22 मार्च को बिहार में नए कोरोनावायरस रोग (कोविड-19) के पहले दो मामले दर्ज किए गए जिनमें से एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद से मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 19 अप्रैल तक बिहार में कोविड-19 के 86 पुष्ट मामले हैं जिनमें से 47 सक्रिय मामले हैं और 37 लोग ठीक हो गए हैं। पिछले हफ्ते 33 नए मामले दर्ज किए गए हैं। 22 मार्च से एक मौत और दर्ज की गई है।
बीमारी के अत्यधिक संक्रामक होने के कारण 22 मार्च को बिहार सरकार ने 31 मार्च तक राज्यव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च और 14 अप्रैल के बीच राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया जो अब 3 मई तक बढ़ गया है। लॉकडाउन के दौरान लोगों के मूवमेंट पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं के अतिरिक्त सभी इस्टैबलिशमेंट्स बंद किए गए हैं। अब 20 अप्रैल के बाद कम प्रभावित जिलों में प्रतिबंधों में ढिलाई की उम्मीद है।
इस ब्लॉग में हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कोविड-19 से निपटने के लिए राज्य सरकार ने अब तक क्या मुख्य कदम उठाए हैं।
प्रारंभिक चरण: यात्रियों की स्क्रीनिंग, निवारक उपायों के संबंध में जागरूकता
राज्य सरकार ने शुरुआत में निम्नलिखित कदम उठाए: (i) बीमारी के निवारक उपायों के संबंध में जागरूकता फैलाना, और (ii) अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग। इस संबंध में 25 फरवरी को बिहार स्वास्थ्य सोसायटी ने निम्नलिखित से संबंधित एडवाइजरीज़ जारी कीं: (i) स्कूलों और कॉलेजों में क्या उपाय किए जाएंगे, और (ii) लक्षण वाले एयरलाइन यात्रियों और पर्यटकों की जानकारी जिला स्वास्थ्य प्रशासन को दी जाएगी। 11 मार्च को 104 कॉल सेंटर को कोविड-19 के कंट्रोल रूम के तौर पर नामित किया गया ताकि बीमारी के संबंध में लोगों के सवालों के जवाब दिए जा सकें।
लॉकडाउन से पूर्व: सामूहिक जमावड़े की सीमा तय, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की लामबंदी
सामूहिक जमावड़े की सीमा तय
13 से 18 मार्च के बीच राज्य सरकार ने आदेश जारी किया कि 31 मार्च तक विभिन्न परिसरों को बंद किया जाए। इनमें आंगनवाड़ी केंद्र, शिक्षण संस्थान, और सिनेमा हॉल, पार्क तथा शॉपिंग मॉल जैसे कमर्शियल इस्टैबलिशमेंट्स शामिल थे। सरकारी कर्मचारियों को वैकल्पिक दिनों पर कार्यालय आने का निर्देश दिया गया। किसी एक स्थान पर 50 से ज्यादा लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध लगाया गया जिसमें कोई पारिवारिक जमावड़ा भी शामिल था (शादियों को छोड़कर)। परिवहन विभाग को कहा गया कि सार्वजनिक और निजी परिवहन को प्रतिबंधित किया जाए।
स्वास्थ्य संबंधी उपाय
कल्याणकारी उपाय
अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं
लॉकडाउन के दौरान कल्याणकारी उपाय, मेडिकल संरचना को मजबूत करना
22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणै के बाद राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय समन्वय समितियों का गठन किया गया। लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने निम्नलिखित उपाय किए: (i) राज्य में मेडिकल संरचना को मजबूत करना, (ii) इस दौरान प्रभावित होने वाले विभिन्न वर्गों को राहत पहुंचाना, और (iii) अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई से जुड़ी समस्याओं को दूर करना।
स्वास्थ्य संबंधी उपाय
कल्याणकारी उपाय
व्यापारिक और कृषि गतिविधियों के लिए उपाय
अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं
अन्य उपाय
शिक्षा: 8 अप्रैल को कैबिनेट ने कक्षा 1 से 11 (कक्षा 10 को छोड़कर) के सभी विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षाओं के बिना अगली कक्षाओं में भेजने को मंजूरी दे दी।
विधायी उपाय: एमएलए और एमएलसी के वेतन में एक वर्ष के लिए 15% की कटौती गई गई। यह राशि राज्य के कोरोना राहत कोष में दान दी जाएगी।
श्रम और रोजगार: 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने सात निश्चय कार्यक्रम, जल जीवन हरियाली योजना और मनरेगा के अंतर्गत लोक निर्माण के कार्य बहाल करने के निर्देश जारी किए।
कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।
22 अप्रैल, 2020 तक सिक्किम में कोविड-19 के कोई पुष्ट मामले नहीं हैं। 21 अप्रैल, 2020 को सिक्किम से 87 सैंपलों को टेस्टिंग के लिए भेजा गया। इनमें से 80 की रिपोर्ट कोविड के लिए नेगेटिव आई और सात सैंपलों के नतीजों का अभी इंतजार है। राज्य ने वायरस को फैलने से रोकने और उनसे प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए कई नीतिगत फैसलों की घोषणा की है। इस ब्लॉग में हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कोविड-19 से निपटने के लिए सिक्किम सरकार ने 22 अप्रैल, 2020 तक क्या मुख्य कदम उठाए हैं।
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से पहले की प्रतिक्रिया
16 मार्च को राज्य सरकार ने भारत में संदिग्ध मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर कुछ निर्देशों को अधिसूचित किया जोकि 15 अप्रैल, 2020 तक लागू थे। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) राज्य में सभी घरेलू और विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, (ii) सभी शिक्षण संस्थानों और आंगनवाड़ियों को बंद करना, (iii) मनोरंजक केंद्रों, जैसे कैसिनो, जिम और सिनेमा के प्रयोग पर प्रतिबंध, (iv) राज्य में सभी विजिटर्स के लिए पांच में से तीन चेक पोस्ट्स (बॉर्डर ओपनिंग) को बंद करना और दो अन्य को मेडिकल और पुलिस टीमों के लिए खोलना, और (v) निजी उद्योगों को राज्य के बाहर से प्रवासी श्रमिकों को लाने से प्रतिबंधित करना और एक स्थान पर बड़ी संख्या में श्रमिकों की मौजूदगी से बचना।
19 मार्च को राज्य में पांच से अधिक लोगों के जमा होने को 15 अप्रैल, 2020 तक के लिए प्रतिबंधित किया गया। सरकार ने 19 मार्च को सभी गैर अनिवार्य कार्यों को रद्द करने का आदेश दिया। सभी अनिवार्य वस्तुओं जैसे खाद्यान्न, सब्जियों, सैनिटाइजर्स और मास्क्स की सप्लाई की अनुमति दी गई। इसके अतिरिक्त संदिग्ध मामलों को चिन्हित करने के लिए सब डिविजिनल टास्क फोर्स के गठन का आदेश दिया गया।
22 मार्च को सरकार ने 15 अप्रैल, 2020 तक ऑड-ईवन आधार पर निजी वाहनों, टू-व्हीलर्स और टैक्सियों के इंट्रा-स्टेट मूवमेंट को रेगुलेट किया। ऑन-ईवन का अर्थ है कि नंबर प्लेट के आधार पर वैकल्पिक दिनों पर वाहनों को चलाया जाएगा। सरकार ने 23 मार्च को राज्य के बजट सत्र को दो दिन कम कर दिया।
25 मार्च को केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल तक 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने फिजिकल कंटेनमेंट, स्वास्थ्य, वित्तीय एवं कल्याणकारी उपायों के लिए विभिन्न कदम उठाए। इनका विवरण नीचे पेश किया जा रहा है।
लॉकडाउन के दौरान उपाय
मूवमेंट पर प्रतिबंध
राज्य में अनेक प्रतिबंध लगाए गए। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
अनिवार्य वस्तुओं और सेवाएं
5 अप्रैल को राज्य सरकार ने दुकानों, होटलों, निजी कार्यालयों और कमर्शियल इस्टैबलिशमेंट्स इत्यादि को 15 अप्रैल तक बंद रखने का आदेश जारी किया। जिन इस्टैबलिशमेंट्स को कामकाज की अनुमति थी, उनमें कानून प्रवर्तन एजेंसियां, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली और पानी, पेट्रोल पंप और मीडिया शामिल हैं। पीडीएस, राशन की दुकानों, सब्जी, दूध और दवाएं बेचने वाली दुकानों को केवल सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई।
स्वास्थ्य संबंधी उपाय
31 मार्च को सिक्किम सरकार ने बचाव उपाय के रूप में सोचकगैंग स्थित एसटीएनएम अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड्स और उपचार केंद्रों को चिन्हित और स्थापित किया। सरकार ने कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए अपने नागरिकों को निर्देश भी जारी किए। इनमें सोशल डिस्टेंसिंग, और उचित साफ सफाई बरकरार रखना शामिल है।
18 अप्रैल को राज्य सरकार ने सभी लोगों, विद्यार्थियों, शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु एप्लीकेशन को इंस्टॉल करना अनिवार्य किया। भारत सरकार ने 2 अप्रैल, 2020 को एक मोबाइल एप आरोग्य सेतु को लॉन्च किया है जिसके जरिए लोग कोविड-19 के संक्रमण के जोखिम का आकलन कर सकते हैं। यह एप कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए ब्ल्यूटुथ और ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) बेस्ड डिवाइस लोकेशन का इस्तेमाल करता है।
कल्याणकारी उपाय
20 अप्रैल के बाद राहत
14 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 3 मई, 2020 तक बढ़ाया गया। 15 अप्रैल को गृह मामलों के मंत्रालय ने उन चुनींदा गतिविधियों के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए जिनकी 20 अप्रैल के बाद अनुमति होगी। इन गतिविधियों में स्वास्थ्य सेवाएं, कृषि संबंधी गतिविधियां, वित्तीय क्षेत्र की कुछ गतिविधियां, आंगनवाड़ियों का कामकाज, मनरेगा का काम, और कार्गो मूवमेंट शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कुछ शर्तों के अधीन कमर्शियल और निजी इस्टैबलिशमेंट्स, औद्योगिक इस्टैबलिशमेंट्स, सरकारी कार्यालय और निर्माण कार्यों की भी अनुमति है। सिक्किम सरकार ने इस आधार पर निम्नलिखित कदम उठाए:
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