विनिवेश पर सचिवों के कोर ग्रुप ने हाल ही में पांच सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयूज़) के विनिवेश को मंजूरी दी है। इसमें चार पीएसयूज़: भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल), शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई), नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (नीप्को) और टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्प्लैक्स को संचालित और प्रबंधित करने वाला) में सरकार की पूरी शेयरहोल्डिंग और कंटेनर कॉरपोरेशन इन इंडिया लिमिटेड (कॉनकोर) में 30% शेयरहोल्डिंग शामिल हैं। वर्तमान में कॉनकोर में सरकार की शेयरहोल्डिंग 54.8% है। बिक्री के बाद यह हिस्सेदारी घटकर 25% से कम रह जाएगी।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकार ने दूसरे कई पीएसयूज़ के निजीकरण पर लगे विधायी अवरोध हटाए हैं। इससे यह प्रश्न उठ रहा है कि क्या सरकार उनके निजीकरण की योजना बना रही है।
पीएसयूज़ के निजीकरण पर सर्वोच्च न्यायालय का क्या आदेश था
2003 में सरकार ने एचपीसीएल और बीपीसीएल में शेयरहोल्डिंग को बेचने का ऐसा ही एक प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को सर्वोच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि इससे उन कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन होता है जिनके जरिए सरकार को कुछ खास एसेट्स का स्वामित्व हस्तांतरित किया गया था (जोकि बाद में पीएसयूज़ बने)। उदाहरण के लिए संसद के एक्ट के जरिए भारत में बर्मा शेल के राष्ट्रीयकरण और उनकी रिफाइनरी तथा मार्केटिंग कंपनियों के विलय के बाद बीपीसीएल की स्थापना हुई थी। न्यायालय ने यह आदेश दिया था कि केंद्र सरकार संबंधित कानूनों में संशोधन किए बिना एचपीसीएल और बीपीसीएल का निजीकरण (यानी अपने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष स्वामित्व को 51% से कम) नहीं कर सकती। इसलिए बीपीसीएल में प्रत्यक्ष रूप से और एचपीसीएल में अप्रत्यक्ष रूप से (दूसरे पीएसयू ओएनजीसी के जरिए) सरकार की अधिकांश हिस्सेदारी है।
जिन पांच कंपनियों के निजीकरण को मंजूरी दी गई है, उनमें बीपीसीएल और एससीआई (जिसमें दो राष्ट्रीयकृत कंपनियां जयंती शिपिंग कंपनी और मुगल लाइन लिमिटेड का विलय किया गया था) शामिल हैं। संबंधित राष्ट्रीयकरण एक्ट्स को पिछले पांच वर्षों में निरस्त कर दिया गया है।
सरकार ने निजीकरण से विधायी अवरोध कैसे हटाए?
2014 और 2019 के बीच संसद ने छह रिपीलिंग और संशोधन एक्ट्स पारित किए जिनके जरिए लगभग 722 कानून रद्द हुए। इनमें केंद्र सरकार को कंपनियों के स्वामित्व का हस्तांतरण करने वाले कानून भी शामिल थे जिनके अंतर्गत बीपीसीएल, एचपीसीएल और ओआईएल की स्थापना हुई थी। इनमें उन कानूनों का निरस्तीकरण भी शामिल था जिनके जरिए सीआईएल में विलय होने वाली कंपनियों के स्वामित्व को केंद्र सरकार को हस्तांतरित कर दिया था। इसका अर्थ यह है कि अब सरकार इन सरकारी कंपनियों का निजीकरण कर सकती है, चूंकि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश द्वारा रखी गई शर्तों को पूरा कर दिया गया है। इन रिपीलिंग और संशोधन एक्ट्स ने दूसरे कई राष्ट्रीयकरण एक्ट्स को भी निरस्त कर दिया जिनके अंतर्गत पीएसयूज़ की स्थापना की गई थी। निम्नलिखित तालिका में इनमें से कुछ कंपनियों की सूची दी गई है। उल्लेखनीय है कि भारतीय विधि आयोग (2014) ने इनमें से कई कानूनों (एसो एक्ट, बर्मा शेल एक्ट, बर्न कंपनी एक्ट सहित) को इस आधार पर निरस्त करने का सुझाव दिया था कि ये कानून राष्ट्रीयकृत कंपनी के संबंध में किसी भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं करते। हालांकि यह सुझाव भी दिया गया था कि इन एक्ट्स को निरस्त करने से पहले सभी राष्ट्रीयकरण एक्ट्स का अध्ययन किया जाना चाहिए और अगर जरूरी हो तो रिपीलिंग एक्ट में सेविंग्स क्लॉज का प्रावधान किया जाना चाहिए।
क्या इन एक्ट्स को पारित करने से पहले संसद कोई जांच करती है?
इनमें से कई को रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2016 के जरिए निरस्त किया गया है। इनमें बीपीसीएल, एचपीसीएल, ओआईएल, कोल इंडिया लिमिटेड, एससीआई, नेशनल टेक्सटाइल्स कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान कॉपर और बर्न स्टैंडर्ड कंपनी लिमिटेड से संबंधित एक्ट्स शामिल हैं। इस बिल को पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमिटी को रेफर नहीं किया गया और एक त्वरित बहस (लोकसभा में 50 मिनट और राज्यसभा में 20 मिनट) के बाद पारित कर दिया गया। इसी प्रकार 2017 में सेल, पावरग्रिड और स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के निजीकरण से संबंधित दो एक्ट्स पारित किए गए लेकिन उनकी समीक्षा भी स्टैंडिंग कमिटी द्वारा नहीं की गई।
अब क्या होगा?
एक्ट्स के निरस्तीकरण के बाद इन कंपनियों के निजीकरण के मार्ग की विधायी अड़चनें दूर हो गई हैं। इसका अर्थ यह है कि सरकार को उनकी शेयरहोल्डिंग को बेचने में संसद से पूर्व मंजूरी की जरूरत नहीं है। इसलिए अब सरकार यह निर्धारित करेगी कि इन संस्थाओं का निजीकरण करना है अथवा नहीं।
तालिका 1: 2014 से निरस्त किए गए कुछ राष्ट्रीयकरण एक्ट्स (सूची पूर्ण नहीं है)
कंपनी |
निरस्त होने वाले एक्ट |
रिपीलिंग एक्ट |
शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) |
जयंती शिपिंग कंपनी (शेयरों का अधिग्रहण) एक्ट, 1971 |
रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2016 |
मुगल लाइन लिमिटेड (शेयरों का अधिग्रहण) एक्ट, 1984 |
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भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) |
बर्मा शेल (भारत में उपक्रमों का अधिग्रहण) एक्ट, 1976 |
रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2016 |
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) |
एस्सो (भारत में उपक्रमों का अधिग्रहण) एक्ट, 1974 |
रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2016 |
कैल्टेक्स [कैल्टेक्स ऑयल रिफाइनरी (इंडिया) लिमिटेड के शेयरों और भारत में कैल्टेक्स (इंडिया) लिमिटेड के उपक्रमों का अधिग्रहण] एक्ट, 1977 |
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कोसन गैस कंपनी (उपक्रम का अधिग्रहण) एक्ट, 1979 |
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कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) |
कोकिंग कोल माइन्स (आपात प्रावधान) एक्ट, 1971 |
रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2016 |
कोल माइन्स (प्रबंधन को अधिकार में लेना) एक्ट, 1973 |
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कोकिंग कोल माइन्स (राष्ट्रीयकरण) एक्ट, 1972 |
रिपीलिंग और संशोधन (दूसरा) एक्ट, 2017 |
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कोल माइन्स (राष्ट्रीयकरण) एक्ट, 1973 |
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स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) |
बोलानी अयस्क लिमिटेड (शेयरों का अधिग्रहण) और विविध प्रावधान एक्ट, 1978 |
रिपीलिंग और संशोधन (दूसरा) एक्ट, 2017 |
भारतीय आयरन और स्टील कंपनी (शेयरों का अधिग्रहण) एक्ट, 1976 |
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पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया |
नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और द नॉर्थ-ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पावर ट्रांसमिशन सिस्टम्स का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1993 |
रिपीलिंग और संशोधन (दूसरा) एक्ट, 2017 |
नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन लिमिटेड (पावर ट्रांसमिशन सिस्टम का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1994 |
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ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) |
बर्मा ऑयल कंपनी [ऑयल इंडिया लिमिटेड के शेयरों और असम ऑयल कंपनी लिमिटेड तथा बर्मा ऑयल कंपनी (इंडिया ट्रेडिंग) लिमिटेड के भारत के उपक्रमों का अधिग्रहण] एक्ट, 1981 |
रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2016 |
स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसटीसी) |
टी कंपनीज़ (रुग्ण चाय इकाइयों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1985 |
रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2017 |
नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनटीसी) |
रुग्ण कपड़ा उपक्रम (प्रबंधन को अधिकार में लेना) एक्ट, 1972 |
रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2016 |
कपड़ा उपक्रम (प्रबंधन को अधिकार में लेना) एक्ट, 1983 |
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लक्ष्मीरतन और अथरटन वेस्ट कॉटन मिल्स (प्रबंधन को अधिकार में लेना) एक्ट, 1976 |
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हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड |
इंडियन कॉपर कॉरपोरेशन (उपक्रम का अधिग्रहण) एक्ट, 1972 |
रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2016 |
बर्न स्टैंडर्ड कंपनी लिमिटेड |
बर्न कंपनी एंड इंडियन स्टैंडर्ड वैगन कंपनी (राष्ट्रीयकरण) एक्ट, 1976 |
रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2016 |
भारतीय रेलवे |
फतवा-इस्लामपुर लाइट रेलवे लाइन (राष्ट्रीयकरण) एक्ट, 1985 |
रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2016 |
ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड, रेलवे मंत्रालय |
ब्रेथवेट एंड कंपनी (इंडिया) लिमिटेड (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1976 |
रिपीलिंग और संशोधन (दूसरा) एक्ट, 2017 |
ग्रेशन एंड क्रेवन ऑफ इंडिया (प्राइवेट) लिमिटेड (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1977 |
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एंड्र्यू यूल एंड कंपनी लिमिटेड |
ब्रेंटफोर्ड इलेक्ट्रिक (इंडिया) लिमिटेड (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1987 |
रिपीलिंग और संशोधन (दूसरा) एक्ट, 2017 |
ट्रांसफॉर्मर्स एंड स्विचगियर लिमिटेड (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1983 |
रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2019 |
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एलकॉक एशडाउन (गुजरात) लिमिटेड, गुजरात सरकार का उपक्रम |
एल्कॉक एशडाउन कंपनी लिमिटेड (उपक्रमों का अधिग्रहण) एक्ट, 1973 |
रिपीलिंग और संशोधन एक्ट, 2019 |
बंगाल कैमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (बीसीपीएल) |
बंगाल कैमिकल एंड फार्मास्युटिकल वर्क्स लिमिटेड (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1980 |
रिपीलिंग और संशोधन (दूसरा) एक्ट, 2017 |
फार्मास्युटिकल्स विभाग के अंतर्गत आने वाले संगठन |
स्मिथ, स्टेनस्ट्रीट एंड कंपनी लिमिटेड (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1977 |
रिपीलिंग और संशोधन (दूसरा) एक्ट, 2017 |
बंगाल इम्युनिटी कंपनी लिमिटेड (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1984 |
Sources: Repealing and Amending Act, 2015; Repealing and Amending (Second) Act, 2015; Repealing and Amending Act, 2016; Repealing and Amending Act, 2017; Repealing and Amending (Second) Act, 2017; Repealing and Amending Act, 2019.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 17 जनवरी, 2020 को नए कोरोनावायरस (कोविड-19) के प्रसार की घोषणा की जोकि चीन में फैल रहा था।[1] 11 मार्च, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को विश्वव्यापी महामारी घोषित किया। 7 अप्रैल, 2020 को भारत में कोविड-19 के 4,421 पुष्ट मामले हैं।[2] इनमें से 326 मरीजों का इलाज हो चुका है/उन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है और 114 की मृत्यु हुई है।1
जैसे इस महामारी का प्रकोप बढ़ा और वायरस से संबंधित जानकारियों में इजाफा हुआ, केंद्र सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए अनेक नीतिगत फैसलों की घोषणा की। इसके अतिरिक्त इन फैसलों से प्रभावित नागरिकों और व्यवसायों को मदद देने के उपायों की भी घोषणा की गई। इस ब्लॉग पोस्ट में हम केंद्र सरकार के 7 अप्रैल तक के कुछ मुख्य कदमों का सारांश प्रस्तुत कर रहे हैं।
Source: COVID-19, PRS.
मूवमेंट पर प्रतिबंध
देश में 21 दिन का लॉकडाउन
गृह मामलों के मंत्रालय ने कोविड-19 के प्रकोप को रोकने के लिए 25 मार्च, 2020 से 14 अप्रैल, 2020 के दौरान 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की।[3] लॉकडाउन के अंतर्गत अनिवार्य वस्तुएं या अनिवार्य सेवाएं प्रदान करने वाले, तथा कृषि कार्यों से संबंधित गतिविधियों वाले इस्टैबलिशमेंट्स को छोड़कर बाकी सभी इस्टैबलिशमेंट्स बंद रहेंगे। अनिवार्य वस्तुओं में खाद्य, दवाएं और बिजली शामिल हैं। अनिवार्य सेवाओं में बैंकिंग सेवाएं, दूरसंचार और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं। सभी वस्तुओं (अनिवार्य या गैर अनिवार्य) का परिवहन भी चालू रहेगा।[4],[5],[6],[7],[8]
सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को निम्नलिखित के लिए निर्देश दिए गए हैं: (i) असहाय प्रवासी मजदूरों सहित जरूरतमंद लोगों के लिए अस्थायी शेल्टर और भोजन के लिए पर्याप्त प्रबंधन सुनिश्चित करना, (ii) प्रवासी श्रमिकों को कम से कम 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रखना, (iii) नियोक्ताओं को निर्देश देना कि लॉकडाउन के दौरान वेतन चुकाया जाए, और (iv) मकान मालिकों को इस बात को लिए सुनिश्चित करना कि वे मजदूरों और विद्यार्थियों से एक महीने का किराया नहीं मांगेंगे।[9]
वित्तीय सहायता
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना कोविड-19 में राहत प्रदान करेगी
26 मार्च को वित्त मंत्री ने गरीबों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 1.7 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की।[10] पैकेज की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:10,[11]
सार्वजनिक स्वास्थ्य कर्मचारियों (जैसे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और आशा कार्यकर्ता) के लिए 50 लाख रुपए का बीमा कवर जो कोविड-19 के रोगियों का इलाज कर रहे हैं।[12]
गरीब परिवारों को अगले तीन महीने तक हर महीने पांच किलोग्राम गेहूं या चावल और एक किलोग्राम चुनींदा दाल दी जाएगी।
प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत 20.4 करोड़ महिला खाताधारकों को अगले तीन महीने के लिए 500 रुपए प्रति माह मिलेंगे। इसके अतिरिक्त आठ करोड़ गरीब परिवारों को अगले तीन महीनों में तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे।
टैक्स भुगतान की समय सीमा में वृद्धि और राहत
31 मार्च, 2020 को टैक्सेशन और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में राहत) अध्यादेश, 2020 जारी किया गया।10 अध्यादेश विशिष्ट कानूनों के संबंध में कुछ राहत प्रदान करता है जैसे समय सीमा को बढ़ाना और सजा से छूट। इन कानूनों में इनकम टैक्स एक्ट, 1961 (आईटी एक्ट), कुछ फाइनांस एक्ट्स, और बेनामी संपत्ति लेनदेन पर प्रतिबंध एक्ट, 1988 शामिल हैं। अध्यादेश की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
समय सीमा बढ़ाना: अध्यादेश निर्दिष्ट कानूनों के अंतर्गत कुछ कार्यों के अनुपालन या पूर्णता के लिए 20 मार्च, 2020 की समय सीमा को बढ़ाकर 29 जून, 2020 करता है। जैसे (i) अधिकारियों और ट्रिब्यूनलों द्वारा नोटिस और अधिसूचना जारी करना, कार्यवाही पूरी करना और आदेश पारित करना, (ii) अपील, जवाब और आवेदन दाखिल करना और दस्तावेज प्रस्तुत करना, और (iii) आईटी एक्ट के अंतर्गत कुछ कटौतियों या भत्तों का दावा करने के लिए कोई भी निवेश या भुगतान करना।
ब्याज और सजा: देय तिथि के बाद किया गया कोई भी कर भुगतान (20 मार्च, 2020 और 29 जून, 2020 के बीच) अभियोजन या दंड के लिए उत्तरदायी नहीं होगा। भुगतान में देरी के लिए देय ब्याज की दर प्रति माह 0.75% से अधिक नहीं होगी।
पीएम केयर्स फंड में दान: किसी व्यक्ति द्वारा आपात स्थितियों में पीएम केयर्स फंड में किया गया दान 100% टैक्स कटौती का पात्र होगा।
जीएसटी अनुपालन: केंद्र सरकार केंद्रीय वस्तु और सेवा कर एक्ट, 2017 एक्ट के अंतर्गत विभिन्न अनुपालनों और कार्यों के लिए समय सीमा के विस्तार की अधिसूचना दे सकती है।
आऱबीआई ने कोविड-19 के कारण उत्पन्न वित्तीय संकट को दूर करने के उपाय किए
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुए वित्तीय संकट से निपटने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की।[13],[14],[15] मुख्य उपायों में निम्नलिखित शामिल हैं:
पॉलिसी रेट्स में कटौती: रेपो रेट (वह दर जिस पर आरबीआई बैंकों को उधार देता है) 5.15% से घटाकर 4.4% कर दी गई है। रिवर्स रेपो रेट (जिस दर पर आरबीआई बैंकों से उधार लेता है) 4.9% से 4.0% कम कर दी गई है।
लिक्विडिटी प्रबंधन: बाजार में लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए उपाय किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो कि वित्तीय बाजार और संस्थान सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं। इन उपायों में 26 मार्च, 2021 तक सभी बैंकों के लिए कैश रिज़र्व रेशियो (सीआरआर) 4% से घटाकर 3% करना शामिल है। सीआरआर तरल नकदी की वह मात्रा होती है जिसे बैंकों को अपनी कुल जमा के प्रतिशत के रूप में आरबीआई के पास रखना होता है। इससे 3.74 लाख करोड़ रुपए की लिक्विडिटी के इंजेक्ट होने की उम्मीद है।
लोन चुकाने के लिए उधारकर्ताओं को राहत: सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी सहित) को सभी टर्म लोन की किश्तों (कृषि, खुदरा और फसल ऋण सहित) के भुगतान और कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज (जैसे ओवरड्राफ्ट सुविधाएं), जोकि 1 मार्च, 2020 और 31 मई, 2020 के बीच देय हैं, पर तीन महीने की मोहलत देने की अनुमति है।
राज्यों को अल्पावधि का ऋण
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए वेज़ और मीन्स एडवांसेज़ (डब्ल्यूएमए) सीमाओं की समीक्षा के लिए एक एडवाइजरी कमिटी का गठन किया है। डब्ल्यूएमए आरबीआई द्वारा राज्य सरकारों को दिए जाने वाले अस्थायी लोन्स को कहा जाता है। कमिटी के अंतिम सुझाव सौंपने तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए डब्ल्यूएमए की सीमा को 30% बढ़ा दिया गया है। संशोधित सीमाएं 1 अप्रैल से 20 सितंबर, 2020 तक लागू रहेंगी।[16]
पीएम केयर्स फंड
केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय कोष बनाया है। आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) नामक सरकारी चैरिटेबल ट्रस्ट कोविड-19 से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करेगा। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं और इसके सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं।[17]
पीएम केयर्स फंड में दान देने वाला व्यक्ति 100% टैक्स कटौती का पात्र है।[18] अनिवासी भारतीय भी फॉरेन इनवर्ड रेमिटेंस के जरिए कोष में योगदान दे सकते हैं।[19]
स्वास्थ्य संबंधी उपाय
कोविड-19 की टेस्टिंग
वर्तमान में सरकारी केंद्रों में कोविड-19 के लक्षण वाले सभी लोगों का निदान मुफ्त किया जा रहा है।[20] इसके अतिरिक्त सरकार ने कोविड-19 की जांच के लिए कुछ निजी लेबोरेट्रीज़ को मंजूरी दी है। निजी लैब्स में स्क्रीनिंग की कीमत 4,500 रुपए से अधिक नहीं हो सकती।[21] 27 मार्च तक कोविड-19 के सैंपल्स की जांच के लिए 136 सरकारी टेस्टिंग सेंटर्स थे और 3 अतिरिक्त कलेक्शन सेंटर्स।[22] इसके अतिरिक्त 12 राज्यों में जांच की पेशकश करने वाली 59 निजी लेबोरेट्रीज़ थीं। ये राज्य हैं, दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तराखंड और गुजरात।[23]
मंत्रालय ने उन लोगों के लिए दिशानिर्देश निर्धारित किए हैं जिनका इन लेबोरेट्रीज़ में परीक्षण किया जा सकता है। इनमें शामिल हैं: (i) उन लोगों के संपर्क में आने वाले लोग जोकि कोविड-19 के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं, और (ii) कोविड-19 प्रभावित देशों में यात्रा के इतिहास वाले व्यक्ति, जिनमें लक्षण दिखाई दिए हैं, (iii) लक्षण वाले स्वास्थ्यकर्मी, और (iv) श्वास की गंभीर बीमारी वाले व्यक्ति।21
बड़े आउटब्रेक वाले क्षेत्रों के लिए कंटेनमेंट प्लान
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए एक योजना बनाई है। इस योजना में निम्नलिखित उपाय सुझाए गए हैं:[24]
ज्योग्राफिक क्वारंटाइन: इस रणनीति में जिस निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में प्रकोप (आउटब्रेक) ज्यादा है, वहां लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
क्लस्टर कंटेनमेंट: इस रणनीति में किसी भौगोलिक क्षेत्र में शुरुआत में मामलों का पता लगने पर वहां बीमारी की रोकथाम की जाएगी। क्लस्टर कंटेनमेंट में ज्योग्राफिक क्वारंटाइन, सोशल डिस्टेंसिंग, सभी संदिग्ध मामलों की टेस्टिंग और लोगों में जागरूकता फैलाना शामिल हैं।
दवाओं और मेडिकल उपकरणों के निर्यात पर प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने कुछ मेडिकल उपकरणों और दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है ताकि भारत में उनकी उपलब्धता सुनिश्चित हो। उदाहरण के लिए वेंटिलेटर्स, सर्जिकल मास्क्स, डायग्नॉस्टिक किट्स और पैरासीटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जैसी दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है।[25],[26],[27],[28]
यात्रा पर प्रतिबंध
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर प्रतिबंध, वीसा जारी करना रद्द
नागरिक उड्डयन: नागरिक उड्डयन महानिदेशक ने 24 मार्च, 2020 से 14 अप्रैल, 2020 के दौरान सभी यात्री घरेलू उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया।[29],[30] देश में आने तथा देश से जाने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल यात्री उड़ानों को 14 अप्रैल, 2020 को शाम 6.30 बजे तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया (डीजीसीए द्वारा निर्दिष्ट कार्गो और दूसरी अन्य उड़ानों को छोड़कर)।[31] राजनयिकों, अधिकारियों, संयुक्त राष्ट्र/अंतरराष्ट्रीय संगठनों को जारी वीज़ा तथा रोजगार और प्रॉजेक्ट्स वीजा को छोड़कर किसी भी देश के सभी मौजूदा वीजा 13 मार्च से 15 अप्रैल, 2020 तक रद्द कर दिए गए हैं।[32]
रेलवे: भारतीय रेलवे ने 14 अप्रैल, 2020 तक सभी यात्री गाड़ियों को रद्द कर दिया।[33] हालांकि अनिवार्य वस्तुओं का परिवहन जारी रहेगा।[34] रेलवे ने रेलवे पार्सल वैन को ई-कॉमर्स संस्थाओं और राज्य सरकारों सहित अन्य ग्राहकों के लिए त्वरित माल परिवहन के लिए उपलब्ध कराया है। इनमें छोटे पार्सल आकारों में चिकित्सा आपूर्ति, चिकित्सा उपकरण, भोजन आदि शामिल हैं।[35]
कोविड-19 के संबंध में केंद्र सरकार के मुख्य नीतिगत फैसलों पर अधिक विवरण के लिए कृपया यहां देखें।
कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।
[1] Novel coronavirus outbreak in China, Ministry of Health and Family Welfare, January 17, 2020, https://www.mohfw.gov.in/pdf/TraveladvisorytotravelersvisitingChina17012020.pdf.
[2] Ministry of Health and Family Welfare website, last accessed on March 31, 2020, https://www.mohfw.gov.in/index.html.
[3] Order No. 1-29/2020-PP, National Disaster Management Authority, March 24, 2020, https://mha.gov.in/sites/default/files/ndma%20order%20copy.pdf.
[4] Order No. 40-3/2020-DM-I(A), Ministry of Home Affairs, March 24, 2020, https://mha.gov.in/sites/default/files/MHAorder%20copy.pdf.
[5] “Guidelines on measures to be taken by Ministries/Department of Government of India, State/Union Territory Governments and State/Union Territory Authorities for containment of COVID-19 Epidemic in the Country”, Ministry of Home Affairs, March 24, 2020, https://mha.gov.in/sites/default/files/Guidelines.pdf.
[6] Second Addendum to Order No. 40-3/2020-DM-I(A), Ministry of Home Affairs, March 24, 2020, https://mha.gov.in/sites/default/files/PR_SecondAddendum_27032020.pdf.
[7] “Consolidated Guidelines on the measures to be taken by Ministries/Departments of Government of India, State/Union Territory Governments and State/Union Territory Authorities for containment of COVID-10 Epidemic in the Country, as notified by the Ministry of Home Affairs on 24.03.2020 and further modified on 25.03.2020 and 27.03.2020”, Ministry of Home Affairs, https://mha.gov.in/sites/default/files/PR_ConsolidatedGuidelinesofMHA_28032020.pdf.
[8] D.O. No. 40-3/2020-DM-I(A), Ministry of Home Affairs, March 29, 2020, http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/3rd%20Addendum%20to%20Lockdown%20Guidelines%20on%20exempted%20Goods%20and%20Services.pdf.
[9] Order No. 40-3/2020-DM-I(A), Ministry of Home Affairs, March 29, 2020, https://mha.gov.in/sites/default/files/MHA%20Order%20restricting%20movement%20of%20migrants%20and%20strict%20enforement%20of%20lockdown%20measures%20-%2029.03.2020.pdf.
[10] “Finance Minister announces Rs 1.70 Lakh Crore relief package under Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana for the poor to help them fight the battle against Corona Virus”, Press Information Bureau, Ministry of Finance, March 26, 2020.
[11] “Monetary and Fiscal policy response by Government of Indian and Regulators”, Department of Economic Affairs, Ministry of Finance, March 27, 2020, https://dea.gov.in/sites/default/files/India%20economic%20policy%20response%20on%20%20COVID%2019%20Fiscal%20and%20Monetary%20as%20on%2027032020.pdf.
[12] “Pradhan Mantri Garib Kalyan Package: Insurance Scheme for Health Workers Fighting COVID-19”, Press Information Bureau, Ministry of Health and Family Welfare, March 29, 2020.
[13] Seventh Bi-Monthly Policy Statement 2019-20”, Press Release, Reserve Bank of India, March 27, 2020, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR2129F5E23A447E0F4A00955429716C53F5A2.PDF.
[14] “Statement on Developmental and Regulatory Practices”, Reserve Bank of India, Press Releases, March 27, 2020, https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=49582.
[15] “COVID-19 – Regulatory Package”, Notifications, Reserve Bank of India, March 27, 2020, https://www.rbi.org.in/Scripts/NotificationUser.aspx?Id=11835.
[16] RBI announces further measures for dealing with the COVID-19 pandemic, Reserve Bank of India, April 1, 2020, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR2167BA409AC37FA8460497BA0C9B283E5DD9.PDF.
[17] Appeal to generously donate to ‘Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations Fund (PM CARES Fund)’, Press Information Bureau, Prime Minister’s Office, March 28, 2020, https://pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=1608851.
[18] The Taxation and Other Laws (Relaxation of Certain Provisions) Ordinance, 2020, Gazette of India, Ministry of Law and Justice, March 31, 2020, http://www.egazette.nic.in/WriteReadData/2020/218979.pdf.
[19] Rupee Drawing Arrangement – Remittance to the Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations (PM-CARES) Fund, Reserve Bank of India, April 3, 2020, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/Notification/PDFs/NOT2087A69F5158C174585A46C69B78BD96DBD.PDF.
[20] Strategy for COVID-19 testing in India, India Council for Medical Research, Ministry of Health and Family Welfare, March 17, 2020, https://www.mohfw.gov.in/pdf/LabTestingAdvisory.pdf.
[21] Guidelines for COVID-19 testing in private laboratories in India, Ministry of Health and Family Welfare, March 21, 2002 https://www.mohfw.gov.in/pdf/NotificationofICMguidelinesforCOVID19testinginprivatelaboratoriesiIndia.pdf.
[22] Government Approved Laboratories by ICMR, Ministry of Health and Family Welfare, April 7, 2020. https://icmr.nic.in/sites/default/files/upload_documents/Govt_Labs_functional_for_COVID19_testing_05042020.pdf.
[23] Private Approved Laboratories by ICMR, Ministry of Health and Family Welfare, April 7, 2020. https://icmr.nic.in/sites/default/files/upload_documents/Private_Labs_06042020.pdf.
[24] Containment Plan for Large Outbreaks, Ministry of Health and Family Welfare, April 4, 2020, https://www.mohfw.gov.in/pdf/3ContainmentPlanforLargeOutbreaksofCOVID19Final.pdf.
[25] S.O. 1171(E), Amendment in Export Policy of Masks, Ventilators and textile raw material for masks and coveralls, Ministry of Commerce and Industry, March 19, 2020, http://egazette.nic.in/WriteReadData/2020/218857.pdf.
[26] S.O. 955(E), Amendment in Export Policy of APIs and formulations made from these APIs, Ministry of Commerce and Industry, March 3, 2020, http://egazette.nic.in/WriteReadData/2020/216551.pdf.
[27] Notification no. 01/2015-2020, Amendment in Export Policy of Hydroxychloroquine, Ministry of Commerce and Industry, April 4, 2020, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/1492.IND_Export_Restriction_Hydroxychloroquine_Apr_4.pdf.
[28] Notification no. 59/2015-2020, Amendment in Export Policy of Diagnostic Kits, April 4, 2020, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/1491.IND_Export_Restriction_Diagnostic_Kits_Apr_4.pdf.
[29] AV. 11011/1/2020-US(AG) Office-MOCA, Ministry of Civil Aviation, March 23, 2020, https://www.civilaviation.gov.in/sites/default/files/Revised-%20COVID-19%20-%20Order%20under%20Section%208B.pdf.
[30] No.4/1/2020-IR, Director General of Civil Aviation, March 27, 2020, https://dgca.gov.in/digigov-portal/Upload?flag=iframeAttachView&attachId=130618666.
[31] No.4/1/2020-IR, Director General of Civil Aviation, March 26, 2020, https://dgca.gov.in/digigov-portal/Upload?flag=iframeAttachView&attachId=130618625.
[32] No.4/1/2020-IR, Director General of Civil Aviation, January 30 to March 17, 2020, https://dgca.gov.in/digigov-portal/Upload?flag=iframeAttachView&attachId=130617742.
[33] “Ministry of Railways extends Cancellation of Passenger Train Services till 2400 hrs of 14th April, 2020”, Press Information Bureau, Ministry of Railways, March 25, 2020.
[34] “Transportation of essential commodities to various parts of the country by Indian Railways continues at full speed”, Press Information Bureau, Ministry of Railways, March 30, 2020.
[35] “Indian Railways to run Special Parcel Trains for carriage of essential items in small parcel sizes during the complete lockdown in fight against COVID-19”, Press Information Bureau, Ministry of Railways, March 29, 2020.