- सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने 13 फरवरी, 2021 को लोकसभा में संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) बिल, 2021 को पेश किया। बिल संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950 में संशोधन करता है।
- संविधान में राष्ट्रपति को यह अधिकार दिया गया है कि वह विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अनुसूचित जातियों को निर्दिष्ट कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त संविधान संसद को इस बात की अनुमति देता है कि वह अनुसूचित जातियों को अधिसूचित करने के लिए इस सूची में बदलाव कर सकती है। बिल के उद्देश्यों और कारणों के कथन में कहा गया है कि तमिलनाडु राज्य द्वारा प्रस्तावित बदलावों को प्रभावी बनाने के लिए इस बिल को प्रस्तुत किया गया है।
- बिल देवेंद्रकुलथन समुदाय को देवेंद्रकुला वेलालर से बदलता है जिसमें वे समुदाय शामिल हैं जोकि एक्ट में इस समय अलग से सूचीबद्ध हैं। ये हैं: (i) देवेंद्रकुलथन, (ii) कल्लादि, (iii) कुडुम्बन, (iv) पल्लन, (v) पन्नाडी, (vi) वातिरैयान। अलग प्रविष्टियों को हटा दिया गया है।
- 1950 के आदेश में राज्य की अधिसूचित अनुसूचित जातियों की सूची में कड्डयन को भी शामिल किया गया है। बिल निवास के आधार पर कड्डयन समुदाय में अंतर करता है। कड्डयन समुदाय के लिए अलग प्रविष्टि के स्थान पर निम्नलिखित जिलों के आधार पर कड्डयन समुदाय की प्रविष्टि की गई है: (i) तिरुनेलवेली, (ii) तूतुकुड़ी, (iii) रामनाथपुरम, (iv) पुदुकोट्टई, (v) तंजावूर, (vi) तिरुवारुर और (vii) नागपट्टीनम। अन्य जिलों में रहने वाले कड्डयन समुदाय के सदस्यों को देवेंद्रकुला वेलालर के समूह में शामिल किया गया है।
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