भारत में जल संसाधनों के प्रबंधन की जिम्मेदारी केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच साझा की जाती है। केंद्रीय स्तर पर, जल शक्ति मंत्रालय राष्ट्रीय संसाधन के रूप में जल के विकास और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है।[i] यह सुनिश्चित करता है कि घरेलू उपयोग, स्वच्छता, सिंचाई और औद्योगिक उपयोग जैसी विविध जल आवश्यकताओं के लिए पानी उपलब्ध कराया जाए।1 यह नदियों और अन्य जलाशयों के संरक्षण को भी सुनिश्चित करता है।
मंत्रालय के दो विभाग हैं।1 जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (डीओडब्ल्यूआर) जल संसाधनों के मूल्यांकन, विकास और रेगुलेशन के लिए नीतियां बनाता है और कार्यक्रमों को लागू करता है।[ii] यह जल संसाधनों से संबंधित कानून बनाता है और अंतर-राज्यीय और सीमा पारीय जल मुद्दों पर कार्य करता है। यह गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के पुनरुद्धार और जल गुणवत्ता एवं प्रदूषण जैसे मुद्दों पर कार्य करने के लिए भी जिम्मेदार है। पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ग्रामीण भारत को सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।[iii]
इस नोट में जल शक्ति मंत्रालय और उससे जुड़ी योजनाओं के व्यय का विश्लेषण किया गया है। इसमें भारत में जल प्रबंधन की मुख्य समस्याओं पर भी चर्चा की गई है।
वित्तीय स्थिति
तालिका 1: जल शक्ति मंत्रालय को बजट आवंटन (करोड़ रुपए में)
विभाग |
2023-24 वास्तविक |
2024-25 संअ |
2025-26 बअ |
24-25 संअ से 25-26 बअ में परिवर्तन का % |
पेयजल एवं स्वच्छता |
76,570 |
29,917 |
74,226 |
148% |
जिनमें से |
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|
जेजेएम |
69,992 |
22,694 |
67,000 |
195% |
एसबीएम-जी |
6,546 |
7,192 |
7,192 |
0% |
जल संसाधन |
18,539 |
21,641 |
25,277 |
17% |
जिनमें से |
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|
पीएमकेएसवाई |
6,088 |
6,621 |
8,260 |
25% |
नदी अंतर्योजन |
1,922 |
3,000 |
3,400 |
13% |
नमामि गंगे |
1,391 |
2,000 |
2,400 |
20% |
एबीवाई |
1,739 |
600 |
1,780 |
197% |
कुल |
95,109 |
51,558 |
99,503 |
93% |
नोट: बअ बजट अनुमान और संअ संशोधित अनुमान है। अन्य योजनाओं में बांध पुनर्वास और सुधार कार्यक्रम तथा बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम के लिए आवंटन शामिल है।
स्रोत: अनुदान मांग 2025-26, जल शक्ति मंत्रालय; पीआरएस।
2025-26 में जल शक्ति मंत्रालय को 99,503 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जो 2024-25 के बजट आवंटन (98,714 करोड़ रुपए) से थोड़ा ज़्यादा है। 2024-25 में व्यय का संशोधित अनुमान बजट आवंटन से 48% कम है। यह संशोधित चरण में जल जीवन मिशन को कम आवंटन के कारण है।
पिछले 10 वर्षों में मंत्रालय को आवंटित बजट का 76% हिस्सा डीडीडब्ल्यूएस को मिला है। 2021-22 तक दोनों विभागों को आवंटित राशि में अंतर 50 करोड़ रुपए से भी कम रहा है। 2021-22 में डीडीडब्ल्यूएस के लिए आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना हो गया, जिसका मुख्य कारण जल जीवन मिशन के लिए आवंटन में वृद्धि है।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग दो प्रमुख केंद्र प्रायोजित योजनाओं, जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण (एसबीएम-जी) का क्रियान्वयन करता है।3 इन योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण भारत को जलापूर्ति और स्वच्छता प्रदान करना है।
जल जीवन मिशन
जल जीवन मिशन (जेजेएम) को 2019 में शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य 2024 तक सभी 19 करोड़ ग्रामीण परिवारों और सार्वजनिक संस्थानों को सुनिश्चित नल जल आपूर्ति प्रदान करना है।3 जेजेएम का उद्देश्य ग्रे वाटर प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करके जल की गुणवत्ता को बढ़ाना भी है।