मंत्रालय: 
विधि एवं न्याय
  • निरसन और संशोधन बिल, 2025 को 15 दिसंबर, 2025 को लोकसभा में पेश किया गया।

  • कानूनों का निरसन: इस बिल के तहत 71 कानून निरस्त किए गए हैं। बिल के उद्देश्यों और कारणों के कथन में कहा गया है कि ये कानून या तो अप्रचलित हो चुके हैं या इन्हें अलग कानूनों के रूप में बरकरार रखना आवश्यक नहीं है। इनमें से 65 संशोधन एक्ट हैं, जिनके परिवर्तन पहले ही मूल कानूनों में शामिल किए जा चुके हैं। निरस्त किए जा रहे अन्य कानूनों में भारतीय ट्रामवे एक्ट, 1886, लेवी चीनी समान कीमत निधि एक्ट, 1976 और भारत पेट्रोलियम निगम लिमिटेड (कर्मचारियों की सेवा शर्तों का निर्धारण) एक्ट, 1988 शामिल हैं।
  • कुछ कानूनों में संशोधन: इस बिल में चार कानूनों में संशोधन भी किया गया है। पंजीकृत डाक के लिए शब्दावली को अपडेट करने हेतु यह बिल सामान्य खंड एक्ट, 1897 और सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 में संशोधन करता है। भारतीय उत्तराधिकार एक्ट, 1925 में कुछ मामलों में न्यायालयों द्वारा वसीयत के सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त करने हेतु संशोधन किया जा रहा है। बिल में आपदा प्रबंधन एक्ट, 2005 में ड्राफ्टिंग संबंधी एक गलती को सुधारने हेतु भी संशोधन किया गया है।

 

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