स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट का सारांश
- परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: श्री टी.जी. वेंकटेश) ने 31 मार्च, 2022 को ‘नागरिक उड्डयन क्षेत्र में रक्षा से संबंधित मुद्दे’ पर अपनी रिपोर्ट सौंपी। कमिटी के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स (एटीसीओ) की रिक्तियां: कमिटी ने कहा कि एटीसीओ सुरक्षित एयरक्राफ्ट ऑपरेशंस सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कमिटी ने कहा कि एटीसीओज़ की रिक्तियों को भरने में बैकलॉग भी है। नए हवाईअड्डों पर एटीसीओज़ की बढ़ती जरूरत को देखते हुए कमिटी ने सुझाव दिया कि एटीसीओज़ की भर्ती में प्रक्रियागत समस्याओं को दूर किया जाए।
- एयरक्राफ्ट इंजन की उड़ान योग्यता: कमिटी ने गौर किया कि सुरक्षा की दृष्टि से एयरक्राफ्ट के इंजनों के लिए सुरक्षा और रखरखाव के नियमों का अनुपालन महत्वपूर्ण है। एयरक्राफ्ट के इंजनों की उड़ान योग्यता सुनिश्चित करने के लिए कमिटी ने उन एयरलाइन ऑपरेटरों पर भारी जुर्माना लगाने का सुझाव दिया जो इन नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं।
- हवाईअड्डों पर नेविगेशन तकनीक: कमिटी ने कहा कि इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) रात के समय या खराब मौसम में एयरक्राफ्ट्स की सुरक्षित लैंडिंग के लिए महत्वपूर्ण होता है। उसने सुझाव दिया कि सभी हवाईअड्डों पर जल्द से जल्द आईएलएस लगाया जाना चाहिए। सिविल इन्क्लेव्स में आईएलएस लगाने के संबंध में (मिलिट्री एयर बेस में नागरिक उड्डयन के लिए डेडिकेटेड एरिया) कमिटी ने सुझाव दिया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को जल्द अनुमति और मंजूरी हासिल करने के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ समन्वय करना चाहिए।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि मैंगलूर (मई 2020) और कालीकट (अगस्त 2020) जैसी पूर्व दुर्घटनाएं दोबारा न हों, कमिटी ने सुझाव दिया कि हवाईअड्डों पर टेक्नोलॉजिकल इंस्ट्रूमेंट्स लगाए जाने चाहिए। इससे घने कोहरे की स्थितियों में, जब लगभग जीरो विजिबिलिटी होती है, आसान और सुरक्षित लैंडिंग करने में मदद मिलेगी।
- दुर्घटनाओं की जांच: कमिटी ने कहा कि 2022-23 के दौरान विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) का बजट आबंटन (एक करोड़ रुपए) चार करोड़ रुपए की अनुमानित जरूरत से कम है। कमिटी ने सुझाव दिया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को वित्त मंत्रालय से संशोधित अनुमान के चरण में अधिक आबंटन का अनुरोध करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त कमिटी ने मंत्रालय को यह सुनिश्चित करने का सुझाव दिया कि एएआईबी की जांच की पद्धति और तकनीक अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार हो। इससे दुर्घटना के कारणों की सही पहचान की जा सकेगी और उपयुक्त कदम उठाए जा सकेंगे। कमिटी ने कहा कि विमान दुर्घटनाओं पर रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में बहुत लंबा समय लग जाता है। कमिटी ने अंतिम रिपोर्ट देने के लिए सख्त समय सीमा तय करने का सुझाव दिया, चूंकि इसमें देर करने से उन्हीं कारणों से ऐसी दुर्घटनाएं हो सकती हैं जिन्हें टाला जा सकता था।
- अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम्स (यूएएस): कमिटी ने कहा कि ड्रोन नियम, 2021 केंद्र सरकार को इस बात का अधिकार देते हैं कि वह यूएएस के मालिकों को अपने ड्रोन्स में सेफ्टी फीचर्स लगाने को कह सकती है। ड्रोन लोगों के लिए खतरा बन सकते हैं, खासकर अगर उन्हें गलत इरादों से उड़ाया जाए। इस संबंध में कमिटी ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को यह अधिसूचित करना चाहिए कि ड्रोन्स में कैसे सेफ्टी फीचर्स लगाए जाएं और वह भी एक सख्त समय सीमा के अंदर।
- हेलीकॉप्टर उड़ान में सुरक्षा: कमिटी ने कहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के कारण बहुत सी मौतें हुई हैं। हेलीकॉप्टर उड़ान सुरक्षित रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए कमिटी ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को निम्नलिखित सुझाव दिए: (i) प्रतिकूल मौसम में सुरक्षित हेलीकॉप्टर उड़ान के लिए दिशानिर्देश तैयार करना, और (ii) सुरक्षा संबंधी प्रावधानों और हेलीकॉप्टरों की उड़ान योग्यता की जांच और उन्हें मजबूत करना।
- पक्षियों का टकराना (बर्ड हिट): कमिटी ने कहा कि भारत के कई हिस्सों में बर्ड हिट के मामले होते हैं, खासकर तिरुअनंतपुरम हवाईअड्डे पर। ऐसे मामलों को कम करने के लिए कमिटी ने देश भर के सभी हवाईअड्डों पर जरूरी उपाय करने का सुझाव दिया। इसके अतिरिक्त नागरिक उड्डयन मंत्रालय उन दिशानिर्देशों को फिर से जारी कर सकता है जिनका पालन उपयुक्त प्राधिकारियों द्वारा किया जाए।
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