Source: COVID-19, PRS.
मूवमेंट पर प्रतिबंध
देश में 21 दिन का लॉकडाउन
गृह मामलों के मंत्रालय ने कोविड-19 के प्रकोप को रोकने के लिए 25 मार्च, 2020 से 14 अप्रैल, 2020 के दौरान 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की।[3] लॉकडाउन के अंतर्गत अनिवार्य वस्तुएं या अनिवार्य सेवाएं प्रदान करने वाले, तथा कृषि कार्यों से संबंधित गतिविधियों वाले इस्टैबलिशमेंट्स को छोड़कर बाकी सभी इस्टैबलिशमेंट्स बंद रहेंगे। अनिवार्य वस्तुओं में खाद्य, दवाएं और बिजली शामिल हैं। अनिवार्य सेवाओं में बैंकिंग सेवाएं, दूरसंचार और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं। सभी वस्तुओं (अनिवार्य या गैर अनिवार्य) का परिवहन भी चालू रहेगा।[4],[5],[6],[7],[8]
सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को निम्नलिखित के लिए निर्देश दिए गए हैं: (i) असहाय प्रवासी मजदूरों सहित जरूरतमंद लोगों के लिए अस्थायी शेल्टर और भोजन के लिए पर्याप्त प्रबंधन सुनिश्चित करना, (ii) प्रवासी श्रमिकों को कम से कम 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रखना, (iii) नियोक्ताओं को निर्देश देना कि लॉकडाउन के दौरान वेतन चुकाया जाए, और (iv) मकान मालिकों को इस बात को लिए सुनिश्चित करना कि वे मजदूरों और विद्यार्थियों से एक महीने का किराया नहीं मांगेंगे।[9]
वित्तीय सहायता
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना कोविड-19 में राहत प्रदान करेगी
26 मार्च को वित्त मंत्री ने गरीबों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 1.7 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की।[10] पैकेज की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:10,[11]
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सार्वजनिक स्वास्थ्य कर्मचारियों (जैसे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और आशा कार्यकर्ता) के लिए 50 लाख रुपए का बीमा कवर जो कोविड-19 के रोगियों का इलाज कर रहे हैं।[12]
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गरीब परिवारों को अगले तीन महीने तक हर महीने पांच किलोग्राम गेहूं या चावल और एक किलोग्राम चुनींदा दाल दी जाएगी।
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प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत 20.4 करोड़ महिला खाताधारकों को अगले तीन महीने के लिए 500 रुपए प्रति माह मिलेंगे। इसके अतिरिक्त आठ करोड़ गरीब परिवारों को अगले तीन महीनों में तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे।
टैक्स भुगतान की समय सीमा में वृद्धि और राहत
31 मार्च, 2020 को टैक्सेशन और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में राहत) अध्यादेश, 2020 जारी किया गया।10 अध्यादेश विशिष्ट कानूनों के संबंध में कुछ राहत प्रदान करता है जैसे समय सीमा को बढ़ाना और सजा से छूट। इन कानूनों में इनकम टैक्स एक्ट, 1961 (आईटी एक्ट), कुछ फाइनांस एक्ट्स, और बेनामी संपत्ति लेनदेन पर प्रतिबंध एक्ट, 1988 शामिल हैं। अध्यादेश की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
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समय सीमा बढ़ाना: अध्यादेश निर्दिष्ट कानूनों के अंतर्गत कुछ कार्यों के अनुपालन या पूर्णता के लिए 20 मार्च, 2020 की समय सीमा को बढ़ाकर 29 जून, 2020 करता है। जैसे (i) अधिकारियों और ट्रिब्यूनलों द्वारा नोटिस और अधिसूचना जारी करना, कार्यवाही पूरी करना और आदेश पारित करना, (ii) अपील, जवाब और आवेदन दाखिल करना और दस्तावेज प्रस्तुत करना, और (iii) आईटी एक्ट के अंतर्गत कुछ कटौतियों या भत्तों का दावा करने के लिए कोई भी निवेश या भुगतान करना।
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ब्याज और सजा: देय तिथि के बाद किया गया कोई भी कर भुगतान (20 मार्च, 2020 और 29 जून, 2020 के बीच) अभियोजन या दंड के लिए उत्तरदायी नहीं होगा। भुगतान में देरी के लिए देय ब्याज की दर प्रति माह 0.75% से अधिक नहीं होगी।
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पीएम केयर्स फंड में दान: किसी व्यक्ति द्वारा आपात स्थितियों में पीएम केयर्स फंड में किया गया दान 100% टैक्स कटौती का पात्र होगा।
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जीएसटी अनुपालन: केंद्र सरकार केंद्रीय वस्तु और सेवा कर एक्ट, 2017 एक्ट के अंतर्गत विभिन्न अनुपालनों और कार्यों के लिए समय सीमा के विस्तार की अधिसूचना दे सकती है।
आऱबीआई ने कोविड-19 के कारण उत्पन्न वित्तीय संकट को दूर करने के उपाय किए
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुए वित्तीय संकट से निपटने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की।[13],[14],[15] मुख्य उपायों में निम्नलिखित शामिल हैं:
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पॉलिसी रेट्स में कटौती: रेपो रेट (वह दर जिस पर आरबीआई बैंकों को उधार देता है) 5.15% से घटाकर 4.4% कर दी गई है। रिवर्स रेपो रेट (जिस दर पर आरबीआई बैंकों से उधार लेता है) 4.9% से 4.0% कम कर दी गई है।
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लिक्विडिटी प्रबंधन: बाजार में लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए उपाय किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो कि वित्तीय बाजार और संस्थान सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं। इन उपायों में 26 मार्च, 2021 तक सभी बैंकों के लिए कैश रिज़र्व रेशियो (सीआरआर) 4% से घटाकर 3% करना शामिल है। सीआरआर तरल नकदी की वह मात्रा होती है जिसे बैंकों को अपनी कुल जमा के प्रतिशत के रूप में आरबीआई के पास रखना होता है। इससे 3.74 लाख करोड़ रुपए की लिक्विडिटी के इंजेक्ट होने की उम्मीद है।
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लोन चुकाने के लिए उधारकर्ताओं को राहत: सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी सहित) को सभी टर्म लोन की किश्तों (कृषि, खुदरा और फसल ऋण सहित) के भुगतान और कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज (जैसे ओवरड्राफ्ट सुविधाएं), जोकि 1 मार्च, 2020 और 31 मई, 2020 के बीच देय हैं, पर तीन महीने की मोहलत देने की अनुमति है।
राज्यों को अल्पावधि का ऋण
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए वेज़ और मीन्स एडवांसेज़ (डब्ल्यूएमए) सीमाओं की समीक्षा के लिए एक एडवाइजरी कमिटी का गठन किया है। डब्ल्यूएमए आरबीआई द्वारा राज्य सरकारों को दिए जाने वाले अस्थायी लोन्स को कहा जाता है। कमिटी के अंतिम सुझाव सौंपने तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए डब्ल्यूएमए की सीमा को 30% बढ़ा दिया गया है। संशोधित सीमाएं 1 अप्रैल से 20 सितंबर, 2020 तक लागू रहेंगी।[16]
पीएम केयर्स फंड
केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय कोष बनाया है। आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) नामक सरकारी चैरिटेबल ट्रस्ट कोविड-19 से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करेगा। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं और इसके सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं।[17]
पीएम केयर्स फंड में दान देने वाला व्यक्ति 100% टैक्स कटौती का पात्र है।[18] अनिवासी भारतीय भी फॉरेन इनवर्ड रेमिटेंस के जरिए कोष में योगदान दे सकते हैं।[19]
स्वास्थ्य संबंधी उपाय
कोविड-19 की टेस्टिंग
वर्तमान में सरकारी केंद्रों में कोविड-19 के लक्षण वाले सभी लोगों का निदान मुफ्त किया जा रहा है।[20] इसके अतिरिक्त सरकार ने कोविड-19 की जांच के लिए कुछ निजी लेबोरेट्रीज़ को मंजूरी दी है। निजी लैब्स में स्क्रीनिंग की कीमत 4,500 रुपए से अधिक नहीं हो सकती।[21] 27 मार्च तक कोविड-19 के सैंपल्स की जांच के लिए 136 सरकारी टेस्टिंग सेंटर्स थे और 3 अतिरिक्त कलेक्शन सेंटर्स।[22] इसके अतिरिक्त 12 राज्यों में जांच की पेशकश करने वाली 59 निजी लेबोरेट्रीज़ थीं। ये राज्य हैं, दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तराखंड और गुजरात।[23]
मंत्रालय ने उन लोगों के लिए दिशानिर्देश निर्धारित किए हैं जिनका इन लेबोरेट्रीज़ में परीक्षण किया जा सकता है। इनमें शामिल हैं: (i) उन लोगों के संपर्क में आने वाले लोग जोकि कोविड-19 के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं, और (ii) कोविड-19 प्रभावित देशों में यात्रा के इतिहास वाले व्यक्ति, जिनमें लक्षण दिखाई दिए हैं, (iii) लक्षण वाले स्वास्थ्यकर्मी, और (iv) श्वास की गंभीर बीमारी वाले व्यक्ति।21
बड़े आउटब्रेक वाले क्षेत्रों के लिए कंटेनमेंट प्लान
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए एक योजना बनाई है। इस योजना में निम्नलिखित उपाय सुझाए गए हैं:[24]
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ज्योग्राफिक क्वारंटाइन: इस रणनीति में जिस निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में प्रकोप (आउटब्रेक) ज्यादा है, वहां लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
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क्लस्टर कंटेनमेंट: इस रणनीति में किसी भौगोलिक क्षेत्र में शुरुआत में मामलों का पता लगने पर वहां बीमारी की रोकथाम की जाएगी। क्लस्टर कंटेनमेंट में ज्योग्राफिक क्वारंटाइन, सोशल डिस्टेंसिंग, सभी संदिग्ध मामलों की टेस्टिंग और लोगों में जागरूकता फैलाना शामिल हैं।
दवाओं और मेडिकल उपकरणों के निर्यात पर प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने कुछ मेडिकल उपकरणों और दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है ताकि भारत में उनकी उपलब्धता सुनिश्चित हो। उदाहरण के लिए वेंटिलेटर्स, सर्जिकल मास्क्स, डायग्नॉस्टिक किट्स और पैरासीटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जैसी दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है।[25],[26],[27],[28]
यात्रा पर प्रतिबंध
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर प्रतिबंध, वीसा जारी करना रद्द
नागरिक उड्डयन: नागरिक उड्डयन महानिदेशक ने 24 मार्च, 2020 से 14 अप्रैल, 2020 के दौरान सभी यात्री घरेलू उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया।[29],[30] देश में आने तथा देश से जाने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल यात्री उड़ानों को 14 अप्रैल, 2020 को शाम 6.30 बजे तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया (डीजीसीए द्वारा निर्दिष्ट कार्गो और दूसरी अन्य उड़ानों को छोड़कर)।[31] राजनयिकों, अधिकारियों, संयुक्त राष्ट्र/अंतरराष्ट्रीय संगठनों को जारी वीज़ा तथा रोजगार और प्रॉजेक्ट्स वीजा को छोड़कर किसी भी देश के सभी मौजूदा वीजा 13 मार्च से 15 अप्रैल, 2020 तक रद्द कर दिए गए हैं।[32]
रेलवे: भारतीय रेलवे ने 14 अप्रैल, 2020 तक सभी यात्री गाड़ियों को रद्द कर दिया।[33] हालांकि अनिवार्य वस्तुओं का परिवहन जारी रहेगा।[34] रेलवे ने रेलवे पार्सल वैन को ई-कॉमर्स संस्थाओं और राज्य सरकारों सहित अन्य ग्राहकों के लिए त्वरित माल परिवहन के लिए उपलब्ध कराया है। इनमें छोटे पार्सल आकारों में चिकित्सा आपूर्ति, चिकित्सा उपकरण, भोजन आदि शामिल हैं।[35]
कोविड-19 के संबंध में केंद्र सरकार के मुख्य नीतिगत फैसलों पर अधिक विवरण के लिए कृपया यहां देखें।
कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।
[5] “Guidelines on measures to be taken by Ministries/Department of Government of India, State/Union Territory Governments and State/Union Territory Authorities for containment of COVID-19 Epidemic in the Country”, Ministry of Home Affairs, March 24, 2020, https://mha.gov.in/sites/default/files/Guidelines.pdf.
[7] “Consolidated Guidelines on the measures to be taken by Ministries/Departments of Government of India, State/Union Territory Governments and State/Union Territory Authorities for containment of COVID-10 Epidemic in the Country, as notified by the Ministry of Home Affairs on 24.03.2020 and further modified on 25.03.2020 and 27.03.2020”, Ministry of Home Affairs, https://mha.gov.in/sites/default/files/PR_ConsolidatedGuidelinesofMHA_28032020.pdf.
[10] “Finance Minister announces Rs 1.70 Lakh Crore relief package under Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana for the poor to help them fight the battle against Corona Virus”, Press Information Bureau, Ministry of Finance, March 26, 2020.
[12] “Pradhan Mantri Garib Kalyan Package: Insurance Scheme for Health Workers Fighting COVID-19”, Press Information Bureau, Ministry of Health and Family Welfare, March 29, 2020.
[33] “Ministry of Railways extends Cancellation of Passenger Train Services till 2400 hrs of 14th April, 2020”, Press Information Bureau, Ministry of Railways, March 25, 2020.
[34] “Transportation of essential commodities to various parts of the country by Indian Railways continues at full speed”, Press Information Bureau, Ministry of Railways, March 30, 2020.
[35] “Indian Railways to run Special Parcel Trains for carriage of essential items in small parcel sizes during the complete lockdown in fight against COVID-19”, Press Information Bureau, Ministry of Railways, March 29, 2020.