- जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल, 2025 को 20 अगस्त, 2025 को लोकसभा में पेश किया गया। यह बिल जम्मू एवं कश्मीर (पुनर्गठन) एक्ट, 2019 में संशोधन करता है। इस एक्ट के तहत जम्मू एवं कश्मीर राज्य को जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में पुनर्गठित किया गया था। बिल में जम्मू-कश्मीर सरकार के मुख्यमंत्री या किसी अन्य मंत्री को हटाने का प्रावधान है, अगर उन्हें गंभीर क्रिमिनल अपराधों के कारण गिरफ्तार किया जाता है या हिरासत में रखा जाता है। इस बिल के साथ ही लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) बिल, 2025 भी पेश किया गया। संविधान संशोधन बिल केंद्र और राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली पर समान प्रावधान लागू करता है। एक अन्य बिल इन प्रावधानों को केंद्र शासित प्रदेश पुद्दूचेरी पर भी लागू करता है।
-
पद से हटाने का आधार: बिल में निर्दिष्ट किया गया है कि किसी मंत्री को पद से हटा दिया जाएगा, अगर: (i) उस पर ऐसे अपराध का आरोप है जिसके लिए पांच वर्ष या उससे अधिक की अवधि के कारावास की सजा हो सकती है, और (ii) उसे गिरफ्तार किया गया है और लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा गया है।
-
पद से हटाने की प्रक्रिया: मुख्यमंत्री की सलाह पर लेफ्टिनेंट गवर्नर किसी मंत्री को हटाएंगे। यह सलाह मंत्री के हिरासत में रहने के लगातार 31वें दिन तक दी जानी चाहिए। अगर मुख्यमंत्री इस समय तक यह सलाह नहीं देते हैं, तो अगले दिन से मंत्री पद से मुक्त हो जाएंगे।
-
मुख्यमंत्री की स्थिति में, उन्हें हिरासत के लगातार 31वें दिन तक इस्तीफा देना होगा। अगर वह इस समय तक इस्तीफा नहीं देते हैं, तो उसके अगले दिन से उनका पद समाप्त हो जाएगा।
-
पुनर्नियुक्ति पर कोई रोक नहीं: इन प्रावधानों के तहत हटाए गए मंत्री को हिरासत से रिहा होने के बाद पुनर्नियुक्त किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।