- 18 और 19 मार्च को स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किए कि 31 मार्च तक सभी शिक्षण संस्थान और गैर अनिवार्य कमर्शियल इस्टैबलिशमेंट्स, जैसे सिनेमा हॉल, जिम, मॉल और स्विमिंग पूल्स बंद रहेंगे।[2]
- 22 मार्च को राज्य ने 31 मार्च तक पूरी तरह से लॉकडाउन की घोषणा की। किसी सार्वजनिक स्थल पर चार से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध लगाया गया। अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करने वाले इस्टैबलिशमेंट्स को लॉकडाउन से छूट दी गई थी।2 इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च से 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की।[3] 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने 3 मई, 2020 तक लॉकडाउन बढ़ाने से संबंधित घोषणा की।[4]
अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं
राज्य सरकार ने कुछ अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं जैसे फल, सब्जी, दूध, राशन का सामान, उचित दर की दुकानों के जरिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली, और दवाओं को लॉकडाउन से छूट दी है। सरकार ने अनिवार्य वस्तुओं की कीमतों को तय करने और उन पर निगरानी रखने के लिए ज्वाइंट कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमिटियों का गठन किया है।2
3 अप्रैल को सरकार ने घोषणा की कि सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा केंद्रों को छह महीने की अवधि के लिए अनिवार्य सेवा माना जाएगा।2
वित्तीय सहायता
राज्य ने लॉकडाउन के कारण परेशान लोगों के लिए निम्नलिखित कल्याणकारी उपायों की घोषणा की है।
- सभी राइस कार्ड होल्डर्स को एक किलो मसूर की दाल, और अप्रैल महीने में निर्धारित चावल मुफ्त दिया जाएगा।2
- सभी राइस कार्ड धारक परिवारों को राशन और सब्जी जैसी अनिवार्य वस्तुओं को खरीदने हेतु 1,000 रुपए दिए जाएंगे।2
- राज्य सरकार वृद्धाश्रम और बाल गृह चलाने वाली गैर सरकारी संस्थाओं को मुफ्त राशन देगी। इस मुफ्त राशन में प्रति व्यक्ति 10 किलो चावल और एक किलो मसूर की दाल शामिल होगी।[5]
- 31 मार्च को राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि वह शहरी क्षेत्रों में विशेष शेल्टर बनाए ताकि राज्य में प्रवासी श्रमिकों और बेघर लोगों को खाना और आश्रय मिल सके।2
स्वास्थ्य संबंधी उपाय
आंध्र प्रदेश महामारी रोग कोविड-19 रेगुलेशन 2020
13 मार्च, 2020 को सरकार ने राज्य में कोविड-19 की रोकथाम के लिए आंध्र प्रदेश महामारी रोग कोविड-19 रेगुलेशन 2020 अधिसूचित किया। इन रेगुलेशंस के अनुसार, सरकारी और निजी अस्पतालों में डेडिकेटेड कोविड-19 आइसोलेशन की सुविधा होनी चाहिए।2
जिला और निर्वाचन क्षेत्र के स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर्स की स्थापना
25 मार्च को स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 100 बिस्तरों वाले क्वारंटाइन केंद्र और जिला स्तर पर 200 बिस्तर वाले क्वारंटाइन केंद्र की स्थापना के आदेश जारी किए।[6] 31 मार्च को कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए कुछ अस्पतालों को विशेष अस्पतालों के रूप में नामित किया गया। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) राज्य स्तर पर चार अस्पताल, और (ii) जिला स्तर पर 13 अस्पताल (हर जिले में एक अस्पताल)।2
सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर प्रतिबंध
12 अप्रैल को सरकार ने एक आदेश जारी किया जिसमें धूम्रपान रहित तंबाकू या चबाने योग्य तंबाकू/गैर तंबाकू उत्पादों को खाने और थूकने तथा सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाया।[7]
प्रशासनिक उपाय
सरकार ने राज्य के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के वेतन में 100% की कटौती और राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए 10% से 60% तक की कटौती की घोषणा की है।[8] मेडिकल और स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग के कर्मचारियों और ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकायों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को इस प्रावधान से छूट दी गई है।[9]
कोविड-19 के प्रसार पर अधिक जानकारी और महामारी पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाओं के लिए कृपया यहां देखें।
[5] G.O.RT.No. 58, Department for Women, Children, Differently Abled & Senior Citizens Welfare, Government of Andhra Pradesh, March 29, 2020.
[7] G.O.RT.No. 237, Department of Health, Medical and Family Welfare, Government of Andhra Pradesh, April 12, 2020.
[8] G.O.Ms.No.:26, Department of Finance, Government of Andhra Pradesh, March 31, 2020.
[9] G.O.Ms.No.:27, Department of Finance, Government of Andhra Pradesh, April 4, 2020.