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युवा मामले एवं खेल
  • राष्ट्रीय एंटी डोपिंग (संशोधन) बिल, 2025 को 23 जुलाई, 2025 को लोकसभा में पेश किया गया। यह बिल राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एक्ट, 2022 में संशोधन का प्रयास करता है। डोपिंग खिलाड़ियों द्वारा अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए कुछ प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन को कहा जाता है। यह एक्ट खेलों में डोपिंग के विरुद्ध यूनेस्को कन्वेंशन को प्रभावी बनाता है। यह खेलों में डोपिंग को प्रतिबंधित करता है और परीक्षण, प्रवर्तन और उल्लंघन से संबंधित निर्णयों के लिए एक संरचना प्रदान करता है। यह एंटी डोपिंग नियमों को लागू करने हेतु राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) की स्थापना करता है। यह नाडा की गतिविधियों की निगरानी और केंद्र सरकार को एंटी डोपिंग संबंधी नियमों पर सलाह देने के लिए राष्ट्रीय खेल एंटी डोपिंग बोर्ड की भी स्थापना करता है।
  • केंद्र सरकार को अपील पैनल गठित करने का अधिकार: एक्ट राष्ट्रीय बोर्ड से निम्नलिखित के गठन की अपेक्षा करता है: (i) नियमों के उल्लंघन के परिणामों के निर्धारण के लिए एक अनुशासनात्मक पैनल, और (ii) अनुशासनात्मक पैनल के निर्णयों के विरुद्ध अपील की सुनवाई के लिए एक अपील पैनल। बिल अपील पैनल के गठन की शक्ति बोर्ड की बजाय केंद्र सरकार को सौंपता है। एक्ट बोर्ड को यह अधिकार देता है कि वह रेगुलेशंस के जरिए अपील दायर करने और उनकी सुनवाई के तरीके को निर्दिष्ट करे। इसके बजाय बिल केंद्र सरकार को इन मामलों को निर्धारित करने का अधिकार देता है।

  • एंटी डोपिंग निकायों की स्वायत्तता: एक्ट राष्ट्रीय खेल एंटी डोपिंग बोर्ड को यह अधिकार देता है कि वह अनुशासनात्मक पैनल और अपील पैनल से उनके कार्यों से संबंधित कोई भी जानकारी हासिल कर सकता है। बोर्ड इन पैनलों को अपने कार्यों को प्रभावी तरीके से करने के लिए निर्देश भी दे सकता है। बिल इन शक्तियों को समाप्त करता है। बिल में कहा गया है कि महानिदेशक या नाडा का कोई भी अन्य सदस्य निम्नलिखित से स्वतंत्र होगा: (i) कोई राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघ, (ii) ओलंपिक या पैरालंपिक समिति, (iii) कोई सरकारी विभाग, और (iv) खेल या एंटी-डोपिंग के लिए जिम्मेदार कोई एजेंसी।

  • केवल निर्दिष्ट निकाय ही सीएएस में अपील दायर कर सकते हैं: एक्ट किसी भी व्यक्ति को अपील पैनल के किसी निर्णय के विरुद्ध स्विट्जरलैंड स्थित कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) में अपील दायर करने की अनुमति देता है। बिल उन व्यक्तियों को निर्दिष्ट करता है जो सीएएस के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं। इनमें विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा), अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी), अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) और अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघ जैसे निकाय शामिल हैं।

  • निर्दिष्ट मामलों में सीएएस में प्रत्यक्ष अपील: अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलीट्स या प्रतियोगिताओं से जुड़े मामलों में बिल अनुशासन पैनल के किसी भी निर्णय के विरुद्ध सीएएस में प्रत्यक्ष अपील करने की अनुमति देता है। प्रभावित एथलीट, नाडा, अंतरराष्ट्रीय महासंघ, वाडा, आईओसी और आईपीसी यह अपील दायर कर सकते हैं। बिल वाडा को नाडा के अंतिम निर्णय के विरुद्ध सीएएस में प्रत्यक्ष अपील दायर करने की भी अनुमति देता है। ऐसा तभी संभव होगा जब भारत में किसी अन्य पक्ष ने उस निर्णय के विरुद्ध अपील दायर न की हो।

  • एंटी डोपिंग नियमों का उल्लंघन: एक्ट में एंटी डोपिंग नियमों के उल्लंघन के रूप में आचरण या परिस्थितियों की एक सूची निर्दिष्ट की गई है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) किसी एथलीट के शरीर में प्रतिबंधित पदार्थों या उनके संकेतों की उपस्थिति, (ii) प्रतिबंधित पदार्थों या विधियों का उपयोग, उपयोग का प्रयास, या कब्ज़ा और (iii)  ठिकाने की जानकारी न देना (वेयरआबउट्स फेल्योर) जिसमें स्थान की जानकारी न देना या परीक्षण के लिए उपलब्ध न होना शामिल है। बिल में वेयरअबाउट्स फेल्योर की परिभाषा के लिए विश्व एंटी डोपिंग संहिता का हवाला दिया गया है। बिल की एक अनुसूची में संहिता के तहत एंटी डोपिंग नियमों के उल्लंघन पर एक अनुच्छेद भी दिया गया है और कहा गया है कि इसमें कानून के समान शक्तियां होंगी।

  • परीक्षण प्रयोगशालाओं को अनिवार्य प्रमाणन: यह एक्ट केंद्र सरकार को भारत में डोप परीक्षण प्रयोगशालाओं को मान्यता देने का अधिकार देता है। एक्ट में कहा गया है कि आवश्यकता पड़ने पर प्रयोगशालाएं वाडा से प्रमाणन प्राप्त कर सकती हैं। बिल में यह अनिवार्य किया गया है कि प्रत्येक प्रयोगशाला को वाडा से प्रमाणन प्राप्त करना होगा और उसे बहाल रखना होगा।

  • परीक्षण की रिपोर्ट प्रतिकूल आने पर मानकों की समीक्षा: एक्ट में यह निर्दिष्ट किया गया है कि अगर नाडा को लगता है कि किसी एथलीट ने एंटी डोपिंग नियम का उल्लंघन किया है तो वह उसे परीक्षण के लिए नमूने जमा करने का निर्देश दे सकता है। इसके लिए नाडा को किसी भी प्रतिकूल नमूना रिपोर्ट की प्रारंभिक समीक्षा करनी होगी। बिल में यह भी कहा गया है कि रिपोर्ट की समीक्षा के दौरान नाडा को यह भी सत्यापित करना होगा कि क्या प्रतिकूल परीक्षण रिपोर्ट वाडा की प्रयोगशालाओं, परीक्षणों और जांच के मानकों का पालन न करने के कारण हुई थी।

 

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