वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी2024 को 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश किया। यह आम चुनाव के बाद मुख्य बजट पारित होने तक वित्तीय वर्ष के एक हिस्से के लिए सरकार को धन उपलब्ध कराएगा।

बजट की मुख्य झलकियां 

  • व्यय: सरकार द्वारा 2024-25 में 47,65,768 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 6% अधिक है। ब्याज भुगतान कुल व्यय का 25% और राजस्व प्राप्तियों का 40% है।

  • प्राप्तियां: 2024-25 में प्राप्तियां (उधारियों के अलावा) 30,80,274 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से लगभग 12% अधिक है। कर राजस्व जो प्राप्तियों का प्रमुख हिस्सा है, उसके भी 2023-24 के संशोधित अनुमान से 12% अधिक होने की उम्मीद है।

  • जीडीपी: सरकार ने 2024-25 में 10.5% की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया है (यानी वास्तविक विकास जमा मुद्रास्फीति)।

  • घाटा: 2024-25 में राजस्व घाटा जीडीपी के 2% पर लक्षित है। 2023-24 में 2.8% का संशोधित अनुमान था और यह इससे कम है। 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1% पर लक्षित है जो 2023-24 में जीडीपी के 5.8% के संशोधित अनुमान से कम है।

  • नई योजनाएं: नई योजनाओं के लिए आर्थिक मामलों के विभाग को 70,449 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं (विवरण उपलब्ध नहीं है)। आवंटन पूंजीगत व्यय के लिए है और कुल पूंजीगत परिव्यय का 7.5% है।

फाइनांस बिल में मुख्य कर प्रस्ताव

  • कर दरों में परिवर्तन नहीं: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर दरें अपरिवर्तित बनी हुई हैं।

  • कुछ संस्थाओं के लिए कर लाभों को अगले साल तक के लिए बढ़ाया गया: निम्नलिखित संस्थाओं को कुछ प्रत्यक्ष कर लाभ मार्च 2025 तक बढ़ा दिए गए हैं: (i) स्टार्टअप, (ii) सॉवरेन वेल्थ फंड और पेंशन फंडऔर (iii) कुछ आईएफएससी इकाइयां। ये लाभ मार्च 2024 में समाप्त हो जाएंगे।

नीतियों की झलक

  • रेलवे: तीन प्रमुख आर्थिक रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रम लागू किए जाएंगे। ये इस प्रकार हैं: (i) ऊर्जाखनिज और सीमेंट कॉरिडोर, (ii) बंदरगाह कनेक्टिविटी कॉरिडोर और (iii) उच्च यातायात घनत्व कॉरिडोर। यात्रियों की सुरक्षा और आराम सुनिश्चित करने के लिए 40,000 सामान्य रेल डिब्बों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप उन्नत किया जाएगा।

  • आवास: प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत अगले पांच वर्षों में अतिरिक्त दो करोड़ घर बनाए जाएंगे। किराए के मकानोंझुग्गियों और अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले मध्यम वर्ग के तबकों को अपना घर खरीदने या बनाने में मदद हेतु एक नई योजना शुरू की जाएगी।

  • स्वास्थ्य: नौ से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों के लिए सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु टीकाकरण को प्रोत्साहित किया जाएगा। पूरे देश में टीकाकरण के प्रबंधन के लिए एक नया प्लेटफॉर्मयू-विनशुरू किया जाएगा। आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी आशा कार्यकर्ताओंआंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी स्वास्थ्य सेवा कवरेज दिया जाएगा। 

  • ऊर्जा: एक करोड़ घरों का रूफटॉप सोलराइजेशन किया जाएगा। 2070 तक नेट-जीरो हासिल करने के लिए सीएनजी और पीएनजी में कंप्रेस्ड बायोगैस का मिश्रण चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य किया जाएगा। 2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण क्षमता स्थापित की जाएगी।

  • पर्यावरण: ईवी मैन्यूफैक्चरिंग और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत और विस्तारित किया जाएगा। सार्वजनिक परिवहन के लिए ई-बसों को अपनाने को प्रोत्साहित किया जाएगा। तटीय एक्वाकल्चर और मैरिकल्चर को बहाल करने के लिए ब्लू इकोनॉमी 2.0 योजना शुरू की जाएगी। बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर, बायो-प्लास्टिक और बायो-फार्मास्यूटिकल्स जैसे पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान करने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी।

  • कृषि: फसल कटाई के बाद की गतिविधियों जैसे एकत्रीकरणभंडारणआपूर्ति श्रृंखलाप्रसंस्करण और मार्केटिंग में सार्वजनिक और निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में नैनो डीएपी उर्वरक के इस्तेमाल का विस्तार किया जाएगा। डेयरी किसानों की सहायता के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। पीएम मत्स्य संपदा योजना का विस्तार किया जाएगा जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) जलीय कृषि उत्पादकता को तीन से पांच टन प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाना, (ii) समुद्री खाद्य निर्यात को दोगुना कर एक लाख करोड़ रुपए करनाऔर (iii) 55 लाख रोजगार अवसर पैदा करना।

  • जनसंख्या में बदलावतेजी से जनसंख्या वृद्धि और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति की स्थापना की जाएगी।

  • अनुसंधान: निजी क्षेत्र अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित हो, इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए का कोष स्थापित किया जाएगा। यह कोष कम या शून्य ब्याज दरों पर दीर्घकालिक ऋण प्रदान करेगा।

2023-24 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2024-25 के बजट अनुमान 

  • कुल व्ययसरकार द्वारा 2024-25 में 47,65,768 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान से 6% की वृद्धि है।

  • राजस्व व्यय 3.2% और पूंजीगत व्यय 16.9% बढ़ने का अनुमान है। राजस्व व्यय की वृद्धि को नियंत्रित रखा गया है। पेंशन, रक्षा व्यय, सबसिडी और प्रमुख योजनाओं (मनरेगाजल जीवन मिशन और पीएम-किसान) के लिए 2023-24 के संशोधित अनुमान के ही समान संयुक्त रूप से आवंटन किया गया है। 

  • कुल प्राप्तियां: सरकारी प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 30,80,274 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 11.8% अधिक है। इन प्राप्तियों और व्यय के बीच के अंतर को उधारियों के जरिए दूर किया जाएगाजिसका बजट 16,85,494 करोड़ रुपए होगा। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान से 2.8% कम है।

  • राज्यों को हस्तांतरणकेंद्र सरकार 2024-25 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 22,74,541 करोड़ रुपए हस्तांतरित करेगीजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 8.4% अधिक है। राज्यों को हस्तांतरण में केंद्रीय करों के विभाज्य पूल से 12,19,783 करोड़ रुपए का हस्तांतरण, 8,90,858 करोड़ रुपए का अनुदान और पूंजीगत व्यय के लिए 1,30,000 करोड़ रुपए के विशेष ऋण शामिल हैं।

  • घाटा: राजस्व घाटा जीडीपी के 2% पर लक्षित हैजो 2023-24 में 2.9% के बजटीय अनुमान से कम है। 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1% पर लक्षित है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीडीपी का 5.9%) से कम है। कम राजकोषीय घाटा 11.8% की दर से बढ़ रही प्राप्तियों के कारण है जो 6% की व्यय वृद्धि से अधिक है।

  • जीडीपी वृद्धि का अनुमान2024-25 में नॉमिनल जीडीपी 10.5% की दर से बढ़ने का अनुमान है।

तालिका 1बजट 2024-25 एक नजर में (करोड़ रुपए में)

 

वास्तविक
 2022-23

बजटीय
 2023-24

संशोधित
 2023-24

बजटीय 2024-25

परिवर्तन (2023-24 संअ से 2024-25 बअ)

राजस्व व्यय

34,53,132

35,02,136

35,40,239

36,54,657

3.2%

पूंजीगत व्यय

7,40,025

10,00,961

9,50,246

11,11,111

16.9%

इसमें से:

 

 

 

 

 

पूंजीगत परिव्यय

6,24,757

8,37,127

8,07,053

9,39,584

16.4%

ऋण और एडवांस

1,15,268

1,63,834

1,43,194

1,71,527

19.8%

कुल व्यय

41,93,157

45,03,097

44,90,486

47,65,768

6.1%

राजस्व प्राप्तियां

23,83,206

26,32,281

26,99,713

30,01,275

11.2%

पूंजीगत प्राप्तियां

72,196

84,000

56,000

79,000

41.1%

इसमें से:

 

 

 

 

 

ऋणों की रिकवरी

26,161

23,000

26,000

29,000

11.5%

अन्य प्राप्तियां (विनिवेश सहित) 

46,035

61,000

30,000

50,000

 

कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 

24,55,402

27,16,281

27,55,713

30,80,274

11.8%

राजस्व घाटा

10,69,926

8,69,855

8,40,527

6,53,383

-22.3%

जीडीपी का % 

3.9%

2.9%

2.8%

2.0%

 

राजकोषीय घाटा

17,37,755

17,86,816

17,34,773

16,85,494

-2.8%

जीडीपी का %

6.4%

5.9%

5.8%

5.1%

 

प्राथमिक घाटा

8,09,238

7,06,845

6,79,346

4,95,054

-27.1%

जीडीपी का %

3.0%

2.3%

2.3%

1.5%

 

स्रोत: बजट एट ग्लांस, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2024-25; पीआरएस।

वह व्यय जो सरकार की संपत्ति या देनदारियों में बदलाव करता है (जैसे सड़कों का निर्माण या ऋण की वसूली) पूंजीगत व्यय होता हैऔर अन्य सभी व्यय राजस्व व्यय होते हैं (जैसे वेतन का भुगतान या ब्याज भुगतान)। 2024-25 में पूंजीगत व्यय 2023-24 के संशोधित अनुमान से लगभग 17% बढ़ने की उम्मीद है। राजस्व व्यय 2023-24 के संशोधित अनुमान से 3.2% बढ़ने की उम्मीद है।

विनिवेश का अर्थ सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में अपनी हिस्सेदारी को बेचना है। 2023-24 में सरकार को अपने विनिवेश लक्ष्य का 49% पूरा होने का अनुमान है। 2024-25 के लिए विनिवेश लक्ष्य 50,000 करोड़ रुपए हैजो 2023-24 के बजट लक्ष्य (61,000 करोड़ रुपए) से कम है। 2020-21 से लगातार चौथे साल विनिवेश लक्ष्य कम हुए हैं।

 

नोट:  2023-24 का वास्तविक आंकड़े संशोधित अनुमान हैं।स्रोत: यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स (विभिन्न वर्ष); पीआरएस। 

2024-25 में प्राप्तियों की झलक

  • 2024-25 में 30,80,275 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 11.8% अधिक है। यह मुख्य रूप से केंद्र के शुद्ध कर राजस्व में 11.9% की वृद्धि के कारण है।

  • 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2024-25 में सकल कर राजस्व में 11.5% की वृद्धि का अनुमान है। यह 2024-25 में 10.5% की अनुमानित नॉमिनल जीडीपी वृद्धि से अधिक है। कॉरपोरेशन टैक्स और आयकर में लगभग 13% की वृद्धि का अनुमान है। जीएसटी राजस्व में 11.6% की वृद्धि का बजट रखा गया है।

  • 2024-25 में केंद्र के कर राजस्व से राज्यों को 12,19,783 करोड़ रुपए के हस्तांतरण का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 10.4% अधिक है। 2023-24 में राज्यों को 10,21,448 करोड़ रुपए के शुरुआती अनुमान से 83,045 करोड़ रुपए अधिक हस्तांतरण का अनुमान है।

  • शुद्ध कर राजस्व (करों में राज्यों की हिस्सेदारी को छोड़कर) 2024-25 में 26,01,574 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से लगभग 12% अधिक है। 2023-24 में शुद्ध कर राजस्व का संशोधित अनुमान वर्ष के बजट अनुमान के लगभग समान है।

  • गैर-कर राजस्व में मुख्य रूप से केंद्र द्वारा दिए गए ऋणों पर ब्याज प्राप्तियांलाभांशलाइसेंस शुल्कटोल और सरकारी सेवाओं के लिए शुल्क शामिल हैं। 2024-25 में इसके 3,99,701 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 6.4% अधिक है।

  • पूंजीगत प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) का लक्ष्य 79,000 करोड़ रुपए है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 41% अधिक है। उल्लेखनीय है कि पूंजीगत प्राप्तियों के लिए 2023-24 का संशोधित अनुमान बजटीय राशि से 33% कम होने की उम्मीद है। विनिवेश लक्ष्य पूरा नहीं होने के कारण कम प्राप्तियां हुईं।

तालिका 22024-25 में केंद्र सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

वास्तविक
2022-23

बजटीय
 2023-24

संशोधित
 2023-24

बजटीय 2024-25

परिवर्तन (2023-24 संअ से 2024-25 बअ)

क. सकल कर राजस्व

30,54,192

33,60,858

34,37,211

38,30,796

11.5%

इसमें से:

 

 

 

 

 

कॉरपोरेशन टैक्स

8,25,834

9,22,675

9,22,675

10,42,830

13.0%

आय पर कर 

8,33,260

9,00,575

10,22,325

11,56,000

13.1%

वस्तु एवं सेवा कर

8,49,133

9,56,600

9,56,600

10,67,650

11.6%

कस्टम्स

2,13,372

2,33,100

2,18,680

2,31,310

5.8%

केंद्रीय उत्पाद शुल्क

3,19,000

3,39,000

3,03,600

3,18,780

5.0%

सेवा कर

431

500

500

100

-80.0%

राज्यों को हस्तांतरण

9,48,407

10,21,448

11,04,493

12,19,783

10.4%

ग. केंद्र का शुद्ध कर राजस्व

20,97,786

23,30,631

23,23,918

26,01,574

11.9%

घ. गैर कर राजस्व

2,85,421

3,01,650

3,75,795

3,99,701

6.4%

इसमें से:

 

 

 

 

 

ब्याज प्राप्तियां

27,852

24,820

31,778

33,107

4.2%

लाभांश 

99,913

91,000

1,54,407

1,50,000

-2.9%

अन्य गैर कर राजस्व

1,53,577

1,81,382

1,85,642

2,12,640

14.5%

पूंजीगत प्राप्तियां (उधारियों के बिना)

72,196

84,000

56,000

79,000

41.1%

इसमें से:

 

 

 

 

 

विनिवेश

46,035

61,000

30,000

50,000

66.7%

प्राप्तियां (उधारियों के बिना) (ग+घ+ङ)

24,55,403

27,16,281

27,55,713

30,80,275

11.8%

उधारियां

17,37,755

17,86,816

17,34,773

16,85,494

-2.8%

कुल प्राप्तियां (उधारियों के साथ) 

41,93,158

45,03,097

44,90,486

47,65,769

6.1%

स्रोत: रेसीट्स बजट, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2024-25; पीआरएस।

  • अप्रत्यक्ष कर2024-25 में कुल अप्रत्यक्ष कर संग्रह 16,17,840 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। इसमें से सरकार ने जीएसटी से 10,67,650 करोड़ रुपए जुटाने का अनुमान लगाया है जीएसटी के तहत कुल कर संग्रह में से 86% सीजीएसटी (9,17,650 करोड़ रुपए) और 14% जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस (1,50,000 करोड़ रुपए) से आने की उम्मीद है।

  • कॉरपोरेशन टैक्स2024-25 में कंपनियों पर कर संग्रह 13% बढ़ने की उम्मीद है।

  • आयकर: आयकर से संग्रह भी 2024-25 में बढ़कर 11,56,000 करोड़ रुपए (13%) होने की उम्मीद है। 2023-24 के लिए संशोधित अनुमान वर्ष में बजटीय राशि (9,00,575 करोड़ रुपए) से 13.5% अधिक है।

  • गैर-कर प्राप्तियां2024-25 में गैर-कर राजस्व 2023-24 के संशोधित अनुमान से 6.4% बढ़ने की उम्मीद है। 2023-24 में संशोधित चरण में गैर-कर राजस्व में लगभग 25% की वृद्धि का अनुमान है। यह मुख्य रूप से आरबीआईराष्ट्रीयकृत बैंकों और वित्तीय संस्थानों के उच्च लाभांश/अधिशेष के कारण है।

2024-25 में व्यय की झलक

  • 2024-25 में कुल व्यय 47,65,768 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है जिसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान से 6.1% की वृद्धि है। इसमें से: (i) केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर 14,94,296 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है (2023-24 के संशोधित अनुमान से 3.3% अधिक)और (ii) केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर 5,01,788 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है (2023-24 के संशोधित अनुमान से 8.9% की वृद्धि)।

  • सरकार ने 2024-25 में पेंशन पर 2,39,612 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान लगाया हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 0.7% अधिक है। इसके अलावा, 2024-25 में ब्याज भुगतान पर खर्च 11,90,440 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो सरकार के कुल खर्च का 25% है। 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2024-25 में ब्याज भुगतान में 12.8% की वृद्धि की उम्मीद है। पूंजीगत व्यय के तौर पर अन्य अनुदानऋण और हस्तांतरण (3,50,255 करोड़ रुपए) में राज्यों को विशेष ऋण के रूप में 1,30,000 करोड़ रुपए देना शामिल हैं।

तालिका 32024-25 में केंद्र सरकार के व्यय का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

 

वास्तविक
 2022-23

बजटीय
 2023-24

संशोधित
 2023-24

बजटीय 2024-25

परिवर्तन (2023-24 संअ से 2024-25 बअ)

केंद्रीय व्यय

32,65,163

35,13,761

35,57,231

37,81,347

6.3%

केंद्र का इस्टैबलिशमेंट व्यय

7,14,650

7,44,339

7,81,774

7,68,221

-1.7%

केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं

14,45,958

14,67,880

14,46,152

14,94,296

3.3%

अन्य व्यय

11,04,555

13,01,542

13,29,304

15,18,830

14.3%

 इनमें ब्याज भुगतान

9,28,517

10,79,971

10,55,427

11,90,440

12.8%

सीएसएस के लिए अनुदान और अन्य हस्तांतरण

9,27,995

9,89,337

9,33,254

9,84,422

5.5%

केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाएं (सीएसएस)

4,37,556

4,76,105

4,60,614

5,01,788

8.9%

वित्त आयोग के अनुदान 

1,72,760

1,65,480

1,40,429

1,32,378

-5.7%

इसमें से:

 

 

 

 

 

ग्रामीण स्थानीय निकाय

45,578

47,018

40,778

49,800

22.1%

शहरी स्थानीय निकाय

17,779

24,222

19,222

25,653

33.5%

आपदा प्रबंधन अनुदान

19,893

24,466

24,466

25,688

5.0%

हस्तांतरण उपरांत राजस्व घाटा अनुदान

86,201

51,673

51,673

24,483

-52.6%

अन्य अनुदान, ऋण और हस्तांतरण

3,17,679

3,47,752

3,32,211

3,50,255

5.4%

कुल व्यय

41,93,157

45,03,097

44,90,486

47,65,768

6.1%

स्रोत: बजट एट ग्लांस, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2024-25; पीआरएस।

मंत्रालय द्वारा व्यय

2024-25 में आवंटन के मामले में शीर्ष 13 मंत्रालयों को कुल व्यय का अनुमानित 54% हिस्सा मिला है (तालिका 4)। इनमें रक्षा मंत्रालय को 2024-25 में सबसे अधिक 6,21,541 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। यह केंद्र सरकार के कुल बजट व्यय का 13% है। उच्च आवंटन वाले अन्य मंत्रालयों में शामिल हैं: (i) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग (कुल व्यय का 5.8%), (ii) रेलवे (5.4%), और (iii) उपभोक्ता मामलेखाद्य एवं सार्वजनिक वितरण (4.5%)

तालिका 42024-25 में मंत्रालय पर व्यय (करोड़ रुपए में)

 

वास्तविक
 2022-23

बजटीय
 2023-24

संशोधित
 2023-24

बजटीय 2024-25

परिवर्तन (2023-24 संअ से 2024-25 बअ)

रक्षा

5,73,098

5,93,538

6,23,889

6,21,541

-0.4%

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग

2,17,089

2,70,435

2,76,351

2,78,000

0.6%

रेलवे

1,62,410

2,41,268

2,43,272

2,55,393

5.0%

उपभोक्ता मामलेखाद्य एवं सार्वजनिक वितरण

2,83,954

2,05,765

2,22,234

2,13,323

-4.0%

गृह मंत्रालय

1,86,839

1,96,035

2,00,035

2,02,869

1.4%

ग्रामीण विकास

1,77,840

1,59,964

1,72,968

1,80,233

4.2%

रसायन और उर्वरक

2,53,563

1,78,482

1,92,218

1,68,380

-12.4%

संचार

1,40,976

1,23,393

1,22,749

1,37,255

11.8%

कृषि एवं किसान कल्याण

1,08,277

1,25,036

1,26,666

1,27,470

0.6%

शिक्षा

97,196

1,12,899

1,29,718

1,20,628

-7.0%

जल शक्ति

71,618

97,278

96,550

98,419

1.9%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

75,731

89,155

80,518

90,659

12.6%

आवास एवं शहरी मामले

77,310

76,432

69,271

77,524

11.9%

अन्य मंत्रालय

17,67,256

20,33,419

19,34,049

21,94,075

13.4%

कुल व्यय

41,93,157

45,03,097

44,90,486

47,65,768

6.1%

स्रोत: एक्सपेंडिचर बजट, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2024-25; पीआरएस।

  • आर्थिक मामलों का विभाग (वित्त मंत्रालय): व्यय की एक नई मद 'नई योजनाओंके लिए 70,449 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं (विवरण उपलब्ध नहीं है)। यह विभाग के कुल आवंटन का लगभग 84% है। पूरा आवंटन पूंजीगत व्यय के लिए है।

  • संचार मंत्रालय2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2024-25 में आवंटन 14,507 करोड़ रुपए (11.8%) बढ़ने का अनुमान है। यह मुख्य रूप से बीएसएनएल में पूंजी निवेश के कारण हैजो 2024-25 में 82,916 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह पूंजी निवेश 2023-24 के संशोधित अनुमान से 28% अधिक है।

  • रक्षा मंत्रालय2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2024-25 में आवंटन में 2,348 करोड़ रुपए (0.4%) की कमी होने का अनुमान है। यह मुख्य रूप से सभी स्टोर्स के आवंटन में कमी के कारण है। 2024-25 में सभी सेवाओं में स्टोर्स के लिए कुल आवंटन 16,873 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से कम है (26% की कमी)।

सबसिडी पर व्यय 

2024-25 में सबसिडी पर कुल खर्च 4,09,723 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 7% कम है (तालिका 5)।

  • खाद्य सबसिडी2024-25 में खाद्य सबसिडी के लिए आवंटन 2,05,250 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 3.3% कम है। 2021-22 और 2022-23 में उच्च स्तर की खाद्य सबसिडी का बजट रखा गया था। यह मुख्य रूप से पीएमजीकेएवाई के कारण थाजो कोविड के प्रभाव को कम करने के लिए पात्र लाभार्थियों को मुफ्त अतिरिक्त खाद्यान्न प्रदान करता है। यह अतिरिक्त लाभ दिसंबर 2022 में समाप्त हो गया।

  • उर्वरक सबसिडी2024-25 में उर्वरक सबसिडी पर खर्च 1,64,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान से 24,894 करोड़ रुपए (13.2%) कम है। उर्वरकों के निर्माण में उपयोग होने वाले कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेज वृद्धि के कारण 2022-23 में उर्वरक सबसिडी में काफी वृद्धि की गई।

  • अन्य सबसिडी पर व्यय में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए ब्याज सबसिडी और एलपीजी सबसिडी शामिल है। 2024-25 में इन सबसिडी पर खर्च 2023-24 के संशोधित अनुमान से 3% बढ़ने का अनुमान है।  

तालिका 5: 2024-25 में सबसिडी (करोड़ रुपए में)

 

वास्तविक
 2022-23

बजटीय
 2023-24

संशोधित
 2023-24

बजटीय 2024-25

परिवर्तन (2023-24 संअ से 2024-25 बअ)

खाद्य सबसिडी

2,72,802

1,97,350

2,12,332

2,05,250

-3.3%

उर्वरक सबसिडी

2,51,339

1,75,100

1,88,894

1,64,000

-13.2%

ब्याज सबसिडी

41,676

27,565

23,980

25,550

6.5%

एलपीजी

6,817

2,257

12,240

11,925

-2.6%

अन्य सबसिडी

5,281

812

3,090

2,998

-3.0%

कुल

5,77,916

4,03,084

4,40,536

4,09,723

-7.0%

स्रोत: एक्सपेंडिचर प्रोफाइल, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2024-25; पीआरएस।

मुख्य योजनाओं पर व्यय

तालिका 62024-25 में विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटन (करोड़ रुपए में)

 

वास्तविक
 2022-23

बजटीय
 2023-24

संशोधित
 2023-24

बजटीय 2024-25

परिवर्तन (2023-24 संअ से 2024-25 बअ)

मनरेगा

90,806

60,000

86,000

86,000

0.0%

प्रधानमंत्री आवास योजना

73,615

79,590

54,103

80,671

49.1%

जल जीवन मिशन/राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन

54,700

70,000

70,000

70,163

0.2%

पीएम-किसान

58,254

60,000

60,000

60,000

0.0%

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

33,803

36,785

33,886

38,183

12.7%

राष्ट्रीय शिक्षा मिशन

32,875

38,953

33,500

37,500

11.9%

संशोधित ब्याज सहायता योजना

17,998

23,000

18,500

22,600

22.2%

सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0

19,876

20,554

21,523

21,200

-1.5%

राष्ट्रीय आजीविका मिशन-आजीविका

12,083

14,129

14,652

15,047

2.7%

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

10,296

13,625

15,000

14,600

-2.7%

सुधार से जुड़ी वितरण योजना

2,738

12,072

10,400

14,500

39.4%

पीएम पोषण

12,681

11,600

10,000

12,467

24.7%

स्वच्छ भारत मिशन

6,851

12,192

9,550

12,192

27.7%

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

18,783

19,000

17,000

12,000

-29.4%

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

6,380

10,787

8,781

11,391

29.7%

स्रोत: एक्सपेंडिचर प्रोफाइल, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2024-25पीआरएस।  

  • 2024-25 में मनरेगा का सबसे अधिक आवंटन 86,000 करोड़ रुपए है। यह राशि 2023-24 के संशोधित अनुमान के समान है। 2023-24 में योजना पर आवंटन बजट अनुमान से 43% बढ़ने का अनुमान है।

  • प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 2024-25 में 80,671 करोड़ रुपए का दूसरा सबसे अधिक आवंटन हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 49.1% अधिक है। 2023-24 में इस योजना पर बजट अनुमान की तुलना में 32% कम खर्च होने की उम्मीद है। इसका मुख्य कारण ग्रामीण घटक का मूल योजनाओं से कम होना था। 2024-25 के लिए आवंटन 2023-24 के बजट अनुमान के समान है।

  • जल जीवन मिशन के लिए 2024-25 में 70,163 करोड़ रुपए का तीसरा सबसे अधिक आवंटन हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 0.2% अधिक है। 2024-25 में पीएम किसान को 60,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैंजो 2023-24 के संशोधित अनुमान के समान है।

पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को ऋण

  • केंद्र ने 2024-25 में पूंजीगत व्यय हेतु राज्यों को विशेष ब्याज मुक्त ऋण के लिए 1,30,000 करोड़ रुपए का बजट रखा है। 2023-24 में भी इतनी ही राशि का बजट रखा गया थाजिसे संशोधित अनुमान में घटाकर 1,05,551 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति उप योजनाओं और महिलाओं, बच्चों और पूर्वोत्तर क्षेत्र की योजनाओं पर व्यय

तालिका 7महिलाओं, बच्चों, एससीज़, एसटीज़ और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आवंटन (करोड़ रुपए में) 

 

वास्तविक
 2022-23

संशोधित
 2023-24

बजटीय 2024-25

परिवर्तन
 (2023-24 संअ से 2024-25 बअ)

महिला कल्याण

2,17,423

2,60,095

3,09,690

19.1%

बाल कल्याण

86,510

93,221

1,09,493

17.5%

अनुसूचित जाति

133,008

146,861

165,598

12.8%

अनुसूचित जनजाति

92,176

109,242

121,023

10.8%

पूर्वोत्तर क्षेत्र

-

91,785

96,858

5.5%

 नोट: 2022-23 के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र पर वास्तविक व्यय उपलब्ध नहीं है।
स्रोत: एक्सपेंडिचर प्रोफ़ाइल, यूनियन बजट 
2024-25; पीआरएस।
 

  • महिलाओं और बच्चों के कल्याण संबंधी कार्यक्रमों को 2024-25 में 4,19,183 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैंजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 18.6% अधिक है। इन आवंटनों में सभी मंत्रालयों में कार्यान्वित किए जा रहे कार्यक्रम शामिल हैं।

  • प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अधिक आवंटन के कारण महिला कल्याण का आवंटन बढ़ने की उम्मीद है। आवास योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया को घर की मालिक या सह-मालिक होना चाहिए।

  • स्कूली शिक्षा हेतु अधिक आवंटन के कारण बच्चों के कल्याण के लिए आवंटन बढ़ने की उम्मीद है।

राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन के लक्ष्य

राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2003 के अंतर्गत यह अपेक्षा की जाती है कि केंद्र सरकार बकाया ऋण, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को धीरे-धीरे कम करेगी। एक्ट सरकार को तीन वर्ष का आवर्ती लक्ष्य देता है। उल्लेखनीय है कि मध्यम अवधि के राजकोषीय नीति वक्तव्य में 2021-22 के बाद से बजट घाटे के लिए रोलिंग लक्ष्य प्रदान नहीं किए गए हैं। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5% से कम करने के लक्ष्य को दोहराया।

राजकोषीय घाटा उन उधारियों का संकेत देता है जिनसे सरकार अपने व्यय को वित्त पोषित करती है। 2024-25 के लिए अनुमानित राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1% है।

राजस्व घाटा सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है।  इसका यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जिनसे भविष्य में प्राप्तियां नहीं हो सकतीं। 2024-25 के लिए अनुमानित राजस्व घाटा जीडीपी का 2है।

तालिका 8घाटों के लिए एफआरबीएम के लक्ष्य (जीडीपी का %)

 

वास्तविक
 2022-23

संशोधित
 2023-24

बजटीय 2024-25

राजकोषीय घाटा

6.4%

5.8%

5.1%

राजस्व घाटा

3.9%

2.8%

2.0%

प्राथमिक घाटा

3.0%

2.3%

1.5%

स्रोत: मीडियम टर्म फिस्कल पॉलिसी स्टेटमेंट, यूनियन बजट 2024-25; पीआरएस।

यह 2023-24 के संशोधित अनुमान (2.8%) से कम है। 2024-25 में राजस्व प्राप्तियां 11% बढ़ने का अनुमान हैजबकि राजस्व व्यय 3% बढ़ने का अनुमान है। राजस्व प्राप्तियों में वृद्धि कॉरपोरेट कर और आयकर के कारण हैजिनमें से प्रत्येक में 13% की वृद्धि होने का अनुमान है।

प्राथमिक घाटा राजकोषीय घाटे और ब्याज भुगतानों के बीच का अंतर होता है। 2024-25 में यह जीडीपी का 1.5अनुमानित है।

 

 

 नोट: 2023-24 के आंकड़े संशोधित अनुमान हैं।
स्रोत: बजट एट ग्लांस, यूनियन बजट (विभिन्न वर्ष)
; पीआरएस।
 

  • बकाया ऋण कई वर्षों की उधारियों का संग्रह होता है। अधिक ऋण का अर्थ यह होता है कि सरकार पर आने वाले वर्षों में ऋण चुकाने का अधिक बड़ा दायित्व है।

  • 2024-25 में केंद्र की बकाया देनदारियां जीडीपी का 57% होने का अनुमान है। बकाया देनदारियां 2013-14 में 51% से घटकर 2018-19 में 48% हो गईं। 2019-20 के बाद से बकाया देनदारियां बढ़ रही हैं और 2020-21 में 61% के उच्च स्तर पर पहुंच गई थींऔर उसके बाद इसमें कमी आई है।

  • राजस्व प्राप्तियों के प्रतिशत के रूप में ब्याज भुगतान 2013-14 में 37% से बढ़कर 2020-21 में 42% हो गया। 2024-25 में यह राजस्व प्राप्तियों का 40% होने का अनुमान है।

 

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नोट: RE संशोधित अनुमान और BE बजट अनुमान हैं।
स्रोत: इकोनॉमिक सर्वे 2022-23, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्, 
2024-25; पीआरएस।

 

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।