स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट का सारांश
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शिक्षा, महिला, बाल, युवा एवं खेल संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: श्री दिग्विजय सिंह) ने 20 अगस्त, 2025 को 'भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) और खेलो इंडिया के कामकाज और प्रदर्शन की समीक्षा' पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। एसएआई देश भर में खेलों को बढ़ावा देने वाली सर्वोच्च संस्था है। खेलो इंडिया एक ऐसी योजना है जो प्रतिभा विकास, खेल संबंधी इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने और खेल अकादमियों के निर्माण को बढ़ावा देती है। कमिटी के प्रमुख निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
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एसएआई को एक वैधानिक निकाय में परिवर्तित करना: कमिटी ने कहा कि एसएआई देश में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने वाला अग्रणी सरकारी निकाय है। कमिटी ने सुझाव दिया कि खेल विभाग और एसएआई इसे एक वैधानिक निकाय में परिवर्तित करने की संभावना पर विचार करें, जिसका अपना समर्पित कैडर हो।
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बजट में संशोधन: कमिटी ने कहा कि एसएआई के लिए वर्तमान वित्तीय आवंटन बहुत कम है। स्वदेशी खेल और मार्शल आर्ट्स (आईजीएमए) सिखाने वाले अखाड़ों और अन्य अकादमियों को नियमित वित्तीय सहायता नहीं मिलती है। स्पोर्ट्स किट और पोषण संबंधी सहायता के लिए वजीफे में भी कई वर्षों से संशोधन नहीं किया गया है। कमिटी ने इन बजट में संशोधन करने और देश भर में खेल संबंधी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का सुझाव दिया।
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वित्त पोषण के वैकल्पिक स्रोत: कमिटी ने कहा कि निजी संस्थाओं को कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के माध्यम से सरकारी संस्थाओं की तुलना में अधिक धनराशि प्राप्त हुई। कमिटी ने सुझाव दिया कि सीएसआर नियमों में संशोधन किया जाए ताकि सरकारी संस्थाएं भी सीएसआर फंड की समान लाभार्थी बन सकें। उसने कहा कि राष्ट्रीय खेल विकास कोष के संसाधन सिविल सर्विस एसोसिएशंस और आवासीय कॉलोनियों को भी प्रदान किए जाते हैं। उसने इस कोष के लिए कड़े नियमों का सुझाव दिया।
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एसएआई में रिक्तियां: कमिटी ने कहा कि एसएआई में स्वीकृत पदों में से लगभग 45% रिक्त हैं। इन कमियों को अनुबंध नियुक्तियों के माध्यम से पूरा किया जा रहा है। कमिटी ने सुझाव दिया कि रिक्तियों को छह महीने के भीतर भरा जाए।
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विशिष्ट खेलों को लक्षित करना: कमिटी ने कहा कि कुछ देश केवल विशिष्ट खेलों में ही भाग लेते हैं और अधिक पदक जीतते हैं। कमिटी ने इस दृष्टिकोण को अपनाने का सुझाव दिया। मंत्रालय को उन खेलों की पहचान करनी चाहिए जिनमें भारत में संभावित प्रतिभाएं हैं। कमिटी ने 10 से 15 वर्ष की आयु के बीच की खेल प्रतिभाओं को चिन्हित करने का भी सुझाव दिया।
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खेल महासंघों और संघों को मान्यता देना: कमिटी ने कहा कि खेल महासंघों को मान्यता देने के लिए लालफीताशाही नजरिया अपनाया जा रहा है। उसने सुझाव दिया कि मंत्रालय उन खेल संघों को सक्रिय रूप से मान्यता दे जो मिक्स्ड मार्शल आर्ट और आइस हॉकी जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में पदक जीतने की क्षमता रखते हैं।
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इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास: एसएआई ने 24 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) स्थापित किए हैं जो एथलीट्स को प्रशिक्षण, आवास, शिक्षा, पोषण और चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं। कमिटी ने पाया कि इनमें से कुछ एनसीओई चालू नहीं हैं और अन्य में चालू आवास सुविधाएं नहीं हैं। ये देश भर में असमान रूप से मौजूद हुए हैं। कुछ राज्यों में कुछ खेलों के लिए खेल संस्कृतियां हैं, लेकिन उनके पास पर्याप्त एसएआई सुविधाएं नहीं हैं। कमिटी ने इन राज्यों में एनसीओई स्थापित करने का सुझाव दिया। उसने मौजूदा एनसीओई को चालू करने का भी सुझाव दिया। कमिटी ने यह भी सुझाव दिया कि झारखंड और महाराष्ट्र में मौजूदा आईजीएमएस स्कूलों को चालू किया जाए।
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शिक्षा में खेलों का एकीकरण: कमिटी ने कहा कि एनसीओई खेल और शिक्षा को एकीकृत नहीं करते, जिसके परिणामस्वरूप एथलीट्स में शिक्षा का अभाव होता है। उसने सुझाव दिया कि सभी एनसीओई और क्षेत्रीय केंद्र आवासीय-सह-शैक्षणिक संस्थान होने चाहिए। एनसीओई में स्कूल स्तर से लेकर उच्च शिक्षा तक एकीकृत खेल और शिक्षा सुविधाएं होनी चाहिए।
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कमिटी ने कहा कि वर्तमान में खेल शिक्षा के लिए कोई रेगुलेटरी संस्था नहीं है। उसने सुझाव दिया कि मंत्रालय ऐसे रेगुलेटर की स्थापना की आवश्यकता और व्यावहारिकता पर एसएआई के साथ परामर्श करे।
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खेलो इंडिया योजना को जारी रखना: खेलो इंडिया योजना मार्च 2026 तक लागू रहेगी। कमिटी ने इस योजना को एसएआई के संगठनात्मक ढांचे में शामिल करने का सुझाव दिया। कमिटी ने सुझाव दिया कि एसएआई वार्षिक राष्ट्रीय खेलों का आयोजन करे, जिनका आयोजन वर्तमान में भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा किया जाता है। कमिटी ने फिट इंडिया मिशन को जारी रखने और कार्यक्रम के लिए एक समर्पित स्टाफ बनाने का भी सुझाव दिया।
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स्पोर्ट्स इंडेक्स बनाना: कमिटी ने खेलों में राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिए एक स्पोर्ट्स इंडेक्स बनाने का सुझाव दिया। इससे राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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