सूचना का अधिकार (संशोधन) एक्ट, 2019 द्वारा सूचना का अधिकार एक्ट, 2005 में संशोधन किया गया है। आरटीआई एक्ट, 2005 में केंद्र और राज्य स्तरों पर क्रमश: चीफ इनफॉरमेशन कमीश्नर (सीआईसी) और इनफॉरमेशन कमीश्नरों (आईसीज़) के कार्यकाल, सेवा की शर्तें और वेतन को विनिर्दिष्ट किया गया था। आरटीआई (संशोधन) एक्ट, 2019 में इन प्रावधानों को हटाया गया है और कहा गया है कि केंद्र सरकार नियमों के जरिए सेवा शर्तों और वेतन को अधिसूचित करेगी।[1],[2]
सूचना का अधिकार नियम, 2019 को 24 अक्टूबर, 2019 को अधिसूचित किया गया था।[3] इन नियमों में केंद्र और राज्य स्तरों पर क्रमशः सीआईसी और आईसीज़ के कार्यकाल, सेवा शर्तों और वेतन को निर्धारित किया गया है। तालिका 1 में सूचना के अधिकार एक्ट, 2005 और सूचना के अधिकार नियम, 2019 के अंतर्गत सीआईसी और आईसीज़ के कार्यकाल और वेतन से संबंधित प्रावधानों की तुलना की गई है।
तालिका 1: सूचना के अधिकार एक्ट, 2005 और सूचना के अधिकार नियम, 2019 के प्रावधानों की तुलना
प्रावधान |
आरटीआई एक्ट, 2005 |
आरटीआई नियम, 2019 |
कार्यकाल |
सीआईसी और आईसीज़ (केंद्र और राज्य स्तर पर) का कार्यकाल पांच वर्ष होगा। |
सीआईसी और आईसीज़ (केंद्र और राज्य स्तर पर) का कार्यकाल तीन वर्ष होगा। |
वेतन |
सीआईसी और आईसीज़ का वेतन (केंद्रीय स्तर पर) चीफ इलेक्शन कमीश्नर और इलेक्शन कमीश्नर को चुकाए जाने वाले वेतन के बराबर (2,50,000 रुपए प्रति माह) होगा। इसी प्रकार, सीआईसी और आईसीज़ (राज्य स्तर पर) का वेतन क्रमशः इलेक्शन कमीश्नरों (2,50,000 रुपए प्रति माह) और राज्य सरकार के मुख्य सचिव (2,25,000 रुपए प्रति माह) को चुकाए जाने वाले वेतन के बराबर होगा। |
सीआईसी और आईसीज़ (केंद्रीय स्तर पर) का वेतन प्रति माह क्रमशः 2,50,000 रुपए और 2,25,00 रुपए होगा।
सीआईसीज़ और आईसीज़ (राज्य स्तर पर) का वेतन प्रति माह 2,25,000 रुपए होगा। |
Source: The Right to Information (Term of Office, Salaries, Allowances and Other Terms and Conditions of Service of Chief Information Commissioner, Information Commissioners in the Central Information Commission, State Chief Information Commissioner and State Information Commissioners in the State Information Commission) Rules, 2019; The High Court and the Supreme Court Judges (Salaries and Conditions of Service) Amendment Act, 2017; Indian Administrative Services (Pay) Rules, 2016; PRS.
[1] Right to Information Act, 2005, https://rti.gov.in/rti-act.pdf.
[2] Right to Information (Amendment Act), 2019, file:///C:/Users/Dell/Downloads/The%20Right%20to%20Information%20(Amendment)%20Bill,%202019%20Text.pdf.
[3] The Right to Information (Term of Office, Salaries, Allowances and Other Terms and Conditions of Service of Chief Information Commissioner, Information Commissioners in the Central Information Commission, State Chief Information Commissioner and State Information Commissioners in the State Information Commission) Rules, 2019, http://egazette.nic.in/WriteReadData/2019/213438.pdf.
4 मई, 2020 तक भारत में कोविड-19 के 42,533 पुष्ट मामले हैं। 27 अप्रैल से 14,641 नए मामले दर्ज किए गए हैं। पुष्ट मामलों में 11,707 मरीजों का इलाज हो चुका है/उन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है और 1,373 की मृत्यु हई है। जैसे इस महामारी का प्रकोप बढ़ा है, केंद्र सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए अनेक नीतिगत फैसलों और महामारी से प्रभावित नागरिकों और व्यवसायों को मदद देने के उपायों की घोषणाएं की हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम केंद्र सरकार के 27 अप्रैल से 4 मई, 2020 तक के कुछ मुख्य कदमों का सारांश प्रस्तुत कर रहे हैं।
Source: Ministry of Health and Family Welfare; PRS.
लॉकडाउन
18 मई, 2020 तक लॉकडाउन बढ़ाया गया
गृह मंत्रालय ने 4 मई, 2020 से लॉकडाउन को दो हफ्तों के लिए बढ़ाने का आदेश दिया (18 मई, 2020 तक)। इस लॉकडाउन में जिन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा रहेगा, वे इस प्रकार हैं:
यात्रा और आवाजाही: निम्नलिखित द्वारा आवाजाही: (i) हवाई (मेडिकल और सुरक्षा कारणों के अतिरिक्त), (ii) रेल (सुरक्षा उद्देश्यों के अतिरिक्त), (iii) अंतरराज्यीय बस (केवल केंद्र सरकार द्वारा अनुमत), और (iv) मेट्रो प्रतिबंधित रहेगी। मेडिकल कारणों के अतिरिक्त या केंद्र सरकार द्वारा अनुमत होने पर लोग अंतरराज्यीय आवाजाही कर सकते हैं। गैर अनिवार्य गतिविधियों के लिए राज्य के भीतर लोगों की आवाजाही पर शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक प्रतिबंध है।
शिक्षा: सभी शिक्षण संस्थान जैसे स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे, सिवाय ऑनलाइन लर्निंग को छोड़कर।
हॉस्पिटैलिटी सेवाएं और मनोरंजक गतिविधियां: होटल जैसी सभी हॉस्पिटेलिटी सेवाएं बंद रहेंगी, सिवाय क्वारंटाइन सुविधाएं या स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिस और बेसहारा लोगों को आवास की सुविधा प्रदान करने वाले होटल खुले रहेंगे। इसके अतिरिक्त सिनेमा, मॉल, जिम और बार जैसे मनोरंजक केंद्र बंद रहेंगे।
धार्मिक जमावड़े: सभी धार्मिक स्थल बंद रहेंगे और धार्मिक उद्देश्यों के लिए लोगों को जमावड़े पर प्रतिबंध लगा रहेगा।
लॉकडाउन के संशोधित दिशानिर्देशों में जिलों की रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन्स के रूप में रिस्क प्रोफाइलिंग करना शामिल है। जोन का वर्गीकरण स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जाएगा और इसे साप्ताहिक आधार पर राज्यों के साथ साझा किया जाएगा। राज्य अतिरिक्त जिलों को रेड या ऑरेंज जोन में शामिल कर सकते हैं। लेकिन वे किसी जिले के वर्गीकरण को नीचे नहीं कर सकते। किसी जिले को रेड से ऑरेंज जोन में या ऑरेंज से ग्रीन जोन में तब खिसकाया जाएगा, जब वहां 21 दिनों में कोई मामला सामने नहीं आता। जोन्स का वर्गीकरण और अनुमत गतिविधियों का विवरण इस प्रकार है:
रेड जोन्स या हॉटस्पॉट्स: इन जिलों को सक्रिय मामलों की कुल संख्या, पुष्ट मामलों के डबलिंग रेट और जांच एवं निगरानी संबंधी फीडबैक के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा। रेड जोन्स में जिन अतिरिक्त गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा, वे इस प्रकार हैं: (i) साइकिल और ऑटोरिक्शा, (ii) टैक्सी, (iii) बस और (iv) नाई की दुकानें, स्पा और सैलून। जिन गतिविधियों की अनुमति होगी, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) व्यक्तियों की आवाजाही (चारपहिया वाहन पर अधिकतम दो लोग और दुपहिया वाहन पर एक व्यक्ति), (ii) ग्रामीण क्षेत्रों में सभी औद्योगिक इस्टैबलिशमेंट्स और शहरी क्षेत्रों में अनिवार्य वस्तुओं की मैन्यूफैक्चरिंग करने वाले कुछ औद्योगिक इस्टैबलिशमेंट्स, और (iii) सभी स्टैंडएलोन और आस-पड़ोस की दुकानें।
ग्रीन जोन्स: इन जोन्स में ऐसे जिले शामिल हैं जहां अब तक कोई पुष्ट मामले नहीं हुए या पिछले 21 दिनों में कोई पुष्ट मामले सामने नहीं आए। इन जोन्स में किसी अतिरिक्त गतिविधि पर प्रतिबंध नहीं है। रेड जोन्स में अनुमत गतिविधियों के अतिरिक्त इन जोन्स में बसें 50% सीटिंग क्षमता के साथ चल सकती हैं।
ऑरेंज जोन्स: इन जोन्स में वे सभी जिले शामिल हैं जो रेड या ऑरेंज जोन्स में नहीं आते। इन जोन्स में अंतरराज्यीय या राज्यों की भीतर बसें नहीं चलेंगी। जिन गतिविधियों की अनुमति होगी (रेड जोन्स में अनुमत गतिविधियों के अतिरिक्त), वे इस प्रकार हैं: (i) अधिकतम एक ड्राइवर और दो यात्रियों के साथ टैक्सियां, (ii) अनुमत गतिविधियों के लिए व्यक्तियों और वाहनों की अंतरराज्यीय आवाजाही, और (iii) अधिकतम एक ड्राइवर और दो यात्रियों के साथ चारपहिया वाहन।
जिला प्रशासन रेड और ऑरेंज जोन्स में आने वाले कुछ क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन्स के रूप में चिन्हित कर सकता है। कंटेनमेंट जोन्स में आवासीय कालोनियां, टाउन्स या म्यूनिसिपल वॉर्ड जैसे क्षेत्र शामिल हो सकते हैं। कंटेनमेंट जोन्स में स्थानीय प्रशासन आरोग्य सेतु ऐप का 100% कवरेज, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, जोखिम के आधार पर व्यक्तियों का क्वारंटाइन और घर-घर छानबीन सुनिश्चित कर सकता है। इसके अतिरिक्त केवल मेडिकल इमरजेंसी और अनिवार्य वस्तुओं के लिए व्यक्ति आना-जाना कर सकता है।
विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों की आवाजाही
गृह मंत्रालय ने विशेष ट्रेनों द्वारा प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, विद्यार्थियों और विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों की आवाजाही को मंजूरी दी। इसके लिए सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे लोगों को भेजने, उन्हें प्राप्त करने और उनके पंजीकरण के लिए नोडल अधिकारियों को नामित करेंगे। इस विनिमय के लिए लोगों को भेजने और उन्हें प्राप्त करने वाले दोनों राज्यों का सहमत होना जरूरी है। प्रत्येक ट्रेन 1,200 लोगों को ले जा सकती है और कोई ट्रेन 90% क्षमता से कम पर नहीं चलेगी। राज्य सरकार द्वारा यात्रा की अनुमति देने वाले लोगों को टिकट का कुछ मूल्य चुकाना पड़ सकता है।
शिक्षा
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कोविड-10 महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर पर दिशानिर्देश जारी किए।
शैक्षणिक कैलेंडर: विश्वविद्यालयों में ईवन सेमिस्टर्स की क्लासेज़ 16 मार्च, 2020 से रद्द कर दी गईं। दिशानिर्देशों में यह कहा गया है कि शिक्षण को 31 मई तक जारी रखा जाना चाहिए, भले ही वह ऑनलाइन या दूरस्थ शिक्षण मोड, सोशल मीडिया (व्हॉट्सएप/यूट्यूब), ईमेल या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो। मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए परीक्षाएं जुलाई 2020 में की जानी चाहिए और परिणाम 31 जुलाई (टर्मिनल ईयर के विद्यार्थियों के लिए) और 14 अगस्त (इंटरमीडिएट ईयर के विद्यार्थियों के लिए) को घोषित किए जाने चाहिए।
शैक्षणिक सत्र 2020-21 पुराने विद्यार्थियों के लिए अगस्त 2020 और नए विद्यार्थियों के लिए सितंबर 2020 हो सकता है। नए विद्यार्थियों के लिए दाखिला प्रक्रिया अगस्त के महीने में की जा सकती है। परिणामस्वरूप 2020-21 का ईवन सेमिस्टर 27 जनवरी, 2021 से शुरू हो सकता है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 की शुरुआत अगस्त 2021 हो सकती है। 2019-20 के शेष सत्र और 2020-21 के शैक्षणिक सत्र के लिए शिक्षण के नुकसान की भरपाई के लिए विश्वविद्यालय छह दिन के सप्ताह का पैटर्न अपना सकता है।
परीक्षाएं: विश्वविद्यालय ऑफलाइन या ऑनलाइन मोड में सेमिस्टर या वार्षिक परीक्षाएं ले सकती है। यह ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ के निर्देशों का पालन करते हुए और सभी विद्यार्थियों के लिए निष्पक्ष अवसरों को सुनिश्चित करते हुए किया जाना चाहिए। परीक्षाओं के वैकल्पिक, सरल तरीकों को अपनाकर ऐसा किया जा सकता है, जैसे एमसीक्यू (मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चंस) आधारित परीक्षाएं या ओपन बुक परीक्षाएं। अगर मौजूदा स्थिति को देखते हुए परीक्षाएं नहीं की जा सकती हैं तो पिछले सेमिस्टर में आंतरिक मूल्यांकन और प्रदर्शन के आधार पर ग्रेडिंग की जा सकती है। विश्वविद्यालय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएचडी वाइवा परीक्षा संचालित कर सकते हैं।
दूसरे दिशानिर्देश: प्रत्येक विश्वविद्यालय को एक कोविड-19 सेल स्थापित करना होगा ताकि महामारी के दौरान विद्यार्थियों की परीक्षाओं और शिक्षण गतिविधियों से संबंधित शिकायतों को हल किया जा सके। उसे विद्यार्थियों को इसके बारे में प्रभावी तरीके से बताना होगा। इसके अतिरिक्त जल्द फैसला लेने के लिए यूजीसी में भी एक कोविड-19 सेल बनाया जाएगा।
कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।