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  • कोविड-19 महामारी पर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया (13-20 अप्रैल, 2020)
राज्यों और राज्य विधानसभाओं

कोविड-19 महामारी पर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया (13-20 अप्रैल, 2020)

आन्या भरत राम - अप्रैल 20, 2020

13 अप्रैल, 2020 तक भारत में कोविड-19 के 17,265 पुष्ट मामले हैं। 13 अप्रैल से 8,113 नए मामले दर्ज किए गए हैं। पुष्ट मामलों में 2,547 मरीजों का इलाज हो चुका है/उन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है और 543 की मृत्यु हुई है। 

जैसे इस महामारी का प्रकोप बढ़ा है, केंद्र सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए अनेक नीतिगत फैसलों और महामारी से प्रभावित नागरिकों और व्यवसायों को मदद देने के उपायों की घोषणाएं की हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम केंद्र सरकार के 13 अप्रैल से 20 अप्रैल तक के कुछ मुख्य कदमों का सारांश प्रस्तुत कर रहे हैं।

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Source: Ministry of Health and Family Welfare, PRS.

लॉकडाउन

लॉकडाउन 3 मई, 2020 तक जारी

लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया गया है और 20 अप्रैल, 2020 से कुछ राहत दी गई है। जिन गतिविधियों पर 20 अप्रैल, 2020 के बाद भी प्रतिबंध जारी रहेगा, वे इस प्रकार हैं: (i) स्वास्थ्यकर्मियों के लिए और सुरक्षा उद्देश्यों के अतिरिक्त सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू यात्राएं, (ii) ट्रेनों, बसों और टैक्सियों में पैसेंजर यात्रा, (iii) औद्योगिक गतिविधियां और हॉस्पिटैलिटी सेवाएं (केवल अनुमत सेवाओं को छोड़कर), (iv) सभी शिक्षण संस्थान और (v) सभी धार्मिक जमावड़े। जिन गतिविधियों के लिए 20 अप्रैल, 2020 के बाद अनुमति है, वे इस प्रकार हैं: (i) सभी स्वास्थ्य सेवाएं जैसे अस्पताल, क्लिनिक और वेट्स, (ii) कृषि कार्य, फिशरीज़ और बागान, (iii) पब्लिक युटिलिटीज़ जैसे एलपीजी और पोस्टल सेवाओं का प्रावधान, (iv) वित्तीय संस्थान जैसे गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान, बैंक और एटीएम्स, (v) केवल अनिवार्य वस्तुओं के लिए ई-कॉमर्स और (vi) औद्योगिक गतिविधियां जैसे तेल और गैस रिफाइनरीज़ और मैन्यूफैक्चरिंग। जो लोग लॉकडाउन का पालन नहीं करेंगे, उन्हें एक साल की सजा या जुर्माना या दोनों भुगतने पड़ सकते हैं। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट लॉकडाउन के दिशानिर्देशों को नजरंदाज नहीं कर सकते। हां, वे और कड़े उपाय कर सकते हैं।  

हॉटस्पॉट में आने वाले कुछ क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन्स के तौर पर सीमांकित किया गया

हॉटस्पॉट्स ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां कोविड-19 का बड़ा प्रकोप होता है या ऐसे क्लस्टर्स जहां कोविड-19 का फैलाव होता है। हॉटस्पॉट्स के भीतर कुछ क्षेत्रों को राज्य या जिला प्रशासनों द्वारा कंटेनमेंट जोन्स के तौर पर सीमांकित किया जाता है। कंटेनमेंट जोन्स में कड़ा परिधीय नियंत्रण होता है। मेडिकल इमरजेंसी जैसी अनिवार्य सेवाओं और कानून एवं व्यवस्था संबंधी गतिविधियों को छोड़कर कंटेनमेंट जोन्स में आना या जाना प्रतिबंधित होता है। 

असहाय प्रवासी मजदूरों का मूवमेंट

गृह मामलों के मंत्रालय ने उन राज्यों में असहाय प्रवासी मजदूरों के मूवमेंट की अनुमति दी जहां 20 अप्रैल, 2020 को लॉकडाउन में राहत के बाद वे लोग अनुमत गतिविधियों में काम करने के लिए मौजूद हैं। इन गतिविधियों में औद्योगिक कार्य, मैन्यूफैक्चरिंग, निर्माण शामिल हैं। अगर उन मजदूरों में बीमारी के लक्षण नहीं हैं और वे काम करने के इच्छुक हैं तो राज्य सरकारें उनकी स्किल मैपिंग कर सकती हैं और उन्हें वर्कसाइट्स पर भेज सकती हैं। राज्यों के बीच प्रवासी मजदूरों की आवाजाही अब भी प्रतिबंधित है। 

वित्तीय उपाय

कोविड-19 के कारण उत्पन्न आर्थिक स्थितियों के नियंत्रण हेतु आरबीआई ने अतिरिक्त उपायों की घोषणा की

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के आर्थिक सलाहकार ने अनुमान लगाया है कि विश्वव्यापी आर्थिक लॉकडाउन के कारण 2020 और 2021 में विश्व जीडीपी को लगभग 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होगा। भारत में कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव पर काबू पाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अनेक अतिरिक्त उपायों की घोषणा की। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) रिवर्स रेपो रेट को 4% से घटाकर 3.75% करना, (ii) 50,000 करोड़ रुपए की राशि के लिए टारगेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन, (iii) 50,000 करोड़ रुपए के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक और राष्ट्रीय हाउसिंग बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों का पुनर्पूंजीकरण ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों की वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सकें। 

बैंकों द्वारा लाभांश भुगतान 

कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव के मद्देनजर आरबीआई ने घोषणा की कि बैंकों को 31 मार्च, 2020 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में अपने लाभ पर लाभांश भुगतान करने की जरूरत नहीं। आरबीआई के अनुसार, इससे बैंक अपनी क्षमता को बरकरार रख पूंजी संरक्षण कर पाएंगे और अर्थव्यवस्था को सहयोग मिलेगा। उन्हें नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। 30 सितंबर, 2020 को समाप्त होने वाली तिमाही के लिए बैंकों के वित्तीय परिणामों के आधार पर इस प्रतिबंध का फिर से आकलन किया जाएगा। 

राज्यों को अल्पाधि का ऋण 

आरबीआई ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए वेज़ और मीन्स एडवांसेज़ (डब्ल्यूएमए) सीमाओं में बढ़ोतरी की घोषणा की। डब्ल्यूएमए सीमाएं वे अस्थायी लोन्स होते हैं जो आरबीआई द्वारा राज्यों को दिए जाते हैं। 31 मार्च, 2020 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए डब्ल्यूएमए सीमाओं को 60% तक बढ़ाया गया है। यह संशोधित सीमाएं 1 अप्रैल और 30 सितंबर, 2020 तक लागू रहेंगी। 

यात्रा और निर्यात

यात्रा प्रतिबंध जारी रहेंगे

चूंकि लॉकडाउन 3 मई, 2020 तक बढ़ाया गया है, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध जारी रहेगा। सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 3 मई, 2020 तक नहीं चलेंगी। इसके अतिरिक्त नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने निर्दिष्ट किया है कि एयरलाइन्स को 4 मई, 2020 के बाद से टिकट बुकिंग शुरू नहीं करनी चाहिए क्योंकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसी गतिविधियां शुरू की जाएंगी। सभी यात्री ट्रेनों को भी 3 मई, 2020 तक बंद रखा गया है। 3 मई, 2020 से पहले लॉकडाउन की अवधि के दौरान खरीदे गए फ्लाइट टिकट्स के लिए पूरा रीफंड दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त लॉकडाउन के दौरान कैंसिल की गई ट्रेनों के लिए बुक किए गए टिकट्स का पूरा रीफंड दिया जाएगा और अब तक कैसिल नहीं की गई ट्रेनों के टिकट्स की एडवांस बुकिंग के कैंसलेशन पर भी पूरा रीफंड दिया जाएगा। 

पैरासीटामोल का निर्यात

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने निर्दिष्ट किया है कि 17 अप्रैल से पैरासीटामोल से बनने वाले फॉर्मूलेशन को निर्यात किया जा सकेगा।  हालांकि पैरासीटामोल एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट (एपीआईज़) के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा। 3 मार्च, 2020 को पैरासीटामोल से बनने वाले फॉर्मूलेशन और पैरासीटामोल एपीआईज़, दोनों पर प्रतिबंध था। 

कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।

 
States and State Legislatures

कोविड-19 महामारी पर मध्य प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया (जनवरी 2020-17 अप्रैल, 2020)

Madhunika Iyer - अप्रैल 18, 2020

17 अप्रैल को मध्य प्रदेश में कोविड-19 के 1,120 पुष्ट मामले हैं जोकि देश के सभी राज्यों में पांचवें स्थान पर है। मध्य प्रदेश सरकार ने 28 जनवरी, 2020 को कोविड-19 संबंधी एक आदेश जारी किया था जोकि शुरुआती आदेशों में एक था। इसमें सभी स्वास्थ्यकर्मियों को यह सलाह दी गई थी कि चीन के वुहान से लौटने वाले मरीजों की जांच करते समय उपयुक्त सुरक्षात्मक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाए। तब से सरकार ने कोविड-19 को संक्रमण और प्रभाव को रोकने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इस ब्लॉग में हम उन मुख्य उपायों की चर्चा कर रहे हैं। 

रेखाचित्र 1: मध्य प्रदेश में कोविड-19 के प्रति दिन मामले  

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Source: Ministry of Health and Family Welfare; PRS

 शुरुआती चरण: अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग 

28 जनवरी को राज्य सरकार ने विशिष्ट देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी, लक्षण वाले लोगों की जांच और उन पर निगरानी रखने के निर्देश जारी किए। इसके बाद दूसरे आदेश में जिला प्रशासन से यह अपेक्षा की गई कि वह 31 दिसंबर, 2019 और 29 जनवरी, 2020 के बीच चीन से आने सभी यात्रियों पर नजर रखें और उनकी जानकारी दें। जबकि अधिक ध्यान स्क्रीनिंग और टेस्टिंग पर था, 31 जनवरी को यह आदेश आया कि 15 जनवरी के बाद चीन से भारत आने वाले यात्रियों, जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे थे, को क्वारंटाइन किया जाए। क्वारंटाइन न करने वाले लोगों को बाद में निगरानी में रखा गया और 14 दिनों के लिए उनकी स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी देने को कहा गया। 13 फरवरी से एयरपोर्ट पर मेडिकल टीम लगातार विभिन्न देशों से आने वाले विदेशी यात्रियों की जांच करने लगी और रोजाना इसकी रिपोर्ट देने लगी।  

फरवरी और मार्च का प्रारंभ: सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षमता में वृद्धि, सामाजिक जमावड़ों पर प्रतिबंध

सरकार का अगला कदम यह था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मौजूदा परिस्थितियों के अनुरूप ढाला जाए। इस संबंध में निम्नलिखित कदम उठाए गए:

  • डेडिकेटेड कॉल सेंटर वाली एक हेल्पलाइन शुरू की गई जोकि नागरिकों को कोविड-19 और उसकी रोकथाम के बारे में सूचना देती है। 
     
  • मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के क्षेत्रीय निदेशकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र में एन-95 मास्क और पीपीई किट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करें। 
     
  • स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में चीफ मेडिकल और हेल्थ अधिकारियों को कोविड-19 टेस्ट सैंपलों के कलेक्शन और परिवहन के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए।
     
  • सरकारी अस्पतालों में मेडिकल प्रोफेशनलों को नेशनल ट्रेनिंग में भाग लेने के आदेश दिए गए।
     
  • क्वारंटाइन और आइसोलेशन वॉर्ड्स की व्यवस्था के संबंध में आदेश जारी किया गया।
     
  • स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों/अधिकारियों की छुट्टियां रद्द की गईं।
     
  • प्रकोप वाले क्षेत्रों में नियंत्रण स्थापित करने और तत्काल कार्रवाई करने का अधिकार हासिल करने के लिए मध्य प्रदेश सार्वजनिक स्वास्थ्य एक्ट, 1949 के सेक्शन 71 को लागू किया गया। एक्ट का यह सेक्शन सभी चीफ मेडिकल और हेल्थ अधिकारियों तथा सिविल सर्जन कम चीफ हॉस्पिटल सुपरिंटेंडेंट्स को अतिरिक्त अधिकार प्रदान करता है। 

मार्च में मामलों के बढ़ने के साथ मध्य प्रदेश सरकार ने नागरिकों को सीधे आदेश जारी किए। कोविड-19 के संबंध में जागरूकता फैलाने और सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करने के लिए अनेक उपाय किए गए। 

  • कोविड संबंधी सूचना देने के लिए एक डेडिकेटेड पोर्टल तैयार किया गया। 
     
  • अनेक इस्टैबलिशमेंट्स जैसे स्कूल, कॉलेज, सिनेमा हॉल, जिम और स्विमिंग पूल को बंद करने का आदेश  जारी किया गया। सभी सरकारी कार्यस्थलों पर बायोमीट्रिक अटेंडेंस को बंद किया गया। 
  • 20 मार्च को सरकार ने मास्क और सैनिटाइजर्स के सप्लायर्स के लिए आदेश जारी किया गया (जोकि 15 जून तक प्रभावी है) जिसमें उनसे निम्नलिखित की अपेक्षा की गई: (i) वे निश्चित कीमत बरकरार रखेंगे, और (ii) अनिवार्य वस्तुओं की खरीद और बिक्री का रिकॉर्ड बनाएंगे और प्रस्तुत करेंगे। इस आदेश में उनसे कहा गया कि वे किसी ग्राहक को इन सामग्रियों को बेचने से इनकार नहीं करेंगे। 

21 मार्च से

21 मार्च को मध्य प्रदेश में कोविड-19 के चार मामले दर्ज किए गए। 23 मार्च को सरकार ने राज्य में कोविड-19 की रोकथाम के लिए मध्य प्रदेश महामारी रोग, कोविड-19 रेगुलेशन, 2020 जारी किया। इन रेगुलेशनों में कोविड-19 के मरीजों की स्क्रीनिंग और इलाज के लिए अस्पतालों (सरकार और निजी) को प्रॉटोकॉल बताए गए। ये रेगुलेशंस एक साल के लिए वैध होंगे।

सोशल डिस्टेंसिंग और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने से संबंधित निर्देशों के अतिरिक्त सरकार ने निम्नलिखित उपाय किए: (i) स्वास्थ्य देखभाल की क्षमता में बढ़ोतरी, (ii) आर्थिक रूप से संवेदनशील लोगों के लिए कल्याण संरक्षण कायम करना, (iii) प्रशासनिक संरचना और डेटा कलेक्शन को मजबूत करना, और (iv) अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना। इन उपायों में निम्नलिखित शामिल हैं -

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

  • कोविड-19 के इलाज के लिए अस्पतालों को तैयार करना, जिसमें इलेक्टिव सर्जरी को पोस्टपोन करना, पीपीई किट्स की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना शामिल है। 
  • 28 मार्च को भोपाल मेमोरियल अस्पताल और अनुसंधान केंद्र को राज्य स्तरीय कोविड-19 अस्पताल के रूप में नामित किया गया। इस आदेश को 15 अप्रैल को बदल दिया गया। 
     
  • जिला कलेक्टरों को अपने जिले में फास्ट ट्रैक तरीके से जरूरी डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति के लिए अधिकृत किया गया। 
     
  • प्रत्येक 51 जिला अस्पतालों में एक टेलीमेडिसिन यूनिट शुरू की गई।
     
  • फाइनल ईयर अंडरग्रैजुएट नर्सिंग स्टूडेंट्स की नर्सों के रूप में नियुक्ति को आसान बनाया गया। 
     
  • 29 मार्च को सरकार ने क्वारंटाइन में रहने वाले तथा कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रोजाना निगरानी और ट्रैकिंग करने के लिए सार्थक ऐप शुरू किया।
     
  • सरकार ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए एक स्ट्रैटेजी डॉक्यूमेंट जारी किया। इस रणनीति के अंतर्गत संदिग्ध मामलों की पहचान, आइसोलेशन, हाई रिस्क कॉन्टैक्ट्स की टेस्टिंग और इलाज पर जोर दिया गया (इसे आई. आई. टी. टी. स्ट्रैटेजी कहा गया)।

कल्याणकारी उपाय

  • निर्माण श्रमिकों को 1,000 रुपए की वन टाइम वित्तीय सहायता दी जाएगी। 
     
  • सहारिया, बैगा और भारिया जनजातीय परिवारों को 2,000 रुपए की वन टाइम वित्तीय सहायता दी जाएगी। 
     
  • पेंशनयाफ्ता लोगों को दो महीने की सामाजिक सुरक्षा पेंशन एडवांस में चुकाई जाएगी। 
     
  • जिनके पास राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की पात्रता (एलिजिबिलटी स्लिप) नहीं है, उन लोगों को भी राशन लेने की अनुमति होगी। 

प्रशासनिक उपाय

  • वरिष्ठ अधिकारियों को प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं को सुलझाने के लिए विभिन्न राज्यों के साथ समन्वय करने हेतु नामित किया गया। 
     
  • राज्य स्तरीय नीति और स्थानीय कार्यान्वयन तंत्र के बीच समन्वय स्थापित करने हेतु जिला संकट प्रबंधन समूहों का गठन किया गया। 

अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई

  • 8 अप्रैल को सरकार ने अनिवार्य सेवा प्रबंधन एक्ट, 1979 को लागू किया। एक्ट अन्य बातों के अतिरिक्त अनिवार्य सेवाओं में लगे लोगों को काम करने से इनकार करने से प्रतिबंधित करता है। 
     
  • ई-पास खरीद सुविधा शुरू की गई ताकि यह सुनिश्चित हो कि विभिन्न जिलों तथा राज्यों के बीच अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं का आवागमन आसान हो। 

कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।

 
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