इस अंक की झलकियां
2024-25 की दूसरी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति 4.2%
सीपीआई मुद्रास्फीति पिछले वर्ष की समान तिमाही (6.4%) से कम थी। 2024-25 की दूसरी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति औसतन 6.8% रही और अगस्त (5.7%) की तुलना में सितंबर महीने (9.2%) में इसमें काफी वृद्धि हुई।
सर्वोच्च न्यायालय ने बांग्लादेश से असम आए प्रवासियों के लिए नागरिकता संबंधी कानून को बरकरार रखा
न्यायालय ने माना कि असम के लिए एक अलग प्रावधान उचित वर्गीकरण पर आधारित था। यह भी माना गया कि कानून में कट-ऑफ तारीखें ऐतिहासिक परिस्थितियों पर आधारित हैं, और इस प्रकार यह मनमाना प्रावधान नहीं है।
सर्वोच्च न्यायालय ने औद्योगिक अल्कोलहल को रेगुलेट करने के राज्यों के अधिकार को बरकरार रखा
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि नशीली शराब में पीने योग्य शराब के अलावा अन्य शराब भी शामिल हो सकती है। यह भी माना कि संसद नशीली शराब के उद्योग को नियंत्रित करने के लिए कानून नहीं बना सकती।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने पीएम इंटर्नशिप योजना के लिए दिशानिर्देश जारी किए
पायलट प्रोजेक्ट के दिशानिर्देशों में कंपनियों के लिए मानदंड, इंटर्नशिप की अवधि, इंटर्नशिप के लिए पात्रता, इंटर्न को लाभ और कंपनियों द्वारा सीएसआर फंड के उपयोग को निर्दिष्ट किया गया है।
खेल मंत्रालय ने खेल प्रशासन पर ड्राफ्ट बिल जारी किया
ड्राफ्ट बिल भारत में एक रेगुलेटरी बोर्ड की स्थापना करता है। यह बोर्ड राष्ट्रीय ओलंपिक समिति, राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति और विभिन्न खेलों के राष्ट्रीय खेल महासंघों को मान्यता प्रदान करेगा।
कैबिनेट ने मौजूदा कृषि योजनाओं को सुसंगठित करने को मंजूरी दी
कैबिनेट ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं को दो व्यापक योजनाओं में सुसंगठित करने को मंजूरी दी है।
कैबिनेट ने मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दी
सभी कल्याणकारी योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल की मुफ्त आपूर्ति दिसंबर 2028 तक जारी रहेगी।
कैबिनेट ने अंतरिक्ष आधारित स्टार्टअप्स के लिए 1,000 करोड़ रुपए की फंडिंग को मंजूरी दी
इस धनराशि का उपयोग पांच वर्षों में किया जाएगा। इसकी प्रारंभिक अवधि 2025-26 है। इसका लक्ष्य करीब 40 अंतरिक्ष-आधारित स्टार्टअप्स को लाभ पहुंचाना है।
राष्ट्रीय विद्युत योजना (ट्रांसमिशन) 2022-32 के लिए अधिसूचित
राष्ट्रीय विद्युत योजना के अनुसार, 2022-32 में 1.91 लाख सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ने की योजना है।
मैक्रोइकोनॉमिक विकास
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
2024-25 की दूसरी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति 4.2%
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 4.2% रही जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 6.4% की दर से कम है।[1] 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सीपीआई मुद्रास्फीति 4.9% थी।
2024-25 की दूसरी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति औसतन 6.8% रही। यह 2023-24 की इसी तिमाही में 9.4% की खाद्य मुद्रास्फीति की तुलना में कम थी। 2024-25 की पहली तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति 8.9% थी।
2024-25 की दूसरी तिमाही में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति 1.8% थी जो पिछले वर्ष की समान तिमाही (-0.6%) से अधिक है।[2] 2024-25 की पहली तिमाही में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति औसतन 2.5% थी।
रेखाचित्र 1: 2024-25 की पहली तिमाही में मासिक मुद्रास्फीति (% परिवर्तन, वर्ष-दर-वर्ष)
स्रोत: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय; पीआरएस।
रेपो रेट 6.5% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पॉलिसी रेपो रेट (जिस दर पर आरबीआई बैंकों को ऋण देता है) को 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया है।[3] समिति के अन्य निर्णयों में निम्नलिखित शामिल हैं:
स्टैंडिंग डिपॉजिट फेसिलिटी रेट (जिस दर पर आरबीआई कोलेट्रल दिए बिना बैंकों से उधार लेता है) को 6.25% पर बरकरार रखा गया है।
मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (जिस दर पर बैंक अतिरिक्त धन उधार ले सकते हैं) और बैंक रेट (जिस दर पर आरबीआई बिल्स ऑफ एक्सचेंज को खरीदता है) को 6.75% पर बरकरार रखा गया है।
एमपीसी ने समायोजन की वापसी पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है। इससे यह सुनिश्चित होने की उम्मीद है कि विकास को समर्थन देते हुए मुद्रास्फीति उत्तरोत्तर 4% के लक्ष्य के अनुरूप हो।
कॉरपोरेट मामले
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के पायलट के लिए दिशानिर्देश जारी
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना- पायलट प्रोजेक्ट के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।[4] इस योजना की घोषणा 2024-25 के बजट में की गई थी और इसका लक्ष्य पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देना है। 1.25 लाख इंटर्नशिप देने के लक्ष्य के साथ 2024-25 के लिए योजना का एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
कंपनियों के मापदंड: इंटर्नशिप की पेशकश के लिए पिछले तीन वर्षों में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) पर उनके औसत व्यय के आधार पर शीर्ष 500 कंपनियों का चयन किया गया है। अन्य कंपनियां मंत्रालय से मंजूरी लेकर इस योजना में भाग ले सकती हैं।
अवधि: इंटर्नशिप की अवधि 12 महीने होनी चाहिए। इसका कम से कम आधा हिस्सा वास्तविक कार्य अनुभव/कार्य के माहौल पर खर्च किया जाना चाहिए।
इंटर्नशिप के लिए पात्रता: 21 से 24 वर्ष की आयु के उम्मीदवार इंटर्नशिप पाने के पात्र होंगे। वे पूर्णकालिक रोजगार या पूर्णकालिक शिक्षा में संलग्न नहीं होने चाहिए। हालांकि ऑनलाइन/दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों में नामांकित उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र हैं। निम्नलिखित व्यक्ति योजना के लिए पात्र नहीं हैं: (i) आईआईटी, आईआईएम और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ जैसे संस्थानों से ग्रैजुएट्स, (ii) प्रोफेशनल क्वालिफिकेशंस या मास्टर डिग्री वाले व्यक्ति, और (iii) 2023-24 में 8 लाख रुपए से अधिक वार्षिक आय वाले परिवारों से संबंधित लोग।
इंटर्न्स को लाभ: इंटर्न्स को 5,000 रुपए की मासिक सहायता का भुगतान किया जाएगा। कंपनी अपने सीएसआर फंड से इंटर्न को हर महीने 500 रुपए देगी। इसके बाद केंद्र सरकार उम्मीदवार को शेष 4,500 रुपए का भुगतान करेगी। इंटर्नशिप लोकेशन में ज्वाइन करने पर इंटर्न को केंद्र सरकार से 6,000 रुपए का एकमुश्त अनुदान भी मिलेगा।
सीएसआर फंड्स का उपयोग: कंपनियां अपने सीएसआर फंड से इंटर्न्स के प्रशिक्षण पर खर्च करेंगी। इसके अलावा योजना के तहत किए गए सीएसआर व्यय का 5% तक कंपनी द्वारा प्रशासनिक लागत के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
कानून एवं न्याय
Rutvik Upadhyaya (rutvik@prsindia.org)
सर्वोच्च न्यायालय ने बांग्लादेश से असम आने वाले प्रवासियों के लिए नागरिकता के प्रावधान बरकरार रखे
4:1 के बहुमत के साथ सर्वोच्च न्यायालय ने नागरिकता एक्ट, 1955 के उस प्रावधान को बरकरार रखा, जो बांग्लादेश से असम में आने वाले प्रवासियों के लिए एक अलग नागरिकता मानदंड प्रदान करता है।[5],[6] इस प्रावधान के अनुसार, भारतीय मूल का कोई भी व्यक्ति: (i) जिसने 1 जनवरी, 1966 से पहले बांग्लादेश से असम में प्रवेश किया था, और (ii) तब से आमतौर पर असम में रह रहा है, वह एक भारतीय नागरिक है। हालांकि 1 जनवरी, 1966 के बाद और 25 मार्च, 1971 से पहले प्रवास करने वाले व्यक्ति को विदेशी के रूप में पहचाने जाने की तारीख से 10 वर्ष पूरा होने पर नागरिकता प्रदान की जाएगी। पंजीकरण होने पर उसे भारतीय नागरिक माना जाएगा लेकिन उसका नाम मतदाता सूची से 10 वर्ष के लिए हटा दिया जाएगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने जिन मुख्य सवालों की जांच की, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) संसद के पास इस तरह का कानून पारित करने की क्षमता है, (ii) असम के लिए अलग प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है, और (iii) प्रावधान के तहत कट-ऑफ तारीखें मनमानी हैं।
न्यायालय ने फैसला सुनाया कि संसद के पास नागरिकता पर कोई भी कानून पारित करने की क्षमता है। यह क्षमता प्रश्नगत प्रावधान को कानून बनाने तक विस्तारित है। न्यायालय ने यह भी फैसला सुनाया कि एक्ट के तहत असम के लिए एक अलग प्रावधान समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14) का उल्लंघन नहीं करता है।[7] प्रवासियों की आमद से असम में बनी अनोखी राजनीतिक स्थिति के आधार पर असम और शेष भारत को अलग किया जाता है। न्यायालय ने यह भी कहा कि इस प्रावधान के तहत कट-ऑफ तारीखें मनमानी नहीं हैं क्योंकि वे विशिष्ट ऐतिहासिक घटनाओं और परिस्थितियों पर आधारित हैं।
व्यापार एवं वाणिज्य
Shrusti Singh (shrusti@prsindia.org)
सर्वोच्च न्यायालय ने औद्योगिक अल्कोहल को रेगुलेट करने के राज्यों के अधिकार को बरकरार रखा
सर्वोच्च न्यायालय की नौ न्यायाधीशों की पीठ ने सात न्यायाधीशों की एक पिछली पीठ के फैसले को पलट दिया और डीनेचर्ड स्पिरिट या औद्योगिक अल्कोहल को रेगुलेट करने के राज्यों के अधिकार को बरकरार रखा।[8] संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची II के तहत, राज्यों को नशीली शराब के उत्पादन, निर्माण, कब्जे, परिवहन, खरीद और बिक्री को रेगुलेट करने का अधिकार है।[9]
न्यायालय विभिन्न प्रकार की शराब के रेगुलेशन और टैक्सेशन के संबंध में संघ और राज्यों के बीच शक्ति विभाजन की समीक्षा कर रहा था। न्यायालय ने जांच की कि क्या सार्वजनिक हित में उद्योगों पर संघ का नियंत्रण (सूची I की प्रविष्टि 52) राज्यों के नशीली शराब को रेगुलेट करने के अधिकार (सूची II की प्रविष्टि 8) से अधिक है। न्यायालय ने माना कि संविधान राज्यों को कच्चे माल के स्तर से लेकर उपभोग तक नशीली शराब को रेगुलेट करने का अधिकार देता है। उसने कहा कि संसद नशीली शराब के उद्योग को रेगुलेट करने के लिए कानून नहीं बना सकती। ऐसा करने से राज्य ऐसे उद्योग को रेगुलेट करने की अपनी विशेष विधायी क्षमता खो देंगे।
न्यायालय ने एक अन्य प्रश्न की जांच की कि क्या नशीली शराब में पीने योग्य शराब के अलावा अन्य शराब भी शामिल है। यह माना गया कि सूची II की प्रविष्टि 8 के तहत नशीली शराब में सभी अल्कोहल शामिल हैं जिनका उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य की क्षति के लिए हानिकारक रूप से किया जा सकता है। इसमें पीने योग्य अल्कोहल और अन्य उत्पादों के उत्पादन में उपयोग की जाने वाली रेक्टिफाइड स्पिरिट और औद्योगिक स्पिरिट (मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त) शामिल हैं।
कृषि
Shrusti Singh (shrusti@prsindia.org)
कैबिनेट ने सतत कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए योजनाओं के सुसंगठन को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत सभी मौजूदा केंद्र प्रायोजित योजनाओं को दो प्रमुख योजनाओं में सुसंगठित करने को मंजूरी दी: (i) प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई), और (i) कृष्णोन्नति योजना।[10]
सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए 57,075 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ पीएम-आरकेवीवाई को लागू किया जाएगा। पीएम-आरकेवीवाई के तहत कुछ योजनाओं में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, (ii) वर्षा आधारित क्षेत्र विकास, (iii) कृषि वानिकी, और (iv) कृषि मशीनीकरण। राज्य सरकारों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार एक घटक से दूसरे घटक में धनराशि को पुनः आवंटित करने की सुविधा होगी।
कृष्णोन्नति योजना का लक्ष्य 44,247 करोड़ रुपए के प्रस्तावित परिव्यय के साथ आत्मनिर्भरता के लिए खाद्य सुरक्षा प्राप्त करना होगा।
कैबिनेट ने तिलहन उत्पादन मिशन को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन (एनएमईओ-तिलहन) को मंजूरी दे दी।[11] मिशन को 2024-25 से 2030-31 के बीच 10,103 करोड़ रुपए के प्रस्तावित आवंटन के साथ लागू किया जाएगा। मिशन का लक्ष्य प्राथमिक तिलहन फसलों का उत्पादन 2022-23 में 39 मिलियन टन से बढ़ाकर 2030-31 तक 70 मिलियन टन करना है। इनमें रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और तिल शामिल हैं। 2023-24 में घरेलू खाद्य तेल उत्पादन 12 मिलियन टन होने का अनुमान है।[12] एनएमईओ- ऑयल पाम के साथ इस मिशन का लक्ष्य 2030-31 तक घरेलू खाद्य तेल उत्पादन को 25 मिलियन टन तक बढ़ाना है। घरेलू उत्पादन में इस अनुमानित वृद्धि से 2030-31 तक भारत की अनुमानित आवश्यकता का 72% पूरा होने की उम्मीद है। बीज उत्पादन के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सार्वजनिक क्षेत्र में 65 नए बीज केंद्र और 50 बीज भंडारण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने मार्केटिंग सीजन 2025-26 में सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है (तालिका 1 देखें)।[13] एमएसपी उस सुनिश्चित मूल्य को कहा जाता है जिस पर केंद्र सरकार किसानों से फसल खरीदती है।[14] गेहूं के लिए एमएसपी में 6.6% की बढ़ोतरी हुई है। एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी जौ के लिए (7%) घोषित की गई है।
तालिका 1: मार्केटिंग सीजन 2025-26 में रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य
फसल |
एमएसपी 2024-25 |
एमएसपी 2025-26 |
% परिवर्तन |
गेहूं |
2,275 |
2,425 |
6.6% |
जौ |
1,850 |
1,980 |
7.0% |
चना |
5,440 |
5,650 |
3.9% |
मसूर दाल |
6,425 |
6,700 |
4.3% |
रेपसीड और सरसों |
5,650 |
5,950 |
5.3% |
कुसुम |
5,800 |
5,940 |
2.4% |
स्रोत: प्रेस सूचना ब्यूरो; पीआरएस।
कैबिनेट ने पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना सहित सभी कल्याणकारी योजनाओं के तहत मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दी है।[15] मुफ्त आपूर्ति को जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक बढ़ा दिया गया है। चावल फोर्टिफिकेशन में नियमित चावल में सूक्ष्म पोषक तत्वों वाले चावल के दाने मिलाए जाते हैं। इसे केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में लागू किया जाएगा।
युवा मामले एवं खेल
Rutvik Upadhyaya (rutvik@prsindia.org)
खेल मंत्रालय ने खेल प्रशासन पर ड्राफ्ट बिल जारी किया
युवा मामले एवं खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन बिल, 2024 का ड्राफ्ट जारी किया है।[16] यह बिल निम्नलिखित की मान्यता और रेगुलेशन के लिए एक रेगुलेटरी संरचना बनाता है: (i) राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी), (ii) राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (एनपीसी) और (iii) राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ)। बिल के ड्राफ्ट की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
रेगुलेटर: बिल के ड्राफ्ट में भारतीय खेल रेगुलेटरी बोर्ड के निर्माण का प्रावधान है। बोर्ड विभिन्न खेलों के एनओसी, एनपीसी और एनएसएफ को रेगुलेट करेगा। उसे इन निकायों को मान्यता देने, उनका नवीनीकरण करने या उन्हें निलंबित करने का अधिकार होगा। बोर्ड एथलीट्स और सपोर्ट स्टाफ के अधिकारों की रक्षा करेगा और उनका कल्याण सुनिश्चित करेगा।
निलंबन: एनओसी, एनपीसी और एनएसएफ की मान्यता निम्नलिखित से उनकी संबद्धता पर सशर्त है: (i) अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक या पैरालंपिक समिति (एनओसी और एनपीसी के लिए) या, (ii) संबंधित अंतरराष्ट्रीय महासंघ (एनएसएफ के लिए)। संबद्धता बनाए रखने में विफलता के कारण निलंबन हो सकता है। निलंबन के अन्य कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) आंतरिक कामकाज में अनियमितताएं, (ii) एकाउंट्स को पब्लिशन न करना, और (iii) चुनाव प्रक्रियाओं में अनियमितताएं। अगर निलंबन का कारण सुधार योग्य है, तो बोर्ड इसके बजाय अनुपालन सुनिश्चित कर सकता है।
गवर्नेंस: ड्राफ्ट बिल एनओसी, एनपीसी और हरेक एनएसएफ के गवर्नेंस की संरचना में कुछ विशिष्टताएं प्रदान करता है। इन निकायों में से प्रत्येक में एक सामान्य निकाय (जनरल बॉडी) और कार्यकारी समिति (एग्जीक्यूटिव कमिटी) होनी चाहिए। कार्यकारी समिति, जो एक गवर्निंग बॉडी है, का चुनाव एथलीट आयोग द्वारा किया जाएगा। इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव जैसे पदाधिकारी शामिल होंगे। इसमें एथलीट भी शामिल होंगे। लगातार दो से अधिक कार्यकाल तक सेवा करने के बाद, पदाधिकारी कम से कम चार वर्षों तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होंगे।
प्रत्येक निकाय में सामान्य निकाय और मतदान करने वाले सदस्यों में से कम से कम 10% उत्कृष्ट योग्यता वाले खिलाड़ी (एसओएम) होंगे। एसओएम ऐसे सेवानिवृत्त एथलीट्स को कहा जाता है जिन्होंने ओलंपिक, राष्ट्रमंडल या एशियाई खेलों में कम से कम एक पदक जीता है।
ट्रिब्यूनल: ड्राफ्ट बिल एक अपीलीय खेल ट्रिब्यूनल की स्थापना करता है। केंद्र सरकार सदस्यों की संरचना, चयन के तरीके और उन मामलों को अधिसूचित करेगी जिन पर ट्रिब्यूनल अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर सकता है। ट्रिब्यूनल का चयन सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति के सुझावों पर किया जाएगा।
स्वास्थ्य
Shirin Pajnoo (shirin@prsindia.org)
स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीबी रोगियों के लिए पोषण सहायता का दायरा बढ़ाया
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में नि-क्षय पोषण योजना के विस्तार की घोषणा की है।[17] इस योजना का उद्देश्य टीबी के कारण मृत्यु दर को कम करने के लिए टीबी रोगियों को पोषण और वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
प्रत्येक टीबी रोगी के लिए वित्तीय सहायता 500 रुपए से बढ़ाकर 1,000 रुपए प्रति माह की जाएगी। यह योजना कम वजन वाले टीबी रोगियों को उपचार के पहले दो महीनों के लिए ऊर्जा-सघन पोषण संबंधी खुराक भी प्रदान करेगी। टीबी रोगियों के परिवार के सदस्यों को भी पोषण संबंधी सहायता मिलेगी जिसका उद्देश्य उनकी प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) में सुधार करना होगा।
योजना के विस्तार की लागत 1,040 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसे केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात में वितरित किया जाएगा।
विज्ञान एवं तकनीक
Anirudh TR (anirudh@prsindia.org)
कैबिनेट ने अंतरिक्ष आधारित स्टार्टअप्स के लिए 1,000 करोड़ रुपए की फंडिंग को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष-आधारित स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए 1,000 करोड़ रुपए के उद्यम पूंजी कोष की स्थापना को मंजूरी दी।[18] यह कोष भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इनस्पेस) (INSPACe) द्वारा स्थापित किया जा रहा है। अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने और निगरानी करने के लिए सरकार द्वारा 2020 में इनस्पेस बनाया गया था। यह कोष 2025 से 2030 तक पांच वर्ष की अवधि में इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें वार्षिक उपयोग 150-200 करोड़ रुपए होगा। स्टार्टअप्स में निवेश की सांकेतिक सीमा 10-60 करोड़ रुपए के बीच है। वृद्धि चरण की कंपनियां 10-30 करोड़ रुपए के बैंड में निवेश कर सकती हैं। लंबित वृद्धि चरण वाली कंपनियां, जिन्होंने महत्वपूर्ण प्रगति प्रदर्शित की है, 30-60 करोड़ रुपए के बैंड में निवेश कर सकती हैं। इस कोष से अंतरिक्ष आधारित लगभग 40 स्टार्टअप कंपनियों को फायदा होने की उम्मीद है। इस कोष के मुख्य उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) आगे के निवेश के लिए मल्टीप्लायर इफेक्ट पैदा करने हेतु पूंजी निवेश, (ii) भारत में अधिवासित अंतरिक्ष कंपनियों को यहीं बरकरार रखना, और (iii) भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी में तेजी लाना।
पर्यावरण
Atri Prasad Rout (atri@prsindia.org)
पर्यावरण मंत्रालय ने तरल अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां मांगी
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तरल अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2024 के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित कीं।[19] नियम पर्यावरण (संरक्षण) एक्ट, 1986 के तहत जारी किए गए हैं।[20] तरल अपशिष्ट प्रबंधन में पर्यावरण की दृष्टि से निम्नलिखित का उचित प्रबंधन शामिल है: (i) अपशिष्ट जल, (ii) अपशिष्ट जल उपचार के दौरान पैदा होने वाला स्लज और फीकल स्लज, और (iii) उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग। ड्राफ्ट नियमों की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
थोक उपयोग की जिम्मेदारियां: बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) के संदर्भ में प्रति दिन 5,000 लीटर से अधिक पानी की खपत या प्रति दिन 10 किलोग्राम से अधिक प्रदूषण भार वाले प्रतिष्ठानों को एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। बीओडी पानी में प्रदूषकों के स्तर का माप होता है। ये उपयोगकर्ता विस्तारित उपयोगकर्ता जिम्मेदारी (ईयूआर) दायित्व से बंधे होंगे। वे निम्नलिखित करेंगे: (i) ऑनसाइट विकेंद्रीकृत अपशिष्ट जल उपचार सुविधाएं संचालित करना, और (ii) उपचारित अपशिष्ट जल के न्यूनतम पुन: उपयोग के दायित्व को पूरा करना। जो उपयोगकर्ता ऑनसाइट सुविधा स्थापित करने में सक्षम नहीं हैं, वे पंजीकृत अपशिष्ट जल उपचार सुविधाओं से ईयूआर प्रमाणपत्र खरीद सकते हैं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन ईयूआर प्रमाणपत्रों को अधिकृत करेगा।
उद्योगों की जिम्मेदारियां: जिन उद्योगों में प्रति दिन 5,000 लीटर से अधिक पानी की खपत होती है या बीओडी की अवधि में प्रति दिन 10 किलोग्राम से अधिक प्रदूषण भार होता है, उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। उन्हें निम्नलिखित करना होगा: (i) केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा निर्धारित अपशिष्ट निर्वहन मानकों का पालन करना, और (ii) औद्योगिक अपशिष्ट के उपचार की सुविधा करना। थर्मल पावर प्लांट, स्टील और कपड़ा जैसे उद्योगों को उपचारित अपशिष्ट जल के न्यूनतम पुन: उपयोग के दायित्व को पूरा करना होगा।
फीकल वेस्ट का प्रबंधन: सेप्टिक टैंक जैसी ऑनसाइट स्वच्छता सुविधाओं के उपयोगकर्ता इन सुविधाओं से डीस्लजिंग के लिए जिम्मेदार होंगे। डीस्लजिंग वाले सेवा प्रदाताओं और फीकल स्लज की उपचार सुविधाओं के संचालकों दोनों को: (i) ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा, और (ii) मासिक और वार्षिक आधार पर डेटा रिपोर्ट करना होगा। स्थानीय निकाय फीकल स्लज के पर्यावरणीय रूप से उत्तम प्रबंधन के लिए कार्य योजनाएं विकसित करेंगे।
टिप्पणियां 6 दिसंबर, 2024 तक आमंत्रित हैं।
ऊर्जा
Nripendra Singh (nripendra@prsindia.org)
2022-32 के लिए राष्ट्रीय विद्युत योजना (ट्रांसमिशन) अधिसूचित
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने 2022-32 के लिए राष्ट्रीय विद्युत योजना (एनईपी) (वॉल्यूम- II ट्रांसमिशन) को अधिसूचित किया है।[21] मई 2023 में सीईए ने एनईपी (वॉल्यूम-I उत्पादन) को अधिसूचित किया था।[22] सीईए को बिजली एक्ट, 2003 के तहत पांच वर्ष में एक बार राष्ट्रीय बिजली योजना तैयार करनी होती है।[23] योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
मौजूदा क्षमता और लक्ष्य: 31 मार्च, 2022 तक, भारत में कुल 4,56,716 सर्किट किलोमीटर (ckm) की स्थापित ट्रांसमिशन लाइनें थीं। एनईपी की योजना 2022-32 के दौरान 1,91,474 ckm ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ने की है (220 kV और उससे ऊपर के वोल्टेज स्तर पर)।
2017-22 के लक्ष्य पूरे नहीं हुए: 2017-22 के दौरान 1,04,400 ckm ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य के मुकाबले, केवल 88,865 ckm (85%) ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ी गईं। योजना में कहा गया है कि 2017-2022 के लिए लक्ष्य क्षमता वृद्धि को कोविड-19 महामारी और वन मंजूरी मिलने में देरी जैसे कारणों से हासिल नहीं किया जा सका।
अक्षय ऊर्जा लक्ष्य: योजना में कहा गया है कि 31 मई, 2024 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 193.5 GW थी। उसमें कहा गया कि कुछ अक्षय ऊर्जा-आधारित उत्पादन परियोजनाओं की कालावधि इससे संबंधित ट्रांसमिशन प्रणाली की तुलना में कम है। इसके लिए ट्रांसमिशन सिस्टम की योजना पहले से बनाने की आवश्यकता थी। एनईपी 2032 तक 613 GW की अक्षय ऊर्जा क्षमता से जुड़ी ट्रांसमिशन प्रणाली स्थापित करने की योजना प्रदान करता है।
पीएम-सूर्य घर योजना के तहत नई परियोजनाओं के लिए दिशानिर्देश अधिसूचित
नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय ने पीएम-सूर्य घर योजना के तहत नई परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश अधिसूचित किए हैं।[24] इस योजना का लक्ष्य सोलर रूफटॉप क्षमता की हिस्सेदारी बढ़ाना और आवासीय परिवारों को अपनी बिजली पैदा करने के लिए सशक्त बनाना है। योजना के तहत नई परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जिससे रूफटॉप सोलर टेक्नोलॉजीज़ में प्रगति को प्रोत्साहित और बिजनेस मॉडल में नए प्रयोगों को वित्त पोषित किया जा सके।[25]
यह योजना संयुक्त अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग सहित संस्थाओं और व्यक्तियों के लिए खुली है। योजना के तहत परियोजनाओं की अधिकतम अवधि 18 महीने हो सकती है। चयनित परियोजनाओं को उनकी कुल लागत का 60% या 30 करोड़ रुपए, जो भी कम हो, की वित्तीय सहायता मिलेगी। प्रस्तावित परियोजनाओं की जांच एक समिति द्वारा निम्नलिखित के आधार पर की जाएगी: (i) प्रासंगिकता और लागत-प्रभावशीलता, (ii) परियोजना अवधारणा और नवीनता, और (iii) समाज के लिए महत्व। स्क्रीनिंग कमिटी के के प्रस्तावों का चयन मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता वाली सिलेक्शन कमिटी द्वारा किया जाएगा।
अनुलग्नक
संसद ने अपनी कुछ विभागीय स्थायी समितियों का गठन किया है। समितियों द्वारा 2024-25 में समीक्षा के लिए चिन्हित विषय निम्नलिखित हैं।
तालिका 2: विभागीय संबंधित स्थायी समितियों द्वारा समीक्षा के लिए चिन्हित विषय
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[1] Consumer Price Index Numbers on Base 2012=100 for Rural, Urban and Combined for the Month of September 2024, National Statistics Office, Ministry of Statistics and Programme Implementation, October 14, 2024, https://www.mospi.gov.in/sites/default/files/press_release/CPI_PR_14oct24.pdf.
[2] “Index Numbers of Wholesale Price in India for the Month of September, 2024 (Base Year: 2011-12)”, Press Information Bureau, Ministry of Commerce and Industry, October 14, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2064586.
[3] Resolution of the Monetary Policy Committee (MPC) October 7 to 9, 2024, Monetary Policy Statement, 2024-25, Reserve Bank of India, October 9, 2024, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR1252500AD1D6DF27491B900F3C41B7FAE460.PDF.
[4] F. NO-CSR/13/35/2024, Ministry of Corporate Affairs, October 3, 2024, https://pminternship.mca.gov.in/assets/docs/PMIS_Guidelines.pdf.
[5] Writ Petition (Civil) No. 274 of 2009, Supreme Court of India, October 17, 2024, https://api.sci.gov.in/supremecourt/2009/16113/16113_2009_1_1501_56604_Judgement_17-Oct-2024.pdf.
[6] Citizenship Act, 1955, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1522/1/a1955-57.pdf.
[7] Article 14, Part 3, Constitution of India, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/15240/1/constitution_of_india.pdf.
[8] Civil Appeal No. 152 of 2007, State of U.P. vs M/S. Lalta Prasad Vaish and Sons, Supreme Court of India, October 23, 2024, https://api.sci.gov.in/supremecourt/2005/12996/12996_2005_1_1501_56796_Judgement_23-Oct-2024.pdf.
[9] Entry No. 8, List II, Seventh Schedule, The Constitution of India.
[10] “Cabinet approves the PM Rashtriya Krishi Vikas Yojana (PM-RKVY) to promote sustainable agriculture and Krishonnati Yojana (KY) to achieve food security for self sufficiency”, Press Information Bureau, Cabinet, October 3, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2061649.
[11] “Cabinet Approves National Mission on Edible Oils – Oilseeds (NMEO-Oilseeds) for 2024-25 to 2030-31”, Press Information Bureau, Cabinet, October 3, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2061646.
[12] Third Advance Estimates of production of Foodgrains, Oilseeds and Other Commercial Crops for the year 2023-24 – released on June 4, 2024, https://dfpd.gov.in/Home/ContentManagement?Url=edible_oil_scenario.html&ManuId=3&language=1.
[13] “Cabinet approves Minimum Support Prices (MSP) for Rabi Crops for Marketing Season 2025-26”, Press Information Bureau, Cabinet Committee on Economic Affairs, October 16, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2065309.
[14] National Food Security Act, 2013, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/2113/1/201320.pdf.
[15] “Cabinet approves continuation of supply of free Fortified Rice under Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana (PMGKAY) and other welfare schemes from July, 2024 to December, 2028”, Press Information Bureau, Cabinet, October 9, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2063446.
[16] Draft National Sports Governance Bill, 2024, https://yas.nic.in/sites/default/files/Draft%20National%20Sports%20Governance%20Bill%20-2024.pdf.
[17] “Union Health Minister Unveils Key Initiatives to boost Nutrition Support for TB Patients and their Families”, Ministry of Health and Family Welfare, Press Information Bureau, October 7, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2062928.
[18] Union Cabinet approves establishment of Rs.1,000 crore Venture Capital Fund for Space Sector under aegis of IN-SPACe, Department of Space, Press Information Bureau, October 24, 2024, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2067667
[19] Liquid Waste Management Rules, 2024, Ministry of Environment, Forest, and Climate Change, October 7, 2024, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2024/257748.pdf.
[20] Environment (Protection) Act, 1986, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/4316/1/ep_act_1986.pdf.
[21] National Electricity Plan (Volume 2) Transmission, Central Electricity Authority, https://cea.nic.in/wp-content/uploads/notification/2024/10/National_Electricity_Plan_Volume_II_Transmission.pdf.
[22] National Electricity Plan (Volume 1) Generation, Central Electricity Authority, May 31, 2023, https://cea.nic.in/wpcontent/uploads/irp/2023/05/NEP_2022_32_FINAL_GAZETTE1.pdf.
[23] The Electricity Act, 2003, https://www.indiacode.nic.in/handle/123456789/2058?sam_handle=123456789/1362.
[24] “MNRE notifies Scheme Guidelines for ₹500 crore ‘Innovative Projects’ component under PM-Surya Ghar Yojana”, Press Information Bureau, Ministry of New and Renewable Energy, October 11, 2024, https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2064203®=3&lang=1.
[25] “No.: 318/17/2024- Grid Connected Rooftop(part 14) Mission Directorate, PM-Surya Ghar: Muft Bijli Yojana”, Press Information Bureau, Ministry of New and Renewable Energy, October 8, 2024, https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2024/oct/doc20241011414801.pdf.
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