मंत्रालय: 
कृषि एवं किसान कल्याण
  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 29 जुलाई, 2021 को राज्यसभा में नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) बिल, 2021 को पेश किया। बिल नारियल विकास बोर्ड एक्ट, 1979 में संशोधन करता है। इस एक्ट के अंतर्गत नारियल उद्योग के विकास के लिए नारियल विकास बोर्ड की स्थापना की गई है। यह बिल बोर्ड के संयोजन में संशोधन करने का प्रयास करता है ताकि उसके प्रबंधन और प्रशासन में सुधार किया जा सके। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
     
  • बोर्ड का कामकाजएक्ट के अंतर्गत बोर्ड भारत में नारियल और उसके उत्पादों की मार्केटिंग में सुधार हेतु उपायों का सुझाव दे सकता है। बिल इस प्रावधान में यह और जोड़ता है कि बोर्ड भारत के बाहर भी नारियल और नारियल उत्पादों की मार्केटिंग हेतु सुझाव दे सकता है।    
     
  • एक्ट में बोर्ड को इस बात की अनुमति दी गई है कि वह केंद्र एवं राज्य सरकारों की सलाह से उपयुक्त योजनाओं को वित्त पोषित कर सकता है जिससे नारियल का उत्पादन बढ़े और उसकी क्वालिटी में सुधार हो। यह उन क्षेत्रों पर लागू होता है जहां नारियल बड़े पैमाने पर उगाए जाते हैं। बिल इस प्रावधान में संशोधन करता है और इस वित्त पोषण का दायरा नारियल उत्पादन करने वाले सभी राज्यों तक बढ़ाता है।
     
  • प्रबंधन में परिवर्तनएक्ट के अंतर्गत केंद्र सरकार बोर्ड के चेयरमैन को नियुक्त करती है और चेयरमैन चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) के तौर पर भी काम करता है। चेयरमैन केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट वेतन और भत्ते का पात्र होता है। बिल में प्रस्ताव है कि चेयरमैन का पद नॉन-एग्जीक्यूटिव बनाया जाएगा और वह केवल केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट भत्ते का पात्र होगा।
     
  • बिल में सीईओ का एक अलग पद बनाया गया है जिसे केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा, और वह केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव या उससे ऊपरी पद का अधिकारी हो सकता है। सीईओ के कर्तव्य, वेतन और भत्ते केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट होंगे। 
     
  • एक्ट के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा राजस्व तथा नागरिक आपूर्ति एवं सहकारिता विभागों के दो सदस्य बोर्ड में नियुक्त किए जाते हैं। बिल प्रस्ताव रखता है कि नागरिक आपूर्ति एवं सहकारिता विभाग का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य की जगह उपभोक्ता मामलों के विभाग के सदस्य को रखा जाए।
     
  • बिल बोर्ड में एक पदेन सदस्य को शामिल करता है। यह सदस्य केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी होगा जोकि बागवानी एकीकृत विकास मिशन का प्रभारी हो। 
     
  • राज्य के प्रतिनिधिएक्ट के अंतर्गत बोर्ड में केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन सदस्य शामिल होते हैं जिनकी नियुक्ति केंद्र सरकार करती है। बिल कहता है कि आंध्र प्रदेश का एक चौथा प्रतिनिधि भी बोर्ड में शामिल होगा (केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त)।
     
  • एक्ट के अंतर्गत बोर्ड में केंद्र सरकार बारी-बारी से पांच सदस्यों को भी नियुक्त करती है। ये सदस्य पांच राज्यों (आंध्र प्रदेश, असम, महाराष्ट्र, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल) और पांच केंद्र शासित प्रदेशों (अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, गोवा, दमन एवं दीव, लक्षद्वीप और पुद्दूचेरी) का प्रतिनिधित्व करते हैं। बिल इस संख्या को कम करता है और 11 राज्यों (मौजूदा सूची से आंध्र प्रदेश को हटाकर और इसमें बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, नागालैंड, तेलंगाना और त्रिपुरा को शामिल करके) और तीन केंद्र शासित प्रदेशों (गोवा तथा दमन एवं दीव को हटाकर) का प्रतिनिधित्व करने चार सदस्यों का प्रावधान करता है। 
     
  • नारियल उत्पादकों के प्रतिनिधिएक्ट के अंतर्गत बोर्ड में केरल के नारियल उत्पादकों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो सदस्य और तमिलनाडु एवं कर्नाटक के नारियल उत्पादकों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक-एक सदस्य शामिल होते हैं। इन सभी सदस्यों का नियुक्ति केंद्र सरकार करती है। बिल इसमें दो सदस्यों को और शामिल करता है जो आंध्र प्रदेश और गुजरात के नारियल उत्पादकों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इन सदस्यों की नियुक्ति भी केंद्र सरकार करेगी। 
     

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