मंत्रालय: 
जनजातीय मामले
  • आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने 7 फरवरी, 2022 को राज्यसभा में संविधान (अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) बिल, 2022 को पेश किया। बिल निम्नलिखित में संशोधन करता है: (i) संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950 (एससी आदेश), और (ii) संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश, 1950 (एसटी आदेश)। एससी आदेश में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अनुसूचित जातियां (एससीज़) मानी जाने वाली जातियों, मूलवंश और जनजातियों को निर्दिष्ट किया गया है। एसटी आदेश में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अनुसूचित जनजातियां (एसटीज़) मानी जाने वाली जनजातियों और जनजातीय समुदायों को निर्दिष्ट किया गया है।
  • झारखंड में एससी और एसटी सूची में परिवर्तन: बिल झारखंड में एसटी सूची में कुछ समुदायों को शामिल करने के लिए एसटी आदेश की अनुसूची में संशोधन करता है। ये समुदाय हैं, देशवारी, गंझू, दौतलबंदी (द्वालबंदी), पटबंदी, राउत, माझिया, खौरी (खेरी), तमरिया (तमड़िया) और पुरान समुदाय। इसके अतिरिक्त झारखंड की एससी सूची से भोगता समुदाय को निकालने के लिए एससी आदेश की अनुसूची में संशोधन किया गया है। इसके स्थान पर इस समुदाय को राज्य की एसटी सूची में शामिल किया गया है।

 

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