मंत्रालय: 
मानव संसाधन विकास
  • मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने 4 मार्च, 2020 को लोकसभा में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कानून संस्थान (संशोधन) बिल, 2020 को पेश किया। यह बिल भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान एक्ट, 2014 और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) एक्ट, 2017 में संशोधन करता है।
     
  • भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) एक्ट, 2017 सार्वजनिक-निजी भागीदारी से स्थापित कुछ भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान घोषित करता है। एक्ट के अंतर्गत 15 संस्थानों को वर्तमान में राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के तौर पर निगमित किया गया है।
     
  • बिल सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला और रायचूर में सार्वजनिक निजी भागीदारी से स्थापित पांच भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईआईटी) को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान घोषित करने का प्रयास करता है। वर्तमान में ये संस्थान सोसायटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के अंतर्गत सोसायटियों के तौर पर पंजीकृत हैं और उनके पास डिग्री या डिप्लोमा देने की शक्ति नहीं है। राष्ट्रीय महत्व के संस्थान घोषित होने पर पांचों संस्थानों को डिग्री देने की शक्ति मिल जाएगी।

 

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