मंत्रालय: 
रसायन और उर्वरक
  • जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया ने 25 नवंबर, 2019 को लोकसभा में जहाज रीसाइकलिंग बिल, 2019 पेश किया। बिल जहाजों में खतरनाक सामग्री के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाता है और जहाजों की रीसाइकलिंग को रेगुलेट करता है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
     
  • बिल किन पर लागू होगा: बिल निम्नलिखित पर लागू होगा: (i) भारत में पंजीकृत नए और मौजूदा जहाज, (ii) भारत में किसी बंदरगाह या टर्मिनल, या भारत के राज्यक्षेत्रीय सागर में प्रवेश करने वाला जहाज, (iii) कोई युद्धपोत, या प्रशासन के स्वामित्व वाला और उसके द्वारा संचालित तथा सरकारी गैर वाणिज्यिक सेवा के लिए इस्तेमाल होने वाला कोई अन्य जहाज, और (iv) भारत में जहाज रीसाइकलिंग केंद्र।
     
  • जहाज रीसाइकलिंग: बिल के अनुसार, जहाज रीसाइकलिंग किसी रीसाइकलिंग केंद्र में जहाजों को तोड़ने की प्रक्रिया को कहते हैं ताकि उसके कुछ घटकों और सामग्रियों को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए हासिल किया जा सके और इस दौरान उत्पन्न होने वाली खतरनाक सामग्री का ध्यान रखा जा सके। इसमें रीसाइकलिंग से संबंधित कार्य भी शामिल हैं जैसे साइट पर सामग्रियों और घटकों का स्टोरेज और उन्हें उपचारित करना।
     
  • जहाजों के लिए जरूरी: जहाज प्रतिबंधित खतरनाक सामग्रियों का इस्तेमाल नहीं करेंगे, जिन्हें अधिसूचित किया जाएगा। केंद्र सरकार इस शर्त से कुछ श्रेणी के जहाजों को छूट दे सकती है। राष्ट्रीय अथॉरिटी निर्धारित शर्तो की पुष्टि के लिए पीरिऑडिक सर्वे करेगी। जहाज रीसाइकलिंग से संबंधित सभी गतिविधियों का प्रशासन, पर्यावेक्षण और निगरानी करने के लिए केंद्र सरकार इस अथॉरिटी को अधिसूचित करेगी।
     
  • किसी नए जहाज के मालिक को खतरनाक सामग्रियों की इनवेंटरी पर सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए राष्ट्रीय अथॉरिटी को आवेदन देना होगा। मौजूदा जहाज मालिक को एक्ट के लागू होने के पांच साल के भीतर सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना होगा। सर्टिफिकेट को हर पांच साल में रीन्यू होना चाहिए। जब तक जहाज चलाया जाएगा, इस सर्टिफिकेट को मेनटेन और अपडेट किया जाएगा, ताकि जहाज के स्ट्रक्चर और उपकरणों में होने वाले बदलाव प्रदर्शित हों। इस सर्टिफिकेट को विभिन्न कारणों से रद्द किया जा सकता है, जैसे अगर जहाज सर्टिफिकेट की विशिष्टताओं का अनुपालन न करे, या खतरनाक सामग्रियों की इनवेंटरी को उचित तरह से मेनटेन न करे। जहाज में खतरनाक सामग्रियों का इस्तेमाल करने पर तीन महीने तक का कारावास भुगतना होगा, या पांच लाख रुपए तक का जुर्माना भरना होगा, या दोनों सजा भुगतनी होगी।
     
  • ये शर्तें निम्नलिखित पर लागू नहीं होंगी: (i) युद्ध पोत, या प्रशासन के स्वामित्व वाले और उसके द्वारा संचालित तथा सरकारी गैर वाणिज्यिक सेवा के लिए इस्तेमाल होने वाला कोई अन्य जहाज, और (ii) 500 टन से कम आंतरिक वैल्यूम वाले जहाज।
     
  • रीसाइकलिंग केंद्र: जहाजों को सिर्फ अधिकृत रीसाइकलिंग केंद्रों में रीसाइकल किया जाएगा। ऐसे किसी केंद्र को अधिकृत करने हेतु आवेदन संबंधित अथॉरिटी को सौंपा जाएगा (जिसे केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा)। इस आवेदन के साथ जहाज रीसाइकलिंग केंद्र की प्रबंध योजना और नियत फीस भी सौंपी जाएगी। मौजूदा केंद्रों को एक्ट के लागू होने के 60 दिनों के भीतर प्राधिकृति के लिए आवेदन करना चाहिए। कोई केंद्र तब अधिकृत होगा, जब संबंधित अथॉरिटी इस बात से संतुष्ट हो जाए कि वह केंद्र निर्दिष्ट मानदंडों का पालन करता है। सर्टिफिकेट निर्दिष्ट अवधि के लिए वैध होगा, लेकिन यह अवधि पांच वर्ष से अधिक नहीं होगी। इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर एक वर्ष तक का कारावास भुगतना होगा, या 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भरना होगा, या दोनों सजा भुगतनी होगी।
     
  • हर जहाज रीसाइकलर को कारखाना एक्ट, 1948 के अंतर्गत आपात स्थिति की तैयारी और उस पर प्रतिक्रिया देने तथा श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और प्रशिक्षण एवं कल्याण के लिए उपयुक्त उपाय करने होंगे। उसे नियमित और अस्थायी श्रमिकों को बीमा कवरेज भी प्रदान करना होगा।
     
  • रीसाइकलिंग की प्रक्रिया: जहाज मालिक को जहाज को रीसाइकल करने से पहले रेडी फॉर रीसाइकलिंग सर्टिफिकेट के लिए राष्ट्रीय अथॉरिटी में आवेदन करना होगा। जहाज रीसाइकलर को एक रीसाइकलिंग योजना तैयार करनी होगी जिसे संबंधित अथॉरिटी द्वारा मंजूर होना चाहिए। संबंधित अथॉरिटी से लिखित अनुमति हासिल करने के बाद प्रत्येक जहाज को रीसाइकल किया जाएगा। जहाज के भौतिक निरीक्षण के बाद अथॉरिटी यह अनुमति देगी।
     
  • प्रत्येक जहाज रीसाइकल को निम्नलिखित सुनिश्चित करना चाहिए: (i) जहाज से खतरनाक सामग्रियों को सुरक्षित एवं पर्यावरण अनुकूल तरीके से हटाना और उनका प्रबंधन सुनिश्चित करना, और (ii) निर्दिष्ट पर्यावरणीय रेगुलेशंस का अनुपालन। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि रीसाइकलिंग से कोई पर्यावरणीय नुकसान नहीं हुआ। इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर जहाज रीसाइकलर को पर्यावरणीय नुकसान की भरपाई करनी होगी और क्लीनअप ऑपरेशन से संबंधित मुआवजा, जैसा निर्दिष्ट है, चुकाना होगा। तेल फैलने की स्थिति में जहाज रीसाइकलर को निम्नलिखित सजा दी जाएगी: (i) पहला नोटिस देने के 12 घंटे के भीतर कोई प्रतिक्रिया न देने पर पांच लाख रुपए तक का जुर्माना, (ii) दूसरा नोटिस देने के 24 घंटे के भीतर कोई प्रतिक्रिया न देने पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना, और (iii) तीसरे नोटिस के 24 घंटे के भीतर कोई प्रतिक्रिया न देने पर तीन महीने तक का कारावास, और 10 लाख रुपए तक जुर्माना।
     
  • अपील: संबंधित अथॉरिटी के फैसलों के खिलाफ 30 दिनों के भीतर राष्ट्रीय अथॉरिटी में अपील की जा सकती है। राष्ट्रीय अथॉरिटी के फैसलों के खिलाफ 30 दिनों के भीतर केंद्र सरकार से अपील की जा सकती है।

 

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