मंत्रालय: 
खान
  • खान और खनिज (विकास एवं रेगुलेशन) संशोधन बिल, 2023 को लोकसभा में 26 जुलाई, 2023 को पेश किया गया। बिल खान और खनिज (विकास एवं रेगुलेशन) एक्ट, 1957 में संशोधन करता है। एक्ट खनन क्षेत्र को रेगुलेट करता है। एक्ट रेगुलेशन के लिए खनन से संबंधित गतिविधियों को निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत करता है: (i) पूर्व परीक्षण (रीकानिसन्स), जिसमें खनिज संसाधनों को निर्धारित करने के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण शामिल होता है, (ii) पूर्वेक्षण (प्रॉस्पेक्टिंग), जिसमें खनिज भंडार की खोज, उनका पता लगाना या उन्हें सिद्ध करना शामिल होता है, और (iii) खनन यानी खनिजों को निकालने की व्यावसायिक गतिविधि।

  • पूर्व परीक्षण में उप-सतही गतिविधियां शामिल: एक्ट पूर्व परीक्षण से संबंधित कार्यों को प्रारंभिक पूर्वेक्षण के लिए किए जाने वाले कार्यों के तौर पर परिभाषित करता है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) हवाई सर्वेक्षण, (ii) भूभौतिकीय, और (iii) भू-रासायनिक सर्वेक्षण। इसमें भूवैज्ञानिक मानचित्रण भी शामिल है। एक्ट पूर्व परीक्षण के हिस्से के रूप में गड्ढा खोदने, खाई खोदने, ड्रिलिंग और उप-सतही उत्खनन पर प्रतिबंध लगाता है। बिल इन प्रतिबंधित गतिविधियों की अनुमति देता है।

  • निर्दिष्ट खनिजों के लिए अन्वेषण (एक्लप्लोरेशन) लाइसेंस: एक्ट में निम्नलिखित प्रकार के कन्सेशन के लिए प्रावधान है: (i) पूर्व परीक्षण के लिए पूर्व परीक्षण परमिट, (ii) पूर्वेक्षण के लिए पूर्वेक्षण लाइसेंस, (iii) खनन करने के लिए खनन पट्टा (लीज़), और (iv) एक मिश्रित लाइसेंस, पूर्वेक्षण और खनन के लिए। बिल एक अन्वेषण लाइसेंस का प्रस्ताव रखता है जोकि निर्दिष्ट खनिजों के लिए पूर्व परीक्षण या पूर्वेक्षण, या दोनों गतिविधियों के लिए अधिकृत करेगा।

  • सातवीं अनुसूची में निर्दिष्ट 29 खनिजों के लिए अन्वेषण लाइसेंस जारी किया जाएगा।इनमें सोना, चांदी, तांबा, कोबाल्ट, निकल, सीसा, पोटाश और रॉक फॉस्फेट शामिल हैं। एक्ट के तहत परमाणु खनिजों के रूप में वर्गीकृत छह खनिज भी इनमें शामिल हैं: (i) बेरिल और बेरिलियम, (ii) लिथियम, (iii) नाइओबियम, (iv) टाइटेनियम, (v) टैंटलियम, और (vi) ज़िरकोनियम। बिल उन्हें परमाणु खनिजों के रूप में वर्गीकृत करता है। अन्य खनिजों के विपरीत, परमाणु खनिजों का पूर्वेक्षण और खनन एक्ट के तहत सरकारी संस्थाओं के लिए आरक्षित है। 

  • अन्वेषण लाइसेंस के लिए नीलामी: अन्वेषण लाइसेंस राज्य सरकार द्वारा प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। केंद्र सरकार नियमों के जरिए अन्वेषण लाइसेंस के लिए नीलामी के तरीके, नियम, शर्तें और मानदंड जैसे विवरण निर्धारित करेगी।

  • अन्वेषण लाइसेंस की वैधताअन्वेषण लाइसेंस को पांच वर्षों के लिए जारी किया जाएगा। एक लाइसेंसधारी राज्य सरकार को आवेदन करके दो वर्ष तक के एक्सटेंशन का अनुरोध कर सकता है। लाइसेंस जारी होने के तीन वर्ष बाद, लेकिन लाइसेंस की समाप्ति से पहले, आवेदन किया जा सकता है।

  • अधिकतम क्षेत्र, जिनमें गतिविधियों की अनुमति हैएक्ट के तहतएक पूर्वेक्षण लाइसेंस में 25 वर्ग किलोमीटर तक के क्षेत्र में गतिविधियों और एक एकल पूर्व परीक्षण परमिट में 5,000 वर्ग किलोमीटर तक के क्षेत्र में गतिविधियों की अनुमति है। बिल 1,000 वर्ग किलोमीटर तक के क्षेत्र में एकल अन्वेषण लाइसेंस के तहत गतिविधियों की अनुमति देता है। पहले तीन वर्षों के बाद लाइसेंसधारी को मूल रूप से अधिकृत क्षेत्र का 25% तक अपने पास रखने की अनुमति होगी। लाइसेंसधारी को क्षेत्र को अपने पास रखने के कारणों को बताते हुए राज्य सरकार को एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी।

  • भूवैज्ञानिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना: काम पूरा होने या अन्वेषण लाइसेंस की समाप्ति के तीन महीने के भीतरलाइसेंसधारी को निष्कर्षों के संबंध में एक भूवैज्ञानिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

  • अन्वेषण लाइसेंसधारी के लिए इन्सेंटिवअगर अन्वेषण के बाद संसाधन सिद्ध हो जाते हैंतो राज्य सरकार को अन्वेषण लाइसेंसधारी द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के छह महीने के भीतर खनन पट्टे के लिए नीलामी का आयोजन करना होगा। लाइसेंसधारी को उसके द्वारा खोजे गए खनिज के लिए खनन पट्टे के नीलामी मूल्य में एक हिस्सा प्राप्त होगा। यह हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाएगा। अगर राज्य सरकार निर्धारित अवधि के भीतर खनन पट्टे की नीलामी पूरी नहीं करती हैतो राज्य सरकार अन्वेषण लाइसेंसधारी को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित राशि का भुगतान करेगी।

  • कुछ खनिजों के लिए केंद्र सरकार द्वारा नीलामी: एक्ट के तहतकुछ निर्दिष्ट मामलों को छोड़करकन्सेशन की नीलामी राज्य सरकारों द्वारा की जाती है। बिल में कहा गया है कि निर्दिष्ट महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के लिए मिश्रित लाइसेंस और खनन पट्टे की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा आयोजित की जाएगी। इन खनिजों में लिथियमकोबाल्टनिकलफॉस्फेटटिनफॉस्फेट और पोटाश शामिल हैं। हालांकिराज्य सरकार की ओर से अभी भी कन्सेशंस दिए जाएंगे।

 

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