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  • कोविड-19 पर बिहार सरकार की प्रतिक्रिया (19 अप्रैल, 2020 तक)
राज्यों और राज्य विधानसभाओं

कोविड-19 पर बिहार सरकार की प्रतिक्रिया (19 अप्रैल, 2020 तक)

साकेत सूर्य - अप्रैल 19, 2020

22 मार्च को बिहार में नए कोरोनावायरस रोग (कोविड-19) के पहले दो मामले दर्ज किए गए जिनमें से एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद से मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 19 अप्रैल तक बिहार में कोविड-19 के 86 पुष्ट मामले हैं जिनमें से 47 सक्रिय मामले हैं और 37 लोग ठीक हो गए हैं। पिछले हफ्ते 33 नए मामले दर्ज किए गए हैं। 22 मार्च से एक मौत और दर्ज की गई है। 

बीमारी के अत्यधिक संक्रामक होने के कारण 22 मार्च को बिहार सरकार ने 31 मार्च तक राज्यव्यापी लॉकडाउन  की घोषणा की। इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च और 14 अप्रैल के बीच राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया जो अब 3 मई तक बढ़ गया है। लॉकडाउन के दौरान लोगों के मूवमेंट पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं के अतिरिक्त सभी इस्टैबलिशमेंट्स बंद किए गए हैं। अब 20 अप्रैल के बाद कम प्रभावित जिलों में प्रतिबंधों में ढिलाई की उम्मीद है। 

इस ब्लॉग में हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कोविड-19 से निपटने के लिए राज्य सरकार ने अब तक क्या मुख्य कदम उठाए हैं। 

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प्रारंभिक चरण: यात्रियों की स्क्रीनिंग, निवारक उपायों के संबंध में जागरूकता 

राज्य सरकार ने शुरुआत में निम्नलिखित कदम उठाए: (i) बीमारी के निवारक उपायों के संबंध में जागरूकता फैलाना, और (ii) अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग। इस संबंध में 25 फरवरी को बिहार स्वास्थ्य सोसायटी ने निम्नलिखित से संबंधित एडवाइजरीज़ जारी कीं: (i) स्कूलों और कॉलेजों में क्या उपाय किए जाएंगे, और (ii) लक्षण वाले एयरलाइन यात्रियों और पर्यटकों की जानकारी जिला स्वास्थ्य प्रशासन को दी जाएगी। 11 मार्च को 104 कॉल सेंटर को कोविड-19 के कंट्रोल रूम के तौर पर नामित किया गया ताकि बीमारी के संबंध में लोगों के सवालों के जवाब दिए जा सकें। 

लॉकडाउन से पूर्व: सामूहिक जमावड़े की सीमा तय, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की लामबंदी 

सामूहिक जमावड़े की सीमा तय

13 से 18 मार्च के बीच राज्य सरकार ने आदेश जारी किया कि 31 मार्च तक विभिन्न परिसरों को बंद किया जाए। इनमें आंगनवाड़ी केंद्र, शिक्षण संस्थान, और सिनेमा हॉल, पार्क तथा शॉपिंग मॉल जैसे कमर्शियल इस्टैबलिशमेंट्स शामिल थे। सरकारी कर्मचारियों को वैकल्पिक दिनों पर कार्यालय आने का निर्देश दिया गया।  किसी एक स्थान पर 50 से ज्यादा लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध लगाया गया जिसमें कोई पारिवारिक जमावड़ा भी शामिल था (शादियों को छोड़कर)। परिवहन विभाग को कहा गया कि सार्वजनिक और निजी परिवहन को प्रतिबंधित किया जाए। 

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

  • 13 मार्च को सरकार ने निम्नलिखित निर्देश जारी किए: (i) सरकारी अस्पतालों में 100 अतिरिक्त वेंटिलेटर्स की उपलब्धता सुनिश्चित करना, (ii) एम्स, पटना और पीएमसीएच, पटना अस्पतालों में कोविड-19 की टेस्टिंग के लिए व्यवस्था करना, और (iii) स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द करना।
     
  • 13 मार्च को बिहार-नेपाल सीमा के जरिए प्रवेश करने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू की गई। 
     
  • 17 मार्च को स्वास्थ्य विभाग ने महामारी रोग एक्ट, 1897 के अंतर्गत बिहार महामारी रोग कोविड-19 रेगुलेशन, 2020 जारी किया। एक्ट खतरनाक महामारियों के बेहतर रोकथाम का प्रावधान करता है। रेगुलेशन कोविड-19 के मरीजों की स्क्रीनिंग और इलाज के लिए निजी और सरकारी अस्पतालों के लिए प्रोटोकॉल निर्दिष्ट करते हैं। ये जिला प्रशासन को रोकथामकारी उपाय करने का अधिकार देते हैं जिनमें विशिष्ट क्षेत्रों को सील करना और कोविड-19 के मामलों की निगरानी करना शामिल है। ये बुरे इरादे से अफवाह या अपुष्ट सूचनाओं को प्रसारित करने को दंडनीय अपराध बनाते हैं। 

कल्याणकारी उपाय

  • 16 मार्च को मुख्यमंत्री के घोषणा की कि मुख्यमंत्री मेडिकल सहायता कोष बिहार के लोगों के कोविड-19 के इलाज का खर्चा वहन करेगा। इसके अतिरिक्त बिहार सरकार कोविड-19 के कारण मरने वाले व्यक्ति के परिवार को पांच लाख रुपए की सहायता देगी। 
     
  • सरकार ने स्कूलों में मिड-डे मील योजना तथा आंगनवाड़ी केंद्रों में भोजन के स्थान पर प्रत्यक्ष नकद अंतरण प्रदान करने से संबंधित निर्देश जारी किए।  

अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं 

  • 21 मार्च को खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने जिला प्रशासन को बिहार अनिवार्य वस्तु (मूल्य और स्टॉक का प्रदर्शन) आदेश, 1977 के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। आदेश में निर्दिष्ट वस्तुओं के विक्रेताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे लोगों की जानकारी के लिए उन वस्तुओं के स्टॉक और मूल्यों को प्रदर्शित करें। निर्दिष्ट वस्तुओं में खाद्य सामग्री, खाद्य तिलहन और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं। विभाग ने जिला प्रशासन को यह निर्देश भी दिया कि वह इन वस्तुओं की सूची में कोई अन्य वस्तु को शामिल करने का प्रस्ताव भेजें। 

लॉकडाउन के दौरान कल्याणकारी उपाय, मेडिकल संरचना को मजबूत करना

22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणै के बाद राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय समन्वय समितियों का गठन किया गया। लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने निम्नलिखित उपाय किए: (i) राज्य में मेडिकल संरचना को मजबूत करना, (ii) इस दौरान प्रभावित होने वाले विभिन्न वर्गों को राहत पहुंचाना, और (iii) अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई से जुड़ी समस्याओं को दूर करना। 

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

  • 25 मार्च को स्वास्थ्य विभाग ने बिहार कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम का गठन किया जोकि स्वास्थ्य संबंधी सभी कदमों के बीच समन्वय स्थापित करने एवं उन्हें नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है। 
     
  • कंटेनमेंट और उपचार के लिए प्रोटोकॉल: कंटेनमेंट और उपचार संबंधी उपायों हेतु दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन के लिए निर्देश दिए गए। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) आइसोलेशन और क्वारंटाइन केंद्रों का गठन और परिचालन, (ii) क्लस्टर कंटेनमेंट रणनीति के जरिए स्थानीय और सामुदायिक संक्रमण को दूर करने के लिए कंटेनमेंट योजना, (iii) इंफ्लूएंजा के समान रोग (आईएलआई) और गंभीर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (सारी) के लिए निरीक्षण कार्यक्रम, (iv) उपचार/निदान/क्वारंटाइन के दौरान उत्पन्न होने वाले कचरे का निपटान और (v) कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्तियों के निवास और निकटवर्ती क्षेत्रों का सैनिटेशन।
     
  • डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग का अभियान: 14 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने सिवान, बेगुसराय और नालंदा सहित सभी प्रभावित जिलों में डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग अभियान चलाने के निर्देश जारी किए। ऐसे स्क्रीनिंग अभियान सीमा क्षेत्रों के जिलों और कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के निवास के दायरे में आने वाले तीन किलोमीटर क्षेत्र में भी चलाए जाएंगे। 
     
  • मैनपावर बढ़ाना: सरकार ने डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स जैसे मेडिकल प्रोफेशनल्स को स्वयंसेवी बनने का निमंत्रण दिया। उसने जिला प्रशासन को निर्देश भी दिया कि वे सशस्त्र सेवाओं के सेवानिवृत्त डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स को स्वयंसेवी बनाएं। स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों की छुट्टियों को 30 अप्रैल तक के लिए रद्द किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने डेप्युटेड आयुष प्रैक्टीशनर्स को आइसोलेशन और क्वारंटाइन केंद्रों में मदद करने को कहा। 
     
  • कोविड-19 के लिए डेडिकेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर: 5 अप्रैल को कुछ सरकारी अस्पतालों को कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए एक्सक्लूसिव अस्पतालों के रूप में निर्दिष्ट किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने पटना के बड़े निजी अस्पतालों को ओपीडी सेवाएं बंद करने का भी निर्देश दिया। 
     
  • अन्य स्वास्थ्य संबंधी उपाय: 22 मार्च को राज्य सरकार ने सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को इन्सेंटिव के तौर पर एक महीने की बेसिक सैलरी के भुगतान की घोषणा की। 13 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग ने सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट पीने और तंबाकू एवं पान खाने वाले लोगों को थूकने से प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने घोषणा की कि वह निजी क्षेत्र से टेस्ट किट्स खरीदेगी।  

कल्याणकारी उपाय

  • राहत पैकेज: 22 मार्च को सरकार ने लॉकडाउन से प्रभावित लोगों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की। राहत पैकेज की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
  1. सभी राशन कार्ड धारकों को एक महीने का मुफ्त राशन,
     
  2. प्रति राशन कार्ड धारक परिवार को 1,000 रुपए का वन टाइम नकद हस्तांतरण, 
     
  3. वृद्ध लोगों, विधवाओं और विकलांग लोगों सहित सभी पेंशनयाफ्ता लोगों को एडवांस में तीन महीने की पेंशन का भुगतान, और 
     
  4. सभी विद्यार्थियों को बकाया स्कॉलरशिप्स जारी करना। 
  • प्रवासियों की मदद: 26 मार्च को मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रुपए आबंटित किए गए ताकि लॉकडाउन के दौरान देश के अन्य हिस्सों में फंसे हुए प्रवासियों को मदद दी जा सके। 2 अप्रैल को राज्य सरकार ने प्रवासियों को 1,000 रुपए के वन टाइन नकद हस्तांतरण की घोषणा की। 13 अप्रैल को इस उद्देश्य के लिए राहत कोष से अतिरिक्त 50 करोड़ रुपए आबंटित किए गए। प्रवासियों के लिए राहत प्रयासों में समन्वय हेतु राज्य स्तरीय नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया गया। राज्य सरकार बिहार के प्रवासियों की मदद के लिए  HYPERLINK "http://www.prdbihar.gov.in/AdminPanel/Files/PressRelease/2020/237.pdf" दिल्ली में 10 फूड सेंटर्स चला रही है।
     
  • राहत शिविर: 28 मार्च को राज्य सरकार ने सीमा पर राहत शिविर (नेपाल सीमा सहित) शुरू करने का फैसला किया जोकि राज्य में आने वाले लोगों को भोजन, शेल्टर और मेडिकल सहायता प्रदान करेगा। भोजन और शेल्टर देने के लिए सरकारी स्कूल परिसरों में सामुदायिक किचन और राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। 
     
  • बिजली शुल्क: 8 अप्रैल को राज्य कैबिनेट ने निम्नलिखित प्रस्तावों को मंजूरी दी: (i) घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली के शुल्क को 10 पैसे प्रति यूनिट कम करना, और (ii) मासिक मीटर फीस की छूट। 

व्यापारिक और कृषि गतिविधियों के लिए उपाय

  • राज्य सरकार ने टैक्सेशन से संबंधित मामलों में व्यापार जगत के लिए कुछ राहत प्रदान की है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: 
  1. जीएसटी के भुगतान की समय सीमा को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून करना, कुछ मामलों में भुगतान में देरी पर कोई ब्याज या जुर्माना नहीं वसूला जाएगा,
     
  2. जीएसटी के पूर्व कर विवादों के लिए वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम की समय सीमा को तीन महीने के लिए बढ़ाना, और
     
  3. कुछ टैक्स डीफॉल्टरों के लिए बैंक खातों को जब्त करने से संबंधित आदेश रद्द करना।
  • 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी किए कि प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसायटी (पीएसीएस) के जरिए गेहूं की खरीद शुरू की जाए। 

अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं

  • विभिन्न विभागों ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि वह अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं की निरंतरता को सुगम बनाए। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं (i) खाद्य सामग्री, (ii) बीज, उर्वरक और अन्य कृषि संबंधी वस्तुएं, (iii) मवेशियों का चारा, और (iv) पेट्रोलियम उत्पाद।  
     
  • 27 मार्च को खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने कुछ वस्तुओं को बिहार अनिवार्य वस्तु (मूल्य और स्टॉक का प्रदर्शन) एक्ट, 1977 के दायरे में शमिल किया। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) गेहूं और गेहूं के उत्पाद, (ii) मास्क और हैंड सैनिटाइजर्स, और (iii) आलू और प्याज।  

अन्य उपाय

शिक्षा: 8 अप्रैल को कैबिनेट ने कक्षा 1 से 11 (कक्षा 10 को छोड़कर) के सभी विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षाओं के बिना अगली कक्षाओं में भेजने को मंजूरी दे दी।  

विधायी उपाय: एमएलए और एमएलसी के वेतन में एक वर्ष के लिए 15% की कटौती गई गई। यह राशि राज्य के कोरोना राहत कोष में दान दी जाएगी। 

श्रम और रोजगार: 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने सात निश्चय कार्यक्रम, जल जीवन हरियाली योजना और मनरेगा के अंतर्गत लोक निर्माण के कार्य बहाल करने के निर्देश जारी किए। 

कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।

 
States and State Legislatures

कोविड-19 महामारी पर उत्तराखंड सरकार की प्रतिक्रिया (मार्च 2020-15 अप्रैल, 2020)

Prachi Kaur - अप्रैल 16, 2020

कोविड-19 के प्रकोप पर केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारों ने भी वायरस की रोकथाम के लिए अनेक नीतिगत फैसलों की घोषणा की है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम उत्तराखंड सरकार के 16 अप्रैल तक के कुछ मुख्य कदमों का सारांश प्रस्तुत कर रहे हैं।

15 अप्रैल, 2020 तक उत्तराखंड में 2,413 सैंपलों को टेस्टिंग के लिए भेजा गया है। इनमें से 37 सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं और 354 सैंपलों के परिणामों की प्रतीक्षा है। 37 पुष्ट मामलों में 9 मरीजों का इलाज हो गया है/उन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है।[1]

मूवमेंट पर प्रतिबंध

कोविड-19 की रोकथाम के लिए उत्तराखंड सरकार ने राज्य में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं।

  • 20 मार्च को स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में सभी पर्यटकों (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय) के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया।[2]  विभाग ने सभी शिक्षण संस्थानों, जिम, स्विमिंग पूल्स, म्यूजियम, सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्रो, और थियेटरों को 31 मार्च तक बंद रखने के आदेश जारी किए।[3]
     
  • 22 मार्च को राज्य ने 31 मार्च तक पूरी तरह से लॉकडाउन की घोषणा की।[4] लॉकडाउन के दौरान प्रतिबंधों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) किसी सार्वजनिक स्थल पर पांच से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध, (ii) टैक्सी और ऑटो रिक्शा सहित सभी सार्वजनिक परिवहन बंद करना, और (iii) सभी दुकानों, कमर्शियल इस्टैबलिशमेंट्स, कार्यालयों और कारखानों को बंद करना। अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करने वाले इस्टैबलिशमेंट्स को लॉकडाउन से छूट दी गई थी। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: पुलिस, मेडिकल और स्वास्थ्य, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, खाद्य, किराने की दुकान, और उनका परिवहन, इत्यादि।4 
     
  • 25 मार्च को केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल तक, 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की।[5] 14 अप्रैल को लॉकडाउन 3 मई, 2020 तक बढ़ा दिया गया।[6]   
     
  • 15 अप्रैल को गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों द्वारा 3 मई तक किए जाने वाले उपायों पर दिशानिर्देश जारी किए।[7] इन दिशानिर्देशों के अनुसार 20 अप्रैल से चुनींदा गतिविधियों की अनुमति होगी ताकि जनता की समस्याओं को दूर किया जा सके। इन गतिविधियों में स्वास्थ्य सेवाएं, कृषि और संबद्ध गतिविधियां, वित्तीय क्षेत्र की कुछ गतिविधियां, आंगनवाड़ियों का कामकाज, मनरेगा का काम, और कार्गो मूवमेंट, इत्यादि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कुछ शर्तों के आधार पर कमर्शियल और निजी इस्टैबलिशमेंट्स, औद्योगिक इस्टैबलिशमेंट्स, सरकारी कार्यालयों और निर्माण गतिविधियों की अनुमति होगी।7 

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

उत्तराखंड महामारी रोग कोविड-19 रेगुलेशन 2020 

15 मार्च, 2020 को सरकार ने राज्य में कोविड-19 की रोकथाम के लिए उत्तराखंड महामारी रोग कोविड-19 रेगुलेशन 2020 अधिसूचित किया।[8]  रेगुलेशंस की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं: 

  • सभी अस्पतालों (सरकारी और निजी) में कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की स्क्रीनिंग के लिए डेडिकेटेड फ्लू कॉर्नर्स होने चाहिए।
     
  • भ्रामक सूचनाओं के प्रचार से बचा जाना चाहिए। राज्य स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के बिना कोई व्यक्ति या संगठन कोविड-19 से संबंधित सूचना के लिए प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर सकता।    

नागरिकों, स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी विभागों के लिए दिशानिर्देश

राज्य ने वायरस की रोकथाम से संबंधित विभिन्न विषयों पर अनेक दिशानिर्देश और एडवाइजरी जारी की हैं।[9] इन दिशानिर्देशों को नागरिकों, स्वास्थ्य केंद्रों, साथ ही सरकारी विभागों के लिए जारी किया गया है। दिशानिर्देशों में निम्नलिखित शामिल हैं: 

  • नागरिकों के लिए: इनमें वायरस की रोकथाम के लिए जनता द्वारा मास्क के इस्तेमाल से संबंधित दिशानिर्देश, होम क्वारंटाइन के लिए दिशानिर्देश और तंबाकू न खाने से जुड़ी एडवाइजरी शामिल हैं।8   
     
  • स्वास्थ्य केंद्रों के लिए: स्वास्थ्य केंद्रों के लिए दिशानिर्देशों में निम्नलिखित शामिल हैं: सैंपल कलेक्शन, पैकेजिंग और परिवहन संबंधी दिशानिर्देश, संदिग्ध मामलों के लिए संक्रमण का रोकथाम नियंत्रण, कोविड-19 का क्लिनिकल मैनेजमेंट, और कोविड-19 मरीजों के लिए डिस्चार्ज नीति, इत्यादि।8
     
  • सरकार के लिए: सरकारी विभागों के लिए दिशानिर्देशों में निम्नलिखित शामिल हैं: क्लस्टर कंटेनमेंट के लिए दिशानिर्देश, उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन के इस्तेमाल पर एडवाइजरी, और कोविड-19 के लिए क्वारंटाइन की सुविधा से संबंधित दिशानिर्देश।8

प्रशासनिक उपाय

21 मार्च को राज्य सरकार ने मेडिकल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी और छुट्टी पर गए कर्मचारियों को वापस लौटने के आदेश जारी किए।[10]  इसके अतिरिक्त 19 मार्च को राज्य सरकार ने घोषणा की कि पर्यटन विभाग और दूसरे सरकारी उपक्रमों के अंतर्गत आने वाली सभी संपत्तियों और आवासों का प्रशासनिक नियंत्रण संबंधित जिला मेजिस्ट्रेट्स को अस्थायी रूप से दिया जाएगा।[11]  

शिक्षा

21 मार्च को राज्य सरकार ने राज्य बोर्ड परीक्षा पुस्तिकाओं की जांच को स्थगित कर दिया जिसे 1 अप्रैल से 15 अप्रैल, 2020 के बीच जांचा जाना था।[12]  सरकार ने मार्च में आयोजित वन अनुसंधान संस्थान की परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया।[13]  

कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।

 

[1] Dehradun Health Bulletin on Corona Virus Disease (COVID-19), Status as on April 15, 2020 Time: 05:30 PM, Uttarakhand State Control Room COVID -19, Health and Family Welfare, Uttarakhand, http://health.uk.gov.in/files/Corrected-15-04-2020-Health-Bulletin.pdf.

[2] Order No. 48/PS-Secy(H)/2020, Department of Medical, Health and Family Welfare, March 20, 2020, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/427.UK_Advisory_for_Tourists_20_Mar.pdf.

[3] Advisory on social distancing measure in view of spread of COVID-19 disease, Government of Uttarakhand, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/1835.UK_Social_Distancing_Advisory_Uttarakhand.pdf.

[4] Order No. UKHFWS/PS-MDNHM/2019-20/217, Department of Medical, Health and Family Welfare and Medical Education, March 22, 2020, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/432.UK_Order_Lockdown_Mar_22.pdf.

[5] Order No. 1-29/2020-PP, National Disaster Management Authority, March 24, 2020, https://mha.gov.in/sites/default/files/ndma%20order%20copy.pdf.

[6] “PM addresses the nation for 4th time in 4 Weeks in India’s fight against COVID-19” Press Release, Prime Minister’s office, April 14, 2020, https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1614255.

[7] Order No.40-3/2020-DM-I(A), Ministry of Home Affairs, April 15, 2020, https://www.mha.gov.in/sites/default/files/MHA%20order%20dt%2015.04.2020%2C%20with%20Revised%20Consolidated%20Guidelines_compressed%20%283%29.pdf.

[8] Notification No. 370/XXVIII(1)/2020-01(06)/2020, Department of Medical Health and Medical Education, March 15, 2020, http://health.uk.gov.in/files/The_Uttarakhand__Epidemic__Disease__COVID-19_Regulation_2020.pdf.

[9] Website of Department of Medical, Health and Family Welfare, Corona (COVID19) updates, Government of Uttarakhand, last visited on March 16, http://health.uk.gov.in/pages/display/140-novel-corona-virus-guidelines-and-advisory-.

[10] Order No. 1P/Ra0pu0/miscellaneous/1/2018, Department of Medical, Health and Family Welfare, March 19, 2020, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/430.UK_DG-Order-Cancellalation_of_Leave_Health_Workers_21_Mar.pdf.

[11] Order No. 42/Secy Health/2020, Department of Medical, Health and Family Welfare, March 19, 2020, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/1826.UK_Advisory_for_KMVN_and_GMVN_Mar19.pdf

[12] Advisory No. 123/XXIV-B-5/2020/03(01)/2020, Secretary Uttarakhand Government, March 21, 2020, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/429.UK_Advisory_for_Board_Student_of_Uttarakhand_21_Mar.pdf.

[13] Advisory No. 122/XXIV-B-5/2020/03(01)/2020, Secretary Uttarakhand Government, March 21, 2020, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/1828.UK_Advisory_for_Board_Student_of_FRI_Uttarakhand_Mar21.pdf.

 
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