संविधान की राज्य सूची की प्रविष्टि 5 के अनुसार, राज्य स्थानीय सरकार पर कानून बना सकते हैं। संविधान के 74वें संशोधन ने नगर पालिकाओं के लिए एक व्यापक प्रशासनिक संरचना प्रदान की है और कुछ ऐसे कार्यों को सूचीबद्ध किया है जिन्हें राज्य नगर पालिकाओं को सौंपा जा सकता है। आवासन एवं शहरी मामलों का मंत्रालय शहरी विकास और शहरी आवास से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करने वाला सर्वोच्च प्राधिकरण है। यह अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से राज्यों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है।[i]  मंत्रालय जिन प्रमुख क्षेत्रों में कार्य करता है, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) शहर की प्लानिंग करना, (ii) शहरी रोजगार और शहरी गरीबी उन्मूलन, (iii) शहरी परिवहन प्रणालियों की योजना और समन्वय, (iv) आवास नीति का निर्माण, (v) जलापूर्ति, सीवरेज और स्वच्छता, और (vi) नगरपालिका के वित्त से जुड़े नीतिगत मामले और शहरी स्थानीय निकाय।1

इस नोट में आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के 2025-26 के प्रस्तावित बजट आवंटन की समीक्षा की गई है और कुछ संबंधित मुद्दों पर विचार किया गया है।

वित्तीय स्थिति

2025-26 में आवंटन

2025-26 में मंत्रालय को 96,777 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 52% अधिक है।[ii]  यह केंद्र सरकार के कुल व्यय (जीडीपी का 0.3%) का लगभग 1.9% है। मंत्रालय ने अपने कुल बजट का 61% राजस्व मदों पर और शेष पूंजीगत मदों पर खर्च करने की योजना बनाई है। 2024-25 में संशोधित अनुमान चरण में राजस्व व्यय वर्ष के बजट अनुमान (53,948 करोड़ रुपए) से 41% कम था। यह मुख्य रूप से पीएम आवास योजना- शहरी (55% कम उपयोग) पर कम खर्च के कारण था।

तालिका 1: आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के लिए आवंटन (करोड़ रुपए में)

 

2023-24 वास्तविक

2024-25 संअ

2025-26 बअ

संअ 24-25 से

बअ 25-26 में परिवर्तन का %

राजस्व

42,124

32,008

59,154

85%

पूंजी

26,441

31,662

37,623

19%

कुल

68,565

63,670

96,777

52%

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: व्यय बजट, आवासन एवं शहरी मामलों का मंत्रालय, केंद्रीय बजट 2025-26; पीआरएस।

व्यय की मुख्य मदें

मंत्रालय ने शहरी क्षेत्रों में मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम और मेट्रो परियोजनाओं के विकास के लिए अपने कुल बजट का 36% आवंटित किया है। मंत्रालय के तहत पीएम आवास योजना- शहरी को दूसरा सबसे बड़ा आवंटन (24%) प्राप्त हुआ है (तालिका 2 देखें)। मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित अन्य योजनाओं में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत), जिसका उद्देश्य शहरों में बुनियादी सुविधाओं में सुधार करना है, (ii) स्मार्ट सिटीज मिशन, जिसका उद्देश्य 100 स्मार्ट शहरों को विकसित करना है, (iii) स्वच्छ भारत मिशन- शहरी (एसबीएम-यू), और (iv) पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि), जिसका उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसके अलावा, शहरी चुनौती कोष के लिए 10,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

तालिका 2: मंत्रालय के अंतर्गत प्रमुख योजनाओं के लिए आवंटन (करोड़ रुपए में)

 

2023-24 वास्तविक

2024-25 संअ

2025-26 बअ

संअ 24-25 से

बअ 25-26 में परिवर्तन का %

एमआरटीएस और मेट्रो परियोजनाएं

23,102

28,613

34,807

22%

पीएमएवाई- शहरी और पीएमएवाई 2.0

21,684

15,170

23,294

54%

अमृत

5,591

6,000

10,000

67%

शहरी चुनौती कोष

-

-

10,000

-

स्मार्ट सिटी मिशन

7,982

2,000

-

-

स्वच्छ भारत मिशन- शहरी

2,392

2,159

5,000

132%

औद्योगिक आवास योजना

-

-

2,500

-

पीएम ई-बस सेवा

1

500

1,310

162%

पीएम-स्वनिधि

445

450

373

 

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान; अमृत का अर्थ है अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन; पीएम स्वनिधि का अर्थ है पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि; पीएमएवाई का अर्थ है पीएम आवास योजना- शहरी।
स्रोत: व्यय बजट, आवासन एवं शहरी मामलों का मंत्रालय, केंद्रीय बजट 2025-26; पीआरएस।

धनराशि उपयोग

2012-13 से अब तक ज़्यादातर वर्षों में मंत्रालय ने बजट चरण में अनुमानित पूरी राशि का उपयोग नहीं किया है। अपवाद 2021-22 में था, जब पीएम आवास योजना शहरी (51,963 करोड़ रुपए) पर खर्च बढ़ने के कारण मंत्रालय का कुल व्यय 96% (52,259 करोड़ रुपए) बढ़ गया था। यह कोविड के दौरान आत्मनिर्भर भारत योजनाओं के तहत अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल का एक हिस्सा था।[iii]

और पढ़ें