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  • कोविड-19 पर दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया (23 अप्रैल, 2020)
राज्यों और राज्य विधानसभाओं

कोविड-19 पर दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया (23 अप्रैल, 2020)

अखिल एन.आर. - अप्रैल 24, 2020

23 अप्रैल को दिल्ली में कोविड-19 के 2,248 मामले दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र और गुजरात के बाद दिल्ली में सबसे अधिक मामले हैं। 22 मार्च को जब मामलों की संख्या 29 थी, दिल्ली सरकार ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च और 3 मई के बीच देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। इस ब्लॉग में हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कोविड-19 से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने अब तक क्या मुख्य कदम उठाए हैं। 

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लॉकडाउन से पहले

8 मार्च को राज्य में कोविड-19 के तीन मामले दर्ज होने के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने होली के दौरान भीड़भाड़ वाली जगहों पर जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया। इसके साथ सरकार ने राज्य में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए अनेक कदम उठाए। इन उपायों में से कुछ इस प्रकार हैं। 

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

वाहनों को डिसइंफेक्ट करना: 11 और 12 मार्च को सरकार ने आदेश दिया कि मिनी बसों, स्कूल बसों और स्कूलों की कैब्स को रोजाना डिसइंफेक्ट किया जाएगा।

दिल्ली महामारी रोग, कोविड-19 रेगुलेशंस, 2020: 12 मार्च को कोविड-19 के छह मामलों के साथ दिल्ली सरकार ने दिल्ली महामारी रोग, कोविड-19 रेगुलेशंस, 2020 को अधिसूचित किया। ये रेगुलेशंस एक साल तक जारी रहेंगे। इनके मुख्य प्रावधानों में निम्नलिखित शामिल हैं:

(i)  सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में डेडिकेटेड फ्लू कॉर्नर्स होने चाहिए।
 

(ii) प्रभावित क्षेत्रों से यात्रा करके आने वाले लोगों के लिए होम क्वारंटाइन, और 

(iii) रेगुलेशंस के अंतर्गत अधिकृत कुछ लोग, राज्य टास्क फोर्स की मंजूरी से कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं, जैसे: (i) किसी भौगोलिक क्षेत्र को सील करना, (ii) वाहनों और लोगों के मूवमेंट को प्रतिबंधित करना, और (iii) कोविड-19 के मामलों की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष निगरानी करना। 

मूवमेंट पर प्रतिबंध

शिक्षण संस्थान: 12 मार्च को सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश दिया। विद्यार्थियों को स्टाफ के साथ परीक्षाएं देने की अनुमति दी गई। हालांकि 19 मार्च को सरकार ने 31 मार्च तक परीक्षाओं को स्थगित करने का आदेश दिया। 

सार्वजनिक जमावड़ा:

  • 13 मार्च को सरकार ने 200 से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध संबंधी आदेश जारी किया जैसे कोई सेमिनार, कॉन्फ्रेंस और इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट मैच। इसके बाद 16 मार्च को 50 लोगों और 19 मार्च को 20 लोगों के जमा होने को प्रतिबंधित किया गया, इसके बाद यह संख्या 12 कर दी गई। 
     
  • 12 से 16 मार्च के बीच सरकार ने आदेश दिया कि 31 मार्च तक सिनेमा हॉल, पब्लिक स्विमिंग पूल, जिम  और नाइट क्लब बंद रहेंगे। 19 और 20 मार्च को स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स और शॉपिंग मॉल्स भी बंद करने का आदेश दिया गया। 

रेस्त्रां और निजी इस्टैबलिशमेंट्स: 19 मार्च को आदेश दिया गया कि सभी रेस्त्रां 31 मार्च तक सिटिंग अरेंजमेंट बंद रखेंगे। निजी इस्टैबलिशमेंट्स को आदेश दिया गया कि वे अपने कर्मचारियों को 31 मार्च तक घर से काम करने को कहें। 

दिल्ली-काठमांडो बस सेवा: 20 मार्च को सरकार ने दिल्ली-काठमांडो बस सेवा, जिसे आधिकारिक रूप से मैत्री बस सेवा कहा जाता है, को रद्द कर दिया। 

लॉकडाउन के दौरान

22 मार्च को मामलों की संख्या 29 हो गई और दिल्ली सरकार ने 31 मार्च तक राज्य में लॉकडाउन की घोषणा  कर दी। लॉकडाउन में निम्नलिखित शामिल है: (i) सार्वजनिक बस सेवाओं को रद्द करना, (ii) हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं को सील करना, (iii) दिल्ली आने वाली सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द करना, और (iv) किसी सार्वजनिक स्थान पर पांच से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध। इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च और 14 अप्रैल के बीच देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया जिसे फिर 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। 

20 अप्रैल से केंद्र सरकार ने देश के कम प्रभावित जिलों में कुछ गतिविधियों के लिए अनुमति दी है। लेकिन दिल्ली सरकार ने 19 अप्रैल को घोषणा की कि दिल्ली में लॉकडाउन से कोई राहत नहीं दी जाएगी, जब तक कि 27 अप्रैल को दूसरा व्यापक विश्लेषण नहीं किया जाता।

कल्याणकारी उपाय

दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन के दौरान लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए अनेक कल्याणकारी उपायों की घोषणा की। मुख्य उपायों में निम्नलिखित शामिल हैं:

नाइट शेल्टर: दिल्ली शहरी शेल्टर सुधार बोर्ड नाइट शेल्टरों में रहने वाले बेघर लोगों को मुफ्त भोजन दे रहा है। 25 मार्च को हंगर हेल्पलाइन शुरू की गई जोकि जरूरतमंद लोगों को भोजन के लिए नजदीकी नाइट शेल्टर के बारे में बताती है।

हंगर राहत केंद्र: 26 मार्च को सरकार ने जिला मेजिस्ट्रेट्स को निर्देश दिया कि वे हर म्युनिसिपल वॉर्ड में कम से कम दो हंगर राहत केंद्र शुरू करें जोकि हर दिन दो बार (दोपहर और रात को) 500 भोजन प्रदान करें।  

वित्तीय सहायता: सरकार ऑटो, टैक्सी और ई-रिक्शा चालकों को 5,000 रुपए की वन-टाइम सहायता प्रदान कर रही है। 

परिवार के सदस्यों को मुआवजा: दिल्ली सरकार कोविड-19 के कारण मौत का शिकार होने वाले अपने कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देगी। 

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

अतिरिक्त मैनपावर: 24 मार्च को सरकार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत अस्पतालों और संस्थानों को आदेश दिया कि वे ऑउटसोर्स्ड सेवाओं जैसे सैनिटेशन, सुरक्षा और नर्सिंग असिस्टेंट्स में 25% तक अतिरिक्त मैनपावर जुटाएं। 

मास्क पहनना अनिवार्य: 8 अप्रैल को सरकार ने सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयों, जमावड़ों, बैठकों और व्यक्तिगत वाहनों में सभी लोगों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया। 

पेड क्वारंटाइन फेसिलिटी को चिन्हित करना: 13 अप्रैल को सरकार ने सभी जिला मेजिस्ट्रेट्स को आदेश दिया कि वे अपने जिलों में पेड क्वारंटाइन फेसिलिटीज़ को चिन्हित करें ताकि उन लोगों को यह सुविधा मुहैय्या कराई जा सके जोकि कीमत चुकाकर निजी केंद्रों का इस्तेमाल करना चाहते हैं। 

मल्टी सेक्टोरल डेडिकेटेड टीम का गठन: 13 अप्रैल को सरकार ने प्रत्येक बूथ में कोरोना फुट वारियर एंड कंटेनमेंट टीम के गठन के आदेश दिए। सरकार उनके जरिए जमीनी स्तर का हस्तक्षेप बढ़ाना चाहती है। 

हेल्पलाइन का गठन: 17 अप्रैल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने लोगों की कोविड-19 संबंधी शिकायतें और अनुरोध सुनने के लिए एक डेडिकेटेड 24X7 व्हॉट्सएप नंबर शुरू किया। 

मीडिया संबंधी उपाय

सरकार ने कोविड-19 से संबंधित फेक न्यूज को फैलने से रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए:

  • 1 अप्रैल को सरकार ने सूचना एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक को आदेश दिया कि वह प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में फेक न्यूज पर नियमित रूप से निगरानी रखे। उसे 3 अप्रैल को दिल्ली की फैक्ट चेक यूनिट के नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया।    
  • 20 अप्रैल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों को आदेश दिया कि वे एक मीडिया सेल बनाएं। यह सेल सोशल मीडिया और न्यूज मीडिया पर अस्पतालों के कामकाज के बारे में फेक न्यूज पर नजर रखेगी। 

कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें। 

 
States and State Legislatures

कोविड-19 पर केरल सरकार की प्रतिक्रिया (30 जनवरी, 2020- 22 अप्रैल, 2020)

Anoop Ramakrishnan - अप्रैल 22, 2020

17 जनवरी, 2020 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 के संकट को स्वीकार किया, जोकि चीन में फैल रहा था। 30 जनवरी, 2020 को केरल में सबसे पहले कोविड-19 पॉजिटिव मरीज की पुष्टि हुई। 11 मार्च, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को विश्वव्यापी महामारी घोषित किया। इस ब्लॉग में इस महामारी के प्रतिक्रियास्वरूप केरल सरकार द्वारा किए गए मुख्य नीतिगत उपायों का सारांश प्रस्तुत किया जा रहा है।

22 अप्रैल, 2020 तक केरल में कोविड-19 के 427 पुष्ट मामले थे जिनमें से 307 लोग रिकवर हो चुके थे (देश में रिकवरी की सबसे अधिक दर)। राज्य में अब तक सिर्फ तीन मौतें दर्ज की गई हैं।

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 लॉकडाउन से पहले की अवधि: रोकथाम के लिए शुरुआती उपाय 

चीन के वुहान से लौटने वाले व्यक्ति में कोविड-19 की पुष्टि के बाद राज्य का शुरुआती कदम यह था कि चीन से आने वाले सभी यात्रियों और उनके संपर्क में आने वालों की जांच की जाए, उन्हें चिन्हित किया जाए और संकट आधारित वर्गीकरण किया जाए। 2 और 3 फरवरी को दो और मामलों के बाद सरकार ने राज्य में हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा कर दी। 

इसके बाद एक हेल्थ एडवाइजरी जारी की गई जिसमें कहा गया कि 15 जनवरी, 2020 के बाद वुहान से लौटने वाले सभी यात्रियों को ट्रैक और चिन्हित किया जाएगा और उनकी जांच की जाएगी। ऐसे यात्रियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को 28 दिनों तक आइसोलेशन में रखा जाएगा। इस एडवाइजरी में सभी लॉजिंग इस्टैबलिशमेंट्स को निर्देश दिया गया कि वे कोरोना प्रभावित देशों की ट्रैवल हिस्ट्री वाले यात्रियों का एक रजिस्टर बनाएं। ऐसी एडवाइजरी विदेशों से लौटने वाले विद्यार्थियों के लिए भी जारी की गई। इसके बाद तत्काल कोई पुष्ट मामला न मिलने के बाद 12 फरवरी को राज्य ने हेल्थ इमरेंजसी की एडवाइजरी वापस ले ली। हालांकि उच्च स्तर पर प्रतिक्रिया और निगरानी जारी रखी गई। 

संक्रमण का दूसरा दौर

मार्च की शुरुआत में संक्रमण के दूसरे दौर के बाद सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कई उपाय किए। ये इस प्रकार हैं:

  • स्वास्थ्य संबंधी उपाय: कोविड-19 के मरीजों के क्लिनिकल प्रबंधन से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए गए जिसमें जांच, क्वारंटाइन, अस्पताल में दाखिला और डिस्चार्ज शामिल हैं। 
     
  • एयरपोर्ट सेफ्टी प्रोटोकॉल तथा राज्य में आने और जाने वाले विदेशी नागरिकों की जांच से संबंधित निर्देश जारी किए गए। सभी विदेशी लोगों को आने पर, भले ही उनमें कोई लक्षण न हों, आइसोलेशन में रखा गया, जब तक उनकी जांच रिपोर्ट उपलब्ध न हो जाए।
     
  • इसके अतिरिक्त मॉल्स, शॉपिंग सेंटर्स और सैलून्स को सोशल डिस्टेंसिंग और साफ सफाई के नियम जैसे सैनिटाइजर के इस्तेमाल से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए गए।  
     
  • आवाजाही पर प्रतिबंध: सभी नॉन मेडिकल शिक्षण संस्थानों, जिनमें आंगनवाड़ी और मदरसे शामिल हैं, को तत्काल 31 मार्च तक बंद कर दिया गया और 1-7 तक की कक्षाओं की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया। 8 और उससे ऊपर की कक्षाओं की परीक्षाएं नियत समय पर होनी थीं। विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को भी 31 मार्च तक स्थगित कर दिया गया। 
     
  • सरकारी विभागों को कहा गया कि वे अपने कर्मचारियों के काम के घंटों से संबंधित अस्थायी प्रबंध करें। अधिकारियों को प्रवासी श्रमिकों के कल्याण हेतु उपाय करने का निर्देश दिया गया।
     
  • प्राइवेट इस्टैबलिशमेंट्स को भी काम के घंटों, सुरक्षा उपायों और कर्मचारियों की छुट्टियों से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए गए। 
     
  • प्रशासनिक उपाय: 17 मार्च को कोविड-19 को अधिसूचित आपदा घोषित किया गया जिससे उसके लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से धनराशि प्राप्त हो सके। एसडीआरएफ अधिसूचित आपदाओं से निपटने हेतु राज्य सरकारों के पास उपलब्ध प्राथमिक कोष है। आपदा को अधिसूचित करने से राज्य उक्त आपदा से लड़ने के लिए एसडीआरएफ से अधिक खर्च कर सकते हैं।
     
  • कोविड-19 के लिए समन्वित प्रयास करने हेतु सरकार ने सभी विभागों में कोविड-19 सेल्स बनाने का निर्देश दिया। सरकारी अधिकारियों से बैठकें और निरीक्षण न करने को कहा गया। 
     
  • स्थानीय स्वशासन संस्थानों को विभिन्न भूमिकाएं और जिम्मेदारियां सौंपी गईं। इनमें निम्नलिखित शामिल था: (i) जागरूकता अभियान जैसे ब्रेक द चेन चलाना, (ii) सैनिटाइजेशन और स्वच्छता अभियान चलाना, (iii) घर में आइसोलेटेड/क्वारंटाइन में रहने वाले लोगों तक नियमित पहुंच बनाना, (iv) जिम्मेदारियों को संभालने के लिए कमिटी सिस्टम को एक्टिवेट करना, (v) अनिवार्य वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना, (vi) रिस्पांस मैकेनिजम को वर्गीकृत करना और उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करना, जैसे मैटीरियल रिसोर्स, स्वयंसेवी, मेडिकल संसाधन इत्यादि, और (vii) अति संवेदनशील लोगों पर विशेष ध्यान देना, जैसे वरिष्ठ नागरिक, और दूसरी बीमारियों वाले लोग या ऐसे लोग जिनका विशेष उपचार हो रहा है। 

लॉकडाउन की अवधि

23 मार्च को केरल ने 31 मार्च तक के लिए राज्य व्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। एक दिन बाद केंद्र सरकार ने देश व्यापी 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की।  

राज्य के आदेश के अनुसार निम्नलिखित प्रतिबंध लगाए गए: (i) सभी प्रकार की यात्री परिवहन सेवाओं को बंद करना, (ii) पांच से अधिक लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध और (iii) सभी कमर्शियल इस्टैबलिशमेंट्स, कार्यालयों और कारखानों को बंद करना, सिर्फ उन्हें छोड़कर जिन्हें छूट दी गई है। सिर्फ अनिवार्य वस्तुओं की खरीद या मेडिकल इमरजेंसी हेतु टैक्सी, ऑटो या निजी वाहनों के इस्तेमाल की अनुमति दी गई। अनिवार्य वस्तुओं या सेवाओं को प्रदान करने वाले इस्टैबलिशमेंट्स, जैसे बैंक, मीडिया, टेलीकॉम सेवा, पेट्रोल पंप और अस्पतालों को काम करने की अनुमति दी गई। 

15 अप्रैल को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया। लॉकडाउन की अवधि के दौरान सरकार के कुछ उपाय निम्नलिखित हैं: 

प्रशासनिक उपाय

  • विभिन्न विभागों के सदस्यों वाला एक राउंट द क्लॉक वॉर रूम बनाया गया जिससे कोविड-19 से संबंधित सभी रोकथामकारी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। 
     
  • कोविड-19 से संबंधित फेक न्यूज के खतरे की निगरानी करने और उससे निपटने के लिए कोरोना मीडिया सेल बनाया गया। 
     
  • चूंकि विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा था, इसलिए 26 मार्च के केरल के राज्यपाल ने केरल महामारी रोग अध्यादेश, 2020 को जारी किया। यह अध्यादेश राज्य सरकार को यह अधिकार देता है कि वह महामारी के संकट से निपटने के लिए जरूरी उपाय करे और रेगुलेशंस को निर्दिष्ट करे। यह अध्यादेश के अंतर्गत दिए गए आदेशों का उल्लंघन करने पर लोगों को सजा देने का प्रावधान भी करता है। 

स्वास्थ्य उपाय

  • उपचार संबंधी दिशानिर्देश: 26 मार्च को सरकार ने पूरे राज्य को कोविड-19 प्रभावित घोषित किया। 24 मार्च को कोविड-19 के मामलों की जांच और उपचार के लिए क्लिनिकल दिशानिर्देश जारी किए गए। एक हफ्ते बाद आइसोलेशन/क्वारंटाइन और जांच के लिए सरल मैट्रिक्स जारी किया गया। 
     
  • निम्नलिखित के लिए एडवाइजरी जारी की गई: (i) गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व और प्रसव उपरांत देखभाल, (ii) बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण को रोकना और फिर शुरू करना, (iii) टीबी के मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवा की निरंतरता सुनिश्चित करना, और (iv) एल्कोहल यूज डिसऑर्डर्स का प्रबंधन।
     
  • जांच: जांच से संबंधित नियमित दिशानिर्देश जारी किए गए। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं (i) रैपिड डायग्नॉस्टिक किट्स के इस्तेमाल पर एडवाइजरी, (ii) ऐसी रैपिड किट्स को विकसित करने को सैद्धांतिक मंजूरी, और (iii) निजी क्षेत्र द्वारा एंटीबॉडी टेस्टिंग के लिए दिशानिर्देश। 
     
  • रिसोर्स मैनेजमेंट: पुष्ट मामलों के बढ़ने पर निजी अस्पतालों को कोविड-19 अस्पताल में बदलने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए। 31 मार्च को रिटायर होने वाले मेडिकल प्रोफेशनल्स की कार्यावधि को 30 जून तक बढ़ाया गया। हेल्थ इंस्पेक्टर्स के अस्थायी भर्ती संबंधी उपाय किए गए। 
     
  • फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कोविड-19 अस्पतालों में मानव संसाधन प्रबंधन हेतु दिशानिर्देश जारी किए गए। 
     
  • इसके अतिरिक्त अगले चरण की प्रतिक्रिया की तैयारी के लिए सरकार ने निम्नलिखित जारी किए (i) सामुदायिक संक्रमण को चिन्हित करने के दिशानिर्देश और (ii) हॉटस्पॉट्स को चिन्हित करने के मानदंड। 

अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं

  • 25 मार्च को राज्य ने केरल अनिवार्य सेवा रखरखाव एक्ट, 1994 के अंतर्गत अनिवार्य सेवाओं की सूची घोषित की।
     
  • उन सेवाओं को लॉकडाउन से छूट दी गई, जिन्हें बाद में अनिवार्य माना गया। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) डिपार्टमेंटल स्टोर्स सहित दुकानें और बेकरी, (ii) ऑनलाइन फूड डिलिवरी, (iii) अनिवार्य वस्तुओं की डिलिवरी करने वाली पार्सल सेवाएं, (iv) ऑटोमोबाइल सर्विस करने वाली वर्कशॉप्स, (v) रविवार को मोबाइल फोन, कंप्यूटर की दुकानें और सर्विस सेंटर्स, और (vi) घरों और फ्लैट्स में मरम्मत का काम करने वाले प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन।
     
  • 3 अप्रैल को कुदुम्बश्री और स्थानीय स्वशासन (एलएसजी) के तत्वावधान में सामुदायिक किचन शुरू करने के आदेश दिए गए। कुदुम्बश्री नामक कार्यक्रम को केरल सरकार गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तीकरण हेतु संचालित करती है। 20 अप्रैल को राज्य के 14 जिलों की 249 पंचायतों में 339  सामुदायिक किचन चलाए जा रहे थे। 4 से 20 अप्रैल, 2020 तक इन किचन्स से कुल 5,91,687 भोजन (मील) दिए जा चुके हैं। सरकार ने एलएसजीज़ को निर्देश दिए कि किचन के लिए स्वयंसेवियों को काम पर रखें और उन्हें 400 रुपए (एक बार की सेवा के लिए) या 650 रुपए (पूरे दिन के लिए) का मानदेय चुकाएं।

कल्याणकारी उपाय

  • एसडीआरएफ नियमों के अंतर्गत कोविड-19 की राहत एवं प्रतिक्रिया संबंधी गतिविधियों के लिए स्वास्थ्य विभाग धनराशि जारी करता है। 
     
  • प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को कोविड-19 के प्रकोप को नियंत्रित करने और उसकी रोकथाम हेतु 50 लाख रुपए आबंटित किए गए। 
     
  • निम्नलिखित को वित्तीय सहायता मंजूर की गई (i) मछुआरों, (ii) आर्टिस्ट्स, (iii) लॉटरी एजेंट और विक्रेता, और (iii) हाथियों और दूसरे पशुओं की देखभाल करने के लिए। 
     
  • लॉकडाउन संबंधी बेरोजगारी और कठिनाइयों का सामना करने वाले लोगों के लिए 2000 करोड़ की लागत वाली मुख्यमंत्री हेल्पिंग हैंड लोन योजना की घोषणा की गई। इस योजना को कुदुम्बश्री के तत्वावधान में निकटस्थ समूहों द्वारा लागू किया जाएगा। 

 लॉकडाउन बाद की रणनीतियां – लॉकडाउन के प्रतिबंधों से छूट देने वाली रणनीतियां 

  • एक्सपर्ट कमिटी: 4 अप्रैल को सरकार ने एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया और 6 अप्रैल को कमिटी ने लॉकडाउन के बाद के रेगुलेशंस के दिशानिर्देशों पर अपनी रिपोर्ट सौंपी। कमिटी ने सशर्त तीन चरणीय रणनीति का सुझाव दिया जिसमें जिले कार्यान्वयन की इकाई हैं। निम्नलिखित मानदंडों के आधार पर प्रत्येक चरण में उत्तरोतर प्रतिबंधों में ढिलाई दी जाएगी जैसे (i) नए पुष्ट मामलों की संख्या, (ii) घरों में निगरानी में रखे गए लोगों की संख्य में वृद्धि/गिरावट का प्रतिशत, और (iii) हॉटस्पॉट्स का ना उभरना। 
     
  • रोकथाम संबंधी दिशानिर्देश: लॉकडाउन के 3 मई तक बढ़ने के बाद राज्य ने रोकथाम के दिशानिर्देशों में संशोधन किए जिसमें मामलों की संख्या और बीमारी के जोखिम के आधार पर जिलों को चार जोन्स में बांटने का सुझाव दिया गया। इन जोन्स, रेड, ऑरेंज ए, ऑरेंज बी और ग्रीन- में अलग-अलग, ग्रेडेड प्रतिबंध होंगे, रेड में 3 मई तक लॉकडाउन के रूप में कड़े प्रतिबंध होंगे। ऑरेंज ए और बी जोन्स में क्रमशः 24 और 20 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा और फिर उसके बाद आंशिक प्रतिबंध रहेंगे। ग्रीन जोन्स में 20 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा और इसके बाद प्रतिबंधों में ढिलाई दी जाएगी। 
     
  • इस आदेश के बाद राज्य ने औद्योगिक इकाइयों को कामकाज शुरू करने के संबंध में एडवाइजरी  जारी की। उन्हें कुछ मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करना होगा, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) परिसरों, मशीनरी और वाहनों का डिसइंफेक्शन करना, (ii) विशेष परिवहन सुविधाएं प्रदान करना, और वाहनों को 30-40% क्षमता के साथ चलाना, (iii) लोगों की अनिवार्य थर्मल स्कैनिंग करना, (iv) स्वच्छता एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना, जिसमें एलिवेटर की क्षमताओं की सीमा तय करना और मीटिंग्स में लोगों की संख्या तय करना शामिल है, (v) अनिवार्य रूप से श्रमिकों का कोरोना संबंधी बीमा करना, (vi) सीसीटीवी का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करना, और (vii) निकटवर्ती कोविड-19 अस्पतालों की सूची तैयार करना। 

कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।

 
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