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सितंबर 2025

पीडीएफ

इस अंक की झलकियां

जीएसटी परिषद ने दरों को सुव्यवस्थित करने को मंजूरी दी

56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में कर संरचना को सुव्यवस्थित करके, दो मुख्य स्लैब (5% और 18%) बना दिए गए हैं, जिसमें 40% डिमेरिट दर शामिल है, जबकि कई वस्तुओं पर दरों में कटौती की गई।

सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ (संशोधन) एक्ट, 2025 के प्रावधानों पर रोक लगाई

न्यायालय ने इस्लाम धर्म के अनुयायी होने का सबूत देने, सरकारी संपत्ति को वक्फ के रूप में मानने तथा वक्फ परिषद और बोर्ड्स में गैर-मुस्लिम प्रतिनिधित्व से संबंधित प्रावधानों पर रोक लगा दी है।

व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ड्राफ्ट नियम टिप्पणियों के लिए जारी

ड्राफ्ट नियमों में कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कार्य स्थितियों और कल्याणकारी सुविधाओं के प्रावधान के संबंध में नियोक्ताओं की जिम्मेदारियों को निर्दिष्ट किया गया है।

सिविलियन ड्रोन्स को बढ़ावा देने और रेगुलेट करने के लिए ड्राफ्ट बिल पर टिप्पणियां आमंत्रित

बिल सभी मानवरहित विमान प्रणालियों का नागरिक उड्डयन महानिदेशक के पास पंजीकरण अनिवार्य करता है। इसमें हवाई क्षेत्र को अलग-अलग ज़ोन में विभाजित करने और कुछ क्षेत्रों में ड्रोन संचालन पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है।

जियोथर्मल ऊर्जा पर राष्ट्रीय नीति अधिसूचित

नीति का उद्देश्य जियोथर्मल परियोजनाओं के लिए संयुक्त उद्यमों को सुविधाजनक बनाना, रियायती ऋण उपलब्ध कराना तथा सिंगल-विंडो रेगुलेटरी तंत्र विकसित करना है।

दूरसंचार उपयोगकर्ता की पहचान के लिए ड्राफ्ट नियमों पर टिप्पणियां आमंत्रित

ड्राफ्ट नियमों में अनिवार्य बायोमेट्रिक सत्यापन, बायोमेट्रिक पहचान सत्यापन प्रणाली और सिम हस्तांतरण के लिए सख्त नियमों का प्रस्ताव है।

इंटरसेप्शन के नियमों में संशोधन अधिसूचित

संशोधनों में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय गृह सचिव राज्य सरकार द्वारा अपने क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र से बाहर अनुरोध किए गए इंटरसेप्शन के लिए भी आदेश जारी कर सकते हैं।

 

मैक्रोइकोनॉमिक विकास

Shania Ali (shania@prsindia.org)

2025-26 की पहली तिमाही में चालू खाता घाटा जीडीपी का 0.2%

भारत ने 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 2.4 अरब USD (जीडीपी का 0.2%) का चालू खाता घाटा दर्ज किया, जो 2024-25 की इसी तिमाही के 8.6 अरब USD (जीडीपी का 0.9%) से कम है।[1] 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत ने 13.4 अरब USD (जीडीपी का 1.3%) का चालू खाता अधिशेष दर्ज किया।

2025-26 की पहली तिमाही में पूंजी खाते में 7.7 अरब USD का शुद्ध अंतर्वाह दर्ज किया गया, जबकि 2024-25 की चौथी तिमाही में 5.4 अरब USD का शुद्ध बहिर्वाह दर्ज किया गया था। 2025-26 की पहली तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 4.5 अरब USD की वृद्धि हुई। 2024-25 की इसी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 5.2 अरब USD की वृद्धि हुई थी।

तालिका 1: भुगतान संतुलन, ति1 2025-26 (बिलियन USD)

 

ति1
2024-25

ति4
2024-25

ति 1
2025-26

क. निर्यात

111.2

116.3

113.1

ख. आयात

175.0

175.8

181.6

ग. व्यापार संतुलन (क-ख)

-63.8

-59.5

-68.5

घ. शुद्ध सेवाएं

39.7

53.3

47.9

ङ अन्य हस्तांतरण

15.4

19.6

18.2

च. चालू खाता (ग+घ+ङ)

-8.7

13.4

-2.4

छ. पूंजी खाता

13.1

-5.4

7.7

ज. भूल चूक लेनी देनी

0.8

0.8

-0.8

झ. मुद्रा भंडार में परिवर्तन (च+छ+ज)

5.2

8.8

4.5

स्रोत: आरबीआई; पीआरएस।

 

वित्त

Shania Ali (shania@prsindia.org)

जीएसटी परिषद ने दरों को सुव्यवस्थित करने और अनुपालन में आसानी के उपायों को मंजूरी दी

जीएसटी परिषद ने व्यापार को सुगम बनाने के उद्देश्य से जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और प्रक्रियागत सुधारों को मंजूरी दी।[2] वर्तमान चार-स्तरीय कर दर संरचना को सुव्यवस्थित कर, दो-स्तरीय संरचना (5% और 18%) में बदल दिया गया है जिसमें चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं के लिए 40% की विशेष "डीमेरिट दर" भी शामिल है। किराने का सामान, उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुएं (शैंपू, साबुन और टूथब्रश), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (टीवी, एयर कंडीशनर और छोटी कार और मोटरसाइकिल), कृषि वस्तुएं, श्रम-प्रधान वस्तुएं, दवाएं और चिकित्सा उपकरण, तथा अक्षय ऊर्जा उपकरणों जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी कम कर दिया गया है।

सभी व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों को जीएसटी से छूट दी गई है। जीएसटी परिषद ने इनवर्टेड शुल्क संरचना से उत्पन्न जोखिम-आधारित प्रोविज़नल रिफंड को भी मंजूरी दी है। इनवर्टेड शुल्क संरचना तब लागू होती है, जब उत्पादन में प्रयुक्त कच्चे माल जैसे इनपुट पर कर की दर तैयार माल पर कर की दर से अधिक होती है। इससे अप्रयुक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त होता है। छोटे और कम जोखिम वाले व्यवसायों के लिए पंजीकरण को सरल बनाया गया है और वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय ट्रिब्यूनल सितंबर 2025 के अंत तक चालू हो जाएगा। वस्तुओं और सेवाओं की जीएसटी दरों में बदलाव 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी हो गए हैं।

सेबी ने विभिन्न विषयों पर संशोधनों को मंजूरी दी

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निम्नलिखित में संशोधनों को मंजूरी दी है: (i) प्रतिभूति अनुबंध (रेगुलेशन) नियम 1957 के तहत न्यूनतम सार्वजनिक प्रस्ताव (एमपीओ) और न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) की शर्तें, और (ii) सेबी (सूचीबद्धता दायित्व और प्रकटीकरण की शर्तें) रेगुलेशन, 2015 के तहत संबंधित पार्टी लेनदेन (आरपीटी) से जुड़े प्रावधान और संबंधित सर्कुलर्स।[3], [4], [5] प्रमुख परिवर्तन इस प्रकार हैं:

  • एमपीओ और एमपीएस की शर्तें: एमपीओ शेयरों के उस न्यूनतम हिस्से को कहा जाता है जो किसी कंपनी को सूचीबद्धता के समय जनता को प्रदान करना होता है। एमपीएस सार्वजनिक शेयरधारिता के उस न्यूनतम स्तर को कहा जाता है जिसे सूचीबद्धता के बाद बरकरार रखना आवश्यक है। सेबी ने संशोधित बाजार पूंजीकरण सीमाएं लागू की हैं। उसने बहुत बड़े जारीकर्ताओं के लिए एमपीओ की शर्तों को कम कर दिया है। एमपीएस समय-सीमा को भी आसान बना दिया गया है जिससे कुछ बड़ी कंपनियों को 25% सार्वजनिक शेयरधारिता प्राप्त करने के लिए पांच वर्षों के बजाय 10 वर्ष तक का समय मिल गया है। आईपीओ में 35% रीटेल कोटा अपरिवर्तित रहेगा।

  • संबंधित पक्ष लेनदेन (आरपीटी): ये संशोधन सूचीबद्ध संस्थाओं और उनकी सहायक कंपनियों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण आरपीटी के निर्धारण की सीमाओं को संशोधित करते हैं। ये संशोधन आरपीटी के अनुमोदन के लिए ऑडिट कमिटी और शेयरधारकों को दी जाने वाली जानकारी में भी छूट प्रदान करते हैं। संशोधनों में शेयरधारकों द्वारा सर्वव्यापी अनुमोदनों की वैधता अवधि को संहिताबद्ध करने का प्रावधान है। आरपीटी के संदर्भ में, सर्वव्यापी अनुमोदन, ऐसे लेनदेन के वर्ग के लिए दी गई स्थायी स्वीकृति होती है जो बार-बार दोहराए जाते हैं या अनुमोदन के समय पूर्वानुमानित नहीं किए जा सकते। इनके माध्यम से कंपनियां प्रत्येक लेनदेन के लिए अलग-अलग अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता से बच सकती हैं। संशोधन कुछ प्रकार के लेनदेन के लिए आरपीटी प्रावधानों की एप्लिकेबिलिटी को भी स्पष्ट करते हैं।

सेबी ने SWAGAT-FI फ्रेमवर्क को मंजूरी दी

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विश्वसनीय विदेशी निवेशकों के लिए सिंगल विंडो ऑटोमैटिक एंड जर्नलाइज्ड एक्सेस फॉर ट्रस्टेड फॉरेन इनवेस्टर्स (SWAGAT-FI) फ्रेमवर्क की शुरुआत को मंजूरी दे दी है।3  यह फ्रेमवर्क इन निवेशकों के लिए विभिन्न निवेश मार्गों पर एकीकृत पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाएगा और बार-बार अनुपालन की शर्तों को कम करेगा। इस फ्रेमवर्क के तहत पात्र विदेशी निवेशकों में केंद्रीय बैंक, सॉवरेन वेल्थ फंड, बहुपक्षीय एजेंसियां और कुछ सार्वजनिक रीटेल फंड शामिल हैं। इस फ्रेमवर्क को छह महीने के भीतर पूरी तरह से लागू करने की योजना है।

 

कानून एवं न्याय

Shrusti Singh (shrusti@prsindia.org)

सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ (संशोधन) एक्ट, 2025 के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई

सर्वोच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों की पीठ ने वक्फ (संशोधन) एक्ट, 2025 के कुछ प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया है।[6] न्यायालय ने संशोधन एक्ट पर पूर्ण रोक लगाने की अपील को खारिज कर दिया। न्यायालय ने अपने फैसले में निम्नलिखित निर्देश जारी किए:

  • वक्फ की घोषणा: संशोधन एक्ट के अनुसार, केवल वही व्यक्ति वक्फ की घोषणा कर सकता है जो कम से कम पांच वर्षों से इस्लाम का अनुयायी रहा हो। न्यायालय ने निर्णय दिया कि संशोधन एक्ट का यह भाग तब तक स्थगित रहेगा, जब तक राज्य सरकार अपने नियम नहीं बना लेती। नियमों में एक ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे यह पता चल सके कि कोई व्यक्ति कितने वर्षों से इस्लाम का अनुयायी रहा है। न्यायालय ने कहा कि किसी भी प्रक्रिया के अभाव में यह प्रावधान लागू नहीं हो सकता।

  • सरकारी संपत्ति वक्फ: संशोधन एक्ट में कहा गया है कि वक्फ के रूप में पहचानी गई किसी सरकारी संपत्ति के स्वामित्व के बारे में अनिश्चितता की स्थिति में, राज्य सरकार एक अधिकारी नियुक्त करेगी जो जांच करेगा और स्वामित्व का पता लगाएगा। एक्ट में प्रावधान है कि जब तक अधिकारी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करता, तब तक संपत्ति वक्फ नहीं रहेगी। सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रावधान को मनमाना माना और इस पर रोक लगाई।

  • केंद्रीय वक्फ परिषद में सदस्यता: सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि परिषद के 22 सदस्यों में चार से ज्यादा गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होने चाहिए। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि वक्फ बोर्ड्स के 11 सदस्यों में से तीन से ज्यादा गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होने चाहिए।

  • इसके अतिरिक्त सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति मुस्लिम समुदाय से की जाए।

सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में पहचान के सबूत के तौर पर आधार कार्ड को स्वीकार करने का निर्देश दिया

सर्वोच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने चुनाव आयोग को बिहार की संशोधित मतदाता सूची तैयार करने के लिए पहचान के प्रमाण के रूप में आधार कार्ड को स्वीकार करने का निर्देश दिया है।[7] बिहार में स्पेशल इनटेंसिव रिविजन (एसआईआर) अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए आयोजित किया गया था कि राज्य की मतदाता सूची में सभी पात्र नागरिकों के नाम शामिल हों।[8] 

न्यायालय ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व एक्ट, 1950 की धारा 23(4) के तहत, आधार कार्ड पहचान के लिए सूचीबद्ध दस्तावेजों में से एक है। हालांकि न्यायालय ने स्पष्ट किया कि अधिकारी आधार कार्ड की प्रामाणिकता की पुष्टि करने के लिए अतिरिक्त प्रमाण मांग सकते हैं।

 

श्रम एवं रोजगार

Vaishali Dhariwal (vaishali@prsindia.org)

व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी ड्राफ्ट नियम सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सार्वजनिक परामर्श के लिए सात ड्राफ्ट नियम जारी किए हैं।[9],[10], [11], [12], [13],[14],[15]  इन नियमों को व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता, 2020 के तहत जारी किया गया है।[16] ये ड्राफ्ट नियम निम्नलिखित पर लागू होते हैं: (i) गोदी श्रमिक, (ii) खदान श्रमिक, (iii) मोटर परिवहन श्रमिक, (iv) बागान श्रमिक, (v) बीड़ी श्रमिक, (vi) निर्माण श्रमिक, और (vii) कारखाना श्रमिक।

ड्राफ्ट नियम कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कार्य स्थितियों और कल्याणकारी सुविधाओं के प्रावधान के संबंध में नियोक्ताओं की जिम्मेदारियों को निर्दिष्ट करते हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) कल्याण अधिकारियों की नियुक्ति, (ii) प्राथमिक चिकित्सा और चिकित्सा उपकरणों का रखरखाव, (iii) क्रेच सुविधाएं, कैंटीन सुविधाएं, नहाने और कपड़े धोने की सुविधाएं, शौचालय और मूत्रालय सुविधाएं प्रदान करना, (iv) पीने योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना, और (v) हानिकारक पदार्थों के बीच सांस लेने से सुरक्षा सुनिश्चित करना।

टिप्पणियां 6 नवंबर 2025 तक आमंत्रित हैं।

 

परिवहन

Atri Prasad Rout (atri@prsindia.org)

सिविलियन ड्रोन्स को बढ़ावा देने और रेगुलेशन के लिए ड्राफ्ट बिल सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए जारी

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सिविलियन ड्रोन (प्रोत्साहन एवं रेगुलेशन) बिल, 2025 के ड्राफ्ट को सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए जारी किया है।[17] यह बिल सिविलियन मानवरहित विमान प्रणालियों के प्रोत्साहन और रेगुलेशन के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है। बिल की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • यूएएस का रेगुलेशन: बिल मानवरहित विमानों को 500 किलोग्राम तक के भार वाले ऐसे विमान के रूप में परिभाषित करता है जो या तो स्वचालित हों या दूर से संचालित हों। एक मानवरहित विमान प्रणाली (यूएएस) में विमान, संबंधित रिमोट पायलट स्टेशन और नियंत्रण लिंक शामिल होते हैं। यूएएस के स्वामी को इसे नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) में पंजीकृत कराना होगा। यूएएस की असेंबलिंग या निर्माण के लिए डीजीसीए से प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा। सभी प्रणालियों में केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट अनिवार्य सुरक्षा और संरक्षा सुविधाएं शामिल होनी चाहिए। यूएएस संचालित करने वाले व्यक्ति के पास रिमोट पायलट प्रशिक्षण होना चाहिए और उसके पास डीजीसीए या किसी अधिकृत अधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र होना चाहिए।

  • हवाई क्षेत्र प्रबंधन: केंद्र सरकार हवाई क्षेत्र को लाल, पीले और हरे क्षेत्रों में विभाजित करते हुए एक हवाई क्षेत्र मानचित्र प्रकाशित करेगी। लाल क्षेत्र में, यूएएस संचालन के लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक होगी। केंद्र और राज्य सरकारों तथा उनके द्वारा अधिकृत एजेंसियों को लाल क्षेत्र अधिसूचित करने का अधिकार होगा। प्राधिकारी किसी क्षेत्र के अस्थायी लाल क्षेत्र भी घोषित कर सकते हैं। पीले क्षेत्र में संचालन के लिए संबंधित हवाई यातायात नियंत्रण प्राधिकरण की अनुमति आवश्यक होगी। बिल में हरे क्षेत्रों के लिए किसी अनिवार्य हवाई क्षेत्र अनुमति का उल्लेख नहीं है।

  • दायित्व और मुआवज़ा: हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों का उल्लंघन और प्रणालियों का दुरुपयोग संज्ञेय अपराध होंगे। यूएएस के संचालन के लिए थर्ड-पार्टी बीमा पॉलिसी के तहत कवरेज आवश्यक होगा। यूएएस दुर्घटनाओं से संबंधित मुआवज़े के दावों का निपटारा मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल द्वारा किया जाएगा। ट्रिब्यूनल के निर्णय के विरुद्ध अपील उच्च न्यायालय में की जा सकेगी। 

  • आपातकालीन शक्तियां: सुरक्षा और संप्रभुता के हित में केंद्र सरकार प्रमाणपत्रों को रद्द या निलंबित कर सकती है, यूएएस परिचालन पर रोक लगा सकती है और सार्वजनिक सेवा के लिए सरकार को यूएएस देने का निर्देश दे सकती है।

मंत्रिमंडल ने जहाज निर्माण को बढ़ावा देने की योजनाओं को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जहाज निर्माण और समुद्री व्यापार में घरेलू क्षमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई पहलों को मंजूरी दी।[18] इन पहलों से निम्नलिखित की उम्मीद है: (i) घरेलू जहाज निर्माण क्षमता को 4.5 मिलियन सकल टन प्रति वर्ष तक बढ़ाना, (ii) समुद्री क्षेत्र में 4.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करना, और (iii) 30 लाख नौकरियां पैदा करना। 2015 में स्वीकृत जहाज निर्माण वित्तीय सहायता योजना को 31 मार्च, 2036 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना का वित्तीय परिव्यय 24,736 करोड़ रुपए है। इस क्षेत्र को दीर्घकालिक वित्तपोषण प्रदान करने के लिए समुद्री विकास कोष को 25,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इसमें 20,000 करोड़ रुपए का निवेश कोष और 5,000 करोड़ रुपए का ब्याज प्रोत्साहन कोष शामिल है, जिससे ऋण की प्रभावी लागत कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा जहाज निर्माण विकास योजना के लिए 19,989 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं ताकि बड़े जहाज निर्माण क्लसटर्स को मदद दी जा सके, इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार हो और बीमा प्रदान किया जा सके।

 

संचार

Ayush Stephen Toppo (ayush@prsindia.org)

दूरसंचार के संबंध में यूज़र आइडेंटिफिकेशन के लिए ड्राफ्ट नियमों पर टिप्पणियां आमंत्रित

दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार (यूज़र आइडेंटिफिकेशन) नियम, 2025 के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[19] इन नियमों का उद्देश्य दूरसंचार उपयोगकर्ताओं के लिए बायोमेट्रिक-आधारित आइडेंटिफिकेशन फ्रेमवर्क तैयार करना है। इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • अनिवार्य बायोमेट्रिक सत्यापन: ड्राफ्ट नियमों में नए दूरसंचार उपयोगकर्ताओं के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया गया है। आधार वाले उपयोगकर्ताओं को आधार प्रमाणीकरण से गुजरना होगा। बिना आधार वाले उपयोगकर्ता, या आधार प्रमाणीकरण पूरा करने में असमर्थ व्यक्ति, एक वैकल्पिक डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया का पालन करेंगे। दोनों प्रक्रियाओं के तहत, एक लाइव फोटोग्राफ या कोई अन्य निर्दिष्ट जैविक विशेषताएं, और उपयोगकर्ता विवरण सब्सक्राइबर डेटाबेस में स्टोर किए जाएंगे। डिजिटल केवाईसी के लिए, एक उपयोगकर्ता पहचान के प्रमाण और पते के प्रमाण से संबंधित दस्तावेज जमा करेगा। व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं के मामले में अधिकृत प्रतिनिधि की पहचान, और उस कनेक्शन के प्रत्येक अंतिम उपयोगकर्ता की पहचान आवश्यक होगी। हालांकि व्यवसायों द्वारा प्रत्येक अंतिम-उपयोगकर्ता के सत्यापन की छूट मांगी जा सकती है। दूरसंचार संस्थाओं को नामांकन के दौरान इस्तेमाल किए गए झूठे या जाली दस्तावेज़ों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी और सरकार को सूचित करना होगा। संस्थाओं को ऐसे मामलों में पुलिस में शिकायत दर्ज करानी होगी या एफआईआर दर्ज करानी होगी।

  • बायोमेट्रिक आधारित पहचान सत्यापन प्रणाली: दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने वाली प्रत्येक अधिकृत संस्था व्यक्तिगत रूप से या सामूहिक रूप से एक बायोमेट्रिक आधारित पहचान सत्यापन प्रणाली (बीआईवीएस) का निर्माण और रखरखाव करेगी। इस प्रणाली में पोर्टल पर केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट लाइव फोटोग्राम या कोई अन्य जैविक विशेषताएं शामिल होंगी। बीआईवीएस में उपयोगकर्ता की स्टोर की गई जानकारी को रियल सत्यापन के लिए अधिकृत दूरसंचार संस्थाओं के बीच साझा किया जाएगा।

  • कनेक्शन का हस्तांरण: नियमों में सिम बदलने, मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी और सरकारी निर्देशों जैसे मामलों में पुनः सत्यापन अनिवार्य है। दूरसंचार सेवाओं का हस्तांतरण केवल रक्त संबंधियों या कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच ही अनुमत होगा, बशर्ते पहचान पुनः सत्यापन हो। व्यावसायिक कनेक्शन के मामले में, अंतिम उपयोगकर्ता को बदला जा सकता है, बशर्ते व्यवसाय का अधिकृत प्रतिनिधि दूरसंचार संस्था को तुरंत सूचित करे, और नए उपयोगकर्ता की पहचान ऐसे परिवर्तन के सात दिनों के भीतर हो जाए।

  • उपयोगकर्ताओं के दायित्व: उपयोगकर्ताओं को गलत विवरण नहीं देना चाहिए। नियमों के तहत अनुमति के अलावा, उन्हें कनेक्शन दोबारा बेचना या हस्तांतरित नहीं करना चाहिए।

टिप्पणियां 19 अक्टूबर 2025 तक आमंत्रित हैं।

इंटरसेप्शन के नियमों में संशोधन अधिसूचित

दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार (संदेशों के वैध इंटरसेप्शन के लिए प्रक्रियाएं और सुरक्षा उपाय) संशोधन नियम, 2025 को अधिसूचित किया है।[20] इसका उद्देश्य दूरसंचार (संदेशों के वैध इंटरसेप्शन के लिए प्रक्रियाएं और सुरक्षा उपाय) नियम, 2024 में संशोधन करना है।[21] 2024 के नियम अधिकृत एजेंसियों द्वारा दूरसंचार नेटवर्क पर संदेशों या संदेशों के किसी वर्ग को इंटरसेप्ट करने का प्रावधान करते हैं। प्रमुख संशोधनों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • इंटरसेप्शन के आदेश देने की शक्तियां: 2024 के नियमों के तहत, इंटरसेप्शन के आदेश निम्नलिखित द्वारा जारी किए जा सकते हैं: (i) केंद्र सरकार के मामले में केंद्रीय गृह सचिव, या (ii) राज्य सरकार के मामले में गृह विभाग के प्रभारी सचिव। संशोधनों में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय गृह सचिव किसी राज्य सरकार द्वारा उसके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र से बाहर अनुरोधित इंटरसेप्शन के लिए भी आदेश जारी कर सकते हैं। ऐसे आदेश के लिए अनुरोध राज्य के गृह विभाग के प्रभारी सचिव द्वारा किया जाएगा।

  • इंटरसेप्शन के आदेशों पर कार्रवाई के लिए नोडल अधिकारियों की संख्या: इससे पहले 2024 के नियमों के तहत प्रत्येक अधिकृत एजेंसी को इंटरसेप्शन के आदेशों पर कार्रवाई के लिए दो नोडल अधिकारी नियुक्त करने होते थे। इसके बजाय संशोधनों के तहत एक या एक से अधिक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति जरूरी है। 

 

ऊर्जा

Ayush Stephen Toppo (ayush@prsindia.org)

जियोथर्मल ऊर्जा पर राष्ट्रीय नीति अधिसूचित

नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय ने जियोथर्मल ऊर्जा पर राष्ट्रीय नीति अधिसूचित की है।[22] इस नीति का उद्देश्य देश में जियोथर्मल ऊर्जा के अन्वेषण, विकास और उपयोग को आसान बनाना है। इसमें बिजली उत्पादन और भू-स्रोत वाले हीट पंप, कोल्ड स्टोरेज और डिस्ट्रिक्ट हीटिंग जैसे डायरेक्ट-यूज़ एप्लिकेशंस शामिल हैं। इस नीति की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • परियोजना के विकास हेतु सहायता: मंत्रालय छोड़े गए तेल और गैस कुओं और उत्पादन इकाइयों को जियोथर्मल संयंत्रों में परिवर्तित करने को प्राथमिकता देगा। इसका उद्देश्य ऐसी परियोजनाओं के विकास हेतु तेल, गैस और खनिज कंपनियों के बीच संयुक्त उद्यमों को सुगम बनाना है। मंत्रालय देश में जियोथर्मल परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर सकता है। केंद्र सरकार डेवलपर्स के साथ भूवैज्ञानिक जोखिमों को साझा करने के तंत्र भी तलाशेगी।

  • रेगुलेटरी तंत्र: राज्य सरकारें सिंगल विंडो तंत्र के जरिए मंजूरी और भूमि पट्टे प्रदान करने के लिए नोडल एजेंसियों को नामित करेंगी। राज्य सरकारें अन्वेषण के लिए जियोथर्मल साइट्स को तीन वर्षों के लिए आवंटित कर सकती हैं, जिसमें दो वर्षों के विस्तार का प्रावधान भी शामिल है। उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जियोथर्मल परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त दो वर्षों के विस्तार पर विचार किया जा सकता है। बिजली उत्पादन या डायरेक्ट-यूज़ एप्लिकेशंस के विकास हेतु स्थलों को 30 वर्षों के लिए आवंटित किया जा सकता है।

  • वित्तीय सहायता: मंत्रालय अपने अक्षय ऊर्जा अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम के तहत जियोथर्मल अनुसंधान परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। केंद्र सरकार अक्षय ऊर्जा में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एडीआईI) की भी अनुमति देती है। नई नीति के अनुसार, केंद्र सरकार जियोथर्मल ऊर्जा उपयोगकर्ताओं के लिए रियायती ऋण, जियोथर्मल उपकरणों पर आयात शुल्क में छूट और संपत्ति कर में छूट जैसे उपायों पर विचार कर रही है।

  • क्षमता निर्माण: मंत्रालय जियोथर्मल परियोजनाओं के तकनीकी समर्थन, क्षमता निर्माण और कार्यान्वयन के लिए जियोथर्मल ऊर्जा में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित कर सकता है। इसका उद्देश्य जियोथर्मल क्षेत्र के अग्रणी देशों के साथ प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ावा देना भी है।

बिजली के स्टोरेज सिस्टम्स संबंधी नियमों में संशोधन

बिजली मंत्रालय ने बिजली (संशोधन) नियम, 2025 अधिसूचित कर दिए हैं।[23] 2005 के नियम बिजली के स्टोरेज सिस्टम्स (ईएसएस) के रेगुलेशन का प्रावधान करते हैं।[24] ईएसएस एक ऐसी प्रणाली होती है जो अक्षय ऊर्जा स्रोत से प्राप्त बिजली को स्टोर करती है जिसका बाद में उपयोग किया जा सकता है।[25] प्रमुख परिवर्तनों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • पात्र संस्थाएं: इससे पहले 2005 के नियमों के तहत निर्दिष्ट संस्थाओं को ईएसएस का विकास, स्वामित्व, पट्टे पर या संचालन की अनुमति थी। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) बिजली उत्पादन कंपनियां, (ii) ट्रांसमिशन या वितरण लाइसेंसधारी, और (iii) बिजली स्टोरेज के स्वतंत्र सेवा प्रदाता। संशोधनों में अंतिम उपभोक्ता को भी इस सूची में शामिल किया गया है जिससे स्पष्ट होता है कि वे भी ईएसएस का विकास कर सकते हैं, उसका स्वामित्व रख सकते हैं, उसे पट्टे पर दे सकते हैं या उसका संचालन कर सकते हैं।

  • बिजली स्टोरेज सेवाओं की बिक्री: पहले ईएसएस के मालिक या डेवलपर बिजली स्टोरेज की सेवाएं निम्नलिखित को बेच सकते थे: (i) उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण करने वाली इकाई, और (ii) एक लोड डिस्पैच केंद्र। संशोधनों में इस सूची को बढ़ाया गया है, और उपभोक्ताओं या किसी अन्य व्यक्ति को भी इसमें शामिल किया गया है।

 

शिक्षा

Jahanvi Choudhary (jahanvi@prsindia.org)

भारतीय सांख्यिकी संस्थान बिल, 2025 के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने भारतीय सांख्यिकी संस्थान बिल, 2025 पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[26] ड्राफ्ट बिल का उद्देश्य भारतीय सांख्यिकी संस्थान एक्ट, 1959 का स्थान लेना है।[27] ड्राफ्ट बिल संस्थान को एक वैधानिक निकाय के रूप में मान्यता देता है।

  • गवर्नेंस बोर्ड का गठन: ड्राफ्ट बिल कार्यकारी निकाय की संरचना, कार्यकाल और कार्यों में संशोधन करता है। यह इन संस्थानों में मुख्य कार्यकारी निकाय के रूप में एक गवर्नेंस बोर्ड की स्थापना करता है।

  • बोर्ड में 12 सदस्य होंगे, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) अध्यक्ष, (ii) सांख्यिकी, वित्त और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालयों के प्रतिनिधि, (iii) सांख्यिकीय क्षेत्रों के विशेषज्ञ, (iv) निदेशक, (v) डीन, (vi) केंद्रों के प्रमुख, और (vii) संस्थान के रजिस्ट्रार। बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल वर्तमान दो वर्षों की तुलना में तीन वर्ष का होगा।

  • बोर्ड निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार होगा: (i) शैक्षणिक, प्रशासनिक और तकनीकी पदों का सृजन, (ii) फीस और वित्तीय जवाबदेही के लिए रेगुलेशंस बनाना, और (iii) संस्थान और फैकेल्टी के प्रदर्शन की समीक्षा करना।

  • संस्थान की निधियां: संस्थान एक फंड बनाएगा, जिसमें केंद्र सरकार से प्राप्त अनुदान, शुल्क और प्रभार, तथा संस्थान को प्राप्त अन्य धनराशि और उससे प्राप्त राजस्व शामिल होगा। वह एक कॉरपस फंड भी बनाएगा, जोकि दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करेगा।

टिप्पणियां 24 अक्टूबर 2025 तक आमंत्रित हैं।

कैबिनेट ने मेडिकल कॉलेजों में यूजी और पीजी सीटों के विस्तार को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय और राज्य सरकार के कॉलेजों, स्नातकोत्तर संस्थानों और सरकारी अस्पतालों के अपग्रेडेशन के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी है।[28] वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक इस योजना का कुल परिव्यय 15,035 करोड़ रुपए है। इसमें केंद्र का हिस्सा 10,303 करोड़ रुपए और राज्यों का 4,731 करोड़ रुपए का योगदान है। इस योजना का लक्ष्य 2028-29 तक 5,023 स्नातक और 5,000 स्नातकोत्तर सीटें जोड़ना है। प्रति सीट अधिकतम लागत 1.5 करोड़ रुपए है।

स्कूलों के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों के को-लोकेशन पर दिशानिर्देश जारी

शिक्षा मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने संयुक्त रूप से स्कूलों के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों के को-लोकेशन (दोनों को एक साथ स्थापित करना) के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।[29],[30] इन दिशानिर्देशों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के सुझावों के अनुसार जारी किया गया है। दिशानिर्देश आंगनवाड़ियों के को-लोकेशन के लिए दो मॉडल निर्दिष्ट करते हैं: (i) भौतिक रूप से आंगनवाड़ियों को को-लोकेट करना, और (ii) अगर जगह और इंफ्रास्ट्रक्चर की शर्तों पूरी नहीं होतीं, तो आंगनवाड़ी को कक्षा-एक वाले निकटतम स्कूल से जोड़ना। दिशानिर्देशों में यह भी आवश्यक है कि आंगनवाड़ियों में बच्चों से संबंधित आंकड़ों का प्राथमिक विद्यालय के आंकड़ों के साथ मिलान किया जाए। इसके अलावा राज्यों के करिकुलम आधारभूत चरण के राष्ट्रीय करिकुलम फ्रेमवर्क के अनुरूप हों।
खनन

Vaishali Dhariwal (vaishali@prsindia.org)

कैबिनेट ने महत्वपूर्ण खनिजों की रीसाइकिलिंग को बढ़ावा देने की योजना को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के अंतर्गत महत्वपूर्ण खनिजों की रीसाइकिलिंग को बढ़ावा देने की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है।[31] इस योजना का वित्तीय परिव्यय 1,500 करोड़ रुपए होगा और यह वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2030-31 तक छह वर्षों के लिए चलेगी। इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • पात्रता की शर्तें: इस योजना के लाभार्थियों में बड़े, स्थापित रीसाइकिलर्स और छोटे एवं नए रीसाइकिलर्स शामिल होंगे। योजना के परिव्यय का एक-तिहाई हिस्सा स्टार्ट-अप के लिए आरक्षित किया गया है। यह योजना नई इकाइयों में निवेश, क्षमता विस्तार, आधुनिकीकरण और मौजूदा इकाइयों के विविधीकरण पर लागू होगी। लाभ प्राप्त करने के लिए रीसाइकिलिंग केंद्रों को केंद्रीय या राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा अधिकृत होना चाहिए, साथ ही लागू विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व नियमों के तहत पंजीकृत होना चाहिए। रीसाइकिलिंग के लिए पात्र फीडस्टॉक में ई-कचरा, लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप, और अन्य स्क्रैप जैसे  एंड-ऑफ-लाइफ वाहनों के कैटेलिटिक कन्वर्टर्स शामिल हैं।

  • योजना के तहत प्रोत्साहन: यह योजना संयंत्र, मशीनरी, उपकरण और इकाइयों पर 20% पूंजीगत व्यय सबसिडी प्रदान करेगी, बशर्ते उत्पादन निर्धारित समय सीमा के भीतर शुरू हो जाए। आधार वर्ष (2025-26) के दौरान वृद्धिशील बिक्री पर परिचालन व्यय सबसिडी दी जाएगी। पात्र परिचालन व्यय सबसिडी का 40% दूसरे वर्ष में और शेष 60% पांचवें वर्ष में दिया जाएगा, इसकी शर्त यह है कि एक निश्चित सीमा तक वृद्धिशील बिक्री की जाए। कुल प्रोत्साहन राशि बड़ी संस्थाओं के लिए 50 करोड़ रुपए और छोटी संस्थाओं के लिए 25 करोड़ रुपए तक सीमित है।

 

वाणिज्य एवं उद्योग

भारत और इज़राइल ने द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए

Shania Ali (shania@prsindia.org)

भारत और इज़राइल ने व्यापार और पारस्परिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।[32] इस समझौते में निवेश को अधिग्रहण से बचाने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने, सुचारू हस्तांतरण और नुकसान की भरपाई सुनिश्चित करने, और मध्यस्थता के जरिए एक स्वतंत्र विवाद समाधान तंत्र स्थापित करने के प्रावधान शामिल हैं।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जैविक उत्पादों के लिए पारस्परिक मान्यता समझौते पर हस्ताक्षर

Jahanvi Choudhary (jahanvi@prsindia.org)

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने जैविक उत्पादों के लिए एक पारस्परिक मान्यता समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।[33] यह समझौता भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते के तहत किया गया है। इस समझौते के तहत दोनों देश एक-दूसरे के जैविक मानकों और प्रमाणन प्रणालियों को मान्यता देंगे। इस समझौते के तहत आने वाले जैविक उत्पादों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) सीवीड, एक्वेटिक पौधे और ग्रीनहाउस फसलों को छोड़कर, अप्रसंस्कृत पादप उत्पाद, (ii) पादप मूल के एक या अधिक घटकों से बने प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, और (iii) ऑर्गेनिक वाइन। वित्तीय वर्ष 2024-25 तक ऑस्ट्रेलिया को भारत का जैविक निर्यात 8.96 मिलियन USD है।


[1] Developments in India’s Balance of Payments during the First Quarter (April-June) of 2025-26, Reserve Bank of India, September 30, 2025, https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=61129 .

[2]“Recommendations of the 56th Meeting of the GST Council held at New Delhi today”, Press Information Bureau, Ministry of Finance, September 3, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2163555 .

[3] SEBI Board Meeting, September 12, 2025, https://www.sebi.gov.in/media-and-notifications/press-releases/sep-2025/sebi-board-meeting_96601.html .

[4]“Consultation Paper on review of requirement of Minimum Public Offer and timelines to comply with Minimum Public Shareholding for issuers in terms of Securities Contracts (Regulation) Rules, 1957”, SEBI, August 18, 2025, https://www.sebi.gov.in/reports-and-statistics/reports/aug-2025/consultation-paper-on-review-of-requirement-of-minimum-public-offer-and-timelines-to-comply-with-minimum-public-shareholding-for-issuers-in-terms-of-securities-contracts-regulation-rules-1957_96128.html .

[5]“Consultation paper on amendments to provisions relating to related party transactions under SEBI (LODR) Regulations, 2015 and circulars thereunder”, SEBI, August 4, 2025, https://www.sebi.gov.in/reports-and-statistics/reports/aug-2025/consultation-paper-on-amendments-to-provisions-relating-to-related-party-transactions-under-sebi-lodr-regulations-2015-and-circulars-thereunder_95824.html

[6]Civil Appeal No. 276 of 2025, Supreme Court of India, September 15, 2025, https://api.sci.gov.in/supremecourt/2025/18261/18261_2025_1_1501_64403_Judgement_15-Sep-2025.pdf .

[7]Civil Appeal No. 640 of 2025, Association for Democratic Reforms and ORS. vs Election Commission of India, Supreme Court of India, September 15, 2025, https://api.sci.gov.in/supremecourt/2025/35785/35785_2025_2_26_63969_Order_08-Sep-2025.pdf .

[8]No. ECI/PN/233/2025, “ECI to begin Special Intensive Revision of Electoral Rolls in Bihar”, June 24, 2025, https://www.eci.gov.in/eci-backend/public/api/download?url=LMAhAK6sOPBp%2FNFF0iRfXbEB1EVSLT41NNLRjYNJJP1KivrUxbfqkDatmHy12e%2FzIv7%2FZQ09etPKoyJV5h%2FcTqdXj7y4XEu54AgUpFYqlgb%2F9owy3xJkkWNyeb7x3GfQsXQUwCbGU493NshNTgs7UQ%3D%3D .

[9]Draft rule under section 23 and 24 of OSH & WC Code 2020 related to Dock Workers, Ministry of Labour and Employment, September 22, 2025, https://labour.gov.in/sites/default/files/factories.pdf ।

[10]Draft rule under section 23 and 24 of OSH & WC Code 2020 related to Mines Workers, Ministry of Labour and Employment, September 22, 2025, https://labour.gov.in/sites/default/files/dock_workers.pdf ।

[11]Draft rule under section 23 and 24 of OSH & WC Code 2020 related to Motor Transport Workers, Ministry of Labour and Employment, September 22, 2025, https://labour.gov.in/sites/default/files/plantation.pdf ।

[12]Draft rule under section 23 and 24 of OSH & WC Code 2020 related to Plantation Workers, Ministry of Labour and Employment, September 22, 2025, https://labour.gov.in/sites/default/files/motor.pdf ।

[13]Draft rule under section 23 and 24 of OSH & WC Code 2020 related to Beedi and Cigar Workers, Ministry of Labour and Employment, September 22, 2025, https://labour.gov.in/sites/default/files/beedi.pdf

[14]Draft rule under section 23 and 24 of OSH & WC Code 2020 related to building and other construction workers, Ministry of Labour and Employment, September 22, 2025, https://labour.gov.in/sites/default/files/bocw_1.pdf

[15]Draft rule under section 23 and 24 of OSH & WC Code 2020 related to Factories Workers, Ministry of Labour and Employment, September 22, 2025, https://labour.gov.in/sites/default/files/mines.pdf

[16]The Occupational Safety, Health and Working Conditions Code, 2020, https://labour.gov.in/sites/default/files/osh_gazette.pdf

[17] Draft Civil Drone (Promotion and Regulation) Bill, 2025, Ministry of Civil Aviation, September 16, 2025, https://www.civilaviation.gov.in/sites/default/files/2025-09/Draft%20Civil%20Drone%20%28Promotion%20and%20Regulation%29%20Bill%202025.pdf .

[18]“Comprehensive four pillar approach to strengthen shipbuilding, maritime financing and domestic capacity”, Press Information Bureau, Cabinet, September 24, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2170573

[19]The Telecommunications (User Identification) Rules, 2025, Department of Telecommunication, September 12, 2025, https://dot.gov.in/sites/default/files/Gazette%20Notification%20of%20Draft%20Telecommunications%20User%20Identification%20Rules%2C%202025.pdf .

[20]The Telecommunications (Procedures and Safeguards for Lawful Interception of Messages) Amendment Rules, 2025, Department of Telecommunication, September 12, 2025, https://dot.gov.in/sites/default/files/Telecommunications%20%28Procedures%20and%20Safeguards%20for%20Lawful%20Interception%20of%20Messages%29%20Amendment%20Rules%2C%202.pdf?download=1 .

[21]The Telecommunications (Procedures and Safeguards for Lawful Interception of Messages) Rules, 2024, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2024/256724.pdf .

[22] National Policy on Geothermal Energy, Ministry of New and Renewable Energy, September 15, 2025, https://cdnbbsr.s3waas.gov.in/s3716e1b8c6cd17b771da77391355749f3/uploads/2025/09/202509152136711668.pdf .

[23] Electricity (Amendment) Rules, Ministry of Power, September 19, 2025, https://powermin.gov.in/sites/default/files/webform/notices/Electricity_Amendment_Rules_2025.pdf .

[24]The Electricity Rules, 2005, Ministry of Power, June 8, 2005,

https://egazette.gov.in/WriteReadData/2005/E_248_2011_024.pdf .

[25]“National Framework for Promoting Energy Storage Systems will encourage an ecosystem for development of Energy Storage, which will ensure affordable and clean electricity for everyone: Union Power and New & Renewable Energy Minister”, Press Information Bureau, Ministry of Power, December 7, 2023, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1983650#:~:text=of%20425.5%20GW.-,India's%20energy%20mix%20is%20set%20to%20undergo%20a%20transition%20from,(Release%20ID:%201983650) .

[26]“Ministry of Statistics and Programme Implementation invites suggestions on draft ‘The Indian Statistical Institute Bill, 2025’ from public within a period of 30 days.”, September 25, 2025, https://new.mospi.gov.in/uploads/announcements/announcements_1758802959275_d014d4be-7dda-4f25-9eeb-596c42947921_Inviting_comments_on_draft_ISI_Bill_2025.pdf

[27]The Indian Statistical Institute Act, 1959, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1425/1/A1959-57.pdf .

[28]“Cabinet approves major expansion of postgraduate and undergraduate medical education capacity in the country”, Press Information Bureau, Ministry of Health and Family Welfare, September 24, 2025 https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2170589 .

[29]“Shri Dharmendra Pradhan and Smt. Annapurna Devi jointly launch the Guidelines for Co-location of Anganwadi Centres with Schools”, Press Information Bureau, Ministry of Education, September 03, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2163452 .

[30]Guidelines for Co-location of Anganwadi Centres with Schools, Ministry of Women and Child Development, September 2, 2025, https://dsel.education.gov.in/sites/default/files/update/Guidelines_co-location_Anganwadi_Centers_en.pdf .

[31]“Incentive Scheme for Promotion of Critical Minerals Recycling, Cabinet”, Press Information Bureau, September 3, 2025, https://egazette.gov.in/WriteReadData/2025/266005.pdf

[32] “Government of India and Government of the State of Israel sign Bilateral Investment Agreement (BIA) in New Delhi today”, Press Information Bureau, Ministry of Finance, September 8, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2164745 .

[33]“India and Australia sign Mutual Recognition Arrangement (MRA) for Organic Products”, Press Information Bureau, Ministry of Commerce and Industry, September 24, 2025, https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2170933 .

 

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