मंत्रालय: 
विधि एवं न्याय
  • कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिरिजू ने 30 नवंबर, 2021 को लोकसभा में उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) संशोधन बिल, 2021 को पेश किया। बिल निम्नलिखित में संशोधन का प्रयास करता है: (i) उच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) एक्ट, 1954 और (ii) सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) एक्ट, 1958। ये कानून भारत के उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन और सेवा की शर्तों को रेगुलेट करते हैं।   
     
  • पेंशन या फैमिली पेंशन की अतिरिक्त राशिएक्ट के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के सभी रिटायर्ड न्यायाधीश और उनके परिवार के सदस्य पेंशन या फैमिली पेंशन के हकदार होते हैं। उन्हें एक निर्दिष्ट पैमाने के अनुसार एक निश्चित आयु प्राप्त करने पर पेंशन या फैमिली पेंशन की अतिरिक्त राशि भी मिलती है। इस पैमाने में पांच आयु वर्ग हैं (न्यूनतम 80, 85, 90, 95 और 100 वर्ष) और आयु के साथ अतिरिक्त राशि बढ़ती जाती है (पेंशन या फैमिली पेंशन के 20से 100%)। बिल स्पष्ट करता है कि व्यक्ति अतिरिक्त पेंशन या फैमिली पेंशन का उस महीने की पहली तारीख से ही हकदार हो जाएगा, जिस महीने में वह संबंधित आयु वर्ग के अंतर्गत न्यूनतम आयु का हो रहा होगा।   

 

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