स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट का सारांश
- परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: टी.जी. वेंकटेश) ने 3 फरवरी, 2022 को ‘देश में केंद्रीय पुस्तकालयों (सेंट्रल लाइब्रेरीज़) का कामकाज’ पर अपनी रिपोर्ट सौंपी। भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, पुस्तकालय राज्य सूची के अंतर्गत आते हैं। संस्कृति मंत्रालय ऐतिहासिक और कानूनी कारणों से राष्ट्रीय महत्व के सात सार्वजनिक पुस्तकालयों (नेशनल लाइब्रेरीज़) का प्रबंधन करता है। कमिटी के मुख्य निष्कर्षों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- संगठनात्मक संरचना: कमिटी ने कहा है कि केवल कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने देश के सार्वजनिक पुस्तकालय संबंधी कानूनों को लागू किया है। कमिटी ने उन राज्यों में इन कानूनों को लागू करने का सुझाव दिया जिन्होंने इन्हें लागू नहीं किया है। इनके दायरे में विभिन्न पहलू आते हैं, जैसे बिल्डिंग की संरचना, स्टाफ की जरूरत और बेशकीमती पांडुलिपियों (मैन्यूस्क्रिप्ट्स) का संरक्षण। इसके अतिरिक्त कमिटी ने सुझाव दिया कि लाइब्रेरी और इनफॉरमेशन सिस्टम पर राष्ट्रीय नीति का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमिटी का गठन किया जाए।
- वित्तीय संसाधन: कमिटी ने कहा कि केंद्र या राज्य सरकारों ने सार्वजनिक पुस्तकालयों के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं दी है। उसने कहा कि स्थानीय निकायों ने करों के जरिए पुस्तकालयों के लिए जो धनराशि जमा की है, उसे उनके विकास के लिए खर्च नहीं किया गया। कमिटी ने सुझाव दिया कि वित्त के उपयुक्त उपयोग के लिए राज्य सरकारों को पुस्तकालय संबंधी कानूनों में संशोधन करने चाहिए या नियम बनाने चाहिए। इसके अतिरिक्त कानून में लाइब्रेरी सेस के कलेक्शन से संबंधित प्रावधान भी होने चाहिए।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि संस्कृति मंत्रालय को सार्वजनिक पुस्तकालयों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए बजटीय जरूरतें बतानी चाहिए। संस्कृति मंत्रालय इसके लिए वित्त मंत्रालय से स्पेशल वन-टाइम अनुदान मांग सकता है।
- डिजिटलीकरण: कमिटी ने सुझाव दिया कि सार्वजनिक पुस्तकालयों को स्कूली बच्चों को वर्चुअल लर्निंग की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। उसने सुझाव दिया कि मंत्रालय बड़े पैमाने पर विभिन्न पुस्तकों और पत्रिकाओं के डिजिटलीकरण के लिए दिशानिर्देश बनाए। इसके अतिरिक्त इंटरनेशनल-लाइब्रेरी पोर्टल्स से भारतीय राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी की इंटरलिंकिंग के लिए वेब पोर्टल बनाया जाना चाहिए।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि शहरी और ग्रामीण आबादी को न्यूनतम नेटवर्क आधारित सेवाएं प्रदान करने के लिए सार्वजनिक पुस्तकालय प्रणाली में परिवर्तन किए जाएं। इसके अतिरिक्त पुस्तकालयों को सामुदायिक सूचना केंद्रों के रूप में विकसित किया जाए और अपग्रेड करने के लिए तेजी से उनका कंप्यूटरीकरण किया जाए।
- राष्ट्रीय पुस्तकालय: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में केंद्रीय सूची की प्रविष्टि 62 के अनुसार, कोलकाता का राष्ट्रीय पुस्तकालय राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। कमिटी ने कहा कि इस पुस्तकालय के महानिदेशक का पद कई सालों से खाली है। उसने सुझाव दिया कि पुस्तकालय की मानव संसाधन संबंधी जरूरतों को तुरंत पूरा किया जाए। इसके अतिरिक्त कमिटी ने सुझाव दिया कि महानिदेशक को तकनीकी पृष्ठभूमि वाला लाइब्रेरी और इनफॉरमेशन साइंस का प्रोफेशनल होना चाहिए।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि बच्चों, भिन्न क्षमताओं वाले लोगों, बुजुर्गों और जातिगत अल्पसंख्यकों जैसे विशेष समूहों की जरूरतों के मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकारों, एवं कोलकाता के राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन को भारत के सार्वजनिक पुस्तकालयों को पुनर्जीवित करने के लिए मास्टर प्लान बनाना चाहिए।
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