मंत्रालय: 
विधि एवं न्याय
  • विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 19 जुलाई, 2016 को लोकसभा में उच्च न्यायालय (नाम संशोधन) बिल, 2016 पेश किया। यह बिल बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास के उच्च न्यायालयों के नामों में संशोधन का प्रयास करता है।
     
  • उच्च न्यायालय के नामों में संशोधन : बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास के उच्च न्यायालयों को क्रमशः मुंबई, कोलकाता और चेन्नई उच्च न्यायालय कहा जाएगा।
     
  • सरकार द्वारा संबंधित कानूनों में संशोधन : तीन उच्च न्यायालयों के नामों में संशोधन को लागू करने के लिए संबंधित सरकार को किसी कानून को संशोधित करने या उसे रद्द करने का अधिकार होगा। इस एक्ट के लागू होने के एक साल के अंदर यह किया जाना चाहिए।
     
  • कानूनी कार्यवाहियां : पक्षकार के रूप में बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास के उच्च न्यायलयों में लंबित कानूनी कार्यवाहियों को अब मुंबई, कोलकाता और चेन्नई उच्च न्यायालयों में प्रतिस्थापित माना जाएगा।
     
  • चूंकि उन शहरों के नामों में परिवर्तन कर दिया गया है, जहां ये उच्च न्यायालय स्थित हैं, इसलिए उच्च न्यायालयों के नामों में भी संशोधन किया जा रहा है।

 

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च “पीआरएस”) की स्वीकृति के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।