इस अंक की झलकियां
रेपो दर 5.5% पर अपरिवर्तित
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर को 5.5% पर बरकरार रखने के लिए मतदान किया। स्टैंडिंग डिपॉजिट फेसिलिटी रेट, मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट और बैंक रेट भी अपरिवर्तित रहेंगी।
2025-26 की दूसरी तिमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति 1.7%
2025-26 की दूसरी तिमाही में मुद्रास्फीति पिछले वर्ष की इसी तिमाही (4.3%) से कम रही। 2025-26 की दूसरी तिमाही में खाद्य कीमतों में 1.6% की गिरावट आई।
मंत्रिमंडल ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों को मंजूरी दी
देश की आर्थिक स्थिति, राजकोषीय विवेकशीलता, संसाधनों की पर्याप्तता और राज्य के वित्त पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आयोग सुझाव देगा।
ड्राफ्ट बिजली (संशोधन) बिल, 2025 पर टिप्पणियां आमंत्रित
ड्राफ्ट बिल एक ही क्षेत्र में कार्यरत वितरण लाइसेंसधारियों के बीच नेटवर्क साझा करने की अनुमति देता है। यह लागत-प्रतिबिंबित टैरिफ और कुछ क्रॉस-सबसिडी को हटाने का प्रावधान करता है। बिजली परिषद की स्थापना का प्रावधान भी है।
कैबिनेट ने दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लक्ष्य को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दालों में आत्मनिर्भरता के लिए एक मिशन को मंजूरी दी है। यह मिशन 2025-26 से 2030-31 तक छह वर्षों की अवधि में 11,440 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय के साथ क्रियान्वित किया जाएगा।
राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित
ड्राफ्ट नीति का उद्देश्य महिला श्रम बल भागीदारी दर में वृद्धि करना, प्रौद्योगिकी और हरित परिवर्तन को सुगम बनाना, अनुपालन और औपचारिकता को आसान बनाना तथा कार्यस्थल पर मृत्यु दर को लगभग शून्य करना है।
कंटेंट हटाने के आदेश जारी करने संबंधी आईटी नियमों में संशोधन
संशोधनों में कंटेंट हटाने, तर्कपूर्ण सूचना और आईटी नियम, 2021 के तहत जारी किए गए ऐसे सभी आदेशों की आवधिक समीक्षा के लिए वरिष्ठ स्तर के प्राधिकरण की आवश्यकता स्पष्ट की गई है।
सिंथेटिकली जनरेटेड इनफॉरमेशन संबंधी आईटी नियमों के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित
ड्राफ्ट नियमों में सिंथेटकली जनरेटेड इनफॉरमेशन को लेबल करना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा यूज़र्स को यह भी बताना होगा कि क्या वे सिंथेटकली जनरेटेड इनफॉरमेशन अपलोड कर रहे हैं।
राष्ट्रीय खेल प्रशासन एक्ट, 2025 के अंतर्गत ड्राफ्ट नियम जारी
ड्राफ्ट नियमों में राष्ट्रीय खेल बोर्ड, राष्ट्रीय खेल ट्रिब्यूनल और राष्ट्रीय खेल प्रशासन निकायों के गठन के लिए विवरण निर्दिष्ट किए गए हैं।
संसद की स्थायी समितियों ने समीक्षा के लिए विषयों को चिन्हित किया
विषयों में उर्वरकों के लिए डीबीटी योजनाओं का मूल्यांकन, दवाओं के लिए एपीआई की आत्मनिर्भरता, मीडिया को प्रभावित करने वाले कानूनों का कार्यान्वयन और शहरी क्षेत्रों को परिभाषित करने के लिए जनगणना मानदंड शामिल हैं।
मैक्रोइकोनॉमिक विकास
Shania Ali (shania@prsindia.org)
रेपो दर 5.5% पर अपरिवर्तित
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पॉलिसी रेपो रेट (जिस दर पर आरबीआई बैंकों को ऋण देता है) को 5.5% पर बनाए रखने के लिए वोट किया।[1] समिति के अन्य निर्णयों में निम्नलिखित शामिल हैं:
स्टैंडिंग डिपॉजिट फेसिलिटी रेट (जिस दर पर आरबीआई कोलेट्रल दिए बिना बैंकों से उधार लेता है) को 5.25% पर अपरिवर्तित रखा गया।
मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (जिस दर पर बैंक अतिरिक्त धन उधार ले सकते हैं) और बैंक रेट (जिस दर पर आरबीआई बिल्स ऑफ एक्सचेंज को खरीदता है) को क्रमशः 5.25% और 5.75% पर अपरिवर्तित रखा गया है।
आरबीआई ने 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया।
एमपीसी ने अपना तटस्थ रुख जारी रखने का निर्णय लिया।
2025-26 की दूसरी तिमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन 1.7% रही
2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 1.7% रही, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही (4.3%) से कम है।[2] 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सीपीआई मुद्रास्फीति 2.7% थी।
2025-26 की दूसरी तिमाही में खाद्य कीमतों में 1.6% की गिरावट आएगी, जबकि 2024-25 की इसी तिमाही में इसमें 6.8% की वृद्धि हुई थी। 2025-26 की पहली तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति 0.6% थी।
रेखाचित्र 1: 2025-26 की दूसरी तिमाही में मासिक मुद्रास्फीति (वर्ष-दर-वर्ष % परिवर्तन)
स्रोत: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय; पीआरएस।
2025-26 की दूसरी तिमाही में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति औसतन 0.02% रही, जो 2024-25 की इसी तिमाही के 1.8% से कम है।[3] 2025-26 की पहली तिमाही में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 0.3% थी।
वित्त
Shania Ali (shania@prsindia.org)
कैबिनेट ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों को मंजूरी दी है।[4] केंद्रीय वेतन आयोगों का गठन समय-समय पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और अन्य सेवा शर्तों पर सुझाव देने के लिए किया जाता है। आठवें केंद्रीय वेतन आयोग की घोषणा जनवरी 2025 में की गई थी। आयोग को गठन के 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, जिसमें निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखा जाएगा: (i) देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय विवेक की आवश्यकता, (ii) विकासात्मक व्यय और कल्याणकारी उपायों के लिए संसाधनों की पर्याप्तता सुनिश्चित करने की आवश्यकता, (iii) गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की अवित्तपोषित लागत, (iv) राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर संभावित प्रभाव क्योंकि आमतौर पर वे कुछ संशोधनों के साथ सुझावों को अपनाती हैं, और (v) केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र के प्रचलित वेतन और सेवा शर्तें। सुझाव 1 जनवरी, 2026 से लागू होने की संभावना है।
आरबीआई ने बैंकिंग नियमों में कई बदलावों की घोषणा की
आरबीआई ने बैंकिंग क्षेत्र के संबंध में कई उपायों की घोषणा की है।[5] प्रमुख बदलावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
जमा बीमा के लिए जोखिम-आधारित प्रीमियम की संरचना: वर्तमान में बैंकों को उनकी वित्तीय स्थिति चाहे जो भी हो, मूल्यांकन योग्य जमाओं पर प्रति 100 रुपए पर 12 पैसे का प्रीमियम देना पड़ता है। मूल्यांकन योग्य जमाएं, बैंक जमाओं का एक प्रकार होता है जो जमा बीमा प्रणाली के अंतर्गत आती हैं। आरबीआई ने एक जोखिम-आधारित प्रीमियम मॉडल प्रस्तावित किया है। इससे बेहतर स्थिति वाले बैंकों को भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर अच्छी-खासी बचत करने में मदद मिलेगी।
बैंकों के लिए पूंजी बाजार दिशानिर्देशों की समीक्षा: बैंकों के पूंजी बाजार जोखिम (सीएमई) में प्रतिभूतियों में निवेश, प्रतिभूतियों पर ऋण देना और शेयर दलालों जैसे पूंजी बाजार मध्यस्थों (सीएमआई) को ऋण देना शामिल है। ये क्षेत्रवार जोखिम सीमा, एकल उधारकर्ता सीमा और मार्जिन आवश्यकताओं से संबंधित रेगुलेशंस के अधीन हैं। इसके अलावा बैंकों को आमतौर पर शेयरों के अधिग्रहण के लिए वित्तपोषण की अनुमति नहीं होती है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों के लिए अपडेटेड सीएमई दिशानिर्देशों का एक ड्राफ्ट जारी किया है। इस ड्राफ्ट में बैंकों के लिए सीएमई की अधिकतम सीमा का उल्लेख किया गया है।[6] बैंक अपनी स्वीकृत नीति के अनुसार प्रतिभूतियों के अधिग्रहण या उनके कोलेट्रल पर ऋण दे सकते हैं। कुछ प्रतिभूतियों, जैसे आंशिक रूप से चुकता शेयर, बॉन्ड और बैंकों द्वारा जारी मुद्रा बाजार उपकरण, और स्वयं की प्रतिभूतियों, पर ऋण की अनुमति नहीं है। बैंक सार्वजनिक निर्गम के दौरान शेयरों की खरीद के लिए व्यक्तियों को भी ऋण दे सकते हैं, बशर्ते कि ये उधारकर्ता न्यूनतम 25% नकद मार्जिन का योगदान दें।
सीएमआई को उनके दैनिक कार्यों के लिए दिए जाने वाले ऋणों में निम्नलिखित प्रावधानों का पालन करना होगा: (i) केवल वित्तीय क्षेत्र के रेगुलेटर द्वारा पंजीकृत और रेगुलेटेड सीएमआई ही पात्र होंगे, (ii) पात्र प्रतिभूतियां और नकद कोलेट्रेल उधारकर्ता के स्वामित्व में होने चाहिए, (iii) बैंक सीएमआई द्वारा प्रतिभूतियों के अधिग्रहण के लिए धन उपलब्ध नहीं कराएंगे, और (iv) बैंक उन प्रतिभूतियों को कोलेट्रेल के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे जिनमें सीएमआई द्वारा मार्केट मेकिंग ऑपरेशन किए जाते हैं। मार्केट मेकिंग ऑपरेशन बाजार में तरलता प्रदान करते हैं। बैंक अब भारतीय कंपनियों को अधिग्रहण के वित्तपोषण के लिए एक निर्दिष्ट सीमा के अधीन ऋण दे सकते हैं।
लघु वित्त बैंकों के लिए भी इसी तरह के दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।[7] 21 नवंबर, 2025 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
बड़े कर्जदारों के लिए ऋण आपूर्ति बढ़ाने संबंधी दिशानिर्देशों को वापस लेना: ये दिशानिर्देश अगस्त 2016 में जारी किए गए थे ताकि बैंकों द्वारा किसी एक बड़े कॉरपोरेट कर्जदार को दिए गए कुल ऋण जोखिम से उत्पन्न होने वाले संकेंद्रण जोखिम को कम किया जा सके। इसका उद्देश्य ऐसे कर्जदारों को वैकल्पिक स्रोतों से धन जुटाने के लिए प्रोत्साहित करना था। अब इन दिशानिर्देशों को वापस लेने का प्रस्ताव है।[8] किसी एक बैंक के संकेंद्रण जोखिम को एक अलग संरचना के माध्यम से हल किया जाता है।
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) ढांचे की समीक्षा: विदेशी मुद्रा प्रबंधन (उधार और ऋण) रेगुलेशन, 2018 में संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं ताकि: (i) ईसीबी के लिए पात्र उधारकर्ताओं और उधारदाताओं के आधार का विस्तार किया जा सके, (ii) उधार सीमा को उधारकर्ता की वित्तीय क्षमता से जोड़ा जा सके, (iii) बाजार निर्धारित दरों पर ऐसे ऋण जुटाने का प्रस्ताव किया जा सके, और (iv) अंतिम उपयोग प्रतिबंधों, न्यूनतम औसत परिपक्वता आवश्यकताओं और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को सरल बनाया जा सके।[9]
भारत से बाहर के व्यक्तियों को रुपए में ऋण देना: भारत में प्राधिकृत डीलर बैंकों और उनकी विदेशी शाखाओं के लिए सीमा पार व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए नेपाल, भूटान और श्रीलंका में रहने वाले व्यक्तियों को भारतीय रुपए में ऋण देने की अनुमति दी गई है।[10]
सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन पर टिप्पणियां आमंत्रित कीं
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सेबी (म्यूचुअल फंड) रेगुलेशंस, 1996 (एमएफ रेगुलेशंस) में प्रस्तावित संशोधनों पर एक परामर्श पत्र जारी किया।[11],[12] प्रस्तावित प्रमुख परिवर्तन इस प्रकार हैं:
एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) द्वारा लगाए गए शुल्कों में बदलाव: संशोधनों में एएमसी द्वारा लगाए गए शुल्कों में कुछ बदलावों का प्रस्ताव है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) एएमसी को किसी योजना के प्रदर्शन के आधार पर डिफरेंशियल एक्सपेंस रेशियो (व्यय अनुपात में अंतर) वसूलने की अनुमति देना, (ii) 0.05% का अतिरिक्त व्यय हटाना जो उन म्यूचुअल फंड योजनाओं पर वसूला जा सकता था जहां एक्जिट लोड लागू था, (iii) ओपन-एंडेड सक्रिय योजनाओं के व्यय अनुपात के पहले दो स्लैब में 0.05% की वृद्धि करना, और (iv) जीएसटी और स्टांप शुल्क जैसे वैधानिक शुल्कों को व्यय अनुपात सीमाओं से बाहर रखना। व्यय अनुपात उस वार्षिक शुल्क को कहा जाता है जो एक म्यूचुअल फंड निवेशक के पैसे का प्रबंधन करने के लिए लेता है। एक्जिट लोड ऐसा शुल्क होता है जो म्यूचुअल फंड द्वारा निर्दिष्ट न्यूनतम होल्डिंग अवधि से पहले यूनिटों की निकासी पर लिया जाता है
गैर-पूलित निधियों का प्रबंधन: एएमसी सेबी के साथ आवश्यक पंजीकरण पूरा करके गैर-पूलित निधियों के लिए निवेश प्रबंधन और सलाहकार सेवाएं प्रदान कर सकती हैं। गैर-पूलित निधियां ऐसी व्यवस्थाएं होती हैं जिनमें निवेशकों का धन एक सामान्य पूल में नहीं, बल्कि अलग से प्रबंधित किया जाता है। इस मामले में एएमसी को कुछ अतिरिक्त शर्तों का पालन करना होगा, जैसे: (i) ऐसी सेवा प्रदान करने वाली इकाई सख्त पृथक्करण के साथ एक अलग व्यावसायिक इकाई के रूप में कार्य करेगी, (ii) इकाई म्यूचुअल फंड परिचालनों से प्राप्त जानकारी का दुरुपयोग करके अन्य ग्राहकों को लाभ न मिले, इसे रोकने हेतु तंत्र स्थापित करेगी, और (iii) एएमसी द्वारा ऐसी गतिविधि केवल एक सहायक कंपनी के माध्यम से ही की जाएगी।
17 नवंबर, 2025 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
पीएफआरडीए ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को बेहतर बनाने पर परामर्श पत्र जारी किया
पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने "राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का संवर्धन: लचीली, सुनिश्चित और पूर्वानुमानित पेंशन योजनाओं के प्रस्ताव" शीर्षक से एक परामर्श पत्र जारी किया है।[13] राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) एक निश्चित अंशदान योजना है जिसमें अंशदान की राशि निश्चित होती है और पेंशन भुगतान निवेश से प्राप्त परिणाम पर निर्भर करता है। कॉरपस की पर्याप्तता और सेवानिवृत्ति आय के पूर्वानुमान से संबंधित सबस्क्राइबर्स की चिंताओं को दूर करने के लिए, पीएफआरडीए ने एनपीएस संरचना के तहत तीन योजनाओं का प्रस्ताव रखा है:
पेंशन योजना-I: इस योजना का उद्देश्य स्टेप-अप सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (एसडब्ल्यूपी) और एन्युइटी के मिश्रण के माध्यम से पेंशन राशि को अधिकतम करना है। इस योजना के लिए न्यूनतम संचय अवधि 20 वर्ष है, जिसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है। मासिक एसडब्ल्यूपी के साथ भुगतान शुरू होता है, जो हर वर्ष कुल राशि का 4.5% होता है, और 10 वर्षों तक हर साल 0.25% की दर से बढ़ता है। फिर 70 वर्ष की आयु से शुरू होकर, कम से कम 20 वर्षों के लिए एन्युइटी का भुगतान किया जाता है और यह जीवन भर जारी रहता है। एन्युइटी एक नियमित आवधिक भुगतान को कहा जाता है।
पेंशन योजना-II: इस योजना का उद्देश्य औद्योगिक श्रमिकों को आवधिक समायोजन वाली लक्षित पेंशन प्रदान करना है जोकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुड़ी होगी। इसके लिए न्यूनतम संचय अवधि 20 वर्ष है, जिसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है, और 25 वर्ष की निकासी अवधि का प्रावधान है। निकासी चरण सेवानिवृत्ति के बाद की अवधि को कहा जाता है, जिसके दौरान सबस्क्राइबर संचित निवेश से धन निकालना शुरू करता है। सबस्क्राइबर की मृत्यु की स्थिति में पेंशन उसके जीवनसाथी को और उसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों को हस्तांतरित कर दी जाएगी।
पेंशन योजना-III: इस योजना में पेंशन क्रेडिट को प्रस्तावित किया गया है। इसमें प्रत्येक क्रेडिट परिपक्वता के बाद 100 रुपए प्रति माह सुनिश्चित करता है। इसके लिए सबस्क्राइबर्स को सेवानिवृत्ति के वर्ष, लक्षित पेंशन राशि और निवेश के लिए सिक्योरिटी मिक्स के बारे में जानकारी देनी होती है। संचय अवधि 15 वर्ष तक सीमित है जबकि निकासी अवधि एक से पांच वर्ष है। यह पेंशन क्रेडिट के व्यापार के लिए एक संभावित द्वितीयक बाजार का भी प्रस्ताव करती है।
बिजली
Ayush Stephen Toppo (ayush@prsindia.org)
बिजली एक्ट, 2003 में संशोधन के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित
विद्युत मंत्रालय ने बिजली (संशोधन) बिल, 2025 के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[14] यह बिल बिजली एक्ट, 2003 में संशोधन का प्रयास करता है।[15] 2003 का यह एक्ट बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण से संबंधित कानूनों को एकीकृत करता है। इस ड्राफ्ट बिल की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
डिस्कॉम के बीच नेटवर्क साझा करना: एक्ट के तहत, एक ही क्षेत्र में कार्यरत वितरण लाइसेंसधारियों (डिस्कॉम) को अलग-अलग नेटवर्क बनाने होंगे। बिल इस आवश्यकता को हटाने का प्रस्ताव करता है। यह एक डिस्कॉम को राज्य बिजली रेगुलेटरी आयोगों (एसईआरसी) की निगरानी के अधीन, किसी अन्य डिस्कॉम के नेटवर्क का उपयोग करके बिजली की आपूर्ति करने की अनुमति देता है। यह अनिवार्य करता है कि प्रत्येक डिस्कॉम को अपने नेटवर्क तक अन्य डिस्कॉम को खुली और भेदभाव रहित पहुंच प्रदान करनी होगी, बशर्ते कि वे एसईआरसी द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान करें।
लागत-प्रतिबिंबित टैरिफ और क्रॉस-सबसिडी को हटाना: 2003 एक्ट में प्रावधान है कि बिजली के लिए खुदरा टैरिफ को बिजली की आपूर्ति की लागत को उत्तरोत्तर प्रतिबिंबित करना चाहिए और यह कि क्रॉस-सबसिडी को एक निर्दिष्ट तरीके से कम किया जाना चाहिए। क्रॉस-सबसिडी का तात्पर्य एक उपभोक्ता श्रेणी द्वारा दूसरी उपभोक्ता श्रेणी की खपत पर सबसिडी देने की व्यवस्था से है। इसके बजाय, बिल में यह आवश्यक है कि टैरिफ में बिजली आपूर्ति की लागत शामिल होनी चाहिए। इसमें यह भी आवश्यक है कि संशोधनों के लागू होने के पांच वर्षों के भीतर मैन्यूफैक्चरिंग उद्यमों, रेलवे और मेट्रो द्वारा दी जाने वाली क्रॉस-सबसिडी को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए।
आपूर्ति दायित्व से छूट: बिजली वितरण लाइसेंसधारियों का सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करने का सार्वभौमिक सेवा दायित्व है। इस दायित्व में वे उपभोक्ता भी शामिल हैं जिन्हें सीधे बिजली उत्पादकों से बिजली प्राप्त करने की अनुमति है। ये वे उपभोक्ता हैं जिनकी अधिकतम बिजली मांग एक मेगावाट से अधिक है। बिल राज्य बिजली रेगुलेटरी आयोगों (एसईआरसी) को राज्य सरकार के परामर्श से ऐसे उपभोक्ताओं के लिए इस दायित्व से छूट देने की अनुमति देता है।
बिजली परिषद की स्थापना: बिल में केंद्र और राज्य बिजली मंत्रियों वाली एक बिजली परिषद की स्थापना का प्रावधान है। यह परिषद केंद्र और राज्य सरकारों को नीतिगत उपायों पर सलाह देगी और बिजली क्षेत्र सुधारों के कार्यान्वयन में समन्वय स्थापित करेगी।
8 नवंबर 2025 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
कृषि
Vaishali Dhariwal (vaishali@prsindia.org)
मंत्रिमंडल ने दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिशन को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक मिशन को मंजूरी दे दी है।[16] यह मिशन 2025-26 से 2030-31 तक, छह वर्षों की अवधि में 11,440 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय के साथ क्रियान्वित किया जाएगा। इस योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
बीजों का वितरण: इस मिशन का उद्देश्य उच्च उपज देने वाली, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-अनुकूल दालों की किस्मों का विकास और संवर्धन करना है। 2030-31 तक, इसके निम्नलिखित लक्ष्य हैं: (i) किसानों को 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीजों का वितरण, (ii) दालों की खेती के क्षेत्र का विस्तार 310 लाख हेक्टेयर तक, (iii) 350 लाख टन उत्पादन प्राप्त करना, और (iv) उपज में 1,130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक सुधार। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किसानों को 88 लाख बीज किट निःशुल्क वितरित किए जाएंगे। राज्य पंचवर्षीय बीज उत्पादन योजनाएं तैयार करेंगे।
कटाई के बाद का बुनियादी ढांचा: मिशन का उद्देश्य 1,000 प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करके कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। प्रसंस्करण और पैकेजिंग इकाइयां स्थापित करने के लिए 25 लाख रुपए तक की सबसिडी प्रदान की जाएगी।
सुनिश्चित खरीद: मिशन मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत तुअर, उड़द और मसूर की सुनिश्चित खरीद का प्रावधान करता है, जिसका उद्देश्य किसानों के लिए स्थिर मूल्य सुनिश्चित करना है। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ अगले चार वर्षों तक भागीदार राज्यों में पंजीकृत किसानों से 100% खरीद करेंगे।
कैबिनेट ने विपणन सीजन 2026-27 के लिए रबी फसलों के समर्थन मूल्यों को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विपणन सत्र 2026-27 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है।[17] एमएसपी वह सुनिश्चित मूल्य होता है जिस पर केंद्र सरकार किसानों से फसल खरीदती है। गेहूं की एमएसपी में 6.6% और चने की एमएसपी में 4% की वृद्धि देखी गई। कुसुम की एमएसपी में 2025-26 की तुलना में सबसे ज्यादा 10% की वृद्धि देखी गई।
तालिका 1: 2026-27 के लिए रबी फसलों की एमएसपी
|
फसलें |
2025-26 |
2026-27 |
% परिवर्तन |
|
गेहूं |
2,425 |
2,585 |
6.6% |
|
चना |
5,650 |
5,875 |
4% |
|
मसूर (मसूर) |
6,700 |
7,000 |
4.5% |
|
रेपसीड सरसों |
5,950 |
6,200 |
4.2% |
|
कुसुम |
5,940 |
6,540 |
10.1% |
स्रोत: आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति, 1 अक्टूबर, 2025, पीआरएस।
कैबिनेट ने फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों पर सबसिडी दरों को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी सीजन 2025-26 (अक्टूबर 2025 से मार्च 2026) में फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों के लिए सबसिडी दरों को मंजूरी दे दी है।[18] सबसिडी के लिए बजटीय परिव्यय लगभग 37,952 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
श्रम
Vaishali Dhariwal (vaishali@prsindia.org)
राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति का ड्राफ्ट सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति का ड्राफ्ट सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया है।[19] इस नीति का उद्देश्य महिला श्रमबल की भागीदारी बढ़ाना और कार्यस्थल पर मृत्यु दर को लगभग शून्य करना है। इसके सात उद्देश्य इस प्रकार हैं: (i) सार्वभौमिक और किफायती सामाजिक सुरक्षा, (ii) व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य, (iii) रोजगार और भविष्य की तैयारी, (iv) महिला और युवा सशक्तीकरण, (v) अनुपालन और औपचारिकता में आसानी, (vi) प्रौद्योगिकी और हरित परिवर्तन, और (vii) अभिसरण और सुशासन। यह राष्ट्रीय करियर सेवा को रोजगार के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के रूप में भी स्थापित करता है। यह जॉब मैचिंग और प्रमाणपत्र सत्यापन के माध्यम से किया जाएगा।।
प्रस्तावित प्रमुख पहलों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ईपीएफओ, कर्मचारी राज्य बीमा निगम और ई-श्रम डेटाबेस को एकीकृत करते हुए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा खाते का निर्माण, (ii) व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य संहिता, 2020 के तहत जोखिम-आधारित निरीक्षण, (iii) स्किल इंडिया, राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को सिंगल स्किल-इंप्लॉयमेंट कन्टिन्युअम में शामिल करना, और (iv) 2030 तक महिलाओं की श्रमबल भागीदारी को 35% तक बढ़ाने के लिए चाइल्डकेयर, उद्यमिता और लचीली कार्य व्यवस्था जैसे उपायों का विस्तार। नीति का उद्देश्य सिंगल-विंडो डिजिटल अनुपालन प्रणाली के माध्यम से अनुपालन को आसान बनाना और निगरानी और प्रशासनिक क्षमताओं में एआई के एकीकरण को बढ़ावा देना है।
यह नीति तीन चरणों (2025-27, 2027-30, 2030 के बाद) में त्रि-स्तरीय संरचना के माध्यम से लागू की जाएगी। इसमें निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति कार्यान्वयन परिषद, (ii) राज्य श्रम मिशन, और (iii) जिला श्रम एवं रोजगार संसाधन केंद्र।
संचार
Ayush Stephen Toppo (ayush@prsindia.org)
कंटेंट हटाने के आदेश से संबंधित आईटी नियमों में संशोधन
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियरीज़ के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2025 को अधिसूचित किया है।[20], [21] ये नियम 2021 के आईटी नियमों में संशोधन करते हैं।[22] 2021 के नियम उस प्रक्रिया को निर्धारित करते हैं जिसके माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ऑनलाइन इंटरमीडियरीज़ को कंटेंट हटाने या उस तक पहुंच प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया जा सकता है। संशोधनों की प्रमुख विशेषताओं में निम्न शामिल हैं:
कंटेंट हटाने के लिए वरिष्ठ स्तर का प्राधिकरण: 2021 के नियमों के तहत, किसी इंटरमीडियरी को अपने प्लेटफॉर्म पर स्टोर, होस्ट या पब्लिश किसी भी जानकारी तक एक्सेस को डिसेबल करना आवश्यक है, जब उसे (i) न्यायालय का आदेश या (ii) केंद्र या राज्य सरकार या उसकी एजेंसियों का निर्देश प्राप्त हो। 2025 के नियमों में यह भी कहा गया है कि ये निर्देश केवल संयुक्त सचिव या समकक्ष पद के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जारी किए जाएंगे, या जहां ऐसा पद नियुक्त नहीं किया गया है, वहां निदेशक या समकक्ष पद के अधिकारी द्वारा जारी किए जाएंगे। पुलिस अधिकारियों के मामले में, केवल डीआईजी या उससे उच्च पद का अधिकारी ही ऐसे निर्देश जारी कर सकता है।
तर्कसंगत आदेश: संशोधनों में यह भी कहा गया है कि हटाने के प्रत्येक निर्देश में निर्देश का कानूनी आधार, गैरकानूनी कृत्य की प्रकृति, तथा हटाए जाने वाले कंटेंट का सटीक स्थान (जैसे यूआरएल) निर्दिष्ट किया जाना चाहिए।
आवधिक समीक्षा: 2025 के नियमों में यह भी कहा गया है कि ऐसे निर्देशों की केंद्र या राज्य सरकार के सचिव या उससे उच्च स्तर के अधिकारी द्वारा मासिक समीक्षा की जाएगी।
सिंथेटिकली जनरेटेड इनफॉरमेशन संबंधी आईटी नियमों में ड्राफ्ट संशोधन पर टिप्पणियां आमंत्रित
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियरीज़ के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2025 के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[23] ये नियम आईटी नियम, 2021 में संशोधन का प्रस्ताव रखते हैं।22ड्राफ्ट नियम ऑनलाइन इंटरमीडियरीज़ और यूज़र्स के लिए सिंथेटिकली जनरेटेड इनफॉरमेंशन के संबंध में दायित्व प्रस्तुत करते हैं। सिंथेटिकली जनरेटेड इनफॉरमेंशन को ऐसी किसी भी जानकारी के रूप में परिभाषित किया गया है जिसे कंप्यूटर रिसोर्स का उपयोग करके कृत्रिम रूप से या एल्गोरिथम के माध्यम से इस प्रकार क्रिएट, जनरेट, संशोधित या परिवर्तित किया जाता है कि वह जानकारी यथोचित रूप से प्रामाणिक प्रतीत हो। प्रस्तावित प्रमुख परिवर्तनों में निम्न शामिल हैं:
लेबलिंग की आवश्यकताएं: सिंथेटिकली जनरेटेड इनफॉरमेंशन के क्रिएशन या संशोधन को एनेबल करने वाले प्लेटफॉर्म को ऐसी जानकारी के लिए लेबलिंग और स्थायी यूनीक आइडेंटिफायर सुनिश्चित करना होगा। लेबल को डिस्प्ले के कम से कम 10% सतह क्षेत्र को कवर करते हुए स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए। ऑडियो कंटेंट के मामले में, आइडेंटिफायर ऑडियो की अवधि के शुरुआती 10% के दौरान होना चाहिए। इंटरमीडियरी को ऐसे लेबल में संशोधन, सप्रेशन या उसे हटाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
सिंथेटिकली जनरेटेड इनफॉरमेंशन के लिए यूज़र डिक्लेरेशन और सत्यापन: एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया इंटरमीडियरी को: (i) यूज़र से यह घोषित करने की अपेक्षा करनी चाहिए कि उनके द्वारा अपलोड की गई इनफॉरमेशन सिंथेटिकली जनरेटेड है या नहीं, (ii) जानकारी की प्रकृति, प्रारूप और स्रोत के संबंध में ऐसी घोषणाओं को सत्यापित करने के लिए उचित उपाय लागू करना चाहिए, और (iii) यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी सिंथेटिकली जनरेटेड कंटेंट पर एक प्रमुख लेबल हो।
6 नवंबर 2025 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
खेल
Vaishali Dhariwal (vaishali@prsindia.org)
राष्ट्रीय खेल प्रशासन एक्ट, 2025 के अंतर्गत ड्राफ्ट नियमों पर टिप्पणियां आमंत्रित
खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन एक्ट, 2025 के अंतर्गत जनता की प्रतिक्रिया हेतु तीन ड्राफ्ट नियम जारी किए हैं।[24],[25] ये नियम निम्नलिखित से संबंधित हैं: (i) राष्ट्रीय खेल बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति, (ii) राष्ट्रीय खेल निकायों का गठन और उनके चुनाव, और (iii) राष्ट्रीय खेल ट्रिब्यूनल में नियुक्तियां।[26], [27] इन ड्राफ्ट नियमों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
राष्ट्रीय खेल बोर्ड: यह एक्ट एक राष्ट्रीय खेल बोर्ड की स्थापना करता है। यह बोर्ड राष्ट्रीय खेल निकायों को मान्यता प्रदान करेगा और उनकी संबद्ध इकाइयों का पंजीकरण करेगा। ड्राफ्ट नियमों में निर्दिष्ट है कि बोर्ड में एक अध्यक्ष और दो अन्य सदस्य होंगे, जिनकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। इन नियुक्तियों का सुझाव देने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक खोज-सह-चयन समिति का गठन किया जाएगा। बोर्ड के सदस्य तीन वर्ष तक पद पर बने रहेंगे और आयु सीमा के अधीन, एक और कार्यकाल के लिए पुनर्नियुक्ति के पात्र होंगे।
राष्ट्रीय खेल निकाय: सभी खेल निकायों की जनरल बॉडी में कम से कम चार उत्कृष्ट खिलाड़ी शामिल होंगे। खेल निकाय चुनाव से पहले पुरुष और महिला खिलाड़ियों की सूची तैयार करेंगे। कार्यकारी समिति के चुनाव गुप्त मतदान द्वारा होंगे। चुनाव अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय खेल चुनाव पैनल से चुने जाएंगे।
राष्ट्रीय खेल ट्रिब्यूनल: यह एक्ट खेल-संबंधी विवादों के निपटारे हेतु एक राष्ट्रीय खेल ट्रिब्यूनल की स्थापना करता है। ड्राफ्ट नियमों में निर्दिष्ट किया गया है कि अध्यक्ष चार वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक पद पर रहेगा। सदस्य चार वर्ष या 67 वर्ष की आयु तक पद पर रहेंगे। सभी सदस्य आयु सीमा के अधीन, एक और कार्यकाल के लिए पुनर्नियुक्ति के पात्र होंगे।
14 नवंबर 2025 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
खनन
Vaishali Dhariwal (vaishali@prsindia.org)
खनन पट्टे के निष्पादन के लिए मध्यस्थ समय-सीमा निर्दिष्ट की गई
खान मंत्रालय ने खनिज (नीलामी) नियम, 2015 में संशोधनों को अधिसूचित किया है। ये नियम खान एवं खनिज (विकास एवं रेगुलेशन) एक्ट, 1957 के अंतर्गत जारी किए गए हैं।[28], [29],[30] 2015 के नियमों में खनन पट्टे के निष्पादन के लिए आशय पत्र (एलओआई) जारी होने की तिथि से तीन वर्ष (दो वर्ष तक बढ़ाई जा सकने वाली) की समय-सीमा निर्धारित की गई है। 2025 के नियमों में निम्नलिखित मध्यवर्ती समय-सीमाएं जोड़ी गई हैं: (i) एलओआई जारी होने के छह महीने के भीतर खनन योजना का अनुमोदन, (ii) खनन योजना के अनुमोदन के 18 महीनों के भीतर पर्यावरण मंज़ूरी का प्रावधान, और (iii) पर्यावरण मंज़ूरी जारी होने के 12 महीनों के भीतर खनन पट्टे का निष्पादन। संयुक्त लाइसेंस के लिए, एलओआई जारी होने के 12 महीनों के भीतर निष्पादन आवश्यक होगा। निष्पादन के 36 महीनों के भीतर प्रसंस्करण का एक निर्दिष्ट स्तर पूरा किया जाना चाहिए। प्रत्येक महीने की देरी के लिए बोलीदाता की बैंक गारंटी का 1% हिस्सा विनियोजित किया जाएगा।
उद्योग
Ayush Stephen Toppo (ayush@prsindia.org)
वस्त्र उद्योग के लिए पीएलआई योजना में संशोधन
वस्त्र मंत्रालय ने वस्त्र उद्योग के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में संशोधनों को अधिसूचित किया है।[31],[32] ये योजना 2021 में शुरू की गई थी।[33] इसका उद्देश्य मानव निर्मित रेशे (एमएमएफ) परिधान, एमएमएफ कपड़े और तकनीकी वस्त्र उत्पादों जैसे कुछ उत्पादों का घरेलू उत्पादन बढ़ाना है। प्रमुख बदलावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
निवेश सीमा में कमी: पहले, इस योजना के पहले भाग (बड़ी परियोजनाओं) और दूसरे भाग (मध्यम-स्तरीय परियोजनाओं) के लिए निर्माताओं से क्रमशः 300 करोड़ रुपए और 100 करोड़ रुपए का न्यूनतम निवेश अपेक्षित था। संशोधनों के अनुसार, यह सीमा क्रमशः 150 करोड़ रुपए और 50 करोड़ रुपए कर दी गई है।
कम टर्नओवर मानदंड: प्रोत्साहनों के लिए अर्हता प्राप्त करने हेतु, निर्माताओं को पहले पिछले वर्ष की तुलना में टर्नओवर में न्यूनतम 25% वृद्धि दर्ज करनी होती थी। संशोधनों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 से यह मानदंड घटाकर 10% कर दिया गया है (दूसरे वर्ष से लागू)।
पात्र उत्पाद श्रेणियों का विस्तार: संशोधनों से पात्र उत्पाद श्रेणियों का विस्तार करते हुए एमएमएफ परिधान के अंतर्गत आठ नई श्रेणियां और एमएमएफ वस्त्रों के अंतर्गत नौ नई श्रेणियां शामिल की गई हैं।
कंपनी पंजीकरण आवश्यकताओं में छूट: पहले, आवेदकों को निवेश शुरू करने से पहले नई कंपनियां स्थापित करनी होती थीं। संशोधनों से यह आवश्यकता समाप्त हो गई है और आवेदकों को मौजूदा कंपनियों के भीतर परियोजना इकाइयां स्थापित करने की अनुमति मिल गई है।
पर्यावरण
Vaishali Dhariwal (vaishali@prsindia.org)
कुछ उद्योगों के लिए उत्सर्जन तीव्रता लक्ष्य जारी किए गए
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण (संरक्षण) एक्ट, 1986 के अंतर्गत ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन तीव्रता लक्ष्य (जीईआई) नियम, 2025 जारी किए हैं।[34],[35] ये नियम चार क्षेत्रों के उद्योगों के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन तीव्रता लक्ष्य निर्धारित करते हैं: (i) एल्युमीनियम, (ii) सीमेंट, (iii) रासायनिक प्रसंस्करण, और (iv) लुगदी एवं कागज़। ये नियम कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना, 2023 के तहत अनुपालन को सुगम बनाएंगे।[36] यह योजना कार्बन क्रेडिट के रेगुलेशन और व्यापार के लिए एक बाज़ार-आधारित व्यवस्था प्रदान करती है।
नियमों में अनुपालन के लिए बाध्य कंपनियों और संबंधित लक्ष्य वर्षों का उल्लेख है। बाध्य कंपनियों को भारतीय कार्बन बाज़ार संरचना के अंतर्गत पंजीकरण कराना होगा। निर्धारित लक्ष्यों से कम उत्सर्जन तीव्रता स्तर प्राप्त करने पर कंपनियों को कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्र प्राप्त होंगे। अगर वे इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में असमर्थ रहती हैं, तो वे कमी को पूरा करने के लिए पहले से जमा और खरीदे गए कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्रों का उपयोग कर सकती हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन नियमों का पालन न करने वाली किसी भी कंपनी पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति लगा सकता है। यह क्षतिपूर्ति संबंधित अनुपालन वर्ष में कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्रों के औसत मूल्य के दोगुने के बराबर होगी। यह क्षतिपूर्ति लागू होने के 90 दिनों के भीतर चुकाई जानी चाहिए।
परिवहन
Atri Prasad Rout (atri@prsindia.org)
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन से संबंधित नियम अधिसूचित
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन एक्ट, 1988 के अंतर्गत राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड नियम, 2025 जारी किए।[37], [38] एक्ट में प्रावधान है कि बोर्ड केंद्र और राज्य सरकारों को सड़क सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर सलाह देगा, जैसे: (i) मोटर वाहनों के डिज़ाइन, निर्माण और रखरखाव के मानक, और (ii) सड़क सुरक्षा, सड़क अवसंरचना और यातायात नियंत्रण से संबंधित मानक। नियम बोर्ड की संगठनात्मक संरचना और संबंधित प्रक्रियाओं को निर्दिष्ट करते हैं।
बोर्ड में निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष, जिसके पास राजमार्ग इंजीनियरिंग और सड़क सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में कम से कम 15 वर्षों का अनुभव हो, (ii) राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों के छह सदस्य, (iii) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करने वाले दो सदस्य, (iv) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के दो सदस्य, (v) राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम का एक सदस्य, और (vi) केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त प्रासंगिक अनुभव वाले कम से कम पांच अन्य सदस्य। अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा, जबकि राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य रोटेशन के आधार पर दो वर्ष तक कार्य करेंगे।
मंत्रालय का एक अधिकारी, जो संयुक्त सचिव के पद के समकक्ष हो, बोर्ड का सदस्य सचिव होगा। बोर्ड की बैठक तीन महीने में कम से कम एक बार होगी, जैसा कि अध्यक्ष या सदस्य सचिव द्वारा निर्धारित किया जाएगा। बोर्ड को अपने कार्यों पर सलाह देने के लिए पेशेवर विशेषज्ञों के कार्य समूह गठित करने का भी अधिकार होगा।
अनुलग्नक
संसद ने अपनी कुछ विभागीय स्थायी समितियों का गठन किया है। समितियों द्वारा 2025-26 में समीक्षा के लिए चिन्हित विषय निम्न हैं।
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[1] Monetary Policy Statement, 2025-26, Resolution of the Monetary Policy Committee, September 29 to October 1, 2025, Reserve Bank of India, October 1, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=61332.
[2] Consumer Price Index Numbers on Base 2012=100 for Rural, Urban and Combined for the Month of September, 2025, Ministry of Statistics and Programme Implementation, October 13, 2025, https://www.mospi.gov.in/sites/default/files/press_release/CPI_PR_13oct25L.pdf.
[3] Index Numbers of Wholesale Price in India for the Month of September, 2025 (Base Year: 2011-12), Ministry of Commerce and Industry, October 14, 2025, https://eaindustry.nic.in/pdf_files/cmonthly.pdf.
[4] “Cabinet approves Terms of Reference of 8th Central Pay Commission”, Press Information Bureau, Ministry of Finance, October 28, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2183290.
[5] Statement on Developmental and Regulatory Policies, Reserve Bank of India, October 1, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=61334.
[6] Reserve Bank of India (Commercial Banks - Capital Market Exposure) Directions, 2025 – Draft, Reserve Bank of India, October 24, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4762
[7] Reserve Bank of India (Small Finance Banks - Capital Market Exposure) Directions, 2025 – Draft, Reserve Bank of India, October 24, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4763
[8] Guidelines on Enhancing Credit Supply for Large Borrowers through Market Mechanism – Repeal Circular – Draft, Reserve Bank of India, October 1, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4732
[9]Draft – Foreign Exchange Management (Borrowing and Lending) (Fourth Amendment) Regulations, 2025, Reserve Bank of India, October 2, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4736
[10] Foreign Exchange Management (Borrowing and Lending) (Amendment) Regulations, 2025, October 6, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/NotificationUser.aspx?Id=12915&Mode=0.
[11] Consultation Paper on Comprehensive Review of SEBI (Mutual Funds) Regulations, 1996, Securities and Exchange Board of India, October 28, 2025, https://www.sebi.gov.in/reports-and-statistics/reports/oct-2025/consultation-paper-on-comprehensive-review-of-sebi-mutual-funds-regulations-1996-_97496.html.
[12] SEBI (Mutual Funds) Regulations, 1996, Securities and Exchange Board of India, https://www.sebi.gov.in/acts/mfregu.html.
[13] Consultation Paper on Enhancing the National Pension System: Proposals for Flexible, Assured and Predictable Pension Schemes, September 30, 2025, https://pfrda.org.in/en/web/pfrda/w/consultation-paper.
[14]Draft Electricity (Amendment) Bill, 2025, Ministry of Power, October 9, 2025, https://powermin.gov.in/sites/default/files/webform/notices/Seeking_comments_on_Draft_Electricity_Amendment_Bill_2025.pdf.
[15]The Electricity Act, 2003, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/2058/1/A2003-36.pdf.
[16]“Union Cabinet Approves Mission for Aatmanirbharta in Pulses for 2025-26 to 2030-31,” Press Information Bureau, Cabinet, October 1, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2173547.
[17]“Cabinet approves Minimum Support Prices (MSP) for Rabi Crops for Marketing Season 2026-27” Press Information Bureau, Cabinet Committee on Economic Affairs, October 1, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2173566.
[18]“Cabinet approves the Nutrient Based Subsidy rates for Rabi 2025- 26 on Phosphatic and Potassic fertilisers” Press Information Bureau, Cabinet, October 28, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2183291.
[19]Shram Shakti Niti 2025, Ministry of Ministry of Labour and Employment, October 8, 2025, https://labour.gov.in/sites/default/files/draft_-_mole_le_policy_-_v1.1.pdf.
[20]The Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Amendment Rules, 2025, Ministry of Electronics and Information Technology, October 22, 2025, https://www.meity.gov.in/static/uploads/2025/10/90dedea70a3fdfe6d58efb55b95b4109.pdf.
[21]Government notifies amendments to Rule 3(1)(d) of the IT Rules, 2021 to enhance transparency, accountability and safeguards, Press Information Bureau, Ministry of Electronics and Information Technology, October 23, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2181719.
[22]The Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021, https://www.meity.gov.in/static/uploads/2024/02/Information-Technology-Intermediary-Guidelines-and-Digital-Media-Ethics-Code-Rules-2021-updated-06.04.2023-.pdf.
[23]The Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Amendment Rules, 2025, Ministry of Electronics and Information Technology, October 22, 2025, https://www.meity.gov.in/static/uploads/2025/10/38be31bac9d39bbe22f24fc42442d5d1.pdf.
[24]The National Sports Governance Act, 2025, Ministry of Youth Affairs & Sports, https://yas.gov.in/national-sports-governance-act-2025
[25]Draft National Sports Governance (National Sports Board) Rules, Ministry of Youth and Sports Affairs, October 15, 2025, https://yas.gov.in/sports/draft-national-sports-governance-national-sports-board-rules-2025-inviting-comments.
[26]Draft National Sports Governance (National Sports Bodies) Rules, Ministry of Youth and Sports Affairs, October 15, 2025, https://yas.gov.in/sports/draft-national-sports-governance-national-sports-bodies-rules-2025-inviting-comments.
[27]Draft National Sports Governance (National Sports Tribunal) Rules, Ministry of Youth and Sports Affairs, October 15, 2025, https://yas.gov.in/sports/draft-national-sports-governance-national-sports-tribunal-rules-2025-inviting-comments.
[28]The Mines and Minerals (Development and Regulation) Act, 1957, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/19380/1/mmdr_act%2C1957.pdf.
[29] The Mineral (Auction) Second Amendment Rules, 2025, The Gazette of India, Ministry of Mines, October 17, 2025, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2025/267001.pdf.
[30]Mineral (Auction) Rules, 2015, https://ibm.gov.in/writereaddata/files/11222021124835Mineral_Auction_Rules_2015%20updated%20upto%2002112021.pdf.
[31]“Ministry of Textiles Notifies Major Amendments in PLI Scheme for Textiles to Boost MMF and Technical Textiles Sectors”, Press Information Bureau, Ministry of Textiles, October 9, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2176795.
[32]Production Linked Incentive (PLI) Scheme for Textiles – Amendments and Addition in the Scheme, Ministry of Textiles, October 9, 2025, https://pli.texmin.gov.in/frontend/images/Documents/Amendment%20&%20Addition-PLI%20for%20Textiles%20-%20Noti%20dt%2009.10.2025.pdf.
[33]Production Linked Scheme for Textiles, 2021, https://pli.texmin.gov.in/frontend/images/Documents/1.%20PLI%20Textiles%20Notification_24.09.2021.pdf.
[34]Notification of the Ministry of Environment, Forest and Climate Change, October 8, 2025, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2025/266804.pdf.
[35] Environment Protection Act, 1986, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/4316/1/ep_act_1986.pdf.
[36]Carbon Credit Trading Scheme, 2023, Ministry of Power, June 28, 2023, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2023/246859.pdf.
[37]The Motor Vehicle Act, 1988, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1798/1/eng.pdf.
[38] National Road Safety Board Rules, 2025, Ministry of Road Transport and Highways, October 27, 2025, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2025/267201.pdf.
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