मंत्रालय: 
विधि एवं न्याय
  • लोकसभा में 5 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय आरबिट्रेशन सेंटर (संशोधन) बिल, 2022 को पेश किया गया। बिल नई दिल्ली आरबिट्रेशन सेंटर एक्ट, 2019 में संशोधन करता है। एक्ट नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय आरबिट्रेशन सेंटर की स्थापना का प्रावधान करता है और इसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान निर्दिष्ट करता है। नई दिल्ली आरबिट्रेशन सेंटर को अंतरराष्ट्रीय वैकल्पिक विवाद निवारण केंद्र के स्थान पर स्थापित किया गया है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्न शामिल हैं:
     
  • नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय आरबिट्रेशन सेंटर का नाम बदलनाबिल नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय आरबिट्रेशन सेंटर का नाम बदलकर भारत अंतरराष्ट्रीय आरबिट्रेशन सेंटर करता है।
     
  • वैकल्पिक विवाद निवारणएक्ट में आरबिट्रेशन सेंटर से यह अपेक्षित है कि वह अंतरराष्ट्रीय और घरेलू आरबिट्रेशन और सुलह के संचालन को सुविधाजनक बनाने का प्रयास करेगा। बिल इस दायरे को बढ़ाता है और इसमें अन्य प्रकार के वैकल्पिक विवाद निवारण के संचालन को शामिल करता है। केंद्र सरकार रेगुलेशंस बनाकर यह निर्दिष्ट करेगी कि आरबिट्रेशन और अन्य प्रकार के वैकल्पिक विवाद निवारण को संचालित करने का तरीका क्या होगा।
     
  • कठिनाइयों को दूर करनाएक्ट में केंद्र सरकार को अनुमति दी गई है कि वह एक्ट के लागू होने की तारीख से लेकर दो वर्षों तक उसे लागू करने में आने वाली किसी भी कठिनाई को दूर कर सकती है। बिल इस समयावधि को बढ़ाकर पांच वर्ष करता है।
     
  • ड्राफ्टिंग की कमियांबिल एक्ट में ड्राफ्टिंग की कई कमियों को ठीक करता है।

 

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