- संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) बिल, 2025 को 20 अगस्त, 2025 को लोकसभा में पेश किया गया। यह बिल प्रधानमंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री, या केंद्र या राज्य सरकार के किसी अन्य मंत्री को, अगर उन्हें गंभीर क्रिमिनल मामलों में गिरफ्तार किया जाता है और हिरासत में रखा जाता है, तो पद से हटाने का प्रावधान करता है। यह बिल इन प्रावधानों को केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली पर भी लागू करता है। इन प्रावधानों को केंद्र शासित प्रदेश पुद्दूचेरी और जम्मू-कश्मीर पर लागू करने के लिए दो अन्य बिल भी पेश किए गए हैं।
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पद से हटाने का आधार: किसी मंत्री को पद से हटा दिया जाएगा, अगर: (i) उस पर ऐसे अपराध का आरोप है जिसके लिए पांच वर्ष या उससे अधिक की अवधि के कारावास की सजा हो सकती है, और (ii) उसे गिरफ्तार किया गया है और लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा गया है।
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पद से हटाने की प्रक्रिया: केंद्र सरकार के किसी मंत्री को प्रधानमंत्री की सलाह से राष्ट्रपति द्वारा हटाया जाएगा। यह सलाह, मंत्री के हिरासत में रहने के लगातार 31वें दिन तक दी जानी चाहिए। अगर प्रधानमंत्री इस समय तक राष्ट्रपति को सलाह नहीं देते हैं, तो मंत्री अगले दिन से पद पर नहीं रहेंगे। यही प्रावधान राज्य स्तर पर भी लागू होंगे, जहां राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री की सलाह पर कार्य करेंगे। दिल्ली के मामले में, राष्ट्रपति मुख्यमंत्री की सलाह पर एक्टिंग अथॉरिटी होंगे।
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प्रधानमंत्री, या किसी राज्य या दिल्ली के मुख्यमंत्री के मामले में, उन्हें हिरासत के लगातार 31वें दिन तक इस्तीफा देना होगा। अगर वह इस समय तक इस्तीफा नहीं देते हैं, तो उसके अगले दिन से उनका पद समाप्त हो जाएगा।
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पुनर्नियुक्ति पर कोई रोक नहीं: इन प्रावधानों के तहत हटाए गए मंत्री को हिरासत से रिहा होने के बाद पुनर्नियुक्त किया जा सकता है।
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