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  • कोविड-19 पर दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया (23 अप्रैल, 2020)
राज्यों और राज्य विधानसभाओं

कोविड-19 पर दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया (23 अप्रैल, 2020)

अखिल एन.आर. - अप्रैल 24, 2020

23 अप्रैल को दिल्ली में कोविड-19 के 2,248 मामले दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र और गुजरात के बाद दिल्ली में सबसे अधिक मामले हैं। 22 मार्च को जब मामलों की संख्या 29 थी, दिल्ली सरकार ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च और 3 मई के बीच देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। इस ब्लॉग में हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कोविड-19 से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने अब तक क्या मुख्य कदम उठाए हैं। 

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लॉकडाउन से पहले

8 मार्च को राज्य में कोविड-19 के तीन मामले दर्ज होने के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने होली के दौरान भीड़भाड़ वाली जगहों पर जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया। इसके साथ सरकार ने राज्य में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए अनेक कदम उठाए। इन उपायों में से कुछ इस प्रकार हैं। 

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

वाहनों को डिसइंफेक्ट करना: 11 और 12 मार्च को सरकार ने आदेश दिया कि मिनी बसों, स्कूल बसों और स्कूलों की कैब्स को रोजाना डिसइंफेक्ट किया जाएगा।

दिल्ली महामारी रोग, कोविड-19 रेगुलेशंस, 2020: 12 मार्च को कोविड-19 के छह मामलों के साथ दिल्ली सरकार ने दिल्ली महामारी रोग, कोविड-19 रेगुलेशंस, 2020 को अधिसूचित किया। ये रेगुलेशंस एक साल तक जारी रहेंगे। इनके मुख्य प्रावधानों में निम्नलिखित शामिल हैं:

(i)  सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में डेडिकेटेड फ्लू कॉर्नर्स होने चाहिए।
 

(ii) प्रभावित क्षेत्रों से यात्रा करके आने वाले लोगों के लिए होम क्वारंटाइन, और 

(iii) रेगुलेशंस के अंतर्गत अधिकृत कुछ लोग, राज्य टास्क फोर्स की मंजूरी से कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं, जैसे: (i) किसी भौगोलिक क्षेत्र को सील करना, (ii) वाहनों और लोगों के मूवमेंट को प्रतिबंधित करना, और (iii) कोविड-19 के मामलों की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष निगरानी करना। 

मूवमेंट पर प्रतिबंध

शिक्षण संस्थान: 12 मार्च को सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश दिया। विद्यार्थियों को स्टाफ के साथ परीक्षाएं देने की अनुमति दी गई। हालांकि 19 मार्च को सरकार ने 31 मार्च तक परीक्षाओं को स्थगित करने का आदेश दिया। 

सार्वजनिक जमावड़ा:

  • 13 मार्च को सरकार ने 200 से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध संबंधी आदेश जारी किया जैसे कोई सेमिनार, कॉन्फ्रेंस और इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट मैच। इसके बाद 16 मार्च को 50 लोगों और 19 मार्च को 20 लोगों के जमा होने को प्रतिबंधित किया गया, इसके बाद यह संख्या 12 कर दी गई। 
     
  • 12 से 16 मार्च के बीच सरकार ने आदेश दिया कि 31 मार्च तक सिनेमा हॉल, पब्लिक स्विमिंग पूल, जिम  और नाइट क्लब बंद रहेंगे। 19 और 20 मार्च को स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स और शॉपिंग मॉल्स भी बंद करने का आदेश दिया गया। 

रेस्त्रां और निजी इस्टैबलिशमेंट्स: 19 मार्च को आदेश दिया गया कि सभी रेस्त्रां 31 मार्च तक सिटिंग अरेंजमेंट बंद रखेंगे। निजी इस्टैबलिशमेंट्स को आदेश दिया गया कि वे अपने कर्मचारियों को 31 मार्च तक घर से काम करने को कहें। 

दिल्ली-काठमांडो बस सेवा: 20 मार्च को सरकार ने दिल्ली-काठमांडो बस सेवा, जिसे आधिकारिक रूप से मैत्री बस सेवा कहा जाता है, को रद्द कर दिया। 

लॉकडाउन के दौरान

22 मार्च को मामलों की संख्या 29 हो गई और दिल्ली सरकार ने 31 मार्च तक राज्य में लॉकडाउन की घोषणा  कर दी। लॉकडाउन में निम्नलिखित शामिल है: (i) सार्वजनिक बस सेवाओं को रद्द करना, (ii) हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं को सील करना, (iii) दिल्ली आने वाली सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द करना, और (iv) किसी सार्वजनिक स्थान पर पांच से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध। इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च और 14 अप्रैल के बीच देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया जिसे फिर 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। 

20 अप्रैल से केंद्र सरकार ने देश के कम प्रभावित जिलों में कुछ गतिविधियों के लिए अनुमति दी है। लेकिन दिल्ली सरकार ने 19 अप्रैल को घोषणा की कि दिल्ली में लॉकडाउन से कोई राहत नहीं दी जाएगी, जब तक कि 27 अप्रैल को दूसरा व्यापक विश्लेषण नहीं किया जाता।

कल्याणकारी उपाय

दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन के दौरान लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए अनेक कल्याणकारी उपायों की घोषणा की। मुख्य उपायों में निम्नलिखित शामिल हैं:

नाइट शेल्टर: दिल्ली शहरी शेल्टर सुधार बोर्ड नाइट शेल्टरों में रहने वाले बेघर लोगों को मुफ्त भोजन दे रहा है। 25 मार्च को हंगर हेल्पलाइन शुरू की गई जोकि जरूरतमंद लोगों को भोजन के लिए नजदीकी नाइट शेल्टर के बारे में बताती है।

हंगर राहत केंद्र: 26 मार्च को सरकार ने जिला मेजिस्ट्रेट्स को निर्देश दिया कि वे हर म्युनिसिपल वॉर्ड में कम से कम दो हंगर राहत केंद्र शुरू करें जोकि हर दिन दो बार (दोपहर और रात को) 500 भोजन प्रदान करें।  

वित्तीय सहायता: सरकार ऑटो, टैक्सी और ई-रिक्शा चालकों को 5,000 रुपए की वन-टाइम सहायता प्रदान कर रही है। 

परिवार के सदस्यों को मुआवजा: दिल्ली सरकार कोविड-19 के कारण मौत का शिकार होने वाले अपने कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देगी। 

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

अतिरिक्त मैनपावर: 24 मार्च को सरकार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत अस्पतालों और संस्थानों को आदेश दिया कि वे ऑउटसोर्स्ड सेवाओं जैसे सैनिटेशन, सुरक्षा और नर्सिंग असिस्टेंट्स में 25% तक अतिरिक्त मैनपावर जुटाएं। 

मास्क पहनना अनिवार्य: 8 अप्रैल को सरकार ने सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयों, जमावड़ों, बैठकों और व्यक्तिगत वाहनों में सभी लोगों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया। 

पेड क्वारंटाइन फेसिलिटी को चिन्हित करना: 13 अप्रैल को सरकार ने सभी जिला मेजिस्ट्रेट्स को आदेश दिया कि वे अपने जिलों में पेड क्वारंटाइन फेसिलिटीज़ को चिन्हित करें ताकि उन लोगों को यह सुविधा मुहैय्या कराई जा सके जोकि कीमत चुकाकर निजी केंद्रों का इस्तेमाल करना चाहते हैं। 

मल्टी सेक्टोरल डेडिकेटेड टीम का गठन: 13 अप्रैल को सरकार ने प्रत्येक बूथ में कोरोना फुट वारियर एंड कंटेनमेंट टीम के गठन के आदेश दिए। सरकार उनके जरिए जमीनी स्तर का हस्तक्षेप बढ़ाना चाहती है। 

हेल्पलाइन का गठन: 17 अप्रैल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने लोगों की कोविड-19 संबंधी शिकायतें और अनुरोध सुनने के लिए एक डेडिकेटेड 24X7 व्हॉट्सएप नंबर शुरू किया। 

मीडिया संबंधी उपाय

सरकार ने कोविड-19 से संबंधित फेक न्यूज को फैलने से रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए:

  • 1 अप्रैल को सरकार ने सूचना एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक को आदेश दिया कि वह प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में फेक न्यूज पर नियमित रूप से निगरानी रखे। उसे 3 अप्रैल को दिल्ली की फैक्ट चेक यूनिट के नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया।    
  • 20 अप्रैल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों को आदेश दिया कि वे एक मीडिया सेल बनाएं। यह सेल सोशल मीडिया और न्यूज मीडिया पर अस्पतालों के कामकाज के बारे में फेक न्यूज पर नजर रखेगी। 

कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें। 

 
States and State Legislatures

कोविड-19 पर सिक्किम सरकार की प्रतिक्रिया (22 अप्रैल, 2020 तक)

Prachi Kaur - अप्रैल 22, 2020

22 अप्रैल, 2020 तक सिक्किम में कोविड-19 के कोई पुष्ट मामले नहीं हैं। 21 अप्रैल, 2020 को सिक्किम से 87 सैंपलों को टेस्टिंग के लिए भेजा गया। इनमें से 80 की रिपोर्ट कोविड के लिए नेगेटिव आई और सात सैंपलों के नतीजों का अभी इंतजार है। राज्य ने वायरस को फैलने से रोकने और उनसे प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए कई नीतिगत फैसलों की घोषणा की है। इस ब्लॉग में हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कोविड-19 से निपटने के लिए सिक्किम सरकार ने 22 अप्रैल, 2020 तक क्या मुख्य कदम उठाए हैं।

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से पहले की प्रतिक्रिया

16 मार्च को राज्य सरकार ने भारत में संदिग्ध मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर कुछ निर्देशों को अधिसूचित किया जोकि 15 अप्रैल, 2020 तक लागू थे। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) राज्य में सभी घरेलू और विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, (ii) सभी शिक्षण संस्थानों और आंगनवाड़ियों को बंद करना, (iii) मनोरंजक केंद्रों, जैसे कैसिनो, जिम और सिनेमा के प्रयोग पर प्रतिबंध, (iv) राज्य में सभी विजिटर्स के लिए पांच में से तीन चेक पोस्ट्स (बॉर्डर ओपनिंग) को बंद करना और दो अन्य को मेडिकल और पुलिस टीमों के लिए खोलना, और (v) निजी उद्योगों को राज्य के बाहर से प्रवासी श्रमिकों को लाने से प्रतिबंधित करना और एक स्थान पर बड़ी संख्या में श्रमिकों की मौजूदगी से बचना।

19 मार्च को राज्य में पांच से अधिक लोगों के जमा होने को 15 अप्रैल, 2020 तक के लिए प्रतिबंधित किया गया। सरकार ने 19 मार्च को सभी गैर अनिवार्य कार्यों को रद्द करने का आदेश दिया। सभी अनिवार्य वस्तुओं जैसे खाद्यान्न, सब्जियों, सैनिटाइजर्स और मास्क्स की सप्लाई की अनुमति दी गई। इसके अतिरिक्त संदिग्ध मामलों को चिन्हित करने के लिए सब डिविजिनल टास्क फोर्स के गठन का आदेश दिया गया। 

22 मार्च को सरकार ने 15 अप्रैल, 2020 तक ऑड-ईवन आधार पर निजी वाहनों, टू-व्हीलर्स और टैक्सियों के इंट्रा-स्टेट मूवमेंट को रेगुलेट किया। ऑन-ईवन का अर्थ है कि नंबर प्लेट के आधार पर वैकल्पिक दिनों पर वाहनों को चलाया जाएगा। सरकार ने 23 मार्च को राज्य के बजट सत्र को दो दिन कम कर दिया।

25 मार्च को केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल तक 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने फिजिकल कंटेनमेंट, स्वास्थ्य, वित्तीय एवं कल्याणकारी उपायों के लिए विभिन्न कदम उठाए। इनका विवरण नीचे पेश किया जा रहा है। 

लॉकडाउन के दौरान उपाय

मूवमेंट पर प्रतिबंध

राज्य में अनेक प्रतिबंध लगाए गए। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • वाहनों का मूवमेंट: राज्य के भीतर वाहनों का मूवमेंट सिर्फ अनिवार्य वस्तुओं के परिवहन तक सीमित था। इन वाहनों को भी मूवमेंट के लिए स्थायी पास की जरूरत थी। 5 अप्रैल को राज्य के बाहर वाहनों का मूवमेंट सरकारी अधिकारियों, अनिवार्य वस्तुओं के परिवहन, बैंक और पीएसयूज़, और मीडिया एवं केबल नेटवर्क्स तक सीमित था। ये पास केवल सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक वैध हैं। 
     
  • पास की वैधता: राज्य सरकार ने गौर किया कि विभिन्न कारणों से बड़ी संख्या में वाहन पास जारी किए गए थे। 14 अप्रैल को सरकार ने आदेश दिया कि जिला मेजिस्ट्रेट, और अन्य विभागीय अथॉरिटीज़ (पुलिस, स्वास्थ्य विभाग तथा वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त) द्वारा जारी सभी पास 14 अप्रैल से अवैध हो जाएंगे। नए पास सिर्फ मेजिस्ट्रेट और ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारियों द्वारा जारी किए जाएंगे।
     
  • सीमाओं की सुरक्षा: कोविड-19 महामारी के मद्देनजर और चीन, नेपाल, और भूटान से अनाधिकृत सीमा पारीय घुसपैठ की जांच के लिए राज्य सरकार ने रांगपो नदी और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों से लगी सीमाओं को सुरक्षित किया। 

अनिवार्य वस्तुओं और सेवाएं

5 अप्रैल को राज्य सरकार ने दुकानों, होटलों, निजी कार्यालयों और कमर्शियल इस्टैबलिशमेंट्स इत्यादि को 15 अप्रैल तक बंद रखने का आदेश जारी किया। जिन इस्टैबलिशमेंट्स को कामकाज की अनुमति थी, उनमें कानून प्रवर्तन एजेंसियां, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली और पानी, पेट्रोल पंप और मीडिया शामिल हैं। पीडीएस, राशन की दुकानों, सब्जी, दूध और दवाएं बेचने वाली दुकानों को केवल सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई।

  • वैध नुस्खा और लेबल जरूरी: 25 मार्च को राज्य ने ड्रग मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस लेबल के बिना हैंड सैनिटाइजर्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। उसने वैध नुस्खे के बिना आम लोगों को एन95 मास्क बेचने पर भी रोक लगाई।
     
  • ट्रांज़िट कैंप्स: 17 अप्रैल को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी की कि वाहनों में अनिवार्य वस्तुओं को लाने वाले ड्राइवरों और हेल्पर्स के लिए ट्रांज़िट कैंप (रहने की अस्थायी व्यवस्था) बनाए जाएंगे। 

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

31 मार्च को सिक्किम सरकार ने बचाव उपाय के रूप में सोचकगैंग स्थित एसटीएनएम अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड्स और उपचार केंद्रों को चिन्हित और स्थापित किया। सरकार ने कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए अपने नागरिकों को निर्देश भी जारी किए। इनमें सोशल डिस्टेंसिंग, और उचित साफ सफाई बरकरार रखना शामिल है। 

18 अप्रैल को राज्य सरकार ने सभी लोगों, विद्यार्थियों, शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु एप्लीकेशन को इंस्टॉल करना अनिवार्य किया। भारत सरकार ने 2 अप्रैल, 2020 को एक मोबाइल एप आरोग्य सेतु को लॉन्च किया है जिसके जरिए लोग कोविड-19 के संक्रमण के जोखिम का आकलन कर सकते हैं। यह एप कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए ब्ल्यूटुथ और ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) बेस्ड डिवाइस लोकेशन का इस्तेमाल करता है। 

कल्याणकारी उपाय

  • आर्थिक राहत पैकेज: 27 मार्च को राज्य सरकार ने आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की। इसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जरूरतमंद परिवारों, दिहाड़ी मजदूरों, प्रवासी श्रमिकों, अनौपचारिक श्रमिकों और असहाय लोगों को निर्दिष्ट मात्रा में मुफ्त राशन (पीडीएस के अतिरिक्त) देना शामिल है। इसके अतिरिक्त सराकर ने टेमी टी एस्टेट के बागान श्रमिकों के लिए प्रति दिन 300 रुपए का अतिरिक्त इन्सेंटिव देने की घोषणा की।
     
  • खाद्य वितरण: 16 अप्रैल को सरकार ने घोषणा की कि आशा कार्यकर्ताओं को कोविड-19 के दौरान काम करने के लिए 5,000 रुपए का मानदेय दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त उसने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को आदेश दिया कि उन सभी लाभार्थियों की सूची बनाए जिन्हें खाद्य राहत पैकेज का वितरण नहीं हुआ है। 
     
  • असहाय मरीजों को राहत: 16 अप्रैल को सरकार ने घोषणा की कि प्रत्येक मरीज, जिनका उपचार किया जा रहा है और वे सिक्किम के बाहर फंसे हुए हैं, को मुख्यमंत्री राहत कोष से 30,000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। 
     
  • अनौपचारिक श्रमिकों के लिए राहत: 30 मार्च को सिक्किम सरकार ने सभी कॉन्ट्रैक्टर्स/नियोक्ताओं को निर्देश जारी किए कि वे लॉकडाउन के कारण कटौतियों के बिना अपने प्रवासी और अनौपचारिक श्रमिकों को देय तिथि पर वेतन चुकाएं। सरकार ने राज्य में 7,836 भवन निर्माण एवं अन्य निर्माण श्रमिकों को 2,000 रुपए का अनुदान भी प्रदान किया। 
     
  • असहाय विद्यार्थियों के लिए राहत: 29 मार्च को राज्य ने घोषणा की कि वह लॉकडाउन के कारण सिक्किम से बाहर फंसे राज्य के प्रत्येक विद्यार्थी को 5,000 रुपए देगी। 

20 अप्रैल के बाद राहत 

14 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 3 मई, 2020 तक बढ़ाया गया। 15 अप्रैल को गृह मामलों के मंत्रालय ने उन चुनींदा गतिविधियों के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए जिनकी 20 अप्रैल के बाद अनुमति होगी। इन गतिविधियों में स्वास्थ्य सेवाएं, कृषि संबंधी गतिविधियां, वित्तीय क्षेत्र की कुछ गतिविधियां, आंगनवाड़ियों का कामकाज, मनरेगा का काम, और कार्गो मूवमेंट शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कुछ शर्तों के अधीन कमर्शियल और निजी इस्टैबलिशमेंट्स, औद्योगिक इस्टैबलिशमेंट्स, सरकारी कार्यालय और निर्माण कार्यों की भी अनुमति है। सिक्किम सरकार ने इस आधार पर निम्नलिखित कदम उठाए:

  • 19 अप्रैल को राज्य सरकार ने सभी सरकारी और पीएसयू कार्यालयों को निर्देश दिए कि वे 20 अप्रैल से अधिकतम एक तिहाई कर्मचारियों के साथ काम कर सकते हैं। 
     
  • 19 अप्रैल को राज्य सरकार ने निर्देश दिए और कहा कि 20 अप्रैल के बाद मैन्यूफैक्चरिंग इस्टैबलिशमेंट्स, वर्क स्पेस और पब्लिक प्लेस में मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन किया जाए। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ओवरलैपिंग शिफ्ट नहीं होगी, (ii) पालियों में लंच ब्रेक, (iii) साफ सफाई के अच्छे तौर तरीकों का प्रशिक्षण, (iv) अनिवार्य रूप से फेस कवर करना, और (v) शिफ्ट्स के बीच कार्यस्थलों को सैनिटाइज करना। 

कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।

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