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विधि एवं न्याय
  • एडवोकेट्स (संशोधन) बिल, 2023 को राज्यसभा में 1 अगस्त, 2023 को पेश किया गया। बिल एडवोकेट्स एक्ट, 1961 में संशोधन करता है।  वह लीगल प्रैक्टिशनर्स एक्ट1879 के तहत दलालों (टाउट्स) से संबंधित कुछ धाराओं को निरस्त करता है। 1961 का कानून लीगल प्रैक्टिशनर्स से संबंधित कानून को एक करता है और बार काउंसिल और ऑल-इंडिया बार का गठन करता है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • दलालबिल में प्रावधान है कि प्रत्येक उच्च न्यायालयजिला न्यायाधीशसत्र न्यायाधीशजिला मजिस्ट्रेट और राजस्व अधिकारी (जिला कलेक्टर के पद से नीचे नहीं) दलालों की सूची तैयार और प्रकाशित कर सकते हैं। दलाल एक ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जो: (i) या तो किसी भुगतान के बदले में लीगल बिजनेस में एक लीगल प्रैक्टीशनर को रोजगार दिलाने की पेशकश करता है या रोजगार दिलाता है, या (iii) ऐसे रोजगार दिलाने के लिए दीवानी या फौजदारी अदालतों के परिसरराजस्व-कार्यालयों या रेलवे स्टेशनों जैसी जगहों पर बार-बार जाता है। न्यायालय या न्यायाधीश किसी भी ऐसे व्यक्ति को न्यायालय परिसर से बाहर कर सकता है जिसका नाम दलालों की सूची में शामिल है।

  • सूची तैयार करनादलालों की सूची तैयार और प्रकाशित करने के लिए अधिकृत अथॉरिटीज़ अधीनस्थ अदालतों को आदेश दे सकती हैं कि वे दलाल के तौर पर आरोपित या संदिग्ध व्यक्तियों के आचरण की जांच करें। एक बार किसी व्यक्ति के दलाल साबित होने पर अथॉरिटी उसका नाम दलालों की सूची में शामिल कर सकती है। इन सूचियों में नाम शामिल करने से पहले किसी भी व्यक्ति को यह बताने का मौका दिया जाना चाहिए कि उसका नाम उस सूची में क्यों न शामिल किया जाए।

  • सजादलालों की सूची में नाम शामिल होने के बाद अगर वह व्यक्ति दलाल के तौर पर काम करना जारी रखता है तो उसे तीन महीने तक की कैद, 500 रुपए तक का जुर्माना या दोनों भुगतने पड़ेंगे। 

 

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