- वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 12 फरवरी, 2019 को राज्यसभा में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र अथॉरिटी बिल, 2019 पेश किया। बिल भारत में स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स (सेज़) के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों में वित्तीय सेवा बाजार को विकसित और रेगुलेट करने के लिए एक अथॉरिटी की स्थापना का प्रावधान करता है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
- कवरेज: बिल सेज़ एक्ट, 2005 के अंतर्गत सभी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों पर लागू होगा।
- अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र अथॉरिटी का गठन: बिल में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र अथॉरिटी की स्थापना का प्रावधान है। इस अथॉरिटी में केंद्र द्वारा नियुक्त नौ सदस्य होंगे। इनका कार्यकाल तीन वर्ष होगा जिसके बाद इनकी दोबारा नियुक्ति की जा सकती है। अथॉरिटी के सदस्यों में निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) चेयरपर्सन, (ii) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, सिक्योरिटीज़ एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा नामित चार सदस्य, (iii) वित्त मंत्रालय के दो अधिकारी, और (iv) सिलेक्शन कमिटी के सुझाव पर नियुक्त दो सदस्य।
- अथॉरिटी के कार्य: अथॉरिटी के कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) किसी आईएफएससी में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों, जिन्हें बिल के लागू होने से पहले किसी रेगुलेटर (जैसे आरबीआई या सेबी) द्वारा मंजूर किया गया है, को रेगुलेट करना, (ii) किसी आईएफएससी में वित्तीय उत्पादों, सेवाओं या संस्थानों को रेगुलेट करना, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाए, और (iii) उन वित्तीय सेवाओं, उत्पादों और संस्थानों के संबंध में केंद्र सरकार को सुझाव देना, जिन्हें आईएफएससी में मंजूर किया जा सके।
- इसके अतिरिक्त यह अथॉरिटी आईएफएससीज़ में वित्तीय उत्पादों, सेवाओं और संस्थानों के रेगुलेशन से संबंधित सभी शक्तियों का उपयोग करेगी, जिन्हें पहले संबद्ध रेगुलेटों द्वारा उपयोग किया जाता था। अथॉरिटी रेगुलेशन के लिए उन्हीं प्रक्रियाओं और कार्यवाहियों का पालन करेगी (जैसे अपराधों की जांच के लिए प्रक्रियाए), जैसी प्रक्रियाओं और कार्यवाहियों का पालन दूसरी रेगुलेटरी अथॉरिटीज़ द्वारा किया जाता है।
- प्रदर्शन समीक्षा कमिटी: बिल के अंतर्गत अथॉरिटी अपने कामकाज की समीक्षा के लिए प्रदर्शन समीक्षा कमिटी का गठन करेगी। कमिटी मे अथॉरिटी के कम से कम दो सदस्य होंगे। कमिटी निम्नलिखित की समीक्षा करेगी: (i) अथॉरिटी अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए या अपने कार्य करते हुए मौजूदा कानूनी प्रावधानों का अनुपालन कर रही है, (ii) उसके द्वारा बनाए गए रेगुलेशन पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाले और सुशासन कायम करने वाले हैं, और (iii) अथॉरिटी अपने कामकाज में उचित तरीके से जोखिम प्रबंधन कर रही है।
- विदेशी करंसी में लेनदेन: बिल के अनुसार, आईएफएससीज़ में वित्तीय सेवाओं के सभी लेनदेन उस करंसी में किए जाएंगे, जिन्हें अथॉरिटी केंद्र सरकार की सलाह से विनिर्दिष्ट करेगी।
- अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र अथॉरिटी फंड: बिल अंतरराष्ट्रीय वित्तीस सेवा केंद्र अथॉरिटी फंड की स्थापना करता है। फंड में निम्नलिखित राशियां जमा की जाएंगी: (i) अथॉरिटी के सभी अनुदान, फीस और शुल्क, और (ii) अथॉरिटी को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होने वाली राशि।
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