने थर्ड पार्टी को रियल टाइम प्राइज़ डेटा शेयर करने के मानदंडों से संबंधित एक सर्कुलर जारी किया।[4] सेबी ने कहा कि कुछ ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स वर्चुअल ट्रेडिंग सेवाएं या फैंटेसी गेम पेश करते हैं। इस तरह के गेम्स सूचीबद्ध कंपनियों के रियल टाइम शेयर प्राइज़ के उतार-चढ़ावों पर आधारित होते हैं। कुछ प्लेटफ़ॉर्म वर्चुअल स्टॉक पोर्टफोलियो के प्रदर्शन के आधार पर मौद्रिक प्रोत्साहन भी प्रदान करते हैं। सर्कुलर के अनुसार, मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों (जैसे स्टॉक एक्सचेंज) को रियल टाइम प्राइज़ डेटा थर्ड पार्टी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए। प्रतिभूति बाजार के व्यवस्थित कामकाज या रेगुलेटरी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, जरूरत पड़ने पर डेटा साझा किया जा सकता है। बाज़ार संस्थानों या मध्यस्थों को उन संस्थाओं के साथ एक समझौता करना होगा जिनके साथ वे रियल टाइम प्राइज़ डेटा शेयर करना चाहते हैं। इस तरह के समझौते में उन गतिविधियों को निर्दिष्ट किया जाना चाहिए जिनके लिए डेटा साझा किया जा रहा है, साथ ही प्रतिभूति बाजार के व्यवस्थित कामकाज के लिए इसकी आवश्यकता का औचित्य भी बताया जाना चाहिए। निवेशक शिक्षा और जागरूकता के लिए एक दिन के अंतराल पर मार्केट प्राइज़ डेटा शेयर किया जा सकता है।
आरबीआई ने फिनटेक क्षेत्र में सेल्फ-रेगुलेटरी संगठनों के लिए फ्रेमवर्क अधिसूचित किया
Pratinav Damani (pratinav@prsindia.org)
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फिनटेक क्षेत्र में सेल्फ-रेगुलेटरी संगठनों (एसआरओ) के लिए एक फ्रेमवर्क अधिसूचित किया।[5] एक फिनटेक कंपनी व्यवसायों और उपभोक्ताओं को वित्तीय उत्पादों की डिलीवरी के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करती है। वे किसी पारंपरिक वित्तीय संस्थान (जैसे बैंक) या किसी अन्य के साथ साझेदारी में काम कर सकते हैं। आरबीआई ने कहा कि सेल्फ-रेगुलेशन से फिनटेक उद्योग मानकों को निर्धारित कर सकेंगे और उनका पालन कर पाएंगे। फ्रेमवर्क की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
पात्रता और सदस्यता के मानदंड: एसआरओ के लिए आवेदक की न्यूनतम नेटवर्थ दो करोड़ रुपए होनी चाहिए। इसे आरबीआई द्वारा मान्यता मिलने के एक साल के भीतर या एसआरओ के रूप में परिचालन शुरू होने से पहले, जो भी पहले हो, हासिल किया जाना चाहिए। एसआरओ की शेयरधारिता विविध होनी चाहिए, जिसमें किसी भी इकाई (या मिलकर काम करने वाली संस्थाएं) के पास 10% से अधिक शेयर न हों। एसआरओ के सदस्यों में सभी आकारों, चरणों और गतिविधियों वाली संस्थाएं शामिल होनी चाहिए और उसे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना चाहिए। सदस्यता स्वैच्छिक होगी लेकिन आरबीआई फिनटेक को किसी मान्यता प्राप्त एसआरओ का सदस्य बनने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
एसआरओ की विशेषताएं: एसआरओ को आरबीआई की निगरानी में निष्पक्ष रूप से कार्य करना चाहिए। इसका लक्ष्य क्षेत्र का सतत विकास होना चाहिए और यदि आवश्यक हो, तो चरणबद्ध रेगुलेटरी अनुपालन के लिए एक आसान रास्ते की पहचान करनी चाहिए। अन्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) व्यापक सदस्यता समझौतों के माध्यम से क्षेत्र का वास्तविक प्रतिनिधित्व, (ii) किसी एक सदस्य या सदस्यों के समूह के प्रभाव से स्वतंत्र रूप से काम करना, (iii) सदस्यों के बीच विवादों के वैध मध्यस्थ के रूप में कार्य करना, और (iv) अपने सदस्यों को रेगुलेटरी प्राथमिकताओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना।
कार्य: एसआरओ के पास नियम और मानक बनाने के लिए वस्तुनिष्ठ और परामर्शात्मक प्रक्रियाएं होनी चाहिए। इसे उद्योग मानक और आधारभूत प्रौद्योगिकी मानक भी निर्धारित करने चाहिए। एसआरओ को क्षेत्र की निगरानी करने और अपवादों का पता लगाने और उजागर करने के लिए निरीक्षण उपायों को तैनात करना चाहिए। वे आचरण के मानक स्थापित कर सकते हैं और उल्लंघन के लिए जुर्माना लगा सकते हैं। एसआरओ को संस्थाओं को सदस्यों के रूप में प्रतिबंधित करने या हटाने का भी अधिकार है। उन्हें अपने सदस्यों के लिए एक शिकायत निवारण और विवाद समाधान ढांचा स्थापित करना चाहिए।
इरडाई ने स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के लिए मास्टर सर्कुलर जारी किया
Pratinav Damani (pratinav@prsindia.org)
भारतीय बीमा और रेगुलेटरी विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने स्वास्थ्य बीमा उत्पादों पर एक मास्टर सर्कुलर जारी किया।[6] मास्टर सर्कुलर पिछले 55 सर्कुलरों का स्थान लेता है और तुरंत प्रभावी होता है।[7] मौजूदा उत्पाद जो सर्कुलर के अनुपालन में नहीं हैं, उन्हें 30 सितंबर, 2024 तक अनुपालन करना होगा। मास्टर सर्कुलर की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
पेश किए जाने वाले बीमा उत्पादों के प्रकार: बीमाकर्ताओं को ग्राहकों को व्यापक विकल्प प्रदान करने के लिए उत्पाद पेश करने चाहिए। उन्हें निम्नलिखित की आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए: (i) सभी उम्र के लोग, (ii) सभी प्रकार की चिकित्सीय स्थितियां, (iii) पहले से मौजूद और पुरानी स्थितियां, (iv) चिकित्सकीय और उपचार की सभी प्रणालियां, और (v) सभी प्रकार के अस्पताल और स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता। प्रस्तावित बीमा उत्पाद निम्नलिखित कानूनों के अनुरूप होने चाहिए: (i) मानसिक स्वास्थ्य देखभाल एक्ट, 2017, (ii) सरोगेसी (रेगुलेशन) एक्ट, 2021, और (iii) एचआईवी और एड्स (रोकथाम और नियंत्रण) एक्ट, 2017।
दावों का निपटान: बीमाकर्ताओं को समयबद्ध तरीके से दावों के 100% कैशलेस निपटान का लक्ष्य रखना चाहिए। कैशलेस निपटान के अनुरोधों पर अनुरोध के एक घंटे के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए। ऐसे अनुरोधों को सक्षम करने के लिए, आवश्यक प्रणालियों को 31 जुलाई, 2024 तक लागू किया जाना चाहिए। अंतिम स्वीकृति अस्पताल से छुट्टी मिलने के तीन घंटे के भीतर दी जानी चाहिए। देरी के मामले में, ली गई कोई भी अतिरिक्त राशि बीमाकर्ता को शेयरधारक के फंड से वहन करनी होगी।
कस्टमर इनफॉरमेशन शीट: बीमाकर्ताओं को ग्राहकों को आईआरडीएआई द्वारा निर्धारित प्रारूप में कस्टमर इनफॉरमेशन शीट (सीआईएस) देनी होगी। सीआईएस किसी पॉलिसी की सभी विशेषताओं को सरल भाषा में समझाएगा। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) बीमा का प्रकार, (ii) बीमा राशि, (iii) एक्सक्लूजंस का सारांश, (iv) कटौती योग्य राशि, और (v) उप-सीमाएं।
बोर्ड द्वारा मंजूर नीति: बीमाकर्ताओं के पास निम्नलिखित पर बोर्ड-अनुमोदित नीतियां होनी चाहिए: (i) अंडरराइटिंग, और (ii) अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का पैनल बनाना। उनके पास सुस्पष्ट दावा निपटान प्रक्रियाएं होनी चाहिए।
आरबीआई ने परियोजना वित्त के लिए प्रूडेंशियल फ्रेमवर्क पर टिप्पणियां आमंत्रित कीं
Pratinav Damani (pratinav@prsindia.org)
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ड्राफ्ट निर्देश जारी किए हैं जो रेगुलेटेड संस्थाओं द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर, नॉन-इंफ्रास्ट्रक्चर और वाणिज्यिक रियल एस्टेट परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए एक फ्रेमवर्क प्रदान करते हैं।[8] रेगुलेटेड संस्थाओं में बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां शामिल हैं। ड्राफ्ट निर्देशों की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
परियोजना वित्त पोषण की शर्तें: परियोजना वित्त वित्त पोषण की एक विधि है जिसमें किसी परियोजना से राजस्व सृजन पुनर्भुगतान का स्रोत होता है और परियोजना स्वयं ऋण के लिए कोलेट्रल होती है। ऐसी परियोजनाओं में बिजली संयंत्र, खदानें और परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हो सकते हैं। ऐसी परियोजनाओं में निवेश के इच्छुक ऋणदाताओं के पास स्ट्रेस रेज़ोल्यूशन के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त उधारदाताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि: (i) संचालन शुरू होने की तारीख धन के वितरण से पहले दी गई है, (ii) परियोजना के पूरा होने के अनुपात में धन वितरित किया जाता है, और (iii) एक स्वतंत्र आर्किटेक्ट या इंजीनियर परियोजना के समापन के चरणों को सर्टिफाई करता है।
कंसोर्टियम द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं में एक्सपोज़र की सीमाएं होंगी। 1,500 करोड़ रुपए तक के कुल एक्सपोज़र वाली परियोजनाओं के लिए, प्रत्येक ऋणदाता के पास कुल एक्सपोज़र का कम से कम 10% से अधिक का एक्सपोज़र होना चाहिए। हायर एग्रीगेट एक्सपोज़र वाली परियोजनाओं के लिए, व्यक्तिगत एक्सपोज़र कम से कम 150 करोड़ रुपये या कुल एक्सपोज़र का 5%, जो भी अधिक हो, होना चाहिए।
स्ट्रेस रेज़ोल्यूशन: ऋणदाताओं से परियोजनाओं में स्ट्रेस की निगरानी की अपेक्षा की जाती है। क्रेडिट इवेंट्स की सूचना सेंट्रल रेपोज़िटरी ऑफ इनफॉरमेशन ऑन लार्ज क्रेडिट को दी जानी चाहिए। क्रेडिट इवेंट्स का अर्थ है: (i) वाणिज्यिक संचालन शुरू करने की तारीख में विस्तार की आवश्यकता, (ii) अतिरिक्त ऋण डालने की आवश्यकता, या (iii) परियोजना के शुद्ध वर्तमान मूल्य में कमी। क्रेडिट इवेंट के 30 दिनों के भीतर ऋणदाता द्वारा देनदार की समीक्षा की जानी चाहिए। परिणाम के आधार पर, एक रेजोल्यूशन प्लान लागू किया जा सकता है।
स्टैंडर्ड एसेट्स के लिए प्रावधान: ऋणदाताओं को स्टैंडर्ड एसेट्स (कुछ शर्तों के आधार पर 'स्टैंडर्ड' दर्जा प्राप्त ऋण) के लिए धन का प्रावधान करना आवश्यक होगा। निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए, बकाया धनराशि का 5% प्रावधान के रूप में रखा जाना चाहिए। एक बार परियोजना चालू हो जाने पर, कुछ शर्तों के अधीन, इस राशि को 2.5% और फिर 1% तक कम किया जा सकता है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) सभी उधारदाताओं के दायित्वों को कवर करने के लिए एक सकारात्मक शुद्ध परिचालन नकदी प्रवाह, और (ii) परिचालन शुरू होने की तारीख से उधारदाताओं के कुल दीर्घकालिक ऋण में 20% की कमी।
15 जून, 2024 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।[9]
कुछ विदेशी फंड्स में भारतीय म्यूचुअल फंड्स के निवेश पर परामर्श पत्र जारी
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारतीय म्यूचुअल फंड्स के विदेशी फंड्स में निवेश की सुविधा पर एक परामर्श पत्र जारी किया है जो अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा भारतीय प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।[10] वर्तमान में म्यूचुअल फंड कई विदेशी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) विदेशी स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार करने वाली भारतीय या विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी, (ii) इनवेस्टमेंट-ग्रेड मुद्रा बाजार उपकरण, (iii) इनवेस्टमेंट-ग्रेड सरकारी प्रतिभूतियां, और (iv) विदेशी बैंकों में अल्पकालिक जमा। वर्तमान फ्रेमवर्क स्पष्ट रूप से भारतीय म्यूचुअल फंड्स को उन विदेशी फंड्स में निवेश करने की अनुमति नहीं देता है जिन्होंने भारतीय प्रतिभूतियों में निवेश किया है। इस तरह कई म्यूचुअल फंड ऐसे विदेशी फंडों में निवेश करने से बचते हैं।
सेबी ने प्रस्ताव दिया है कि भारतीय म्यूचुअल फंड्स को भारतीय प्रतिभूतियों में निवेश के साथ विदेशी फंड्स में निवेश की अनुमति दी जानी चाहिए। हालांकि ऐसा एक्सपोज़र विदेशी फंड की शुद्ध संपत्ति के 20% तक सीमित होना चाहिए। अगर इस सीमा का उल्लंघन होता है और विदेशी फंड छह महीने के भीतर अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित नहीं करता है, तो भारतीय म्यूचुअल फंड को विदेशी फंड में अपना निवेश समाप्त करना होगा। निवेश का परिसमापन अगले छह महीनों के भीतर किया जाना चाहिए।
7 जून, 2024 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
वाणिज्य
Shrusti Singh (shrusti@prsindia.org)
ड्राफ्ट विस्फोटक बिल, 2024 सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सार्वजनिक प्रतिक्रियाओं के लिए विस्फोटक बिल, 2024 का ड्राफ्ट जारी किया।[11],[12] ड्राफ्ट बिल विस्फोटक एक्ट, 1884 का स्थान लेने का प्रयास करता है।[13] यह एक्ट व्यावसायिक उपयोग के लिए विस्फोटकों के निर्माण, कब्जे, उपयोग, बिक्री, परिवहन, आयात या निर्यात को रेगुलेट करता है। बिल के ड्राफ्ट में एक्ट के कई प्रावधानों को बरकरार रखा गया है। बिल के ड्राफ्ट में मुख्य बदलावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
लाइसेंस देना: एक्ट के अनुसार, विस्फोटकों का निर्माण, उपयोग, बिक्री, निर्यात या आयात करने के इच्छुक व्यक्तियों को लाइसेंस प्राधिकारी के पास लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। लाइसेंसिंग प्राधिकारी मुख्य विस्फोटक नियंत्रक या कोई अन्य निर्धारित प्राधिकारी होगा। बिल के ड्राफ्ट में यह प्रावधान बरकरार रखा गया है। इसमें कहा गया है कि लाइसेंसिंग प्राधिकारी एक निर्धारित अवधि के लिए लाइसेंस दे सकता है। लाइसेंस में विस्फोटकों की मात्रा निर्दिष्ट होनी चाहिए जिसे लाइसेंसधारी निर्माण, बिक्री, परिवहन, आयात या निर्यात कर सकता है। मुख्य विस्फोटक नियंत्रक या अन्य निर्धारित प्राधिकारी ड्राफ्ट बिल के तहत लाइसेंसिंग प्राधिकारी होंगे।
अपराध के लिए सजा: ड्राफ्ट बिल में विभिन्न अपराधों के लिए जुर्माना बढ़ाया गया है। उदाहरण के लिए, विस्फोटकों के अवैध निर्माण, आयात या निर्यात पर अधिकतम जुर्माना पांच हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है।
जल संसाधन
Arpita Mallick (arpita@prsindia.org)
राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण ने बांध सुरक्षा और निगरानी पर रेगुलेशन जारी किए
राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण ने निर्दिष्ट बांधों की निगरानी, निरीक्षण और हाइड्रोमेटोरोलॉजिकल स्टेशन रेगुलेशन, 2024 जारी किया।[14] ये रेगुलेशन सुरक्षा उद्देश्यों के लिए बांधों और जल प्रवाह संकेतकों की निगरानी से संबंधित हैं। ये नियम उन बांधों को कवर करते हैं जो: (i) 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले, या (ii) बांध सुरक्षा एक्ट, 2021 के तहत उल्लिखित कुछ संरचनात्मक विशिष्टताओं के साथ 10 से 15 मीटर के बीच हैं।[15] मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
बांधों की निगरानी: प्रत्येक राज्य बांध सुरक्षा संगठन (एसडीएसओ) अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी बांधों की निरंतर निगरानी रखेगा। बांधों की निगरानी और उनकी निरंतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांध सुरक्षा एक्ट, 2021 के तहत एसडीओ की स्थापना की गई है। बांध के ढांचे में दरारें, रिसाव या उपकरण से संबंधित किसी भी समस्या जैसी किसी भी विसंगति का निरीक्षण करने के लिए निगरानी की आवश्यकता होती है।
रेगुलेशंस में प्रावधान है कि एसडीएसओ को निर्दिष्ट समय पर बांध का निरीक्षण करना चाहिए। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) मानसून से पहले और बाद में निरीक्षण, (ii) बैराजों के लिए 50 वर्ष के रिटर्न पीरियड में प्रत्येक एक बाढ़ के दौरान या उसके बाद तथा बांधों के लिए 100 वर्ष के रिटर्न पीरियड में प्रत्येक एक बाढ़ के दौरान या उसके बाद, और (iii) भूकंप या किसी प्राकृतिक आपदा के बाद।
हाइड्रोमेटोरोलॉजिकल स्टेशन: बांध के आसपास एक हाइड्रोमेटोरोलॉजिकल स्टेशन स्थापित किया जाना चाहिए। वे वर्षा, जल स्तर और निर्वहन, तापमान और हवा के वेग और दिशा को मापने के लिए जिम्मेदार होंगे। इन संकेतकों को दिन में कम से कम एक बार मापा जाएगा। आवश्यक उपकरण बांध स्थल पर या बांध के तटबंध से 250 मीटर के दायरे में रखे जाएंगे। बांध मालिकों से इनफ्लो के पूर्वानुमान और बाढ़ की चेतावनी के लिए एक उपकरण नेटवर्क स्थापित करने की भी अपेक्षा की जाती है।
[1] Press Note on Provisional Estimates of Annual GDP for 2023-24 and Quarterly Estimates of GDP for Q4 of 2023-24, National Statistical Office, Ministry of Statistics and Programme Implementation, May 31, 2024, https://www.mospi.gov.in/sites/default/files/press_release/PressNoteGDP31052024.pdf.
[2] India's Index of Industrial Production grows by 4.9 % in March 2024, Ministry of Statistics and Programme Implementation, May 10, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2020239.
[3] Statement I: Index of Industrial Production - Sectoral, Ministry of Statistics and Programme Implementation, https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2023/may/doc2023512197401.pdf.
[4] Norms for sharing of real time price data to third parties, Securities and Exchange Board of India, May 24, 2024, https://www.sebi.gov.in/legal/circulars/may-2024/norms-for-sharing-of-real-time-price-data-to-third-parties_83572.html.
[5] Framework for Self-Regulatory Organisation(s) in the FinTech Sector, RBI, May 30, 2024, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PublicationReport/Pdfs/SRO30052024F5B5DF1DE3C8145A8AC7AD7F14C5F604C.PDF.
[6] Master Circular on Health Insurance Business, IRDAI, May 29, 2024, https://irdai.gov.in/documents/37343/365525/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A5%8D%E0%A4%AF+%E0%A4%AC%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A4%BE+%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AF+%E0%A4%AA%E0%A4%B0+%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%B0+%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0+_+Master+Circular++on+Health++Insurance+Business++29052024.pdf/5e707a91-b5de-1ec1-cf18-b66273a6839d?version=1.0&t=1716962621002.
[7] Annexures to Master Circular on Health Insurance Business, IRDAI, May 29, 2024, https://irdai.gov.in/documents/37343/991022/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A5%8D%E0%A4%AF+%E0%A4%AC%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A4%BE+%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AF+%E0%A4%AA%E0%A4%B0+%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%B0+%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0+29052024+%E0%A4%95%E0%A4%BE+%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%AC%E0%A4%82%E0%A4%A7+_+Annexure+to+Master+circualr+on+Health+Insurance+Business+29052024.pdf/e65501d8-2731-6f5c-aaed-658f961289e1?version=1.0&t=1716962361813&download=true.
[8] Reserve Bank of India - Prudential Framework for Income Recognition, Asset Classification and Provisioning pertaining to Advances - Projects Under Implementation, Directions, 2024, RBI, May 3, 2024, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/Content/PDFs/DRAFTPRUDENTIALFRAMEWORKFORIRACP2D1F0D1A32D1442F989223014E803B05.PDF.
[9] RBI releases draft guidelines on ‘Prudential Framework for Income Recognition, Asset Classification and Provisioning pertaining to Advances - Projects Under Implementation’, RBI, May 3, 2024, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR244PRUDENTIALFRAMEWORKF8F044FAC0264AF4BBC62373DF5B945A.PDF.
[10] Consultation paper on facilitating investments by Indian Mutual Funds in such overseas funds that invest certain portion of their assets in Indian securities, Securities and Exchange Board of India, May 17, 2024, https://www.sebi.gov.in/reports-and-statistics/reports/may-2024/consultation-paper-on-facilitating-investments-by-indian-mutual-funds-in-such-overseas-funds-that-invest-certain-portion-of-their-assets-in-indian-securities_83443.html.
[11] Note for Public, Stakeholder Consultation for seeking comments/suggestions on the proposal for Repeal of the Explosives Act 1884, April 15, 2024, https://dpiit.gov.in/sites/default/files/note_StakeholderConsultation_15April2024.pdf.
[12] Note for Public and Stakeholder Consultation for seeking comments/suggestions on the proposal for Repeal of the Explosives Act, 1884 and introduction of the Explosives Bill, 2024, April 29, 2024, https://dpiit.gov.in/sites/default/files/Note_for_Public_Explosive_Dated_29-04-2024.pdf.
[13] The Explosives Act, 1884, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/15371/1/the_explosives_act%2C_1884.pdf.
[14] Surveillance, Inspection and Hydrometeorological Station of Specified Dams Regulation, 2024, National Dam Safety Authority, May 28, 2024, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2024/254406.pdf.
[15] The National Dam Safety Act, 2021, https://cdnbbsr.s3waas.gov.in/s3a70dc40477bc2adceef4d2c90f47eb82/uploads/2023/01/2023011887.pdf.
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