- केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) बिल, 2021 को लोकसभा में 3 दिसंबर, 2021 को पेश किया गया। यह बिल केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अध्यादेश, 2021 का स्थान लेता है। बिल केंद्रीय सतर्कता आयोग एक्ट, 2003 में संशोधन करने का प्रयास करता है। 2003 का एक्ट भ्रष्टाचार निवारण एक्ट, 1988 के अंतर्गत कथित तौर पर किए गए अपराधों की जांच के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग के गठन का प्रावधान करता है।
- प्रवर्तन निदेशक के कार्यकाल का विस्तार: 2003 के एक्ट के अंतर्गत प्रवर्तन निदेशक की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा एक कमिटी के सुझाव के आधार पर की जाती है। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त इस कमिटी के अध्यक्ष होते हैं और इसमें गृह तथा कार्मिक मंत्रालयों एवं राजस्व विभाग के सचिव शामिल होते हैं। प्रवर्तन निदेशक का कार्यकाल न्यूनतम दो वर्ष होता है। बिल कहता है कि निदेशक का कार्यकाल नियुक्ति की प्रारंभिक तारीख से पांच वर्ष पूरे होने तक एक बार में एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। कमिटी के सुझाव पर यह एक्सटेंशन जनहित में दिया जा सकता है।
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