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अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) बिल, 2023 को 15 मार्च, 2023 को लोकसभा में पेश किया गया। यह अंतर-सेवा संगठनों के कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड को यह अधिकार देता है कि वे अपनी कमान के तहत आने वाले सेवाकर्मियों पर अनुशासनात्मक या प्रशासनिक नियंत्रण रख सकते हैं, भले ही वे किसी भी सेवा के हों। बिल की प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं:
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अंतर-सेवा संगठन: मौजूदा अंतर-सेवा संगठनों को बिल के तहत गठित माना जाएगा। इनमें अंडमान एवं निकोबार कमान, रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी शामिल हैं। केंद्र सरकार एक अंतर-सेवा संगठन का गठन कर सकती है जिसमें तीन सेवाओं में से कम से कम दो से संबंधित कर्मचारी हों: थलसेना, नौसेना और वायुसेना। इन्हें ऑफिसर-इन-कमांड के अधीन रखा जा सकता है। इन संगठनों में एक संयुक्त सेवा कमान भी शामिल हो सकती है, जिसे कमांडर-इन-चीफ के कमान के तहत रखा जा सकता है।
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अंतर-सेवा संगठन का नियंत्रण: वर्तमान में अंतर-सेवा संगठनों के कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड को अन्य सेवाओं से संबंधित कर्मियों पर अनुशासनात्मक या प्रशासनिक शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार नहीं है। बिल किसी अंतर-सेवा संगठन के कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड को इसमें सेवारत या इससे जुड़े कर्मियों पर कमान और नियंत्रण करने का अधिकार देता है। वह अनुशासन बनाए रखने और सेवा कर्मियों द्वारा कर्तव्यों का उचित निर्वहन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा।
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अंतर-सेवा संगठन का अधीक्षण केंद्र सरकार में निहित होगा। सरकार ऐसे संगठनों को राष्ट्रीय सुरक्षा, सामान्य प्रशासन या जनहित के आधार पर निर्देश भी जारी कर सकती है।
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केंद्र सरकार के तहत अन्य बल: केंद्र सरकार भारत में गठित और बरकरार किसी भी बल को अधिसूचित कर सकती है जिस पर बिल लागू होगा। यह थलसेना, नौसेना और वायुसेना के कर्मियों के अतिरिक्त होगा।
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कमांडर-इन-चीफ: कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड के रूप में नियुक्त होने के पात्र निम्नलिखित अधिकारी हैं: (i) नियमित सेना का जनरल ऑफिसर (ब्रिगेडियर के रैंक से ऊपर), (ii) नौसेना का फ्लैग ऑफिसर (एडमिरल ऑफ द फ्लीट, एडमिरल, वाइस-एडमिरल, या रियर-एडमिरल के रैंक), या (iii) वायुसेना का एयर ऑफिसर (ग्रुप कैप्टन के रैंक से ऊपर)।
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वह निम्नलिखित अधिकारियों को प्राप्त सभी अनुशासनात्मक और प्रशासनिक शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं: (i) थलसेना के कमांडिंग जनरल ऑफिसर, (ii) नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, (iii) एयर कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, (iv) सेवा एक्ट में निर्दिष्ट कोई अन्य अधिकारी/अथॉरिटी, और (v) सरकार द्वारा अधिसूचित कोई अन्य अधिकारी/अथॉरिटी।
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कमांडिंग ऑफिसर: बिल एक कमांडिंग ऑफिसर का प्रावधान करता है जो एक यूनिट, जहाज या इस्टैबलिशमेंट की कमान संभालेगा। यह अधिकारी अंतर-सेवा संगठन के कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड द्वारा सौंपे गए कार्यों को पूरा करेगा। इस कमांडिंग ऑफिसर को अंतर-सेवा संगठन में नियुक्त, प्रतिनियुक्त, तैनात या उससे जुड़े कर्मियों पर सभी अनुशासनात्मक या प्रशासनिक कार्रवाई शुरू करने का अधिकार होगा।
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