
इस अंक की झलकियां
सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली की सरकार को दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण दिया
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि दिल्ली सरकार में आईएएस और संयुक्त कैडर सेवाओं के अधिकारियों पर विधायी और कार्यकारी शक्ति दिल्ली सरकार के पास होगी।
दिल्ली एनसीटी सरकार एक्ट में संशोधन करने वाला अध्यादेश जारी
दिल्ली विधानसभा के पास 'सेवाओं' के विषय पर कानून बनाने की शक्ति नहीं होगी। तबादले और नियुक्तियां तीन सदस्यीय समिति द्वारा तय की जाएंगी, जिनमें से दो केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाएंगे।
2022 की चौथी तिमाही में जीडीपी 6.1% बढ़ी
2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद में 7.2% की वृद्धि का अनुमान है जोकि 2021-22 में 9.1% था। यह दूसरे अग्रिम अनुमानों में अनुमानित 7% की जीडीपी वृद्धि से थोड़ा अधिक है।
आरबीआई ने 2,000 रुपए के नोटों को चलन से वापस लिया
2,000 रुपए मूल्यवर्ग के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। लोग 30 सितंबर, 2023 तक ऐसे बैंक नोट अपने बैंक खातों में जमा कर सकते हैं या उन्हें अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में बदल सकते हैं।
2022-23 की चौथी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन 4% बढ़ा
2021-22 की चौथी तिमाही में 1.8% की वृद्धि की तुलना में इस वर्ष की चौथी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 4% की वृद्धि हुई। 2022-23 की तीसरी तिमाही में आईआईपी में 2.8% की बढ़ोतरी हुई थी।
सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार, विधायक दल राजनीतिक दल के निर्देश पर काम करता है
सर्वोच्च न्यायालय ने पार्टी के विभाजन और महाराष्ट्र के विधायकों की अयोग्यता पर अपना फैसला सुनाया। उसने कहा कि विधायक दल नहीं, राजनीतिक दल सदन में पार्टी के व्हिप और नेता की नियुक्ति करता है।
कैबिनेट ने आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना 2.0 को मंजूरी दी। योजना के तहत अनुमानित व्यय छह वर्षों में 17,000 करोड़ रुपए है और अनुमानित निवेश 2,430 करोड़ रुपए है।
स्वास्थ्य केंद्रों के लिए सुगमता मानक अधिसूचित
मानक अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में बाह्य रोगियों, भर्ती मरीजों और मेडिकल उपकरणों के लिए शर्तें निर्धारित करते हैं।
सीईए ने 2022-32 के लिए राष्ट्रीय बिजली योजना घोषित की
मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी के कारण 2017-2022 के लिए क्षमता वृद्धि का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका। 2031-32 तक आवश्यक अतिरिक्त कोयला क्षमता 19,000 मेगावाट से 27,000 मेगावाट तक के बीच हो सकती है।
उर्वरक सबसिडी दरों में संशोधन: खरीफ 2023 के लिए 38,000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे
केंद्रीय बजट में 2023-24 में उर्वरक सबसिडी व्यय 1,75,100 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। कैबिनेट द्वारा अनुमोदित संशोधित दरें रबी के लिए जनवरी-मार्च 2023 और खरीफ फसलों के लिए अप्रैल-सितंबर 2023 के बीच लागू होंगी।
माइक्रोइकोनॉमिक विकास
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
2022-23 की चौथी तिमाही में जीडीपी 6.1% बढ़ी
2022-23 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) (2011-12 की स्थिर कीमतों पर) में 6.1% की वृद्धि हुई, जबकि 2021-22 की इसी तिमाही में यह 4% थी।[1]
2022-23 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में जीडीपी में 4.5% की बढ़ोतरी हुई थी। 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद में 2021-22 में 9.1% की तुलना में 7.2% की वृद्धि का अनुमान है। यह 2022-23 के दूसरे अग्रिम अनुमानों में अनुमानित 7% की जीडीपी वृद्धि से थोड़ा अधिक है।[2]
रेखाचित्र 1: जीडीपी में वृद्धि (%, वर्ष दर वर्ष)
स्रोत: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस।
सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) के संदर्भ में आर्थिक क्षेत्रों में सकल घरेलू उत्पाद को मापा जाता है। 2022-23 की चौथी तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग में 10.4% की वृद्धि का अनुमान है, इसके बाद व्यापार में 9.1% और वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में 7.1% की वृद्धि का अनुमान है।
तालिका 1: स्थिर कीमतों पर सभी क्षेत्रों में जीवीए में वृद्धि (%, वर्ष-दर-वर्ष)
क्षेत्र |
ति4 |
ति3 |
ति4 |
कृषि |
4.1% |
4.7% |
5.5% |
खनन |
2.3% |
4.1% |
4.3% |
मैन्यूफैक्चरिंग |
0.6% |
-1.4% |
4.5% |
बिजली |
6.7% |
8.2% |
6.9% |
निर्माण |
4.9% |
8.3% |
10.4% |
व्यापार |
5.0% |
9.6% |
9.1% |
वित्तीय सेवाएं |
4.6% |
5.7% |
7.1% |
लोक प्रशासन |
5.2% |
2.0% |
3.1% |
जीवीए |
3.9% |
4.7% |
6.5% |
जीडीपी |
4.0% |
4.5% |
6.1% |
नोट: जीवीए करों और सबसिडी के बिना जीडीपी है।
स्रोत: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस।
2022-23 की चौथी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन 4% बढ़ा
2022-23 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 4% की वृद्धि हुई, जबकि 2021-22 की इसी तिमाही में इसमें 1.8% की वृद्धि हुई थी।[3],[4] 2022-23 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में आईआईपी में 2.8% की बढ़ोतरी हुई थी।
2022-23 की चौथी तिमाही में खनन में 6.8% की वृद्धि हुई, जबकि 2021-22 की चौथी तिमाही में यह 3.8% थी। 2022-23 की चौथी तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग में 3.3% की बढ़ोतरी हुई, जबकि बिजली में 6% की बढ़ोतरी हुई।
रेखाचित्र 2: आईआईपी में वृद्धि (%, वर्ष दर वर्ष)
नोट: मार्च 2023 के आंकड़े त्वरित अनुमान हैं।
स्रोत: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस।
गृह मामले
Alaya Purewal (alaya@prsindia.org)
सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को दिल्ली की सेवाओं पर नियंत्रण दिया
11 मई 2023 को सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) के बीच सेवाओं के नियंत्रण पर अपना फैसला सुनाया।[5] न्यायालय के सामने सवाल यह था कि दिल्ली में सेवाओं और लोक सेवकों पर जीएनटीसीडी (मुख्यमंत्री की अगुवाई में) या उपराज्यपाल (केंद्र सरकार की ओर से कार्य करने वाले) में से किसका नियंत्रण होगा। अदालत ने फैसला सुनाया कि दिल्ली में लोक सेवाओं पर जीएनसीटीडी का नियंत्रण होगा, लेकिन पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि के विषयों को छोड़कर, जिन पर केंद्र सरकार की शासनात्मक क्षमता है।
न्यायालय ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों की ऐसी कोई होमोजीनियस क्लास नहीं है, जहां ऐसी शासन संरचना हो। संविधान के अनुच्छेद 239एए के आधार पर दिल्ली में एक विधानसभा है जिसके पास राज्य सूची और समवर्ती सूची में शामिल विषयों पर कानून बनाने की शक्ति है।[6] इन शक्तियों में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित विषय नहीं आते। जीएनसीटीडी की कार्यकारी शक्तियां विधानसभा की विधायी शक्तियों के साथ सह-व्यापक हैं। सातवीं अनुसूची की सूची II की प्रविष्टि 41 के अनुसार, सेवाएं राज्य का विषय हैं, और इसलिए जीएनसीटीडी के पास सभी लोक सेवाओं पर कार्यकारी शक्तियां होंगी, लेकिन उनके दायरे से बाहर के तीन क्षेत्रों को छोड़कर।[7] न्यायालय ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 239एए (3) के अनुसार, संसद के पास जीएनसीटीडी के संबंध में राज्य और समवर्ती सूची के सभी मामलों पर कानून बनाने की शक्ति है।
एनसीटी दिल्ली सरकार एक्ट में संशोधन करने वाला अध्यादेश जारी
दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 को 19 मई, 2023 को जारी किया गया।[8] राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार एक्ट, 1991 विधानसभा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार के कामकाज के लिए रूपरेखा प्रदान करता है।[9] इसकी मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
सेवाओं पर कानून बनाने की शक्तियां: संविधान के अनुच्छेद 239एए के अनुसार, दिल्ली विधानसभा के पास राज्य सूची और समवर्ती सूची के तहत आने वाले विषयों पर कानून बनाने की शक्तियां हैं। इनमें: (i) पुलिस, (ii) सार्वजनिक व्यवस्था, और (iii) भूमि जैसे विषय अपवाद हैं। संसद दिल्ली के संबंध में राज्य सूची के तहत आने वाले विषयों पर भी कानून बना सकती है, और राज्य के कानूनों के प्रतिकूल होने की स्थिति में ये कानून मान्य होंगे। अध्यादेश निर्दिष्ट करता है कि दिल्ली विधानसभा के पास 'सेवाओं' के विषय में कानून बनाने की शक्ति नहीं होगी, जो राज्य सूची के अंतर्गत आता है। सेवाओं में दिल्ली सरकार के कर्मचारियों की नियुक्ति और तबादले तथा विजिलेंस से संबंधित मामले शामिल हैं।
राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण: अध्यादेश राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण की स्थापना करता है जोकि दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) को निम्नलिखित के संबंध में सुझाव देगा: (i) तबादले और तैनाती, (ii) विजिलेंस से संबंधित मामले, (iii) अनुशासनात्मक कार्यवाहियां, और (iv) अखिल भारतीय सेवाओं (भारतीय पुलिस सेवा को छोड़कर), और दिल्ली, अंडमान एवं निकोबार, लक्षद्वीप, दमन एवं दीव, और दादरा एवं नगर हवेली (लोक) सेवाओं के ग्रुप ए की अभियोजन स्वीकृति।
प्राधिकरण में निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) अध्यक्ष के रूप में दिल्ली के मुख्यमंत्री, (ii) सदस्य सचिव के रूप में दिल्ली सरकार के प्रधान गृह सचिव, और (iii) सदस्य के रूप में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव। केंद्र सरकार प्रधान सचिव और मुख्य सचिव, दोनों की नियुक्ति करेगी। पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि जैसे विषयों के संबंध में सेवारत अधिकारी प्राधिकरण के दायरे में नहीं आएंगे। प्राधिकरण के सभी निर्णय उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत के आधार पर लिए जाएंगे। एक बैठक के लिए कोरम दो व्यक्ति हैं।
लेफ्टिनेंट गवर्नर की शक्तियां: एक्ट के तहत ऐसे मामले, जिनमें एलजी अपने विवेक से कार्य कर सकते हैं, वे हैं: (i) दिल्ली विधानसभा की विधायी क्षमता के बाहर के मामले लेकिन जो एलजी को सौंपे गए हैं, या (ii) ऐसे मामले जहां उनसे कानून द्वारा अपने विवेक से कार्य करना या कोई न्यायिक या अर्ध-न्यायिक कार्य करना अपेक्षित है। अध्यादेश निर्दिष्ट करता है कि ऐसे मामलों में एलजी अपने विवेक से कार्य करेंगे। अध्यादेश एलजी की विवेकाधीन भूमिका का दायरा बढ़ाता है, और उन्हें प्राधिकरण के सुझावों को मंजूरी देने या उन्हें पुनर्विचार के लिए वापस लौटाने की शक्तियां भी देता है। अगर एलजी और प्राधिकरण के विचारों में मतभेद होता है तो उस स्थिति में एलजी का निर्णय ही अंतिम होगा।
अध्यादेश पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
विधानमंडल
Alaya Purewal (alaya@prsindia.org)
सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार, विधायक दल राजनीतिक दल के निर्देश पर काम करता है
सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में एक राजनीतिक दल में विभाजन और राज्य में विधायकों की अयोग्यता पर अपना फैसला सुनाया।[10] न्यायालय इस बात की जांच कर रहा था कि क्या विधायक दल का एक गुट आंतरिक बहुमत के आधार पर खुद को वास्तविक राजनीतिक दल घोषित कर सकता है। इसके अलावा गुट के बगावत करने के परिणामस्वरूप क्या संबंधित विधायक अयोग्य हो जाएंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि विधायक दल नहीं, राजनीतिक दल व्हिप और सदन में दल के नेता की नियुक्ति करता है। इसलिए राजनीतिक दल के पास विधानसभा में दल के सभी विधायकों को निर्देश जारी करने की शक्ति है और ये निर्देश बाध्यकारी होंगे।
दसवीं अनुसूची के अनुसार, सदन के संबंध में मूल राजनीतिक दल वह राजनीतिक दल होता है, जिससे विधायक दल का कोई सदस्य मूल रूप से संबंधित होता है या प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित किया जाता है।[11] न्यायालय ने स्पष्ट किया कि दसवीं अनुसूची, जन प्रतिनिधित्व एक्ट, 1951 और महाराष्ट्र विधानसभा (दलबदल के आधार पर अयोग्यता) नियम, 1986 सभी संकेत देते हैं कि विधायक दल राजनीतिक दल के निर्देश पर कार्य करता है।11,[12],[13] न्यायालय ने यह भी कहा कि एक विशेष तरीके से मतदान करने का निर्देश राजनीतिक दल द्वारा जारी किया जाता है, न कि विधायक दल द्वारा। इसके अलावा यह फैसला सुनाया कि सर्वोच्च न्यायालय विधायकों की अयोग्यता के लिए याचिकाओं पर सामान्य रूप से फैसला नहीं कर सकता है। ऐसी शक्तियां अध्यक्ष के पास होती हैं।
वित्त
आरबीआई ने 2,000 रुपए के नोटों को चलन से वापस लिया
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2,000 रुपए के मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को चलन से वापस ले लिया है।[14] इसके बावजूद ऐसे बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। नवंबर 2016 में 2,000 रुपए मूल्यवर्ग के बैंक नोट पेश किए गए थे क्योंकि उस दौरान 500 रुपए और 1,000 रुपए मूल्यवर्ग के बैंक नोट वापस ले लिए गए थे, और इस स्थिति में करंसी की कमी दूर हो सके। आरबीआई ने कहा है कि 2,000 रुपए के बैंक नोट को पेश करने का उद्देश्य तब पूरा हुआ जब अन्य मूल्यवर्ग की करंसी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गई। यह भी देखा गया कि इस मूल्यवर्ग के बैंक नोट का इस्तेमाल आमतौर पर लेनदेन के लिए नहीं किया जाता है। लोग 30 सितंबर, 2023 तक किसी भी बैंक शाखा में अपने बैंक खातों में ऐसे नोट जमा कर सकते हैं या उन्हें अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में बदल सकते हैं। एक बार में 2,000 रुपए के नोटों में 20,000 रुपए तक की राशि को बदला जा सकता है। नोट जमा करने की कोई सीमा नहीं तय की गई है।
क्रेडिट कार्ड के जरिए विदेशों में खर्च लिबलराइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
वित्त मंत्रालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन (चालू खाता लेनदेन) नियम, 2000 में संशोधन के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन (चालू खाता लेनदेन) (संशोधन) नियम, 2023 को अधिसूचित किया है।[15],[16] 2000 के नियम प्रावधान करते हैं कि विदेशी मुद्रा में कुछ लेनदेन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होती है। हालांकि लोग लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत एक वित्तीय वर्ष में 2,50,000 USD तक भेज सकते हैं।[17] इनमें किसी भी देश की निजी यात्राओं, उपहार या दान, आव्रजन और विदेश में अध्ययन के लिए लेनदेन शामिल हैं। इस सीमा से अधिक के किसी भी प्रेषण के लिए आरबीआई की मंजूरी की आवश्यकता होगी। 2000 के नियमों के तहत, अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के माध्यम से विदेश में भुगतान करने पर आरबीआई की पूर्व मंजूरी की शर्त से छूट प्राप्त थी।
2023 का संशोधन इस छूट को हटाता है। छूट को हटाकर, सभी क्रेडिट कार्ड लेनदेन एलआरएस सीमा में शामिल किए जाएंगे और 1 जुलाई, 2023 से 20% की दर पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स के अधीन होंगे।[18] वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि एक वित्तीय वर्ष में अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स के जरिए सात लाख रुपए तक के खर्च पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स का भुगतान नहीं करना होगा।[19]
सेबी ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए अतिरिक्त प्रकटीकरण पर परामर्श पत्र जारी किया
Pratinav Damani (pratinav@prsindia.org)
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुछ उच्च जोखिम वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा अतिरिक्त प्रकटीकरण को अनिवार्य करने के फ्रेमवर्क पर एक परामर्श पत्र जारी किया है।[20] सेबी ने कहा कि अत्यधिक केंद्रित पोर्टफोलियो वाले कुछ एफपीआई न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी मानदंडों के उल्लंघन में लाभार्थी (जैसे प्रमोटर) हो सकते हैं। वर्तमान में भारत में न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता कुल इक्विटी का 25% है।[21] विशेष रूप से 2017 की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में यह अनिवार्य है कि लाभार्थी जो भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देश के नागरिक हैं या वहां स्थित हैं, वे केवल सरकारी मार्ग के माध्यम से भारत में निवेश कर सकते हैं।20 यह नीति एफपीआई को कवर नहीं करती है।
परामर्श पत्र में प्रमुख प्रस्ताव इस प्रकार हैं।
एफपीआई की श्रेणियां: एफपीआई को निम्न, मध्यम और उच्च जोखिम वाली श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। कम जोखिम वाले एफपीआई में सरकार और सरकार से संबंधित संस्थाएं जैसे केंद्रीय बैंक और सॉवरेन वेल्थ फंड शामिल होंगे। मध्यम जोखिम वाले एफपीआई में पेंशन फंड तथा व्यापक और बिखरे हुए निवेशक आधार वाले रीटेल खुदरा फंड शामिल होंगे। कम या मध्यम जोखिम वाले फंड के रूप में परिभाषित नहीं किए गए फंड को उच्च जोखिम वाले फंड के रूप में नामित किया जाएगा।
प्रकटीकरण: वर्तमान में लाभार्थी ओनर्स की पहचान सेबी (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) रेगुलेशन, 2019 के प्रावधानों के तहत की जाती है। इन रेगुलेशंस को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण (रिकॉर्ड्स का रखरखाव) नियम, 2005 के अनुसार तैयार किया गया है।[22] अगर कोई इकाई 10% या अधिक कंपनियों या ट्रस्टों (साझेदारी के लिए 15%) की मालिक है (या पूंजी या मुनाफे का हकदार है), तो उन्हें एक लाभकारी ओनर माना जाता है।20 प्रबंधन को नियुक्त करने के अधिकार जैसे अंतिम नियंत्रण का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों को भी लाभकारी ओनर माना जाता है। प्रस्तावित फ्रेमवर्क के तहत, उच्च जोखिम वाले फंड (उनकी 50% से अधिक धनराशि एक कॉरपोरेट समूह में निवेश की गई हो) को बिना किसी सीमा के पूर्ण स्वामित्व विवरण (व्यक्तियों के विस्तृत विवरण के साथ) प्रदान करना होगा।
टिप्पणियां 20 जून, 2023 तक आमंत्रित हैं।
सेबी ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के कुल व्यय अनुपात की समीक्षा पर परामर्श पत्र जारी किया
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) के कुल व्यय अनुपात की समीक्षा पर एक परामर्श पत्र जारी किया। [23] एएमसी म्यूचुअल फंड्स के प्रबंधन के लिए निवेशकों से कुल व्यय अनुपात वसूलती हैं। वर्तमान में म्युचुअल फंड स्कीम्स को कुल व्यय अनुपात के अतिरिक्त कुछ व्यय वसूल करने की अनुमति है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ब्रोकरेज और लेनदेन की लागत, (ii) निवेश और परामर्श शुल्क पर जीएसटी, और (iii) अन्य अतिरिक्त खर्च। म्युचुअल फंड उद्योग के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए इन अतिरिक्त खर्चों की अनुमति दी गई थी। हालांकि सेबी ने कहा कि उद्योग की महत्वपूर्ण वृद्धि को देखते हुए इन शुल्कों की समीक्षा करने की जरूरत है। उसने प्रस्ताव दिया है कि कुल व्यय अनुपात में वे सभी खर्च शामिल होने चाहिए जो एक निवेशक से लिए जा सकते हैं। निवेशकों से कुल व्यय अनुपात के लिए निर्धारित सीमा से अधिक राशि नहीं ली जानी चाहिए।
इस पर 1 जून, 2023 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
सेबी ने प्रतिभूति बाजार में संदिग्ध कारोबारी गतिविधियों के लिए ड्राफ्ट रेगुलेशन जारी किए
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सेबी (प्रतिभूति बाजार में संदिग्ध कारोबारी गतिविधियों का निषेध) रेगुलेशंस, 2023 के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। [24] सेबी ने कहा है कि टेक्नोलॉजी की मदद से बाजार प्रतिभागी अपनी पहचान और कनेक्शंस को छिपाते हुए धोखाधड़ी कर सकते हैं। ऐसे मामलों में विभिन्न पक्षों के बीच अप्रकाशित मूल्य संवेदी सूचना के लेनदेन को साबित करने के लिए सबूत जमा करना मुश्किल होता है। इन अस्पष्ट संदिग्ध कारोबारी कार्य पद्धतियों के मामलों से निपटने के लिए सेबी ने नई रेगुलेटरी संरचना प्रस्तावित की है। इसकी मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
अस्पष्ट संदिग्ध कारोबारी गतिविधियां: ड्राफ्ट नियम किसी भी व्यक्ति को अस्पष्ट संदिग्ध कारोबारी गतिविधि में शामिल होने से रोकते हैं। संदिग्ध कारोबारी गतिविधि में ऐसी कोई भी कारोबारी गतिविधि शामिल होती है जो प्रतिभूति या प्रतिभूतियों के समूह में एक असामान्य कारोबारी पैटर्न का प्रदर्शन करती है। असामान्य कारोबारी पैटर्न में किसी व्यक्ति या संबद्ध व्यक्तियों के समूह द्वारा दोहराए जाने वाले ऐसे कारोबारी पैटर्न शामिल होंगे: (i) जिनमें छोटी अवधि में एक या एक से अधिक प्रतिभूतियों में लिए गए जोखिम में पर्याप्त बदलाव शामिल हों, और (ii) जो असामान्य मुनाफा देते हैं या असामान्य नुकसान को टालते हैं। ऐसे कारोबारी पैटर्न में प्रतिभूति से संबंधित मैटेरियल नॉन-पब्लिक इनफॉरमेशन का उपयोग शामिल होना चाहिए। मैटेरियल नॉन-पब्लिक इनफॉरमेशन में कंपनी/प्रतिभूति से संबंधित ऐसी सूचना शामिल होती है जोकि सामान्य तौर पर उपलब्ध नहीं होती। जब ऐसी सूचना आम तौर पर उपलब्ध होती है तो उसका कंपनी की प्रतिभूतियों के मूल्य पर काफी असर होता है। अस्पष्ट संदिग्ध कारोबारी गतिविधि ऐसी संदिग्ध कारोबारी गतिविधि को कहा जाता है जिसका कोई उपयुक्त स्पष्टीकरण नहीं दिया जा सके।
स्टॉक एक्सचेंज के दायित्व: स्टॉक एक्सचेंज और दूसरी इंटरमीडियरीज़ को सेबी को ऐसी संदिग्ध कारोबारी गतिविधि की सूचना देनी होगी, जिन पर उनका ध्यान गया है।
सेबी की जांच: सेबी संदिग्ध कारोबारी गतिविधि की जांच शुरू कर सकता है, अगर उसके पास संदेह करने का उचित आधार है कि कोई व्यक्ति या संबंधित व्यक्तियों का समूह ऐसी गतिविधि में शामिल है। ऐसी गतिविधि से आरोपित व्यक्तियों को अपना खंडन प्रदान करने का अवसर दिया जाएगा। अगर सेबी इस तरह के खंडन से संतुष्ट नहीं है, तो वह सेबी एक्ट, 1992 के तहत कार्रवाई कर सकता है।
2 जून, 2023 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
शहरी विकास
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
कैबिनेट ने शहरों को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाने और चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की योजना को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चार साल (2023-2027) की अवधि के लिए 'नवाचार, एकीकरण और निरंतरता 2.0' (सिटीस 2.0) के लिए शहर निवेश को मंजूरी दी है।[25] कार्यक्रम की परिकल्पना आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने निम्नलिखित के साथ साझेदारी में की है: (i) फ़्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी (एएफडी), (ii) जर्मन बैंक Kreditanstalt für Wiederaufbau (केएफडब्ल्यू), (iii) यूरोपीय संघ (ईयू), और (iv) शहरी मामलों का राष्ट्रीय संस्थान। सिटीस 2.0 के वित्तीय परिव्यय में एएफडी और केएफडब्ल्यू से 1,760 करोड़ रुपए का ऋण और यूरोपीय संघ से 106 करोड़ रुपए का अनुदान शामिल होगा।
सिटीस को 2018 में लॉन्च किया गया था, और यह 12 चुनिंदा शहरों में स्मार्ट सिटीज मिशन का एक उप-घटक है।[26] इसमें शहरों में बुनियादी ढांचे से संबंधित परियोजनाओं के निर्माण, राज्यों के साथ क्षमता निर्माण और राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत शहरी प्रबंधन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। सिटीज 2.0 के मुख्य उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) 18 स्मार्ट शहरों (चुनींदा) को उन परियोजनाओं के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी जोकि जलवायु के अनुकूल बनाने और अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित सर्कुलर अर्थव्यवस्था से संबंधित हैं, (ii) राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता करना (मांग आधारित) ताकि वे जलवायु से संबंधित आंकड़ों पर आधारित योजना बना सकें, उसके लिए जरूरी अवसंरचना तैयार करें और शहरी स्थानीय निकायों का क्षमता निर्माण करें, और (iii) शहरी भारत में जलवायु परिवर्तन प्रशासन को एकीकृत करने के लिए केंद्र, राज्य और शहर की सहायता करना। सिटीस 2.0 टिकाऊ आवास पर राष्ट्रीय मिशन, अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन 2.0 (एएमआरयूटी), स्वच्छ भारत मिशन 2.0 और स्मार्ट सिटीज मिशन के माध्यम से भारत की जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धताओं में सहायता करने का प्रयास करता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
कैबिनेट ने आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आईटी हार्डवेयर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना 2.0 को छह वर्ष की अवधि हेतु मंजूरी दी है।[27] पीएलआई घरेलू स्तर पर निर्मित उत्पादों की वृद्धिशील बिक्री पर चयनित कंपनियों को कुछ लाभ प्रदान करता है।
इस योजना में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर डिवाइस का निर्माण शामिल होगा। योजना के तहत अनुमानित व्यय छह वर्षों में 17,000 करोड़ रुपए है। इस कार्यक्रम से 2,430 करोड़ रुपए के वृद्धिशील निवेश और 75,000 नौकरियों के सृजन की उम्मीद है।
संचार
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
ट्राई ने दूरसंचार और प्रसारण क्षेत्र में कारोबारी सुगमता पर सुझाव जारी किए
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 'दूरसंचार और प्रसारण क्षेत्र में कारोबारी सुगमता पर सुझाव' जारी किए।[28],[29] इसके मुख्य सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
मंजूरियां और अनुमोदन: ट्राई ने कहा कि अनुमति प्राप्त करने और भुगतान की वर्तमान प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली है। संबंधित मंत्रालयों को सभी मंजूरियों और अनुमोदनों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाना चाहिए। हरेक मंत्रालय को संबंधित दिशानिर्देशों या नीतियों में सभी प्रक्रियाओं के लिए चरण-वार समय-सीमा निर्दिष्ट करनी चाहिए। इसके अलावा हरेक मंत्रालय को इस संबंध में प्रक्रियाओं की समीक्षा, सरलीकरण और अपडेशन के लिए स्थायी कारोबारी सुगमता समिति का गठन करना चाहिए।
अवसंरचना और अनिवार्य सेवा का दर्जा: प्रसारण और केबल सेवा क्षेत्र को 'अवसंरचना का दर्जा' प्रदान किया जाना चाहिए। इससे उद्योग के लिए गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों, बीमा कंपनियों, पेंशन फंड और भारतीय अवसंरचना वित्त कंपनी लिमिटेड से पूंजी जुटाना आसान होगा। सबमरीन केबल बिछाने को 'महत्वपूर्ण और अनिवार्य सेवाओं' के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।
दूरसंचार उत्पादों की टेस्टिंग: दूरसंचार उत्पादों की टेस्टिंग में दोहराव से बचने के लिए दूरसंचार विभाग को एक स्थायी समिति का गठन करना चाहिए। समिति में इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, दूरसंचार विभाग (डीओटी) और भारतीय मानक ब्यूरो के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए।
राइट ऑफ वे: डीओटी ने राइट ऑफ वे से संबंधित मंजूरियों की प्रक्रिया को कारगर बनाने हेतु गतिशक्ति पोर्टल विकसित किया है। हालांकि स्थानीय केबल ऑपरेटरों (एलसीओ) के लिए पोर्टल से ऐसी मंजूरी लेने का कोई प्रावधान नहीं है। पोर्टल में एलसीओ सहित सभी सेवा प्रदाताओं को शामिल किया जाना चाहिए।
वेबसाइट ब्लॉकिंग: ट्राई ने कहा कि विभिन्न तरीको/पोर्टल्स के जरिए इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को उन वेबसाइट्स की लिस्ट भेजी गई है, जिन्हें ब्लॉक किया जाना है। उसने सुझाव दिया कि वेबसाइट वेबसाइट ब्लॉकिंग के लिए सिंगल विंडो पोर्टल बनाया जाए। इस पोर्टल के जरिए इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को ब्लॉक की गई वेबसाइटों की सूची भेजी जानी चाहिए।
ऊर्जा
2022-32 के लिए राष्ट्रीय बिजली योजना अधिसूचित
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने 2022-32 के लिए राष्ट्रीय बिजली योजना (एनईपी) (खंड-1 उत्पादन) को अधिसूचित किया है।[30],[31] सीईए को बिजली एक्ट, 2003 के तहत पांच साल में एक बार एक राष्ट्रीय बिजली योजना तैयार करनी होती है।[32] योजना पिछले पांच वर्षों (2017-22) की समीक्षा, 2022-27 के लिए क्षमता वृद्धि की आवश्यकताओं और 2027-2032 की अवधि के लिए अनुमानों का प्रावधान करती है। योजना की मुख्य विशेषताएं हैं:
मौजूदा स्थापित क्षमता: 31 मार्च, 2022 तक भारत की स्थापित क्षमता लगभग चार लाख मेगावाट थी। कोयला, अक्षय ऊर्जा स्रोत और परमाणु क्रमशः स्थापित क्षमता का 51%, 39% और 2% है।
2017-22 के लक्ष्य पूरे नहीं हुए: मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी के कारण 2017-2022 के लिए क्षमता वृद्धि का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका। राष्ट्रीय बिजली योजना, 2018 के तहत, 2017-22 के लिए पारंपरिक स्रोतों (कोयला, गैस, परमाणु) से निर्धारित उत्पादन क्षमता वृद्धि का लक्ष्य लगभग 50,000 मेगावाट था। हालांकि, अतिरिक्त वास्तविक क्षमता केवल लगभग 30,000 मेगावाट (निर्धारित लक्ष्य का 59%) थी।
अक्षय स्रोतों से स्थापित क्षमता: योजना में उल्लेख किया गया है कि भारत में अक्षय ऊर्जा स्रोतों से उत्पादन की महत्वपूर्ण क्षमता है। अक्षय ऊर्जा के 2026-27 तक लगभग 35% ऊर्जा मिश्रण में योगदान करने और 2031-32 तक 44% तक बढ़ने की उम्मीद है। निजी क्षेत्र को आकर्षित करने के उपाय किए जाने चाहिए और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास का समर्थन करने के लिए अधिक धन आवंटित किया जाना चाहिए।
जरूरी क्षमता वृद्धि: 2031-32 के लिए पीक मांग को पूरा करने के लिए 2027-32 के दौरान अनुमानित क्षमता वृद्धि की आवश्यकता लगभग तीन लाख मेगावाट है।
अतिरिक्त कोयला क्षमता: लगभग 27,000 मेगावाट की निर्माणाधीन कोयला क्षमता के अलावा, 2031-32 तक आवश्यक अतिरिक्त कोयला क्षमता 19,000 मेगावाट से 27,000 मेगावाट तक के बीच हो सकती है।
उत्सर्जन: कोयला आधारित स्टेशनों से औसत CO2 उत्सर्जन दर में गिरावट आ रही है जो कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से उत्पादन की दक्षता में सुधार का संकेत है।
ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियमों में संशोधन अधिसूचित
Harshit Padia (harshit@prsindia.org)
ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली (ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस के माध्यम से अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देना) (दूसरा संशोधन) नियम, 2023 अधिसूचित किया है।[33] नियम अक्षय ऊर्जा (सौर, पवन, जल और अपशिष्ट-से-ऊर्जा सहित स्रोतों से) तक ओपन एक्सेस के लिए एक रूपरेखा प्रदान करते हैं।[34] ओपन एक्सेस का मायने यह है कि उपभोक्ता को अपनी पसंद की वितरण कंपनी से बिजली खरीदने की अनुमति दी जाए। केवल 100 किलोवॉट और उससे अधिक की मांग या स्वीकृत भार वाले उपभोक्ता ही इस रूपरेखा के तहत पात्र हैं (कैप्टिव उपभोक्ताओं को छोड़कर)। संशोधन में कहा गया है कि निम्नलिखित के माध्यम से इन उपभोक्ताओं की मांग या स्वीकृत भार 100 किलोवॉट होना चाहिए: (i) एक कनेक्शन, या (ii) वितरण लाइसेंसी के उसी बिजली विभाग में स्थित 100 किलोवॉट या उससे अधिक के कई कनेक्शन।
नियमों के तहत ग्रीन एनर्जी (अक्षय स्रोत) तक एक्सेस रखने वाले उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार की टैरिफ नीति के अनुसार क्रॉस सबसिडी सरचार्ज का भुगतान करना होगा। क्रॉस सबसिडी उस टैरिफ संरचना को कहा जाता है जिसमें उपभोक्ताओं का एक समूह उपभोक्ताओं के दूसरे समूह को आपूर्ति की लागत का वहन करने के लिए अपेक्षाकृत उच्च शुल्क का भुगतान करता है। नियम ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली ग्रीन एनर्जी को क्रॉस सबसिडी और अतिरिक्त सरचार्ज से छूट देते हैं। संशोधन इसे हटाते हैं और इसमें यह जोड़ते हैं जिन अपतटीय पवन परियोजनाओं को 2032 तक के लिए कमीशन किया गया है, उनसे उत्पादित और आपूर्ति की जाने वाली बिजली पर ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं को अतिरिक्त सरचार्ज नहीं चुकाना होगा।
अपतटीय पवन और ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया परियोजनाओं के लिए आईएसटीएस शुल्क माफ
Harshit Padia (harshit@prsindia.org)
ऊर्जा मंत्रालय ने निम्नलिखित हेतु 25 वर्षों के लिए अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन (आईएसटीएस) शुल्कों की पूर्ण छूट निर्धारित की है: (i) 31 दिसंबर, 2032 को या उससे पहले शुरू की गई अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाएं, और (ii) 31 दिसंबर, 2032 को या उससे पहले शुरू की गई ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं।[35] छूट केवल उन ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाओं के लिए उपलब्ध होगी जो अक्षय ऊर्जा, पंप भंडारण, या बैटरी भंडारण प्रणाली का उपयोग करती हैं। पूर्ण छूट के लिए कट-ऑफ तारीख के बाद शुरू की गई परियोजनाओं पर कमीशन की तारीख के आधार पर 25% से लेकर 100% तक श्रेणीबद्ध शुल्क लगेगा।[36] इससे पहले इसी तरह की छूट सौर, पवन, जल आधारित पंप स्टोरेज और बैटरी स्टोरेज सिस्टम प्रोजेक्ट्स के लिए उपलब्ध कराई गई थी।
पंप स्टोरेज सिस्टम्स (पीएसपी) के लिए आईएसटीएस शुल्कों की पूर्ण छूट को परियोजना सौंपे जाने की तारीख से जोड़ा गया है। पहले इसे परियोजना शुरू करने की तारीख से जोड़ा जाता था। यह बदलाव उन मामलों में लागू होगा, जहां निर्माण कार्य 30 जून, 2025 को या उससे पहले दिया गया है।
ऊर्जा भंडारण प्रणाली परियोजनाओं के लिए, आईएसटीएस शुल्कों की पूर्ण छूट को उपयोगकर्ता स्तर पर लागू किया गया है। पहले यह परियोजना स्तर पर लागू था। छूट तब उपलब्ध होगी जब भंडारण प्रणाली को चार्ज करने के लिए उपयोगकर्ता ने कम से कम 51% अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल किया हो।
बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए सुझाव दिए गए
Harshit Padia (harshit@prsindia.org)
ऊर्जा मंत्रालय ने घोषणा की कि 'भारत में बिजली बाजार का विकास' संबंधी समूह (अध्यक्ष: आलोक कुमार, सचिव, ऊर्जा मंत्रालय) ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। भारत में बिजली बाजार के विकास के लिए कुछ सुधारों पर सुझाव देने हेतु समूह का गठन किया गया था।[37] मंत्रालय ने कहा कि समूह ने भारत में बिजली क्षेत्र से संबंधित कुछ मुद्दों को रेखांकित किया है जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) गैर लचीले दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौतों का प्रभुत्व, (ii) केंद्र और राज्यों में संसाधन पर्याप्तता योजना की आवश्यकता, (iii) समग्र ऊर्जा मिश्रण में अक्षय ऊर्जा की बढ़ती हिस्सेदारी को साझा करने की आवश्यकता, और (iv) अक्षय ऊर्जा के लिए बाजार भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
समूह के मुख्य सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) राज्य बिजली इकाइयों की आपूर्ति की पर्याप्तता की निगरानी के लिए एक तंत्र स्थापित करना, (ii) पांच मिनट आधारित मीटरिंग, शेड्यूलिंग, डिस्पैच और निपटान को लागू करना, (iii) सेकेंडरी रिजर्व के लिए बाजार आधारित तंत्र को शुरू करना। इसके अलावा, डेविएशन मैनेजमेंट के लिए क्षेत्रीय स्तर पर बैलेंसिंग फ्रेमवर्क को लागू किया जाना चाहिए ताकि अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम स्तर पर राज्यों के लिए डेविएशन पैनल्टी को कम किया जा सके। समूह की रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध नहीं है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण
Siddharth Mandrekar Rao (siddharth@prsindia.org)
स्वास्थ्य केंद्रों के लिए सुगमता मानक अधिसूचित
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों के लिए सुलभता मानकों को अधिसूचित किया।[38] मानकों को विकलांग व्यक्तियों के अधिकार एक्ट, 2016 के तहत तैयार किया गया है।[39] मानकों की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
बाह्य रोगी सुविधाएं: मानक बाह्य रोगी सेवा उपलब्ध कराने वाले स्वास्थ्य केंद्रों के लिए शर्तों को निर्दिष्ट करते हैं। उदाहरण के लिए, श्रवण अक्षमता वाले मरीजों के लिए संचार में सहायता का अनुरोध करने के लिए फॉर्म्स आसानी से उपलब्ध कराए जाने चाहिए, जैसे कि साइन लैंग्वेज का दुभाषिया।
अस्पताल में भर्ती मरीजों हेतु सुविधाएं: मानक अस्पताल के वार्डों, बाथरूम्स और अन्य सुविधाओं के लिए शर्तों को निर्धारित करते हैं। उदाहरण के लिए इनमें अस्पताल के वार्डों में बिस्तरों की ऊंचाई को समायोजित करने की आवश्यकता निर्धारित की गई है। आपात स्थिति में निकासी सुविधाएं इस प्रकार होनी चाहिए कि विकलांगताओं वाले सभी रोगियों को समायोजित किया जा सके, जैसे व्हीलचेयर रैंप और बड़े साइनेज। अस्पताल के वार्डों में बाथरूम ऐसे होने चाहिए कि व्हीलचेयर ले जाई जा सके, और नलों और फॉसेट्स में ग्रैब बार और लीवर-आधारित कंट्रोल्स लगे होने चाहिए।
चिकित्सा उपकरण: मानकों में उन विशेषताओं का उल्लेख है जिनसे चिकित्सा उपकरण रोगियों के लिए अधिक सुलभ बन सकें। उदाहरण के लिए, रोगियों के परीक्षण कक्षों में व्हीलचेयर जा सके, और उनके सपोर्ट के लिए ग्रैब बार हो। लोकोमोटर अक्षमताओं वाले मरीजों को स्थानांतरित करने और जांच में मदद के लिए फ्लोर लिफ्ट उपलब्ध होनी चाहिए। रेडियोलॉजिकल डायग्नोस्टिक उपकरण जैसे एमआरआई मशीन ऐसी हों कि वे रोगियों को स्पष्ट दृश्य और श्रव्य संकेत प्रदान करें।
सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद नियम, 2004 में संशोधन अधिसूचित
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण के विज्ञापन का निषेध और रेगुलेशन) नियम, 2004 में संशोधनों को अधिसूचित किया है।[40],[41] 2004 के नियम तंबाकू उत्पादों की बिक्री, उत्पादन और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाते हैं। उदाहरण के लिए, वे (i) तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन, और (ii) किसी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में या किसी नाबालिग को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाते हैं।[42],[43]
2023 के संशोधनों में अपेक्षित है कि तंबाकू विरोधी विज्ञापनों को ऑनलाइन क्यूरेट कंटेंट के साथ प्रदर्शित किया जाए जिसमें तंबाकू उत्पादों का उपयोग दिखाया गया हो।40 ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट किसी भी क्यूरेटेड ऑडियो-विजुअल कंटेंट को कहा जाता है जो कंप्यूटर रिसोर्स, जैसे ओटीटी सामग्री के माध्यम से मांग पर उपलब्ध कराए जाते हैं। कम से कम 30 सेकंड की अवधि के तंबाकू विरोधी विज्ञापनों को किसी भी कार्यक्रम की शुरुआत और बीच में प्रदर्शित किया जाना चाहिए। तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के ऑडियो-विजुअल डिस्क्लेमर को ऑनलाइन सामग्री के आरंभ और मध्य में भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
ऑनलाइन कंटेंट में दर्शाए गए किसी भी तंबाकू के उपयोग के साथ स्क्रीन के नीचे एक स्थिर तंबाकू विरोधी चेतावनी होनी चाहिए। ऐसी चेतावनियों के कंटेंट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाएंगे। अगर ऑनलाइन कंटेंट के पब्लिशर्स इस शर्त का अनुपालन नहीं करते तो एक अंतर-मंत्रालयी समिति उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करेगी। इस समिति में (i) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, (ii) सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और (iii) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
नई औषधि और क्लिनिकल परीक्षण नियम, 2019 में ड्राफ्ट संशोधन जारी
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने नई औषधि और क्लिनिकल परीक्षण नियम, 2019 में ड्राफ्ट संशोधन जारी किए हैं।[44] इन्हें संशोधनों को औषधि और सौंदर्य प्रसाधन एक्ट, 1940 के तहत तैयार किया गया है।[45] 2019 के नियम क्लिनिकल परीक्षण करने की प्रक्रिया को निर्दिष्ट करते हैं। क्लिनिकल परीक्षण नई दवाओं के प्रभाव और सुरक्षा का अध्ययन या संभावित नई दवाओं पर शोध होते हैं। 2019 के नियम प्रक्रियात्मक विवरणों को निर्दिष्ट करते हैं जैसे कि प्रतिभागियों की सूचित सहमति प्राप्त करना और एक आचार समिति द्वारा परीक्षणों की निगरानी करना।
ड्राफ्ट संशोधन क्लिनिकल अनुसंधान संगठनों को एक ऐसे निकाय के रूप में परिभाषित करते हैं जो एक स्पांसर की ओर से क्लिनिकल परीक्षण के कुछ या सभी हिस्सों को संचालित करते हैं। स्पांसर परीक्षण शुरू करने और उसका प्रबंधन करने वाली इकाई होती है। अन्य नए प्रावधान क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए क्लिनिकल अनुसंधान संगठनों हेतु प्रक्रियाओं को निर्दिष्ट करते हैं। उदाहरण के लिए, उन्हें औषधि नियंत्रक, भारत के साथ पंजीकरण करना होगा और यह पंजीकरण पांच वर्ष के लिए वैध होगा। क्लिनिकल अनुसंधान संगठन निरीक्षणों के अधीन होंगे, और उन्हें परीक्षणों के संचालन से संबंधित रिकॉर्ड और डेटा को रखना होगा। पंजीकरण रद्द किया जा सकता है, अगर क्लिनिकल अनुसंधान संगठन एक्ट या नियमों का पालन करने में असफल रहता है।
सौंदर्य प्रसाधन नियम, 2020 में ड्राफ्ट संशोधन जारी
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रसाधन सामग्री नियम, 2020 में ड्राफ्ट संशोधन जारी किए हैं।[46] 2020 के नियम सौंदर्य प्रसाधनों के आयात या निर्माण के लिए लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया को निर्दिष्ट करते हैं, सौंदर्य प्रसाधनों के मानकों को निर्धारित करते हैं तथा परीक्षण और अनुपालन के प्रमाणन के लिए प्रक्रियाएं निर्धारित करते हैं।[47] इन्हें औषधि और सौंदर्य प्रसाधन एक्ट, 1940 के तहत निर्धारित किया गया है।[48]
लाइसेंस को निरस्त और निलंबित करना: 2020 के नियमों के तहत, सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण या वितरण का लाइसेंस देने के लिए राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण जिम्मेदार होते हैं। ड्राफ्ट संशोधन इसमें एक प्रावधान जोड़ते हैं जिनके तहत राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण नियमों के तहत जारी लाइसेंस को रद्द या निलंबित कर सकते हैं। इस प्रावधान के तहत लाइसेंस रद्द करने/निलंबित करने से पहले लाइसेंसधारियों को कारण बताने का उचित अवसर देना होगा। जिन लाइसेंसधारियों के लाइसेंस निलंबित या रद्द कर दिए गए हैं, वे इस फैसले के खिलाफ तीन महीने के भीतर राज्य सरकार को अपील कर सकते हैं, जिसके बाद यह अंतिम माना जाएगा।
केंद्रीय सौंदर्य प्रसाधन प्रयोगशाला: 2020 के नियम केंद्रीय सौंदर्य प्रसाधन प्रयोगशाला का प्रावधान करते हैं जो एक्ट के अनुपालन के लिए सौंदर्य प्रसाधनों का परीक्षण करती है। ड्राफ्ट संशोधन केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला को केंद्रीय सौंदर्य प्रसाधन प्रयोगशाला के रूप में निर्दिष्ट करता है।
ड्राफ्ट संशोधनों पर 29 जून, 2023 को या उसके बाद विचार किया जाएगा।
नागरिक उड्डयन
Tanvi Vipra (tanvi@prsindia.org)
ड्राफ्ट एयरक्राफ्ट बिल, 2023 सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सार्वजनिक परामर्श के लिए ड्राफ्ट एयरक्राफ्ट बिल, 2023 को जारी किया है।[49] बिल एयरक्राफ्ट एक्ट, 1934 का स्थान लेने का प्रयास करता है।[50] मंत्रालय के अनुसार, प्रस्तावित बिल नागरिक उड्डयन क्षेत्र के रेगुलेशन की मौजूदा जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करता है और सरल तरीके से प्रावधानों को निर्दिष्ट करता है। ड्राफ्ट बिल में निम्नलिखित के संबंध में समान प्रावधान शामिल हैं: (i) नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) जैसे निकायों का गठन, (ii) हवाई अड्डों के पास इमारतों के निर्माण या वृक्षारोपण को रेगुलेट करना, और (iii) सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए केंद्र सरकार की आपातकालीन शक्तियां।
ड्राफ्ट बिल में प्रस्तावित मुख्य परिवर्तनों में निम्नलिखित शामिल हैं:
एप्लिकेबिलिटी: एक्ट के तहत, विमान की परिभाषा में हवा में वायुमंडलीय प्रतिक्रियाओं के जरिए समर्थन प्राप्त मशीनें शामिल हैं। इसमें फिक्स्ड/फ्री गुब्बारे, एयरशिप, पतंग, ग्लाइडर और फ्लाइंग मशीन भी शामिल हैं। ड्राफ्ट बिल एयरक्राफ्ट की परिभाषा से फिक्स्ड/फ्री बैलून, एयरशिप, पतंग, ग्लाइडर और फ्लाइंग मशीन को हटाता है।
केंद्र सरकार की नियम बनाने की शक्ति: केंद्र सरकार की सामान्य नियम बनाने की शक्तियों के अलावा एक्ट केंद्र सरकार को विशिष्ट मामलों के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देता है। इनमें हवाई किराए का रेगुलेशन, विमान पंजीकरण और वस्तुओं की ढुलाई शामिल है। ड्राफ्ट बिल इनमें निम्नलिखित को शामिल करता है: (i) सुरक्षा निरीक्षण, (ii) डीजीसीए और बीसीएएस के निरीक्षण कार्यों का दायरा, और (iii) रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर सर्टिफिकेट और विमान रखरखाव लाइसेंस जारी करना।
दंड के आदेश के खिलाफ अपील: एक्ट के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी अधिकारी द्वारा दिए गए दंड से पीड़ित है, तो वह उच्च पद के अधिकारी से अपील कर सकता है। अपीलीय अधिकारी के आदेश से असंतुष्ट होने की स्थिति में ड्राफ्ट बिल अपील का अतिरिक्त स्तर प्रदान करता है। केंद्र सरकार अंतिम अपीलीय प्राधिकारी होगी।
ड्राफ्ट बिल पर 30 जून, 2023 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
हेलीकॉप्टर मार्गों के लिए उड़ान 5.1 लॉन्च
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस)- उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) के 5.1वें दौर की शुरुआत की है।[51] यह योजना देश के दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने और हेलीकॉप्टरों के माध्यम से लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करने का प्रयास करती है। यह योजना हवाई संपर्क को किफायती और सुविधाजनक बनाने का प्रयास करती है। योजना के पिछले दौर में एयरलाइनों के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग और निर्दिष्ट मार्गों पर संचालित होने वाली उड़ानों के लिए अधिकतम हवाई किराया प्रदान किया गया था। पहले, मार्गों की अनुमति तब दी जाती थी, जब मूल और गंतव्य दोनों स्थान प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में होते थे।
उड़ान 5.1 की प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) उन मार्गों पर परिचालन की अनुमति देना, जिन पर स्रोत या गंतव्य स्थान में से कोई भी एक स्थान प्राथमिकता वाला है, (ii) हेलीकॉप्टर हवाई किराए की सीमा को 25% कम करना, और (iii) सिंगल और ट्विन-इंजन हेलीकॉप्टरों के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग में बढ़ोतरी। मंत्रालय के अनुसार, हेलीकॉप्टर के अधिक उपयोग से पर्यटन, आतिथ्य और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। मई 2023 तक, योजना के पिछले दौर के तहत 46 हेलीकॉप्टर मार्गों का संचालन किया जा चुका है।
रक्षा कर्मियों के लिए पायलट लाइसेंस आवश्यकताओं में संशोधन के लिए ड्राफ्ट अधिसूचना जारी
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने विमान नियम, 1937 के तहत नागरिक उड्डयन शर्त अधिसूचना में एक ड्राफ्ट संशोधन जारी किया है।[52],[53] यह उड़ान चालक दल के मानकों, प्रशिक्षण और लाइसेंसिंग की शर्तो को निर्दिष्ट करता है। विमान नियम 1937 के अनुसार, भारतीय वायु सेना, नौसेना, सेना या तटरक्षक बल के योग्य पायलट जिनके पास आवश्यक उड़ान अनुभव और योग्यता है, उन्हें वाणिज्यिक और परिवहन लाइसेंस के लिए आवश्यक उड़ान परीक्षणों से छूट दी जा सकती है। उन्हें ऐसी योग्यता प्रदर्शित करने वाले दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने और लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता होती है। यह उड़ान अनुभव छूट को भी हटाता है। नतीजतन, रक्षा आवेदकों को एक तकनीकी परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी और एक अनुमोदित प्रशिक्षण संगठन में एक विमान या सिम्युलेटर पर अपनी योग्यता प्रदर्शित करनी होगी।
कृषि
Tanvi Vipra (tanvi@prsindia.org)
कैबिनेट ने उर्वरक सबसिडी में संशोधन को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी 2022-23 के लिए पोषक तत्व आधारित उर्वरक सबसिडी दरों और खरीफ 2023 के लिए निर्धारित सबसिडी दरों में संशोधन को मंजूरी दी।[54] पोषक तत्व आधारित सबसिडी योजना के तहत संशोधित दरें रबी फसलों के लिए 1 जनवरी, 2023 और 31 मार्च, 2023 के बीच प्रभावी होंगी और खरीफ फसलों के लिए 1 अप्रैल, 2023 से 30 सितंबर, 2023 के बीच। खरीफ 2023 के लिए 38,000 करोड़ रुपए की सबसिडी प्रदान की जाएगी। केंद्रीय बजट 2023 में 2023-24 में उर्वरक सबसिडी पर 1,75,100 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया गया है।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण
Tanvi Vipra (tanvi@prsindia.org)
कैबिनेट ने अनाज भंडारण के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन को मंजूरी दी
सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन को मंजूरी दी है।[55] कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के तहत आठ योजनाओं को इस उद्देश्य के लिए एकीकृत किया जाएगा।
समिति प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के स्तर पर गोदामों और प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की सुविधा देकर कृषि भंडारण अवसंरचना की कमी को दूर करेगी। समिति चयनित व्यावहारिक पैक्स में बुनियादी ढांचा बनाने के लिए ऐसी योजनाओं के लिए दिशानिर्देशों/कार्यान्वयन पद्धतियों में संशोधन (अनुमोदित परिव्यय के भीतर) करेगी। पैक्स भारतीय खाद्य निगम या राज्य एजेंसियों के लिए खरीद केंद्रों और उचित मूल्य की दुकानों के रूप में कार्य करेंगे।
स्थानीय स्तर पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता से खाद्यान्न की बर्बादी कम होने की उम्मीद है। इसके अलावा, किसानों को विकल्प प्रदान करने से फसलों की संकटपूर्ण बिक्री को रोकने और परिवहन लागत को कम होने की उम्मीद है। कैबिनेट की मंजूरी के 45 दिनों के भीतर प्रस्ताव पर अमल शुरू हो जाएगा।
विदेशी मामले
Alaya Purewal (alaya@prsindia.org)
क्वाड हेल्थ सिक्योरिटी पार्टनरशिप की घोषणा
2023 क्वाड लीडर्स समिट ने क्वाड हेल्थ सिक्योरिटी पार्टनरशिप की शुरुआत करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया।[56] क्वाड एक खुले, स्थिर और समृद्ध भारत-प्रशांत का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध चार देशों का कूटनीतिक नेटवर्क है।[57] इसमें भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। क्वाड लीडर्स समिट में सरकार के प्रमुख भाग लेते हैं। नई साझेदारी क्वाड वैक्सीन पार्टनरशिप का विस्तार है, जिसे 2021 में लॉन्च किया गया था।[58] वैक्सीन साझेदारी ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में वैक्सीन्स की समान पहुंच बढ़ाने की योजना बनाई है।[59] नई साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वास्थ्य सुरक्षा समर्थन में समन्वय और सहयोग को मजबूत करेगी। साझेदारी में गतिविधियों को कार्यान्वित करने की योजना बनाई जाएगी ताकि क्षेत्र में महामारियों के प्रकोप का पता लगाने और इस संबंध में पहल करने की क्षमता का निर्माण हो। इन गतिविधियों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) रोग निगरानी, (ii) प्रकोप संबंधी प्रतिक्रियाओं का समन्वय, और (iii) स्वास्थ्य क्षेत्र में श्रमबल का विकास और उसे सहयोग देना।
[1] Press Note on Provisional Estimates of National Income 2022-23 and Quarterly Estimates of Gross Domestic Product for the Fourth Quarter (Q4) of 2022-23, National Statistical Office, Ministry of Statistics and Programme Implementation, May 31, 2023, https://www.mospi.gov.in/sites/default/files/press_release/PressNoteQ4_FY2022-23_31may23.pdf.
[2] “Second Advance Estimates of National Income, 2022-23, Quarterly Estimates of Gross Domestic Product for the Third Quarter (October-December), 2022-23 and First Revised Estimates of National Income, Consumption Expenditure, Saving and Capital Formation, 2021-22”, Press Information Bureau, Ministry of Statistics and Programme Implementation, February 28, 2023, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1903091.
[3] Quick Estimates of Index of Industrial Production and Use-Based Index for the Month of March 2023 (Base 2011-12=100), Ministry of Statistics and Programme Implementation, May 12, 2023, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1923706.
[4] Quick Estimates of Index of Industrial Production and Use-Based Index for the Month of March 2022 (Base 2011-12=100), Ministry of Statistics and Programme Implementation, May 12, 2022, https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2022/may/doc202251255601.pdf.
[5] Civil Appeal No 2357 of 2017, Government of NCT of Delhi vs Union of India, Supreme Court, May 11, 2023, https://main.sci.gov.in/supremecourt/2016/29357/29357_2016_1_1501_44512_Judgement_11-May-2023.pdf.
[6] Article 239AA, The Constitution of India, https://cdnbbsr.s3waas.gov.in/s380537a945c7aaa788ccfcdf1b99b5d8f/uploads/2023/05/2023050195.pdf.
[7] Entry 41, List II, Seventh Schedule, The Constitution of India, https://www.mea.gov.in/Images/pdf1/S7.pdf.
[8] The Government of National Capital Territory of Delhi (Amendment) Ordinance 2023, May 19, 2020, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/245962.pdf.
[9] The Government of National Capital Territory of Delhi Act, 1991, https://www.indiacode.nic.in/handle/123456789/1923?sam_handle=123456789/1362#:~:text=An%20Act%20to%20supplement%20the,connected%20therewith%20or%20incidental%20thereto.
[10] Writ Petition (Civil) No. 493 of 2022, Subash Desai v Principle Secretary of Governor of Maharashtra, Supreme Court of India, May 11, 2023, https://main.sci.gov.in/supremecourt/2022/20234/20234_2022_1_1502_44512_Judgement_11-May-2023.pdf.
[11] Tenth Schedule, The Constitution of India, https://www.mea.gov.in/Images/pdf1/S10.pdf.
[12] The Representation of the People Act, 1951, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1663/1/A1950-43.pdf.
[13] The Maharashtra Legislative Assembly (Disqualification on Ground of Defection) Rule, 1986.
[14] “₹2000 Denomination Banknotes – Withdrawal from Circulation; Will continue as Legal Tender”, Reserve Bank of India, May 19, 2023, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR257180523ALL%20BANKS64E5FDBEBAE14112A3ACE71F04AE5E2F.PDF.
[15] G.S.R. 369(E), Ministry of Finance, May 16, 2023, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/245899.pdf.
[16] Foreign Exchange Management (Current Account Transactions) Rules, 2000, https://upload.indiacode.nic.in/showfile?actid=AC_CEN_2_45_00004_199942_1517807323986&type=rule&filename=FEM%20(CAT)%20Rules.pdf.
[17] Liberalised Remittance Scheme, Reserve Bank of India, https://m.rbi.org.in/scripts/FAQView.aspx?Id=115#Q1.
[18] Memorandum Explaining the Provisions in the Finance Bill, 2023, Union Budget 2023-24, https://www.indiabudget.gov.in/doc/memo.pdf.
[19] “Clarification regarding applicability of Tax Collection at Source to small Debit/Credit Transactions under LRS”, Press Information Bureau, Ministry of Finance, May 19, 2023, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1925592.
[20] Consultation Paper on framework for mandating additional disclosures from Foreign Portfolio Investors, Securities and Exchange Board of India, May 31, 2023, https://www.sebi.gov.in/reports-and-statistics/reports/may-2023/consultation-paper-on-framework-for-mandating-additional-disclosures-from-foreign-portfolio-investors-fpis-that-fulfil-certain-objective-criteria-to-1-guard-against-possible-circumvention-of-minim-_71946.html.
[21] Securities Contract (Regulation) Rules, 1957, Securities and Exchange Board of India, January 2, 2023, https://www.sebi.gov.in/legal/rules/jan-2023/securities-contracts-regulation-rules-1957-last-amended-on-january-2-2023-_67101.html.
[22] PML (Maintenance of Records) Rules, 2005, Financial Intelligence Unit, Ministry of Finance, Accessed on May 31, 2023, https://fiuindia.gov.in/files/AML_Legislation/notification.html.
[23] “Consultation Paper on Review of Total Expense Ratio charged by Asset Management Companies (AMCs) to unitholders of schemes of Mutual Funds to facilitate greater transparency and accrual of benefits of economies of scale to investors”, Securities and Exchange Board of India, May 18, 2023, https://www.sebi.gov.in/reports-and-statistics/reports/may-2023/consultation-paper-on-review-of-total-expense-ratio-charged-by-asset-management-companies-amcs-to-unitholders-of-schemes-of-mutual-funds-to-facilitate-greater-transparency-and-accrual-of-benefits-of-_71394.html.
[24] Consultation paper on draft SEBI (Prohibition of Unexplained Suspicious Trading Activities in the Securities Market) Regulations, 2023, Securities and Exchange Board of India, May 18, 2023, https://www.sebi.gov.in/reports-and-statistics/reports/may-2023/consultation-paper-on-draft-sebi-prohibition-of-unexplained-suspicious-trading-activities-in-the-securities-market-regulations-2023_71385.html.
[25] “Cabinet approves City Investments to Innovate, Integrate and Sustain 2.0 (CITIIS 2.0) from 2023 to 2027”, Press Information Bureau, Union Cabinet, May 31, 2023, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1928598.
[26] CITIIS Website, Ministry of Housing and Urban Affairs, as accessed on May 31, 2023, https://citiis.niua.in/.
[27] “Cabinet approves Production Linked Incentive Scheme – 2.0 for IT Hardware”, Press Information Bureau, May 17, 2023, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1924766.
[28] “Recommendations on Ease of Doing Business in Telecom and Broadcasting Sector”, The Telecom Regulatory Authority of India, May 2, 2023, https://www.trai.gov.in/sites/default/files/Recommendations_02052023_0.pdf.
[29] “TRAI releases Recommendations on "Ease of Doing Business in Telecom and Broadcasting Sector", The Telecom Regulatory of India, https://www.trai.gov.in/sites/default/files/PR_No.37of2023.pdf.
[30] National Electricity Plan (Volume 1) Generation, Central Electricity Authority, May 31, 2023, https://cea.nic.in/wp-content/uploads/irp/2023/05/NEP_2022_32_FINAL_GAZETTE-1.pdf.
[31] “Central Electricity Authority notifies the National Electricity Plan for the period of 2022-32”, Ministry of Power, May 31, 2023, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1928750.
[32] The Electricity Act, 2003, https://www.indiacode.nic.in/handle/123456789/2058?sam_handle=123456789/1362.
[33] The Electricity (Promoting Renewable Energy Through Green Energy Open Access) (Second Amendment) Rules, 2023, Ministry of Power, Mar 23, 2023, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/246016.pdf.
[34] Electricity (Promoting Renewable Energy Through Green Energy Open Access) Rules, 2022, Ministry of Power, June 6, 2022, https://greenopenaccess.in/assets/files/Green%20Energy%20Open%20Access_rules.pdf.
[35] “In a big boost to off-shore wind energy projects, Government gives complete waiver of ISTS charges for 25 years to projects commissioned on or before 31st Dec, 2032”, Press Information Bureau, Ministry of Power, May 29, 2023, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1928128.
[36] F. No. L-1/250/2019/CERC, The Gazette of India, Central Electricity Regulatory Commission, February 7, 2023, https://cercind.gov.in/Regulations/177-GAZ.pdf.
[37] “Group constituted by Ministry of Power for Development of Electricity Market in India proposes comprehensive solutions to address key issues,” Press Information Bureau, Ministry of Power, May 14, 2023, https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1924032
[38] F. No. T.21017/20/2021-NCD.I (NPPCD)/Part, Ministry of Health and Family Welfare, May 4, 2023, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/245810.pdf.
[39] The Rights of Persons with Disabilities, Act, 2016, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/15939/1/the_rights_of_persons_with_disabilities_act%2C_2016.pdf.
[40] G.S.R. 400(E), Ministry of Health and Family Welfare, May 31, 2023, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/246178.pdf.
[41] The Cigarettes and Other Tobacco Products (Prohibition of Advertisement and Regulation of Trade and Commerce, Production, Supply and Distribution) Act, 2003, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/2053/1/AAA34____2003.pdf
[42] G.S.R 137, Ministry of Health and Family Welfare, February 25, 2004, https://upload.indiacode.nic.in/showfile?actid=AC_CEN_12_13_00020_200334_1517807327289&type=rule&filename=GSR%20137%20(E)%20Cigarettes%20and%20Other%20Tobacco%20Products%20(Prohibition%20of%20Advertisement%20and%20Regulation%20of%20Trade%20and%20Commerce,%20Production,%20Supply%20and%20Distribution)%20Rules,%202004.pdf.
[43] G.S.R 567€, Ministry of Health and Family Welfare, September 01, 2004. https://upload.indiacode.nic.in/showfile?actid=AC_CEN_12_13_00020_200334_1517807327289&type=rule&filename=11Prohibition_of_Sale_of_Cigarettes_and_Other_Tobacc_sw.pdf.
[44] G.S.R. 364(E), Ministry of Health and Family Welfare, May 11, 2023, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/245863.pdf.
[45] The Drugs and Cosmetics Act, 1940, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/15278/1/drug_cosmeticsa1940-23.pdf .
[46] G.S.R . 371(E), Ministry of Health and Family Welfare, May 15, 2023, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2023/245904.pdf.
[47] The Cosmetics Rules, 2020, https://cdsco.gov.in/opencms/opencms/system/modules/CDSCO.WEB/elements/download_file_division.jsp?num_id=OTIyNg==.
[48] The Drugs and Cosmetics Act, 1940, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/15278/1/drug_cosmeticsa1940-23.pdf .
[49] Draft Aircraft Bill, 2023 for public consultation, Ministry of Civil Aviation, May 31, 2023, https://www.civilaviation.gov.in/sites/default/files/Draft%20Aircraft%20Bill%2C%202023%20for%20public%20consultation..pdf.
[50] Aircraft Act, 1934, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/2400/1/AAA1934____22.pdf.
[51] “Ministry of Civil Aviation launched UDAN 5.1, specifically designed for helicopter routes”, Press Information Bureau, Ministry of Civil Aviation, May 24, 2023, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1926992.
[52] Amendment to CAR: ‘Requirements for issue of commercial pilot license and airline transport pilot license to defence personnel’, Civil Aviation Requirements, Directorate General of Civil Aviation, May 18, 2023, https://www.dgca.gov.in/digigov-portal/Upload?flag=iframeAttachView&attachId=152386795.
[53] Requirements for issue of commercial pilot license and airline transport pilot license to defence personnel, Civil Aviation Requirements, Directorate General of Civil Aviation, July 1 2019, http://164.100.60.133/cars/D7G-G4(IssueII).pdf.
[54] “Cabinet Approves revision in Nutrient Based Subsidy (NBS) rates for RABI Season, 2022-23 (from 01.01.2023 to 31.03.2023) and fixing of Nutrient Based Subsidy (NBS) rates for KHARIF Season, 2023 (from 1.4.2023 to 30.09.2023) on Phosphatic and Potassic (P&K) fertilizers.”, Press Information Bureau, Ministry of Chemicals and Fertilisers, May 17, 2023, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1924770.
[56] Quad Leaders’ Joint Statement 2023, Ministry of External Affairs, May 20, 2023, https://mea.gov.in/bilateral-documents.htm?dtl/36571/Quad+Leaders+Joint+Statement.
[57] Quad, Department of Foreign Affairs and Trade, Government of Australia, https://www.dfat.gov.au/international-relations/regional-architecture/quad.
[58] Quad Framework and Functions, Ministry of External Affairs, November 2022, https://mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/unclassified_brief_29_11_22_Quad_Framework_and_Engagement__AMS_Division.pdf.
[59] “Fact Sheet: Quad Leader’s Summit, The White House, Government of the United States of America, September 24, 2021, https://www.whitehouse.gov/briefing-room/statements-releases/2021/09/24/fact-sheet-quad-leaders-summit/.
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