17 जनवरी, 2020 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 के संकट को स्वीकार किया, जोकि चीन में फैल रहा था। 30 जनवरी, 2020 को केरल में सबसे पहले कोविड-19 पॉजिटिव मरीज की पुष्टि हुई। 11 मार्च, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को विश्वव्यापी महामारी घोषित किया। इस ब्लॉग में इस महामारी के प्रतिक्रियास्वरूप केरल सरकार द्वारा किए गए मुख्य नीतिगत उपायों का सारांश प्रस्तुत किया जा रहा है।
22 अप्रैल, 2020 तक केरल में कोविड-19 के 427 पुष्ट मामले थे जिनमें से 307 लोग रिकवर हो चुके थे (देश में रिकवरी की सबसे अधिक दर)। राज्य में अब तक सिर्फ तीन मौतें दर्ज की गई हैं।
लॉकडाउन से पहले की अवधि: रोकथाम के लिए शुरुआती उपाय
चीन के वुहान से लौटने वाले व्यक्ति में कोविड-19 की पुष्टि के बाद राज्य का शुरुआती कदम यह था कि चीन से आने वाले सभी यात्रियों और उनके संपर्क में आने वालों की जांच की जाए, उन्हें चिन्हित किया जाए और संकट आधारित वर्गीकरण किया जाए। 2 और 3 फरवरी को दो और मामलों के बाद सरकार ने राज्य में हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा कर दी।
इसके बाद एक हेल्थ एडवाइजरी जारी की गई जिसमें कहा गया कि 15 जनवरी, 2020 के बाद वुहान से लौटने वाले सभी यात्रियों को ट्रैक और चिन्हित किया जाएगा और उनकी जांच की जाएगी। ऐसे यात्रियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को 28 दिनों तक आइसोलेशन में रखा जाएगा। इस एडवाइजरी में सभी लॉजिंग इस्टैबलिशमेंट्स को निर्देश दिया गया कि वे कोरोना प्रभावित देशों की ट्रैवल हिस्ट्री वाले यात्रियों का एक रजिस्टर बनाएं। ऐसी एडवाइजरी विदेशों से लौटने वाले विद्यार्थियों के लिए भी जारी की गई। इसके बाद तत्काल कोई पुष्ट मामला न मिलने के बाद 12 फरवरी को राज्य ने हेल्थ इमरेंजसी की एडवाइजरी वापस ले ली। हालांकि उच्च स्तर पर प्रतिक्रिया और निगरानी जारी रखी गई।
संक्रमण का दूसरा दौर
मार्च की शुरुआत में संक्रमण के दूसरे दौर के बाद सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कई उपाय किए। ये इस प्रकार हैं:
लॉकडाउन की अवधि
23 मार्च को केरल ने 31 मार्च तक के लिए राज्य व्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। एक दिन बाद केंद्र सरकार ने देश व्यापी 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की।
राज्य के आदेश के अनुसार निम्नलिखित प्रतिबंध लगाए गए: (i) सभी प्रकार की यात्री परिवहन सेवाओं को बंद करना, (ii) पांच से अधिक लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध और (iii) सभी कमर्शियल इस्टैबलिशमेंट्स, कार्यालयों और कारखानों को बंद करना, सिर्फ उन्हें छोड़कर जिन्हें छूट दी गई है। सिर्फ अनिवार्य वस्तुओं की खरीद या मेडिकल इमरजेंसी हेतु टैक्सी, ऑटो या निजी वाहनों के इस्तेमाल की अनुमति दी गई। अनिवार्य वस्तुओं या सेवाओं को प्रदान करने वाले इस्टैबलिशमेंट्स, जैसे बैंक, मीडिया, टेलीकॉम सेवा, पेट्रोल पंप और अस्पतालों को काम करने की अनुमति दी गई।
15 अप्रैल को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया। लॉकडाउन की अवधि के दौरान सरकार के कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:
प्रशासनिक उपाय
स्वास्थ्य उपाय
अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं
कल्याणकारी उपाय
लॉकडाउन बाद की रणनीतियां – लॉकडाउन के प्रतिबंधों से छूट देने वाली रणनीतियां
कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।
17 अप्रैल को मध्य प्रदेश में कोविड-19 के 1,120 पुष्ट मामले हैं जोकि देश के सभी राज्यों में पांचवें स्थान पर है। मध्य प्रदेश सरकार ने 28 जनवरी, 2020 को कोविड-19 संबंधी एक आदेश जारी किया था जोकि शुरुआती आदेशों में एक था। इसमें सभी स्वास्थ्यकर्मियों को यह सलाह दी गई थी कि चीन के वुहान से लौटने वाले मरीजों की जांच करते समय उपयुक्त सुरक्षात्मक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाए। तब से सरकार ने कोविड-19 को संक्रमण और प्रभाव को रोकने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इस ब्लॉग में हम उन मुख्य उपायों की चर्चा कर रहे हैं।
रेखाचित्र 1: मध्य प्रदेश में कोविड-19 के प्रति दिन मामले
Source: Ministry of Health and Family Welfare; PRS
शुरुआती चरण: अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग
28 जनवरी को राज्य सरकार ने विशिष्ट देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी, लक्षण वाले लोगों की जांच और उन पर निगरानी रखने के निर्देश जारी किए। इसके बाद दूसरे आदेश में जिला प्रशासन से यह अपेक्षा की गई कि वह 31 दिसंबर, 2019 और 29 जनवरी, 2020 के बीच चीन से आने सभी यात्रियों पर नजर रखें और उनकी जानकारी दें। जबकि अधिक ध्यान स्क्रीनिंग और टेस्टिंग पर था, 31 जनवरी को यह आदेश आया कि 15 जनवरी के बाद चीन से भारत आने वाले यात्रियों, जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे थे, को क्वारंटाइन किया जाए। क्वारंटाइन न करने वाले लोगों को बाद में निगरानी में रखा गया और 14 दिनों के लिए उनकी स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी देने को कहा गया। 13 फरवरी से एयरपोर्ट पर मेडिकल टीम लगातार विभिन्न देशों से आने वाले विदेशी यात्रियों की जांच करने लगी और रोजाना इसकी रिपोर्ट देने लगी।
फरवरी और मार्च का प्रारंभ: सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षमता में वृद्धि, सामाजिक जमावड़ों पर प्रतिबंध
सरकार का अगला कदम यह था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मौजूदा परिस्थितियों के अनुरूप ढाला जाए। इस संबंध में निम्नलिखित कदम उठाए गए:
मार्च में मामलों के बढ़ने के साथ मध्य प्रदेश सरकार ने नागरिकों को सीधे आदेश जारी किए। कोविड-19 के संबंध में जागरूकता फैलाने और सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करने के लिए अनेक उपाय किए गए।
21 मार्च से
21 मार्च को मध्य प्रदेश में कोविड-19 के चार मामले दर्ज किए गए। 23 मार्च को सरकार ने राज्य में कोविड-19 की रोकथाम के लिए मध्य प्रदेश महामारी रोग, कोविड-19 रेगुलेशन, 2020 जारी किया। इन रेगुलेशनों में कोविड-19 के मरीजों की स्क्रीनिंग और इलाज के लिए अस्पतालों (सरकार और निजी) को प्रॉटोकॉल बताए गए। ये रेगुलेशंस एक साल के लिए वैध होंगे।
सोशल डिस्टेंसिंग और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने से संबंधित निर्देशों के अतिरिक्त सरकार ने निम्नलिखित उपाय किए: (i) स्वास्थ्य देखभाल की क्षमता में बढ़ोतरी, (ii) आर्थिक रूप से संवेदनशील लोगों के लिए कल्याण संरक्षण कायम करना, (iii) प्रशासनिक संरचना और डेटा कलेक्शन को मजबूत करना, और (iv) अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना। इन उपायों में निम्नलिखित शामिल हैं -
स्वास्थ्य संबंधी उपाय
कल्याणकारी उपाय
प्रशासनिक उपाय
अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई
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