मंत्रालय: 
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
  • राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग बिल, 2023 को लोकसभा में 24 जुलाई, 2023 को पेश किया गया। यह बिल भारतीय नर्सिंग काउंसिल एक्ट, 1947 को निरस्त करता है। बिल नर्सिंग और मिडवाइफरी प्रोफेशनल्स के लिए शिक्षा और सेवाओं के मानकों के रेगुलेशन और मेनटेनेंस का प्रावधान करता है। बिल की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोगबिल राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग के गठन का प्रावधान करता है। इसमें 29 सदस्य होंगे। चेयरपर्सन के पास नर्सिंग और मिडवाइफरी में पोस्टग्रैजुएट डिग्री होनी चाहिए और इस क्षेत्र में कम से कम 20 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। पदेन सदस्यों में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभागराष्ट्रीय चिकित्सा आयोगसैन्य नर्सिंग सेवा और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के प्रतिनिधि शामिल हैं। अन्य सदस्यों में नर्सिंग और मिडवाइफरी प्रोफेशनल्स और धर्मार्थ संस्थानों का एक प्रतिनिधि शामिल हैं।

  • आयोग के कार्यआयोग के कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) नर्सिंग और मिडवाइफरी शिक्षा के लिए नीतियां तैयार करना और मानकों को रेगुलेट करना, (ii) नर्सिंग और मिडवाइफरी संस्थानों में प्रवेश के लिए एक समान प्रक्रिया प्रदान करना, (iii) नर्सिंग और मिडवाइफरी संस्थानों को रेगुलेट करनाऔर (iv) शिक्षण संस्थानों में फैकेल्टी के लिए मानक प्रदान करना।

  • स्वायत्त बोर्ड: बिल राष्ट्रीय आयोग की देखरेख में तीन स्वायत्त बोर्ड्स के गठन का प्रावधान करता है। ये इस प्रकार हैं: (i) नर्सिंग और मिडवाइफरी अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट शिक्षा बोर्ड, जोकि अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट स्तर पर शिक्षा और परीक्षाओं को रेगुलेट करेगा, (ii) नर्सिंग और मिडवाइफरी मूल्यांकन और रेटिंग बोर्ड, जोकि नर्सिंग और मिडवाइफरी संस्थानों के मूल्यांकन और रेटिंग के लिए फ्रेमवर्क प्रदान करेगा, और (iii) नर्सिंग और मिडवाइफरी नीति और पंजीकरण बोर्डजोकि पेशेवर आचरण को रेगुलेट करेगा और इस पेशे में नैतिकता को बढ़ावा देगा।

  • राज्य नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोगप्रत्येक राज्य सरकार को राज्य नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग का गठन करना चाहिए, जहां राज्य कानून के तहत ऐसा कोई आयोग मौजूद नहीं है। इसमें 10 सदस्य होंगे इन सदस्यों में स्वास्थ्य विभागराज्य के किसी भी नर्सिंग या मिडवाइफरी कॉलेज के प्रतिनिधि और नर्सिंग और मिडवाइफरी प्रोफेशनल्स शामिल होंगे।

  • राज्य आयोग के कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) पेशेवर आचरण, आचार संहिता और शिष्टाचार लागू करना, (ii) पंजीकृत प्रोफेशनल्स के लिए राज्य रजिस्टर मेनटेन करना, (iii) विशेषज्ञता के प्रमाणपत्र जारी करना, और (iv) कौशल-आधारित परीक्षा दिलवाना। राज्य आयोगों के निर्णयों के खिलाफ नैतिकता और पंजीकरण बोर्ड में अपील दायर की जा सकती है। बोर्ड के निर्णय राज्य आयोग के लिए बाध्यकारी होंगे, जब तक कि राष्ट्रीय आयोग के पास अपील दायर न की जाए।

  • नर्सिंग या मिडवाइफरी संस्थानों की स्थापना: एक नया नर्सिंग और मिडवाइफरी संस्थान स्थापित करनेसीटों की संख्या बढ़ाने या कोई नया पोस्टग्रैजुएट पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए मूल्यांकन और रेटिंग बोर्ड की अनुमति की आवश्यकता होगी। बोर्ड को छह महीने के भीतर प्रस्तावों पर निर्णय लेना होगा। अस्वीकृति के मामले मेंराष्ट्रीय आयोग में अपील की जा सकती है और दूसरी बार केंद्र सरकार के पास अपील दायर की जा सकती है।

  • प्रोफेशनल के तौर पर प्रैक्टिस करनानीति और पंजीकरण बोर्ड एक ऑनलाइन भारतीय नर्स और मिडवाइफरी रजिस्टर मेनटेन करेगा, जिसमें प्रोफेशनल्स और एसोसिएट्स के विवरण और योग्यताएं शामिल होंगी। योग्य प्रोफेशनल के तौर पर प्रैक्टिस करने के लिए व्यक्तियों को राष्ट्रीय या राज्य रजिस्टर में नामांकित होना चाहिए। इस नियम का पालन न करने पर एक वर्ष तक की कैदपांच लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

  • सलाहकार परिषदकेंद्र सरकार नर्सिंग और मिडवाइफरी सलाहकार परिषद की भी स्थापना करेगी। राष्ट्रीय आयोग का चेयरपर्सन परिषद का चेयरपर्सन होगा। अन्य सदस्यों में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशआयुष मंत्रालयविश्वविद्यालय अनुदान आयोगराष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषदभारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के प्रतिनिधि और नर्सिंग और मिडवाइफरी प्रोफेशनल्स के प्रतिनिधि शामिल हैं। परिषद नर्सिंग और मिडवाइफरी शिक्षासेवाओंप्रशिक्षण और अनुसंधान से संबंधित मामलों में राष्ट्रीय आयोग को सलाह और सहायता प्रदान करेगी।

 

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