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  • कोविड-19 महामारी पर कर्नाटक सरकार की प्रतिक्रिया (फरवरी 2020-14 अप्रैल, 2020)
राज्यों और राज्य विधानसभाओं

कोविड-19 महामारी पर कर्नाटक सरकार की प्रतिक्रिया (फरवरी 2020-14 अप्रैल, 2020)

अनूप रामकृष्णन - अप्रैल 15, 2020

13 अप्रैल, 2020 तक कर्नाटक में कोविड-19 के 260 पुष्ट मामले हैं। इनमें से 70 मरीज डिस्चार्ज किए जा चुके हैं और 10 की मौत हो गई है।[1] इस बीमारी के प्रकोप की रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने अनेक नीतिगत फैसलों किए हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम कर्नाटक सरकार के 14 अप्रैल तक के कुछ मुख्य कदमों का सारांश प्रस्तुत कर रहे हैं। 

मूवमेंट पर प्रतिबंध

कोविड-19 की रोकथाम के लिए कर्नाटक सरकार ने राज्य में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं:

  • 13 मार्च को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय ने विभिन्न इस्टैबलिशमेंट्स जैसे थियेटर, पब्स, जिम्स, मॉल, स्विमिंग पूल्स, और शिक्षण संस्थानों को 21 मार्च तक बंद करने के आदेश दिए। आदेश में राज्य में आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को 14 दिनों के अनिवार्य होम क्वारंटाइन के निर्देश भी दिए गए।[2] 
     
  • 20 मार्च को उपरोक्त आदेश को संशोधित किया गया और कहा गया कि उक्त इस्टैबलिशमेंट्स को बंद रखने का आदेश 1 अप्रैल तक जारी रहेगा। आदेश में सभी धार्मिक जमावड़ों पर भी प्रतिबंध लगाया गया।[3] 
     
  • इसके अतिरिक्त 23 मार्च को कोविड-19 पॉजिटिव मामलों वाले नौ जिलों में बस सेवाओं की आवाजाही पर 1 अप्रैल तक पूरी तरह से रोक लगा दी गई।[4]
     
  • इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च से 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी।[5] इसके बाद 25 मार्च को बेंगलुरू पुलिस कमीश्नर ने शहर में लोगों की आवाजाही को रेगुलेट करने के लिए पास सिस्टम की घोषणा की।[6] 
     
  • 6 अप्रैल को जिला कलेक्टरों को अंतर-जिला परिवहन पास जारी करने का अधिकार दिया गया।[7]
     
  • 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन को 3 मई, 2020 तक बढ़ाने की घोषणा की।[8] 15 अप्रैल को गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों द्वारा 3 मई तक किए जाने वाले उपायों पर दिशानिर्देश जारी किए। इन दिशानिर्देशों के अनुसार 20 अप्रैल से चुनींदा गतिविधियों की अनुमति होगी ताकि जनता की समस्याओं को दूर किया जा सके। इन गतिविधियों में स्वास्थ्य सेवाएं, कृषि और संबद्ध गतिविधियां, वित्तीय क्षेत्र की कुछ गतिविधियां, मनरेगा का काम, और कार्गो मूवमेंट, इत्यादि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कुछ शर्तों के आधार पर कमर्शियल और निजी इस्टैबलिशमेंट्स, औद्योगिक इस्टैबलिशमेंट्स, सरकारी कार्यालयों और निर्माण गतिविधियों की अनुमति होगी।[9]

अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं 

  • बेंगलुरू शहर में पास सिस्टम ने अनिवार्य वस्तुओं की मैन्यूफैक्चरिंग तथा उन वस्तुओं और सेवाओं को प्रदान करने वाले लोगों की आवाजाही को आसान बनाया।
     
  • 2 अप्रैल को सरकार ने घोषणा की कि वह गरीबों को मुफ्त में दूध का वितरण करेगी।[10]
     
  • 6 अप्रैल को सरकार ने घोषणा की कि अप्रैल महीने का राशन ओटीपी सत्यापन प्रक्रिया के बिना लोगों को दिया जाएगा।[11]

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

कर्नाटक महामारी रोग कोविड-19 रेगुलेशन 2020 

11 मार्च, 2020 को सरकार ने राज्य में कोविड-19 की रोकथाम के लिए कर्नाटक महामारी रोग कोविड-19 रेगुलेशन 2020 अधिसूचित किया। इन रेगुलेशनों में कोविड-19 के मरीजों की स्क्रीनिंग और इलाज के लिए अस्पतालों को प्रॉटोकॉल बताए गए। ये रेगुलेशंस एक साल के लिए वैध होंगे।[12]

रोकथाम संबंधी उपाय

5 फरवरीस 2020 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और आयुष सेवाओं ने कोविड-19 के प्रसार के खिलाफ निवारक उपाय करने के लिए जिला-स्तरीय टीमों के लिए संदर्भ की शर्तें जारी कीं।[13] ये संदर्भ की शर्तें कोविड-19 के प्रबंधन से संबंधित विभिन्न प्रशासनिक और अनुपूरक पहलुओं से संबंधित हैं। इनमें विभिन्न टीमों की गतिविधियां, मानव संसाधन प्रबंधन और जागरूकता फैलाना शामिल है।

इसके बाद 6 अप्रैल, 2020 को विभाग ने सभी जिलों को निर्देश जारी किए कि वे कोविड-19 के आउटब्रेक को रोकने के लिए जिला स्तरीय संकट प्रबंधन योजना तैयार करें।[14]

फीवर क्लिनिक्स, इसोलेशन सेंटर्स इत्यादि बनाना 

4 मार्च को राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को दिशानिर्देश जारी किए कि वे अस्पतालों द्वारा कोविड-19 के मरीजों के लिए 10 बिस्तर वाले आइसोलेशन वॉर्ड बनाना सुनिश्चित करें।[15]  

31 मार्च को सरकार ने कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के लिए फर्स्ट प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट के रूप में फीवर क्लिनिक स्थापित करने के आदेश जारी किए। इन फीवर क्लिनिक्स में एक डॉक्टर, दो नर्स और एक स्वास्थ्य कर्मचारी की कोविड-19 रैपिड रिस्पॉन्स टीम होगी।[16]

कार्मिक उपाय

30 मार्च को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने बेंगलुरू शहर के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की तत्काल नियुक्ति (अनुबंध पर) के लिए आवेदन आमंत्रित किए।[17] इसके बाद 2 अप्रैल को राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त मेडिकल प्रोफेशनलों के कार्यकाल को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून, 2020 तक करने के आदेश जारी किए।[18]

26 मार्च को सभी पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टीशरों को लॉकडाउन के दौरान टेलीमेडिकल सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी गई। टेलीमेडिकल सुविधाएं अवयस्कों, गैर कोविड-19 रोगों और मौजूदा मरीजों के लिए ही उपलब्ध होगी।[19]

कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।

 

[1] Novel Coronavirus (COVID19) Media Bulletin, Karnataka, Department of Health and Family Welfare, last accessed on April 15, 2020, https://karunadu.karnataka.gov.in/hfw/kannada/nCovDocs/14-04-2020(English).pdf

[2] GOK order No. DD/SSU/COVID-19/17/19-20, Directorate of Health and Family Welfare, Government of Karnataka, March 13, 2020,  

https://karunadu.karnataka.gov.in/hfw/kannada/nCovDocs/Notification(Covid-19)-Dir-HFWS.pdf

[3] Revised GOK order No. DD/SSU/COVID-19/17/19-20, Directorate of Health and Family Welfare, Government of Karnataka, March 20, 2020  https://karunadu.karnataka.gov.in/hfw/kannada/nCovDocs/Revised-Order-COVID-19(20-03-2020).pdf

[4] Order No. STA-6/SCP/PR-20/2019-20, Directorate of Transport, Government of Karnataka, March 23, 2020, https://transport.karnataka.gov.in/storage/pdf-files/restrictions.pdf

[5] Order No. 1-29/2020-PP, National Disaster Management Authority, March 24, 2020, https://mha.gov.in/sites/default/files/ndma%20order%20copy.pdf.

[6] Order No.02 / CP-BLR/Covid-19/2020, Commissioner of Police, Bengaluru City, March 25, 2020, https://karnataka.gov.in/storage/pdf-files/covid_rules/Covid_pass.pdf

[7] Order of Chief Secretary, Government of Karnataka, April 6, 2020, https://ksuwssb.karnataka.gov.in/frontend/opt1/images/covid/Orders/IMG-20200406-WA0005.jpg

[8] “PM addresses the nation for 4th time in 4 Weeks in India’s fight against COVID-19” Press Release, Prime Minister’s office, April 14, 2020, https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1614255

[9] No.40-3/2020-DM-I(A), Ministry of Home Affairs, April 15, 2020, https://www.mha.gov.in/sites/default/files/MHA%20order%20dt%2015.04.2020%2C%20with%20Revised%20Consolidated%20Guidelines_compressed%20%283%29.pdf

[10] Proceedings,  Government of Karnataka, April 2, 2020, ,https://ksuwssb.karnataka.gov.in/frontend/opt1/images/covid/Orders/GO%20Free%20Milk%20%20(1).pdf

[11] RD 158 TNR 2020, Government of Karnataka, April 6, 2020, https://ksuwssb.karnataka.gov.in/frontend/opt1/images/covid/Orders/IMG-20200406-WA0015.jpg

[12]Karnataka Epidemic Disease COVID-19 Regulations 2020, Government of Karnataka, March 11, 2020,  https://karunadu.karnataka.gov.in/hfw/kannada/nCovDocs/Exercise-of-Powers-COVID-10(11-03-2020).pdf

[13] No. JRO(1A)/148/2019-20, Department of Health & Family Welfare and AYUSH Services Government of Karnataka, February 5, 2020, https://ksuwssb.karnataka.gov.in/frontend/opt1/images/covid/Circulars/%E0%B2%B8%E0%B3%81%E0%B2%A4%E0%B3%8D%E0%B2%A4%E0%B3%8B%E0%B2%B2%E0%B3%86%20%E0%B3%A8%E0%B3%AA.pdf 

[14]No. HFW 87 ACS 2020 Department of Health & Family Welfare and Medical Education, April 6, 2020, https://karunadu.karnataka.gov.in/hfw/kannada/nCovDocs/Circular-Preparation%20of%20District%20Level%20Crisis%20Management%20Plan%20for%20COVID-19(06-04-2020).pdf

[15]Circular No. HFW 47 CGM 2020 (P), Government of Karnataka, March 3, 2020,   https://karunadu.karnataka.gov.in/hfw/kannada/nCovDocs/Guidelines-Isolation-Ward.pdf

[16]No. HFW 73 ACS 2020, Government of Karnataka, March 31, 2020,    https://karunadu.karnataka.gov.in/hfw/kannada/nCovDocs/Circular-Establishment%20of%20Fever%20Clinic%20and%20Movement%20Protocol%20for%20Suspect%20Cases%20of%20COVID-19(31-03-2020).pdf

[17]No. HFW 71 ACS 2020, Department of Health & Family Welfare and Medical Education, March 30, 2020, https://karunadu.karnataka.gov.in/hfw/kannada/nCovDocs/Order%20-%20Immidiate%20Appointment%20of%20Contract%20Doctors%20in%20BBMP%20(30-03-2020).pdf

[18] No. 40 HSH 2020 (B), Government of Karnataka, April 2, 2020, https://ksuwssb.karnataka.gov.in/frontend/opt1/images/covid/Circulars/Extension%20of%20service%20reg_001.pdf

[19]No. HFW 54 CGM 2020, Government of Karnataka, March 26, 2020,        https://karunadu.karnataka.gov.in/hfw/kannada/nCovDocs/Order-Registered%20Medical%20Practitioners%20(26-03-2020).pdf

 
States and State Legislatures

कोविड-19 पर केरल सरकार की प्रतिक्रिया (30 जनवरी, 2020- 22 अप्रैल, 2020)

Anoop Ramakrishnan - अप्रैल 22, 2020

17 जनवरी, 2020 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 के संकट को स्वीकार किया, जोकि चीन में फैल रहा था। 30 जनवरी, 2020 को केरल में सबसे पहले कोविड-19 पॉजिटिव मरीज की पुष्टि हुई। 11 मार्च, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को विश्वव्यापी महामारी घोषित किया। इस ब्लॉग में इस महामारी के प्रतिक्रियास्वरूप केरल सरकार द्वारा किए गए मुख्य नीतिगत उपायों का सारांश प्रस्तुत किया जा रहा है।

22 अप्रैल, 2020 तक केरल में कोविड-19 के 427 पुष्ट मामले थे जिनमें से 307 लोग रिकवर हो चुके थे (देश में रिकवरी की सबसे अधिक दर)। राज्य में अब तक सिर्फ तीन मौतें दर्ज की गई हैं।

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 लॉकडाउन से पहले की अवधि: रोकथाम के लिए शुरुआती उपाय 

चीन के वुहान से लौटने वाले व्यक्ति में कोविड-19 की पुष्टि के बाद राज्य का शुरुआती कदम यह था कि चीन से आने वाले सभी यात्रियों और उनके संपर्क में आने वालों की जांच की जाए, उन्हें चिन्हित किया जाए और संकट आधारित वर्गीकरण किया जाए। 2 और 3 फरवरी को दो और मामलों के बाद सरकार ने राज्य में हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा कर दी। 

इसके बाद एक हेल्थ एडवाइजरी जारी की गई जिसमें कहा गया कि 15 जनवरी, 2020 के बाद वुहान से लौटने वाले सभी यात्रियों को ट्रैक और चिन्हित किया जाएगा और उनकी जांच की जाएगी। ऐसे यात्रियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को 28 दिनों तक आइसोलेशन में रखा जाएगा। इस एडवाइजरी में सभी लॉजिंग इस्टैबलिशमेंट्स को निर्देश दिया गया कि वे कोरोना प्रभावित देशों की ट्रैवल हिस्ट्री वाले यात्रियों का एक रजिस्टर बनाएं। ऐसी एडवाइजरी विदेशों से लौटने वाले विद्यार्थियों के लिए भी जारी की गई। इसके बाद तत्काल कोई पुष्ट मामला न मिलने के बाद 12 फरवरी को राज्य ने हेल्थ इमरेंजसी की एडवाइजरी वापस ले ली। हालांकि उच्च स्तर पर प्रतिक्रिया और निगरानी जारी रखी गई। 

संक्रमण का दूसरा दौर

मार्च की शुरुआत में संक्रमण के दूसरे दौर के बाद सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कई उपाय किए। ये इस प्रकार हैं:

  • स्वास्थ्य संबंधी उपाय: कोविड-19 के मरीजों के क्लिनिकल प्रबंधन से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए गए जिसमें जांच, क्वारंटाइन, अस्पताल में दाखिला और डिस्चार्ज शामिल हैं। 
     
  • एयरपोर्ट सेफ्टी प्रोटोकॉल तथा राज्य में आने और जाने वाले विदेशी नागरिकों की जांच से संबंधित निर्देश जारी किए गए। सभी विदेशी लोगों को आने पर, भले ही उनमें कोई लक्षण न हों, आइसोलेशन में रखा गया, जब तक उनकी जांच रिपोर्ट उपलब्ध न हो जाए।
     
  • इसके अतिरिक्त मॉल्स, शॉपिंग सेंटर्स और सैलून्स को सोशल डिस्टेंसिंग और साफ सफाई के नियम जैसे सैनिटाइजर के इस्तेमाल से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए गए।  
     
  • आवाजाही पर प्रतिबंध: सभी नॉन मेडिकल शिक्षण संस्थानों, जिनमें आंगनवाड़ी और मदरसे शामिल हैं, को तत्काल 31 मार्च तक बंद कर दिया गया और 1-7 तक की कक्षाओं की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया। 8 और उससे ऊपर की कक्षाओं की परीक्षाएं नियत समय पर होनी थीं। विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को भी 31 मार्च तक स्थगित कर दिया गया। 
     
  • सरकारी विभागों को कहा गया कि वे अपने कर्मचारियों के काम के घंटों से संबंधित अस्थायी प्रबंध करें। अधिकारियों को प्रवासी श्रमिकों के कल्याण हेतु उपाय करने का निर्देश दिया गया।
     
  • प्राइवेट इस्टैबलिशमेंट्स को भी काम के घंटों, सुरक्षा उपायों और कर्मचारियों की छुट्टियों से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए गए। 
     
  • प्रशासनिक उपाय: 17 मार्च को कोविड-19 को अधिसूचित आपदा घोषित किया गया जिससे उसके लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से धनराशि प्राप्त हो सके। एसडीआरएफ अधिसूचित आपदाओं से निपटने हेतु राज्य सरकारों के पास उपलब्ध प्राथमिक कोष है। आपदा को अधिसूचित करने से राज्य उक्त आपदा से लड़ने के लिए एसडीआरएफ से अधिक खर्च कर सकते हैं।
     
  • कोविड-19 के लिए समन्वित प्रयास करने हेतु सरकार ने सभी विभागों में कोविड-19 सेल्स बनाने का निर्देश दिया। सरकारी अधिकारियों से बैठकें और निरीक्षण न करने को कहा गया। 
     
  • स्थानीय स्वशासन संस्थानों को विभिन्न भूमिकाएं और जिम्मेदारियां सौंपी गईं। इनमें निम्नलिखित शामिल था: (i) जागरूकता अभियान जैसे ब्रेक द चेन चलाना, (ii) सैनिटाइजेशन और स्वच्छता अभियान चलाना, (iii) घर में आइसोलेटेड/क्वारंटाइन में रहने वाले लोगों तक नियमित पहुंच बनाना, (iv) जिम्मेदारियों को संभालने के लिए कमिटी सिस्टम को एक्टिवेट करना, (v) अनिवार्य वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना, (vi) रिस्पांस मैकेनिजम को वर्गीकृत करना और उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करना, जैसे मैटीरियल रिसोर्स, स्वयंसेवी, मेडिकल संसाधन इत्यादि, और (vii) अति संवेदनशील लोगों पर विशेष ध्यान देना, जैसे वरिष्ठ नागरिक, और दूसरी बीमारियों वाले लोग या ऐसे लोग जिनका विशेष उपचार हो रहा है। 

लॉकडाउन की अवधि

23 मार्च को केरल ने 31 मार्च तक के लिए राज्य व्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। एक दिन बाद केंद्र सरकार ने देश व्यापी 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की।  

राज्य के आदेश के अनुसार निम्नलिखित प्रतिबंध लगाए गए: (i) सभी प्रकार की यात्री परिवहन सेवाओं को बंद करना, (ii) पांच से अधिक लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध और (iii) सभी कमर्शियल इस्टैबलिशमेंट्स, कार्यालयों और कारखानों को बंद करना, सिर्फ उन्हें छोड़कर जिन्हें छूट दी गई है। सिर्फ अनिवार्य वस्तुओं की खरीद या मेडिकल इमरजेंसी हेतु टैक्सी, ऑटो या निजी वाहनों के इस्तेमाल की अनुमति दी गई। अनिवार्य वस्तुओं या सेवाओं को प्रदान करने वाले इस्टैबलिशमेंट्स, जैसे बैंक, मीडिया, टेलीकॉम सेवा, पेट्रोल पंप और अस्पतालों को काम करने की अनुमति दी गई। 

15 अप्रैल को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया। लॉकडाउन की अवधि के दौरान सरकार के कुछ उपाय निम्नलिखित हैं: 

प्रशासनिक उपाय

  • विभिन्न विभागों के सदस्यों वाला एक राउंट द क्लॉक वॉर रूम बनाया गया जिससे कोविड-19 से संबंधित सभी रोकथामकारी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। 
     
  • कोविड-19 से संबंधित फेक न्यूज के खतरे की निगरानी करने और उससे निपटने के लिए कोरोना मीडिया सेल बनाया गया। 
     
  • चूंकि विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा था, इसलिए 26 मार्च के केरल के राज्यपाल ने केरल महामारी रोग अध्यादेश, 2020 को जारी किया। यह अध्यादेश राज्य सरकार को यह अधिकार देता है कि वह महामारी के संकट से निपटने के लिए जरूरी उपाय करे और रेगुलेशंस को निर्दिष्ट करे। यह अध्यादेश के अंतर्गत दिए गए आदेशों का उल्लंघन करने पर लोगों को सजा देने का प्रावधान भी करता है। 

स्वास्थ्य उपाय

  • उपचार संबंधी दिशानिर्देश: 26 मार्च को सरकार ने पूरे राज्य को कोविड-19 प्रभावित घोषित किया। 24 मार्च को कोविड-19 के मामलों की जांच और उपचार के लिए क्लिनिकल दिशानिर्देश जारी किए गए। एक हफ्ते बाद आइसोलेशन/क्वारंटाइन और जांच के लिए सरल मैट्रिक्स जारी किया गया। 
     
  • निम्नलिखित के लिए एडवाइजरी जारी की गई: (i) गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व और प्रसव उपरांत देखभाल, (ii) बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण को रोकना और फिर शुरू करना, (iii) टीबी के मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवा की निरंतरता सुनिश्चित करना, और (iv) एल्कोहल यूज डिसऑर्डर्स का प्रबंधन।
     
  • जांच: जांच से संबंधित नियमित दिशानिर्देश जारी किए गए। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं (i) रैपिड डायग्नॉस्टिक किट्स के इस्तेमाल पर एडवाइजरी, (ii) ऐसी रैपिड किट्स को विकसित करने को सैद्धांतिक मंजूरी, और (iii) निजी क्षेत्र द्वारा एंटीबॉडी टेस्टिंग के लिए दिशानिर्देश। 
     
  • रिसोर्स मैनेजमेंट: पुष्ट मामलों के बढ़ने पर निजी अस्पतालों को कोविड-19 अस्पताल में बदलने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए। 31 मार्च को रिटायर होने वाले मेडिकल प्रोफेशनल्स की कार्यावधि को 30 जून तक बढ़ाया गया। हेल्थ इंस्पेक्टर्स के अस्थायी भर्ती संबंधी उपाय किए गए। 
     
  • फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कोविड-19 अस्पतालों में मानव संसाधन प्रबंधन हेतु दिशानिर्देश जारी किए गए। 
     
  • इसके अतिरिक्त अगले चरण की प्रतिक्रिया की तैयारी के लिए सरकार ने निम्नलिखित जारी किए (i) सामुदायिक संक्रमण को चिन्हित करने के दिशानिर्देश और (ii) हॉटस्पॉट्स को चिन्हित करने के मानदंड। 

अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं

  • 25 मार्च को राज्य ने केरल अनिवार्य सेवा रखरखाव एक्ट, 1994 के अंतर्गत अनिवार्य सेवाओं की सूची घोषित की।
     
  • उन सेवाओं को लॉकडाउन से छूट दी गई, जिन्हें बाद में अनिवार्य माना गया। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) डिपार्टमेंटल स्टोर्स सहित दुकानें और बेकरी, (ii) ऑनलाइन फूड डिलिवरी, (iii) अनिवार्य वस्तुओं की डिलिवरी करने वाली पार्सल सेवाएं, (iv) ऑटोमोबाइल सर्विस करने वाली वर्कशॉप्स, (v) रविवार को मोबाइल फोन, कंप्यूटर की दुकानें और सर्विस सेंटर्स, और (vi) घरों और फ्लैट्स में मरम्मत का काम करने वाले प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन।
     
  • 3 अप्रैल को कुदुम्बश्री और स्थानीय स्वशासन (एलएसजी) के तत्वावधान में सामुदायिक किचन शुरू करने के आदेश दिए गए। कुदुम्बश्री नामक कार्यक्रम को केरल सरकार गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तीकरण हेतु संचालित करती है। 20 अप्रैल को राज्य के 14 जिलों की 249 पंचायतों में 339  सामुदायिक किचन चलाए जा रहे थे। 4 से 20 अप्रैल, 2020 तक इन किचन्स से कुल 5,91,687 भोजन (मील) दिए जा चुके हैं। सरकार ने एलएसजीज़ को निर्देश दिए कि किचन के लिए स्वयंसेवियों को काम पर रखें और उन्हें 400 रुपए (एक बार की सेवा के लिए) या 650 रुपए (पूरे दिन के लिए) का मानदेय चुकाएं।

कल्याणकारी उपाय

  • एसडीआरएफ नियमों के अंतर्गत कोविड-19 की राहत एवं प्रतिक्रिया संबंधी गतिविधियों के लिए स्वास्थ्य विभाग धनराशि जारी करता है। 
     
  • प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को कोविड-19 के प्रकोप को नियंत्रित करने और उसकी रोकथाम हेतु 50 लाख रुपए आबंटित किए गए। 
     
  • निम्नलिखित को वित्तीय सहायता मंजूर की गई (i) मछुआरों, (ii) आर्टिस्ट्स, (iii) लॉटरी एजेंट और विक्रेता, और (iii) हाथियों और दूसरे पशुओं की देखभाल करने के लिए। 
     
  • लॉकडाउन संबंधी बेरोजगारी और कठिनाइयों का सामना करने वाले लोगों के लिए 2000 करोड़ की लागत वाली मुख्यमंत्री हेल्पिंग हैंड लोन योजना की घोषणा की गई। इस योजना को कुदुम्बश्री के तत्वावधान में निकटस्थ समूहों द्वारा लागू किया जाएगा। 

 लॉकडाउन बाद की रणनीतियां – लॉकडाउन के प्रतिबंधों से छूट देने वाली रणनीतियां 

  • एक्सपर्ट कमिटी: 4 अप्रैल को सरकार ने एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया और 6 अप्रैल को कमिटी ने लॉकडाउन के बाद के रेगुलेशंस के दिशानिर्देशों पर अपनी रिपोर्ट सौंपी। कमिटी ने सशर्त तीन चरणीय रणनीति का सुझाव दिया जिसमें जिले कार्यान्वयन की इकाई हैं। निम्नलिखित मानदंडों के आधार पर प्रत्येक चरण में उत्तरोतर प्रतिबंधों में ढिलाई दी जाएगी जैसे (i) नए पुष्ट मामलों की संख्या, (ii) घरों में निगरानी में रखे गए लोगों की संख्य में वृद्धि/गिरावट का प्रतिशत, और (iii) हॉटस्पॉट्स का ना उभरना। 
     
  • रोकथाम संबंधी दिशानिर्देश: लॉकडाउन के 3 मई तक बढ़ने के बाद राज्य ने रोकथाम के दिशानिर्देशों में संशोधन किए जिसमें मामलों की संख्या और बीमारी के जोखिम के आधार पर जिलों को चार जोन्स में बांटने का सुझाव दिया गया। इन जोन्स, रेड, ऑरेंज ए, ऑरेंज बी और ग्रीन- में अलग-अलग, ग्रेडेड प्रतिबंध होंगे, रेड में 3 मई तक लॉकडाउन के रूप में कड़े प्रतिबंध होंगे। ऑरेंज ए और बी जोन्स में क्रमशः 24 और 20 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा और फिर उसके बाद आंशिक प्रतिबंध रहेंगे। ग्रीन जोन्स में 20 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा और इसके बाद प्रतिबंधों में ढिलाई दी जाएगी। 
     
  • इस आदेश के बाद राज्य ने औद्योगिक इकाइयों को कामकाज शुरू करने के संबंध में एडवाइजरी  जारी की। उन्हें कुछ मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करना होगा, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) परिसरों, मशीनरी और वाहनों का डिसइंफेक्शन करना, (ii) विशेष परिवहन सुविधाएं प्रदान करना, और वाहनों को 30-40% क्षमता के साथ चलाना, (iii) लोगों की अनिवार्य थर्मल स्कैनिंग करना, (iv) स्वच्छता एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना, जिसमें एलिवेटर की क्षमताओं की सीमा तय करना और मीटिंग्स में लोगों की संख्या तय करना शामिल है, (v) अनिवार्य रूप से श्रमिकों का कोरोना संबंधी बीमा करना, (vi) सीसीटीवी का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करना, और (vii) निकटवर्ती कोविड-19 अस्पतालों की सूची तैयार करना। 

कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।

 
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