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  • कोविड-19 महामारी पर आंध्र प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया (मार्च 2020-14 अप्रैल, 2020)
राज्यों और राज्य विधानसभाओं

कोविड-19 महामारी पर आंध्र प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया (मार्च 2020-14 अप्रैल, 2020)

अखिल एन.आर. - अप्रैल 14, 2020

विश्व बैंक ने 11 मार्च, 2020 को कोविड-19 को विश्वव्यापी महामारी घोषित किया। केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारों ने भी अपने-अपने राज्यों में वायरस की रोकथाम के लिए अनेक नीतिगत फैसलों की घोषणा की है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आंध्र प्रदेश सरकार के 14 अप्रैल तक के कुछ मुख्य कदमों का सारांश प्रस्तुत कर रहे हैं।

14 अप्रैल, 2020 तक आंध्र प्रदेश में 473 पुष्ट मामले थे। इनमें से 14 मरीजों का इलाज हो गया है/उन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है और 9 लोगों की मृत्यु हो गई है।[1]

मूवमेंट पर प्रतिबंध

कोविड-19 की रोकथाम के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं। 

  • 18 और 19 मार्च को स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किए कि 31 मार्च तक सभी शिक्षण संस्थान और गैर अनिवार्य कमर्शियल इस्टैबलिशमेंट्स, जैसे सिनेमा हॉल, जिम, मॉल और स्विमिंग पूल्स बंद रहेंगे।[2]
     
  • 22 मार्च को राज्य ने 31 मार्च तक पूरी तरह से लॉकडाउन की घोषणा की। किसी सार्वजनिक स्थल पर चार से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध लगाया गया। अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करने वाले इस्टैबलिशमेंट्स को लॉकडाउन से छूट दी गई थी।2 इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च से 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की।[3]  14 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने 3 मई, 2020 तक लॉकडाउन बढ़ाने से संबंधित घोषणा की।[4] 

अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं 

राज्य सरकार ने कुछ अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं जैसे फल, सब्जी, दूध, राशन का सामान, उचित दर की दुकानों के जरिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली, और दवाओं को लॉकडाउन से छूट दी है। सरकार ने अनिवार्य वस्तुओं की कीमतों को तय करने और उन पर निगरानी रखने के लिए ज्वाइंट कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमिटियों का गठन किया है।2 

3 अप्रैल को सरकार ने घोषणा की कि सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा केंद्रों को छह महीने की अवधि के लिए अनिवार्य सेवा माना जाएगा।2  

वित्तीय सहायता

राज्य ने लॉकडाउन के कारण परेशान लोगों के लिए निम्नलिखित कल्याणकारी उपायों की घोषणा की है। 

  • सभी राइस कार्ड होल्डर्स को एक किलो मसूर की दाल, और अप्रैल महीने में निर्धारित चावल मुफ्त दिया जाएगा।2
     
  • सभी राइस कार्ड धारक परिवारों को राशन और सब्जी जैसी अनिवार्य वस्तुओं को खरीदने हेतु 1,000 रुपए दिए जाएंगे।2
     
  • राज्य सरकार वृद्धाश्रम और बाल गृह चलाने वाली गैर सरकारी संस्थाओं को मुफ्त राशन देगी। इस मुफ्त राशन में प्रति व्यक्ति 10 किलो चावल और एक किलो मसूर की दाल शामिल होगी।[5]
     
  • 31 मार्च को राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि वह शहरी क्षेत्रों में विशेष शेल्टर बनाए ताकि राज्य में प्रवासी श्रमिकों और बेघर लोगों को खाना और आश्रय मिल सके।2

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

आंध्र प्रदेश महामारी रोग कोविड-19 रेगुलेशन 2020

13 मार्च, 2020 को सरकार ने राज्य में कोविड-19 की रोकथाम के लिए आंध्र प्रदेश महामारी रोग कोविड-19 रेगुलेशन 2020 अधिसूचित किया। इन रेगुलेशंस के अनुसार, सरकारी और निजी अस्पतालों में डेडिकेटेड कोविड-19 आइसोलेशन की सुविधा होनी चाहिए।2 

जिला और निर्वाचन क्षेत्र के स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर्स की स्थापना

25 मार्च को स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 100 बिस्तरों वाले क्वारंटाइन केंद्र और जिला स्तर पर 200 बिस्तर वाले क्वारंटाइन केंद्र की स्थापना के आदेश जारी किए।[6]  31 मार्च को कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए कुछ अस्पतालों को विशेष अस्पतालों के रूप में नामित किया गया। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) राज्य स्तर पर चार अस्पताल, और (ii) जिला स्तर पर 13 अस्पताल (हर जिले में एक अस्पताल)।2 

सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर प्रतिबंध

12 अप्रैल को सरकार ने एक आदेश जारी किया जिसमें धूम्रपान रहित तंबाकू या चबाने योग्य तंबाकू/गैर तंबाकू उत्पादों को खाने और थूकने तथा सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाया।[7] 

प्रशासनिक उपाय

सरकार ने राज्य के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के वेतन में 100% की कटौती और राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए 10% से 60% तक की कटौती की घोषणा की है।[8]  मेडिकल और स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग के कर्मचारियों और ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकायों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को इस प्रावधान से छूट दी गई है।[9]

कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।

 

[1] COVID-19: Andhra Pradesh, Department of Health, Medical and Family Welfare website, last accessed on April 14, 2020, http://hmfw.ap.gov.in/covid_dashboard.aspx.

[2] Compendium of Instructions, Department of Health, Medical and Family Welfare, Government of Andhra Pradesh,  

http://hmfw.ap.gov.in/COVID-19%20IEC/COMPENDIUM%20OF%20INSTRUCTIONS%20-%20COVID19.pdf.

[3] Order No. 1-29/2020-PP, National Disaster Management Authority, March 24, 2020, https://mha.gov.in/sites/default/files/ndma%20order%20copy.pdf.

[4] “PM addresses the nation for 4th time in 4 Weeks in India’s fight against COVID-19” Press Release, Prime Minister’s office, April 14, 2020, https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1614255.

[5] G.O.RT.No. 58, Department for Women, Children, Differently Abled & Senior Citizens Welfare, Government of Andhra Pradesh, March 29, 2020.

[6] Order No.4/COVID-19/2020, Department of Health, Medical and Family Welfare, Government of Andhra Pradesh, March 25, 2020  http://hmfw.ap.gov.in/COVID-19%20IEC/4.GOI%20Guidelines%20and%20Advisories/InstantOrders/COVID%20INSTANT%20ORDER%20-%204.pdf.pdf.

[7] G.O.RT.No. 237, Department of Health, Medical and Family Welfare, Government of Andhra Pradesh, April 12, 2020.

[8] G.O.Ms.No.:26, Department of Finance, Government of Andhra Pradesh, March 31, 2020. 

[9] G.O.Ms.No.:27, Department of Finance, Government of Andhra Pradesh, April 4, 2020. 

 
States and State Legislatures

कोविड-19 पर महाराष्ट्र सरकार की प्रतिक्रिया (20 अप्रैल, 2020 तक)

Akhil N.R. - अप्रैल 21, 2020

 कोविड-19 के 4,203 पुष्ट मामलों के साथ, महाराष्ट्र में पूरे देश की तुलना में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं (20 अप्रैल, 2020 तक)। इनमें से 507 का इलाज किया जा चुका है और 223 लोगों की मृत्यु हो गई है। इस ब्लॉग में हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कोविड-19 से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अब तक क्या मुख्य कदम उठाए हैं। 

  image

लॉकडाउन से पहले के उपाय

12 मार्च को राज्य में कोविड-19 के 11 मामले दर्ज किए गए। परिणामस्वरूप राज्य सरकार ने कुछ कदम उठाए, जैसे: (i) मरीजों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के लिए तैयारी, और (ii) रोग के अत्यधिक संक्रामक होने के कारण सामूहिक जमावड़ों की सीमा तय करना। लॉकडाउन से पूर्व के कदमों की जानकारी नीचे दी जा रही है।

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

14 मार्च को सरकार ने राज्य में कोविड-19 के प्रसार के निवारण और रोकथाम के लिए महाराष्ट्र कोविड-19 रेगुलेशंस को अधिसूचित किया। इन रेगुलेशंस में निम्नलिखित से संबंधित नियम हैं (i) अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों की स्क्रीनिंग, (ii) प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले लोगों के लिए होम क्वारंटाइन, और (iii) कंटेनमेंट जोन्स में कार्य प्रक्रियाओं का पालन करना, इत्यादि। 

मूवमेंट पर प्रतिबंध

15 मार्च को राज्य में कोविड-19 के 31 मामले थे। सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने आदेश दिया कि सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, जिम, थियेटर और म्यूजियम्स को 31 मार्च तक बंद रखा जाएगा। 

16 मार्च को सभी शिक्षण संस्थानों और हॉस्टल्स को भी 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया। शिक्षकों को घर से काम करने को कहा गया। परीक्षाएं भी 31 मार्च तक के लिए रोक दी गईं। 

प्रशासनिक उपाय

13 मार्च को महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने हेतु उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया। कमिटी की जिम्मेदारियों में निम्नलिखित शामिल हैं (i) राज्य में कोविड-19 की स्थिति की दैनिक समीक्षा, और (ii) विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों को लागू करना। 

17 मार्च को राज्य में कोविड-19 के कारण पहली मृत्यु हुई। 19 मार्च को सरकार ने सरकारी कार्यालयों में बैठकों पर प्रतिबंध लगाया और इन बैठकों के लिए सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देश जारी किए।  

20 मार्च को मुंबई, पुणे और नागपुर में कोविड-19 के प्रसार को देखते हुए सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति को 25% किया गया। इसके बाद 23 मार्च को सरकार ने राज्य में सरकारी कार्यालयों में उपस्थितियों को और कम करके 5% कर दिया। 

लॉकडाउन के बाद के उपाय

कोविड-19 के प्रकोप की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने 23 मार्च को राज्यव्यापी लॉकडाउन लागू कर दिया। 31 मार्च तक लागू इस ल़ॉकडाउन में निम्नलिखित शामिल था: (i) राज्य की सीमाओं को बंद करना, (ii) सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को रद्द करना, और (iii) किसी सार्वजनिक स्थल पर पांच से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध।  

अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई में लगी कंपनियों को इस लॉकडाउन से छूट दी गई। इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च से 14 अप्रैल के बीच राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को लागू किया जोकि अब 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार की इस घोषणा से पहले राज्य सरकार ने 30 अप्रैल तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया था।  

15 अप्रैल को गृह मामलों के मंत्रालय ने राज्य सरकारों को दिशानिर्देश जारी किए थे कि उन्हें 3 मई तक क्या-क्या उपाय करने हैं। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, 20 अप्रैल से कम प्रभावित क्षेत्रों में चुनींदा गतिविधियों की अनुमति होगी ताकि लोगों की परेशानियों को दूर किया जा सके। इन गतिविधियों में निम्नलिखित शामिल हैं (i) कृषि और संबंधित गतिविधियां, (ii) मनरेगा का काम, (iii) निर्माण कार्य, (iv) औद्योगिक इस्टैबलिशमेंट्स, (v) स्वास्थ्य सेवाएं, (vi) वित्तीय क्षेत्र की कुछ गतिविधियां, जोकि कुछ शर्तों के अधीन होगा। 

कल्याणकारी उपाय

लॉकडाउन के कारण लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए राज्य ने कुछ कल्याणकारी उपाय भी किए हैं। ये इस प्रकार हैं:

  • 30 मार्च को स्कूली शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए कि वे लॉकडाउन खत्म होने तक स्कूल की फीस जमा न करें।
     
  • आदिवासी विकास विभाग ने भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अमृत आहार योजना के अंतर्गत आने वाले महिला लाभार्थियों और बच्चों को घर पर भोजन/आहार देने के संबंध में निदेश जारी किए।
     
  • राज्य सरकार ने निजी इस्टैबलिशमेंट्स, उद्योगों और कंपनियों को अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का निर्देश दिया। 
     
  • 7 अप्रैल को राज्य कैबिनेट ने गरीबी रेखा से ऊपर रहने वाले सभी राशन कार्ड धारकों को सब्सिडाइज्ड कीमत पर गेहूं और चावल देने का फैसला किया और यह फैसला भी किया कि अगले तीन महीनों के लिए सभी शिव भोजन केंद्रों में पांच रुपए पर शिव भोजन दिया जाएगा।
     
  • 17 अप्रैल को हाउसिंग विभाग ने अधिसूचना जारी की कि भूमालिक/मकान मालिक तीन महीनों के लिए किराया नहीं लेंगे। इस अवधि के दौरान किराया न देने पर मकान से बेदखल नहीं किया जाएगा। 

प्रशासनिक उपाय

  • 29 मार्च को लोक निर्माण विभाग ने निर्देश जारी किए कि माल परिवहन के लिए पीडब्ल्यूडी और एमएसआरडीसी प्लाजा पर टोल जमा नहीं किया जाएगा। अगले आदेश जारी होने तक इस निर्देश का पालन किया जाएगा। 
     
  • विधायक स्थानीय विकास कार्यक्रम: एमएलएलैड कार्यक्रम के अंतर्गत विधायकों को एमएलएलैड फंड्स के इस्तेमाल के लिए वन टाइम स्पेशल एक्सेप्शन दिया गया है। इस राशि से विधायक 2020-21 के दौरान कोविड-19 के लिए मेडिकल उपकरण और सामग्रियां खरीद सकते हैं। 
     
  • राज्य की अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रभाव का विश्लेषण: 13 अप्रैल को सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रभावों के विश्लेषण के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी और कैबिनेट सब-कमिटी का गठन किया। ये कमिटियां राज्य की अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवित करने के उपाय सुझाएंगी। 

मुंबई शहर से संबंधित आदेश

  • 8 अप्रैल को शहरी प्रशासन ने सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनना अनिवार्य किया। 
     
  • 10 अप्रैल को ग्रेटर मुंबई के पुलिस कमीश्नर ने आदेश जारी किया जिसमें सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्लीकेशंस पर किसी प्रकार की फेक या भ्रामक सूचनाओं पर प्रतिबंध लगाया गया। यह आदेश 24 अप्रैल तक वैध रहेगा।

कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।

 
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