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अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और रेगुलेशन) संशोधन बिल, 2023 को लोकसभा में 27 जुलाई, 2023 को पेश किया गया। बिल अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और रेगुलेशन) एक्ट, 2002 में संशोधन करता है। एक्ट भारत के समुद्री क्षेत्रों में खनन को रेगुलेट करता है। एक्ट अपतटीय खनन-संबंधित गतिविधियों को निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत करता है: (i) पूर्व परीक्षण (रीकानिसन्स), जिसमें खनिज संसाधनों का पता लगाने के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण शामिल होता है, (ii) अन्वेषण (एक्सप्लोरेशन), जिसमें खनिज भंडार की खोज, उनका पता लगाना या उन्हें सिद्ध करना शामिल होता है, और (iii) उत्पादन, खनिजों को निकालने की वाणिज्यिक गतिविधि।
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कंपोजिट लाइसेंस: एक्ट निम्नलिखित प्रकार के कन्सेशंस देता है: (i) पूर्व परीक्षण के लिए पूर्व परीक्षण परमिट, (ii) अन्वेषण के लिए अन्वेषण लाइसेंस, और (iii) खनन करने के लिए उत्पादन पट्टा (लीज़)। बिल अन्वेषण के साथ-साथ उत्पादन का अधिकार देने के लिए एक कंपोजिट लाइसेंस पेश करता है। कंपोजिट लाइसेंस के तहत, लाइसेंसधारी को तीन वर्ष के भीतर अन्वेषण पूरा करना होगा। लाइसेंसधारी द्वारा आवेदन करने पर इसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। अगर खनिज संसाधन स्थापित किए गए हैं, तो लाइसेंसधारी को अन्वेषण किए गए क्षेत्र के लिए एक या अधिक उत्पादन पट्टे दिए जाएंगे।
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एक कंपोजिट लाइसेंस के तहत अन्वेषण के लिए अधिकतम क्षेत्र 30 मिनट अक्षांश (लैटीट्यूड) x 30 मिनट देशांतर (लॉन्गिट्यूड) होगा। एक कंपोजिट लाइसेंस के तहत उत्पादन करने का अधिकतम क्षेत्र 15 मिनट अक्षांश x 15 मिनट देशांतर होगा।
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कन्सेशन्स की वैधता: एक्ट के तहत, 30 वर्ष तक की अवधि के लिए उत्पादन पट्टा दिया जाता है। इसे आगे 20 वर्षों तक रीन्यू किया जा सकता है। इसके बजाय बिल में प्रावधान है कि एक उत्पादन पट्टा, साथ ही एक कंपोजिट लाइसेंस के तहत एक उत्पादन पट्टा 50 वर्षों के लिए वैध होगा।
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कुछ कन्सेशंस के लिए नीलामी अनिवार्य: एक्ट प्रशासनिक आवंटन के माध्यम से कन्सेशंस देने का प्रावधान करता है। बिल निजी संस्थाओं को उत्पादन पट्टा और कंपोजिट लाइसेंस देने के लिए प्रतिस्पर्धी बोली को अनिवार्य करता है। बिल के प्रावधानों के प्रभावी होने की तारीख से पहले उत्पादन पट्टों के लिए आवेदन निरस्त हो जाएंगे। बिल के प्रावधानों के प्रभावी होने की तारीख से पहले दिया गया अन्वेषण लाइसेंस, अन्वेषण किए गए क्षेत्र पर उत्पादन पट्टा प्राप्त करने के लिए अयोग्य होगा।
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आरक्षित क्षेत्रों में खनन: एक्ट सरकार को उन अपतटीय क्षेत्रों को आरक्षित करने की अनुमति देता है जो किसी परिचालन अधिकार के तहत नहीं आते हैं। बिल प्रशासनिक अधिकारी को सरकार या सरकारी कंपनी को कंपोजिट लाइसेंस या उत्पादन पट्टा देने की अनुमति देता है। सरकारी कंपनियों के संयुक्त उद्यम भी कुछ शर्तों के अधीन पात्र होंगे। ये शर्तें इस प्रकार हैं: (i) भागीदार को प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाना चाहिए, और (ii) सरकारी कंपनी के पास कम से कम 74% पेड-अप शेयर कैपिटल होना चाहिए।
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परमाणु खनिजों का खनन: बिल कहता है कि परमाणु खनिजों के मामले में अन्वेषण, उत्पादन और कंपोजिट लाइसेंस सिर्फ सरकार या सरकारी कंपनियों को दिए जाएंगे। परमाणु खनिजों को खान और खनिज (विकास और रेगुलेशन) एक्ट, 1957 में परिभाषित किया गया है। इनमें निम्न शामिल हैं: (i) यूरेनियम या थोरियम युक्त दुर्लभ पृथ्वी खनिज, (ii) पिचब्लेंड और यूरेनियम अयस्क, और (iii) यूरिनिफेरस एलानाइट, मोनाजाइट, और अन्य थोरियम खनिज।
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ब्लॉक्स का मानक क्षेत्र: एक्ट के तहत अपतटीय खनन के लिए एक ब्लॉक का आकार पांच मिनट अक्षांश x पांच मिनट देशांतर है। बिल इसे घटाकर एक मिनट अक्षांश x एक मिनट देशांतर करता है। बिल सभी कन्सेशंस के तहत एक इकाई द्वारा प्राप्त अधिकतम क्षेत्र को 45 मिनट अक्षांश x 45 मिनट देशांतर तक सीमित करता है।
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ऑफशोर एरियाज़ मिनरल ट्रस्ट: बिल ऑफशोर एरियाज़ मिनरल ट्रस्ट की स्थापना करता है। कन्सेशन धारियों को रॉयल्टी के अतिरिक्त ट्रस्ट को एक राशि का भुगतान करना होगा। इस राशि का उपयोग निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) अपतटीय क्षेत्रों में अन्वेषण, (ii) इकोलॉजी पर अपतटीय खनन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के बारे में अनुसंधान और अध्ययन, और (iii) आपदा होने पर राहत।
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जुर्माने में बढ़ोतरी: बिल विभिन्न अपराधों के लिए जुर्माना बढ़ाता है। उदाहरण के लिए, एक्ट के तहत बिना परमिट या लाइसेंस के कोई भी गतिविधि संचालित करने पर पांच वर्ष तक की कैद, 50,000 रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। बिल के अनुसार, इस अपराध के लिए जुर्माना पांच लाख रुपए से 10 लाख रुपए के बीच होगा।
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