- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने 18 दिसंबर, 2017 को लोकसभा में भारतीय वन (संशोधन) बिल, 2017 पेश किया। यह बिल भारतीय वन (संशोधन) अध्यादेश, 2017 का स्थान लेता है और भारतीय वन एक्ट, 1927 में संशोधन करता है। एक्ट वनों, वन उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान लाने-ले जाने और उन पर वसूली जाने वाली ड्यूटी से जुड़े कानूनों को कन्सॉलिडेट करता है।
- एक्ट के अंतर्गत वृक्ष की परिभाषा में ताड़, बांस, ठूंठ, झाड़-झंखाड़ और बेंत शामिल हैं। बिल बांस शब्द को हटाने के लिए वृक्ष की परिभाषा में संशोधन करता है।
- चूंकि एक्ट के अंतर्गत वृक्ष की परिभाषा में बांस भी शामिल है, इसलिए इसे एक राज्य से दूसरे राज्य में लाने-ले जाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। संशोधन के परिणामस्वरूप गैर वन क्षेत्रों में उगने वाले बांस को काटने और आर्थिक उपयोग के लिए उसके परिवहन हेतु अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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