india-map

अपने सांसद को खोजें

Switch to English
  • सांसद और विधायक
    संसद राज्य 2024 चुनाव
  • विधान मंडल
    संसद
    प्राइमर वाइटल स्टैट्स
    राज्यों
    विधानमंडल ट्रैक वाइटल स्टैट्स
    चर्चा पत्र
  • बिल
    संसद राज्य स्टेट लेजिस्लेटिव ब्रीफ
  • बजट
    संसद राज्य चर्चा पत्र
  • नीति
    चर्चा पत्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति मंथली पॉलिसी रिव्यू कमिटी की रिपोर्ट राष्ट्रपति का अभिभाषण वाइटल स्टैट्स COVID-19
  • करियर

अपने सांसद को खोजें

संसद राज्य 2024 चुनाव
प्राइमर वाइटल स्टैट्स
विधानमंडल ट्रैक वाइटल स्टैट्स
चर्चा पत्र
संसद राज्य स्टेट लेजिस्लेटिव ब्रीफ
संसद राज्य चर्चा पत्र
चर्चा पत्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति मंथली पॉलिसी रिव्यू कमिटी कीरिपोर्ट राष्ट्रपति का अभिभाषण वाइटल स्टैट्स COVID-19
  • नीति
  • वाइटल स्टैट्स
  • भारत में प्रत्यक्ष कर

नीति

  • चर्चा पत्र
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति
  • कमिटी की रिपोर्ट
  • राष्ट्रपति का अभिभाषण
  • मंथली पॉलिसी रिव्यू
  • वाइटल स्टैट्स
पीडीएफ

भारत में प्रत्यक्ष कर

वाइटल स्टैट्स

भारत में प्रत्यक्ष कर

आय-कर बिल, 2025 को फरवरी 2025 में लोकसभा में पेश किया गया था। इसका उद्देश्य आय-कर एक्ट, 1961 का स्थान लेना है। इस लिहाज में इस नोट में प्रत्यक्ष कर संग्रह के रुझानों पर नज़र डाली गई है जिसमें आयकर (व्यक्तियों द्वारा भुगतान) और कॉरपोरेशन कर (कंपनियों द्वारा भुगतान) शामिल हैं।

प्रत्यक्ष कर-जीडीपी का अनुपात बढ़ा है, आयकर संग्रह कॉरपोरेशन कर से अधिक हो गया है

image

 स्रोत: वित्तीय वर्ष 2000-01 से 2023-24 तक का टाइम सीरिज़ डेटा, सीबीडीटी; पीआरएस। 

image

  • 2000-01 और 2023-24 के बीच कॉरपोरेशन कर 15% की वार्षिक दर से और व्यक्तिगत आयकर 16% की वार्षिक दर से बढ़ा है। इस अवधि के दौरान कुल प्रत्यक्ष कर में आयकर का हिस्सा बढ़ा है। 2023-24 में कुल प्रत्यक्ष करों में इसका हिस्सा 53% हो गया, जो 2000-01 में 47% था।

व्यक्तिगत रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी, हालांकि अभी भी यह आबादी का 6%

image

 स्रोत: वित्तीय वर्ष 2000-01 से 2023-24 तक का टाइम सीरिज़ डेटा, सीबीडीटी; पीआरएस। 

image

स्रोत: आयकर रिटर्न स्टैटिस्टिक्स, निर्धारण वर्ष 2023-24, सीबीडीटी; पीआरएस।

  • 2013-14 और 2023-24 के बीच आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले व्यक्तियों की संख्या 10% की वार्षिक दर (सीएजीआर) से बढ़ी है। 2013-14 में उनकी हिस्सेदारी लगभग 2% से बढ़कर 2023-24 में लगभग 6% हो गई है। हालांकि आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले अधिकांश व्यक्ति वास्तव में कोई कर नहीं देते हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रिटर्न दाखिल करने वाले 7.5 करोड़ व्यक्तियों में से 63% (4.7 करोड़) की कर देयता शून्य थी।

  • 2020 में कम छूट और कटौतियों के साथ एक नई आयकर व्यवस्था लागू की गई थी। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 2023-24 के लिए 72% रिटर्न दाखिल करने वालों ने नई व्यवस्था को चुना है। 2025-26 के केंद्रीय बजट में छूट बढ़ाने की घोषणा की गई थी, जिसके कारण यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।

प्रभावी कॉरपोरेट कर दर 23%; 0.1% कंपनियों का हिस्सा कॉरपोरेट कर में 50% से अधिक

  • 2019 में मौजूदा कंपनियों के लिए आधार कर दर 30% से घटाकर 25% कर दी गई थी। कंपनियां छूट का लाभ उठा सकती हैं और सरचार्ज का भुगतान भी कर सकती हैं। केंद्रीय बजट के अनुसार, 2022-23 के लिए प्रभावी कॉरपोरेट कर दर 23.2% थी। 37% कर देयता वाली कंपनियों के लिए प्रभावी कर दर 25-30% के बीच थी। 
  • 2022-23 में 10.7 लाख कंपनियों में से 743 कंपनियों (0.1%), जिनका लाभ 500 करोड़ से अधिक था, का हिस्सा कुल कॉरपोरेट कर में 53% था।

image

image

स्रोत: प्राप्ति बजट, 2025-26, वित्त मंत्रालय; पीआरएस।

image

स्रोत: ओईसीडी डेटाबेस; पीआरएस।

  • आर्थिक सर्वेक्षण (2022-23) में कहा गया है कि सरलीकृत रिटर्न फाइलिंग और फेसलेस मूल्यांकन एवं अपील प्रक्रियाओं जैसे उपायों से कर व्यवस्था में अनुपालन और दक्षता बढ़ी है। प्रत्यक्ष करों में प्रमुख परिवर्तन और सुधार निम्नलिखित हैं: 

image

     

प्रत्यक्ष कर राजस्व में सेस और सरचार्ज का हिस्सा बढ़ा है

  • 2014-15 और 2024-25 के बीच सेस और सरचार्ज से प्राप्त आय का अनुपात प्रत्यक्ष कर राजस्व के 7% से बढ़कर 10% हो गया है।
  • सेस और सरचार्ज से प्राप्त राजस्व, केंद्र द्वारा राज्यों के साथ साझा की जाने वाली आय के विभाज्य पूल में नहीं आता है। इसलिए केंद्र कुल प्रत्यक्ष कर राजस्व का एक बड़ा हिस्सा अपने पास रखता है।

image

नोट: 2024-25 के लिए संशोधित अनुमान।
स्रोत: तारांकित प्रश्न संख्या 231, लोकसभा, 17 मार्च, 2025; बजट दस्तावेज; पीआरएस।

कर संग्रह की लागत कम हो गई है; स्वैच्छिक अनुपालन में सुधार हो रहा है

image

स्रोत: वित्तीय वर्ष 2000-01 से 2023-24 तक का टाइम सीरिज़ डेटा, सीबीडीटी; पीआरएस। 

  • करदाताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे स्वयं करों का आकलन करें और उनका भुगतान करें। कर भुगतान करते समय (टीडीएस) और स्रोत पर एकत्रण (टीसीएस) के समय भी काटा जाता है।
  • 2022 तक लगभग 93% आयकर संग्रह पूर्व-मूल्यांकन चरण में था। इसमें टीडीएस, अग्रिम कर और स्व-मूल्यांकन कर के माध्यम से संग्रह शामिल था। इसके अलावा 89% कॉरपोरेट कर संग्रह पूर्व-मूल्यांकन चरण के दौरान हुआ, जिसमें 2017-18 (83%) की तुलना में वृद्धि है।

आयकर अपील के लंबित मामलों की संख्या अधिक, राजस्व अटका हुआ

  • अगर कोई करदाता अपने कर निर्धारण से संतुष्ट नहीं है तो वह आयकर आयुक्त (अपील) [सीआईटी(ए)] के समक्ष अपील दायर कर सकता है। 2020 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इन अपीलों को ऑनलाइन दाखिल करने और उन पर निर्णय लेने के लिए फेसलेस अपील योजना शुरू की। 2021-22 के अंत तक लगभग पांच लाख (वर्ष के अंत में 87%) अपीलें सीआईटी(ए) के समक्ष लंबित थीं, और ऐसे मामलों में लगभग 14 लाख करोड़ रुपए फंसे हुए थे।
  • इसके अलावा आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल में सीआईटी(ए) के आदेश को चुनौती दी जा सकती है। ट्रिब्यूनल के आदेश को उच्च न्यायालय में और उच्च न्यायालय के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। 2021-22 के अंत तक इन ट्रिब्यूनल्स और अदालतों में 51,567 अपीलें लंबित थीं जिनमें लगभग 6.6 लाख करोड़ रुपए फंसे हुए थे।

image

स्रोत: केंद्रीय राजस्व विभाग पर कैग रिपोर्ट: प्रत्यक्ष कर (2024, 2021); पीआरएस।

लगभग 58% अप्राप्त कॉरपोरेट कर राजस्व विवादग्रस्त, 20% पांच वर्षों से अधिक समय से विवादग्रस्त

image

image

स्रोत: प्राप्ति बजट, विभिन्न वर्षों के केंद्रीय बजट दस्तावेज, वित्त मंत्रालय; पीआरएस।

  • केंद्रीय बजट के अनुसार, 2023-24 तक कॉरपोरेशन करों में लगभग 14 लाख करोड़ रुपए और आयकर में 14.6 लाख करोड़ रुपए का अप्राप्त राजस्व शेष रहा। ये ऐसे कर होते हैं जिनका आकलन तो किया गया है, लेकिन विवाद या अन्य कारणों से उनकी वसूली नहीं हो पाई है। कॉरपोरेशन करों में से, 58% अप्राप्त राजस्व विवादग्रस्त था, जबकि 36% अप्राप्त आयकर राजस्व विवादग्रस्त था।
  • विवादित अप्राप्त कॉरपोरेशन कर और आयकर राजस्व का लगभग 20% पांच वर्षों से अधिक समय से विवादित था। लगभग 54% अप्राप्त कॉरपोरेशन कर राजस्व और 48% अप्राप्त आयकर राजस्व दो से पांच वर्षों से अधिक समय से विवादित थे। कैग ने पाया कि 2021-22 तक, लगभग 97% बकाया मांग को वसूलना कठिन श्रेणी में रखा गया था।

प्रत्यक्ष कर प्रशासन के अंतर्गत स्वीकृत पदों में से 36% रिक्त 

  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) आयकर विभाग के माध्यम से कुशल प्रत्यक्ष कर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है।
  • सितंबर 2024 तक प्रत्यक्ष कर प्रशासन में स्वीकृत 78,032 पदों में से 27,963 रिक्त थे। यानी कुल रिक्तियां 36% थी। टैक्स इंस्पेक्टर्स के लिए रिक्तियां 8% से लेकर टैक्स असिस्टेंट्स के लिए 41% तक थीं।

image

स्रोत: अनुदान मांगों (2024-25) पर वित्त संबंधी स्टैंडिंग कमिटी की दूसरी रिपोर्ट, राजस्व विभाग, दिसंबर, 2024, लोकसभा; पीआरएस।

नोट: कुछ आंकड़ों में करोड़ और लाख को Cr और L के तौर पर लिखा गया है। 

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह रिपोर्ट मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार की गई है। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी की मूल रिपोर्ट से इसकी पुष्टि की जा सकती है।

हमें फॉलो करें

Copyright © 2025    prsindia.org    All Rights Reserved.