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अक्टूबर 2025

पीडीएफ

इस अंक की झलकियां

रेपो दर 5.5% पर अपरिवर्तित

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर को 5.5% पर बरकरार रखने के लिए मतदान किया। स्टैंडिंग डिपॉजिट फेसिलिटी रेट, मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट और बैंक रेट भी अपरिवर्तित रहेंगी।  

2025-26 की दूसरी तिमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति 1.7%

2025-26 की दूसरी तिमाही में मुद्रास्फीति पिछले वर्ष की इसी तिमाही (4.3%) से कम रही। 2025-26 की दूसरी तिमाही में खाद्य कीमतों में 1.6% की गिरावट आई।

मंत्रिमंडल ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों को मंजूरी दी 

देश की आर्थिक स्थिति, राजकोषीय विवेकशीलता, संसाधनों की पर्याप्तता और राज्य के वित्त पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आयोग सुझाव देगा।

ड्राफ्ट बिजली (संशोधन) बिल, 2025 पर टिप्पणियां आमंत्रित

ड्राफ्ट बिल एक ही क्षेत्र में कार्यरत वितरण लाइसेंसधारियों के बीच नेटवर्क साझा करने की अनुमति देता है। यह लागत-प्रतिबिंबित टैरिफ और कुछ क्रॉस-सबसिडी को हटाने का प्रावधान करता है। बिजली परिषद की स्थापना का प्रावधान भी है।

कैबिनेट ने दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लक्ष्य को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दालों में आत्मनिर्भरता के लिए एक मिशन को मंजूरी दी है। यह मिशन 2025-26 से 2030-31 तक छह वर्षों की अवधि में 11,440 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय के साथ क्रियान्वित किया जाएगा। 

राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित 

ड्राफ्ट नीति का उद्देश्य महिला श्रम बल भागीदारी दर में वृद्धि करना, प्रौद्योगिकी और हरित परिवर्तन को सुगम बनाना, अनुपालन और औपचारिकता को आसान बनाना तथा कार्यस्थल पर मृत्यु दर को लगभग शून्य करना है।

कंटेंट हटाने के आदेश जारी करने संबंधी आईटी नियमों में संशोधन

संशोधनों में कंटेंट हटाने, तर्कपूर्ण सूचना और आईटी नियम, 2021 के तहत जारी किए गए ऐसे सभी आदेशों की आवधिक समीक्षा के लिए वरिष्ठ स्तर के प्राधिकरण की आवश्यकता स्पष्ट की गई है।  

सिंथेटिकली जनरेटेड इनफॉरमेशन संबंधी आईटी नियमों के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित

ड्राफ्ट नियमों में सिंथेटकली जनरेटेड इनफॉरमेशन को लेबल करना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा यूज़र्स को यह भी बताना होगा कि क्या वे सिंथेटकली जनरेटेड इनफॉरमेशन अपलोड कर रहे हैं। 

राष्ट्रीय खेल प्रशासन एक्ट, 2025 के अंतर्गत ड्राफ्ट नियम जारी

ड्राफ्ट नियमों में राष्ट्रीय खेल बोर्ड, राष्ट्रीय खेल ट्रिब्यूनल और राष्ट्रीय खेल प्रशासन निकायों के गठन के लिए विवरण निर्दिष्ट किए गए हैं।

संसद की स्थायी समितियों ने समीक्षा के लिए विषयों को चिन्हित किया

विषयों में उर्वरकों के लिए डीबीटी योजनाओं का मूल्यांकन, दवाओं के लिए एपीआई की आत्मनिर्भरता, मीडिया को प्रभावित करने वाले कानूनों का कार्यान्वयन और शहरी क्षेत्रों को परिभाषित करने के लिए जनगणना मानदंड शामिल हैं।


 

मैक्रोइकोनॉमिक विकास

Shania Ali (shania@prsindia.org)

रेपो दर 5.5% पर अपरिवर्तित

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पॉलिसी रेपो रेट (जिस दर पर आरबीआई बैंकों को ऋण देता है) को 5.5% पर बनाए रखने के लिए वोट किया।[1] समिति के अन्य निर्णयों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • स्टैंडिंग डिपॉजिट फेसिलिटी रेट (जिस दर पर आरबीआई कोलेट्रल दिए बिना बैंकों से उधार लेता है) को 5.25% पर अपरिवर्तित रखा गया।

  • मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (जिस दर पर बैंक अतिरिक्त धन उधार ले सकते हैं) और बैंक रेट (जिस दर पर आरबीआई बिल्स ऑफ एक्सचेंज को खरीदता है) को क्रमशः 5.25% और 5.75% पर अपरिवर्तित रखा गया है।

  • आरबीआई ने 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया।

  • एमपीसी ने अपना तटस्थ रुख जारी रखने का निर्णय लिया।

2025-26 की दूसरी तिमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन 1.7% रही

2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 1.7% रही, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही (4.3%) से कम है।[2] 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सीपीआई मुद्रास्फीति 2.7% थी।

2025-26 की दूसरी तिमाही में खाद्य कीमतों में 1.6% की गिरावट आएगी, जबकि 2024-25 की इसी तिमाही में इसमें 6.8% की वृद्धि हुई थी। 2025-26 की पहली तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति 0.6% थी।

रेखाचित्र 1: 2025-26 की दूसरी तिमाही में मासिक मुद्रास्फीति (वर्ष-दर-वर्ष % परिवर्तन)

 image

स्रोत: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय; पीआरएस।

2025-26 की दूसरी तिमाही में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति औसतन 0.02% रही, जो 2024-25 की इसी तिमाही के 1.8% से कम है।[3] 2025-26 की पहली तिमाही में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 0.3% थी।

 

वित्त

Shania Ali (shania@prsindia.org)

कैबिनेट ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों को मंजूरी दी है।[4] केंद्रीय वेतन आयोगों का गठन समय-समय पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और अन्य सेवा शर्तों पर सुझाव देने के लिए किया जाता है। आठवें केंद्रीय वेतन आयोग की घोषणा जनवरी 2025 में की गई थी। आयोग को गठन के 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, जिसमें निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखा जाएगा: (i) देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय विवेक की आवश्यकता, (ii) विकासात्मक व्यय और कल्याणकारी उपायों के लिए संसाधनों की पर्याप्तता सुनिश्चित करने की आवश्यकता, (iii) गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की अवित्तपोषित लागत, (iv) राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर संभावित प्रभाव क्योंकि आमतौर पर वे कुछ संशोधनों के साथ सुझावों को अपनाती हैं, और (v) केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र के प्रचलित वेतन और सेवा शर्तें। सुझाव 1 जनवरी, 2026 से लागू होने की संभावना है।

आरबीआई ने बैंकिंग नियमों में कई बदलावों की घोषणा की

आरबीआई ने बैंकिंग क्षेत्र के संबंध में कई उपायों की घोषणा की है।[5] प्रमुख बदलावों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • जमा बीमा के लिए जोखिम-आधारित प्रीमियम की संरचना: वर्तमान में बैंकों को उनकी वित्तीय स्थिति चाहे जो भी हो, मूल्यांकन योग्य जमाओं पर प्रति 100 रुपए पर 12 पैसे का प्रीमियम देना पड़ता है। मूल्यांकन योग्य जमाएं, बैंक जमाओं का एक प्रकार होता है जो जमा बीमा प्रणाली के अंतर्गत आती हैं। आरबीआई ने एक जोखिम-आधारित प्रीमियम मॉडल प्रस्तावित किया है। इससे बेहतर स्थिति वाले बैंकों को भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर अच्छी-खासी बचत करने में मदद मिलेगी।

  • बैंकों के लिए पूंजी बाजार दिशानिर्देशों की समीक्षा: बैंकों के पूंजी बाजार जोखिम (सीएमई) में प्रतिभूतियों में निवेश, प्रतिभूतियों पर ऋण देना और शेयर दलालों जैसे पूंजी बाजार मध्यस्थों (सीएमआई) को ऋण देना शामिल है। ये क्षेत्रवार जोखिम सीमा, एकल उधारकर्ता सीमा और मार्जिन आवश्यकताओं से संबंधित रेगुलेशंस के अधीन हैं। इसके अलावा बैंकों को आमतौर पर शेयरों के अधिग्रहण के लिए वित्तपोषण की अनुमति नहीं होती है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों के लिए अपडेटेड सीएमई दिशानिर्देशों का एक ड्राफ्ट जारी किया है। इस ड्राफ्ट में बैंकों के लिए सीएमई की अधिकतम सीमा का उल्लेख किया गया है।[6] बैंक अपनी स्वीकृत नीति के अनुसार प्रतिभूतियों के अधिग्रहण या उनके कोलेट्रल पर ऋण दे सकते हैं। कुछ प्रतिभूतियों, जैसे आंशिक रूप से चुकता शेयर, बॉन्ड और बैंकों द्वारा जारी मुद्रा बाजार उपकरण, और स्वयं की प्रतिभूतियों, पर ऋण की अनुमति नहीं है। बैंक सार्वजनिक निर्गम के दौरान शेयरों की खरीद के लिए व्यक्तियों को भी ऋण दे सकते हैं, बशर्ते कि ये उधारकर्ता न्यूनतम 25% नकद मार्जिन का योगदान दें।

सीएमआई को उनके दैनिक कार्यों के लिए दिए जाने वाले ऋणों में निम्नलिखित प्रावधानों का पालन करना होगा: (i) केवल वित्तीय क्षेत्र के रेगुलेटर द्वारा पंजीकृत और रेगुलेटेड सीएमआई ही पात्र होंगे, (ii) पात्र प्रतिभूतियां और नकद कोलेट्रेल उधारकर्ता के स्वामित्व में होने चाहिए, (iii) बैंक सीएमआई द्वारा प्रतिभूतियों के अधिग्रहण के लिए धन उपलब्ध नहीं कराएंगे, और (iv) बैंक उन प्रतिभूतियों को कोलेट्रेल के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे जिनमें सीएमआई द्वारा मार्केट मेकिंग ऑपरेशन किए जाते हैं। मार्केट मेकिंग ऑपरेशन बाजार में तरलता प्रदान करते हैं। बैंक अब भारतीय कंपनियों को अधिग्रहण के वित्तपोषण के लिए एक निर्दिष्ट सीमा के अधीन ऋण दे सकते हैं।

लघु वित्त बैंकों के लिए भी इसी तरह के दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।[7] 21 नवंबर, 2025 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।

  • बड़े कर्जदारों के लिए ऋण आपूर्ति बढ़ाने संबंधी दिशानिर्देशों को वापस लेना: ये दिशानिर्देश अगस्त 2016 में जारी किए गए थे ताकि बैंकों द्वारा किसी एक बड़े कॉरपोरेट कर्जदार को दिए गए कुल ऋण जोखिम से उत्पन्न होने वाले संकेंद्रण जोखिम को कम किया जा सके। इसका उद्देश्य ऐसे कर्जदारों को वैकल्पिक स्रोतों से धन जुटाने के लिए प्रोत्साहित करना था। अब इन दिशानिर्देशों को वापस लेने का प्रस्ताव है।[8] किसी एक बैंक के संकेंद्रण जोखिम को एक अलग संरचना के माध्यम से हल किया जाता है।

  • बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) ढांचे की समीक्षा: विदेशी मुद्रा प्रबंधन (उधार और ऋण) रेगुलेशन, 2018 में संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं ताकि: (i) ईसीबी के लिए पात्र उधारकर्ताओं और उधारदाताओं के आधार का विस्तार किया जा सके, (ii) उधार सीमा को उधारकर्ता की वित्तीय क्षमता से जोड़ा जा सके, (iii) बाजार निर्धारित दरों पर ऐसे ऋण जुटाने का प्रस्ताव किया जा सके, और (iv) अंतिम उपयोग प्रतिबंधों, न्यूनतम औसत परिपक्वता आवश्यकताओं और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को सरल बनाया जा सके।[9]  

  • भारत से बाहर के व्यक्तियों को रुपए में ऋण देना: भारत में प्राधिकृत डीलर बैंकों और उनकी विदेशी शाखाओं के लिए सीमा पार व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए नेपाल, भूटान और श्रीलंका में रहने वाले व्यक्तियों को भारतीय रुपए में ऋण देने की अनुमति दी गई है।[10]  

सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन पर टिप्पणियां आमंत्रित कीं

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सेबी (म्यूचुअल फंड) रेगुलेशंस, 1996 (एमएफ रेगुलेशंस) में प्रस्तावित संशोधनों पर एक परामर्श पत्र जारी किया।[11],[12] प्रस्तावित प्रमुख परिवर्तन इस प्रकार हैं:

  • एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) द्वारा लगाए गए शुल्कों में बदलाव: संशोधनों में एएमसी द्वारा लगाए गए शुल्कों में कुछ बदलावों का प्रस्ताव है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) एएमसी को किसी योजना के प्रदर्शन के आधार पर डिफरेंशियल एक्सपेंस रेशियो (व्यय अनुपात में अंतर) वसूलने की अनुमति देना, (ii) 0.05% का अतिरिक्त व्यय हटाना जो उन म्यूचुअल फंड योजनाओं पर वसूला जा सकता था जहां एक्जिट लोड लागू था, (iii) ओपन-एंडेड सक्रिय योजनाओं के व्यय अनुपात के पहले दो स्लैब में 0.05% की वृद्धि करना, और (iv) जीएसटी और स्टांप शुल्क जैसे वैधानिक शुल्कों को व्यय अनुपात सीमाओं से बाहर रखना। व्यय अनुपात उस वार्षिक शुल्क को कहा जाता है जो एक म्यूचुअल फंड निवेशक के पैसे का प्रबंधन करने के लिए लेता है। एक्जिट लोड ऐसा शुल्क होता है जो म्यूचुअल फंड द्वारा निर्दिष्ट न्यूनतम होल्डिंग अवधि से पहले यूनिटों की निकासी पर लिया जाता है

  • गैर-पूलित निधियों का प्रबंधन: एएमसी सेबी के साथ आवश्यक पंजीकरण पूरा करके गैर-पूलित निधियों के लिए निवेश प्रबंधन और सलाहकार सेवाएं प्रदान कर सकती हैं। गैर-पूलित निधियां ऐसी व्यवस्थाएं होती हैं जिनमें निवेशकों का धन एक सामान्य पूल में नहीं, बल्कि अलग से प्रबंधित किया जाता है। इस मामले में एएमसी को कुछ अतिरिक्त शर्तों का पालन करना होगा, जैसे: (i) ऐसी सेवा प्रदान करने वाली इकाई सख्त पृथक्करण के साथ एक अलग व्यावसायिक इकाई के रूप में कार्य करेगी, (ii) इकाई म्यूचुअल फंड परिचालनों से प्राप्त जानकारी का दुरुपयोग करके अन्य ग्राहकों को लाभ न मिले, इसे रोकने हेतु तंत्र स्थापित करेगी, और (iii) एएमसी द्वारा ऐसी गतिविधि केवल एक सहायक कंपनी के माध्यम से ही की जाएगी।

17 नवंबर, 2025 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।

पीएफआरडीए ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को बेहतर बनाने पर परामर्श पत्र जारी किया

पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने "राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का संवर्धन: लचीली, सुनिश्चित और पूर्वानुमानित पेंशन योजनाओं के प्रस्ताव" शीर्षक से एक परामर्श पत्र जारी किया है।[13] राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) एक निश्चित अंशदान योजना है जिसमें अंशदान की राशि निश्चित होती है और पेंशन भुगतान निवेश से प्राप्त परिणाम पर निर्भर करता है। कॉरपस की पर्याप्तता और सेवानिवृत्ति आय के पूर्वानुमान से संबंधित सबस्क्राइबर्स की चिंताओं को दूर करने के लिए, पीएफआरडीए ने एनपीएस संरचना के तहत तीन योजनाओं का प्रस्ताव रखा है:

  • पेंशन योजना-I: इस योजना का उद्देश्य स्टेप-अप सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (एसडब्ल्यूपी) और एन्युइटी के मिश्रण के माध्यम से पेंशन राशि को अधिकतम करना है। इस योजना के लिए न्यूनतम संचय अवधि 20 वर्ष है, जिसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है। मासिक एसडब्ल्यूपी के साथ भुगतान शुरू होता है, जो हर वर्ष कुल राशि का 4.5% होता है, और 10 वर्षों तक हर साल 0.25% की दर से बढ़ता है। फिर 70 वर्ष की आयु से शुरू होकर, कम से कम 20 वर्षों के लिए एन्युइटी का भुगतान किया जाता है और यह जीवन भर जारी रहता है। एन्युइटी एक नियमित आवधिक भुगतान को कहा जाता है।

  • पेंशन योजना-II: इस योजना का उद्देश्य औद्योगिक श्रमिकों को आवधिक समायोजन वाली लक्षित पेंशन प्रदान करना है जोकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुड़ी होगी। इसके लिए न्यूनतम संचय अवधि 20 वर्ष है, जिसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है, और 25 वर्ष की निकासी अवधि का प्रावधान है। निकासी चरण सेवानिवृत्ति के बाद की अवधि को कहा जाता है, जिसके दौरान सबस्क्राइबर संचित निवेश से धन निकालना शुरू करता है। सबस्क्राइबर की मृत्यु की स्थिति में पेंशन उसके जीवनसाथी को और उसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों को हस्तांतरित कर दी जाएगी।

  • पेंशन योजना-III: इस योजना में पेंशन क्रेडिट को प्रस्तावित किया गया है। इसमें प्रत्येक क्रेडिट परिपक्वता के बाद 100 रुपए प्रति माह सुनिश्चित करता है। इसके लिए सबस्क्राइबर्स को सेवानिवृत्ति के वर्ष, लक्षित पेंशन राशि और निवेश के लिए सिक्योरिटी मिक्स के बारे में जानकारी देनी होती है। संचय अवधि 15 वर्ष तक सीमित है जबकि निकासी अवधि एक से पांच वर्ष है। यह पेंशन क्रेडिट के व्यापार के लिए एक संभावित द्वितीयक बाजार का भी प्रस्ताव करती है।

 

बिजली

Ayush Stephen Toppo (ayush@prsindia.org)

बिजली एक्ट, 2003 में संशोधन के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित

विद्युत मंत्रालय ने बिजली (संशोधन) बिल, 2025 के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[14] यह बिल बिजली एक्ट, 2003 में संशोधन का प्रयास करता है।[15] 2003 का यह एक्ट बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण से संबंधित कानूनों को एकीकृत करता है। इस ड्राफ्ट बिल की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • डिस्कॉम के बीच नेटवर्क साझा करना: एक्ट के तहत, एक ही क्षेत्र में कार्यरत वितरण लाइसेंसधारियों (डिस्कॉम) को अलग-अलग नेटवर्क बनाने होंगे। बिल इस आवश्यकता को हटाने का प्रस्ताव करता है। यह एक डिस्कॉम को राज्य बिजली रेगुलेटरी आयोगों (एसईआरसी) की निगरानी के अधीन, किसी अन्य डिस्कॉम के नेटवर्क का उपयोग करके बिजली की आपूर्ति करने की अनुमति देता है। यह अनिवार्य करता है कि प्रत्येक डिस्कॉम को अपने नेटवर्क तक अन्य डिस्कॉम को खुली और भेदभाव रहित पहुंच प्रदान करनी होगी, बशर्ते कि वे एसईआरसी द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान करें।

  • लागत-प्रतिबिंबित टैरिफ और क्रॉस-सबसिडी को हटाना: 2003 एक्ट में प्रावधान है कि बिजली के लिए खुदरा टैरिफ को बिजली की आपूर्ति की लागत को उत्तरोत्तर प्रतिबिंबित करना चाहिए और यह कि क्रॉस-सबसिडी को एक निर्दिष्ट तरीके से कम किया जाना चाहिए। क्रॉस-सबसिडी का तात्पर्य एक उपभोक्ता श्रेणी द्वारा दूसरी उपभोक्ता श्रेणी की खपत पर सबसिडी देने की व्यवस्था से है। इसके बजाय, बिल में यह आवश्यक है कि टैरिफ में बिजली आपूर्ति की लागत शामिल होनी चाहिए। इसमें यह भी आवश्यक है कि संशोधनों के लागू होने के पांच वर्षों के भीतर मैन्यूफैक्चरिंग उद्यमों, रेलवे और मेट्रो द्वारा दी जाने वाली क्रॉस-सबसिडी को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए।   

  • आपूर्ति दायित्व से छूट: बिजली वितरण लाइसेंसधारियों का सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करने का सार्वभौमिक सेवा दायित्व है। इस दायित्व में वे उपभोक्ता भी शामिल हैं जिन्हें सीधे बिजली उत्पादकों से बिजली प्राप्त करने की अनुमति है। ये वे उपभोक्ता हैं जिनकी अधिकतम बिजली मांग एक मेगावाट से अधिक है। बिल राज्य बिजली रेगुलेटरी आयोगों (एसईआरसी) को राज्य सरकार के परामर्श से ऐसे उपभोक्ताओं के लिए इस दायित्व से छूट देने की अनुमति देता है।

  • बिजली परिषद की स्थापना: बिल में केंद्र और राज्य बिजली मंत्रियों वाली एक बिजली परिषद की स्थापना का प्रावधान है। यह परिषद केंद्र और राज्य सरकारों को नीतिगत उपायों पर सलाह देगी और बिजली क्षेत्र सुधारों के कार्यान्वयन में समन्वय स्थापित करेगी। 

8 नवंबर 2025 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।

 

कृषि

Vaishali Dhariwal (vaishali@prsindia.org)

मंत्रिमंडल ने दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिशन को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक मिशन को मंजूरी दे दी है।[16] यह मिशन 2025-26 से 2030-31 तक, छह वर्षों की अवधि में 11,440 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय के साथ क्रियान्वित किया जाएगा। इस योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • बीजों का वितरण: इस मिशन का उद्देश्य उच्च उपज देने वाली, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-अनुकूल दालों की किस्मों का विकास और संवर्धन करना है। 2030-31 तक, इसके निम्नलिखित लक्ष्य हैं: (i) किसानों को 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीजों का वितरण, (ii) दालों की खेती के क्षेत्र का विस्तार 310 लाख हेक्टेयर तक, (iii) 350 लाख टन उत्पादन प्राप्त करना, और (iv) उपज में 1,130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक सुधार। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किसानों को 88 लाख बीज किट निःशुल्क वितरित किए जाएंगे। राज्य पंचवर्षीय बीज उत्पादन योजनाएं तैयार करेंगे।

  • कटाई के बाद का बुनियादी ढांचा: मिशन का उद्देश्य 1,000 प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करके कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। प्रसंस्करण और पैकेजिंग इकाइयां स्थापित करने के लिए 25 लाख रुपए तक की सबसिडी प्रदान की जाएगी।

  • सुनिश्चित खरीद: मिशन मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत तुअर, उड़द और मसूर की सुनिश्चित खरीद का प्रावधान करता है, जिसका उद्देश्य किसानों के लिए स्थिर मूल्य सुनिश्चित करना है। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ अगले चार वर्षों तक भागीदार राज्यों में पंजीकृत किसानों से 100% खरीद करेंगे।

कैबिनेट ने विपणन सीजन 2026-27 के लिए रबी फसलों के समर्थन मूल्यों को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विपणन सत्र 2026-27 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है।[17] एमएसपी वह सुनिश्चित मूल्य होता है जिस पर केंद्र सरकार किसानों से फसल खरीदती है। गेहूं की एमएसपी में 6.6% और चने की एमएसपी में 4% की वृद्धि देखी गई। कुसुम की एमएसपी में 2025-26 की तुलना में सबसे ज्यादा 10% की वृद्धि देखी गई।

तालिका 1: 2026-27 के लिए रबी फसलों की एमएसपी

फसलें

2025-26

2026-27

% परिवर्तन

गेहूं

2,425

2,585

6.6%

चना

5,650

5,875

4%

मसूर (मसूर)

6,700

7,000

4.5%

रेपसीड सरसों

5,950

6,200

4.2%

कुसुम

5,940

6,540

10.1%

स्रोत: आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति, 1 अक्टूबर, 2025, पीआरएस।

कैबिनेट ने फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों पर सबसिडी दरों को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी सीजन 2025-26 (अक्टूबर 2025 से मार्च 2026) में फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों के लिए सबसिडी दरों को मंजूरी दे दी है।[18] सबसिडी के लिए बजटीय परिव्यय लगभग 37,952 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

 

श्रम

Vaishali Dhariwal (vaishali@prsindia.org)

राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति का ड्राफ्ट सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति का ड्राफ्ट सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया है।[19] इस नीति का उद्देश्य महिला श्रमबल की भागीदारी बढ़ाना और कार्यस्थल पर मृत्यु दर को लगभग शून्य करना है। इसके सात उद्देश्य इस प्रकार हैं: (i) सार्वभौमिक और किफायती सामाजिक सुरक्षा, (ii) व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य, (iii) रोजगार और भविष्य की तैयारी, (iv) महिला और युवा सशक्तीकरण, (v) अनुपालन और औपचारिकता में आसानी, (vi) प्रौद्योगिकी और हरित परिवर्तन, और (vii) अभिसरण और सुशासन। यह राष्ट्रीय करियर सेवा को रोजगार के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के रूप में भी स्थापित करता है। यह जॉब मैचिंग और प्रमाणपत्र सत्यापन के माध्यम से किया जाएगा।।

प्रस्तावित प्रमुख पहलों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ईपीएफओ, कर्मचारी राज्य बीमा निगम और ई-श्रम डेटाबेस को एकीकृत करते हुए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा खाते का निर्माण, (ii) व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य संहिता, 2020 के तहत जोखिम-आधारित निरीक्षण, (iii) स्किल इंडिया, राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को सिंगल स्किल-इंप्लॉयमेंट कन्टिन्युअम में शामिल करना, और (iv) 2030 तक महिलाओं की श्रमबल भागीदारी को 35% तक बढ़ाने के लिए चाइल्डकेयर, उद्यमिता और लचीली कार्य व्यवस्था जैसे उपायों का विस्तार। नीति का उद्देश्य सिंगल-विंडो डिजिटल अनुपालन प्रणाली के माध्यम से अनुपालन को आसान बनाना और निगरानी और प्रशासनिक क्षमताओं में एआई के एकीकरण को बढ़ावा देना है।

यह नीति तीन चरणों (2025-27, 2027-30, 2030 के बाद) में त्रि-स्तरीय संरचना के माध्यम से लागू की जाएगी। इसमें निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति कार्यान्वयन परिषद, (ii) राज्य श्रम मिशन, और (iii) जिला श्रम एवं रोजगार संसाधन केंद्र।

 

संचार

Ayush Stephen Toppo (ayush@prsindia.org) 

कंटेंट हटाने के आदेश से संबंधित आईटी नियमों में संशोधन

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियरीज़ के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2025 को अधिसूचित किया है।[20], [21] ये नियम 2021 के आईटी नियमों में संशोधन करते हैं।[22] 2021 के नियम उस प्रक्रिया को निर्धारित करते हैं जिसके माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ऑनलाइन इंटरमीडियरीज़ को कंटेंट हटाने या उस तक पहुंच प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया जा सकता है। संशोधनों की प्रमुख विशेषताओं में निम्न शामिल हैं:

  • कंटेंट हटाने के लिए वरिष्ठ स्तर का प्राधिकरण: 2021 के नियमों के तहत, किसी इंटरमीडियरी को अपने प्लेटफॉर्म पर स्टोर, होस्ट या पब्लिश किसी भी जानकारी तक एक्सेस को डिसेबल करना आवश्यक है, जब उसे (i) न्यायालय का आदेश या (ii) केंद्र या राज्य सरकार या उसकी एजेंसियों का निर्देश प्राप्त हो। 2025 के नियमों में यह भी कहा गया है कि ये निर्देश केवल संयुक्त सचिव या समकक्ष पद के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जारी किए जाएंगे, या जहां ऐसा पद नियुक्त नहीं किया गया है, वहां निदेशक या समकक्ष पद के अधिकारी द्वारा जारी किए जाएंगे। पुलिस अधिकारियों के मामले में, केवल डीआईजी या उससे उच्च पद का अधिकारी ही ऐसे निर्देश जारी कर सकता है।

  • तर्कसंगत आदेश: संशोधनों में यह भी कहा गया है कि हटाने के प्रत्येक निर्देश में निर्देश का कानूनी आधार, गैरकानूनी कृत्य की प्रकृति, तथा हटाए जाने वाले कंटेंट का सटीक स्थान (जैसे यूआरएल) निर्दिष्ट किया जाना चाहिए।

  • आवधिक समीक्षा: 2025 के नियमों में यह भी कहा गया है कि ऐसे निर्देशों की केंद्र या राज्य सरकार के सचिव या उससे उच्च स्तर के अधिकारी द्वारा मासिक समीक्षा की जाएगी।

सिंथेटिकली जनरेटेड इनफॉरमेशन संबंधी आईटी नियमों में ड्राफ्ट संशोधन पर टिप्पणियां आमंत्रित

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियरीज़ के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2025 के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[23] ये नियम आईटी नियम, 2021 में संशोधन का प्रस्ताव रखते हैं।22ड्राफ्ट नियम ऑनलाइन इंटरमीडियरीज़ और यूज़र्स के लिए सिंथेटिकली जनरेटेड इनफॉरमेंशन के संबंध में दायित्व प्रस्तुत करते हैं। सिंथेटिकली जनरेटेड इनफॉरमेंशन को ऐसी किसी भी जानकारी के रूप में परिभाषित किया गया है जिसे कंप्यूटर रिसोर्स का उपयोग करके कृत्रिम रूप से या एल्गोरिथम के माध्यम से इस प्रकार क्रिएट, जनरेट, संशोधित या परिवर्तित किया जाता है कि वह जानकारी यथोचित रूप से प्रामाणिक प्रतीत हो। प्रस्तावित प्रमुख परिवर्तनों में निम्न शामिल हैं:

  • लेबलिंग की आवश्यकताएं: सिंथेटिकली जनरेटेड इनफॉरमेंशन के क्रिएशन या संशोधन को एनेबल करने वाले प्लेटफॉर्म को ऐसी जानकारी के लिए लेबलिंग और स्थायी यूनीक आइडेंटिफायर सुनिश्चित करना होगा। लेबल को डिस्प्ले के कम से कम 10% सतह क्षेत्र को कवर करते हुए स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए। ऑडियो कंटेंट के मामले में, आइडेंटिफायर ऑडियो की अवधि के शुरुआती 10% के दौरान होना चाहिए। इंटरमीडियरी को ऐसे लेबल में संशोधन, सप्रेशन या उसे हटाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

  • सिंथेटिकली जनरेटेड इनफॉरमेंशन के लिए यूज़र डिक्लेरेशन और सत्यापन: एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया इंटरमीडियरी को: (i) यूज़र से यह घोषित करने की अपेक्षा करनी चाहिए कि उनके द्वारा अपलोड की गई इनफॉरमेशन सिंथेटिकली जनरेटेड है या नहीं, (ii) जानकारी की प्रकृति, प्रारूप और स्रोत के संबंध में ऐसी घोषणाओं को सत्यापित करने के लिए उचित उपाय लागू करना चाहिए, और (iii) यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी सिंथेटिकली जनरेटेड कंटेंट पर एक प्रमुख लेबल हो।

6 नवंबर 2025 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।

 

खेल

Vaishali Dhariwal (vaishali@prsindia.org)

राष्ट्रीय खेल प्रशासन एक्ट, 2025 के अंतर्गत ड्राफ्ट नियमों पर टिप्पणियां आमंत्रित

खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन एक्ट, 2025 के अंतर्गत जनता की प्रतिक्रिया हेतु तीन ड्राफ्ट नियम जारी किए हैं।[24],[25] ये नियम निम्नलिखित से संबंधित हैं: (i) राष्ट्रीय खेल बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति, (ii) राष्ट्रीय खेल निकायों का गठन और उनके चुनाव, और (iii) राष्ट्रीय खेल ट्रिब्यूनल में नियुक्तियां।[26], [27]  इन ड्राफ्ट नियमों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • राष्ट्रीय खेल बोर्ड: यह एक्ट एक राष्ट्रीय खेल बोर्ड की स्थापना करता है। यह बोर्ड राष्ट्रीय खेल निकायों को मान्यता प्रदान करेगा और उनकी संबद्ध इकाइयों का पंजीकरण करेगा। ड्राफ्ट नियमों में निर्दिष्ट है कि बोर्ड में एक अध्यक्ष और दो अन्य सदस्य होंगे, जिनकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। इन नियुक्तियों का सुझाव देने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक खोज-सह-चयन समिति का गठन किया जाएगा। बोर्ड के सदस्य तीन वर्ष तक पद पर बने रहेंगे और आयु सीमा के अधीन, एक और कार्यकाल के लिए पुनर्नियुक्ति के पात्र होंगे।

  • राष्ट्रीय खेल निकाय: सभी खेल निकायों की जनरल बॉडी में कम से कम चार उत्कृष्ट खिलाड़ी शामिल होंगे। खेल निकाय चुनाव से पहले पुरुष और महिला खिलाड़ियों की सूची तैयार करेंगे। कार्यकारी समिति के चुनाव गुप्त मतदान द्वारा होंगे। चुनाव अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय खेल चुनाव पैनल से चुने जाएंगे।

  • राष्ट्रीय खेल ट्रिब्यूनल: यह एक्ट खेल-संबंधी विवादों के निपटारे हेतु एक राष्ट्रीय खेल ट्रिब्यूनल की स्थापना करता है। ड्राफ्ट नियमों में निर्दिष्ट किया गया है कि अध्यक्ष चार वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक पद पर रहेगा। सदस्य चार वर्ष या 67 वर्ष की आयु तक पद पर रहेंगे। सभी सदस्य आयु सीमा के अधीन, एक और कार्यकाल के लिए पुनर्नियुक्ति के पात्र होंगे।

14 नवंबर 2025 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।

 

खनन

Vaishali Dhariwal (vaishali@prsindia.org)

खनन पट्टे के निष्पादन के लिए मध्यस्थ समय-सीमा निर्दिष्ट की गई

खान मंत्रालय ने खनिज (नीलामी) नियम, 2015 में संशोधनों को अधिसूचित किया है। ये नियम खान एवं खनिज (विकास एवं रेगुलेशन) एक्ट, 1957 के अंतर्गत जारी किए गए हैं।[28], [29],[30]  2015 के नियमों में खनन पट्टे के निष्पादन के लिए आशय पत्र (एलओआई) जारी होने की तिथि से तीन वर्ष (दो वर्ष तक बढ़ाई जा सकने वाली) की समय-सीमा निर्धारित की गई है। 2025 के नियमों में निम्नलिखित मध्यवर्ती समय-सीमाएं जोड़ी गई हैं: (i) एलओआई जारी होने के छह महीने के भीतर खनन योजना का अनुमोदन, (ii) खनन योजना के अनुमोदन के 18 महीनों के भीतर पर्यावरण मंज़ूरी का प्रावधान, और (iii) पर्यावरण मंज़ूरी जारी होने के 12 महीनों के भीतर खनन पट्टे का निष्पादन। संयुक्त लाइसेंस के लिए, एलओआई जारी होने के 12 महीनों के भीतर निष्पादन आवश्यक होगा। निष्पादन के 36 महीनों के भीतर प्रसंस्करण का एक निर्दिष्ट स्तर पूरा किया जाना चाहिए। प्रत्येक महीने की देरी के लिए बोलीदाता की बैंक गारंटी का 1% हिस्सा विनियोजित किया जाएगा।

उद्योग

Ayush Stephen Toppo (ayush@prsindia.org) 

वस्त्र उद्योग के लिए पीएलआई योजना में संशोधन

वस्त्र मंत्रालय ने वस्त्र उद्योग के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में संशोधनों को अधिसूचित किया है।[31],[32] ये योजना 2021 में शुरू की गई थी।[33] इसका उद्देश्य मानव निर्मित रेशे (एमएमएफ) परिधान, एमएमएफ कपड़े और तकनीकी वस्त्र उत्पादों जैसे कुछ उत्पादों का घरेलू उत्पादन बढ़ाना है। प्रमुख बदलावों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • निवेश सीमा में कमी: पहले, इस योजना के पहले भाग (बड़ी परियोजनाओं) और दूसरे भाग (मध्यम-स्तरीय परियोजनाओं) के लिए निर्माताओं से क्रमशः 300 करोड़ रुपए और 100 करोड़ रुपए का न्यूनतम निवेश अपेक्षित था। संशोधनों के अनुसार, यह सीमा क्रमशः 150 करोड़ रुपए और 50 करोड़ रुपए कर दी गई है।

  • कम टर्नओवर मानदंड: प्रोत्साहनों के लिए अर्हता प्राप्त करने हेतु, निर्माताओं को पहले पिछले वर्ष की तुलना में टर्नओवर में न्यूनतम 25% वृद्धि दर्ज करनी होती थी। संशोधनों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 से यह मानदंड घटाकर 10% कर दिया गया है (दूसरे वर्ष से लागू)।

  • पात्र उत्पाद श्रेणियों का विस्तार: संशोधनों से पात्र उत्पाद श्रेणियों का विस्तार करते हुए एमएमएफ परिधान के अंतर्गत आठ नई श्रेणियां और एमएमएफ वस्त्रों के अंतर्गत नौ नई श्रेणियां शामिल की गई हैं।

  • कंपनी पंजीकरण आवश्यकताओं में छूट: पहले, आवेदकों को निवेश शुरू करने से पहले नई कंपनियां स्थापित करनी होती थीं। संशोधनों से यह आवश्यकता समाप्त हो गई है और आवेदकों को मौजूदा कंपनियों के भीतर परियोजना इकाइयां स्थापित करने की अनुमति मिल गई है।   

पर्यावरण

Vaishali Dhariwal (vaishali@prsindia.org)

कुछ उद्योगों के लिए उत्सर्जन तीव्रता लक्ष्य जारी किए गए

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण (संरक्षण) एक्ट, 1986 के अंतर्गत ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन तीव्रता लक्ष्य (जीईआई) नियम, 2025 जारी किए हैं।[34],[35] ये नियम चार क्षेत्रों के उद्योगों के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन तीव्रता लक्ष्य निर्धारित करते हैं: (i) एल्युमीनियम, (ii) सीमेंट, (iii) रासायनिक प्रसंस्करण, और (iv) लुगदी एवं कागज़। ये नियम कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना, 2023 के तहत अनुपालन को सुगम बनाएंगे।[36] यह योजना कार्बन क्रेडिट के रेगुलेशन और व्यापार के लिए एक बाज़ार-आधारित व्यवस्था प्रदान करती है।

नियमों में अनुपालन के लिए बाध्य कंपनियों और संबंधित लक्ष्य वर्षों का उल्लेख है। बाध्य कंपनियों को भारतीय कार्बन बाज़ार संरचना के अंतर्गत पंजीकरण कराना होगा। निर्धारित लक्ष्यों से कम उत्सर्जन तीव्रता स्तर प्राप्त करने पर कंपनियों को कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्र प्राप्त होंगे। अगर वे इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में असमर्थ रहती हैं, तो वे कमी को पूरा करने के लिए पहले से जमा और खरीदे गए कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्रों का उपयोग कर सकती हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन नियमों का पालन न करने वाली किसी भी कंपनी पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति लगा सकता है। यह क्षतिपूर्ति संबंधित अनुपालन वर्ष में कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्रों के औसत मूल्य के दोगुने के बराबर होगी। यह क्षतिपूर्ति लागू होने के 90 दिनों के भीतर चुकाई जानी चाहिए।

 

परिवहन

Atri Prasad Rout (atri@prsindia.org)

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन से संबंधित नियम अधिसूचित

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन एक्ट, 1988 के अंतर्गत राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड नियम, 2025 जारी किए।[37], [38] एक्ट में प्रावधान है कि बोर्ड केंद्र और राज्य सरकारों को सड़क सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर सलाह देगा, जैसे: (i) मोटर वाहनों के डिज़ाइन, निर्माण और रखरखाव के मानक, और (ii) सड़क सुरक्षा, सड़क अवसंरचना और यातायात नियंत्रण से संबंधित मानक। नियम बोर्ड की संगठनात्मक संरचना और संबंधित प्रक्रियाओं को निर्दिष्ट करते हैं।

बोर्ड में निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष, जिसके पास राजमार्ग इंजीनियरिंग और सड़क सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में कम से कम 15 वर्षों का अनुभव हो, (ii) राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों के छह सदस्य, (iii) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करने वाले दो सदस्य, (iv) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के दो सदस्य, (v) राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम का एक सदस्य, और (vi) केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त प्रासंगिक अनुभव वाले कम से कम पांच अन्य सदस्य। अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा, जबकि राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य रोटेशन के आधार पर दो वर्ष तक कार्य करेंगे।

मंत्रालय का एक अधिकारी, जो संयुक्त सचिव के पद के समकक्ष हो, बोर्ड का सदस्य सचिव होगा। बोर्ड की बैठक तीन महीने में कम से कम एक बार होगी, जैसा कि अध्यक्ष या सदस्य सचिव द्वारा निर्धारित किया जाएगा। बोर्ड को अपने कार्यों पर सलाह देने के लिए पेशेवर विशेषज्ञों के कार्य समूह गठित करने का भी अधिकार होगा।

 

अनुलग्नक

संसद ने अपनी कुछ विभागीय स्थायी समितियों का गठन किया है। समितियों द्वारा 2025-26 में समीक्षा के लिए चिन्हित विषय निम्न हैं।

   

रसायन और उर्वरक

उर्वरक विभाग

1

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना का मूल्यांकन

2

उर्वरक क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में बेकार पड़े नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स/अचल संपत्तियों की समीक्षा

3

उर्वरक सबसिडी योजनाओं के साथ-साथ उर्वरक नवाचार योजनाओं का मूल्यांकन और निगरानी

4

उर्वरक उत्पादक पीएसयूज़ के प्रदर्शन का मूल्यांकन (व्यावसायिक एवं वाणिज्यिक पहलुओं के अलावा)

5

घरेलू उर्वरक उद्योग के विकास को सुनिश्चित करने के लिए पहल

6

उर्वरकों और कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उर्वरक परियोजनाएं और संयुक्त उद्यम

7

उर्वरक (आवाजाही नियंत्रण) आदेश, 1973 के कार्यान्वयन का मूल्यांकन, जिसमें आदेश के उल्लंघन पर दंड की प्रभावशीलता का विशेष संदर्भ शामिल है

8

नैनो उर्वरकों के क्षेत्र में विकास, संवर्धन और वृद्धि, जिसमें स्प्रे एप्लिकेशन मैकैनिज्म शामिल है

9

यूरिया नीति में सुधार और सभी उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित मूल्य निर्धारण की आवश्यकता

10

पीक सीजन के दौरान उर्वरकों की कुशल आवाजाही और किफायती कीमतों पर उपलब्धता के लिए लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था और अनिवार्य उर्वरकों के साथ अनावश्यक बूस्टर्स की जबरन बंडलिंग को रोकने के लिए उठाए गए कदम

11

जैविक और जैव उर्वरकों को बढ़ावा देना

रसायन और पेट्रोरसायन विभाग

1

बीमार इकाइयों के पुनरुद्धार सहित अन्य उपायों की शुरुआत करके भारत को रसायनों और पेट्रोरसायनों के एक अग्रणी निर्माता के रूप में स्थापित करना

2

केंद्रीय पेट्रोरसायन इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी) के कामकाज की समीक्षा, प्लास्टिक उद्योग के लिए सीआईपीईटी द्वारा अनुसंधान एवं विकास पहलों सहित सीआईपीईटी द्वारा प्लास्टिक उद्योग को तकनीकी सहायता सेवाएं प्रदान करना

3

डाई-स्टफ और डाई इंटरमीडिएट्स उद्योग को प्रभावित करने वाले कारक

4

कीटनाशक निर्माण प्रौद्योगिकी संस्थान (आईपीएफटी) के कामकाज की समीक्षा

5

प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केंद्रों की स्थापना और देश में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए उठाए गए कदम

6

पेट्रोलियम, रसायन और पेट्रोरसायन निवेश क्षेत्रों (पीसीपीआईआर) के प्रदर्शन की समीक्षा

7

राष्ट्रीय पेट्रोरसायन नीति, 2007 की समीक्षा

8

भारतीय रसायन उद्योग में गुणवत्ता संबंधी चुनौतियों का समाधान

9

कीटनाशकों के निर्माण से अवशिष्टों को कम करने के लिए एक प्रभावी नीति की आवश्यकता

फार्मास्यूटिकल्स विभाग

1

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) सहित विभिन्न पहलों के माध्यम से एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स (एपीआई) के उत्पादन और उपलब्धता में आत्मनिर्भरता

2

गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करते हुए फार्मास्यूटिकल उद्योग के निर्बाध विकास को स्थिर करना

3

पूर्वोत्तर राज्यों में पीएमबीजेपी की पैठ के विशेष संदर्भ के साथ प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की समीक्षा

4

राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (नाइपर) के परिसरों का निर्माण और नाइपर के प्रदर्शन का मूल्यांकन

5

देश में दवाओं की कीमतों में वृद्धि के विशेष संदर्भ के साथ राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) की भूमिका, कार्यों और कर्तव्यों की समीक्षा

6

सिंगल-यूज़ मेडिकल उपकरणों के पुन: उपयोग के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देशों की स्थापना

7

जागरूकता और विश्वास की कमी के विशेष संदर्भ के साथ जेनेरिक बनाम ब्रांडेड दवाइयां

8

एक एकीकृत, पारदर्शी और पूर्वानुमानित/विश्वसनीय दवा मूल्य निर्धारण तंत्र की आवश्यकता

9

दवा उद्योग का समावेशी विकास

संचार और सूचना प्रौद्योगिकी

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय

1

सभी प्रकार के मीडिया से संबंधित कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा

2

प्रसार भारती संगठन के कामकाज की समीक्षा

3

फिल्म उद्योग पर एक नज़र

4

ओटीटी प्लेटफॉर्म का उदय और संबंधित मुद्दे

5

केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) के कामकाज की समीक्षा

6

“सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियरीज़ के दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (भाग III)” के कार्यान्वयन की समीक्षा

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

1

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उद्भव का प्रभाव और संबंधित मुद्दे

2

सामाजिक और डिजिटल प्लेटफॉर्म और उनका रेगुलेशन

3

साइबर सुरक्षा- मुद्दे, चुनौतियां और भविष्य का मार्ग

4

बायोमेट्रिक डेटा और प्रौद्योगिकियां: वर्तमान और भविष्य के उपयोग

5

सार्वजनिक सेवा वितरण में डिजिटल शासन की भूमिका

संचार मंत्राल (डाक विभाग)

1

डाक सेवाओं में ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन

2

विश्व व्यापी सर्वोत्तम कार्य पद्धतियों को अपनाना और भारतीय डाक को सुदृढ़ बनाने में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) की भूमिका

3

डाक विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की समीक्षा- चुनौतियां और अवसर

4

भारतीय डाक में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति

संचार मंत्रालय (दूरसंचार विभाग)

1

भारत में दूरसंचार क्षेत्र के समक्ष आने वाले मुद्दे

2

दूरसंचार में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में आत्मनिर्भरता

3

दूरसंचार क्षेत्र में सेवा की गुणवत्ता (क्यूओएस) के मानक और उपभोक्ता संरक्षण

4

सार्वजनिक और निजी क्षेत्र द्वारा कार्यान्वित डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) के अंतर्गत योजनाओं/परियोजनाओं के प्रदर्शन की समीक्षा

5

स्पेक्ट्रम प्रबंधन और डिजिटल विकास में उसकी भूमिका

कोयला, खदान और इस्पात

कोयला मंत्रालय

1

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कोयला और लिग्नाइट कंपनियों की भूमिका

2

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और उसकी सहायक कंपनियों के कामकाज की समीक्षा

3

कोयला नियंत्रक संगठन (सीसीओ) के कामकाज की समीक्षा

4

कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) के कामकाज की समीक्षा

5

कोयला खदानों में संरक्षण, सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास

6

वॉश्ड कोयले के उत्पादन को बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास

7

कोयला ब्लॉक नीलामी और आवंटन प्रक्रिया- एक समीक्षा

8

कोयला/लिग्नाइट खनन क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन के मुद्दे

9

कोयला क्षेत्र में अनुसंधान और विकास

10

भारत के ऊर्जा मिश्रण में कोयले का भविष्य

11

देश में अवैध कोयला खनन और कोयले की चोरी पर अंकुश लगाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और सतर्कता गतिविधियों का कार्यान्वयन

12

कोयला/लिग्नाइट कंपनियों द्वारा पर्यावरणीय मानदंडों का अनुपालन

13

कोयला/लिग्नाइट क्षेत्र में कौशल विकास

14

कोयला खनन परियोजनाओं के लिए पर्यावरण और वन मंजूरी प्रक्रिया में तेजी लाना और उसे सरल बनाना

15

कोयला खदानों का बंद होना और भूमि उपयोग प्रबंधन

16

 

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कोयला और लिग्नाइट कंपनियों की भूमिका

कोयला गैसीकरण योजना

17 कोयला गैसीकरण योजना 

 

खान मंत्रालय

1

भारत में अपतटीय खनन की खोज- अवसर और चुनौतियां

2

काबिल: भारत की वैश्विक महत्वपूर्ण खनिजों की खोज

3

राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन: भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम

4

पूर्वोत्तर राज्यों में खनिज अन्वेषण और खनन गतिविधियां और उनका विकासात्मक प्रभाव

5

खनन गतिविधियों से होने वाले प्रदूषण में कमी के उपाय

6

राष्ट्रीय एल्यूमीनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को) के कामकाज की समीक्षा

7

हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) के कामकाज की समीक्षा

8

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के कामकाज की समीक्षा

9

भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) के कामकाज की समीक्षा

10

राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी)- प्रदर्शन और समीक्षा

11

देश में खनिजों और धातुओं के अवैध खनन पर अंकुश लगाने के उपाय

12

खनन क्षेत्रों में निवासियों/श्रमिकों के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं

13

खनन क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का कार्यान्वयन

स्टील मंत्रालय
1 स्टील क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और 'मेड इन इंडिया' स्टील उत्पादन के लिए रोडमैप
2 स्टील अ थॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल)  का संगठनात्मक ढांचा और प्रदर्शन- एक समीक्षा
3 राष्ट्रीय स्टील निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) के कामकाज की समीक्षा
4 एनएमडीसी स्टील लिमिटेड (एनएसएल) के कामकाज की समीक्षा
5 राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के कामकाज की समीक्षा
6 केआईओसीएल के कामकाज की समीक्षा
7 मॉयल के कामकाज की समीक्षा
8 मेकॉन के कामकाज और उसकी परामर्श गतिविधियों की समीक्षा
9 स्टील क्षेत्र के लिए पीएलआई (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन) योजना
10 लोहे एवं स्टील क्षेत्र में आरएंडडी को बढ़ावा
11 स्टील मंत्रालय के अंतर्गत 'भारत में व्यापारिक जहाजों की फ्लैगिंग को प्रोत्साहन' योजना की समीक्षा
12 भारत में लौह अयस्क की हैंडलिंग से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर
13 भारत में लौह और स्टील क्षेत्र का हरित परिवर्तन- रोडमैप और कार्य योजना
14 सेकेंडरी स्टील क्षेत्र की सहायता हेतु प्रमुख नीतिगत परिवर्तन
15 स्टील संयंत्रों द्वारा ऊर्जा दक्षता का प्रबंधन
16 स्टील संयंत्रों से संबंधित पर्यावरणीय मुद्दे
17 भारत में मैंगनीज अयस्क उद्योग का विकास
18 सार्वजनिक क्षेत्र के स्टील उपक्रमों की ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड परियोजनाओं की स्थिति

 

    

ऊर्जा

विद्युत मंत्रालय

1 भारत में ऊर्जा सुरक्षा - किफायती मूल्य पर बिजली की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करना

2

ऊर्जा संक्रमण

3

ऊर्जा संरक्षण और दक्षता

4

तापीय (कोयला और गैस आधारित) बिजली संयंत्रों का प्रदर्शन- पर्याप्त मात्रा में ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना

5

देश में जल विद्युत क्षेत्र का पुनरुत्थान

6

ट्रांसमिशन क्षेत्र का पुनरुद्धार- बिजली प्रणाली में उच्च मांग का प्रबंधन और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना

7

बिजली वितरण क्षेत्र का सुदृढ़ीकरण- समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीएंडसी) हानियों और स्मार्ट मीटरिंग पर विशेष ध्यान देने के साथ पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना

8

बिजली क्षेत्र में आपदा संबंधी तैयारी और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना

9

गो इलेक्ट्रिक– इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को सुगम बनाना और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास

10

बिजली क्षेत्र में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एआई का प्रभाव और कार्य योजना

11

भारत में बिजली क्षेत्र के कार्बन फुटप्रिंट्स और कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना हेतु कार्य योजना

12

आत्मनिर्भर बिजली क्षेत्र के विकास में बिजली क्षेत्र के वैधानिक निकायों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और संस्थानों की भूमिका

13

बिजली क्षेत्र में उभरता परिदृश्य और एक नई बिजली नीति की आवश्यकता- एक मूल्यांकन

14 पंप स्टोरेज प्लांट्स और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स के विकास हेतु कार्य योजना

नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय

1 2030 और उसके बाद भारत के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य

2

भारत के सौर ऊर्जा क्षेत्र का प्रदर्शन

3

देश में पवन ऊर्जा क्षेत्र का मूल्यांकन

4

प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम)- एक मूल्यांकन

5

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना- ग्रिड से जुड़ी सोलर रूफटॉप पहल

6

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन- भारत के लिए ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करने में हरित हाइड्रोजन की भूमिका

7

अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं से चौबीसों घंटे बिजली (आरटीसी) सुनिश्चित करना

8

राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम- एक मूल्यांकन

9

हरित ऊर्जा गलियारा- अक्षय ऊर्जा के लिए निकासी और ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास

10

अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता- उच्च दक्षता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना

11

अक्षय ऊर्जा वित्तपोषण- अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में त्वरित विकास की कुंजी के रूप में सुदृढ़ और नवीन वित्तपोषण

12

अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियां- अपतटीय पवन, भू-तापीय और महासागरीय ऊर्जा में प्रगति

13

अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास

14

अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में कौशल विकास और क्षमता निर्माण

विदेशी मामले

1

भारत-बांग्लादेश संबंधों का भविष्य

2

आर्कटिक और अंटार्कटिक क्षेत्रों में भारत की भूमिका और उपस्थिति

3

भारत-यूरोप संबंध: अवसर और चुनौतियां

4

भारत-श्रीलंका संबंध और भविष्य का मार्ग

5

क्वाड की भूमिका

6

भारत-चीन संबंधों को समझना और भविष्य का मार्ग

7

लुकिंग वेस्ट: इज़राइल सहित पश्चिम एशिया के साथ भारत के संबंध

8

वैश्विक तकनीकी कूटनीति, डिजिटल गवर्नेस, बाह्य अंतरिक्ष कूटनीति, एआई और उभरते इनोवेशंस में भारत की भूमिका

9

भारत-अमेरिका संबंध: चुनौतियां, अवसर और भविष्य का मार्ग

10

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों सहित ग्लोबल गवर्नेंस संस्थानों में भारत की भूमिका

11

ब्रिक्स में भारत की भूमिका

12

भारत की व्यापार कूटनीति और भू-राजनीति

13

विदेशों में भारतीय मिशनों का कामकाज: भारतीय विदेश सेवा के कामकाज सहित एक आकलन और मूल्यांकन

14

ई-पासपोर्ट सहित पासपोर्ट जारी करने की प्रणाली का प्रदर्शन और भारतीय पासपोर्ट एक्ट एवं नियमों की समीक्षा

15

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ सहयोग और सहभागिता को सुगम बनाना

16

भारत और ग्लोबल साउथ- एक समावेशी और समतापूर्ण विश्व व्यवस्था की ओर

17

भारत-पाकिस्तान संबंधों से जुड़े हालिया घटनाक्रम

18

भारत की सांस्कृतिक कूटनीति और सॉफ्ट पावर

19

भारत-नेपाल द्विपक्षीय संबंध

20

लैटिन अमेरिकी देशों के साथ भारत के संबंधों को मज़बूत करना

21

भारत की लुक ईस्ट नीति: भारत-आसियान साझेदारी की समीक्षा

22

अफ्रीकी देशों में अवसर और भारत की सहभागिता

23

प्रवासी भारतीयों से संबंधित योजनाएं/कार्यक्रम- एक समीक्षा

वित्त

1

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी)- गिफ्ट सिटी के प्रदर्शन की समीक्षा और भविष्य का मार्ग

2

नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रमों और आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रमों के कामकाज की समीक्षा

3

भारत में व्यापार सुगमता के मानदंडों को बढ़ाने के लिए भविष्य का मार्ग

4

बैंकिंग और आर्थिक प्रगति: चुनौतियों का सामना करना और भविष्य को अपनाना

5

बीमा क्षेत्र: प्रभाव, चुनौतियां और अवसर

6

अप्रत्यक्ष कर सुधार: सरलीकरण, युक्तिकरण और अनुपालन में आसानी, जीएसटी पर विशेष जोर

7

राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी): चुनौतियां और भविष्य का मार्ग

8

150 करोड़ रुपए और उससे अधिक की केंद्रीय क्षेत्र की परियोजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन तथा समय और लागत में वृद्धि के लिए जवाबदेही

9

सार्वजनिक उद्यमों के सर्वेक्षण की समीक्षा और भविष्य का मार्ग

10

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के लिए समझौता ज्ञापन की व्यवस्था की समीक्षा और मूल्यांकन

11

निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि अथॉरिटी (आईईपीएफए) के निष्पादन की समीक्षा

12

कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व की समीक्षा

13

राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) के निष्पादन की समीक्षा और किफायती आवास वित्त को सुदृढ़ बनाने तथा आवास क्षेत्र में ऋण सुलभता बढ़ाने में उसकी भूमिका

14

केंद्र प्रायोजित योजनाओं/कार्यक्रमों का मूल्यांकन: बजट आवंटन और धनराशि प्रवाह

15

भुगतान और निपटान प्रणालियों के रेगुलेशन और सुपरविजन की समीक्षा

16

वित्त क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेस: उभरते मुद्दे और संभावनाएं

17

भारत में जलवायु अनुकूल वित्त: चुनौतियां और अवसर

18

एमएसएमई क्षेत्र और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को वित्तपोषित करने और मजबूत बनाने में सिडबी के प्रदर्शन की समीक्षा

19

कृषि और ग्रामीण क्षेत्र को सशक्त बनाने और ऋण प्रदान करने में नाबार्ड के प्रदर्शन की समीक्षा

20

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी): प्रदर्शन समीक्षा, रेगुलेटरी अंतराल और भविष्य का मार्ग

21

वित्तीय साक्षरता और वित्तीय डिजिटलीकरण में वृद्धि: चुनौतियां और उपलब्धियां

22

वित्तीय क्षेत्र में शिकायत निवारण तंत्र की कार्यप्रणाली

23

इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता के कामकाज की समीक्षा और उभरते मुद्दे

24

राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के प्रदर्शन की समीक्षा

25

प्रत्यक्ष कर सुधार: सरलीकरण, युक्तिकरण और अनुपालन में आसानी

26

अनौपचारिक क्षेत्र के लिए सामाजिक सुरक्षा

27

केंद्र और राज्यों में दीर्घकालिक सार्वजनिक वित्त और ऋण की समीक्षा

28

सेबी का कार्य-निष्पादन मूल्यांकन: पूंजी बाजार का रेगुलेशन और निवेशक संरक्षण सुनिश्चित करना

29

विनिवेश और परिसंपत्ति पुनर्चक्रण सहित सार्वजनिक क्षेत्र की परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण

30

भारत की गतिशील अर्थव्यवस्था में आरबीआई की उभरती भूमिका

31

संशोधित दिशानिर्देशों के आलोक में संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) की समीक्षा

32

वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों (वीडीए) पर एक अध्ययन और भविष्य का मार्ग

33

दक्षता बढ़ाने के लिए केंद्र शासित प्रदेशों के वित्तपोषण का मूल्यांकन

34

योजना मंत्रालय (नीति आयोग) की भूमिका और कार्यक्षेत्र की समीक्षा

35

पेंशन क्षेत्र की कार्यनिष्पादन समीक्षा और रेगुलेशन

आवास और शहरी मामले

1

शहरी क्षेत्रों को परिभाषित करने के लिए जनगणना मानदंड

2

पीएम-ई-बस सेवा योजना

3

रियल एस्टेट (रेगुलेशन और विकास) एक्ट, 2016 के कार्यान्वयन की समीक्षा

4

शहरी पेयजल पर विशेष जोर देते हुए अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) की समीक्षा

5

अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत और अमृत 2.0) के तहत हस्तक्षेपों के विशेष संदर्भ में शहरों में सीवरेज और सेप्टेज कवरेज की समीक्षा

6

ई-गवर्नेंस में स्मार्ट सिटी एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्रों (आईसीसीसी) का संचालन और प्रदर्शन

7

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की किफायती किराया आवास योजनाओं की समीक्षा

8

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की स्लम्स के पुनर्विकास और पुनर्वास संबंधी पहलों की समीक्षा

9

मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा, जैसे स्वच्छ भारत मिशन (शहरी), प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत), शहरी चुनौती निधि (यूसीएफ), पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम), राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम), क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) आदि

10

विरासत शहरों और धार्मिक महत्व के शहरों का सतत शहरी विकास

11

मेट्रो शहरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए शहरी क्षेत्रों में जीवन स्तर और गुणवत्ता में सुधार लाना

12

विभिन्न शहरों में मेट्रो की आवश्यकता और प्रगति की समीक्षा

13

जीआईएस-आधारित मास्टर प्लानिंग और नगर एवं ग्राम नियोजन संगठन (टीसीपीओ) की भूमिका और कार्यप्रणाली

14

शहरी विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल: प्रभावशीलता, चुनौतियां और भविष्य का दृष्टिकोण

15

शहरी शासन को सुदृढ़ बनाना: शहरी स्थानीय निकायों में मानव संसाधन क्षमता का आकलन

16

शहरी स्थानीय निकायों में राजस्व जुटाना और बजट प्रबंधन

17

शहरी नियोजन में पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ तकनीकों और शून्य कार्बन उत्सर्जन वाले पर्यावरण-अनुकूल शहरों के विकास की पहल

18

दिल्ली और अन्य शहरों में अनाधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण

19

सामान्य पूल आवासीय आवास (जीपीआरए) कॉलोनियों का पुनर्विकास और सरकारी आवासीय क्वार्टरों के विस्तार के उपाय

20

दिल्ली में भूमि पूलिंग नीति के कार्यान्वयन की स्थिति

21

आवास एवं शहरी विकास निगम (हुडको), हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड (एचपीएल), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी), राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी), संपदा निदेशालय (डीओई), भूमि एवं विकास कार्यालय (एलएंडडीओ), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी), दिल्ली शहरी कला आयोग (डीयूएसी), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी), और भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत ट्रस्ट (आईएनटीएसीएच) के कामकाज की समीक्षा

22

दिल्ली में सरकारी भूमि का आवंटन

23

शहरों में स्मार्ट यातायात प्रबंधन प्रणालियों के माध्यम से यातायात की भीड़भाड़ को दूर करने की रणनीतियां

उद्योग

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय

1

एमएसएमई के लिए ऋण उपलब्धता और वित्तीय सशक्तिकरण तंत्र की समीक्षा

2

एमएसएमई की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता और वैश्विक बाजार एकीकरण

3

पारंपरिक और श्रम-प्रधान एमएसएमई क्षेत्रों के लिए सहायता तंत्र

4

एमएसएमई क्षेत्र पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव

5

सार्वजनिक खरीद नीति के अंतर्गत सीपीएसई द्वारा एमएसई से 25% निर्धारित खरीद का कार्यान्वयन और उनके भुगतान जारी करने की समीक्षा

भारी उद्योग मंत्रालय

1

भारत का इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में संक्रमण: चुनौतियां और अवसर

2

भारी उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत सीपीएसई के लिए पुनरुत्थान और आधुनिकीकरण रणनीतियां

3

पूंजी वस्तु क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता और उद्योग 4.0 एकीकरण

ग्रामीण विकास और पंचायती राज

ग्रामीण विकास मंत्रालय ( ग्रामीण विकास विभाग)

1

ग्रामीण कौशल विकास एवं प्रवास: दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई), दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) और ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों (आरएसईटीआई) का प्रभाव अध्ययन

2

ग्रामीण विकास में बैंकों की भूमिका

3

ग्रामीण स्वास्थ्य एवं पोषण अवसंरचना को सुदृढ़ करने हेतु मिशन अंत्योदय के कार्यकलापों की समीक्षा

4

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका विविधीकरण का दायरा

5

ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत स्वायत्त निकायों की समीक्षा: राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी (एनआरआईडीए),

6

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका संवर्धन सोसाइटी (एनआरएलपीएस), राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) और भारत ग्रामीण आजीविका फाउंडेशन (बीआरएलएफ) आदि

7

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत प्रगति की समीक्षा

8

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (मनरेगा) के माध्यम से ग्रामीण रोजगार की समीक्षा

ग्रामीण विकास मंत्रालय (भूमि संसाधन विभाग)

1

भूमि अधिग्रहण एक्टस, 2013 का कार्यान्वयन

2

बंजर भूमि विकास और भूमि उपयोग परिवर्तन की स्थिति की समीक्षा

3

साझा संपत्ति संसाधनों और चरागाह भूमि के प्रभावी प्रबंधन की समीक्षा

4

खनन और औद्योगिक गलियारों का ग्रामीण आवास और भूमि पर प्रभाव

5

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई) के जलग्रहण विकास घटक के अंतर्गत जलग्रहण विकास और मृदा संरक्षण की स्थिति की समीक्षा

6

डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) का कार्यान्वयन

पंचायती राज मंत्रालय

1

अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार (पेसा) एक्ट, 1996 की समीक्षा

2

पंचायतों का वित्तीय सशक्तिकरण

3

आपदा प्रबंधन और जलवायु प्रतिक्रिया में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की भूमिका को सुदृढ़ बनाना

4

पंचायतों में महिला एवं युवा नेतृत्व के प्रदर्शन की समीक्षा

5

पंचायतों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति में नौ विषयों के कार्यान्वयन की समीक्षा

6

पंचायत की त्रि-स्तरीय प्रणाली में समन्वय के विशेष संदर्भ में संविधान के 73वें संशोधन एक्ट के कार्यान्वयन की प्रभावशीलता

7

ग्रामीण भारत का डिजिटल सशक्तिकरण: कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) और भारतनेट कार्यक्रम तथा मोबाइल कनेक्टिविटी की जांच और समीक्षा

8

ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक से गांवों की आबादी का सर्वेक्षण और मानचित्रण (स्वामित्व) योजना

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (उपभोक्ता मामले विभाग)

1

डार्क पैटर्न और मैनिपुलेटिव ऑनलाइन प्रैक्टिस: चुनौतियां और उपाय

2

गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार और बीआईएस मानकों का प्रवर्तन

3

इथेनॉल और जैव-ईंधन का गुणवत्ता आश्वासन और मानकीकरण

4

राष्ट्रीय टेस्ट हाउस का आधुनिकीकरण: उन्नत परीक्षण क्षमताओं का विस्तार

5

पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों के विशिष्ट संदर्भ में अनिवार्य वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना

6

शिशु उत्पादों और अन्य खाद्य उत्पादों में चीनी की मात्रा के विशिष्ट संदर्भ में पैकेज्ड वस्तुओं का रेगुलेशन

7

बैंकिंग क्षेत्र में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा

8

अनिवार्य वस्तु एक्ट, 1955 के अंतर्गत वस्त्र उत्पादों का रेगुलेशन और आपूर्ति

9

नए जीएसटी 2.0 सुधारों के अंतर्गत उपभोक्ता अधिकारों का सुदृढ़ीकरण

10

राष्ट्रीय, राज्य और जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग: एक मूल्यांकन

11

प्रभावी उत्पाद लेबलिंग के माध्यम से उपभोक्ता जागरूकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देना

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग)

1

खाद्यान्न खरीद के अनुकूलन हेतु पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण

2

खाद्यान्न का स्टोरेज: मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर और भविष्य की रणनीति

3

खाद्यान्न परिवहन: आवागमन का अनुकूलन

4

सार्वजनिक वितरण प्रणाली का आधुनिकीकरण: तकनीकी डेटाबेस का सुदृढ़ीकरण

5

चीनी उद्योग में तकनीकी प्रगति

6

केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी): सेवाओं का विविधीकरण

7

खाद्य तेल उद्योग: एक समीक्षा

8

गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ (क्यूसीसी)

9

भारतीय अनाज भंडारण प्रबंधन एवं अनुसंधान संस्थान (आईजीएमआरआई): फसल कटाई उपरांत प्रबंधन और खाद्यान्न की गुणवत्ता को सुदृढ़ बनाना

श्रम, कपड़ा और कौशल विकास

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय

1

श्रम संहिताओं का कार्यान्वयन

2

अनाधिकृत खदानों और खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के कामकाज के मूल्यांकन सहित खदान श्रमिकों की कार्य स्थितियां और कल्याणकारी उपाय

3

सरकारी संगठनों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों/प्रतिष्ठानों में संविदा/अनौपचारिक श्रमिकों की संविदा नियुक्तियां/तैनाती तथा उनके कल्याण से संबंधित श्रम कानूनों का कार्यान्वयन

4

बागान श्रमिकों के लिए कल्याणकारी उपायों का कार्यान्वयन

5

ईपीएफ पेंशन योजना तथा कॉरपस फंड के प्रबंधन के विशेष संदर्भ में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का कामकाज।

6

दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड (डीटीएनबीडब्ल्यूईडी) का कामकाज

7

बंधुआ मजदूरों की पहचान और पुनर्वास

8

विभिन्न रोजगार क्षेत्रों में निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का कार्यान्वयन

9

गिग/स्कीम श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडर्स, स्टोन क्रशर्स, मछुआरों और आईटी एवं टेलीकॉम क्षेत्रों के श्रमिकों सहित असंगठित/अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था सुरक्षा प्रदान करने के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी उपाय

10

विदेशी ठेका श्रमिकों और वापस लौटने वाले लोगों के हितों की रक्षा के लिए सुरक्षा उपाय, विशेष रूप से पश्चिम एशिया क्षेत्र में

11

रोजगार सृजन कार्यक्रम- एक समीक्षा

12

महिला कार्यबल का सशक्तिकरण - उनकी कार्य स्थितियों और उनके लिए उपलब्ध विभिन्न प्रावधानों के कार्यान्वयन की जानकारी

13

भारत और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ)- उद्देश्यों की प्राप्ति और भारत पर बाध्यकारी कन्वेंशंस की समीक्षा

14

ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों के विशेष संदर्भ में ईएसआईसी के जरिए संगठित और असंगठित क्षेत्रों में श्रमिकों और उनके परिवारों को किफायती स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करना- चुनौतियां और समाधान

15

रेलवे, सड़क मार्ग, एयरलाइंस और बंदरगाहों में श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक सुरक्षा उपाय

16

रोजगार और श्रमिक कल्याण पर प्रौद्योगिकी और ऑटोमेशन का प्रभाव

17

घरेलू कामगारों के अधिकार और कल्याण

18

भारत में प्रवासी श्रमिकों की कार्य स्थितियों और अधिकारों का आकलन

19

श्रम-प्रधान क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सहयोग

20

बंद/रुग्ण उद्योगों में श्रमिकों के लिए नीतिगत ढांचा और पुनर्वास

21

कर्मचारी शिकायत निवारण तंत्र का मूल्यांकन और श्रम कानूनों का अनुपालन

22

श्रम भर्ती एजेंसियों की समीक्षा और रेगुलेशन

23

ई-श्रम पोर्टल के प्रदर्शन और एकीकरण की समीक्षा

कपड़ा मंत्रालय

1

वस्त्र क्षेत्र में कौशल विकास बनाम मैन्यूफैक्चरिंग और अपग्रेडेशन

2

भारतीय वस्त्र उद्योग में चुनौतियां/अवसर

3

हथकरघा क्षेत्र की स्थिति/निष्पादन

4

विद्युतकरघा क्षेत्र की स्थिति और सुधार

5

हथकरघा एवं हस्तशिल्प मार्केटिंग एजेंसियों का प्रदर्शन

6

राष्ट्रीय वस्त्र निगम (एनटीसी) का कामकाज

7

ऊन क्षेत्र में चुनौतियां/अवसर

8

वस्त्र क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी क्षेत्र भागीदारी का दायरा

9

वस्त्र क्लस्टर विकास योजना (टीसीडीएस) के कामकाज की समीक्षा

10

वस्त्र उत्पादन से निकलने वाले अपशिष्ट का पर्यावरण पर प्रभाव और उसे रोकने के लिए किए गए उपाय/पहल

11

वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण हेतु समर्थ योजना के कामकाज की समीक्षा

12

रेशम उत्पादन पर विशेष ध्यान देने के साथ पूर्वोत्तर वस्त्र संवर्धन योजना (एनईआरटीपीएस) के अंतर्गत चुनौतियां और संभावनाएं

13

पारंपरिक हस्तशिल्प को बढ़ावा देने और लुप्त होती कलाओं के संरक्षण के उपाय

14

प्रधानमंत्री मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र एवं परिधान (पीएम मित्र) योजना का कार्यान्वयन

15

हथकरघा क्षेत्र के लिए कच्चे माल की आपूर्ति योजना के कार्यान्वयन और कार्यकरण की समीक्षा

16

भारतीय केंद्रीय कुटीर उद्योग निगम लिमिटेड के प्रदर्शन का मूल्यांकन

17

1981 में राष्ट्रीयकरण के बाद ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड का प्रदर्शन, आधुनिकीकरण और पुनर्वास

18

भारत के तकनीकी वस्त्र क्षेत्र के समक्ष चुनौतियों की समीक्षा और भविष्य की रूपरेखा

19

एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल के अंतर्गत वस्त्र उद्योग को शामिल करना

दक्षता विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय

1

राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क- एक मूल्यांकन

2

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) का कामकाज

3

खाद्य प्रसंस्करण, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण

4

अग्निवीरों के कौशल की मान्यता योजना- एक मूल्यांकन

5

नई आईटीआई अपग्रेडेशन योजना की शुरुआत

6

एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के अंतर्गत कौशल विकास

7

राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) का कामकाज

8

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (पीएमकेवीवाई 4.0) का कार्यान्वयन

9

राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस)-2

10

जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस)

11

कौशल ऋण योजना

12

प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली योजना

13

विदेश में रोजगार के इच्छुक प्रवासी श्रमिकों के लिए कौशल उन्नयन और भाषा प्रशिक्षण

14

विभिन्न मंत्रालयों (पीएम विश्वकर्मा, आरएसईटीआई, आदि) में कौशल विकास और उद्यमिता योजनाओं का मूल्यांकन

15

सरकारी और निजी आईटीआई की समीक्षा

16

राष्ट्रीय कौशल जनगणना की आवश्यकता

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस

1

पेट्रोलियम उत्पादों का मूल्य निर्धारण, जिसमें मूल्य निर्धारण नीति की समीक्षा भी शामिल है

2

पेट्रोलियम उत्पादों की मार्केटिंग और आपूर्ति

3

तेल कंपनियों के भौतिक और वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा

4

तेल पीएसयूज़ की मानव संसाधन नीतियों की समीक्षा

5

तेल पीएसयूज़ की सीएसआर संबंधी गतिविधियां

6

देश में ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय, जिसमें 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' के अंतर्गत पहलों की समीक्षा भी शामिल है

7

घरेलू एलपीजी सिलेंडर सुरक्षा अभियानों की प्रभावकारिता

8

तेल पीएसयूज़ की चालू परियोजनाओं की समीक्षा

9

पेट्रोलियम/गैस क्षेत्रों में ग्राहक सेवा पहल और शिकायत निवारण तंत्र

10

तेल पीएसयूज़ की अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों की जांच

11

वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए सतत योजना और अन्य पहलों की समीक्षा

12

पेट्रोलियम क्षेत्र में पर्यावरणीय मुद्दे

13

पूर्वोत्तर के लिए हाइड्रोकार्बन विजन 2030 के कार्यान्वयन हेतु इंद्रधनुष गैस ग्रिड लिमिटेड की समीक्षा

14

विभिन्न क्षेत्रों में इथेनॉल मिश्रण के प्रभाव की समीक्षा

15

देश में एलएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा

16

तेल पीएसयूज़ के अंतर्राष्ट्रीय परिचालन, निवेश और विदेशी परिसंपत्तियों की जांच

17

महाराष्ट्र के उसर में गेल द्वारा पीडीएच-पीपी परियोजना की समीक्षा

18

पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी लगाना

19

पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में सुरक्षा और संरक्षा

20

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका

21

पेट्रोलियम क्षेत्र पर वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति का प्रभाव

22

पेट्रोलियम उत्पादों के घरेलू उत्पादन की समीक्षा

23

तेल पीएसयूज़ की खुदरा दुकानों पर सेवाओं और सुविधाओं में सुधार के उपाय

सामाजिक न्याय और अधिकारिता

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

1

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम (एनएसएफडीसी) के कामकाज की समीक्षा

2

अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़े वर्गों और खतरनाक एवं अस्वच्छ व्यवसायों में लगे व्यक्तियों के बच्चों के लिए मूल्यांकन अध्ययन एवं उनके कार्यान्वयन सहित छात्रवृत्ति योजनाएं

3

अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, विमुक्त जनजातियों और अति पिछड़े वर्गों के लिए कौशल विकास योजनाओं के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण

4

कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के अंतर्गत अनुसूचित जातियों/अन्य पिछड़े वर्गों के कल्याण हेतु कार्यान्वित योजनाएं/कार्यक्रम

5

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (एनबीसीएफडीसी) के कामकाज की समीक्षा

6

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) एक्ट, 1989 और नागरिक अधिकार संरक्षण एक्ट, 1955 के कार्यान्वयन की समीक्षा

7

अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, विमुक्त जनजातियों और अति पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए गैर सरकारी संगठनों/स्वयंसेवी संगठनों को प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता की समीक्षा

8

अटल वयो अभ्युदय योजना (एवीवाईएवाई)

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग

1

राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (एनएचएफडीसी) के कामकाज की समीक्षा

2

ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और बहुदिव्यांगता वाले व्यक्तियों के कल्याण हेतु राष्ट्रीय न्यास के कामकाज की समीक्षा

3

दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण नीति का कार्यान्वयन

4

सुगम्य भारत अभियान की समीक्षा

5

दिव्यांगजनों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए गैर-सरकारी संगठनों/स्वयंसेवी संगठनों को प्रदान की गई वित्तीय सहायता की समीक्षा

6

दृष्टिबाधित और अन्य दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए नए युग के सॉफ्टवेयर इनोवेशंस

7

कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के अंतर्गत दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कार्यान्वित योजनाएं/कार्यक्रम

8

भारतीय पुनर्वास परिषद के कामकाज की समीक्षा

9

दिव्यांगजनों के लिए कौशल विकास योजनाओं की समीक्षा

जनजातीय कार्य मंत्रालय

1

आदिवासियों के शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण हेतु योजनाएं

2

जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई) के कामकाज की समीक्षा

3

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) के कामकाज की समीक्षा

4

भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड) के कामकाज की समीक्षा

5

कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के अंतर्गत आदिवासियों के कल्याण के लिए कार्यान्वित योजनाएं/कार्यक्रम

6

अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी एक्ट, 2006 के कार्यान्वयन की समीक्षा

7

पीवीटीजी सहित आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए गैर सरकारी संगठनों/स्वयंसेवी संगठनों को प्रदान की गई वित्तीय सहायता की समीक्षा

8

पीवीटीजी सहित आदिवासियों के लिए कौशल विकास योजनाओं की समीक्षा

9

प्रधानमंत्री आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) की समीक्षा

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय

1

अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं की समीक्षा

2

कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के अंतर्गत अल्पसंख्यकों के कल्याण हेतु कार्यान्वित योजनाएं/कार्यक्रम

3

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेकेवाई) के कार्यान्वयन की समीक्षा

4

प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम विकास) की समीक्षा

5

सीखो और कमाओ, उस्ताद आदि सहित अल्पसंख्यकों के लिए कौशल विकास/योजनाओं की समीक्षा

6

अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण हेतु गैर सरकारी संगठनों/स्वयंसेवी संगठनों को प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता की समीक्षा

7

अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं की समीक्षा

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय 

(सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग), जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय

1

संबंधित मंत्रालयों/विभागों/संगठनों के समन्वय से अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग, विमुक्त जनजातियों, अति पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजन, जनजातीय और अल्पसंख्यकों सहित समाज के वंचित वर्गों का वित्तीय समावेशन, जिसमें बैंकों/गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों जैसे वित्तीय संस्थानों द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र ऋण शामिल है

2

संबंधित मंत्रालयों/विभागों/संगठनों के समन्वय से अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग, विमुक्त जनजातियों, अति पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजन, जनजातीय और अल्पसंख्यकों सहित समाज के वंचित वर्गों पर केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की गतिविधियों का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव

जल संसाधन

जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग

1

(i) नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण का संरक्षण, विकास, प्रबंधन और उपशमन, परियोजना के परिणामों और समय-सीमा के साथ-साथ राज्य सरकारों के प्रदर्शन के विशेष संदर्भ में; और

 

(ii) राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना-अन्य बेसिनों का अवलोकन।

2

 (i) संरक्षित/गैर-संरक्षित वन क्षेत्रों, राष्ट्रीय उद्यानों, बाघ अभयारण्यों और वन्यजीव अभयारण्यों में आर्द्रभूमि सहित जलाशयों और जल निकायों, धाराओं और नदियों का प्रबंधन, जो स्थायी वनस्पतियों और जीवों को प्रभावित करते हैं; और

 

(ii) वन क्षेत्रों सहित विभिन्न राज्यों के आबाद और निर्जन क्षेत्रों में द्वीपों का जलमग्न होना

3

ऑटोमेटेड सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्वीजिशन सिस्टम (एससीएडीए) और आधुनिक डिजिटल तकनीकों के प्रभावी उपयोग सहित बाढ़ प्रबंधन के लिए एकीकृत जलाशय संचालन की पृष्ठभूमि में बांध सुरक्षा प्रबंधन एक्ट के अंतर्गत बांध सुरक्षा नियम वक्रों के संदर्भ में छोटे बांधों सहित बांधों की सुरक्षा और कार्यप्रणाली का अवलोकन - राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एडीएसए) की भूमिका

4

(i) देश में बाढ़/बादल फटने/भूस्खलन के कारण, प्रभाव, शमन और राहत उपाय, विशेष रूप से अंतर-राज्यीय, राज्य के भीतर और सीमा पारीय नदियों के संदर्भ में, जिसमें नदी के किनारों, बाढ़ के मैदानों की सुरक्षा के साथ-साथ अनियमित कब्जे और अतिक्रमण के मुद्दे शामिल हैं; और

 

(ii) केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी), भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और बांध प्राधिकरणों सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के बीच बाढ़ प्रबंधन में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (ईडब्ल्यूएस) के संदर्भ में समन्वय और पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बाढ़/बादल फटने/भूस्खलन जैसे हालिया केस अध्ययनों से सीखे गए सबक

5

राज्य और राष्ट्रीय, दोनों स्तरों पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) परियोजनाओं की समीक्षा, और सिंचाई दक्षता, जल प्रबंधन और पाइप, ड्रिप और स्प्रिंकलर आदि के माध्यम से सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाने में इसकी भूमिका, विशेष रूप से एक वर्ष में तीन फसल की खेती करने वाले क्षेत्रों के संदर्भ में

6

जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) के उद्देश्यों के मद्देनजर राष्ट्रीय जल मिशन की समग्र समीक्षा, जिसमें हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को बरकरार रखने के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमएसएचई) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, प्रगति, चुनौतियों और प्रभावशीलता का आकलन किया जाएगा

7

देश में बड़े भूखंड वाले प्रमुख संगठनों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा जल उपभोग और प्रदूषण नियंत्रण उपायों पर सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल सहित विभिन्न क्षेत्रों के अंतर्गत जल संसाधनों का प्रबंधन

8

(i) देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में जल संसाधन प्रबंधन, विशेष रूप से ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियों के कारण भूक्षरण के संदर्भ में, जिसमें भूटान और नेपाल से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में भूजल पुनर्भरण और प्रदूषण नियंत्रण उपाय शामिल हैं; और

 

(ii) भारतीय हिमालयी क्षेत्र (आईएचआर) और पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में प्रमुख और लघु जल विद्युत संयंत्रों, शहरीकरण, निर्माण, सीवरेज और अन्य मानवजनित गतिविधियों के कारण प्रभावित जल निकायों का जीर्णोद्धार

9

भारत में प्रमुख, मध्यम और लघु सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा, जिसमें (i) सहभागी सिंचाई प्रबंधन (पीआईएम) और (ii) जल उपयोगकर्ता संघों (डब्ल्यूयूए) के संबंध में उनकी स्थिति और प्रगति शामिल है

10

(i) जल संसाधनों का संदूषण: देश में जल स्रोतों/निकायों पर कीटनाशकों और अन्य कृषि पद्धतियों के प्रभाव और जल स्तर के बहाली उपायों के विशेष संदर्भ में भूजल संदूषण के कारण, परिणाम और जांच के लिए उपचारात्मक उपाय; और

 

(ii) समुद्री जल और समुद्री जीवन पर प्रदूषण का प्रतिकूल प्रभाव: कारण, परिणाम और उपचारात्मक उपाय

11

नदियों को आपस में जोड़ना: महत्व, चुनौतियां और कोसी-मेची और केन-बेतवा जैसी नदी जोड़ो परियोजनाएं और अन्य प्रस्तावित परियोजनाएं

12

देश में मौजूदा नहर प्रणाली के उन्नयन सहित गंडक और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजनाओं के विशेष संदर्भ में प्रमुख नहर सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा

13

देश भर में सतत विकास के लिए समावेशी जल नियोजन हेतु छोटी बारहमासी और गैर-बारहमासी नदियों का संरक्षण और पुनरुद्धार, जिसमें गाद निकालने और नेविगेटिंग में सुधार के उपाय शामिल हैं

14

तटीय क्षेत्रों में बैकवाटर प्रबंधन, कृषि योग्य भूमि का ठहराव और ह्रास, साथ ही क्षेत्र में भूजल प्रदूषण सहित जलीय कृषि और मत्स्य पालन पर प्रभाव

15

जल बंटवारे और बाढ़ प्रबंधन पर केंद्रित नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के साथ अंतर्राष्ट्रीय जल संधियों और अंतर-राज्यीय जल समझौतों की समीक्षा

16

देश में अंतर-राज्यीय नदी जल प्रबंधन के संबंध में विभिन्न न्यायाधिकरणों/परिषदों/बोर्डों के कामकाज का अवलोकन

पेयजल एवं सैनिटेशन विभाग

1

जल जीवन मिशन के प्रदर्शन की समीक्षा- ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत निर्मित पाइप जलापूर्ति अवसंरचना की गुणवत्ता और कार्यात्मक स्थिरता, रखरखाव, प्रबंधन और विस्तार

2

स्वच्छ भारत मिशन-चरण II के प्रदर्शन की समीक्षा, विशेष रूप से सभी गांवों के लिए खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस लक्ष्य की प्राप्ति और देश में अपशिष्ट से धन बनाने की पहल गोबरधन के संदर्भ में

3

'ग्रीन लीफ रेटिंग', 'प्रसाद योजना' और 'स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थान (एसआईपी)' और अन्य राज्य स्तरीय पर्यटन स्थलों के अंतर्गत पर्यटन/तीर्थ स्थलों पर विश्व स्तरीय स्वच्छता और सैनिटेशन की सुविधाएं प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा

4

तटीय क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की चुनौतियां- लागत प्रभावी विलवणीकरण संयंत्रों की स्थापना के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग

5

स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण (एसबीएम-जी) के अंतर्गत ठोस, तरल और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, जिसमें संग्रहण, भंडारण और निपटान शामिल है

6

आकांक्षी जिलों और अन्य पिछड़े जिलों में जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के प्रदर्शन का अवलोकन

7

देश के शुष्क क्षेत्रों और अन्य जल संकटग्रस्त क्षेत्रों सहित ग्रामीण भारत में सुरक्षित पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपाय, विशेष रूप से पेयजल उपलब्ध कराने में नहरों की भूमिका के संदर्भ में

8

जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन और अन्य पहलों के माध्यम से पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण, रखरखाव और पुनर्स्थापना के लिए सीएसआर के तहत सरकार, स्थानीय निकायों, उद्योगों, सार्वजनिक उपक्रमों और निगमों की भूमिका

     

 

 [1] Monetary Policy Statement, 2025-26, Resolution of the Monetary Policy Committee, September 29 to October 1, 2025, Reserve Bank of India, October 1, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=61332. 

[2] Consumer Price Index Numbers on Base 2012=100 for Rural, Urban and Combined for the Month of September, 2025, Ministry of Statistics and Programme Implementation, October 13, 2025, https://www.mospi.gov.in/sites/default/files/press_release/CPI_PR_13oct25L.pdf.

[3] Index Numbers of Wholesale Price in India for the Month of September, 2025 (Base Year: 2011-12), Ministry of Commerce and Industry, October 14, 2025, https://eaindustry.nic.in/pdf_files/cmonthly.pdf.

[4] “Cabinet approves Terms of Reference of 8th Central Pay Commission”, Press Information Bureau, Ministry of Finance, October 28, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2183290.

[5] Statement on Developmental and Regulatory Policies, Reserve Bank of India, October 1, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=61334.

[6] Reserve Bank of India (Commercial Banks - Capital Market Exposure) Directions, 2025 – Draft, Reserve Bank of India, October 24, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4762

[7] Reserve Bank of India (Small Finance Banks - Capital Market Exposure) Directions, 2025 – Draft, Reserve Bank of India, October 24, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4763

[8] Guidelines on Enhancing Credit Supply for Large Borrowers through Market Mechanism – Repeal Circular – Draft, Reserve Bank of India, October 1, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4732

[9]Draft – Foreign Exchange Management (Borrowing and Lending) (Fourth Amendment) Regulations, 2025, Reserve Bank of India, October 2, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4736

[10] Foreign Exchange Management (Borrowing and Lending) (Amendment) Regulations, 2025, October 6, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/NotificationUser.aspx?Id=12915&Mode=0.

[11] Consultation Paper on Comprehensive Review of SEBI (Mutual Funds) Regulations, 1996, Securities and Exchange Board of India, October 28, 2025, https://www.sebi.gov.in/reports-and-statistics/reports/oct-2025/consultation-paper-on-comprehensive-review-of-sebi-mutual-funds-regulations-1996-_97496.html.

[12] SEBI (Mutual Funds) Regulations, 1996, Securities and Exchange Board of India, https://www.sebi.gov.in/acts/mfregu.html.

[13] Consultation Paper on Enhancing the National Pension System: Proposals for Flexible, Assured and Predictable Pension Schemes, September 30, 2025, https://pfrda.org.in/en/web/pfrda/w/consultation-paper.

[14]Draft Electricity (Amendment) Bill, 2025, Ministry of Power, October 9, 2025, https://powermin.gov.in/sites/default/files/webform/notices/Seeking_comments_on_Draft_Electricity_Amendment_Bill_2025.pdf.

[15]The Electricity Act, 2003, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/2058/1/A2003-36.pdf.

[16]“Union Cabinet Approves Mission for Aatmanirbharta in Pulses for 2025-26 to 2030-31,” Press Information Bureau, Cabinet, October 1, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2173547.

[17]“Cabinet approves Minimum Support Prices (MSP) for Rabi Crops for Marketing Season 2026-27” Press Information Bureau, Cabinet Committee on Economic Affairs, October 1, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2173566.

[18]“Cabinet approves the Nutrient Based Subsidy rates for Rabi 2025- 26 on Phosphatic and Potassic fertilisers” Press Information Bureau, Cabinet, October 28, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2183291.

[19]Shram Shakti Niti 2025, Ministry of Ministry of Labour and Employment, October 8, 2025, https://labour.gov.in/sites/default/files/draft_-_mole_le_policy_-_v1.1.pdf.

[20]The Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Amendment Rules, 2025, Ministry of Electronics and Information Technology, October 22, 2025, https://www.meity.gov.in/static/uploads/2025/10/90dedea70a3fdfe6d58efb55b95b4109.pdf.

[21]Government notifies amendments to Rule 3(1)(d) of the IT Rules, 2021 to enhance transparency, accountability and safeguards, Press Information Bureau, Ministry of Electronics and Information Technology, October 23, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2181719.

[22]The Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021, https://www.meity.gov.in/static/uploads/2024/02/Information-Technology-Intermediary-Guidelines-and-Digital-Media-Ethics-Code-Rules-2021-updated-06.04.2023-.pdf.

[23]The Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Amendment Rules, 2025, Ministry of Electronics and Information Technology, October 22, 2025, https://www.meity.gov.in/static/uploads/2025/10/38be31bac9d39bbe22f24fc42442d5d1.pdf.

[24]The National Sports Governance Act, 2025, Ministry of Youth Affairs & Sports, https://yas.gov.in/national-sports-governance-act-2025 

[25]Draft National Sports Governance (National Sports Board) Rules, Ministry of Youth and Sports Affairs, October 15, 2025,  https://yas.gov.in/sports/draft-national-sports-governance-national-sports-board-rules-2025-inviting-comments.

[26]Draft National Sports Governance (National Sports Bodies) Rules, Ministry of Youth and Sports Affairs, October 15, 2025, https://yas.gov.in/sports/draft-national-sports-governance-national-sports-bodies-rules-2025-inviting-comments.

[27]Draft National Sports Governance (National Sports Tribunal) Rules, Ministry of Youth and Sports Affairs, October 15, 2025, https://yas.gov.in/sports/draft-national-sports-governance-national-sports-tribunal-rules-2025-inviting-comments.

[28]The Mines and Minerals (Development and Regulation) Act, 1957, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/19380/1/mmdr_act%2C1957.pdf.

[29] The Mineral (Auction) Second Amendment Rules, 2025, The Gazette of India, Ministry of Mines, October 17, 2025, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2025/267001.pdf.

[30]Mineral (Auction) Rules, 2015, https://ibm.gov.in/writereaddata/files/11222021124835Mineral_Auction_Rules_2015%20updated%20upto%2002112021.pdf.

[31]“Ministry of Textiles Notifies Major Amendments in PLI Scheme for Textiles to Boost MMF and Technical Textiles Sectors”, Press Information Bureau, Ministry of Textiles, October 9, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2176795.

[32]Production Linked Incentive (PLI) Scheme for Textiles – Amendments and Addition in the Scheme, Ministry of Textiles, October 9, 2025, https://pli.texmin.gov.in/frontend/images/Documents/Amendment%20&%20Addition-PLI%20for%20Textiles%20-%20Noti%20dt%2009.10.2025.pdf.

[33]Production Linked Scheme for Textiles, 2021, https://pli.texmin.gov.in/frontend/images/Documents/1.%20PLI%20Textiles%20Notification_24.09.2021.pdf.

[34]Notification of the Ministry of Environment, Forest and Climate Change, October 8, 2025, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2025/266804.pdf.

[35] Environment Protection Act, 1986, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/4316/1/ep_act_1986.pdf.

[36]Carbon Credit Trading Scheme, 2023, Ministry of Power, June 28, 2023, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2023/246859.pdf.

[37]The Motor Vehicle Act, 1988, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1798/1/eng.pdf.

[38] National Road Safety Board Rules, 2025, Ministry of Road Transport and Highways, October 27, 2025, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2025/267201.pdf.

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