मंत्रालय: 
वित्त
  • वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को मुआवजा) बिल, 2017 को लोकसभा में 27 मार्च, 2017 को पेश किया गया। बिल प्रावधान करता है कि जीएसटी के लागू होने के बाद राजस्व के नुकसान के लिए राज्यों को मुआवजा दिया जाएगा।
     
  • मुआवजे की अवधि : राज्य जिस तारीख से राज्य जीएसटी एक्ट को लागू करेंगे, तब से पांच वर्ष की अवधि के लिए उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।
     
  • अनुमानित वृद्धि दर और आधार वर्ष: किसी भी वित्तीय वर्ष की मुआवजा राशि को कैलकुलेट करने के लिए 2015-16 को आधार वर्ष माना जाएगा और उस वर्ष जमा किए गए राजस्व के आधार पर मुआवजे की राशि का कैलकुलेशन किया जाएगा। पांच वर्ष की अवधि के दौरान किसी राज्य के राजस्व की वृद्धि दर 14% सालाना होने का अनुमान लगाया जाएगा।
     
  • आधार वर्ष के टैक्स राजस्व में राज्यों के निम्नलिखित टैक्स शामिल होंगे : (i) मूल्य संवर्धित टैक्स (वैट), (ii) सेंट्रल सेल्स टैक्स, (iii) इंट्री टैक्स, चुंगी, लोकल बॉडी टैक्स, (iv) लग्जरी पर टैक्स, और (v) विज्ञापनों पर टैक्स, इत्यादि। हालांकि (i) मानव उपभोग के लिए एल्कोहल और (ii) कुछ पेट्रोलियम उत्पादों की सप्लाई से प्राप्त होने वाले टैक्स राजस्व को आधार वर्ष के राजस्व में शामिल नहीं किया जाएगा।
     
  • मुआवजे का कैलकुलेशन और उसे जारी करना: राज्यों को चुकाए जाने वाले मुआवजे को प्रोविजनली कैलकुलेट किया जाएगा और हर दो महीने के अंत में जारी किया जाएगा। कुल राजस्व के सालाना कैलकुलेशन को भारत के नियंत्रण और महालेखा परीक्षक (कैग) द्वरा ऑडिट किया जाएगा।
     
  • जीएसटी मुआवजा सेस की वसूली और भरपाई: जीएसटी परिषद के सुझाव के आधार पर कुछ वस्तुओं एवं सेवाओं की सप्लाई पर जीएसटी मुआवजा सेस वसूला जा सकता है। सेस से प्राप्त होने वाली राशि को जीएसटी मुआवजा फंड में जमा कराया जाएगा। जीएसटी के लागू होने के कारण राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए इसका प्रयोग किया जाएगा।
     
  • सेस की अधिकतम दर होगी: (i) पान मसाला के लिए 135%, (ii) कोयले के लिए 400 रुपए प्रति टन, (iii) तंबाकू की 1,000 स्टिक्स पर 4,170 रुपए + 290%, और (iv) मोटर कार और एरेटेड पानी सहित सभी अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर 15%
     
  • मुआवजा अवधि के अंत में मुआवजा फंड में बची अनुपयुक्त राशि को केंद्र और राज्य के बीच निम्नलिखित प्रकार से बांटा जाएगा : (i) फंड का 50% हिस्सा राज्यों के बीच उनके राजस्व के अनुपात में बांटा जाएगा, और (ii) शेष 50% हिस्सा केंद्र के डिजाइजिबल पूल में चला जाएगा।

 

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